कानपुर 24 दिसम्बर, (सू0वि0) जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी, कर्नल बी0एस0 शुक्ला के अनुसार, निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उ0प्र0, लखनऊ के माध्यम से जनपद- कानपुर नगर के भूतपर्व सैनिक के आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को कम्प्यूटर फैशन डिजाइंनिग प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-2022 में निःशुल्क संचालित किया जाना है। कृपया इच्छुक पूर्व सैनिक आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को यह अवगत कराना है कि प्रशिक्षण हेतु अपना नाम जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय, कानपर नगर मे माह जनवरी 10 तक अपना नाम दर्ज कराने की कृपा करें।
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कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट के निदेशक मण्डल की बैठक में नागरिकों को अच्छी सुविधायें व प्रदूषणमुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से सुझाव दिए गए
कानपुर 24 दिसंबर, मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, की अध्यक्षता में कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट के निदेशक मण्डल की 14वीं बैठक में कानपुर शहर के नागरिकों को अच्छी सुविधायें व प्रदूषणमुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से निम्नलिखित बिन्दुओं पर निर्णय लिया गया, जिसमे जिलाधिकारी, कानपुर, नगर आयुक्त, नगर निगम, कानपुर के अतिरिक्त अपर नगर आयुक्त, कानपुर, सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सचिव, केडीए व प्रबन्ध निदेशक, केसीटीएसएल द्वारा भी प्रतिभाग किया गया-
1. कानपुर शहर के नागरिकों को इन बसों में “QR आधारित स्मार्ट कार्ड मन्थ्ली पास (मासिक पास)” के माध्यम से यात्रा करने की सुविधा जल्द ही प्रारम्भ की जाएगाी, जिसमे दैनिक यात्रा करने पर जो किराया दिया जाता है उससे भी रियायती दरों पर मासिक यात्रा किया जाना सम्भव होगा।
विद्यार्थियों और श्रमिकों को बड़ी सहायता मिलेगी।
2. आम नागरिकों को चार्टर्ड दरो पर निजी आवश्यकताओं हेतु बसों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्णय लिया गया।
3. इलेक्ट्रिक बसों को जीपीएस बेस्ड बनाते हुए यात्रियों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण एवं बस आवागमन की सही जानकारी देने हेतु केसीटीएसएल की बसों हेतु टोल फ्री आधारित कण्ट्रोल रूम की स्थापना का निर्णय लिया गया।
4. यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए एवं बस स्टेशन इत्यादि के विकास हेतु “यात्री सुविधा निधि” विकसित करने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया।
5. ३६ पुरानी बसों को नीलाम करने के लिए भी निर्णय लिये गये।
6. बैठक के दौरान निदेशक मण्डल को अवगत कराया गया कि केसीटीएसएल के लिए बेहतर स्लोगन प्राप्त करने हेतु एवं सुगम यातायात, पर्यावरण संरक्षण के साथ 2030 में कानपुर शहर की धारणा पर अवधारित दिनांक 25.12.2021 को अटल घाट पर प्रातः 10ः00-12ः00 बजे के मध्य चित्रकारी हेतु आयोजित प्रतियोगिता से अवगत कराया गया जिस पर निदेशक मण्डल द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी और सफल आयोजन की शुभकामनायें भी दी गयी।
7. निदेशक मण्डल को अवगत कराया गया कि केसीटीएसएल के लिए लोगो बनाये जाने की प्रतियोगिता हेतु दैनिक जागरण एवं टाइम्स ऑफ इण्डिया समाचार पत्रों में दिनांक 10.12.2021 को विज्ञापन प्रकाशित कराया जा चुका है। इस प्रतियोगिता की अन्तिम तिथि 05.01.2022 है तथा सफल प्रतियोगी को धनराशि रू0 11,000.00 से पुरस्कृत किया जाएगा।
8. निदेशक मण्डल द्वारा प्रबन्धक(संचालन/विषय विशेषज्ञ) की नियुक्ति के उपरान्त कोरोना काल के बाद संचालन प्रतिफलों की समीक्षा करने पर प्रतिफलों में सुधार पाये जाने पर (जून में 85 लाख प्रति माह से November में 1.20 करोड़ प्रति माह) प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मार्च 2022 तक लक्षित प्रतिफलों को प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया।
Read More »कौन फतह करेगा यूपी का चुनावी रण
