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शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. काॅलेज, कानपुर द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (सप्ताह)’ के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित्

  1. शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. काॅलेज, कानपुर द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (सप्ताह)’ के अवसर पर तीन दिवसीय अकादमिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
    कार्यक्रम के पहले दिन ; दिनांक – 28/01/2021 को स्नातक स्तर की छात्राओं के लिए टेलीग्राम एप पर आॅनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें लगभग 300 छात्राओं ने भाग लिया। यह 30 प्रश्नो की प्रश्नोत्तरी थी प्रत्येक प्रश्न के लिए 1अंक निर्धारित था, जिसमें 2 छात्राओं ने 30 अंक प्राप्त किए।
    कार्यक्रम के दूसरे दिन ;दिनांक – 29/01/2021 को परास्नातक स्तर की छात्राओं के लिए ‘आॅनस्पाॅट पोस्टर काॅमपटीशन’ आयोजित किया गया जिसका विषय था – ‘यूजेज़ एण्ड मिसयूजेज़ आॅफ मोबाइल फोन्स।’ जिसके निर्णायक मंडल में डॉ.वर्षा खानवलकर एवं डॉ.अलका टंडन जी रहीं। इस प्रतियोगिता में अनन्या गुप्ता प्रथम, अनुपमा तिवारी द्वितीय एवं चिया यादव तृतीय स्थान पर रहीं।
    कार्यक्रम समापन के दिन ;दिनांक- 30/01/2021 को ‘रोल आॅफ यूथ इन डिज़ास्टर एण्ड पैण्डेमिक’ विषय पर आॅनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के औपचारिक आरंभ के साथ प्राचार्य डॉ.निशा अग्रवाल जी ने प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर डॉ. विनोद दत्ता, निर्णायक मंडल की सदस्य डॉ.वर्षा खानवलकर एवं डॉ.अलका टंडन तथा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन जी ने कहा कि, तेजी से बदलते समय में युवाओं की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है; कोविड-19 महामारी के समय में युवाओं ने अपनी जिजीविषा एवं जुझारूपन का उपयुक्त परिचय दिया।
    कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर डॉ.विनोद दत्ता ने अपने व्याख्यान में आपदा प्रबंधन की बारीकियों के विषय में बताया तथा यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण बढ़ती जनसंख्या का प्रबंधन करना है, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के समुचित दोहन एवं सतत विकास के मानकों का पालन करके ही राष्ट्र का विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगली सदी एशिया की है और युवा ही इसके भाग्य निर्माता हैं।
    कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन द्वारा संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।