भारतीय स्वरूप संवादाता, कानपुर 11 अगस्त, भारत उत्थान न्यास, शिक्षा समिति की सभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का प्रारंभ डा0रोचना विश्नोई के द्वारा माँ सरस्वती की वन्दना से हुआ। शिक्षा समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 नवीन मोहिनी निगम ने स्वागत भाषण दिया। सबका स्वागत करते हुए उन्होने शिक्षा नीति 2020 के मूल उद्देश्यों पर विचार व्यक्त किये। भारतीय युवाओं को कैसे एक वैश्विक स्तर के युवा के रूप मे तैय्यार किया जा सकता है उन गुणों पर विचार व्यक्त किये।
डा0 चित्रा सिह तोमर ने अपने उद्बोधन मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उच्च शिक्षा मे क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होने वैदिक शिक्षा, मूल्यपरक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, लचीली शिक्षा प्रणाली, सम्पूर्ण साक्षरता, अकादमिक बैंक क्रेडिट , वैश्विकरण परिदृश्य के अनुरूप शिक्षा, कौशल, क्षेत्रीय भाषाओं एवम् व्यवहारिक योग्यता के उद्देश्य को ध्यानगत् रखते हुए बनाई गयी शिक्षा नीति की चर्चा की, प्रशंसा की एवम् आशा व्यक्त की यह शिक्षा नीति भारत को बहुत आगे ले जाएगी।
श्रीमती राम रानी पालीवाल जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यमिक शिक्षा पर प्रकाश डाला ।उन्होने शतप्रतिशत साक्षरता, व्यवहारिक अंक ज्ञान, भारतीय संस्कृति, भाषा सुदृणीकरण, मातृ भाषा पर बल, शिक्षक प्रशिक्षण, बजीफा पोर्टल, प्रयोगशाला क्लस्टर व 6%जी डी पी के शिक्षा मे निवेश के लिए शिक्षा नीति की चर्चा एवम् सराहना की।
इस बैठक मे मेरठ, इन्दौर, अहमदाबाद से शिक्षा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
डा0 प्रीति पाण्डेय ने अपने उद्बोधन मे शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि पढाई के अतिरिक्त व्यावसायिक शिक्षा, जीविकोपार्जन के लिए अतिरिक्त आवश्यक विषयो को मुख्य विषयो की श्रेणी मे लाना युवाओं के लिए अत्यन्त लाभप्रद होगा। विद्यार्थी केन्द्रित शिक्षा नीति युवाओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास मे सहायक होगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष भारत उत्थान न्यास के बौद्धिक प्रमुख एवम् सुविख्यात के शिक्षाविद डा0गोविन्द शंकर निगम ने कहा कि राष्ट्र एकता के लिए क्षेत्रीय भाषाओं का समन्वय, भाषाये सीखना एक एकता सूत्र का कार्य करेगा। उन्होने आशा व्यक्त की कि इस शिक्षा नीति की पूर्ण क्रियान्वयन मे कठिनाई तो हो सकती पर यह सफल अवश्य होगी। समिति की सचिव डा0 अल्का सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कल्याण मंत्र के साथ सभा संपन्न हुई।