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के विधान सभा चनावों का बिगुल बस बजने ही वाला है| सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं| एक ओर जहाँ जनता के बीच लोक लुभावन वादों और तोहफों की बरसात हो रही है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है| लक्ष्य सबका एक है कि सत्ता हर हाल में उन्हें ही मिले| हो भी क्यों न, आखिर राजनीति का उद्देश्य ही आज मात्र सत्ता सुख भोगना है| जन सेवा तो हो ही रही है| बस जन सेवा में निज सेवा की निष्पत्ति होनी चाहिए| 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव को बाहर का रास्ता दिखाते हुए भाजपा को 303 सीटें देकर भारी बहुमत से सत्ता सौंपी थी| भाजपा जहाँ पुनः यूपी की सत्ता चाहती है वहीँ सपा भी वापसी के लिए छटपटा रही है| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एक ओर यूपी के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं वहीँ दूसरी ओर योगी सरकार अनुपूरक बजट के बहाने जनता पर सौगातों की बौछार करने में लगी हुई है| निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजनों तथा वृद्धजनों की पेंशन 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की घोषणा हुई है| कुष्ठ रोगियों की पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह होने जा रही है| असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को अगले चार महीने तक 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिया जायेगा| महिलाओं को इलाज के लिए आयुष्मान भारत की राशि खर्च होने के बाद पांच लाख रुपये अतिरिक्त मिलेंगे| आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ने जा रहा है| 24 घण्टे बिजली देने के लिए 10 अरब की धनराशि पावर कारपोरेशन को दी गयी है| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी काशी कारीडोर का लोकार्पण कर चुके हैं| जल्द ही वह कानपुर में मेट्रों का लोकार्पण करने वाले हैं| चुनाव पूर्व ऐसी अनेक सरकारी परियोजनाओं की सौगात प्रदेशवासियों को मिलने वाली है| उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश भर में रेलियाँ कर रहे हैं, भाजपा की खामियां गिनाते हुए उसकी योजनाओं और परियोजनाओं को अपना बता रहे हैं| उन्होंने चाचा शिवपाल सिंह यादव को मनाकर समाजवादी पार्टी का प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ गठजोड़ कर लिया है| अब चाचा भतीजे मिलकर यूपी फतह करने निकलेंगे| बसपा और कांग्रेस भी भाजपा को सत्ताच्युत करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं| इस बार आम आदमी पार्टी भी यूपी में जमीन तलाश रही है| सांसद संजय सिंह बीते लगभग दो महीने में यूपी के अनेक दौरे कर चुके हैं| कांग्रेस लखीमपुर खीरी प्रकरण को उछालकर प्रदेश के किसानों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रही है| राहुल गाँधी ने सदन के अन्दर इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है तो प्रियंका गाँधी वाड्रा ने केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री अजय मिश्र उर्फ़ टेनी महाराज को कैबिनेट से निष्कासित न करने को मोदी सरकार का नैतिक दिवालियापन कहा है|
उत्तर प्रदेश की जनता का रुख तो चुनाव की घोषणा होने के बाद ही स्पष्ट समझ में आयेगा| परन्तु फ़िलहाल सपा और भाजपा में सीधी लड़ाई होती दिखाई दे रही है| अखिलेश यादव की जन सभाओं में उमड़ती भारी भीड़ देखकर भाजपा के रणनीतिकारों को पसीना आना स्वाभाविक है| कृषि बिल वापसी के बाद भी किसान भाजपा के साथ आते नहीं दिखाई दे रहे हैं| लखीमपुर खीरी प्रकरण की जाँच करने वाली पुलिस टीम द्वारा इसे सुनियोजित साजिश बताये जाने के बाद किसानो का एक बड़ा वर्ग भाजपा से दूरी बना रहा है| कांग्रेस द्वारा इस मामले में सरकार पर लगाये जाने वाले आरोपों से उसे और अधिक बल भी मिल रहा है| भाजपा को सम्भवता इस बात का अहसास भी है| इसीलिए वह अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है| उसके नेता किसानों को लेकर कोई भी बयान देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं| विभिन्न परियोजनाओं और लाभकारी घोषणाओं के द्वारा भाजपा लखीमपुर खीरी प्रकरण पर मिटटी डालने का हर सम्भव प्रयास कर रही है| प्रधानमन्त्री द्वारा काशी कारीडोर का लोकार्पण हो या गंगा एक्सप्रेस वे की आधारशिला रखना हो, कानपुर में मेट्रो का लोकार्पण हो या गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन हो| अथवा प्रयागराज में दो लाख महिला कर्मचारियों के कार्यक्रम में शिरकत करना हो| सबका मूल उद्देश्य यूपी फतह ही है| चुनाव सर पर आते ही चित्रकूट में हिन्दू एकता महाकुम्भ का आयोजन हिन्दुओं को समेटने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है| हालाकि राहुल गाँधी और अखिलेश यादव भी स्वयं को सबसे बड़ा हिन्दू सिद्ध करने में लगे हुए हैं| परन्तु इसका उन्हें शायद ही कोई लाभ मिले| अखिलेश यादव का शिवपाल सिंह के साथ आना उनके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है| क्योंकि शिवपाल सिंह यादव की पुरानी छवि अभी भी जनमानस के पटल पर बसी हुई है|
