भारतीय स्वरूप संवाददाता, वर्तमान सरकार द्वारा 41 आयुध कारखानों को 7 निगमों में परिवर्तित करने का फैसले पर 16 जून 2021 को कैबिनेट की मोहर लगी, इसके विरोध में रक्षा कारखानों के समस्त कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया| इसी बीच सरकार द्वारा 30. 06. 2021 से अलोकतांत्रिक तथा मनमाने ढंग से समस्त रक्षा सामग्री उत्पादन करने वाले कारखानों तथा संस्थानों को आवश्यक रक्षा सेवाएं आध्यादेश-2021 “एसेंशियल डिफेंस सर्विसेज ऑर्डिनेंस-2021” के अधीन लाकर हड़ताल तथा अन्य आंदोलनात्मक प्रतिक्रियाओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है| इस अध्यादेश से रक्षा क्षेत्र के उपक्रमों में कार्य करने वालों को अपने अधिकार हेतु लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया है|
रक्षा क्षेत्र के तीनों मान्यताप्राप्त महासंघों ने संयुक्त रूप से इस अलोकतांत्रिक तथा असंवैधानिक आध्यादेश के विरोध में कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर रक्षा मंत्री और सचिव रक्षा-उत्पादन को भेजा और 8 जुलाई 2021 को देश के सभी रक्षा प्रतिष्ठानों में एक दिवसीय काला दिवस मनाया जाना तय किया |
सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के महासचिव श्री साधू सिंह के आवाहन पर रेल, डाक तार विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने भी इस अध्यादेश रूपी काले कानून के खिलाफ रक्षा कर्मचारियों के द्वारा मनाए जा रहे “ब्लैक डे” को समर्थन दिया है।
तीनों महासंघों के आवाहन पर आज पूरे देश के सभी रक्षा प्रतिष्ठानों में ” काला दिवस ” मनाया गया। इसी क्रम में आज संयुक्त संघर्ष समिति, ओ.पी.एफ. कानपुर ने निर्माणी द्वार पर दिनांक 8 जुलाई 2021 को काला दिवस मनाया, जिसमे समस्त कर्मचारियों ने भागीदारी सुनिश्चित करते हुए काला बिल्ला बांध कर निर्माणी में प्रवेश किया, साथ ही सरकार के इस अलोकतांत्रिक तथा असंवैधानिक फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की तथा आवश्यक रक्षा सेवाएं आध्यादेश-2021 (EDSO-2021) रुपी काले कानून की भर्त्सना भी की।
इस एक दिवसीय आंदोलन में आज पैराशूट निर्माणी कानपुर की समस्त यूनियनों के पदाधिकारियों के रूप में श्री आर के पराशर, श्री एस के साहू, श्री सुधीर त्रिपाठी, श्री प्रेम कुमार, श्री देवेन्द्र गौतम, श्री सर्वेश भदौरिया, श्री जितेन्द्र कुमार चोपड़ा, श्री अजय जायसवाल, श्री महेंद्र प्रताप, श्री मनीष शुक्ला, श्री अमर बाबू तिवारी, श्री निखिल रतन ,श्री प्रवीण यादव, श्री राज कुमार विश्वकर्मा, श्री रवि शंकर के साथ समस्त यूनियनों के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता भी उपस्थित थे।