आज का विषय थोड़ा गहरा है दोस्तों ।हम अपनी हर बात को बहुत हल्के से ले लेते है ।अच्छी बात है लेना भी चाहिये ,ज़िन्दगी को बहुत संजीदगी से लेना कभी-कभी- मन को उदासीन कर देता है मगर कुछ विषय को गहराई से सोचना ज़रूरी भी हो जाता है ।
हर प्रेम की नींव विश्वास होती है।सब को तालाश है सच्चे प्रेम की,इक विश्वास की।
जो सच मे प्यार करेगा ;वो दूसरे को समझेंगा भी ,कुछ भी त्यागने ,कोई भी क़ुर्बानी देने की चाह भी रखेगा।सिर्फ़ वो देना ही चाहेगा ,अपना वक़्त, अपनी तवज्जो।तब फ़िक्र
भी तेरा ही होगा और ज़िक्र भी ।
इक दिल से निभाई गई ज़िम्मेदारी का अहसास ही तो प्यार है।
आज के दौर में तो प्रेम की परिभाषा ही बदली हुई है जैसे प्रेम प्रेम न हो कर इक दिल बहलाने की चीज़ हो गई हो।आज कोई किसी की भी ज़िम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं है ।शायद ये ब्रेकअप होना ,मूवओन होना कहने को तो हो सकता है मगर सोचें
दोस्तों ;
ज़िन्दगी में हम जिन लोगों से भी एक बार भी मिलते हैं कहां भूल पाते है उन्हें ,ख़ासकर वो लोग जो हमारी ज़िन्दगी का इक ख़ास हिस्सा रह चुके होते है कैसे कोई भूल सकता है या मूवओन हो सकता है मेरे हिसाब से ब्रेकअप करना बहुत आसान है बस किसी रिश्ते को जोड़े रखना ही मुश्किल होता है
कोई भी हो ,माँ बाप ,भाई बहन ,चाहे कोई दोस्त,या कोई प्रेमी जो हमें बेइंतहा मोहब्बत करता हो तो दोस्तों 🙏इस बात का ख़्याल ज़रूर रखें कि हम उनका विश्वास बनाये रखे ;
हमारी वजह से उनके दिल को ठेस
न लगे ।
जाने अनजाने हम किसी की तड़प बेचैनियाँ ,दुख और किसी की आँखों से निकले आँसूओ की वजह हम न बन बैठे। हमारी किसी ग़लत हरकत से किसी की नींदे उड़ जाये ,तो ये कोई छोटी सी बात न होगी ,दोस्तों !
इस बात का ख़्याल और डर हमेशा हमें रहना चाहिए ,दोस्तो कि जब कोई अपना दुख या शिकायत भीगीं आँखों से रब को सुना रहा हो उसमे तुम्हारे नाम का ज़िक्र न शामिल हो कहीं ।अगर ऐसा हुआ तो दोस्तों🙏
हमारी रूह पर इक बोझ या इसका क़र्ज़ ज़रूर रहता है और इस क़र्ज़
से दबी रूह चाहे जो भी कर
ले उसे मोक्ष नहीं मिलता
इस दुनिया में डरने लायक़ कुछ भी नहीं है दोस्तों ! सिवाय किसी की आह के ..”सुना है किसी के दुखी दिल से निकली आह ..तो पहाड़ों को भी चीर के रख देती है “
दोस्तों 🙏मेरी सब के लिये यही शुभकामनाएँ है कि आप का ज़िक्र लोगो की दुयाओ मे शामिल हो
न की उनकी बद दुआओ मे 🙏