चुनाव की बयार में आरोप-प्रत्यारोप से लेकर लोक लुभावन घोषणाओं तक सब कुछ है परन्तु जो होना चाहिए वह दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता| कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है| लेकिन किसी भी दल की चुनावी घोषणाओं में इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है| यही वह मुद्दा था जिस पर सपा ने सत्ता गवायीं थी और भाजपा ने पायी थी| सन 2002 में मुलायम सिंह यादव् के मुख्यमन्त्री बनने के बाद से प्रदेश की कानून व्यवस्था जिस तरह बिगड़ी वह आज तक नहीं सँभल पायी| 2017 आते-आते प्रदेश में भ्रष्टाचार और अराजकता की सारी हदें पार हो चुकी थीं| सरकारी विभागों में खुलेआम लूट हो रही थी| बड़े-बड़े अपराधी पैसे के दम पर छूट जाते थे और निर्दोष गम्भीर धाराओं में सलाखों के पीछे पहुँचा दिये जाते थे| महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ सारे रिकार्ड तोड़ चुकी थीं| तब प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में प्रदेशवासियों को यह आश्वासन दिया था कि यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी| उनके इस आश्वासन से समाज का वह अन्तिम व्यक्ति भी आश्वस्त हुआ था जो जाति, सम्प्रदाय, दलगत राजनीति तथा लोक लुभावन घोषणा से सर्वथा परे रहकर मतदान करता है| चुनावी इतिहास साक्षी है कि सत्ता सदैव उसी को मिलती है जिसके पक्ष में यह आम नागरिक होता है| परन्तु दुर्भाग्य से आज 2021 पूरा होने तक उस आम आदमी को निराशा ही हाँथ लगी है| शिक्षा, सुरक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे आज भी हासिये पर हैं| ऐसे में आम जन अभी निर्णय नहीं कर पा रहा है कि वह किसके साथ खड़ा हो| क्योंकि इस समय जितने भी राजनीतिक दल चुनावी में समर में ताल ठोक रहे हैं उन सबका रिपोर्ट कार्ड आम आदमी के पास है| अतः फ़िलहाल यह कहना मुश्किल है कि यूपी का चुनावी रण कौन फतह करेगा|
Read More »डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र पत्रकार)
125/5ए, योगेन्द्र विहार, खाड़ेपुर, नौबस्ता, कानपुर नगर-208021.
मो.9450329314
निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिताआयोजित
कानपुर 16 दिसंबर निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । सौ मीटर दौड़,शटल दौड़ आदि का आयोजन हुआ। सौ मीटर दौड़ में प्रथम दुर्गेश नंदिनी, द्वितीय निकिता, तृतीय सानिया रही और शटल दौड़ में प्रथम निकिता, द्वितीय तनु और विद्यांशी ,तृतीय दुर्गेश नंदिनी रही ।
यह पूरा कार्यक्रम क्राइस्ट चर्च कालेज के प्राचार्य जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व के अंतर्गत संपन्न हुआ। वूमेन सेल की कनवीनर डाॅ शिप्रा श्रीवास्तव के दिशानिर्देश में कार्यक्रम का संचालन शक्ति मिशन प्रभारी डाॅ मीतकमल के द्वारा किया गया।डाॅ हिमांशू दीक्षित एवं देवेन्द्र ने विषेश सहयोग किया । बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप मे अनिरुद्ध,अंजली, शगुन, कांची, श्रेया, मांसी आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया ।10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस को भी एक चर्चा का आयोजन शक्ति मिशन के अंतर्गत किया गया जिसमें मुख्य वक्ता ज्योत्सनालाल एवं डाॅ विभा दीक्षित ने छात्रों को मानवाधिकारों के विषय पर जागरूक किया ।
रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पाद सशस्त्र बलों को सौंपे
रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पाद 14 दिसंबर, 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और रक्षा मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे विशेष सप्ताह के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे। उन्होंने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते भी सौंपे। इससे पहले डीआरडीओ ने ’भविष्य की तैयारी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा, इस तरह के सेमिनार से शीर्ष नेतृत्व का समागम और दुश्मन के खतरों का सामना करने के लिए एक आम रणनीति विकसित करने में मदद मिलती है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ’’जब हम एकीकरण और संयुक्तता की बात करते हैं, तो यह सिर्फ सरकार द्वारा की गई पहलों तक सीमित नहीं है। इसकी सफलता हमारे रक्षा बलों के शीर्ष नेतृत्व के समागम से हासिल करनी है। यह हमारे विरोधियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त रूप से हमारी क्षमताओं को बढ़ाने का एक प्रयास है।’’
उन्होंने कहा, ’’हम जिस एकीकरण की बात करते हैं, वह हमारे बलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब देश के हर संबंधित संगठन के बीच तालमेल भी है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डीआरडीओ के दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है जिससे यह न सिर्फ मौजूदा खतरों की गंभीरता को कम करने वाली प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी तरह की पहली प्रौद्योगिकी विकसित करने में भी जुटा है।
