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आईआईटी रोपड़ ने घुटना रीहबिलटैशन के लिए किफायती और ऑफ-ग्रिड समाधान के साथ शल्य चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला पेटेंटेड मैकेनिकल उपकरण विकसित किया

सर्जरी के बाद घुटने के रीहबिलटैशन के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में, आईआईटी रोपड़ के शोधकर्ताओं ने निरंतर निष्क्रिय गति (सीपीएम) थेरेपी को और अधिक सुलभ और किफायती बनाने के लिए एक अभिनव समाधान ढूंढ लिया है। आईआईटी रोपड़ की टीम ने घुटने के रीहबिलटैशन के लिए एक पूरी तरह से मैकेनिकल पैसिव मोशन मशीन विकसित की है और इसका पेटेंट कराया गया है, पेटेंट नम्बर 553407 है।

महंगी और बिजली से चलने वाली पारंपरिक मोटर चालित सीपीएम मशीनों से अलग, नव विकसित उपकरण पूरी तरह से यांत्रिक है। यह एक पिस्टन और पुली सिस्टम का उपयोग करता है, जो उपयोगकर्ता द्वारा हैंडल खींचने पर हवा को संग्रहीत करता है, जिससे घुटने के रीहबिलटैशन में सहायता के लिए सुचारू और नियंत्रित गति संभव होती है। यह सरल उपकरण हल्का और पोर्टेबल दोनों है और डिज़ाइन प्रभावी होने के कारण इसे बिजली, बैटरी या मोटर की कोई आवश्यकता नहीं है।

मैकेनिकल सीपीएम मशीन, कई रोगियों की पहुंच से बाहर महंगी इलेक्ट्रिक मशीनों के आशाजनक विकल्प प्रदान करती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की आपूर्ति निरंतर नहीं रहती। बिजली पर निर्भरता को कम करके, यह ऑफ-ग्रिड स्थानों में भी सहज रूप से अनिवारक गति चिकित्सा को संभव बनाती है।

इसके अतिरिक्त, इसकी पोर्टेबिलिटी के कारण मरीज इसे घर में आराम से उपयोग कर सकते हैं, जिससे उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक रहने और रीहबिलटैशन के लिए जाने की आवश्यकता कम हो जाती है।

घुटने की सर्जरी से ठीक होने वाले रोगियों के लिए निरंतर अनिवारक गति एक महत्वपूर्ण चिकित्सा है, जो जोड़ों की गतिशीलता में सुधार, कठोरता को कम करने और रिकवरी में तेजी लाने में मदद करती है। इस यांत्रिक मशीन की शुरूआत एक लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो घुटने के रीहबिलटैशन में किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलती है।

इस अभिनव उपकरण का विकसित किया जाना सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ संसाधन सीमित हैं। टीम की उपलब्धि से भारत के साथ ही और वैश्विक स्तर पर भी घुटने के रीहबिलटैशन के मामलों में स्थायी प्रभाव देखने को मिलेगा।

श्री सूरज भान मुंडोतिया और डॉ. समीर सी. रॉय की टीम के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अभिषेक तिवारी ने कहा, “ये उपकरण भारत में घुटने के रीहबिलटैशन में क्रांति लाने की क्षमता वाला है, अभी इस क्षेत्र में उन्नत चिकित्सा तकनीक तक हमारी पहुँच सीमित है।” उन्होंने कहा, “इसे कम लागत वाला, टिकाऊ बनाया गया है जो न केवल रिकवरी में सहायता करता है बल्कि मोटर चालित उपकरणों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है।”

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कैबिनेट ने 2024-25 में वेज एंड मीन्स एडवांस को इक्विटी में परिवर्तित करके भारतीय खाद्य निगम में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश भर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। यह रणनीतिक कदम किसानों को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। एफसीआई के संचालन में कई गुना वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी, 2023 में अधिकृत पूंजी 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एफसीआई की इक्विटी 4,496 करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10,157 करोड़ रुपये हो गई। अब, भारत सरकार ने एफसीआई के लिए 10,700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण इक्विटी को मंजूरी दी है, जो इसे वित्तीय रूप से मजबूत करेगी और इसके परिवर्तन के लिए की गई पहलों को एक बड़ा बढ़ावा देगी।

एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्नों की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार के रखरखाव, कल्याणकारी उपायों के लिए खाद्यान्नों के वितरण और बाजार में खाद्यान्नों की कीमतों के स्थिरीकरण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इक्विटी का निवेश एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वह अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। एफसीआई फंड की आवश्यकता से जुड़ी कमी को पूरा करने के लिए अल्पकालिक उधार का सहारा लेता है। इस निवेश से ब्याज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और अंततः भारत सरकार की सब्सिडी कम होगी।

एमएसपी आधारित खरीद और एफसीआई की परिचालन क्षमताओं में निवेश के प्रति सरकार की दोहरी प्रतिबद्धता, किसानों को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है।

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भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2024 में फिल्म बाजार के व्यूइंग रूम में 208 फिल्में दिखाई जाएंगी

गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में राज्य के सांस्कृतिक परिदृश्य पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, 18वां फिल्म बाजार भी 20 से 24 नवंबर तक चलेगा, जो फिल्म निर्माताओं और फिल्म उद्योग के पेशेवरों को आपस में जुड़ने, सहयोग करने और अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगा।

इस साल, व्यूइंग रूम मैरियट रिज़ॉर्ट में आ गया है, जिसमें भारत और दक्षिण एशिया की बेहतरीन गुणवत्ता वाली फ़िल्मों की एक समृद्ध श्रृंखला है। फिल्मों के वितरण और उन्हें फाइनेंस करने की तलाश कर रहे फ़िल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया गया, व्यूइंग रूम उन फ़िल्मों को प्रदर्शित करेगा, जो पूरी हो चुकी हैं या बनने के अंतिम चरण में हैं। इससे वैश्विक स्तर पर फ़िल्म प्रोग्रामर, वितरक, बिक्री एजेंट और निवेशकों को आपस में जुड़ने का मौक़ा मिलेगा। व्यूइंग रूम 21 से 24 नवंबर तक उपलब्ध रहेगा।

इस साल की व्यूइंग रूम लाइब्रेरी में 208 फिल्में देखने के लिए उपलब्ध होंगी , जिनमें से 145 फ़ीचर फ़िल्में, 23 मध्यम अवधि की फ़िल्में और 30 लघु फ़िल्में हैं। फ़ीचर और मध्यम लंबाई की फिल्मों की कुल सूची में एनएफडीसी द्वारा निर्मित और सह-निर्मित बारह फ़िल्में भी शामिल हैं, और एनएफडीसी-एनएफएआई के सहयोग से बनी 10 पुनः निर्मित (रिस्टॉर्ड) क्लासिक फ़िल्में भी शामिल हैं। व्यूइंग रूम में जमा की गई 30-70 मिनट अवधि वाली फिल्मों को मध्यम लंबाई वाली फ़िल्म श्रेणी में दिखाया जाता है और 30 मिनट से कम अवधि वाली फ़िल्में लघु फ़िल्म श्रेणी में होंगी।

फिल्म बाज़ार की अनुशंसाएं (एफबीआर)

फिल्म बाजार अनुशंसा (एफबीआर) सूची में 27 फिल्म प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है, जिनमें 19 फीचर फिल्में, मध्यम अवधि की 3 फिल्में, 2 लघु फिल्में और 3 पुनः निर्मित क्लासिक फिल्में शामिल हैं।

एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार का कहना है, “हम एफबीआर के लिए चयन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं, जो फिल्म निर्माताओं की रचनात्मकता और जुनून को दर्शाता है। यह पहल केवल फिल्मों को मान्यता देने के बारे में नहीं है, बल्कि कहानीकारों को उनके दृष्टिकोण से दुनिया को जानकारी साझा करने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है। हम फिल्म की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते हैं और अगली पीढ़ी के कलाकारों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे अपने अभिनय और शैली से दर्शकों को प्रेरित और उनका मनोरंजन करते हैं।”

एफबीआर से चयनित फिल्म प्रोजेक्ट्स को फिल्म बाज़ार में एक खुले सत्र के दौरान निर्माताओं, बिक्री एजेंटों, वितरकों,  फिल्म महोत्सव से जुड़े लोगों और संभावित निवेशकों सहित फिल्म उद्योग के पेशेवरों के समक्ष अपनी फिल्में पेश करने का मौका मिलेगा। व्यूइंग रूम से फ़ीचर, मध्यम और लघु अवधि की फिल्में बनाने वाले निर्माता, फ़िल्म बाज़ार के दौरान एक खुले सत्र में बिक्री एजेंटों, वितरकों और संभावित निवेशकों के सामने अपनी फ़िल्मों का प्रदर्शन  करेंगे । फ़िल्मों की पूरी सूची यहां देखें-

