भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 27 जनवरी, एसएन सेन बा वि पीजी कॉलेज कानपुर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती की प्रतिमा को प्रतिष्ठित कर पूजन अर्चन किया गया बसंतोत्सव की शुभ बेला पर मुख्य अतिथि विधायक श्री अमिताभ बाजपेई ने मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया, महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्र, सचिव श्री प्रवीण कुमार सेन ,संयुक्त सचिव श्री शुभरो सेन ,सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन, एवं प्रबंध समिति के अन्य गणमान्य सदस्य प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा कर पुष्पांजलि अर्पित की ऋतुराज बसंत के आगमन की छटा सभागार में देखते ही बनती थी, पीत पुष्पों से सुसज्जित महाविद्यालय सभागार में रंगों का सुंदर संयोजन लिए अल्पना देखकर सभी मोहित हो उठे, कोविड के नियमों का पालन करते हुए महाविद्यालय के समस्त प्रवक्ता गण एवं कर्मचारी गण ने पुष्पांजलि अर्पित कर मां से आशीर्वाद लिया, भारतीय संस्कृति में समस्त पर्व त्यौहार प्रकृति से जुड़े हुए हैं माघ मास की पंचमी को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन महाविद्यालय में भी मां को अन्य भोगो के साथ पीली खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और बाद में सभी को वितरित किया जाता है, छात्राएं अपनी पुस्तक कलम एवं विद्या से संबंधित सामग्री मां के चरणों में रख उनसे आशीर्वाद लेती है, इस पूजा में भाग लेने सेवानिवृत्त प्रवक्तागण कर्मचारी गण और तथा पूर्व छात्राएं भी आती हैं, दिनांक 07.02.2022 को मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन दोपहर 1:00 बजे किया जाएगा, इस शुभ अवसर पर डॉ निशी प्रकाश, डॉ अलका टंडन ,डॉ पूनम अरोड़ा ,डॉ संध्या सिंह, डॉ गार्गी यादव, डॉ रचना शर्मा ,डॉ चित्रा सिंह तोमर ,डॉ मोनिका सहाय, डॉ प्रीति सिंह, डॉ रचना निगम, डॉ शुभा वाजपेई ,डॉ प्रीता अवस्थी , डॉ सुनीता शुक्ला आदि उपस्थित रहे
महिला जगत
एंग्जायटी डिसॉर्डर के लक्षण
#एंग्जायटी #डिसऑर्डर ❤️❤️❤️
हमेशा अपने साथ कुछ गलत होने की आशंका, छोटी-छोटी बातों को लेकर बेवजह घबराहट और चिंता में घिरे रहना एंग्जायटी डिसॉर्डर का लक्षण हो सकता है।
जब ऐसी नकारात्मक भावनाओं पर व्यक्ति का कोई नियंत्रण न हो और तमाम कोशिशों के बावजूद छह महीने से ज्यादा लंबे समय तक इसके लक्षण दिखाई दें तो यह समस्या एंग्जायटी डिसॉर्डर का रूप धारण कर सकती है।
#क्या है #मर्ज
हमेशा चिंता, बेचैनी, वास्तविक या काल्पनिक घटनाओं पर आधारित भविष्य का डर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। हालांकि, हर व्यक्ति में इसके अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं, लेकिन स्थायी डर और चिंता लगभग सभी में देखे जाते हैं। अगर ये लक्षण ज्यादा तीव्र न हों तो समय बीतने के साथ समाप्त हो जाते हैं, अन्यथा एंग्जाइटी डिसार्डर की समस्या हो सकती है। इससे व्यक्ति की रोजमर्रा की दिनचर्या प्रभावित होने लगती है।
#क्यों होती है #समस्या
आजकल युवा आबादी का एक बडा हिस्सा इस मनोवैज्ञानिक समस्या से जूझ रहा है। दरअसल आधुनिक जीवनशैली में लोगों की व्यस्तता इतनी बढ गई है कि वे हमेशा जल्दबाजी में रहते हैं और उन पर काम का दबाव भी बहुत ज्यादा है। इसी वजह से उनमें चिडचिडापन और आक्रोश बढता जा रहा है। इसके अलावा आधुनिक समाज में हर व्यक्ति अकेला है। किसी के भी पास दूसरे की बातें सुनने की फुर्सत नहीं है। इसलिए अब लोगों में शेयरिंग की भावना ख्ात्म हो रही है। शहरी समाज इतना व्यक्तिवादी और आत्मकेंद्रित हो चुका है कि अब पहले की तरह रिश्तेदारों या पास-पडोस का कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं रह गया है। लगातार तनाव, अकेलेपन और उदासी में जीने की वजह से ही लोग एंग्जायटी डिसॉर्डर के शिकार हो रहे हैं।
