कानपुर 13 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज, के हिंदी विभाग द्वारा आज हिंदी दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर की विशिष्टता यह थी कि हिंदी विभाग के पुस्तकालय का नवीनीकरण एवं नूतन नामकरण किया गया. उसे “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुस्तकालय” का नाम दिया गया. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के पूर्व छात्र थे. उन्होंने स्नातक करने हेतु प्रवेश कला संकाय में लिया था, किन्तु स्वाधीनता संग्राम में असहयोग आन्दोलन में सक्रीय भागीदारी के कारण स्नातक पूर्ण न कर सके और 1921 में उन्हें पढ़ाई छोडनी पड़ी. वे आधुनिक काल में द्विवेदी युग के ऊर्जावान कवि, सतर्क गद्यकार और सचेत पत्रकार थे. आज जब भारत स्वतंत्रता के अमृत काल में है, तो हिंदी विभाग द्वारा उनके नाम से पुस्तकालय का नामकरण एवं नवीनीकरण करना बहुत उपयुक्त है. नवीन जी को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था और 1989 में उन पर डाक टिकट भी भारत सरकार द्वारा जारी किया गया. क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने इस पुस्तकालय एवं शोध कक्ष के नाम – “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुस्तकालय” की उद्घोषणा की.
इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द सिंह ने किया. महाविद्यालय के छात्रों ने हिंदी भाषा और हिंदी दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए और बहुत सुन्दर स्वरचित कविताएँ भी साझा कीं. इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग) ने भारत की बहुभाषिकता को उसकी ताकत बताया और मातृभाषा में शिक्षा का महत्व उजागर किया. उन्होंने नई शिक्षा नीति द्वारा भाषाओं के विकास और हिंदी के उन्नयन पर भी प्रकाश डाला.
हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी विभाग द्वारा एक निबंध-लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी, जिसका विषय था – “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ और भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन”. इस प्रतियोगिता के विजयी छात्रों को आज इस कार्यक्रम में प्राचार्य महोदय द्वारा पुरस्कृत भी किया गया. परिणाम इस प्रकार है – प्रथम – अंजलि सचान ; द्वितीय – ईशा विश्वकर्मा ; तृतीय – हर्षिता आर्या.
तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष, महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल का अध्यक्षीय भाषण संपन्न हुआ. प्राचार्य ने हिंदी भाषा के महत्व और उसके प्रचार पर जोर देते हुए छात्रों को हिंदी सीखने व पढने के प्रति जागरूक किया. भाषा के रूप में हिंदी का महत्व केवल देश ही नहीं अपितु विश्व-भर में बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और साथ ही इसके पढने व बोलने वालों की संख्या में भी अप्रतिम वृद्धि हुई है.
कार्यक्रम के अंत में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर श्री अवधेश मिश्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया. समस्त कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी विभाग की प्रो. सुजाता चतुर्वेदी द्वारा किया गया. इस समारोह में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ सभी विभागों के शिक्षक-गण के बहुत उत्साह से भागीदारी की.