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एफबीआर सूची या व्यूइंग रूम में शामिल फिल्मों को उनके अपने लिए या प्रचार सामग्री में फिल्म बाजार के लोगों (प्रतीक चिन्ह) का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

फिल्म बाज़ार के बारे में

फिल्म बाज़ार एक खुला मंच है, जिसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देना है। फिल्म बाज़ार में व्यूइंग रूम एक सशुल्क मंच (पेड प्लेटफॉर्म) है, जहां फिल्म निर्माता एक निश्चित धनराशि का भुगतान कर व्यक्तिगत रूप से अपनी फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों, विश्व बिक्री एजेंटों और खरीदारों के सामने प्रचार करते हैं।

व्यूइंग रूम एक ऐसा सीमित प्रतिबंधित क्षेत्र है, जो विक्रेताओं (फिल्म निर्माताओं) को दुनिया भर के खरीदारों (फिल्म प्रोग्रामर, वितरक, विश्व बिक्री एजेंट और निवेशक) से जोड़ता है। ‘खरीदारों’ की क्षमता का निर्धारण फिल्म बाज़ार की टीम उनकी प्रोफाइल के आधार पर करती है। ये खरीदार विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए व्यूइंग रूम सॉफ़्टवेयर के माध्यम से फिल्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं से संपर्क करने में सक्षम होंगे।

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भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व अपर महानिदेशक (सेवानिवृत्त) वीडी चाफेकर को 01 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2028 तक रीकाप आईएससी, सिंगापुर का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया

भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व अपर महानिदेशक (सेवानिवृत्त) वीडी चाफेकर को एशियाई जल क्षेत्र में जहाजों के खिलाफ होने वाली समुद्री डकैती और सशस्त्र। लूट का मुकाबला करने पर सिंगापुर में सूचना साझाकरण केंद्र (रीसीएएपी आईएससी) में क्षेत्रीय सहयोग समझौते के सातवें कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें रीकाप आईएससी की शासी परिषद द्वारा  01 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2028 तक की अवधि के लिए कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। उनका चयन क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो अधिक सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

वर्ष 2006 में स्थापित रीकाप आईएससी एशिया के समुद्री इलाकों में समुद्री डकैती और सशस्त्र लूट के खिलाफ सहयोग को बढ़ावा देने तथा गतिविधियों को विस्तार देने के लिए पहला क्षेत्रीय सरकार-से-सरकार का समझौता है। यह पूरे समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सूचना साझा करने, रक्षा क्षमताओं की बढ़ोतरी और सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाने में सहायक रहा है। रीकाॅप आईएससी के एक प्रमुख अनुबंध पक्ष के रूप में, भारत ने एशियाई समुद्र में सुरक्षा व संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अपने समुद्री अनुभव तथा संसाधनों का लाभ उठाते हुए संगठन के मिशन में निरंतर सहयोग और योगदान दिया है

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के साळंगपुर स्थित श्री कष्टभंजन देव हनुमान जी मंदिर में दर्शन व पूजन कर 200 करोड़ रूपए की लागत से बने 1100 कमरे के यात्री भवन का उद्घाटन किया

अपने संबोधन की शुरूआत में श्री अमित शाह ने सभी देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज नरक चतुर्दशी के दिन यहां एक भव्य यात्री भवन का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि इस यात्री भवन को एक पूर्ण हरित यात्री भवन कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस यात्री भवन में दूर-दूर से आने वाले लोगों के विश्राम की व्यवस्था की गई है। श्री शाह ने कहा कि लगभग 200 करोड़ रूपये की लागत से 9 लाख वर्ग फीट स्थान और 1100 से ज्यादा कमरों वाले इस यात्री भवन का निर्माण दो साल की अल्पावधि में ही संपन्न कर लिया गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मंदिर में हनुमान जी महाराज की यह मूर्ति गोपालानंद जी महाराज की भक्ति और शक्ति से स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि यह स्थान स्वामीनारायण भगवान के प्रसाद का भी स्थान है। उन्होंने कहा कि इतना समर्पण, सेवा भाव और स्वामीनारायण भगवान के प्रति ऐसी श्रद्धा होने के बाद भी गोपालानंद स्वामी जी बहुत विनम्र हैं और ये बहुत कम लोगों में होती है। उन्होंने कहा कि यह यात्री भवन आने वाले कई वर्षों तक यात्रियों को आश्रय और दादा के दर्शन का मौका भी देगा।