अध्ययनों के अनुसार गंभीर या लंबे समय तक चलने वाले तनाव की वजह से अनिद्रा की समस्या होती है। इससे मस्तिष्क से निकलने वाले हॉर्मोस के बीच असंतुलन पैदा हो जाता है, जो एंग्जायटी डिसॉर्डर का कारण बन सकता है। आनुवंशिकता भी इसकी प्रमुख वजह है।
#एंग्जायटी #डिसॉर्डर के #प्रकार
प्रमुख लक्षणों के आधार पर इस मनोवैज्ञानिक समस्या के कई अलग-अलग प्रकार निर्धारित किए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं :
#जनरलाइज्ड एंग्जायटी डसॉर्डर : इस समस्या से पीडित लोग बेवजह बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं। इनकी चिंता का कोई तार्किक आधार नहीं होता। हमेशा चिंता में रहना इनकी आदत होती है। सकारात्मक परिस्थितियों में भी ऐसे लोग चिंतित होने की कोई न कोई वजह ढूंढ लेते हैं।
#ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर : इससे पीडित लोग लगातार चिंतित या भयभीत रहते हैं। ऐसे में वे कुछ अजीब आदतें विकसित कर लेते हैं। मिसाल के तौर पर कुछ लोगों को सफाई की सनक हो जाती है और वे साफ-सुथरी चीजों को भी बार-बार धोते-पोछते रहते हैं।
#पैनिक डिसॉर्डर : इस समस्या से जूझ रहे लोगों को अकसर ऐसा महसूस होता है कि जैसे उनकी सांस रुक रही है या उन्हें हार्ट अटैक आ रहा है। ऐसे लोगों को बेवजह मौत का भय सताता रहता है।
#सोशल एंग्जाइटी डिसॉर्डर : ऐसी समस्या से पीडित व्यक्ति अपने सामाजिक जीवन में अत्यंत सतर्क रहता है। उसे हरदम ऐसा लगता है कि लोग उसे ही घूर रहे हैं। वह भीड वाली जगहों और सामाजिक समारोहों में जाने से बचने की कोशिश करता है क्योंकि ऐसे माहौल में उसे बहुत घबराहट महसूस होती है।
#क्या है नुकसान
एंग्जायटी डिसॉर्डर से पीडित व्यक्ति की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर बहुत बुरा असर पडता है। इससे उसकी रोजमर्रा की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है। वह किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। ऐसे लोगों की स्मरण-शक्ति कमजोर पड जाती है और इनका दांपत्य जीवन भी तनावग्रस्त रहता है। अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि अगर स्त्रियों में एंग्जायटी डिसॉर्डर हो तो वे जल्द ही इससे बाहर निकल आती हैं, लेकिन पुरुषों में यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है, क्योंकि उनका अहं समस्या को आसानी से स्वीकार नहीं पाता। इसलिए वे उसका हल ढूंढने की कोशिश भी नहीं करते। अगर लंबे समय तक समस्या हो तो वह डिप्रेशन का रूप ले सकती है। ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर व्यक्ति में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ जाती है। प्रमुख लक्षण
-शारीरिक दुर्बलता
-याद्दाश्त में कमी
-लगातार चिंतित रहना
-एकाग्रता में कमी आना, आंख के आगे तैरते हुए बिंदु दिखाई देना
-घबराहट, डर और बेचैनी
-नकारात्मक विचारों पर काबू न होना व डरावने सपने दिखना
-अनिद्रा
-शरीर के तापमान में असंतुलन, कभी हाथ-पैरों का ठंडा पड जाना तो कभी बुखार जैसा महसूस होना
-दिल की धडकन तेज होना
-मांसपेशियों में तनाव होना
-पेट में दर्द
#कैसे करें #बचाव
-नियमित दिनचर्या अपनाएं क्योंकि नींद की कमी से मस्तिष्क पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाता। अनिद्रा से एंग्जायटी और डिप्रेशन का खतरा बढ जाता है।
-शरीर की तरह मस्तिष्क को भी पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। इसलिए अपने भोजन में फलों और हरी सब्जियों को प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
-नियमित एक्सरसाइज और योगाभ्यास करें। इस समस्या से बचने के लिए ध्यान भी फायदेमंद होता है। इससे सेरिब्रल कोरटेक्स को मजबूती मिलती है, मस्तिष्क का यही हिस्सा स्मरण-शक्ति, एकाग्रता और तर्क शक्ति के लिए जिम्मेदार होता है।
-अगर जीवन में कभी कोई मुश्किल आए तब भी आत्मविश्वास बनाए रखें।
-लोगों के साथ दोस्ती बढाएं और खुलकर अपनी भावनाएं शेयर करें।
-अपनी क्षमताओं का आकलन करके व्यावहारिक लक्ष्य बनाएं। कार्यो की प्राथमिकता तय करें। एक साथ कई काम करने से बचें।
