इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक कल ‘गंगटोक’, सिक्किम में इस्पात मंत्री, श्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। समिति के उपाध्यक्ष इस्पात राज्य मंत्री एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी इस बैठक में उपस्थित रहे। इस्पात मंत्री ने सभी सदस्यों द्वारा मंत्रालय और उपक्रमों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए दिए गए सुझावों का स्वागत किया। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए रचनात्मक सुझावों पर यथोचित व यथाशीघ्र कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर हमें बिना किसी झिझक के हिंदी में बोलना चाहिए और कार्य करना चाहिए। इस्पात मंत्री ने सर्वोच्च प्रति व्यक्ति आय और जैविक कृषि के लिए सिक्किम राज्य की प्रशंसा की। उन्होंने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को अपनी मातृभाषा और राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें सरकारी कामकाज में सरल और सुगम हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए और अवकाश आवेदन जैसे दस्तावेज राजभाषा हिंदी में दिए जाएं। उन्होंने राजभाषा हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने हिंदी में साफ-साफ और पूरे हस्ताक्षर करने पर भी जोर दिया। इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने प्रतिभागी सदस्यों को आश्वासन दिया कि मंत्रालय तथा इसके सभी उपक्रम , सदस्यों द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। बैठक में हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य श्री गोपाल कृष्ण फरलिया, डॉ. रिंकु कुमारी, श्री देशपाल सिंह राठौर, श्री महेश बंशीधर अग्रवाल और डॉ. प्रणव शर्मा ‘शास्त्री’ उपस्थित थे। इस मौके पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से एनएमडीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सुमित देब, आरआईएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री अतुल भट्ट, एमएसटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, केआईओसीएल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री टी. सामिनाथन और मेकॉन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री सलिल कुमार भी मौजूद थे।
मुख्य लेखा नियंत्रक एवं प्रभारी राजभाषा, श्री साकेश प्रसाद सिंह ने समिति के सदस्यों का स्वागत किया। नवगठित हिंदी सलाहकार समिति की यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक दिनांक 03 मार्च, 2022 को मदुरै में आयोजित की गई थी। सचिव (इस्पात), श्री संजय सिंह और अपर सचिव, श्रीमती रूचिका चौधरी गोविल ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए। सचिव श्री संजय सिंह ने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ समय है जब हम अपने सभी उपक्रमों और कार्यालयों में राजभाषा का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित कर सकते हैं। इस्पात मंत्रालय में उप-निदेशक (रा.भा.), श्रीमती आस्था जैन ने संघ की राजभाषा नीति पर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा भी अपने उपक्रमों में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति पर संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई। समिति द्वारा हिंदी की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई और हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की गई। हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों ने राजभाषा हिंदी के प्रोत्साहन एवं संवर्धन के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए।
इस अवसर पर इस्पात मंत्री ने संबंधित उपक्रमों में कार्यालय के दैनिक काम-काज में राजभाषा में कार्य करने के प्रति समर्पित अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘राजभाषा निष्ठा सम्मान’ पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर इस्पात मंत्री एवं इस्पात राज्य मंत्री द्वारा द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों नामतः आरआईएनएल (सुगंध), एनएमडीसी (खनिज भारती) और सेल (इस्पात भाषा भारती) की गृह पत्रिकाओं का विमोचन किया गया। संयुक्त सचिव, श्री अभिजीत नरेन्द्र द्वारा अध्यक्ष महोदय एवं समिति के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक सम्पन्न हुई।