अमित शाह ने कहा कि हनुमान जी महाराज के गुणों का वर्णन कोई कर नहीं सकता और हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि सात चिरंजीव में से एक हनुमान जी महाराज हैं। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने हनुमान जी महाराज को ज्ञान गुण सागर कहा है। श्री शाह ने कहा कि जब एक आदर्श भक्त, आदर्श योद्धा, आदर्श मित्र और एक आदर्श दूत अपनी इन सभी शक्तियों को प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करता है तब हनुमान जी महाराज बन चिरंजीवी होता है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह कष्टभंजन देव हनुमान जी मंदिर युवाओं के लिए आध्यात्म और भक्ति की प्रेरणा का स्थान बनने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हनुमान जी महाराज की कई प्रतिमाएं हैं और उनके अनेकानेक गुण होते हैं। श्री शाह ने कहा कि चौमुखी मूर्ति हो तो शत्रुओं का नाश, संकटमोचन हो तो संकट से मुक्ति, दक्षिणामुखी हो तो भय और परेशानी से मुक्ति, पंचमुखी हो तो अहिरावण यानी दुष्ट वृत्ति से मुक्ति पाने के लिए पूजा होती है, एकादश हो तो राक्षसी वृत्ति से और कष्टभंजन की मूर्ति हो तो शनि समेत सभी कष्टों का भंजन होता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज सरदार पटेल की 149वीं जन्म जयंती है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जी ने एक अखंड और प्रचंड शक्तिशाली भारत के निर्माण का संकल्प किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सरदार साहब की 150वीं जयंती को दो साल तक मनाने का निर्णय, सरदार साहब के विचार व सिद्धांत के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ युवाओं को देश के प्रति निष्ठा व त्याग की प्रेरणा देगा।

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वायरल प्रोटीन खंडों से हाइड्रोजैल बनाने की अनोखी विधियों से दवा उपलब्धता में सुधार होगा

एसएआरएस-सीओवी-1 वायरस से केवल पांच अमीनो एसिड के छोटे प्रोटीन खंडों का उपयोग करके हाइड्रोजैल बनाने का एक नया तरीका खोजा गया है, जो लक्षित दवा उपलब्धता में सुधार और दवा के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है।

दीर्घकालिक और संक्रामक रोगों में बढ़ोतरी के कारण, शोधकर्ता लगातार उपचार की प्रभावशीलता में सुधार के लिए दवा की उपलब्धता के नए तरीकों की तलाश कर रहे हैं। हाइड्रोजैल को उनके सूजन व्यवहार, यांत्रिक शक्ति और जैव-संगतता के गुणों के कारण दवा उपलब्धता के लिए उपयुक्त माना जाता है।

छोटे पेप्टाइड-आधारित हाइड्रोजैल में कई तरह के अनुप्रयोगों के लिए अपार संभावनाएं हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं ने इन प्रणालियों के जेलेशन को नियंत्रित करना बहुत चुनौतीपूर्ण पाया है, क्योंकि पेप्टाइड अनुक्रम में किया गया मामूली बदलाव भी स्व-संयोजन तंत्र और जेलेशन प्रवृत्ति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।

वायरस के संयोजन और विमोचन में एसएआरएस सीओवी ई प्रोटीन की संलिप्तता के बाद, कोलकाता में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान बोस इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि इसमें अंतर्निहित स्व-संयोजन गुण हाइड्रोजैल के विकास में योगदान दे सकते हैं।

बोस इंस्टीट्यूट में रासायनिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अनिरबन भुनिया और उनकी टीम ने इस संभावना का पता लगाया और उपयोगी जेल सामग्री बनाने के एक नये तरीके की खोज की।

