Breaking News

युवा जगत

पहली बार, भारत के आठ सागर तटों को प्रतिष्ठित “ब्लू फ्लैग अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल” दिए जाने की सिफारिश

अंतरराष्ट्रीय सागर तट स्वच्छता दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री ने एक आभासी कार्यक्रम में घोषणा की कि पहली बार भारत के आठ सागर तटों की प्रतिष्ठित “अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणपत्र” के लिए सिफारिश की गई है ।

IMG_4483.JPG

प्रमुख पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों की एक स्वतंत्र राष्ट्रीय ज्यूरी ने यह सिफारिश की है। “ब्लू फ्लैग सागर तट” विश्व के सबसे स्वच्छ सागर तट माने जाते हैं। ये आठ सागर तट हैं -गुजरात का शिवराजपुर तट, दमण एवं दीव का घोघला तट, कर्नाटक का कासरगोड बीच और पदुबिरदी बीच, केरल का कप्पड बीच, आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा बीच, ओडिशा का गोल्डन बीच और अंडमान निकोबार का राधानगर बीच।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर, संसद के मौजूदा सत्र के जारी रहने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार देश भर के सागर तटों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तटवर्ती इलाकों के स्वच्छ सागर तट स्वच्छ पर्यावरण के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री कचरा और तेल के बिखरने से समुद्री जीव जंतुओं का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और भारत सरकार सागर तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए महती प्रयास कर रही है।

इस कार्यक्रम में भारत के अपने ईको लेबल “बीम्स” का भी शुभारंभ किया गया और इसके लिए इन आठों सागर तटों पर एक साथ -#IAMSAVINGMYBEACH नाम का ई ध्वज लहराया गया। सीकॉम और मंत्रालय ने तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के उद्देश्य से तैयार अपनी नीतियों को आगे बढ़ने के लक्ष्य को तेकर अपने समन्वित तटीय प्रबंधन परियोजना (आईसीजेडएम) के अंतर्गत एक उच्च गुणवत्ता वाला कार्यक्रम “बीम्स” (तटीय पर्यावरण एवं सुरुचिपूर्ण प्रबंधन सेवा) शुरू किया है। यह परियोजना आईसीजेडएम की कई अन्य परियोजनाओं में से एक परियोजना है जिसे भारत सरकार तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए लागू कर रही है ताकि वैश्विक रूप से मान्य प्रतिष्ठित ईको लेबल ब्लू फ्लैग को हासिल किया जा सके।

यह ध्वज लहराने का कार्यक्रम मंत्रालय द्वारा आठ सागर तटों पर आभासी तरीके से तो संबद्ध राज्य सरकारों अथवा केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों अथवा बीच प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों द्वारा स्वयं उपस्थित होकर किया गया।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण सचिव श्री आर पी गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सागर तटों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से ही उच्च मानक तय किए गए हैं और अगले चार से पांच वर्ष में 100 अन्य सागर तटों को पूरी तरह स्वच्छ बना दिया जाएगा।

एक वीडियो संदेश में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक श्री जुनैद खान ने अपने सागर तटों को स्वच्छ बनाने के प्रयासों के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत की तटवर्ती इलाकों के प्रबंधन की सतत रणनीति क्षेत्र के अन्य देशों के लिए प्रकाशस्तंभ साबित होगी।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने समग्र तटवर्ती क्षेत्र प्रबंधन के माध्यम से तटवर्ती क्षेत्र और सागर की ईको व्यवस्था की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक समग्र तटीय प्रबंधन व्यवस्था शुरू की है जिसमें वह अपने सीकॉम विंग के माध्यम से एक परस्पर संपर्क, गतिशीलता, बहु अनुशासन और पुनरावृत्तिमूलक प्रक्रिया से तटीय इलाकों के सतत विकास और प्रबंधन को बढ़ावा देता है।

आईसीजेडएम की परिकल्पना 1992 में रियो दि जनेरियो में हुए पृथ्वी सम्मेलन के दौरान पेश की गई थी अब विश्व के लगभग सभी तटवर्ती देश अपने तटों के प्रबंधन का काम आईसीजेडएम के सिद्धांतों के अनुसार करते हैं। अतः अपने तटीय क्षेत्र के प्रबंधन और सतत विकास के लिए आईसीजेडएम के सिद्धांतों के पालन से भारत को इस अंतरराष्ट्रीय समझौते के प्रति व्यक्त प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलती है।