-अगर कभी किसी बात को लेकर एंग्जायटी हो तो उसका सामना करने की आदत डालें। उससे बचने की कोशिश कभी न करें, क्योंकि व्यक्ति ऐसी मनोदशा से जितना अधिक बचने की कोशिश करता है, समस्या उतनी ही तेजी से बढती जाती है।
-ऐसी समस्याओं को छोटे-छोटे टुकडों में बांट कर हल करने की कोशिश करें। एक ही दिन में इनका समाधान संभव नहीं है। इसलिए धैर्य के साथ प्रयास करें।
-नियमित रूप से एंग्जायटी डायरी मेंटेन करना भी फायदेमंद साबित होगा। रोजाना रात को सोने से पहले अपनी डायरी में विस्तृत रूप से लिखें कि आज दिन भर में आपको किस चिंता या भय ने सबसे ज्यादा परेशान किया और उसे दूर करने के लिए आपकी ओर से क्या कोशिश की गई। -मन को तार्किक ढंग से समझाने की कोशिश करें कि यह आशंका निराधार है।
-एंग्जायटी दूर करने के लिए अपने मन से कोई दवा न लें।
-कैफीन और एल्कोहॉल से दूर रहें, क्योंकि ऐसी चीजों के सेवन से एंग्जायटी बढती है! सलाह, ” प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाये जहाँ तक सम्भव हो क्योंकि ये हमारे शरीर से जुड़ी हुई चिकित्सा है, जिस प्रकति ने हमें बनाने में सहयोग किया है वही हमारे अस्वस्थ हुए शरीर को स्वस्थ करने में पूर्ण सहयोग करेगी”………
Dr. Shruti kaushik
लेख में प्रकाशित सामग्री लेखिका की अपनी राय है
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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में गणतंत्र दिवस मनाया गया
कानपुर 26 जनवरी, एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में हर साल की तरह इस साल भी पूरे जोश के साथ 26 जनवरी को 73 वा गणतंत्र दिवस मनाया गया, इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री पी के मिश्रा, सचिव श्री पी के सेन ,संयुक्त सचिव श्री शुब्रो सेन, सदस्या श्रीमती दीपाश्री सेन, प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया lइसके बाद सभी ने राष्ट्रगान गाया l संगीत विभाग की छात्राओं ने देशभक्ति से सराबोर गीत प्रस्तुत किए जिसे सुनकर सभी लोग भावविभोर हो गए कैप्टन ममता अग्रवाल ने अपनी एनसीसी कैडेट के छात्राओं द्वारा अतिथियों को सलामी दी l गणतंत्र दिवस पर निदेशक उच्च शिक्षा विभाग का प्रेषित विशेष संदेश समाजशास्त्र की विभागाध्यक्क्षा डॉ निशी प्रकाश ने पढ़ा, महाविद्यालय की प्राचार्य ने सभी को गणतंत्र दिवस का महत्व बताया और सभी से कोरोनावायरस से बचाव हेतु दिशा निर्देशों को पालन करने का आग्रह किया ताकि महाविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं एवं सभी महत्वपूर्ण कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके, महाविद्यालय के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन जी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य के माध्यम से सभी को संकल्प लेने को प्रेरित किया कि हम अपने देश की रक्षा ,गौरव और उत्थान के लिए सदा समर्पित रहेंगे l कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा शास्त्र की प्रवक्ता एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया, महाविद्यालय के सभी प्रवक्ता गण डॉ अलका टंडन, डॉ रचना शर्मा, डॉ मोनिका सहाय, डॉ प्रीति सिंह एवं सभी शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे कार्यक्रम का समापन मिष्ठान वितरण के साथ हुआ।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज के ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी द्वारा ऑनलाइन वेबिनार और पोस्टर कम्पीटीशन आयोजित
