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प्रधानमंत्री मुद्रा  योजना

इस देश के लाखों आम आदमी और औरतेंजो छोटेमोटे व्यवसाय चलाते हैंअर्थव्यवस्था में उनके बड़े योगदान के बावजूदऔपचारिक संस्थागत वित्त के दायरे से लगभग बाहर रह गए हैं। मुद्रावंचितों को वित्तपोषित करने का हमारा इनोवेशन है।

~प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करके गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महत्वाकांक्षी उद्यमियों को सहायता करने के लिए वित्त मंत्री ने 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान ऋण सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की घोषणा की। यह नई सीमा 24 अक्टूबर, 2024 को प्रभावी हुई।

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इस घोषणा में एक नई ऋण श्रेणीतरुण प्लस भी पेश की गई है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिन्होंने पहले तरुण श्रेणी के तहत ऋण लिया है और उसे सफलतापूर्वक चुकाया है, जिससे उन्हें 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। इसके अतिरिक्त, माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड (सीजीएफएमयू) अब इन बढ़े हुए ऋणों के लिए गारंटी कवरेज प्रदान करेगा, जो भारत में एक मजबूत उद्यमशीलता इको-सिस्टम को पोषित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

मुद्रा योजना

मुद्रा,3 यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड, भारत सरकार द्वारा पीएमएमवाई के तहत माइक्रो यूनिट उद्यमों के विकास और पुनर्वित्तपोषण के लिए स्थापित एक वित्तीय संस्था है। पीएमएमवाई का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचितों को वित्तीय समावेशन और सहायता प्रदान करना है। पीएमएमवाई ने लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं के साथ आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की भावना भी दी है।

मुद्रा योजना की आवश्यकता

भारत एक युवा देश है जो जोश और आकांक्षाओं से भरा हुआ है। भारत के विकास के लिए इस अभिनव उत्साह का दोहन करना महत्वपूर्ण है जो देश के आर्थिक इको-सिस्टम में मौजूदा अंतराल के लिए नए युग में समाधान प्रदान कर सकता है। भारत में उद्यमशीलता की अव्यक्त क्षमता का उपयोग करने की आवश्यकता को समझते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की है।

मुद्रा ऋणश्रेणियां

पीएमएमवाई के अंतर्गत सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) जैसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) आदि द्वारा 20 लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण दिए जाते हैं। यह ऋण विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा क्षेत्रों और कृषि में आय सृजन के लिए दिए जाते हैं।

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मुद्रा ऋण अब चार श्रेणियों जैसे शिशु‘, ‘किशोर‘ ‘तरुण‘ और तरुण प्लस‘ के तहत प्रदान किए जाएंगे। यह उधारकर्ताओं के विकास के चरण और वित्तपोषण आवश्यकताओं को दर्शाती है:-

  • शिशु: 50,000/- रुपये तक के ऋण मिलते हैं
  • किशोर: 50,000/- रुपये से लाख रुपये तक के ऋण मिलते है
  • तरुण: 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का ऋण शामिल है
  • तरुण प्लस10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के ऋण मिलते हैं

पीएमएमवाई की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाईके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत स्वीकृत और वितरित राशि: [4]

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  • महिला उधारकर्ता: शिशु श्रेणी के तहत कुल 1,08,472.51 करोड़ रुपये, किशोर श्रेणी के तहत 1,00,370.49 करोड़ रुपये और तरुण श्रेणी के तहत 13,454.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • अल्पसंख्यक उधारकर्ता: शिशु श्रेणी के तहत 15,759.66 करोड़ रुपये, किशोर श्रेणी के तहत 20,766.3 करोड़ रुपये और तरुण श्रेणी के तहत 8562.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • नए उद्यमी/ खाते:
  • शिशु श्रेणी: 88,49,101 खाते, जिनमें स्वीकृत राशि 29,445.41 करोड़ रुपये और वितरित राशि 28,839.75 करोड़ रुपये है।
  • किशोर श्रेणी: 34,06,239 खाते, जिनमें 62,290.58 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और 60,407.02 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • तरुण श्रेणी: 7,57,456 खाते, जिनमें 70,294.35 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और 68,861.13 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • विशिष्ट उधारकर्ता (8 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2024 तक):
  • शिशु श्रेणी के तहत 44,891.82 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
  • किशोर श्रेणी के तहत 24,575.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
  • तरुण श्रेणी के तहत 19,120.58 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।