बीम्स कार्यक्रम का उद्देश्य तटवर्ती क्षेत्र के जल को प्रदूषित होने से बचाना, तटों पर समस्त सुविधाओं का सतत विकास, तटीय ईको व्यवस्था और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण करने के साथ साथ स्थानीय प्रशासन और अन्य भागीदारों को बीच की स्वच्छता और वहां आने वालों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का तटीय पर्यावरण और नियमों के अनुसार पालन सुनिश्चित करने को प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य प्रकृति के साथ पूर्ण तादात्म्य बनाकर तटीय मनोरंजन का विकास करना है। अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस 1986 में शुरू हुआ था, जब लिंडा मरानिस की सागर संरक्षण के मामले को लेकर कैथी ओ हारा से मुलाकात हुई थी। ओ हारा ने तभी एक रिपोर्ट” प्लास्टिक इन दि ओशन: मोर दैन ए लिटिल प्राब्लम” पूरी की थी। ये दोनों इसके बाद अन्य सागर प्रेमियों के संपर्क में आईं और उन्होंने “क्लीन अप फार ओशन कंजर्वैंसी” का आयोजन किया। इस पहले क्लीन अप में 2,800 स्वयंसेवियों ने भाग लिया। उसी समय से ये क्लीन अप सौ से अधिक देशों में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया।

Read More »

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – सशक्त भारत की दिशा में सकारात्मक कदम

सामाजिक, सांस्कृतिक संस्था इंडियन थिन्कर सोसायटी एवं ब्रह्मानंद कॉलेज कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 27 अगस्त 2020 को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया l डॉ. पी. के. कौल एवं श्री बलराम नरूला जी के संरक्षण में आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कार्यकर्ता ममता द्वारा सरस्वती वंदना के गायन से हुआ l कार्यक्रम की संयोजिका क्राइस्ट चर्च कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीतकमल के कुशल संचालन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय सचिव. एवं प्रखर वक्ता माननीय श्रीहरि बोरकर जी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे l ब्रह्मानंद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विवेक द्विवेदी ने श्रीहरि बोरकर जी का स्वागत करते हुए उनका संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया l ब्रह्मानंद कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर एवं संगोष्ठी की
कनविनर डॉ. अर्चना पांडेय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था अति प्राचीन है l वैदिक शिक्षा, बौद्ध कालीन शिक्षा, मध्यकालीन शिक्षा, आधुनिक शिक्षा एवं स्वतंत्रता के उपरान्त की शिक्षा व्यवस्था में समय समय पर परिवर्तन होते रहे हैं l राष्ट्र के विकास में शिक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए विभिन्न आयोग, समिति, नीति लागू की गयी l 1986 की दूसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 24 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद वर्तमान सरकार ने 2020 में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की l मुख्य वक्ता श्री बोरकर जी ने बताया कि भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था है जिसमें 1000 से अधिक विश्वविद्यालय, 50000 से अधिक कॉलेज, 14 लाख स्कूल और 33 करोड़ विधार्थी शामिल हैं l इस नयी शिक्षा नीति से सशक्त, समृद्ध, विकसित भारत का निर्माण होगा l इसमें 10+2 के पुराने फोरमेट के स्थान पर 5+3+3+4 की नयी व्यवस्था लागू की जाएगी l विषय को रूचिकर, रोजगारपरक, व्यावसायिक एवं आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा l इस एतिहासिक नीति से भारत पुनः विश्व गुरु का स्थान प्राप्त करेगा l कोकनविनर डॉ. इन्द्रेश शुक्ला ने प्रतिभागियों के प्रश्न उत्तर के सत्र का संचालन किया l कोआर्डिनेटर डॉ. देवेन्द्र कुमार अवस्थी ने भी अपने विचार रखे। श्री विनोद चंद्र जी एवं शिक्षाविद् डॉ. अरविंद पाण्डेय की उपस्थित ने संगोष्ठी को गरिमा प्रदान की l आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन ITS के सचिव श्री यू. सी. दीक्षित ने किया I

Read More »