कानपुर 24 जनवरी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज के ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी के द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार और पोस्टर कम्पीटीशन का आयोजन किया गया,कार्यक्रम का शुभ आरम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुआ । प्राचार्य ने छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा की आज के परिदृश्य में बालिकाओं को बालकों से काम न आंक कर उन्हें आगे बढ़ने के सामान अवसर प्रदान करने चाहिए । ऍन एस एस की कार्यक्रम अधिकारी तथा संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने कहा की बालिकाओं को न सिर्फ सामान अवसर प्रदान करना सर्कार का दायित्व है वरन समाज का भी, इस दिशा में सहयोग होना इस दिशा में आव्यशक है । १०० से अधिक छात्राओं ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, महिला जाग्रति संस्था की अध्यक्षा, श्रीमती विजेता श्रीवास्तव ने छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा के समाज में फैली कुरीतिओं के प्रति कार्य करने से पहले समाज में बालिकाओं एवम महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना आव्यशक है । कार्यक्रम की सेह-प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने ऍन एस एस यूनिट द्वारा किये गए कार्यों की आख्या प्रस्तुत की । शिक्षा शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर, श्रीमती ऋचा सिंह और श्रीमती रीता ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया ।
साथी
नंदा लेट हो रहा है जल्दी चलो हम वैसे ही लेट हो गये हैं। मूवी निकल जाएगी
नंदा:- “हां! बस आ रही लॉक लगाकर।”
नितिन जल्दी-जल्दी गाड़ी ड्राइव कर रहा थे ताकि समय पर पहुंच कर मूवी शुरू से देख सके।
नितिन:- “तुम्हारी भी बड़ी खराब आदत है एकआध काम छोड़ दिया करो, बाद में कर लेना था। जब पता था कि मूवी जाना है तो समय से काम निपटा लेना था। इस तरह से भाग दौड़ तो नहीं होती।”
नंदा:- “अब तुम मुझे ही दोष दो, सुबह से लगी हुई हूं काम में। जल्दी-जल्दी सब काम निपटा तो रही थी। घर में पचासों काम होते हैं। वापस आने में देर हो जाएगी तो बाद के काम भी निपटा रही थी।”
नितिन:- “अच्छा छोड़ो! इस बहस में मूड खराब हो रहा है। निकले हैं मूवी देखने और इस बहस से मूवी देखने के मूड का सत्यानाश हो रहा है।”
नंदा कुछ बोली नहीं लेकिन उसका मूड खराब हो गया था यह बात नितिन ने भांप लिया था। पार्किंग में गाड़ी खड़ी रखकर दोनों जल्दी-जल्दी थिएटर हॉल में पहुंचे। आधी मूवी नंदा ने अनमने ढंग से देखी। ब्रेक में नितिन दो कॉफी और पॉपकॉर्न ले आया। थोड़ी देर बाद नंदा नॉर्मल हो गई। दोनों मूवी देख कर बाहर निकले तो नितिन बोला, “चलो डोसा खाने चलते हैं।”
नंदा:- “और जो घर पर बनाया है वह?”
नितिन:- “अरे बाबा वह सुबह खा लेंगे, अभी डोसा खाने का मन है तो बोलो।”
नंदा:- ” ठीक है! चलो।”
एक साउथ इंडियन रेस्त्रां में दोनों गए और डोसे का आर्डर दिया। आर्डर आने में समय था तो नितिन ने पूछा, “नीलू का कुछ फोन आया क्या ?”
नंदा:- “हां आया था तो मैंने कह दिया था कि तेरे जीजा जी से बात करके बताऊंगी। क्या सोचा आपने उस बारे में?”
नितिन:- “तुम बताओ जैसा कहोगी हो जाएगा।”
नंदा:- “दो लाख मांग रहा है नीलू, इस कोविड में काम धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है। मदद तो करनी ही चाहिए लेकिन पैसे जल्दी वापस नहीं आएंगे यह बात तय है।”
नितिन:- “ठीक है। वह कोई चिंता नहीं। देखता हूं कि क्या कर सकता हूं मैं।”
दोनों डोसा खाकर घर आ गये। दूसरे दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर नंदा ने नितिन से कहा कि, “तुम सोच समझकर ही पैसे देना, बाद में परेशान मत होना।”
नितिन:- “वह मैं देख लूंगा, तुम परेशान मत हो उसके लिए। मैं नीलू से बात करके उसे रुपए भिजवा देता हूं।” नंदा सिर हिला कर किचन में चली गई।
घर के काम निपटा कर नंदा अपने मायके चली गई। नंदा:- “मम्मी नीलू कहां है? मुझे उससे बात करनी है।” मां:- “ऊपर कमरे में है। क्या हुआ?”
नंदा:- “कुछ नहीं! बस ऐसे ही। आती हूं उससे मिलकर।” और वह ऊपर जाने लगी।
नंदा:- ” नीलू तुम्हें तुम्हारे जीजा जी का फोन आया था क्या?”
नीलू:- “हां दीदी आया था। उन्हीं के पास जाने के लिए तैयार हो रहा हूं लेकिन तुम इस वक्त यहां? कुछ काम था क्या?”