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मुद्रा कार्ड

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मुद्रा ऐप- मुद्रा मित्र

मुद्रा मित्र गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल एप स्टोर में उपलब्ध एक मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन है जो ‘माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (एमयूडीआरए-मुद्रा)’ और इसके विभिन्न उत्पादों/योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह ऋण चाहने वाले को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकर से संपर्क करने में मार्गदर्शन करेगा। उपयोगकर्ता इस ऐप में नमूना ऋण आवेदन फ़ॉर्म सहित उपयोगी ऋण संबंधी सामग्री भी प्राप्त कर सकते हैं।

योजना के कार्यान्वयन में सुधार के लिए उठाए गए कदम:[6]

  • ऋण आवेदन जमा करने में सहायता प्रदान करना
  • PSBloansin59minutes और उद्यमीमित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान
  • हितधारकों के बीच योजना के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए गहन प्रचार अभियान
  • आवेदन पत्रों का सरलीकरण
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में मुद्रा नोडल अधिकारियों का नामांकन
  • पीएमएमवाई के संबंध में पीएसबी के प्रदर्शन की समय-समय पर निगरानी
  • सभी पात्र उधारकर्ताओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 12 महीने की अवधि के लिए दिए गए शिशु ऋणों के शीघ्र पुनर्भुगतान पर 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता।
  • आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 14.05.2020 को घोषित इस योजना को एक अभूतपूर्व स्थिति के लिए एक विशिष्ट राहत के रूप में तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य ऋण की लागत को कम करके ‘पिरामिड के निचले हिस्से’ में उधारकर्ताओं के लिए वित्तीय तनाव को कम करना है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने भारत में उद्यमिता के परिदृश्य को बुनियादी तौर पर बदल दिया है, जिससे वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके, इस योजना ने अनगिनत नए उद्यमियों को अपने व्यावसायिक विचारों को साकार करने में सक्षम बनाया है। पिछले कुछ वर्षों में, इस योजना ने महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को भी सशक्त बनाया है, आर्थिक उत्थान के अवसर पैदा किए हैं और अधिक समावेशी विकास के माहौल को बढ़ावा दिया है। जैसे-जैसे ऋण सीमा 20 लाख तक बढ़ रही है, पीएमएमवाई छोटे व्यवसायों को पोषित करने और अधिक न्यायसंगत तथा समृद्ध भविष्य की ओर देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखे हुए है।

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भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों (Transnational Organized Cybercriminals) द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं। गुजरात पुलिस (FIR संख्या – 0113/2024) और आंध्र प्रदेश पुलिस (FIR संख्या – 310/2024) द्वारा हाल ही में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों ने ‘mule’ या किसी और के खातों का संचालन कर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।

राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा किए गये विश्लेषण के अनुसार, निम्नलिखित बिन्दुओं की पहचान की गई :

I. चालू खाते (Current Account) और बचत खाते (Savings Account) सोशल मीडिया, खासकर Telegram और Facebook के माध्यम से खोजे जाते हैं; ये खाते shell कंपनियों / एंटरप्राइज या व्यक्तियों के होते हैं।

II. इन mule खातों को विदेशों से संचालित किया जाता है।

III. फिर इन mule खातों का उपयोग कर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, offshore सट्टेबाजी और जुए से जुडी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है।

IV. जैसे ही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।

 

अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये गेटवे, मनी लॉन्ड्रिंग को एक सेवा के रूप में उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है।

I4C ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बैंक खाते/कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/’उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ़्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने के लिए जाँच कर सकते हैं जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने के लिए किया जाता है। नागरिक किसी भी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर “CyberDost” चैनल/अकाउंट को फ़ॉलो करें