भारत में कोविड-19 से एक ही दिन में अब तक सबसे अधिक 63,631 मरीज हुए ठीक

भारत में कल कोविड-19 संक्रमण के दैनिक परीक्षणों ने 10 लाख 23 हजार का नया  शिखर पार कर लिया है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत ने पिछले 24 घंटों में अब तक एक ही दिन में सबसे अधिक 63,631 मरीजों के ठीक होने का रिकॉर्ड दर्ज करते हुए इस दिशा में एक और उपलब्धि हासिल की है।

कोविड-19 रोगियों के इस तरह अधिक संख्या में ठीक होने के साथ अस्पतालों से छुट्टी मिलने और घरों में आइसोलेशन (हल्के और मध्यम मामलों में) से उबरने से इस बीमारी से ठीक होने की दर बढ़कर 74.69% तक पहुंच गई है। इस कारण मृत्यु दर (केस फटेलिटी रेट) में भी गिरावट आई है जो आज एक नए निम्नतर स्तर 1.87% पर आ गई है।

भारत में इस बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर इसके मौजूदा सक्रिय मामलों (6,97,330) से 15 लाख से अधिक हो गई है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने की रिकॉर्ड दर ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि देश पर कोविड-19 का वास्तविक केसलोड यानी इसके सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आई है और वर्तमान में यह कुल पॉजिटिव मामलों में से केवल 23.43% हैं। कोविड-19 मरीजों का समय-समय पर और कुशल नैदानिक ​​उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ आक्रामक तथा व्यापक स्तर पर परीक्षण,व्यापक निगरानी और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के जरिए नए मामलों की प्रारंभिक पहचान हो जाने से इस बीमारी ठीक होने की दर में तेजी सुनिश्चित हुई है। संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी और इससे मरने वालों की संख्या में आ रही कमी से यह साफ है कि भारत के क्रमबद्ध और सक्रिय कार्यनीति ने वास्तव में नतीजे देना शुरू कर दिया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0019R5S.png

देश में देखभाल के दृष्टिकोण की निरंतरता, आक्रामक तरीके से तेज परीक्षण की नीति, व्यापक तौर पर संक्रमण का पता लगाने और कुशलता से उपचार, प्रभावी निगरानी और घर-घर संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिससे कोविड-19 के संक्रमण मामलों की शीघ्र पहचान हुई है। हल्के और मध्यम मामलों में मरीजों का इलाज उनके घर पर ही उन्हें आइसोलेशन में रखकर डॉक्टरों की उचित निगरानी में किया जाता है। देखभाल के दृष्टिकोण के समग्र मानक के आधार पर मानकीकृत नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार,गंभीर और अति गंभीर रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती है।

Read More »

क्राइस्ट चर्च कालेज कानपुर एवं इंडियन थिंकर सोसाइटी ITS के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेबीनार आयोजन में पोलीसाईकलिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन( PAHs) के पर्यावरण पर प्रभाव विषय पर चर्चा

सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक संस्था इंडियन थिंकर सोसाइटी ITS एवं रसायन विज्ञान विभाग क्राइस्ट चर्च कालेज कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनाँक 19 अगस्त 2020 को एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें पोलीसाईकलिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन( PAHs)
के पर्यावरण पर प्रभाव विषय पर चर्चा हुयीं l

