प्रधानमंत्री मोदी ने आज कोच्चि में कोच्चि मेट्रो और भारतीय रेलवे की 4500 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इससे पहले आज प्रधानमंत्री कोच्चि के कलाडी गांव स्थित श्री आदि शंकर जन्मभूमि क्षेत्र देखने गए थे।
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल का हरेक कोना ओणम के पवित्र त्योहार की खुशी से भर जाता है। उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए सभी को बधाई दी, जो जीवनयापन की आसानी और व्यवसाय सुगमता को और सुविधाजनक बनाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस शुभअवसर पर, केरल को 4600 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं का उपहार दिया जा रहा है।“
आजादी के अमृत काल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों ने आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत के निर्माण के लिए एक विशाल संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “विकसित भारत के इस रोडमैप में आधुनिक अवसंरचना की बड़ी भूमिका है।” प्रधानमंत्री ने याद किया कि 2017 में उन्हें कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन करने का सम्मान मिला था। आज कोच्चि मेट्रो के पहले चरण के विस्तार का उद्घाटन किया जा रहा है और कोच्चि मेट्रो के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोच्चि मेट्रो का दूसरा चरण युवाओं और पेशेवरों के लिए वरदान साबित होने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब परिवहन और शहरी विकास की बात आती है तो पूरे देश में तेजी से विकास हो रहा है और इस कार्य को प्रोत्साहन देते हुए गति दी जा रही है।“
कोच्चि में एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण के कार्यान्वयन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्राधिकरण परिवहन के सभी साधनों, जैसे मेट्रो, बस, जलमार्ग आदि को एकीकृत करने के लिए काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आवागमन के विभिन्न साधनों के इस मॉडल के साथ, कोच्चि शहर को तीन प्रत्यक्ष लाभ होंगे। इससे शहर के लोगों के यात्रा समय में कमी आयेगी, सड़कों पर यातायात कम होगा और शहर में प्रदूषण में भी कमी आयेगी। भारत ने पर्यावरण की रक्षा के लिए नेट जीरो का विशाल संकल्प लिया है, इससे इस लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इससे कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आयेगी।“
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने मेट्रो को शहरी परिवहन का सबसे प्रमुख साधन बनाने के लिए निरंतर काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी मेट्रो का विस्तार किया है और यह सेवा केवल राजधानी तक ही सीमित नहीं रह गयी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में पहली मेट्रो लगभग 40 साल पहले चली थी और बाद के 30 वर्षों में केवल 250 किमी मेट्रो मार्ग जोड़े गए थे। पिछले 8 वर्षों के कार्यों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 500 किमी से अधिक मेट्रो मार्ग का निर्माण किया गया है और 1000 किमी से अधिक के नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारतीय रेलवे को पूरी तरह से बदल रहे हैं। आज देश में रेलवे स्टेशनों को भी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जा रहा है।“
लाखों भक्तों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश और दुनिया भर के सबरीमाला भक्तों के लिए, जो मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, एक खुशी का अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा, “एट्टूमानूर-चिंगवनम-कोट्टायम लाइन के दोहरीकरण से भगवान अयप्पा के दर्शन में काफी सुविधा होगी।”
केरल में चल रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी 1 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “कृषि से लेकर उद्योगों तक, यह आधुनिक अवसंरचना केरल में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। केंद्र सरकार केरल की कनेक्टिविटी पर काफी जोर दे रही है। हमारी सरकार केरल की जीवन रेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 66 को भी 6 लेन में बदल रही है। इस पर 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।’
इसके लाभों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन और व्यापार क्षेत्र आधुनिक और बेहतर कनेक्टिविटी का अधिकतम लाभ उठाते हैं। पर्यटन एक ऐसा उद्योग है, जिसमें गरीब, मध्यम वर्ग, गांव, शहर सब जुड़ते हैं, सभी धन-अर्जन करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “अमृत काल में पर्यटन के विकास से देश के विकास में काफी मदद मिलेगी।”