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भारतीय तटरक्षक बल  ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल जहाजों का जलावतरण किया जो 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC36H4B.jpeg भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 28 अक्टूबर, 2024 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल (एफपीवी) ‘अदम्य’ और ‘अक्षर’ को एक साथ लॉन्च किया। ये दोनों जहाज 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं। ये दोनों जहाज (एफपीवी) जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आठ ऐसे एफपीवी के लिए किए गए अनुबंध का हिस्सा हैं। ये उन्नत एफपीवी सुरक्षा, निगरानी, ​​नियंत्रण और निगरानी की प्राथमिक भूमिका के साथ आईसीजी को अपतटीय संपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा में मदद करेंगे।

प्रत्येक एफपीवी की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर और अधिकतम गति 27 समुद्री मील है। यह नियंत्रण योग्य पिच प्रोपेलर-आधारित प्रणोदन प्रणाली पर कार्य करता है और 320 टन का विस्थापन करता है। इन जहाजों को अमेरिकी शिपिंग ब्यूरो और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के कड़े दोहरे वर्ग प्रमाणन के तहत आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया है।

पहली बार, अत्याधुनिक शिप लिफ्ट सिस्टम का उपयोग करते हुए एक साथ दो जहाजों का जलावतरण किया गया। आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि और दिग्गजों की उपस्थिति में श्रीमती प्रिया परमीश ने ‘अथर्ववेद’ के मंत्रों के साथ एफपीवी का उद्घाटन और नामकरण किया।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए, आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि ने आईसीजी की सभी जहाज निर्माण जरूरतों को स्वदेशी रूप से पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए जीएसएल और विभिन्न उद्योगों के प्रयासों की सराहना की। श्री विशमणि ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने पर जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया कि रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’की ओर कदम सही तरीके से आगे बढ़ाया जाए।

समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय और भारतीय नौसेना, आईसीजी, जीएसएल और वर्गीकरण समितियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत ने लंबे समय से शांति, सद्भाव, भाईचारे और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारा प्राचीन दर्शन, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – जिसका अर्थ है ‘विश्व एक परिवार है’ – भारतीय सभ्यता और संस्कृति का सार है। जब हम पूर्वोत्तर पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम अपने जीवन में शांति, सद्भाव, आत्म-खोज और गहन भक्ति चेतना को जगाते हैं। माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा,”हमारे देश की समृद्ध विविधता में एकता का संदेश छिपा है और आध्यात्मिक ज्ञान तथा ध्यान की नींव पर हम एक स्वस्थ समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी क्षमता को मजबूत बनाते हैं।”

इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीईएम, बीटीआर प्रमोद बोरो, भक्तिमातृ कुंतला पटोवारी गोस्वामी, कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी की अध्यक्ष कमला गोगोई भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा, “जब मैं इस कार्यक्रम में पहुंचा तो मुझे ‘गुरु’ गुरुकृष्ण प्रेमानंद प्रभु से मिलकर एक नई ऊर्जा मिली। मैं एक नाम कृष्णगुरु के साथ एक ऊर्जा लेकर जा रहा हूं। कृष्णगुरु का नाम जपने से आध्यात्मिकता और उत्कृष्टता का संगम होता है। मैं इस पल को कभी नहीं भूलूंगा। मैं यहां जो देख रहा हूं वह राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित, आध्यात्मिक रूप से इच्छुक तथा समाज के प्रति योगदान देने की भावना रखने वाले युवाओं का एक उल्लेखनीय, शानदार समागम है। इसका कारण एक नाम – कृष्णगुरु में उनका विश्वास है। यहां शक्तिशाली दिव्य ऊर्जा उत्पन्न है जो परमपूज्य कृष्णगुरु से आई है। वे अपने भक्तों के हृदयों को सेवा, प्रेम और मानवता से आलोकित करने वाली दिव्य कृपा के साकार स्वरूप हैं। मैंने असम के मनमोहक दृश्य देखे हैं जो लोगों के दिल और दिमाग को आध्यात्मिकता से समृद्ध करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।” कार्य उच्च उद्देश्य से निर्देशित होना चाहिए, जो आज भी दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है जब मैं परम पूज्य के साथ था।