मुख्य वक्ताओं में डॉ. देवेन्द्र अवस्थी, ज. न. पी. जी. कॉलेज लखनऊ के रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष और भीम राव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अप्लाइड साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजनी तिवारी ने अपने विचारों से अवगत कराया l क्राइस्ट चर्च कॉलेज के संरक्षक रेवनर सैमुअल पाल एवं ITS के संरक्षक श्री बलराम नरुला जी ने अपने विचार रखे l प्राचार्य डॉ. जोसेफ डेनियल के संबोधन के उपरान्त ITS के अध्यक्ष प्रो. पी. एन. कौल ने सभी का स्वागत किया I डॉ. श्वेता चंद द्वारा प्रार्थना प्रस्तुत की गयी I संगोष्ठी की कनविनर डॉ. मीत कमल द्विवेदी ने विषय प्रवर्तन किया l डॉ. सुधीर गुप्ता विभागाध्यक्ष ने मुख्य वक़्ता डॉ. देवेन्द्र अवस्थी का संक्षिप्त परिचय दिया l ब्रह्मानंद कॉलेज कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर एवं संगोष्ठी की आयोजक सचिव डॉ. अर्चना पांडेय ने डॉ. अंजनी तिवारी जी का परिचय प्रस्तुत किया l डॉ. अवस्थी ने बताया कि PAHs से वायु प्रदूषित हो रही है l शहरी क्षेत्र में PAHs का स्तर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में दस गुना अधिक है I USA में कुछ पेयजल आपूर्ति में PAHs के निम्न स्तर पाए जाते हैं l डॉ. अंजनी तिवारी जी ने बताया कि पोलीसाईकलिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन PAHs तम्बाकू के धुएँ, चिमनियों से निकलने वाले धुएँ में पाए बहुतायत मात्रा में होते हैं जो प्रदूषण बढ़ाते हैं I PAHs रसायनों का एक समूह है जो प्राकृतिक रूप से कोयले, कच्चे तेल, गैसोलीन में होते हैं जो हवा, पानी और मिट्टी सभी को प्रभावित एवं प्रदूषित करते हैं जिनके बहुत दिनों तक संपर्क में आने से कैंसर जैसी बीमारियों की संभावना हो सकती है l धूम्रपान करने वालों को इससे सर्वाधिक खतरा रहता है l संगोष्ठी में पूर्व प्राचार्य डॉ. अरविंद पांडेय एवं डॉ. अनन्दिता भट्टाचार्य ने भी अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज की l अन्त में इंडियन
थिंकर सोसाइटी के सचिव श्री यू. सी. दीक्षित ने सभी को धन्यावाद देते हुए आभार व्यक्त किया l इस वेबीनार में स्थानीय एवं सुदूर क्षेत्र के 675 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की l

Read More »

एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज द्वारा “आई.सी.टी. टूल्स इन ऑनलाइन टीचिंग एण्ड एसेसमेंट” विषय पर सात दिवसीय “फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम” का शुभारंभ

आज दिनांक 13/08/2020 को शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज द्वारा “आई.सी.टी. टूल्स इन ऑनलाइन टीचिंग एण्ड एसेसमेंट” विषय पर एक सात दिवसीय “फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम” का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अपराह्न 3 बजे ज़ूम ऐप पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल द्वारा किया गया।प्राचार्या ने मुख्य अतिथि, रिसोर्स पर्सन्स एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, इस प्रकार के कार्यक्रम समय की आवश्यकता हैं, ताकि शिक्षकों और विद्यार्थियों को अॉनलाइन शिक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि, यह एफ. डी.पी. इस दिशा में सहायक और सफल सिद्ध हो।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री शुभ्रो सेन ने कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं तथा आशा व्यक्त की कि, यह एफ.डी.पी. शिक्षण की गुणवत्ता को प्रभावकारी बनाने के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा प्रक्रिया में रुचि विकसित कर सके।
सम्पूर्ण राज्य के 75 से अधिक शिक्षक तथा विद्यार्थी इस एफ. डी.पी. में प्रतिभाग ले रहें हैं।
कार्यक्रम संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया। साथ ही एफ.डी.पी. में संयोजन समिति की सदस्या कु. ऋचा सिंह, श्रीमती प्रीति साहू एवं डाॅ. निशा सिंह उपस्थित रहीं।

                           

Read More »

एमएसएमई क्षेत्र और बुनियादी ढांचा में अंतर्राष्ट्रीय निवेश बढ़ाने का नितिन गडकरी ने किया आह्वान