नंदा:- “नहीं! कुछ काम नहीं था, बस तुमसे यही कहने आई थी कि कोशिश करना कि समय से पैसे वापस कर दो ताकि भविष्य में वह फिर से मदद कर सके।” नीलू:- “हां दीदी कोशिश तो पूरी रहेगी बाकी देखते हैं।” और नीलू चला जाता है।
नंदा भी मम्मी, भाभी से मिलकर घर वापस आ जाती है।
कुछ समय बाद नितिन नंदा से पूछता है, “अरे नंदा! नीलू का काम कैसा चल रहा है? इस बीच उसका कोई फोन भी नहीं आया और मैं भी जरा काम में व्यस्त रहा तो बात ही नहीं हो पाई।”
नंदा:- “हां…. ठीक है। अब गाड़ी पटरी पर तो आ गई है। फिर से काम जमा रहा है तो थोड़ा वक्त तो लगेगा ही।”
नितिन:- “हम्म। अरे कभी अपने जीजा जी को भी याद कर लिया करे। सिर्फ काम के समय ही याद करेगा क्या?”
बात सही थी लेकिन यह व्यंग्य नंदा को चुभ गया वह मुस्कुरा कर बोली, “सही है। अब मेहनत कर रहा है तो समय नहीं मिलता होगा उसे लेकिन उसे बोलूंगी कि आप से बात कर ले।”
नितिन:- “अरे नहीं! मैंने तुमसे मजाक में कही यह बात। अब क्या तुमसे मस्ती भी नहीं कर सकता।” नंदा हंसकर रह गई।
दिवाली का त्यौहार करीब आ रहा था और मेरा काम भी बढ़ता जा रहा था। एक पैर घर में तो एक बाजार में रहता। दिन कैसे जा रहे थे मालूम ही नहीं पढ़ रहा था। दोपहर में आराम करने लेटी तो ध्यान आया कि इस बीच घर से कोई फोन नहीं आया। मम्मी का भी नहीं। भाभी भी शायद काम में बिजी होंगी। शाम को चाय पीते हुए घर पर फोन लगाया।
मैं:- “हेलो, हां भाभी कैसी हो? क्या बात है बहुत व्यस्त हो? एक फोन भी नहीं!”
भाभी:- “हां… नंदा दीवाली करीब आ रही है तो घर की साफ सफाई चल रही है। साथ में घर के पचासों और काम तो रहते ही है। बच्चों को भी ट्यूशन छोड़ने जाना लाने जाना यह भी तो एक काम ही रहता है। कितनी बार तुम्हारे भैया से कहा है कि एक गाड़ी दिला दो बच्चों को। बच्चे अपने आप ट्यूशन आना जाना कर लेंगे, मगर वह सुनते ही नहीं। अब देखो कल अम्मा की तबीयत भी खराब हो गई। डॉक्टर के पास ले गए थे चेकअप चल रहा है, पैरों में दर्द बहुत था। उनके घुटने में सूजन थी चल ही नहीं पा रही थी। तुम्हारे भैया गए हैं एक्सरे निकलवाने फिर डॉक्टर के पास जाएंगे। देखो रिपोर्ट में क्या आता है?
मैं:- “अरे ! आपने कुछ बताया ही नहीं! रिपोर्ट आए तो मुझे भी बताना। मैं कल आती हूं।”
भाभी:- “हां ठीक है।”
फोन काट कर मैं सोचने लगी कि एक ना एक परेशानी लगी रहती है। अब यह नई परेशानी और मैं अपने काम में बिजी हो गई। रात के खाने पर मैंने नितिन से कहा, “सुनो! मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है उन्हें पैरों में तकलीफ है तो मैं कल उनसे मिलने घर जा रही हूं।” नितिन:- “हां ठीक है।”
सुबह होते ही घर के सारे काम जल्दी जल्दी निपटा कर मैं मम्मी के पास जाने के लिए तैयार होने लगी। बच्चे स्कूल से दोपहर तक आएंगे तो निश्चिंत थी मैं।
घर पहुंच कर मैं मां के पास गई। मम्मी लेटी हुई थी और उनके कराहने की आवाज आ रही थी।
मैं:- “मम्मी अचानक घुटने में दर्द क्यों होने लगा?”
मम्मी:- “अरे बेटा, बुढ़ापा है तो कुछ ना कुछ तो लगा ही रहेगा। एक घुटना घिस गया हैं इसी से बहुत दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है। अब डॉक्टर को कैसे बोलूं कि अभी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। पास में इतने पैसे नहीं है। तीन लाख का खर्चा बता रहा है। कैसे हो पाएगा यह सब। मैं भी यह सब सुनकर परेशान हो गई लेकिन मां को तसल्ली दी, “सब हो जाएगा परेशान मत हो।” घर वापस आते समय रास्ते भर यही सोचती रही कि भैया कैसे कर पाएंगे ये सब? नीलू ने नितिन से अभी-अभी आर्थिक मदद ली थी, अब वापस नितिन को कैसे बोलूं?
