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भारतीय खनन उद्योग रणनीतिक सुधारों, तकनीकी और निरंतर प्रगति के साथ परिवर्तन के लिये तैयार है: जी किशन रेड्डी

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने नयी दिल्ली में भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) और खान मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में 2022-23 के लिये सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली खदानों को पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम के दौरान, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 5-स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली 68 खदानों को सम्मानित किया गया।

रेड्डी ने इस मौके पर पुरस्कार पाने वालों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि भारतीय खनन उद्योग रणनीतिक सुधारों, तकनीकी और सतत प्रगति के साथ परिवर्तन के लिये तैयार है। आज का यह सम्मान समारोह खनन समुदाय के लचीलेपन, नवाचार और कड़ी मेहनत को दर्शाता है। उन्होंने उद्योग से राष्ट्रीय खनिज संसाधनों की पूरी क्षमता को प्रकट करने, खनन प्रभावित समुदायों की समृद्धि सुनिश्चित करने और एक उज्जवल और सतत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिये मिलकर काम करने का आग्रह किया।  रेड्डी ने कहा कि भारत खनिज संसाधनों के समृद्ध भंडार से संपन्न है और इन संसाधनों का प्रभावी उपयोग आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र के बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये महत्वपूर्ण है। श्री रेड्डी ने सतत खनन, सामुदायिक कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण के लिये 5-स्टार रेटेड खदानों के सभी 68 विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों ने भारत के सतत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान दिया है। कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये खनन गतिविधियों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद, औद्योगिक उन्नति ओर रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि संसाधनों की निकासी और उपयोग का पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जवाबदेही के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाना चाहिये।

खान सचिव श्री वी.एल. कांता राव ने अपने संबोधन में आयात निर्भरता को कम करने का प्रयास करते हुये खनिज उत्पादन को बढ़ावा देने के सरकार के उद्देश्य को रेखांकित किया। उन्होंने मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये मजबूत निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने परिचालन दक्षता को बढ़ाने, संसाधनों की सटीक निकासी की सुविधा, पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और सुरक्षा में सुधार के लिये वास्तविक समय में निगरानी, ​​स्वचालन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स जैसे उन्नत उपकरणों को नियोजित करने की वकालत की। कार्यक्रम की शुरुआत में, अतिरिक्त सचिव और आईबीएम के महानियंत्रक, श्री संजय लोहिया ने अपने स्वागत भाषण में खनन टेनमेंट सिस्टम और स्टार रेटिंग सिस्टम द्वारा लाये गये परिवर्तन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर बड़ी संख्या में खान विभाग से जुड़ी शख्सियतें और खान मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे। प्रत्येक 5-स्टार माइन विजेता के मंच पर आते ही उनके प्रतिनिधियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उल्लेखनीय पुरस्कार विजेताओं में ‘हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड’, एनएमडीसी, नाल्को, टाटा स्टील और अल्ट्राटेक शामिल थे। 5-स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिये कई छोटी खदानों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन समारोह और दो नये मॉड्यूल – फाइनल माइन क्लोजर प्लान मॉड्यूल और एक्सप्लोरेशन लाइसेंस/कंपोजिट लाइसेंस/प्रॉस्पेक्टिंग लाइसेंस मॉड्यूल के अनावरण के साथ हुई। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन खदान विनियमन और सतत खनन पर एक वृत्तचित्र भी पेश किया गया।