“हम कृष्ण गुरु द्वारा व्यक्त गहन आध्यात्मिक जागरूकता और शांति एवं भाईचारे के संदेश से समाज को प्रेरित करते रहेंगे। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा, “परमानंद प्रभु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए युवा सामाजिक सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण राह उभरती है, जो हजारों लोगों को कल्याणकारी गतिविधियों और आत्मनिर्भरता की खोज में शामिल कर रहा है।”

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कृष्णगुरु ने आध्यात्मिकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है। आज हम एक ऐसे समाज को देखते हैं जो उद्यम के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2047 तक देश आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। आध्यात्मिक चेतना की यह दिशा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं इस महत्वपूर्ण क्षण पर उपस्थित होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और असम के लोगों को प्रेरित करने के लिए आदरणीय उपराष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”

इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “युवा शक्ति महाशक्ति है। हमारे युवा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और समग्र सामाजिक सशक्तिकरण के माध्यम से राज्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज के द्विवार्षिक सत्र में शांति, सद्भाव, भाईचारे और लचीलेपन का शक्तिशाली संदेश जोरदार ढंग से गूंजा है। मैं ईश्वर की याद में साहस और शक्ति के साथ आगे बढ़ूंगा। कृष्णगुरु ने अध्यात्म के माध्यम से समाज में परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की। उन्होंने समाज सुधार के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वरूप प्रदान किए हैं। मैं गुरु के आशीर्वाद से समाज, राज्य और पूरे देश के उत्थान के लिए काम करने का संकल्प लेता हूं। उनके उदाहरण का अनुसरण करते हुए, मैं जीवन के सभी पहलुओं में सद्भाव और मूल्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा। समाज को मजबूत बनाने के लिए सद्भाव और भक्ति बहुत जरूरी है। मेरे समुदाय में आध्यात्मिकता की बहुत आवश्यकता है। राज्य निर्माण की यात्रा भक्ति और समर्पण के प्रकाश से शक्ति प्राप्त करती है। आज, मैं माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की उपस्थिति से प्रेरित हूँ। भक्ति चेतना और आध्यात्मिकता ने राष्ट्र को सशक्त बनाने और जीवन की यात्रा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राचीन भारतीय ज्ञान, सेवा और मानवता से जुड़ाव बढ़ाते हुए राष्ट्र की बौद्धिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया है। हमारे देश के विद्वान आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेशों से समाज को प्रेरित करते रहे हैं। भाईचारे पर आधारित एक स्वस्थ और मजबूत समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में, मैं लगातार तेरासा के आदर्शों और शिक्षाओं के माध्यम से मार्गदर्शन करूंगा। इस संदर्भ में, कृष्णगुरु हमारे मार्गदर्शक देवताओं में से हैं; इससे पहले, सम्मेलन में पहुंचने पर, असम के राज्यपाल, असम के मुख्यमंत्री, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के साथ उपराष्ट्रपति का पारंपरिक खोल वादकों के एक समूह द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ताल से प्रेरित होकर उपराष्ट्रपति ने भी समारोह में खोल बजाया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ अतिथियों की उपस्थिति में पौधे भी लगाए। अतिथियों को कृष्णा गुरु शिवाश्रम की गैलरी में भी ले जाया गया जहां आश्रम की विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया था। इस कार्यक्रम में चंद्र मोहन पटवारी, मंत्री, असम सरकार; रानोज पेगु, मंत्री, असम सरकार; यूजी ब्रह्मा, मंत्री, असम सरकार; केशव महंत, मंत्री, असम सरकार; अतुल बोरा, मंत्री, असम सरकार; जयंत मल्ला बरुआ, मंत्री, असम सरकार; जोगेन मोहन, मंत्री, असम सरकार; संजय किशन, मंत्री, असम सरकार; और बिमल बोरा, मंत्री, असम सरकार; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ओला को रिफंड मोड के संबंध में उपभोक्ताओं को विकल्प प्रदान करने वाला तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने एक ऐतिहासिक निर्णय में प्रमुख ऑनलाइन राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म ओला को निर्देश दिया है कि वह शिकायत निवारण प्रक्रिया के दौरान उपभोक्ताओं को रिफंड को या तो सीधे उनके बैंक खाते में या कूपन के माध्यम से अपना पसंदीदा तरीका चुनने की अनुमति देने वाली प्रणाली लागू करे। इसके अतिरिक्त, ओला को निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बुक की गई सभी ऑटो राइड के लिए उपभोक्ताओं को बिल या रसीद या चालान प्रदान करे, ताकि इसकी सेवाओं में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। प्राधिकरण की अध्यक्षता मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे करती हैं।