भारत को रक्षा विनिर्माण आधार और शुद्ध रक्षा निर्यातक का एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाने के मकसद को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ’’इसका मार्ग डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, निजी उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों के बीच सहयोग से होकर गुजरता है। निजी कंपनियों के साथ आज हुआ टीओटी यह दर्शाता है कि हम देश में एक मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार बनाने के लिए तैयार हैं जो न सिर्फ देश की रक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा बल्कि रक्षा उपकरणों के निर्यात से मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत और हाल ही में एक हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए, रक्षामंत्री ने कहा कि सीडीएस पद के सृजन के साथ-साथ तीनों सेनाओं के एकीकरण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। सैन्य मामलों का विभाग निर्बाध रूप से इस दिशा में आगे कार्य करता रहेगा बढ़ेंगे और जल्द से जल्द लक्ष्य को हासिल करना सरकार की प्राथमिकता होगी।
युद्ध में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास को एक ऐसी उन्नत तकनीक के रूप में विकसित करना होना चाहिए, जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
मिशन शक्ति को विकसित करने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कौशल का हवाला देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि डीआरडीओ स्मार्ट सामग्री, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आधारित सिस्टम, स्वार्म ड्रोन्स और एसिमेट्रिक वारफेयर आदि पर काम कर रहा है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आॅटोमेटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 74 फीसदी करने, ओएफबी का काॅरपोरेटाइजेशन, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों का निर्माण, रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 बनाने, घरेलू विनिर्माण आदि के लिए रक्षा वस्तुओं की सकारात्मक सूची लाने आदि जैसी अनेक नीतिगत सुधारों के माध्यम से सरकार ’मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के उद्देश्य को साकार करने के लिए संगठित तरीके से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करके हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत बनाना है।
सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पादों में एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और लाइट वेट फायर फाइटिंग सूट शामिल हैं। आने वाले ड्रोनों का पता लगाने, उन्हें रोकने और नष्ट करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर ड्रोन सिस्टम रक्षामंत्री द्वारा सीआईएससी को सौंपा गया।
उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवने को मॉड्यूलर ब्रिज भी सौंपा। आरएंडडीई (इंजीनियर्स) द्वारा विकसित मॉड्यूलर ब्रिज मिलिट्री लोड क्लास एमएलसी-70 का सिंगल स्पैन, मेकेनिकली लॉन्च किया गया असॉल्ट ब्रिज है, और इसे अलग-अलग स्पैन में लॉन्च किया जा सकता है।
रक्षामंत्री ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चैधरी को स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (एसएएडब्ल्यू), एक एयर लॉन्च, लॉन्ग-रेंज, स्टैंड-ऑफ, एयर-टू-सरफेस स्मार्ट बम सौंपा। एडवांस्ड चैफ के वेरिएंट नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार को सौंपे गए। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस), दिल्ली द्वारा विकसित स्ट्रक्चरल फायर फाइटिंग सूट गृह मंत्रालय के विशेष सचिव श्री वी एस के कौमुदी को सौंपा गया।
इस कार्यक्रम के दौरान तटीय सर्विलांस रडार, आटोमेटिक केमिकल एजेंट डिटेक्शन एंड अलार्म (एसीएडीए) और केमिकल एजेंट मॉनिटर (सीएएम), यूनिट रखरखाव वाहन, यूनिट मरम्मत वाहन, फ्यूज्ड सिलिका आधारित सिरेमिक कोर प्रौद्योगिकी और अग्नि शमन जेल नामक सिस्टम/प्रौद्योगिकी के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित सात प्रणालियों के एलएटीओटी दस्तावेज सौंपे गए।
मुख्य विशेषताएं:
- डीआरडीओ द्वारा विकसित पांच उत्पाद सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे गए
- सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते किए गए
इस अवसर पर सचिव, डीडीआरएंडडी और अध्यक्ष, डीआरडीओ डॉ जी सतीश रेड्डी, थलसेना, नौसेना और वायुसेना के उप प्रमुख, रक्षा और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
