कानपुरः भारतीय स्वरूप संवाददाता, गुजैनी थानाध्यक्ष का सामने आया बड़ा खेल! लूट की तीन वारदातों का किया शातिराना मेल! एक पीड़ित को वादी, दूसरे को गवाह और तीसरे को आरोपी बना भेज दिया जेल! अब सभी तथ्यों के मिलने पर खुल गया पुलिस का खेल!
जी हाँ? उपरोक्त पंक्तियाँ चरित्रार्थ हो रहीं हैं और महानगर के नव सृजित थाना क्षेत्र गुजैनी में बिगत दिनों एक ही रात्रि में घटित तीन घटनाओं को एक दिखाकर खुलासा किया गया है। इसकी पुष्टि पुलिस द्वारा किये गये नाटकीय खुलासे के स्वयं पात्र कर रहे हैं परिणामतः पुलिस द्वारा किये गये खुलासे पर सवालिया निसान लग रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट अन्तर्गत नवसृजित थाना गुजैनी क्षेत्र में बिगत 18/19 जून 2022 को गुजैनी नहर व हाइवे के पास एक ही रात में कुछेक मिनटों के अन्तराल पर लूट की तीन वारदातों को अंजाम दिया गया। किन्तु पुलिस ने ना जाने क्यों इतनी शीघ्रता दिखाई कि तीनों वारदातों को एक दिखा दिया और पहली घटना के पीड़ित को वादी मुकदमा, दूसरी घटना के पीड़ित को गवाह और तीसरी घटना के शिकायतकर्ता को आरोपी बनाकर जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया?
पहली पहल तो दिखाई गई लूट की घटना व उस घटना के सम्बन्ध में तत्काल ही आरोपियों को गिरफ्तार कर माल बरामदगी दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस की कहानी पर घटना के वादी और पुलिस द्वारा बनाये गये मौके के चश्मदीद गवाह ने स्वयं ही पुलिस के द्वारा तैयार की गई कहानी को फर्जी बताकर लूट के आरोपी को निर्दोष बता दिया था और वादी मुकदमा व चश्मदीद गवाह ने बताया था कि गुजैनी थाना पुलिस ने जिन आरोपियों को मुल्जिम बनाया था उसमें से एक आरोपी तो पूरी तरह से निर्दोष था और पुलिस की मनगढ़न्त कहानी पर सवालिया निसान लगाये थे किन्तु अब नया मोड़ उस समय तब आ गया जब जेल की सलाखों से बाहर निकल कर वारदात के आरोपी ने अपनी पीड़ा डीसीपी साउथ के समक्ष बयां कर न्याय की गुहार लगाई है और उसने कहा कि उसके साथ भी लूट हुई थी और यह शिकायत उसने पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 112 पर की तो पुलिस के जवान उसे थाने ले आये और लूट करने का आरोपी बना दिया। विदित हो कि 18/19 जून 2022 की रात्रि में घटित वारदात से सम्बन्धित आरोपियों में से एक को भाग जाना दिखाया गया जबकि तीन आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। खास बात यह है कि जेल भेजे गये आरोपियों में से एक आरोपी को निर्दोष बताया जा रहा था। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि, स्वयं मुकदमा वादी व पुलिस द्वारा मौके के दिखाये गये चश्मदीद गवाह ने पुलिस आयुक्त व माननीय अदालत में दिये गये शपथपत्रों के माध्यम से बताई थी।
अब इस खुलासे में नया मोड़ आ गया है और जेल छूटे आरोपी राजन सिंह ने बताया कि उसके साथ भी लूट की गई थी जिसकी सूचना उसने 112 पर दी थी किन्तु उसकी कोई बात नहीं सुनी गई बल्कि पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर जेल भेजकर उसका कैरियर खत्म कर दिया।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार नवसृजित थाना गुजैनी क्षेत्र के अम्बेकर नगर निवासी गोविन्द प्रसाद पुत्रश्री राम गोपाल के साथ बिगत 18 जून 2022 को समय लगभग 11ः20 बजे रात्रि में गुजैनी नहर के पास लूट हो गई थी और उसका मोबाइल व दौ सौ रुपये लूट लिये गये थे। लगभग उसी समय पर नहर के ऊपर सड़क पर एक दूसरी घटना में ब्रजेश कुमार सैनी के साथ भी मारपीट व लूट हो रही थी। इस दौरान ब्रजेश के साथ 1300 रुपये की लूट हुई थी, ठीक उसी रात्रि लगभग सवा 12 बजे अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह के साथ भी लूट की वारदात हुई थी और उसकी एक चांदी की अगूठी, एक घड़ी व 350 रुपये की लूट हुई थी। लेकिन, गुजैनी थाना प्रभारी ने तीनों घटनाओं को एक बनाकर एच