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महिला जगत

एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में भारतरत्न भीमराव अंबेडकर का निर्वाण दिवस आयोजित

कानपुर 6 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में भारतरत्न भीमराव अंबेडकर(जन्म-14 अप्रैल, 1891- निर्वाण-06 दिसंबर, 1956) का महापरिनिर्वाण दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर बाबा साहेब को श्रद्धांजली देने के क्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या, शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, व महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन, व पुष्प अर्पित किया गया।
कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर (डॉ) सुमन ने बाबा साहेब को श्रद्धांजली देते हुए कहा कि बाबा साहेब के लिए राष्ट्र प्रथम था। बाबा साहेब ने अपना जीवन जातिगत भेदभाव, धार्मिक कट्टरता के खिलाफ, तथा महिलाओं को उनका मूलभूत मानवीय अधिकार दिलाने हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया और अंतत संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों के माध्यम से, कानून-अधिनियम के माध्यम से सभी वंचित वर्गो को समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार दिलाया।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की एनएसएस यूनिट की प्रभारी प्रोफ़ेसर डॉ चित्रा सिंह तोमर द्वारा किया गया।
एनसीसी प्रभारी डॉ प्रीति यादव द्वारा बाबा साहेब के प्रारंभिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए छात्राओं को सन्देश दिया कि कठिन से कठिन परिस्थिति होने पर भी यदि दृढ़ इच्छाशक्ति व साहस हो तो व्यक्ति कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है।
एनएसएस प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर ने बाबा साहेब द्वारा समाज कल्याण हेतु किए गए कार्यों एवं सामाजिक न्याय, समानता, महिलाओं के अधिकार हेतु किए गए कार्यों पर चर्चा की।
रेंजर्स प्रभारी प्रीती पांडेय ने अपने उद्बोधन में बताया कि बाबा साहेब अपने जीवन के अंतिम दिनों में किस प्रकार तमाम स्वास्थ्य कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहें व समाज कल्याण के विभिन्न कार्यों में सक्रिय रहे। बाबा साहेब के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए तथा राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।

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मां मुझे गर्भ में ही खत्म कर दो

मां मुझे गर्भ में ही खत्म कर दो
यह ज्यादा अच्छा है….
अपमानित, प्रताड़ित होने से
बहुत ज्यादा अच्छा है
कम से कम मैं जिंदा भट्टी में
झोंक दिए जाने से बच जाऊंगी
टुकड़ों में या फिर
सड़कों पर तो नहीं बिखरूंगी
मैं पीड़ित होकर भटकूंगी नहीं दर बदर
मदद की गुहार लगाते हुए
बार बार मरूंगी नहीं…
सीमेंट पत्थरों से बने हुए घरों में….
रहने वाले लोग भी….
सीमेंट और पत्थर के हो गये हैं..
इस दुनिया में कुचले जाने के लिए
मुझे जन्म मत दो मां….
मैं हर उस तकलीफ से आजाद रहूंगी
जो जन्म लेने के बाद….
मेरे इर्दगिर्द मंडराती रहती है
न जाने यह आदमी लोग किस देवी को पूजते है पत्थरों और मूर्तियों में सर झुकाते हैं
लेकिन सजीव स्त्री का सम्मान नहीं कर पाते है
मां तुम तो समझती हो ना मेरा दुख
तब तुम मुझे क्यों इस विषैली दुनिया के
सर्पदंश से नहीं बचाती हो
तुम मुझे गर्भ में ही क्यों नहीं मार देती…
**प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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राष्ट्रीय सेवा योजना, कानपुर के स्वयंसेवक ले रहे हैं पुलिसिंग का प्रशिक्षण