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“काकोरी ट्रेन एक्शन” दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बी वी पी.जी. महाविद्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अनुपालन में वर्ष 2024-25 “काकोरी ट्रेन एक्शन” से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कराने के संदर्भ में “काकोरी ट्रेन एक्शन” दिवस पर संवाद कार्यक्रम एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. सुमन ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश सेवा सर्वोपरि सेवा है। देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने में कई महत्वपूर्ण आंदोलन व संघर्ष किए गए। काकोरी ट्रेन एक्शन का भी इनमें से एक महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। हमें अपने क्रान्तिकारियों के बलिदान से सीख लेते हुए देश सेवा हेतु तत्पर रहना चाहिए।
कार्यक्रम की संयोजिका सहायक प्रोफेसर श्वेता रानी ने अपने संबोधन में छात्राओं को इतिहास से प्रेरणा लेते हुए देश के वर्तमान एवं भविष्य को संवारने हेतु सदैव तत्पर रहने का संदेश दिया। उन्होंने बताया स्वतंत्रता आंदोलन में काकोरी ट्रेन एक्शन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम का आयोजन इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर श्वेता रानी, डॉ. कोमल सरोज, एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव द्वारा किया गया। भाषण प्रतियोगिता में मुख्य निर्णायक की भूमिका डॉ. रोली मिश्रा, डॉ. रेशमा द्वारा निर्वहन की गई। इस अवसर पर प्रो. चित्रा सिंह तोमर, डॉ. गार्गी यादव, प्रो. निशा वर्मा, डॉ. रिचा सिंह, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. समीक्षा सिंह एवं अन्य शिक्षिकाओं व छात्राओं की उपस्थिति महत्त्वपूर्ण रही।

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महिलाओं के लिए हैं विशेष रूप से 33 में से 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान 

33 में से 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं।  ये महिला एनएसटीआई शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के तहत 19 पाठ्यक्रमों के साथ-साथ शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत 23 पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं।  महिला एनएसटीआई सीटीएस और सीआईटीएस दोनों में महिला प्रशिक्षुओं को कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (सीओपीए), इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, आर्किटेक्चरल ड्राफ्ट्समैन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, डेस्कटॉप पब्लिशिंग ऑपरेटर आदि जैसे ट्रेडों में पाठ्यक्रम भी प्रदान करती है।  यहां तक ​​कि इंदौर और वडोदरा में महिला एनएसटीआई में इलेक्ट्रीशियन जैसे ट्रेड भी शुरू किए गए हैं। सत्र 2023-24 से, तीन महिला एनएसटीआई में ‘सर्वेयर’ का व्यापार शुरू किया गया है।  सीटीएस के तहत एक और नया ट्रेड अर्थात् ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग असिस्टेंट’ पहली बार वर्ष 2024-25 से आठ महिला एनएसटीआई में शुरू किया जा रहा है।

सीआईटीएस के तहत स्वीकृत सीटों में से 50.45% महिला प्रशिक्षु थीं जबकि एनएसटीआई में सीटीएस प्रशिक्षण के तहत 84% प्रशिक्षु महिलाएं थीं।

महिला पाठ्यक्रमों में भागीदारी को और बढ़ाने के लिए, सभी लड़की उम्मीदवारों के लिए ट्यूशन और परीक्षा शुल्क माफ कर दिया गया है और सामान्य एनएसटीआई में प्रवेश के लिए सामान्य ट्रेडों में महिलाओं के लिए 30% सीटें आरक्षित हैं।

यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर

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जून 2024 तक भारत सरकार के खातों की मासिक समीक्षा

जून 2024 तक भारत सरकार के मासिक खातों को समेकित कर दिया गया है और रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई हैं। मुख्य अंश नीचे दिए गए हैं:-

भारत सरकार को जून, 2024 तक 8,34,197 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के संगत बजट अनुमान 2024-25 का 27.1%) प्राप्त हुए हैं, जिसमें 5,49,633 करोड़ रुपये का कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध), 2,80,044 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 4,520 करोड़ रूपये के गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं, जो ऋणों की वसूली के कारण हैं। इस अवधि तक भारत सरकार द्वारा करों के हिस्से के हस्तांतरण के रूप में राज्य सरकारों को 2,79,502 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42,942 करोड़ रुपये अधिक है।

भारत सरकार द्वारा किया गया कुल व्यय 9,69,909 करोड़ रुपये (संगत बजट अनुमान 2024-25 का 20.4%) है, जिसमें से 7,88,858 करोड़ रुपये राजस्व खाते पर और 1,81,051 करोड़ रुपये पूंजी खाते पर है। कुल राजस्व व्यय में से 2,64,052 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर और 90,174 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर व्यय हुए हैं