सीसीपीए ने पाया कि जब भी उपभोक्ता ओला ऐप पर कोई शिकायत दर्ज करता है, तो अपनी बिना किसी सवाल के रिफंड नीति के तहत ओला सिर्फ़ एक कूपन कोड प्रदान करता है जिसका इस्तेमाल अगली सवारी के लिए किया जा सकता है, जबकि उपभोक्ता को बैंक खाते से रिफंड या कूपन में से किसी एक को चुनने का स्पष्ट विकल्प नहीं दिया जाता है। यह देखा गया कि यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है और बिना किसी सवाल के रिफंड नीति का मतलब यह नहीं हो सकता कि कंपनी लोगों को सिर्फ़ दूसरी सवारी के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

इसके अलावा, सीसीपीए ने पाया कि यदि कोई उपभोक्ता ओला पर बुक की गई ऑटो सवारी के लिए चालान प्राप्त करने का प्रयास करता है, तो ऐप यह संदेश दिखाता है कि ‘ओला की ऑटो सेवा नियम एवं शर्तों में परिवर्तन के कारण ऑटो सवारी के लिए ग्राहक चालान प्रदान नहीं किया जाएगा।’ यह देखा गया कि बेची गई वस्तुओं या प्रदान की गई सेवाओं के लिए बिल या चालान या रसीद जारी न करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ है।

2. परिभाषाएँ.

(47) “अनुचित व्यापार व्यवहार” से तात्पर्य ऐसे व्यापार व्यवहार से हैजो किसी माल की बिक्रीउपयोग या आपूर्ति को बढ़ावा देने या किसी सेवा के प्रावधान के लिए कोई अनुचित तरीका या अनुचित या भ्रामक व्यवहार अपनाता हैजिसके अंतर्गत निम्नलिखित में से कोई भी व्यवहार शामिल हैअर्थात:—

(vii) बेची गई वस्तुओं या प्रदान की गई सेवाओं के लिए निर्धारित तरीके से बिल या कैश मेमो या रसीद जारी न करना।

उपरोक्त के अलावा, सीसीपीए के हस्तक्षेप से ओला ऐप में निम्नलिखित उपभोक्ता-केंद्रित परिवर्तन हुए हैं –

  1. इससे पहले वेबसाइट पर शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का विवरण स्पष्ट रूप से नहीं दिखता था। अब वेबसाइट के सहायता अनुभाग में शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का नामफोन नंबर और ई-मेल दर्ज है।
  2. रद्दीकरण नीति के अनुसार रद्दीकरण का अनुमत समय अब ​​सवारी बुकिंग के समय प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है।
  3. रद्दीकरण शुल्क की राशि अब सवारी बुकिंग पृष्ठ पर स्पष्ट रूप से उल्लिखित है , ताकि उपभोक्ता को सवारी रद्द करने से पहले स्पष्ट रूप से पता चल सके कि सवारी रद्द करने पर कितना शुल्क लिया जा सकता है।
  4. ड्राइवरों के लिए नई स्वीकृति स्क्रीन जोड़ी गई हैजहां ड्राइवरों को पिकअप और ड्रॉप दोनों स्थानों का पता दिखाया जाता है ।
  5. असुविधा और भ्रम से बचने के लिए, और अधिक कारण जोड़े गए जिनके आधार पर उपभोक्ता यात्रा रद्द करना चाहते हैं ।
  6. कुल किराये में शामिल घटकों की सूची अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है , जैसे आधार किराया, प्रति किमी किराया, प्रतीक्षा-पूर्व शुल्क आदि।
  7. ड्राइवरों को डिजिटल भुगतान करने और एसी चालू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संदेश जारी किए गए ।
  8. ड्राइवरों के लिए भुगतान चक्र संशोधित किया गया ताकि उन्हें शीघ्र भुगतान मिल सके।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) की जानकारी के अनुसार, 01.01.2024 से 09.10.2024 तक ओला के खिलाफ कुल 2,061 शिकायतें दर्ज की गई हैं। शिकायतों की शीर्ष श्रेणियों में शामिल हैं –

