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धरती को रखना हरा भरा जीवन धर्म हमारा

कानपुर 5 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एक ऑनलाइन विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन संरक्षण हेतु चिपको आंदोलन को प्रणेता अमृता देवी को स्मरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कानपुर विश्वविद्यालय भूगोलवेत्ता संघ के अध्यक्ष डॉ. जी एल श्रीवास्तव पूर्व प्राचार्य अरमापुर पीजी कॉलेज व पूर्व विभागाध्यक्ष डी ए वी कॉलेज कानपुर रहे। उन्होंने अपने व्याख्यान में हरित घर की संकल्पना बताते हुए 5 मुख्य मुद्दों- वृक्षारोपण, जल संरक्षण, कचरे के वर्गीकरण निस्तारण एवं चक्रण, पॉलिथीन मुक्त पर्यावरण लिए इकोब्रिक्स बनाकर विभिन्न उपयोगी सामग्री बनाने के लिए उनका प्रयोग करने व जीव-जंतु संरक्षण तथा ऊर्जा की बचत की ओर छात्राओं को उन्मुख व अभिप्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. सुनंदा दुबे ने अपने व्याख्यान में बताया कि इस बार के पर्यावरण दिवस का होस्ट स्वीडन देश है तथा इसका थीम *ओन्ली वन प्लेनेट* है। जिसका अर्थ है- केवल एक पृथ्वी ही है जो हमारा घर है। अतः हमें उसे अपने व्यक्तिगत छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा बचाना है ताकि पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित रह सके। उन्होंने अपने व्याख्यान में वेदो का भी उल्लेख किया जिनमें संपूर्ण जैव- जगत, जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी, पेड़-पौधों आदि को देव स्वरूप मानकर पूजा करना मनुष्य का धर्म बताया गया था। यह सब पर्यावरण संरक्षण के ही उपाय है। इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी, स्लोगन राइटिंग व वृक्षारोपण- एक व्यक्ति एक पेड़ आदि भी किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर डॉ अर्चना वर्मा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष तथा प्राध्यापिकाएं विशेष रूप से डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ पूजा श्रीवास्तव व डॉ अर्चना दीक्षित आदि उपस्थित रही।