Read More »प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री किसान मान धन योजनान्तर्गत 60 वर्ष की आयु के बाद अंशदान करने वाले किसानों को देगी रूपये 3000 मासिक पेंशन
दिसंबर 14, भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई है, इसी परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना संचालित है, जिसके तहत 60 साल की उम्र के बाद किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान है। प्रदेश में संचालित इस योजना के अन्तर्गत 18 साल से 40 साल तक की उम्र का कोई भी किसान लाभ ले सकता है, जिसे उम्र के हिसाब से मासिक अंशदान करने पर 60 वर्ष की उम्र के बाद 3000 रूपये मासिक या 36000 रूपये सालाना पेंशन मिलेगी। इसके लिए अंशदान 55 रूपये से 200 रूपये तक मासिक है। अब तक इस योजना से लाखों किसान जुड़ चुके हैं। इस पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के अन्तर्गत 18 से 40 वर्ष तक की आयु के छोटी जोत वाले लघु एवं सीमान्त किसान हिस्सा ले सकते हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक ही खेती की जमीन है। इस योजना के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम 40 साल तक 55 रूपये से 200 रूपये तक मासिक अंशदान करना होगा, जो उनकी उम्र पर निर्भर है। अगर 18 साल की उम्र में किसान जुड़ते हैं तो मासिक अंशदान 55 रूपये या सालाना 660 रूपये होगा, वहीं अगर 40 की उम्र में जुड़ते हैं तो 200 रूपये महीना या 2400 रूपये सालाना योगदान करना होगा।
पीएम किसान मानधन योजनान्तर्गत जितना योगदान किसान का होगा, उसी धनराशि के बराबर योगदान सरकार भी पीएम किसान अकाउंट में करती है। यानी अगर किसान का योगदान 55 रूपये है तो सरकार भी 55 रूपये का योगदान करेगी। अगर कोई किसान बीच में स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा, उसके स्कीम छोड़ने तक जो पैसे जमा किये होंगे, उस पर बैंकों के सेविंग अकाउंट के बराबर का ब्याज मिलेगा। अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी रकम मिलती रहेगी।
पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड और खसरा-खतौनी की नकल ले जानी होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए 2 फोटो और बैंक की पासबुक की भी जरूरत होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को अलग से कोई भी फीस नहीं देनी होगी, रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान का किसान पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बनाया जाता है।
नेशनल पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (EPFO) जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में शामिल लघु और सीमांत किसान, ऐसे किसान जिन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है, या ऐसे किसान जिन्होंने श्रम और और रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है। ऐसे किसानों को इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान मानधन (पी0एम0-के0एम0वाई0) योजना के तहत वर्ष 2019-20 में प्रदेश के लघु एवुं सीमान्त कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रूप से पुरूष व महिला दोनों के लिए 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर रू0 3000 प्रति माह की यह सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना लागू की है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है। योजनान्तर्गत दिनांक 16.11.2021 तक 252256 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है, जिसमें पुरूष 74.00 प्रतिशत एवं महिला 26.00 प्रतिशत हैं। इस योजना में 18-25 आयु वर्ग के 23.60 प्रतिशत, 26-35 आयु वर्ग के 49.90 प्रतिशत तथा 36-40 आयु वर्ग के 26.40 प्रतिशत लाभार्थी हैं। वर्ष 2015-16 की कृषि गणना के अनुसार प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों की संख्या 221.10 लाख (92.80 प्रतिशत) है। किसानों की हितकारी प्रदेश सरकार किसानों को बुढ़ापे में पेंशन देकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मुहैया करा रही है।
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राज्य सूचना आयुक्त ने नगर निगम सभागार में विभाग के सूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
कानपुर 13 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने नगर निगम सभागार में विभाग के सूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अफसरों को समय से सूचना न देने पर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने चेतावनी दी कि समय से सूचना न देने पर कोई भी जनसूचना अधिकारी दंड से बच नहीं सकता। लापरवाही पर एक अपर नगर आयुक्त और एक सहायक नगर आयुक्त पर दंड अधिरोपित किया जा चुका है।