  1. सवारी बुकिंग के समय दर्शाए गए किराए से अधिक किराया उपभोक्ता से वसूला गया
  2. उपभोक्ता को राशि वापस न करना
  3. ड्राइवर अतिरिक्त नकदी मांग रहा है
  4. ड्राइवर सही स्थान पर नहीं पहुंचा या गलत स्थान पर उतार दिया

सीसीपीए अपने विनियामक हस्तक्षेप के माध्यम से यह सुनिश्चित करने में दृढ़ रहा है कि ओला उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए स्थापित कानूनी ढांचे का पालन करे। इन उपायों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना, विश्वास बढ़ाना और सेवा प्रदाता की जवाबदेही में सुधार करना है, जो ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर सभी उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सीसीपीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में मिशन शक्ति 5.O के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 14 अक्टूबर सिविल लाइंस स्थित दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी एवम् महाविद्यालय की मिशन शक्ति प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में छात्राओं के द्वारा नारी सुरक्षा, नारी सम्मान एवं नारी स्वावलंबन – मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें छात्राओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी एक रूप अनेक, महिला सशक्तिकरण तथा लैंगिक समानता आदि विषयों पर पोस्टर बनाए गए। इस अवसर पर जागरूकता रैली निकालकर, शपथ एवं संगोष्ठी आदि कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। इस कार्यक्रम में कुल 50 वॉलिंटियर्स ने हिस्सा लिया।

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एस .एन. सेन बालिका पी.जी. महाविद्यालय में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की जंयती मनाई गई

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 15 अक्टूबर एस.एन. सेन बालिका विद्यालय पी.जी. महाविद्यालय में भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम जी की 93वीं जयंती विज्ञान संकाय की छात्राओं द्वारा मनाई गई। इस अवसर पर भाषण, ग्रीटिंग कार्ड एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। दीप प्रज्वलन व डॉ कलाम जी के चित्र का माल्यार्पण प्राचार्या डॉ प्रोफेसर सुमन, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ निशि प्रकाश एवं डॉ रेखा चौबे द्वारा किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे-

सर्वश्रेष्ठ भाषण : आलिया ख़ातून (बीएससी प्रथम वर्ष)
सर्वश्रेष्ठ ग्रीटिंग कार्ड : आयशा (बीएससी प्रथम वर्ष)
सर्वश्रेष्ठ पोस्टर : अंजलि गौतम (बीएससी तृतीय वर्ष)