ब्लॉक गुजैनी निवासी भानु सिंह पुत्र फूल सिंह, अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह पुत्रश्री सत्यभानु सिंह व जी0 ब्लॉक गुजैनी निवासी अर्जुन पुत्र सुशील कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मुकदमा वादी गोविन्द ने बताया था कि जब मेरे साथ लूट की घटना घटित हुई थी उसी दौरान अम्बेडकर नगर निवासी राजन सिंह अपनी गाय को ढूड़ते हुए वहीं पर आ गया तो सूचना पर पहुंचे पुलिस वालों ने बिना कुछ पूंछतांछ किये व बिना सच्चाई जाने उसे भी पकड़ लिया और मुल्जिम बना दिया जबकि राजन सिंह का इन घटनाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है। गोविन्द प्रसाद ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाया कि सिर्फ गुडवर्क के चक्कर में थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी ने राजन सिंह को आरोपी बनाया था।
वहीं पुलिस द्वारा बनाये गये चश्मदीद गवाह मर्दनपुर निवासी ब्रजेश कुमार सैनी पुत्रश्री विशम्भर नाथ सैनी अर्थात दूसरी घटना का पीड़ित व्यक्ति ने बताया था कि रात्रि 11ः40 बजे के लगभग नहर पुल पर पहले से घात लगाये बदमाशों ने मुझे मारपीट कर चोटिल कर दिया था और मेरी जेब से 1300 रुपये छीन लिये। मेरे द्वारा 112 पर सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने मेरे सहयोग से उनमें से दो लोगों को पकड़ लिया और थाने ले आये।
ब्रजेश कुमार सैनी के मुताबिक, जब मैं डाक्टरी करवाकर थाने पहुंचा था तो पहले से बन्द राजन को मेरे साथ घटित वारदात में शामिल कर दिया जबकि राजन का इस घटना से कोई लेना देना नहीं था। लूट व मारपीट में शामिल शातिर लोग गोविन्द नगर थाना क्षेत्र के गुजैनी के एच ब्लॉक मुहल्ले के रहने वाले हैं। ब्रजेश के मुताबिक उसका मोबाइल पुलिस ने जमा करवा लिया था और इसके बाद मनगढ़न्त कहानी बनाकर उसे राजन सिंह से बरामद दिखा दिया गया था। राजन पूरी तरह से निर्दोष है।
वादी मुकदमा गोविन्द प्रसाद व पुलिस द्वारा बनाये गये चश्मदीद अर्थात दूसरी वारदात के पीड़ित ब्रजेश कुमार सैनी (दोनों ने) पुलिस आयुक्त व माननीय अदालत में उपरोक्त मामलों के सम्बन्ध में यह शपथपत्र भी दिये कि गुजैनी थाना प्रभारी ने अपनी मनमर्जी के मुताबिक मनगढ़न्त कहाना बनाकर राजन सिंह को फंसाया है जबकि राजन सिंह का दोनों वारदातों से कोई लेना देना नहीं है। चोरी व लूट के मामले में उसे फर्जी फंसाया गया।
वहीं अम्बेडकर नगर निवासी आरोपी राजन सिंह जब जेल से छूट कर बाहर आया और उसने अपना मोबाइल दिखाते हुए पूरी व्यथा जब बताई तो कहानी में एक नया मोड़ आ गया क्योंकि 18/19 जून 2022 की रात्रि में लूट की दो वारदातें घटित नहीं हुई थीं बल्कि कुछेक समय के अन्तराल पर लूट की तीन वारदातें घटित हुई थीं।
उपरोक्त घटनाक्रम के सम्बन्ध में जेल से छूट कर आये राजन सिंह ने बताया कि उसके साथ भी लूट हुई थी। इसकी शिकायत उसने 112 पर डायल सहायता मांगी थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी उसे थाने ले गये थे और लूट में शामिल दिखाकर जेल भेज दिया था।
राजन के भाई शिववीर सिंह ने एक प्रार्थना पत्र पुलिस आयुक्त को भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी किन्तु दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना होती देख आज राजन व उनके भाई शिववीर ने पुलिस उपायुक्त दक्षिण के समक्ष प्रस्तुत होकर अपने भाई को निर्दोेष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उपरोक्त प्रकरण में डीसीपी साउथ ने बताया कि पूरे मामले की जांच एसीपी गोविन्द नगर को सौंप दी है। जांचोपरान्त दोषियों पर कार्यवाई की जायेगी। बताते चलें कि लूट का फर्जी खुलासा करने वाली टीम में गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी, उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे0 का0 देवेन्द्र सिंह, का0 ऋषि यादव व का0 अजय कुमार शामिल थे।