केंद्र सरकार की भूमिका पर के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना 10 लाख रुपये तक के ऋण से जरूरतमंदों की मदद कर रही है और वह भी बिना गारंटी के। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केरल में इस योजना के तहत लाखों छोटे उद्यमियों को 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सहायता दी गई है।”
केरल की विशेषता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की देखभाल और चिंता, यहाँ के समाज के जीवन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले मुझे हरियाणा में मां अमृतानंदमयी जी के अमृता अस्पताल का उद्घाटन करने का अवसर मिला। करुणा से भरी अमृतानंदमयी अम्मा का आशीर्वाद पाकर मैं भी धन्य हो गया। आज मैं एक बार फिर केरल की धरती से उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।“
प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर जोर देते हुए अपने संबोधन का समापन किया और कहा कि सरकार इन सिद्धांतों के आधार पर देश का विकास कर रही है। प्रधानमंत्री ने अमृत काल में विकसित भारत की राह को मजबूत करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन; केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान; केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्री वी मुरलीधरन; केरल राज्य के मंत्री श्री पी राजीव और अधिवक्ता एंथनी राजू, संसद सदस्य, श्री हिबी ईडन और कोच्चि निगम के महापौर अधिवक्ता एम अनिलकुमार उपस्थित थे।
परियोजनाओं का विवरण
प्रधानमंत्री ने कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण के विस्तार – पेट्टा से एसएन जंक्शन तक – का उद्घाटन किया। परियोजना की कुल लागत 700 करोड़ रुपये से अधिक है। कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना, सतत विकास पर आधारित देश की सबसे कुशल मेट्रो परियोजनाओं में से एक होगी और इसकी लगभग 55 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण – जेएलएन स्टेडियम से इन्फोपार्क तक – की आधारशिला रखी, जिसकी लंबाई 11.2 किमी है और इसमें 11 स्टेशन शामिल हैं। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 1,950 करोड़ रुपये है। कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना के प्रस्तावित चरण II कॉरिडोर का उद्देश्य कोच्चि शहर की बढ़ती परिवहन जरूरतों को पूरा करना है और इसकी योजना इस प्रकार तैयार की गई है कि यह शहर के जिला मुख्यालय, विशेष आर्थिक क्षेत्र और आईटी हब को मौजूदा मेट्रो रेल नेटवर्क से जोड़ती है। पूरा होने पर, संयुक्त रूप से चरण I और चरण II मेट्रो नेटवर्क; शहर के प्रमुख आवासीय और वाणिज्यिक केंद्रों को रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड जैसे प्रमुख निकास हब से जोड़ेगा तथा इस प्रकार विभिन्न साधनों के एकीकरण और अंतिम सिरे तक परिवहन संपर्क की सुविधा की अवधारणा को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने लगभग 750 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कुरुप्पंथरा-कोट्टायम-चिंगवनम रेल खंड के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ, तिरुवनंतपुरम से मंगलुरु तक का पूरा खंड पूरी तरह से दो लाइनों का हो गया है, जिससे तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। गौरतलब है कि सबरीमाला भगवान अयप्पा तीर्थ के लिए जाने वाले लाखों श्रद्धालु दोहरे लाइन खंड में कोट्टायम या चेंगन्नूर रेलवे स्टेशन पर आसानी से उतर सकते हैं और सड़क मार्ग से पंबा के लिए आगे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कोल्लम-पुणालूर के बीच के रेल खंड, जिसका विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया है, का भी लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने केरल में तीन रेलवे स्टेशनों – एर्नाकुलम जंक्शन, एर्नाकुलम टाउन और कोल्लम के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। इन स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 1050 करोड़ रुपये है। ये रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक और विश्व स्तरीय सुविधाओं, जैसे समर्पित आगमन/प्रस्थान कॉरिडोर, स्काईवॉक, सौर पैनल, सीवेज उपचार संयंत्र, ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था, वर्षा जल संचयन और इंटरमॉडल परिवहन सुविधा आदि से परिपूर्ण होंगी।