राज्य सूचना आयुक्त द्वारा समीक्षा बैठक में विभागों में लंबित वादों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी तथा आर0टी0आई0 एक्ट की जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचना को तीस दिन के अन्दर उपलब्ध कराना होता है। नगर निगम एक महत्वपूर्ण विभाग है। जनता के प्रति उसकी जवाबदेही किसी भी अन्य सरकारी विभाग से अधिक है। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा साफ-सफाई विकास कार्यो के साथ-साथ नगर वासियों को बेहतर स्वास्थ्य व बेहतर शिक्षा भी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है।
कानपुर नगर निगम का लगभग 700 करोड रूपये का सालाना बजट है। इस बजट से नगर निगम द्वारा साफ-सफाई, विकास कार्य, शिक्षा व स्वास्थ्य के कार्य किये जाते है। आर0टी0आई0 एक्ट सिस्टम में भ्रष्टाचार को समाप्त करने व कार्यो में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया था। आज की बैठक में नगर निगम के समस्त अपर नगर आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त व समस्त जन सूचना अधिकारियों को बुलाया गया था लेकिन बैठक में आधे से ज्यादा जन सूचना अधिकारी अनुपस्थित पाये गये। इस लापरवाही पर सूचना आयुक्त नाराज दिखे। उन्होंने बताया कि अभी हाल में आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को समय से सूचना उपलब्ध न कराने, पूर्ण सूचना उपलब्ध न कराने व गलत सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में नगर निगम के एक अपर नगर आयुक्त, एक सहायक नगर आयुक्त व आधा दर्जन से अधिक जन सूचना अधिकारियों पर दण्ड अधिरोपित किया गया है। लापरवाही पर आगे भी दंड अधिरोपित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे यह प्रतीत होता है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को गम्भीरता से नही लिया जाता है।
बैठक में नगर निगम के एक अधिकारी द्वारा यह स्वीकार किया गया कि विभाग में आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को गम्भीरता से नही लिया जाता है। सूचनाओं के प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण हेतु नगर निगम में मासिक समीक्षा बैठक होनी चाहिये।
बैठक में अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता और सहायक नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी भी उपस्थित थीं।
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खुद को जानना हो तो अकेले में जानें
”अकेले मे हम वो होते हैं जो हम असल में होते है”इन्सान वही है जो बाहर और अंदर से एक ही हो।खुद को जानना हो तो अकेले में जानें।तब अपने दिल दिमाग़ और विचारों को ध्यान दे और देखे,क्या वाक़ई में हम वो दिखाई देते हैं जो हम असल में हैं।कई बार सामाज और वक़्त के साथ चलने की चाह में हम असलीयत से कोसो दूर हो जाते है।
अकेलापन अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, मगर बहुत लोग अकेलेपन से घबराते भी हैं।सोच अपनी अपनी है।अकेलेपन मे या तो हम उदास ग़ुस्सा या डिप्रेशन में चले जाये और अपने किये फ़ैसलों पर रोये या पछताये।
कई बार सारी उम्र ज़िम्मेदारियों को निभाते निभाते हम ख़ुद को वक़्त ही नहीं दे पाते।यही तो वक़्त होता है जब हम कुछ नया करें नया सोचें,खुद को पहचाने,खुद को निखारे।कहते है “अकेलेपन और ख़ाली मन “शैतान का घर होता है बस हमें वही नहीं होने देना।हमे यहाँ पर इक कड़ी नज़र रखनी है “इक पैनी नज़र”
दोस्तों ये ज़रूरी नहीं कि हम किसी की मदद पैसों से ही कर सकते है।किसी की बात सुनना ,हौसला देना और कई बार हमारी दी गई सलाह दूसरे की ज़िन्दगी का मुख ही मोड़
कर रख देती हैं।
दोस्तों ! इक आंटी शायद उनकी उम्र लगभग 70 के आसपास रही होगी।मैं हालाँकि उनको जानती नहीं थी मगर अक्सर पार्क में देखा करती थी।कई बार मैंने उन्हें अपने दुपट्टे से अपनी आँखों की कोरो को साफ़ करते देखा था।उनको ऐसे देख कर,मैं घर जा कर भी बेचैनै रहती। इक रोज़ मैं पार्क में सैर कर रही थी तो आंटी को बैंच पर बैठे देखा,रोज़ की तरह उतरा सा चेहरा,जैसे रात भर सोई ही न हो।बाल भी ढंग से नहीं बनाये हुए और आज आँसुओं को दुपट्टे से छुपाने की भरसक कोशिश भी उनकी नाकाम हो रही थी।शाम हो चुकी थी और अन्धेरा भी बढ़ रहा था मैं खुद को रोक न पाई और उनके पास धीरे से बैठ कर पूछ ही लिया। क्या आप ठीक है? पहले तो वो थोड़ा हिचकिचाई ,फिर मेरी तरफ़ देख कर कहने लगी !अब क्या बताऊँ तुम्हें।तीन बेटे हैं मेरे।तीनों को मुश्किलों से पढ़ा कर शादी भी कर दी।दो तो पहले से ही अलग रह रहे है।जब कभी पार्टी वारटी पर जाना होता है तो ले जाते हैं अपने घर बच्चों की देख रेख के लिये।इसी बहाने से मैं अपने पोता पोती को मिल पाती हूँ।मैं छोटे बेटे बहू के साथ रहती हूँ ।जब बच्चे ऊँचा नीचा या ग़लत बोलते हैं तो मन बहुत दुखी होता है।हर वक़्त लड़ाई कलह में जरा भी सकून नहीं मिलता।ये बेटा बहू भी अब अलग रहने चाहते हैं और वो कहती जा रही थी ,पति की मौत बहुत साल पहले हो चुकी थी ।अब पैंशन पर गुज़ारा कर रही हूँ।