महाविद्यालय के विज्ञान संकाय की छात्राओं ने डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनके प्रेरक विचारों को शब्दों एवं कार्ड्स के माध्यम से व्यक्त किया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुमन ने कलाम जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों के जीवन में उनके विचारों का महत्व समझाया। उन्होंने कलाम जी द्वारा आविष्कृत कलाम – राजू स्टेंट से जुड़ी अपने जीवन की घटना साझा की। इस अवसर पर सभी ने दिवंगत मशहूर उद्योगपति श्री रतन टाटा जी को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा सृष्टि जायसवाल और द्वितीय वर्ष की छात्रा माही तिवारी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने किया। कार्यक्रम में डॉ ममता अग्रवाल, डॉ निशा वर्मा, डॉ किरण, डॉ प्रीति पांडेय, डॉ मीनाक्षी व्यास, डॉ रचना निगम, डॉ शिवांगी यादव, डॉ समीक्षा सिंह, अमिता सिंह आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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एस एन सेन बालिका पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, रोटरी क्लब आर्यन कानपुर एवं सेन्टर फॉर साइट हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में फ्री आई चेकअप आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस एन सेन महाविद्यालय में  फ्री आई चेकअप करवाया गया । यह कार्यक्रम सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत एव रोटरी क्लब आर्यन कानपुर एवं सेन्टर फॉर साइट हॉस्पिटल के सौजर्य से सेन स्मार्ट रूम में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर करवाया गया। कार्यक्रम में प्राचार्या प्रो सुमन ने छात्राओ को यातायात सम्बन्धित जानकारी देते हुए आँख एवं उसकी सफाई के महत्व के बार में बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ बी एन आचार्य प्रसीडेन्ट रोटरी क्लब कानपुर आर्यन ने छात्राओ को इस जाँच के लाभो का महत्व समझाया। जानकारी देते हुए दाव प्रीति सिंह ने बताया डॉ अभिनव डॉ करन, डॉ मनोज ने सभी की जाँच करते हुए उपयुक्त सलाह दी ।कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया । लगभग 150 छात्राओ एवं 23 शिक्षको एवं 15 शिक्षणेत्तर कर्मचारी ने अपने आँखो की जाँच करवाई।

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“सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा” थीम पर जागरूकता रैली निकली

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत महाविद्यालय की सड़क सुरक्षा क्लब की कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में एनएसएस वॉलिंटियर्स तथा महाविद्यालय की अन्य छात्राओं के द्वारा *सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा* के उद्देश्य को ध्यान में रखकर एक जागरूकता रैली निकाली गई तथा सिविल लाइंस स्थित वी आई पी रोड, मर्चेंट चेंबर चौराहे पर आने जाने वाले वाहन चालकों को पोस्टर आदि के माध्यम से रोड सेफ्टी के नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गई। दो पहिया वाहन पर चलने वाले यात्रियों को हेलमेट न लगाने के नुकसान के बारे में बताते हुए उन्हें हेलमेट लगाकर सुरक्षित ड्राइविंग करने की अपील छात्रों के द्वारा की गई तथा कार चालकों को सीट बेल्ट आवश्यक रूप से लगाने एवं ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन प्रयोग न करने की अपील की गई। इस कार्यक्रम में कुल 50 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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स्वस्थ समाज के लिए मानसिक विकारों से छुटकारा जरूरी : डॉ अमरीन

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कानपुर प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सल रिलीफ ऐड (AURA) ट्रस्ट की संस्थापक डॉ अमरीन फातिमा ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया, ” AURA ट्रस्ट के बैनर तले ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अनेक बच्चों को नशे की लत से छुटकारा दिलाया गया है और निरन्तर छुटकारा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लोगों को मानसिक विकारों से उबारने का काम किया है। “

डॉ फातिमा ने यह भी बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि लोगों के बेहतर जीवन के लिए कार्य करना है।
उन्होंने अपील की कि अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है तो वह कभी भी मुझसे या ट्रस्ट के सदस्यों से सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगो को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाये रखना चाहिए। क्योंकि आत्महत्या का एक कारण यह भी है।
यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा के मुताबिक, लोगों को मानसिक विकारों से ही मुक्ति नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहना, सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रहना भी मानसिक स्वास्थ्य का अभिन्न हिस्सा है।
प्रेस वार्ता में मौजूद फिजियोथेरेपिस्ट सौम्या बाजपेयी ने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम योगदान करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि संस्था से जुड़ें और समाजहित में सहयोग करें।
प्रेस वार्ता में संस्था की संस्थापक डॉ अमरीन फातिमा, फिजियोथेरेपिस्ट सौम्या बाजपेयी, पत्रकार श्याम सिंह पंवार मौजूद रहे।

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