हाल ही में प्रतिष्ठित जर्नल स्मॉल (विली) में प्रकाशित एक पेपर में, प्रो. भुनिया और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास रियो ग्रांडे वैली, यूएसए और इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता के उनके सहयोगियों ने दर्शाया कि एसएआरएस सीओवी-1 वायरस के केवल पांच अमीनो एसिड को पुनर्व्यवस्थित करके, अद्वितीय गुणों वाले पेंटापेप्टाइड्स से बने जैल बनाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ गर्म होने पर जैल बनते हैं और कुछ अन्य कमरे के तापमान पर जैल में परिवर्तित हो जाते हैं।

इस अनूठी खोज से अनुकूलन योग्य हाइड्रोजैल जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रगति हो सकती है। इससे लक्षित दवा उपलब्धता में सुधार हो सकता है, जिससे दवा के दुष्प्रभावों को कम करके उपचार प्रभावकारिता को बढ़ाया जा सकता है।

यह हाइड्रोजैल सामग्री ऊतक इंजीनियरिंग में क्रांति ला सकती हैं, संभावित रूप से अंग पुनर्जनन में सहायता कर सकती हैं। ये जैल घाव भरने के उपचार को भी आगे बढ़ा सकते हैं और अनुसंधान के लिए अधिक सटीक रोग मॉडलिंग को सक्षम बना सकते हैं।

 

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प्रधानमंत्री मुद्रा  योजना

इस देश के लाखों आम आदमी और औरतेंजो छोटेमोटे व्यवसाय चलाते हैंअर्थव्यवस्था में उनके बड़े योगदान के बावजूदऔपचारिक संस्थागत वित्त के दायरे से लगभग बाहर रह गए हैं। मुद्रावंचितों को वित्तपोषित करने का हमारा इनोवेशन है।

~प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करके गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महत्वाकांक्षी उद्यमियों को सहायता करने के लिए वित्त मंत्री ने 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान ऋण सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की घोषणा की। यह नई सीमा 24 अक्टूबर, 2024 को प्रभावी हुई।

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इस घोषणा में एक नई ऋण श्रेणीतरुण प्लस भी पेश की गई है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिन्होंने पहले तरुण श्रेणी के तहत ऋण लिया है और उसे सफलतापूर्वक चुकाया है, जिससे उन्हें 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। इसके अतिरिक्त, माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड (सीजीएफएमयू) अब इन बढ़े हुए ऋणों के लिए गारंटी कवरेज प्रदान करेगा, जो भारत में एक मजबूत उद्यमशीलता इको-सिस्टम को पोषित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

मुद्रा योजना

मुद्रा,3 यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड, भारत सरकार द्वारा पीएमएमवाई के तहत माइक्रो यूनिट उद्यमों के विकास और पुनर्वित्तपोषण के लिए स्थापित एक वित्तीय संस्था है। पीएमएमवाई का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचितों को वित्तीय समावेशन और सहायता प्रदान करना है। पीएमएमवाई ने लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं के साथ आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की भावना भी दी है।

मुद्रा योजना की आवश्यकता

भारत एक युवा देश है जो जोश और आकांक्षाओं से भरा हुआ है। भारत के विकास के लिए इस अभिनव उत्साह का दोहन करना महत्वपूर्ण है जो देश के आर्थिक इको-सिस्टम में मौजूदा अंतराल के लिए नए युग में समाधान प्रदान कर सकता है। भारत में उद्यमशीलता की अव्यक्त क्षमता का उपयोग करने की आवश्यकता को समझते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की है।

मुद्रा ऋणश्रेणियां

पीएमएमवाई के अंतर्गत सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) जैसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) आदि द्वारा 20 लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण दिए जाते हैं। यह ऋण विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा क्षेत्रों और कृषि में आय सृजन के लिए दिए जाते हैं।

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मुद्रा ऋण अब चार श्रेणियों जैसे शिशु‘, ‘किशोर‘ ‘तरुण‘ और तरुण प्लस‘ के तहत प्रदान किए जाएंगे। यह उधारकर्ताओं के विकास के चरण और वित्तपोषण आवश्यकताओं को दर्शाती है:-

  • शिशु: 50,000/- रुपये तक के ऋण मिलते हैं
  • किशोर: 50,000/- रुपये से लाख रुपये तक के ऋण मिलते है
  • तरुण: 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का ऋण शामिल है
  • तरुण प्लस10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के ऋण मिलते हैं

पीएमएमवाई की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाईके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत स्वीकृत और वितरित राशि: [4]