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सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में ‘रोजगार से संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत सरकार ‘रोजगार से संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी। ये ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों की पहचान तथा कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं को सहायता देने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए की। लागू की जाने वाली तीन योजनाएं निम्नानुसार हैं:

योजना कार्यबल में पहली बार शामिल होने वाले

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए कर्मचारियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को 3 किस्तों में एक महीने का वेतन यानी 15,000 रुपये तक का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण किया जाएगा। पात्रता सीमा 1 लाख रुपये प्रति माह का वेतन होगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।”

योजना बी: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा, जो पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ा होगा। रोजगार के पहले 4 वर्षों में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को उनके ईपीएफओ अंशदान के संबंध में सीधे निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना से रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

योजना सी: नियोक्ताओं को सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ता-केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार शामिल होंगे। एक लाख रुपये प्रति माह वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगार की गणना की जाएगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ अंशदान के लिए नियोक्ताओं को 2 साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है।

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उपभोक्ता आयोगों ने वर्ष 2022 और 2023 के दौरान 100 प्रतिशत से अधिक मामलों का निपटारा किया

उपभोक्ता कार्य विभाग प्रगतिशील कानून बनाकर उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रहा है। वैश्वीकरण, प्रौद्योगिकियों, ई-कॉमर्स बाजारों आदि के नए युग में उपभोक्ता संरक्षण को नियंत्रित करने वाले ढांचे को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को निरस्त कर दिया गया और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को अधिनियमित किया गया।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 90 और 91 में बिक्री के लिए विनिर्माण या भंडारण अथवा बिक्री या वितरण या आयात करने के लिए सजा का प्रावधान है, जिसमें उपभोक्ता को होने वाली क्षति की सीमा के आधार पर कारावास या जुर्माना शामिल है।

अधिनियम में विशेष तीन स्तरीय अर्ध-न्यायिक एजेंसियों के माध्यम से उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण का प्रावधान है, जिन्हें अब आमतौर पर राष्ट्रीय स्तर पर ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी)’, राज्य स्तर पर ‘राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एससीडीआरसी)’ और जिला स्तर पर ‘जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (डीसीडीआरसी)’ के रूप में जाना जाता है।

अधिनियम में अन्य बातों के साथ-साथ उपभोक्ता आयोगों में न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रावधान; उपभोक्ता द्वारा उस उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करने का प्रावधान, जिसका अधिकार क्षेत्र शिकायतकर्ता के निवास/कार्य के स्थान या जहां कार्रवाई का कारण उत्पन्न होता है, या विपरीत पक्षों के व्यवसाय या निवास के स्थान पर हो, ई-फाइलिंग, वर्चुअल सुनवाई, शिकायतों की स्वीकार्यता मानी जाए, यदि दाखिल करने के 21 दिनों के भीतर स्वीकार्यता तय नहीं की जाती है; उत्पाद दायित्व आदि का प्रावधान शामिल है।

मामलों के त्वरित और परेशानी मुक्त समाधान के लिए जिला और राज्य स्तर पर एनसीडीआरसी और 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के उपभोक्ता आयोगों में ई-दाखिल के माध्यम से ऑनलाइन मामले दर्ज करने का प्रावधान शुरू किया गया है।

उपभोक्ता आयोगों के भौगोलिक विस्तार और दूरी, समय और लागत के कारण सुनवाई में शामिल होने में उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उपभोक्ता आयोगों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान की गई है। यह पहल भारतीय कानूनी प्रणाली के डिजिटल परिवर्तन के अनुरूप है, जो न्याय को उपभोक्ता के दरवाजे तक पहुंचा रही है।