कानपुर 29 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,नगर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविधालय, कानपुर एवं अर्मापुर पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजन के स्वयंसेवकों के दल ने छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम के अंतर्गत कल्याणपुर थाने में थाना प्रभारी धनंजय कुमार पांडे जी की अध्यक्षता में तथा पीएन कॉलेज के स्वयंसेवकों ने रेल बाजार थाने में आगंतुक पटल एवं महिला पटल विषय से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया।
आगंतुक पटल (Visiter Counter) जहां पर शिकायतकर्ता अपनी व्यक्तिगत जानकारी एवं समस्या रजिस्टर पर लिखता है। सब इंस्पेक्टर  किरण ने महिला पटल के बारे में एवं हेड कांस्टेबल  विजयलक्ष्मी चौहान ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना उत्तर प्रदेश, ग्रामीण आजीविका मिशन, बैंकिंग कॉरस्पॉडिंग सखी, मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण, मिशन शक्ति, महिला हेल्प डेस्क,महिला साइबर सेल, महिला पुलिस व महिला बीट मिशन शक्ति कक्ष के बारे में बताया। इसके पश्चात सभी स्वयंसेवक के द्वारा पूछे गए प्रश्न जैसे घरेलू हिंसा केस, भीड़ प्रबंधन, सेल्फ डिफेंस आदि के जवाब प्रभारी धनंजय कुमार पांडे जी ने बड़ी विनम्रता दिये। उन्होंने स्वयंसेवकों को जीवन व्यापन, आत्मरक्षा, मौलिक अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि विषयों पर भी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्रदान की। समस्त थाना स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा। इस अवसर पर स्वयंसेवक रवि शंकर शर्मा, आदित्य कुमार श्रीवास्तव, रिया शर्मा, शौर्य मिश्रा,सृष्टि अग्रहरि, कनिष्क तिवारी, तान्या, रिचा, मानस शुक्ला, सुष्मिता भारती, प्रिया गौतम, स्नेहा शुक्ला, अपूर्वा यादव आदि उपस्थित रहे l

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व्रत त्यौहार पर अवधारणाएं क्यों~प्रियांका वर्मा महेश्वरी

कुछ व्रत त्यौहार बहुत खास होते हैं और वो अपने शहरों तक ही सीमित रहते हैं लेकिन अब बहुत से व्रत त्यौहार बहुत से राज्यों में मनाये जाने लगे हैं जैसे करवा चौथ पहले कुछ शहरों तक ही सीमित था लेकिन फिल्मों के जरिए धीरे-धीरे इतना ज्यादा प्रचलित हो गया कि जगह जगह यह त्यौहार मनाया जाने लगा। मैं मेरे प्रदेश गुजरात की ही बात करती हूं कि कुछ सालों पहले तक करवा चौथ का व्रत करते कोई नहीं दिखाई देता था। हिंदी भाषी लोग ही यह व्रत करते थे लेकिन अब गुजराती महिलाएं भी यह व्रत करते हुए दिखाई दे रहीं हैं वो भी बहुत धूमधाम से। एक करवा चौथ ही नहीं हरियाली तीज भी बहुत उत्साह से मनाते हुए देखा जा सकता है। ऐसे कई त्यौहार है जो अब जाति या भाषाई महत्व को नकार कर उत्साहपूर्वक अपना रहे हैं।