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  • महिला उधारकर्ता: शिशु श्रेणी के तहत कुल 1,08,472.51 करोड़ रुपये, किशोर श्रेणी के तहत 1,00,370.49 करोड़ रुपये और तरुण श्रेणी के तहत 13,454.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • अल्पसंख्यक उधारकर्ता: शिशु श्रेणी के तहत 15,759.66 करोड़ रुपये, किशोर श्रेणी के तहत 20,766.3 करोड़ रुपये और तरुण श्रेणी के तहत 8562.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • नए उद्यमी/ खाते:
  • शिशु श्रेणी: 88,49,101 खाते, जिनमें स्वीकृत राशि 29,445.41 करोड़ रुपये और वितरित राशि 28,839.75 करोड़ रुपये है।
  • किशोर श्रेणी: 34,06,239 खाते, जिनमें 62,290.58 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और 60,407.02 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • तरुण श्रेणी: 7,57,456 खाते, जिनमें 70,294.35 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और 68,861.13 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • विशिष्ट उधारकर्ता (8 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2024 तक):
  • शिशु श्रेणी के तहत 44,891.82 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
  • किशोर श्रेणी के तहत 24,575.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
  • तरुण श्रेणी के तहत 19,120.58 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।

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मुद्रा कार्ड

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मुद्रा ऐप- मुद्रा मित्र

मुद्रा मित्र गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल एप स्टोर में उपलब्ध एक मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन है जो ‘माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (एमयूडीआरए-मुद्रा)’ और इसके विभिन्न उत्पादों/योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह ऋण चाहने वाले को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकर से संपर्क करने में मार्गदर्शन करेगा। उपयोगकर्ता इस ऐप में नमूना ऋण आवेदन फ़ॉर्म सहित उपयोगी ऋण संबंधी सामग्री भी प्राप्त कर सकते हैं।

योजना के कार्यान्वयन में सुधार के लिए उठाए गए कदम:[6]

  • ऋण आवेदन जमा करने में सहायता प्रदान करना
  • PSBloansin59minutes और उद्यमीमित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान
  • हितधारकों के बीच योजना के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए गहन प्रचार अभियान
  • आवेदन पत्रों का सरलीकरण
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में मुद्रा नोडल अधिकारियों का नामांकन
  • पीएमएमवाई के संबंध में पीएसबी के प्रदर्शन की समय-समय पर निगरानी
  • सभी पात्र उधारकर्ताओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 12 महीने की अवधि के लिए दिए गए शिशु ऋणों के शीघ्र पुनर्भुगतान पर 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता।
  • आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 14.05.2020 को घोषित इस योजना को एक अभूतपूर्व स्थिति के लिए एक विशिष्ट राहत के रूप में तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य ऋण की लागत को कम करके ‘पिरामिड के निचले हिस्से’ में उधारकर्ताओं के लिए वित्तीय तनाव को कम करना है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) ने भारत में उद्यमिता के परिदृश्य को बुनियादी तौर पर बदल दिया है, जिससे वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके, इस योजना ने अनगिनत नए उद्यमियों को अपने व्यावसायिक विचारों को साकार करने में सक्षम बनाया है। पिछले कुछ वर्षों में, इस योजना ने महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को भी सशक्त बनाया है, आर्थिक उत्थान के अवसर पैदा किए हैं और अधिक समावेशी विकास के माहौल को बढ़ावा दिया है। जैसे-जैसे ऋण सीमा 20 लाख तक बढ़ रही है, पीएमएमवाई छोटे व्यवसायों को पोषित करने और अधिक न्यायसंगत तथा समृद्ध भविष्य की ओर देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखे हुए है।

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भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों (Transnational Organized Cybercriminals) द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं। गुजरात पुलिस (FIR संख्या – 0113/2024) और आंध्र प्रदेश पुलिस (FIR संख्या – 310/2024) द्वारा हाल ही में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों ने ‘mule’ या किसी और के खातों का संचालन कर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।

राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा किए गये विश्लेषण के अनुसार, निम्नलिखित बिन्दुओं की पहचान की गई :

I. चालू खाते (Current Account) और बचत खाते (Savings Account) सोशल मीडिया, खासकर Telegram और Facebook के माध्यम से खोजे जाते हैं; ये खाते shell कंपनियों / एंटरप्राइज या व्यक्तियों के होते हैं।