जैसे ही मैंने उनका हाथ अपने हाथ में लिया वो मेरे गले लग कर बच्चों की तरह रोने लगी।उस वक़्त दिल तो मेरा भी भर आया कि इक माँ का हृदय कितना विशाल होता है।कैसे बच्चों की गलती को माफ़ कर देती है।माँ जो ज़िन्दगी की सारी ज़िम्मेदारी पूरी कर के इक थोड़ा सा सकून ही तो चाह रही है।जब माँ बाप को सबसे ज़्यादा ज़रूरत बच्चों की होती हैं ,तो कैसे वो ऐसा बर्ताव कर सकते है।क्या वो भूल जाते कि इक दिन वो भी बुजुर्ग होंगे, उन्हें भी इक दिन ऐसे ही अपने बच्चों का सहारा चाहिए होगा।
मैंने कहा आंटी आप कयूं सह रहे हो ये सब।कह दीजिये बेटे से कि वो अलग से घर ले ले। कहने लगी मैं अकेले नहीं रह सकती।कैसे काटूँगी ज़िन्दगी।मैंने कहा आप कब तक दूसरे का सोचेंगी ,अब अपने लिए सोंचे।अगर आप खुद अपनी इज़्ज़त करोगे तो सब भी आपकी इज़्ज़त करेंगे।मैंने कहा !आप का घर तो है।पैशन लगी हुई है।तो क्यों नहीं किसी को किराए पर रख लेती।आमदनी भी हो जायेगी और आप को अकेलापन भी नहीं लगेगा।उस दिन तो वो अपने घर चली गई मगर मै उनसे मिलने के बहाने हर रोज़ सैर पर जाने लगी और इस तरह मेरे बहुत समझाने पर उन्होंने अपना मन बना लिया और बेटे से कह दिया कि वो अलग हो सकता है।फिर एक पति पत्नी और उनकी बच्ची को ,दो कमरे किराये पर दे दिये।इस तरह दिन पर दिन महीने निकलते गये।इस दौरान मैं अपनी ज़िन्दगी मे व्यस्त हो गई।इक रोज़ मैं आंटी के घर उनसे मिलने चली गई।आंटी मुझे देख बहुत ख़ुश हुई।गले लगा कर कहने लगी ! तुम्हारी बात मान कर अब ज़िन्दगी को बड़ी सकून से जी रही हूँ।रोज मन्दिर चली जाती हूँ।वहाँ कितनी सहेलियाँ बन गई हैं।सब हंसते है योगा करते है।आंटी को यूँ ख़ुश देख कर मन को सकून मिल रहा था।वो कहती जा रही थी !अब बेटे भी आ जाते है मिलने कभी कभार।बहू भी खुश है।मैंने कहा आंटी कभी कभी अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमने चले ज़ाया करे इससे आपकी रोज सैर भी हो ज़ाया करेंगी।मुझे यक़ीन नही था वो ऐसा कर पायेंगी,मगर वो करने लगी।मैंने उनमे इक शक्ति का आवाहन होते हुये देखा।बताने लगी कि मुझे लगता है जैसे मैं फिर से जवान हो गई हूँ और शरीर से भी मज़बूत महसूस करती हूँ क्योंकि अब मुझे पता हैं कि सब मुझे ही करना है।
दोस्तों आंटी को भी अकेलापन मिला।वो चाहती तो उदास बीमार या डिप्रेशन मे चली जाती,मगर सोच पाजीटिव होने की वजह से ज़िन्दगी को अच्छे ढंग से जी रही थी।
दोस्तों मेरी कहानी की पात्र “आंटी वास्तविक मे शक्तिशाली मानसिकता वाली औरत थी”मगर हालातो ने उन्हें कमजोर बना दिया था।थोड़ी हिम्मत की और तो
अब सकून से ज़िन्दगी जी रही है।
यही है जीवन दोस्तों!
मुश्किलें तो आती है घबराये नही,रास्ता ढूँढे ,अगर सोच बुलन्द है तो वजूद पर भी इसका असर ज़रूर होता है।खुद को बदलना हमारे ही हाथ में है।खुद को बदल कर हालात ही बदल डालें मगर 🙏”बदलाव” बशर्ते पाजीटिव ही हो। *स्मिता
मुद्दा
चुनाव जिन मुद्दों पर लड़े जाते हैं वो मुद्दे सत्ता में आने के बाद ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। आज धर्म को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी फसलें लहलहाई जाती है और मंहगाई, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कई मूलभूत मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यूं भी सत्ता हासिल करने के लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया जाता है।
धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं सभी दल आश्वासनों का लालीपॉप लेकर जनता को लुभाने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। फिर चाहे वह पेट्रोल के दाम कम किए गए हो या कृषि कानून को वापस लेना हो दल कोई भी हो मगर कोई भी दल मंहगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार जैसे मुद्दे पर बात नहीं कर रही है। सरकारों द्वारा किये गए पुराने वादे ही अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। नोटबंदी करके काला धन कहां जमा हो गया अभी तक उसका खुलासा नहीं हुआ। साल में दो करोड़ रोजगार देने की वादा खोखला साबित हुआ। सड़कें, यातायात व्यवस्था, रेलवे, शिक्षा ऐसे कई मूलभूत मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नोटबंदी के वक्त बहुतेरे परिवार बिखर गए, कैशलैस इकोनामी के चक्कर में दिहाड़ी और छोटे व्यापारियों के हाल हो गये। कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था सही ना होने के कारण उसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा। निजीकरण द्वारा ही समस्याओं का समाधान क्या एकमात्र विकल्प है?