हमारा आम सामाजिक जीवन इन तीज त्योहारों पर से बहुत जुड़ा हुआ है, खास तौर पर महिलाओं का। घरेलू महिलाओं की दुनिया बहुत छोटी होती है। वो घर, पति और बच्चों तक ही सीमित रहती है। ये छोटे बड़े त्यौहार ही उनके जीवन में खुशियाँ बिखेरते हैं। एक करवा चौथ ही क्यों बल्कि तीज, वटसावित्री, गणेश चतुर्थी (सकट), छठ पूजा और भी अन्य त्यौहार हैं जो बड़े उत्साह से वे मनाती आ रही हैं। पकवान बनाना, तैयार होना और अपनी संगी साथियों के साथ उत्सव मनाना उनका शगल होता है। इसी बहाने परिचितों और रिश्तेदारों के साथ वक्त भी गुजरता है। यह बात घरेलू महिलाओं पर ज्यादा लागू होती है।
बदलते समय के चलते आज महिलाएं घर से बाहर की दुनिया में लगातार कदम बढ़ाते जा रही हैं साथ ही उनके काम और जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही है। ऐसे समय में घर और बाहर की दोहरी भूमिका निभाते हुए इस प्रकार का पूजा पाठ करना उनके लिए संभव नहीं होता। और वो इनसे बचतीं हैं।  हालांकि इसके लिए उन्हें घर बड़े बुजुर्गों की नाराजगी उठानी पड़ती है मगर अनदेखा करने के अलावा कोई पर्याय नहीं रहता है या फिर कलह की वजह बनती हैं यह बातें। यह भी कहते सुना है कि आज मनुष्य चांद पर पहुंच गया है तो फिर इस प्रकार के व्रत के क्या मायने? बहुत सी महिलाएं ऐसे व्रत नहीं रखती हैं तो उन पर दबाव का भी कोई मतलब नहीं रहता क्योंकि मन से की गई हर चीज की खुशी मिलती है ना कि जबरदस्ती से कराये गये काम की। एक तरफ इस प्रकार का सवाल है तो दूसरी ओर पढ़ी – लिखी महिलाएं भी चांद को पूजती है, पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और इस प्रकार के सभी नियम पालती हैं।
मैंने देखा है कि कुछ महिलाएं अनिच्छा से इस तरह के व्रत उपवास करतीं है। परिवार और समाज के दबाव के चलते मजबूरीवश निभाती हैं इन रीति रिवाजों को।  काफी समय से चली आ रही परंपराओं को बदल पाना और लोगों को समझाना खासकर बुजुर्गों को यह बहुत मुश्किल काम है। अक्सर देखा है कि पति पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट है, अपनापन नहीं है, सम्मान नहीं है तो ऐसे में इस प्रकार के पूजा पाठ की क्या अहमियत रह जाती है? वो इन बंधनों में इस तरह जकड़ी हुई हैं कि उन्हें इसमें से बाहर निकल पाना आसान नहीं लगता और कुछ तो खुद ही महिलाओं ने ही अपने आप को जकड़ रखा है इन रूढ़ियों में।
कहीं कहीं सकारात्मक पहलू भी दिख जाता है कि पत्नी के साथ पति भी उपवास रखते हैं। एक रंग के कपड़े पहनना, एकसाथ उपवास खोलना, साथ साथ खाना खाना। यह प्रेम है और एक दूसरे के प्रति देखभाल का नजरिया है। उपहारों का देन लेन भी महज प्रेम प्रदर्शन का जरिया मात्र है। बहुत से लोग उपहार नहीं भी देते हैं तो क्या इससे प्रेम नहीं रहता  है? यह एक मिथ्या बात है।
समाज में इन व्रत उपवासों का दूसरा पहलू भी देखने को मिलता है कि बड़े घर घरानों की महिलाओं ने इस प्रकार के व्रतों को काफी लग्जरियस त्यौहार बना दिया हुआ है। ड्रेस कोड, पूजा थाली डेकोरेशन, प्राइज , गिफ्ट्स वगैरह प्रोग्राम अरेंजमेंट और भी तरह तरह के कार्यक्रमों के जरिये यह त्यौहार मनाया जाता है।
यूं भी त्यौहार उल्लास का पर्व है ना कि बंधन और रूढ़ियों का। पकवान बनाने से लेकर सजने संवरने और हंसी ठिठोलियों के बीच त्यौहार को मनाने का आनंद कुछ और होता है। इसलिए हर त्यौहार मनाए उल्लास और आनंद के साथ। महिलाएं किटी पार्टी या गेट टू गेदर रखतीं हैं तो वो भी आनंद का एक तरीका ही है।
बदलते समय के साथ साथ इसमें भी बदलाव आने चाहिए। यदि कोई गर्भवती महिला कठोर व्रत करे उसका शरीर यह सहन नहीं कर सकेगा, एक दुधमुँहे बच्चे की भूख शांत करने के लिए मां का स्वस्थ होना जरूरी है, एक स्त्री जो दिनभर घर के काम कर रही है उसे भूख प्यास तो लगेगी ही, बाहर काम करने वाली महिलाओं को ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ये व्रत उपवास स्वास्थ्य सही रखने के लिए रखे जाते हैं ना कि स्वास्थ्य खराब करने के लिए। वक्त के साथ साथ इनमें भी बदलाव आना चाहिए और सेहत को ध्यान में रखते हुए ही नियम तय करने चाहिए।
बदलाव होने चाहिए ना कि रुढ़ियों को ढोते रहना।