     केन्द्रीय सड़क परिवन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और निकायों से भारतीय राजमार्गों और एमएसएमई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया है। यह दोनों क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास ईंजन है। आज सड़क बुनियादी ढांचा और एमएसएमई में व्यापार निवेश और सहयोग पर इंडो-ऑस्ट्रेलियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स और वोमेनोवेटर को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया पहले से ही सड़क सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। इस सहयोग ने जनता के लिए बेहतर डिजाइन और जागरूकता के अवसर उपलब्ध कराए हैं। भारतीय सड़क सुरक्षा आकलन कार्यक्रम के तहत 21,000 किलोमीटर लम्बी सड़कों का आकलन किया गया है और लगभग 3,000 किलोमीटर लम्बी सड़कों का तकनीकी उन्नयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क इंजीनियरिंग और सार्वजनिक जागरूकता में बढ़ोतरी से यह सुधार आया है। अनुमान है कि इन उन्नयन कार्यक्रमों से सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत कमी आएगी। श्री गडकरी ने यह भी बताया कि हमारा उद्देश्य 2030 तक शून्य सड़क मृत्यु दर अर्जित करना है। श्री नितिन गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अनेक पहल की हैं। विश्व बैंक और एडीबी ने इस अभियान के लिए 7000-7000 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता और शिक्षा, आपातकालीन सेवाओं में सुधार, चिकित्सा बीमा पर जोर, अधिक से अधिक अस्पताल आदि उपलब्ध करा कर देश अपने सड़क सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने के करीब पहुंच रहा है। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम, 2019 का उल्लेख किया, जो देश में परिवहन क्षेत्र के सभी पहलुओं के लिए एक व्यापक कानून है।

     उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए गांव, कृषि और जनजातीये क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसएमई एक ऐसा क्षेत्र है जो आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बुनियादी ढांचे और बीमा क्षेत्रों में निवेश खोल दिया गया है क्योंकि बीमा, पेंशन और शेयर अर्थव्यवस्थाओं में बड़े अवसर मौजूद है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई जल्दी ही पूंजी बाजार में प्रवेश करने वाली है।

     ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री श्री माइकल मेककॉर्मेक ने इस अवसर पर भारतीय सड़क क्षेत्र के विकास और प्रगति, विशेष रूप से सड़क सुरक्षा क्षेत्र में भागीदारी करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की गहरी दिलचस्पी व्यक्त की। उन्होंने विशेष रूप से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उनके देश द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में मजबूत संबंध है। इससे पहले इतने मजबूत संबंध कभी नहीं रहे। इन संबंधों में व्यापक रूप से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बुनियादी ढांचा निर्माण पर जोर दिया और कहा कि कोविड-19 पर काबू पाने का एक तरीका बुनियादी ढांचे का निर्माण करना भी है।

Read More »

आईआईए के स्थापना दिवस के अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि आईआईए के संस्थापक डॉ. वेणु बापू के उत्साह को बरकरार रखने के लिए युवाओं के विचारों को अनुभव के साथ जोड़ा जा सकता है

भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान (आईआईए) ने अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया, जिसमें गणमान्य व्यक्तियों ने युवा लोगों के नए विचारों को पिछले पांच दशकों में अर्जित ज्ञान और अनुभव के साथ जोड़कर इस संस्थान के संस्थापक डॉ. वेणु बापू की ऊर्जा और उत्साह को बरकरार रखने की जरूरत पर जोर दिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003MY8S.jpg

इस वैज्ञानिक संस्थान की यात्रा का यह 50वां वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे डॉ. वेणु बापू के महान दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था। यह अब विज्ञान और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के पुनर्निर्माण के चरण में है और आज इन्हीं के कद के और अधिक मार्गदर्शकों की जरूरत है। इस संस्थान की प्रारंभिक ऊर्जा और उत्साह पांच दशकों में अर्जित ज्ञान और अनुभव से समृद्ध हो गई है। आईआईए की स्थापना के 50वें वर्ष के समारोह का उद्घाटन करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ युवाओं और नए विचारों के मिश्रण के साथ इस ऊर्जा को बरकरार रखना ही आगे बढ़ने का रास्ता है। आईआईए ने गुणवत्तायुक्त मानव संसाधनों, बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और पर्यवेक्षीय खगोल विज्ञान और गहन विज्ञान उपलब्ध कराने के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है। यह संस्थान सही संसाधनों और दृष्टिकोण के साथ प्रगति करके नई ऊंचाइयों की और बढ़ना जारी रखेगा।  

आईआईए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार का एक स्वायत संस्थान है। इस संस्थान का स्थापना दिवस ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से मनाया गया, जिसमें स्थापना दिवस व्याख्यान, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन द्वारा दिया गया। आधुनिक भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान की स्थापना में योगदान देने वाले डॉ. मनाली कल्लात वेणु बापू के जन्मदिन को यह संस्थान अपने स्थापना दिवस के रूप में मनाता है। इस वर्ष के स्थापना दिवस के साथ इस संस्थान ने अपने अस्तित्व के 50वें वर्ष में प्रवेश किया है।