रात में खाना परोसते समय नितिन ने पूछा, “घर गई थी क्या?”
मैं:- “हां गई थी। मम्मी के घुटने में दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है आपरेशन का खर्चा भी बहुत ज्यादा है।”
नितिन:- “हम्म…. कितना बताया है?”
नंदा:- “तीन लाख बोल रहा डॉक्टर।”
नितिन कुछ बोले नहीं और सोचनीय मुद्रा में बैठे रहते हैं। हम दोनों ही कुछ कह नहीं पा रहे थे। सुबह नितिन ने भैया से बात की।
नितिन:- “हेलो! नीलू अरे भाई कैसे हो? बिल्कुल भूल ही गए? अरे कुछ खोज खबर अपने जीजा जी की भी ले लिया करो।
नीलू:- “अरे जीजा जी! प्रणाम! सब ठीक है। बस ऑफिस ही जा रहा था। नंदा ने बताया होगा कि मम्मी के बारे में, बस उसी में परेशान लगा पड़ा हूं।”
नितिन:- “हां बताया मुझे। कितनी रकम है तुम्हारे पास?
नीलू:- “पौने दो लाख तक जैसे-तैसे अरेंज कर लूंगा। बाकी का देखता हूं कि कैसे अरेंज होता है।”
नितिन:- “ठीक है। ऑपरेशन कब करवाना है।”
नीलू:- “डाक्टर महीने के आखिर में बोला है तभी तारीख भी देंगे।”
नितिन:- “ठीक है।”
अगले दिन सुबह नंदा भाभी से पूछती है।
नंदा:- “भाभी! मम्मी कैसी है? और भैया ने कितना जमा कर लिया है?”
भाभी:- “मम्मी ऐसे तो ठीक है, बस चलना फिरना दूभर है। तुम्हारे भैया टेंशन में दुबले हुए जा रहे हैं इस बीमारी और पैसे के कारण। अभी तक कुछ भी व्यवस्था नहीं हो पाई है।”
नंदा:- “देखती हूं इनसे बात करके लेकिन हिम्मत नहीं होती, इतनी बड़ी रकम जो है।”
भाभी:- “हां यह बात तो है। जमाई बाबू पहले ही इतनी मदद कर चुके हैं कि अब और कैसे कहें मदद के लिए फिर भी एक बार बात करके देखो।”
नंदा:- “हां भाभी देखती हूं।”
नंदा:- “एक हफ्ता बचा है मम्मी के ऑपरेशन को और भैया अभी तक पूरा पैसा नहीं जमा कर सके हैं। भैया भाभी दोनों बहुत परेशान लग रहे थे।”
नितिन:- “तुम परेशान मत हो वह जो डेढ़ लाख की एफडी पड़ी है उसे तोड़ दो और नीलू को दे दो। पैसा जमा ही इसीलिए किया जाता है कि वक्त पर काम आ सके। रखे रखे तो कुछ काम आएगा नहीं।”
नंदा रोने लगती है। नितिन का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा कि, “मैं कितनी खुशनसीब हूं कि आप जैसा पति मिला। मेरे पीहर के दुख को अपना दुख समझकर मेरा साथ देते हैं और मुझे समझते हैं।”
नितिन:- “तुम मेरी अर्धांगिनी हो मतलब आधा अंग हो तो मैं मेरे आधे अंग को कष्ट में कैसे देख सकता हूं। तुम्हारा दुख मेरा दुख है और यह जरूरी नहीं कि बेटी की शादी हो गई तो वह मायके से संबंध तोड़ दे या मायके की तकलीफ में काम ना आये या मायके के लोग बेटी से मदद की अपेक्षा नहीं रख सकते। तुम वह पैसे ले जाओ और नीलू को दे दो तो उसे राहत मिलेगी। नंदा खुशी-खुशी घर जाने के लिए तैयार होने लगी। उसके चेहरे पर संतोष था।
प्रियंका वर्मा महेश्वरी
Read More »क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा ऑनलाइन संगोष्ठी इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन
कानपुर 24 जनवरी क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा एक ऑनलाइन संगोष्ठी जिसका शीर्षक इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन किया गया / इस संगोष्ठी में समस्त छात्र छात्राओं को ध्वनि प्रदूषण के बचाव से संबंधित उपाय तथा होने वाली हानियों से अवगत कराया गया कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ श्वेता चंद ने प्रार्थना द्वारा किया प्राचार्य प्रोफेसर जोसफ डेनियल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया मुख्य वक्ता के रूप में डॉ श्रद्धा सिन्हा प्रोफेसर बाबू बनारसी दास कॉलेज लखनऊ ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से कैसे बचा जा सकता है तथा दूसरे मुख्य वक्ता डॉ डी एस राव, मैनेजर ,एन टी पी सी ओडीशा ने बताया कि आज का युवा कैसे एक फैशन के तौर पर मॉडिफाइड साइलेंसर का इस्तेमाल करते हैं जो कि इल्लीगल है तथा सेंटर मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 190 का उल्लंघन करता है ध्वनि प्रदूषण से हमारे मस्तिष्क पर घातक प्रभाव पड़ता है तथा सुनने की शक्ति भी लगातार घटती जाती है हृदय गति बढ़ जाती है जिससे रक्तचाप सर दर्द अनिद्रा जैसे रोग भी उत्पन्न होते हैं संयोजिका डॉ मीत कमल ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्च शिक्षा विभाग प्रयागराज की प्रेक्षा के क्रम में यह बहुत ही अच्छी पहल है जिसमें कि युवाओं को इस विषय में जागृत करना बहुत ही अहम है तथा पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखना हमारी प्रथम जिम्मेदारी है विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने छात्रों को सभी प्रकार के मानकों का पालन करने का सुझाव दिया धन्यवाद ज्ञापन डॉ आनंदिता भट्टाचार्य ने करा कार्यशाला का कुशल संचालन जूही सिंह ने किया डॉ ज्योत्सना ,डॉ असीम के साथ कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे
चुनावी समर, 2022 विधान सभा चुनाव
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान करने की घोषणा की है और विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस अपने – अपने स्तर पर जोर आजमाइश कर रहे हैं। बड़ी पार्टियों के साथ – साथ तमाम छोटे दल भी अपना भविष्य तलाश रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के सियासी दौरे ने अन्य राजनीतिक दलों में हलचल पैदा कर दी है। धर्म और आस्था से लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। इस समय लगभग सभी दलों को अब आम आदमी की चिंता सताने लगी है और उन्हें वादों में मुफ्त बिजली, पानी, सस्ता अनाज, तेल, गैस, फोन और लैपटॉप जैसी चीजों से लुभाने की कोशिशें की गई है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्वांचल विशेष महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल ने जिसका साथ दिया उसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता का सुख भोगा है। विकास के तौर पर चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश को सौगातें दी जा रही हैं। गोरखपुर में एआईआईएमएस के साथ खाद फैक्ट्री, बलरामपुर में सरयू कनाल प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे और प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुंभ में महिलाओं को कई सौगातें दी गई। ये सारे प्रयास मतदाताओं को लुभाने और चुनावी रणनीति के तहत ही है।
हालांकि इस चुनावी रणनीति में भाजपा के अलावा और कोई दल मजबूत नजर नहीं आ रहा। विपक्ष प्रयास जरूर कर रहा लेकिन सशक्त हमलावर नहीं हो पा रहा है। राजनीतिक गलियारों में मतदाताओं को लेकर जो ध्रुवीकरण चल रहा है उसमें बीजेपी कितनी सफल होगी यह अभी गर्भ में है। भाजपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे ने भाजपा की संघर्ष को बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव पूरी मजबूती से हमलावर हो रहे हैं और उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट बिना प्रयास के ही हासिल है। इससे इतर भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज है। अल्पसंख्यकों का कितने प्रतिशत मत मिलेंगे इसमें भी संशय है फिर बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, पेट्रोलियम, बढ़ती जीडीपी, गिरता रुपया और कोरोना ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। फिर भी विकल्प के तौर पर अभी भाजपा के अलावा और कोई नहीं है, क्योंकि बाकी दलों में संगठन की कमी और मुद्दों पर पकड़ नहीं है। कांग्रेस अपना कोई मजबूत पक्ष नहीं रख पा रही है। प्रियंका गांधी का महिला कार्ड कितना असर दिखायेगा ये आने वाले समय में पता चलेगा।
प्रियंका वर्मा माहेश्वरी
Read More »एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” विषय पर कार्यक्रम आयोजित
भारतीय स्वरूप संवाददाता,कानपुर 13 जनवरी एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज मे एन एस एस इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया गया।युवा दिवस के उपलक्ष्य एनएसएस इकाई कोमोदनी द्वारा ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया । जिसका विषय ”भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” था।कार्यक्रम का संचालन एन एस एस प्रभारी डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल एवं शिक्षाशास्त्र विभाग की सभी शिक्षिका तथा छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान बीए प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संबंधित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी तथा अन्य सभी कक्षाओं में व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में सभी छात्राओं में ऊर्जा का संचार करते हुए विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर ने वर्तमान परिदृश्य में विवेकानंद एवं उनके दर्शन को अति आवश्यक बताया तथा उसे अपनाने पर बल दिया तथा विभाग की समस्त शिक्षिकाओं ने अपने व्याख्यान द्वारा छात्राओं को अभिभूत किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