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एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज में यातायात माह संपन्न

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता एसएन सेन बीवी पीजी कॉलेज कानपुर में आज एक माह से चल रहे यातायात माह का समापन किया गया। जिसमें पूर्व में हुई प्रतियोगिताएं 1.भाषण प्रतियोगिता में अमृता शुक्ला प्रथम स्थान ,प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता दीपिका प्रथम स्थान ,चित्रकला प्रतियोगिता श्रव्य महाजन एवं संस्कृति, रंगोली प्रतियोगिता मैं सेमी प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रशिक्षण देने आए सी तोमर जी एवं अनिल मिश्रा जी ने सभी छात्राओं को यातायात के नियमों से अवगत कराया तत्पश्चात एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया प्राचार्य महोदय ने सभी छात्राओं को मुख्य रूप से स्कूटी चलाने वाली छात्रों को हेलम टी की उपयोगिता समझते हुए ओवरटेक की विस्तार से जानकारी दी।के. ममता अग्रवाल मुख्य कुलानुशासिका जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम संयोजिका डॉक्टर प्रीति पांडे ने पूरे कार्यक्रम को संचालित किया। कार्यक्रम में प्रो. प्रकाश ,डॉ किरण , डॉ प्रीति सिंह , डॉमीनाक्षी व्यास डॉ रेखा चौबे आदि अध्यापिकाएं उपस्थित रही।

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एनसीसी के 76वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में एनसीसी के 76वें स्थापना दिवस (26 नवंबर,2023, नवंबर माह के अंतिम रविवार) के उपलक्ष्य में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में एनसीसी से संबंधित व समसामयिकी विषयों से जुड़े प्रश्नों का उत्तर प्रतिभागियों द्वारा दिया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- कैडेट राशि गुप्ता, द्वितीय स्थान- कैडेट प्रिया दुबे, तृतीय स्थान- कैडेट प्रियंका कुमारी ने प्राप्त किया। इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव ने छात्राओं से एनसीसी दिवस की उपयोगिता, एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, समाज कल्याण व कैडेट्स के व्यक्तित्व विकास में योगदान पर चर्चा की गई।इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स की प्रतियोगिता में सहभागिता सराहनीय रही।

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राष्ट्रपति ने बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन से तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया; नए रायरंगपुर डाक मंडल का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक प्रभाग का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी

 महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (21 नवंबर, 2023) बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन, ओडिशा से तीन नई ट्रेनों यथा -बादामपहाड़-टाटानगर एमईएमयू;  बादामपहाड़-राउरकेला वीकली एक्सप्रेस; और बादामपहाड़-शालीमार वीकली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आभासी रूप से नए रायरंगपुर डाक डिवीजन का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक डिवीजन का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और इस अवसर पर बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास उस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है। चाहे रेल हो, सड़क हो या डाक सेवाएं हों- ये सभी सेवाएं लोगों के जीवन को सुगम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई तीन ट्रेनें स्थानीय लोगों को झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों की यात्रा करने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा के औद्योगिक शहर राउरकेला जाने में भी लोगों को कोई असुविधा नहीं होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सेल फोन और कूरियर सेवाओं के बढ़ते चलन के बावजूद, भारतीय डाक की प्रासंगिकता नहीं खोई है। रायरंगपुर में नए डाक डिवीजन का उद्घाटन इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र के लोगों को अब डाक सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट की तुलना में इसके लिए मौजूदा बजट में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों के विकास के बिना समावेशी विकास अधूरा है, इसीलिए सरकार जनजातीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जनजातीय युवाओं से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्म विकास के लिए व्यक्ति का प्रयास भी आवश्यक है। इसलिए युवाओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने पीवीटीजी के विकास के लिए इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पीएम जनमन (पीएम-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों की प्रगति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल इस अमृत काल में लोगों को विकास से जोड़ेगी और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगी।