II. इन mule खातों को विदेशों से संचालित किया जाता है।

III. फिर इन mule खातों का उपयोग कर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, offshore सट्टेबाजी और जुए से जुडी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है।

IV. जैसे ही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।

 

अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये गेटवे, मनी लॉन्ड्रिंग को एक सेवा के रूप में उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है।

I4C ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बैंक खाते/कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/’उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ़्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने के लिए जाँच कर सकते हैं जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने के लिए किया जाता है। नागरिक किसी भी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर “CyberDost” चैनल/अकाउंट को फ़ॉलो करें

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भारतीय तटरक्षक बल  ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल जहाजों का जलावतरण किया जो 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC36H4B.jpeg भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 28 अक्टूबर, 2024 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल (एफपीवी) ‘अदम्य’ और ‘अक्षर’ को एक साथ लॉन्च किया। ये दोनों जहाज 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं। ये दोनों जहाज (एफपीवी) जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आठ ऐसे एफपीवी के लिए किए गए अनुबंध का हिस्सा हैं। ये उन्नत एफपीवी सुरक्षा, निगरानी, ​​नियंत्रण और निगरानी की प्राथमिक भूमिका के साथ आईसीजी को अपतटीय संपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा में मदद करेंगे।

प्रत्येक एफपीवी की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर और अधिकतम गति 27 समुद्री मील है। यह नियंत्रण योग्य पिच प्रोपेलर-आधारित प्रणोदन प्रणाली पर कार्य करता है और 320 टन का विस्थापन करता है। इन जहाजों को अमेरिकी शिपिंग ब्यूरो और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के कड़े दोहरे वर्ग प्रमाणन के तहत आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया है।

पहली बार, अत्याधुनिक शिप लिफ्ट सिस्टम का उपयोग करते हुए एक साथ दो जहाजों का जलावतरण किया गया। आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि और दिग्गजों की उपस्थिति में श्रीमती प्रिया परमीश ने ‘अथर्ववेद’ के मंत्रों के साथ एफपीवी का उद्घाटन और नामकरण किया।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए, आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि ने आईसीजी की सभी जहाज निर्माण जरूरतों को स्वदेशी रूप से पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए जीएसएल और विभिन्न उद्योगों के प्रयासों की सराहना की। श्री विशमणि ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने पर जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया कि रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’की ओर कदम सही तरीके से आगे बढ़ाया जाए।

समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय और भारतीय नौसेना, आईसीजी, जीएसएल और वर्गीकरण समितियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत ने लंबे समय से शांति, सद्भाव, भाईचारे और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारा प्राचीन दर्शन, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – जिसका अर्थ है ‘विश्व एक परिवार है’ – भारतीय सभ्यता और संस्कृति का सार है। जब हम पूर्वोत्तर पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम अपने जीवन में शांति, सद्भाव, आत्म-खोज और गहन भक्ति चेतना को जगाते हैं। माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा,”हमारे देश की समृद्ध विविधता में एकता का संदेश छिपा है और आध्यात्मिक ज्ञान तथा ध्यान की नींव पर हम एक स्वस्थ समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी क्षमता को मजबूत बनाते हैं।”

इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीईएम, बीटीआर प्रमोद बोरो, भक्तिमातृ कुंतला पटोवारी गोस्वामी, कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी की अध्यक्ष कमला गोगोई भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा, “जब मैं इस कार्यक्रम में पहुंचा तो मुझे ‘गुरु’ गुरुकृष्ण प्रेमानंद प्रभु से मिलकर एक नई ऊर्जा मिली। मैं एक नाम कृष्णगुरु के साथ एक ऊर्जा लेकर जा रहा हूं। कृष्णगुरु का नाम जपने से आध्यात्मिकता और उत्कृष्टता का संगम होता है। मैं इस पल को कभी नहीं भूलूंगा। मैं यहां जो देख रहा हूं वह राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित, आध्यात्मिक रूप से इच्छुक तथा समाज के प्रति योगदान देने की भावना रखने वाले युवाओं का एक उल्लेखनीय, शानदार समागम है। इसका कारण एक नाम – कृष्णगुरु में उनका विश्वास है। यहां शक्तिशाली दिव्य ऊर्जा उत्पन्न है जो परमपूज्य कृष्णगुरु से आई है। वे अपने भक्तों के हृदयों को सेवा, प्रेम और मानवता से आलोकित करने वाली दिव्य कृपा के साकार स्वरूप हैं। मैंने असम के मनमोहक दृश्य देखे हैं जो लोगों के दिल और दिमाग को आध्यात्मिकता से समृद्ध करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।” कार्य उच्च उद्देश्य से निर्देशित होना चाहिए, जो आज भी दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है जब मैं परम पूज्य के साथ था।