आईआईए की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन, प्रो. अविनाश सी. पांडे ने संस्थान के छात्रों द्वारा तैयार की गई ई-पत्रिका ‘डीओओटी’ का विमोचन किया और कहा कि इस पत्रिका के माध्यम से हम छात्रों को रचनात्मक रूप से जोड़ने के लिए एक मंच उपलब्ध करा रहे हैं। यह विज्ञान की अनूठी अवधारणाओं के रचनात्मक वितरण को एक सरल तरीके से जन-जन तक पहुंचाने की अभिव्यक्ति होगी। निदेशक, प्रो. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने संस्थान के पूर्व निदेशकों के लघु संदेशों के माध्यम से आईआईए के गठन और विकास के प्रदर्शन द्वारा दर्शकों को काफी आकर्षित किया।

Read More »

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करना : सेना मुख्यालय ने आवेदन जमा करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) देने के लिए औपचारिक रूप से सरकारी अनुमोदन पत्र प्राप्त होने के परिणामस्वरूप, सेना मुख्यालय स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए महिला अधिकारियों की स्क्रीनिंग के लिए एक विशेष नंबर 5 चयन बोर्ड बुलाने की प्रक्रिया में है। इसके लिए सभी प्रभावित महिला अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत करने संबंधी दिशानिर्देश देने वाले विस्तृत प्रशासनिक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि बोर्ड उनके आवेदन पर विचार कर सके।

महिला विशेष प्रवेश योजना (डब्ल्यूएसईएस) और अल्प सेवा कमीशन महिला (एसएससीडब्ल्यू) के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जा रहा है, और उन्हें 31 अगस्त, 2020 तक सेना मुख्यालय में अपना आवेदन पत्र, विकल्प प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। सही दस्तावेज के साथ सही तरीके से आवेदन करने की सुविधा के लिए प्रशासनिक निर्देशों में नमूना प्रारूप और विस्तृत जांच सूची शामिल किए गए हैं।

कोविड की स्थिति की वजह से लगाए गए मौजूदा प्रतिबंधों के कारण, इन निर्देशों के प्रसार के लिए कई साधनों का इस्तेमाल किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये दस्तावेज़ प्राथमिकता के आधार पर सभी प्रभावित महिला अधिकारियों तक पहुंच सके। आवेदनों की प्राप्ति और उनके सत्यापन के तुरंत बाद चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा।

Read More »

शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भेंट को नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की

Image
शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भेंट को नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने  आज राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से शिष्टाचार भेंट की तथा उन्हें नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुए सभी आधारभूत एवं व्यापक परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी से राष्ट्रपति जी को अवगत करवाया। श्री रामनाथ कोविंद ने शिक्षा नीति पर हुए व्यापक परामर्श पर अपनी खुशी व्यक्त की और अपनी शुभकामनाएं  दी। इससे पहले श्री निशंक भारत के उप राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू को भी नई शिक्षा नीति की प्रति भेंट कर चुके हैं।

Read More »

गार्गी फाउंडेशन द्वारा ज़रूरतमंद बच्चों को रक्षा बंधन पर कपड़ो आदि का वितरण

गार्गी फाउंडेशन द्वारा ज़रूरतमंद बच्चों को कपड़ो आदि का वितरण

रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर गार्गी फाउंडेशन उन ज़रुरतमंद बच्चों तक पहुंचा जिन बच्चों को उसने पढ़ाने लिखाने और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है, उन तक पहुच के उन्हें मिठाईयां कपड़े और राखी आदि ज़रूरी वस्तुओं का वितरण किया, त्यौहार में ये सारी चीज़ें पा के बच्चों की ख़ुशी देखते ही बन रही थी कोरोना काल में इस अत्यंत साधारण से आयोजन में प्रमुख रुप से गार्गी फाउंडेशन की करता धरता सुषमा चौहान, भारती दीक्षित, पूजा श्रीवास्तव, छाया आदि संस्था के सदस्यों द्वारा भरपूर योगदान दिया गया, इस अवसर पर अनेक गड़मान्य लोग उपस्थित रहे और संस्था के कार्यो को सराहा।

Read More »