2014 के पहले जो दल डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम, गैस के बढ़ते दामों को लेकर, खाद्य पदार्थ के बढ़ते दाम दामों को लेकर बहुत मुखर था आज इन्हीं मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है। आज महिला सुरक्षा की बात नहीं की जाती, गिरता रूपया, जीडीपी पर कोई बहस नहीं होती। 2014 के पहले की सरकारें भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़तीं थी लेकिन सत्ता में आने के बाद वो ठंडे बस्ते में चली जाती थीं। आखिर ये दल चुनाव के समय ही क्यों सक्रिय होते हैं और क्यों जनता का विश्वास जीत कर उन्हें “वोट” बनाने पर तुले रहते हैं। क्या ये जरूरी नहीं कि राजनीति के साथ जनता की समस्याओं का भी समाधान हो? आम आदमी परेशान है और उसे विकल्प चाहिए ताकि उनकी जरूरतों और समस्याओं का निदान हो सके।
:# प्रियंका वर्मा महेश्वरी
Read More »दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता आयोजित
लखनऊ, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ. अर्चना राजन (सड़क सुरक्षा नोडल अधिकारी ,लखनऊ संभाग ) की अध्यक्षता एवं डॉ नेहा जैन (महाविद्यालय नोडल अधिकारी सड़क सुरक्षा ), डॉ. पीके मौर्य , डॉ. रिचा पांडे, डॉ.साधना सिंह यादव, डॉ. निशी मिश्रा के कुशल निर्देशन में लखनऊ संभाग स्तरीय कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया l कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉ.जी .एस. गुप्ता ,सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय ,हरख बाराबंकी ,डॉ.मीनू सक्सेना, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय गोसाई खेड़ा, उन्नाव ,डॉ .मीना श्रीवास्तव ,पूर्व प्राचार्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ ,एवं डॉ वीणा गोपाल प्राचार्य भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी उपस्थित रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ में मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन हुआ इसके उपरांत कविता प्रतियोगिता प्रारंभ की गई जिसमें प्रथम स्थान पर राजकिशोर ,राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोसाई खेड़ा ,द्वितीय स्थान पर गरिमा सिंह, नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ एवं तृतीय स्थान पर स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी रही ! पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आरती प्रजापति ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ , द्वितीय स्थान प्रीति आर.एम.पी .जी कॉलेज सीतापुर एवं प्रिया गुप्ता ,नवयुग कन्या पीजी कॉलेज लखनऊ ने प्राप्त किया l सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता में प्रथम धीरज मिश्रा ,आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग महाविद्यालय सीतापुर, द्वितीय पियूष शुक्ला, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदोई एवं तृतीय स्थान स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी ने प्राप्त किया ! इन प्रतियोगिताओं में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों ने सहभागिता की जिसमें प्रमुख रुप से भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी lमहाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,हरदोई l इंदिरा गांधी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बांगरमऊ, उन्नाव l पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ ! नेशनल पीजी कॉलेज ,लखनऊ ! नवयुग कन्या महाविद्यालय ,लखनऊ! आर. एम. पी. जी .कॉलेज, सीतापुरl आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर, महाराजाबिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ , नारीशिक्षा निकेतन महाविद्यालय, लखनऊ !कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों गणमान्य प्राध्यापकों ने सहभागिता की! कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए डॉ नेहा जैन ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं आए हुए आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया ! कार्यक्रम की अगली कड़ी में पवन कुमार मौर्या जी ने सड़क सुरक्षा पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना, रेंजर एवं नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गठित एक्टिविटी क्लब के माध्यम से महाविद्यालय में सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित कार्यक्रमों की आख्या प्रस्तुत की ! विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. मीना श्रीवास्तव जी ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली क्षति और सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों की सार्थकता तभी है जब हम इन के माध्यम से दिए जा रहे संदेशों को अपने जीवन में अमल में लाएं l विशिष्ट अतिथि के रुप के रूप में उपस्थित डॉ.जी .एस .गुप्ता जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए समाज में जागरूक नागरिक बनने के लिए तमाम जानकारियों को अपने व्यवहार में और अभ्यास में शामिल करने की अपील ! महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ.अर्चना राजन ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए यह बताया कि इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से चयनित छात्र छात्राएं अपने जनपद में सड़क सुरक्षा की जानकारी से संबंधित एक ब्रांड एंबेस्डर के रूप में है और उन्हें समाज में अपने दायित्वों को पूरा करना है, वह स्वयं और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें कि किस प्रकार सावधानियां रखते हुए हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और समाज को भी बचा सकते हैं! कार्यक्रम के अंत में डॉ .पवन कुमार मौर्या ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया! कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य , छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे!
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