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राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि बुरी नजर डालने वाले किसी भी व्यक्ति से देश की रक्षा के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा तंत्र मौजूद है

सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी भारत विरोधी तत्व देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता पर बुरी नजर न डाले एक फुलप्रूफ सुरक्षा तंत्र बनाया है । यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 13 अगस्त, 2022 को राजस्थान के जोधपुर में प्रसिद्ध मारवाड़ी योद्धा वीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कही । श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने भारत के लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और राष्ट्र को आश्वासन दिया है कि जो भी देश में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों / प्लेटफार्मों से लैस किया जा रहा है, साथ ही उन्होंने यह जोड़ा कि वे भविष्य के सभी खतरों से निपटने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार हैं।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC2TO5E.jpg

रक्षा मंत्री ने एक सशक्त सेना बनाने के लिए रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी हथियारों/ प्लेटफॉर्मों के निर्माण के लिए अनेक सुधार किए हैं । उन्होंने कुछ सुधारों को सूचीबद्ध किया, जिसमें 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत और निजी उद्योग के लिए घरेलू पूंजी खरीद बजट का 25 प्रतिशत आवंटित करना शामिल है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण भारत दुनिया के शीर्ष 25 रक्षा निर्यातकों में जगह बनाने के लिए छलांग लगा चुका है । उन्होंने कहा, “इस दशक के अंत तक भारत न केवल अपने लिए रक्षा उपकरणों का निर्माण करेगा किंतु मित्रवत विदेशी देशों की जरूरतों को भी पूरा करेगा । ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ हमारे रक्षा उत्पादन विभाग का नया मंत्र है । हमारा संकल्प आने वाले समय में भारत को रक्षा उपकरणों का शुद्ध निर्यातक बनाना है।”

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर वीर दुर्गादास राठौड़ को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें सामाजिक सद्भाव, ईमानदारी, बहादुरी और भक्ति का प्रतीक बताया । उन्होंने कहा कि जाति या धर्म के बावजूद लोगों को वीर दुर्गादास राठौड़ से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने समाज में विभाजनकारी तत्वों के खिलाफ शांति और सद्भाव के लिए प्रयास किया।

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