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने बादामपहाड़-शालीमार एक्सप्रेस में बादामपहाड़ से रायरंगपुर तक की यात्रा की।

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“स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित “स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमे महाविद्यालय की तीनों इकाइयों – एन. एस. एस., एन. सी. सी. एवम रेंजर्स रोवर्स की छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के मंधन द्वारा मतदाता जागरूकता के विषय में संदेश प्रसारित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का सुभारंभ महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोo सुमन एवम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रोली सचान, सोशल उद्यमी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्राचार्या ने छात्राओं को मतदाता जागरूकता के लिए आवश्यक निर्देश दिए तथा नुक्कड़ नाटक के सफल मानधन के लिए छात्राओं की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि ने मतदाता अभियान में एन. एस. एस. वालंटियर तनु सिंह को कैंपस एंबेसडर नियुक्ति की तथा उन्हें स्वीप-नोडल अधिकारी कैप्टन ममता अग्रवाल एवम मतदान केंद्र प्रभारी प्रोo चित्रा सिंह तोमर, एन. एस. एस. प्रोग्राम ऑफिसर के द्वारा उनके कार्यों से अवगत कराया गया। प्राचार्या प्रोo सुमन ने प्रतिभागी छात्राओं को पुरुस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाएं, शिकनेतर कर्मचारी एवम बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

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रोड सेफ्टी क्लब और दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में रोड सेफ्टी क्लब के द्वारा प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभयान के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई। जिनमें मुख्य रूप से निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर तथा भाषण प्रतियोगिता रही। सभी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने उत्साह के साथ भागीदारी की तथा सड़क सुरक्षा किस प्रकार से हमारे लिए महत्वपूर्ण है इस विषय पर अपने विचार रखें। इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय आने वाली छात्राओं को जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका प्राप्त होगा। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने कहा कि सड़क यातायात सुरक्षा अभियान एक प्रकार का विधि या उपाय है जिससे सड़क दुर्घटना में लोगों को चोट लगने और उससे मौत होने आदि घटनाओं को कम करने का प्रयास किया जाता है। सभी प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं को उन्होंने अपनी शुभकामनाएं देते हुए छात्राओं के द्वारा बनाए गए पोस्टर्स की अति सराहना की। समस्त प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में भूगोल विभाग प्रवक्ता डॉ अंजना श्रीवास्तव एवम् कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।

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ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज में कोई मतदाता न छूटे अभियान के अंतर्गत एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता आयोजन

कानपुर 17 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मतदाता जागरूकता अभियान २०२४ के अंतर्गत एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा कोई मतदाता न छूटे अभियान के अंतर्गत एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता का आज दिनांक १७/११/२०२३ को महाविद्यालय में आयोजन किया गया . इस प्रतियोगिता का शीर्षक “वन नेशन वन इलेक्शन” था .
इस अभियान के अंतर्गत अब तक महाविद्यालय में मतदाता शपत ग्रहण, मतदाता पंजीकरण, मतदाता जागरूकता रैली, आदि कार्यक्रम कराए जा चुके है .
आज का कार्यक्रम इस श्रंखला का चतुर्थ कार्यक्रम था . इस कार्यक्रम में ५० छात्राओं ने प्रतिभाग किया मतदाता पंजीकरण प्रभारी प्रोफ. चित्रा सिंह तोमर, स्वीपणोदाल अधिकारी कप्तान ममता अग्रवाल और प्राचार्य प्रोफ. सुमन इस कार्यक्रम में उपस्थित रहीं. एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में वैषणवी मिश्रा, प्रिया त्रिपाठी, प्रगति द्वेदी, लक्ष्मी कुमारी, तन्वी सिंह एवम वंशिता ने प्रतिभाग किया.

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