एस .एन. सेन. बा. वि .पी .जी .कालेज, कानपुर नवाचार समिति द्वारा ग्राफिक डिजाइन की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
कानपुर 6 जनवरी, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत तकनीकी ज्ञान से अवगत कराने हेतु एस एन सेन बा वि पीजी कॉलेज में नवाचार समिति संबंध छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अंतर्गत ग्राफिक डिजाइन से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के अध्यक्ष महोदय श्री पी के मिश्रा, सचिव महोदय श्री पी के सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभो् सेन ,सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल जी ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन करके किया तथा सभी अतिथियों ने छात्राओं को शुभ आशीष दिया।
इस कार्यक्रम में मैक इंस्टीट्यूट द्वारा छात्राओं को डिजाइन को ग्राफिक के माध्यम से कैसे बनाया जाए तथा इसे अपना रोजगार के रूप में कैसे अपनाया जाए इसकी शिक्षा दी गई।
महाविद्यालय की सभी छात्राओं ने इस तकनीक के माध्यम से ग्राफिक्स के विभिन्न आयामों से इस विधा को सीखा अवश्य व इससे रोजगार के रूप में स्थापित करेंगे।
नवाचार समिति के प्रभारी डॉ रचना निगम में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा सेल की सदस्य श्रीमती मोनिका शुक्ला ने संचालन किया, श्रीमती मयूरिका गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कियाव श्रीमती अपर्णा निगम ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया तथा अन्य जानकारी दी
इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी प्रवक्ता उपस्थित रही
समर्थनारी संगठ द्वारा संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना जागृत हुई
कानपुर 4 जनवरी, संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना भी जागृत हुई। समर्थनारी संगठक की कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी ने 3 जनवरी को स्व.सावित्रीबाई फुले जी की जयंती में अपने संगठन की प्रमुख महिलाओं के साथ स्व०सावित्रीबाई फुले जी के जयन्ती पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीषा रोहतगी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीरा सिन्हा वर्षा जी के साथ सावित्रीबाई फूले जैसी महान भारत की शक्शियत जिन्होंने नारी शिक्षा,की दिशा मे विद्यालय उस समय खुलवाये जब स्त्री को शिक्षा और दलित को शिक्षा अपराध मानते थे शिक्षा सिर्फ उच्च जाति के पुरुषों की धरोहर मानी जाती थी।आपने 19वीं सदी मे अशिक्षा, सतिप्रथा, छूआछूत,बाल और विधवा विवाह, जैसी कुरीतियों पर आवाज़ उठाने वाली भारत की पहली महिला थी।साथ ही नीरा जी ने समस्त महिलाओं को जागरूक करते हुवे कहा की न हम दहेज लेगे न हम दहेज़ देगें।क्योंकि दहेज जहाँ वायलेंस वहां । वहीं कोविड 19 के चलते कई परिवार बेरोजगार हो गये उनको परिवार की सहयोगी स्वरोजगार निर्मित होने की राह दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शुक्ला जी,शिक्षा संयोजिका डा०नीना श्रीवास्तव जी ,कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी,डा०श्वेता श्रीवास्तव गुप्ता जी काउंसलर और फिजिकल ट्रेनर,इकबाल कौर महाराजपुर विधानसभा संयोजिका ,तृप्ति शुक्ला दक्षिण विधानसभा संयोजिका,रोटी से रोजगार की कानपुर संयोजिका अर्चना गुप्ता जी,अनुराधा श्रीवास्तव जी,और नीलम मैसी मिश्रा जी,पूजा जायसवाल जी बैठक में मौजूद रहीं।
बैठक में अमृत वर्ष पर भी चर्चा हुई और स्थाना दिवस की तैयारी पर चर्चा हुई।साथ ही आनेवाले मकरसंक्रान्ति त्यौहार पर संगठन की बहनो के साथ पुराने वस्त्र वितरण ,और खिचडी भोजन करने जैसे धार्मिक कार्यों को बल दिया।कल्याण मंत्र के साथ बैठक सम्पन्न हुई