उपभोक्ता कार्य विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को नया रूप दिया है, जो मुकदमे-पूर्व चरण में शिकायत निवारण के लिए देश भर के उपभोक्ताओं के लिए एकल पहुंच बिंदु के रूप में उभरी है। यह देश के सभी उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध है, जिसमें उपभोक्ता देश भर से 17 भाषाओं (अर्थात हिंदी, अंग्रेजी, कश्मीरी, पंजाबी, नेपाली, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, मैथली, संथाली, बंगाली, ओडिया, असमिया, मणिपुरी) में एक टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इन शिकायतों को एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईएनजीआरएएम), एक ओमनी-चैनल आईटी सक्षम केंद्रीय पोर्टल, जैसे व्हाट्सएप, एसएमएस, ई-मेल, एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल, उमंग ऐप पर अपनी सुविधा के अनुसार दर्ज कराया जा सकता है।

विभाग इलेक्ट्रॉनिक, आउटडोर और सोशल मीडिया सहित विभिन्न मीडिया के माध्यम से “जागो ग्राहक जागो” अभियान के तत्वावधान में उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए “उपभोक्ता जागरूकता” नामक एक विशेष योजना को लागू कर रहा है। विभाग प्रमुख मेलों/त्योहारों/कार्यक्रमों में भाग लेता है जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो सकते हैं। विभाग स्थानीय स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान सहायता भी प्रदान करता है।

उपरोक्त अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना 24.07.2020 से उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए की गई है, जो जनता और उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं। अधिनियम की धारा 18(2)(1) के अंतर्गत, सीसीपीए को अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने का अधिकार है।

सीसीपीए ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन के लिए दिशानिर्देश, 2022 को अधिसूचित किया है। ये दिशानिर्देश अन्य बातों के साथ-साथ; (ए) किसी विज्ञापन के गैर-भ्रामक और वैध होने की शर्तें; (बी) चारा विज्ञापनों और मुफ्त दावा विज्ञापनों के संबंध में कुछ शर्तें; और (सी) निर्माता, सेवा प्रदाता, विज्ञापनदाता और विज्ञापन एजेंसी के कर्तव्य प्रदान करते हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान दायर और निपटाए गए मामलों का विवरण इस प्रकार है:

वर्ष वर्ष के दौरान दर्ज किये गये मामले वर्ष के दौरान निपटाए गए मामले (पिछले वर्षों में दायर किए गए निपटाए गए मामले भी शामिल हैं) निपटान प्रतिशत
2019 178153 140860 79.06
2020 120018 60884 50.73
2021 148422 99095 66.77
2022 174280 183779 105.45
2023 171468 186902 109.00

 

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सूर्य प्रताप को खेल मंत्री ने किया सम्मानित।

अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही एवं मानव अधिकार कार्यकर्ता सूर्य प्रताप को माननीय खेल मंत्री उत्तर प्रदेश ने किया सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, बाल और महिला अधिकारी अधिकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सूर्य प्रताप मिश्र पुत्र महेंद्र प्रताप मिश्र को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ” उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च युवा पुरूस्कार 2023 से नवाजा था।

18 मार्च 2024 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आर्थिक सहयोग से दुनिया की चौथी ऊँची चोटी एवं अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमंजारो (लगभग 20 हजार फ़ीट ) पर सूर्य ने बतौर युवा पर्वतारोही ने भारतीय ध्वज ‘तिरंगा’ फहराकर प्रदेश व देश का मान बढ़ाने के लिये उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव ने सम्मानित किया।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल लखनऊ से हुई और सैनिक स्कूल मे पढ़ाई के दौरान भारत स्काउट गाईड के नेशनल एडवेंचर संस्थान पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश ) से नेशनल एडवेंचर प्रोग्राम मे A ग्रेड हासिल किया ,एवं झारखण्ड एडवेंचर ट्रेवल अकेडमी एवं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तराखंड से पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, पैराशेलिंग एवं अन्य एडवेंचर प्रोग्राम को A ग्रेड से उत्तीर्ण किया!
लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक करने के दौरान NCC मे C सर्टिफिकेट हासिल किये! भविष्य मे अन्य 6 महाद्वीपो के सर्वोच्च पर्वत शिखरो पर भारतीय तिरंगा फहरा अपने जनपद व देश का मान बढ़ाने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण व बाल संरक्षण हेतू पुरे विश्व को सन्देश देना चाहते है!