“हम कृष्ण गुरु द्वारा व्यक्त गहन आध्यात्मिक जागरूकता और शांति एवं भाईचारे के संदेश से समाज को प्रेरित करते रहेंगे। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा, “परमानंद प्रभु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए युवा सामाजिक सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण राह उभरती है, जो हजारों लोगों को कल्याणकारी गतिविधियों और आत्मनिर्भरता की खोज में शामिल कर रहा है।”

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कृष्णगुरु ने आध्यात्मिकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है। आज हम एक ऐसे समाज को देखते हैं जो उद्यम के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2047 तक देश आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। आध्यात्मिक चेतना की यह दिशा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं इस महत्वपूर्ण क्षण पर उपस्थित होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और असम के लोगों को प्रेरित करने के लिए आदरणीय उपराष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”

इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “युवा शक्ति महाशक्ति है। हमारे युवा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और समग्र सामाजिक सशक्तिकरण के माध्यम से राज्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज के द्विवार्षिक सत्र में शांति, सद्भाव, भाईचारे और लचीलेपन का शक्तिशाली संदेश जोरदार ढंग से गूंजा है। मैं ईश्वर की याद में साहस और शक्ति के साथ आगे बढ़ूंगा। कृष्णगुरु ने अध्यात्म के माध्यम से समाज में परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की। उन्होंने समाज सुधार के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वरूप प्रदान किए हैं। मैं गुरु के आशीर्वाद से समाज, राज्य और पूरे देश के उत्थान के लिए काम करने का संकल्प लेता हूं। उनके उदाहरण का अनुसरण करते हुए, मैं जीवन के सभी पहलुओं में सद्भाव और मूल्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा। समाज को मजबूत बनाने के लिए सद्भाव और भक्ति बहुत जरूरी है। मेरे समुदाय में आध्यात्मिकता की बहुत आवश्यकता है। राज्य निर्माण की यात्रा भक्ति और समर्पण के प्रकाश से शक्ति प्राप्त करती है। आज, मैं माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की उपस्थिति से प्रेरित हूँ। भक्ति चेतना और आध्यात्मिकता ने राष्ट्र को सशक्त बनाने और जीवन की यात्रा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राचीन भारतीय ज्ञान, सेवा और मानवता से जुड़ाव बढ़ाते हुए राष्ट्र की बौद्धिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया है। हमारे देश के विद्वान आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेशों से समाज को प्रेरित करते रहे हैं। भाईचारे पर आधारित एक स्वस्थ और मजबूत समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में, मैं लगातार तेरासा के आदर्शों और शिक्षाओं के माध्यम से मार्गदर्शन करूंगा। इस संदर्भ में, कृष्णगुरु हमारे मार्गदर्शक देवताओं में से हैं; इससे पहले, सम्मेलन में पहुंचने पर, असम के राज्यपाल, असम के मुख्यमंत्री, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के साथ उपराष्ट्रपति का पारंपरिक खोल वादकों के एक समूह द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ताल से प्रेरित होकर उपराष्ट्रपति ने भी समारोह में खोल बजाया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ अतिथियों की उपस्थिति में पौधे भी लगाए। अतिथियों को कृष्णा गुरु शिवाश्रम की गैलरी में भी ले जाया गया जहां आश्रम की विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया था। इस कार्यक्रम में चंद्र मोहन पटवारी, मंत्री, असम सरकार; रानोज पेगु, मंत्री, असम सरकार; यूजी ब्रह्मा, मंत्री, असम सरकार; केशव महंत, मंत्री, असम सरकार; अतुल बोरा, मंत्री, असम सरकार; जयंत मल्ला बरुआ, मंत्री, असम सरकार; जोगेन मोहन, मंत्री, असम सरकार; संजय किशन, मंत्री, असम सरकार; और बिमल बोरा, मंत्री, असम सरकार; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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