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पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, बेवजह बदसलूकी न हो इसका रखें ध्यान : पुलिस कमिश्नर

कानपुर प्रेस क्लब ने सौंपा ज्ञापन, पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी, एसीपी व समस्त थाना प्रभारियों को दिए निर्देश*

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित पर दर्ज हुए मुकदमों व गिरफ्तारी के बाद निष्पक्ष जांच व बेवजह पत्रकारों का उत्पीड़न न हो इस मुद्दे को लेकर बुधवार को कानपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मुलाकात की। इस दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई व महामंत्री शैलेश अवस्थी की तरफ से पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रतिनिधि मंडल ने कमिश्नर से मांग की कि प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित पर दर्ज मुकदमों की निष्पक्ष जांच हो। पत्रकारों के घरों पर बेवजह छापे न मारे जाएं। जरूरी हो तो पूछताछ के लिए अवगत करा दिया जाए ताकि किसी पत्रकार की बेवजह छवि न खराब हो। इसके साथ ही फील्ड पर काम कर रहे पत्रकारों का उत्पीड़न और बेवजह बदसलूकी न की जाए। मंगलवार रात कल्याणपुर थाना क्षेत्र में कवरेज के दौरान एक पत्रकार से की गई बदसलूकी से भी पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया गया। इसपर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने तत्काल समस्त जोन के डीसीपी, एसीपी और सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि बेवजह किसी पत्रकार से बदसलूकी न की जाए। अगर पत्रकारों से अभद्रता की शिकायतें मिलीं तो यह ठीक नहीं होगा। पत्रकार लोकतंत्र के स्तम्भ हैं, उन्हें अपना काम करने दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत, कोषाध्यक्ष सुनील साहू, वरिष्ठ मंत्री मोहित दुबे, मंत्री शिवराज साहू, कार्यकारिणी सदस्य कौस्तुभ शंकर मिश्रा, गगन पाठक, दीपक सिंह, मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला, नौशाद खान, अंकित शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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यूनियन बजट – 2024 में युवा एवं महिलाओं के कौशल विकास एवं रोजगार हेतु किए गए विशेष प्रावधान

कानपुर 29 जुलाई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में एनएसएस वालंटियर्स एवं अन्य छात्र छात्राओं को बजट 2024 में युवाओं के कौशल विकास , रोजगार एवं महिला सशक्तिकरण हेतु विशेष रूप से किए गए प्रावधानों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी वॉलिंटियर्स ने सक्रिय सहभागिता की तथा अपने-अपने विचार रखें। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि आत्मनिर्भर भारत , मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया , एवम् स्किल इंडिया आदि योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए छात्राओं को बताया गया कि किस प्रकार से युवा खासकर महिलाएं एवं युवतियां किस प्रकार से , कहां से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती हैं तथा अपना रोजगार (स्टार्टअप) प्रारंभ कर स्वयं आत्मनिर्भर बन सकती हैं तथा अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर देश के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए स्व-नामांकन हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2024 तक बढ़ी

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए पात्र शिक्षकों से ऑनलाइन स्व-नामांकन हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी गई है। आवेदक अपना पूरा स्व-नामांकन 21 जुलाई 2024 तक जमा कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल http://nationalawardstoteachers.education.gov.in.  पर 27 जून 2024 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे।
इस वर्ष 50 शिक्षकों का चयन तीन चरणों वाली चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, अर्थात जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर। पुरस्कार 5 सितम्‍बर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग हर साल 5 सितम्‍बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित करता है, जिसमें कठिन, पारदर्शी और ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान की सराहना करना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और मेहनत से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।

पात्रता की शर्तें:

राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, स्थानीय निकायों और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मध्य/उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत स्कूल शिक्षक और स्कूल प्रमुख इस पुरस्कार के लिए पात्र हैं।

  • केन्‍द्र सरकार के स्कूल, यानी केन्‍द्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा संचालित सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी (एईईएस) द्वारा संचालित स्कूल, और जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस); और
  • केन्‍द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) से संबद्ध स्कूल।

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