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अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज का प्रायोगिक स्तर पर शुभारम्भ हुआ –सोना-चांदी के आयात के लिए प्रवेश द्वार बनेगा

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के अध्यक्ष श्री इंजेती श्रीनिवास ने आज यहां पायलट रन/सॉफ्ट लॉन्च का शुभारंभ किया। आईएफएससीए के स्थापना दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज 1 अक्टूबर, 2021 से ‘लाइव’ हो जाएगा।

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2020-21 में घोषणा के बाद11 दिसंबर, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (बुलियन एक्सचेंज) विनियम, 2020 अधिसूचित किया गया था, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ बुलियन एक्सचेंज,क्लियरिंग कॉर्पोरेशन, भण्डार और वॉल्ट शामिल हैं। सरकार ने बुलियन स्पॉट ट्रेडिंग और बुलियन भण्डार रसीदों को वित्तीय उत्पादों के रूप में तथा बुलियन से संबंधित सेवाओं को वित्तीय सेवाओं के रूप में अधिसूचित करने के लिए भी कदम उठाए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज “भारत में बुलियन आयात का प्रवेश द्वार” होगा, जिसके तहत घरेलू खपत के लिए सभी बुलियन आयात की प्रक्रिया एक्सचेंज के माध्यम से पूरी की जायेगी। उम्मीद है कि एक्सचेंज इकोसिस्टम से बुलियन कारोबार के लिए सभी बाजार सहभागियों को एक मंच पर लाया जाएगा, जो कुशल मूल्य निर्धारण, सोने की गुणवत्ता के आश्वासन, वित्तीय बाजारों के अन्य क्षेत्रों के साथ अधिक एकीकरण आदि को सक्षम करेगा और दुनिया में कारोबार के प्रमुख केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मज़बूत करने में मदद करेगा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स), इंडिया आईएनएक्स इंटरनेशनल एक्सचेंज (आईएफएससी) लिमिटेड (इंडिया आईएनएक्स), नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल), सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल)के बीच समझौता ज्ञापन के अनुसार एक होल्डिंग कंपनी,‘इंडिया इंटरनेशनल बुलियन होल्डिंग आईएफएससीलिमिटेड’(आईआईबीएच) को आईएफएससी, जीआईएफटी (गिफ्ट) सिटी में अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज, बुलियन क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और बुलियन डिपॉजिटरी की स्थापना और संचालन के उद्देश्य से गठित किया गया है।

आईएफएससीए ने होल्डिंग कंपनी के आवेदन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी,”इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड” के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज की स्थापना की जायेगी और इसमें बुलियन एक्सचेंज और बुलियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन भी शामिल किया जायेगा।

एक विदेशी डिपॉजिटरी,सीडीएसएल-आईएफएससीको बुलियन एक्सचेंज के लिए बुलियन डिपॉजिटरी के रूप में नामित किया गया है, जो वॉल्ट मैनेजर के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होगा।

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भारतीय नौसेना ने वियतनाम पीपुल्स नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास किया

दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के जहाजों की चल रही तैनाती के क्रम में आईएनएस रणविजय और आईएनएस कोरा ने 18 अगस्त 2021 को वियतनाम पीपुल्स नौसेना (वीपीएन) के वीपीएनएस ली थाई तो (एचक्यू-012) युद्ध-पोत के साथ द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास किया। द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए मजबूत रिश्ते को दृढ़ता से आगे ले जाना है और यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय नौसेना के पोत 15 अगस्त 2021 को बंदरगाह चरण वार्ता के लिए वियतनाम के कैम रैन पहुंचे, जिसमें मौजूदा कोविड -19 प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए वियतनाम पीपुल्स नौसेना के साथ पेशेवर बातचीत भी शामिल थी। समुद्री चरण के दौरान सतही युद्ध अभ्यास, हथियारों से गोलीबारी अभ्यास और हेलीकॉप्टर संचालन शामिल थे। वर्षों से दोनों नौसेनाओं के बीच नियमित अभ्यास और बातचीत ने उनकी पारस्परिकता तथा अनुकूलन क्षमता को बढ़ाया है। इस प्रक्रिया ने व्यावसायिक आदान-प्रदान की जटिलता और अनुपात में भारी वृद्धि सुनिश्चित की है। इस यात्रा का विशेष महत्व भी है क्योंकि, भारतीय नौसेना के जहाजों ने वियतनाम में देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया है।

दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध प्रगाढ़ रहे हैं। इस साल जून में, दोनों देशों ने रक्षा सुरक्षा वार्ता की और भारतीय नौसेना के पोत अक्सर वियतनामी बंदरगाहों पर आते – जाते रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से दोनों नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण सहयोग भी बढ़ रहा है।

आईएनएस रणविजय एक मार्गदर्शित मिसाइल विध्वंसक और राजपूत श्रेणी का नवीनतम युद्ध-पोत है। इस पोत को 21 दिसंबर 1987 को कमीशन किया गया था और यह हथियारों तथा सेंसर की एक श्रृंखला से लैस है। यह पोत सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, एंटी एयर मिसाइल एवं बंदूकें, भारी वजन वाले टॉरपीडो, एंटी सबमरीन रॉकेट तथा एंटी सबमरीन हेली-कॉप्टर (कामोव 28) ले जाने में सक्षम हैं। आईएनएस रणविजय आईएनएस कोरा के साथ है, जो कोरा श्रेणी के मिसाइल कार्वेट का प्रमुख पोत है। यह पोत सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों तथा एंटी एयर गन से लैस है।

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प्रधानमंत्री 20 अगस्त को सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 20 अगस्त को प्रात: 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है उनमें सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखेंगे।

सोमनाथ सैरगाह को ‘प्रसाद  (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, धरोहर संवर्धन अभियान) योजना’ के तहत 47 करोड़ रुपये से भी अधिक की कुल लागत से विकसित किया गया है। ‘पर्यटक सुविधा केंद्र’ के परिसर में विकसित सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र में पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली की मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को दर्शाया जाता है।

पुराने (जूना) सोमनाथ के पुनर्निर्मित मंदिर परिसर को श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा 3.5 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ पूरा किया गया है। इस मंदिर को ‘अहिल्याबाई मंदिर’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसे इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा तब बनाया गया था, जब उन्होंने पाया कि पुराना मंदिर खंडहर में तब्‍दील हो गया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए संपूर्ण पुराने मंदिर परिसर का समग्र रूप से पुनर्विकास किया गया है। श्री पार्वती मंदिर का निर्माण 30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सोमपुरा सलात शैली में मंदिर का निर्माण, गर्भ गृह और नृत्य मंडप का विकास करना शामिल होगा।

केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय पर्यटन मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

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केन्‍द्र ने देश में कोविड स्थिति में सुधार आने तक इंजेक्‍शन रेम्‍डेसिविर और रेम्‍डेसिविर एक्टिव फार्मास्‍युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया

भारत में कोविड मामलों में हाल में काफी तेजी आई है। 11.04.2021 तक कोविड के 11.08 लाख सक्रिय मामले हैं और उनमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसकी वजह से कोविड रोगियों के उपचार में प्रयुक्‍त इंजेक्‍शन रेम्‍डेसिविर की मांग में अचानक बहुत तेजी आ गई है। आने वाले दिनों में इस मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।

भारत की सात कंपनियां अमेरिका की मेसर्स गिलीड साइंसेज के साथ स्‍वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्‍शन रेम्‍डेसिविर का उत्‍पादन कर रही हैं। उनके पास हर महीने लगभग 38.80 लाख यूनिट की संस्‍थापित क्षमता है।

उपरोक्‍त को देखते हुए भारत सरकार ने स्थिति में सुधार आने तक इंजेक्‍शन रेम्‍डेसिविर तथा रेम्‍डेसिविर एक्टिव फार्मास्‍युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसके अतिरिक्‍त, भारत सरकार ने रोगियों एवं अस्‍पतालों को रेम्‍डेसिविर की सरल सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निम्‍नलिखित कदम उठाए हैं:-

  1. दवा की सुविधा सुगम बनाने के लिए रेम्‍डेसिविर के सभी घरेलू विनिर्माताओं को उनकी वेबसाइट पर उनके स्‍टॉकिस्‍ट/वितरकों के विवरणों को प्रदर्शित करने का सुझाव दिया गया है।
  2. ड्रग इंस्‍पेक्‍टरों तथा अन्‍य अधिकारियों को स्‍टॉक का सत्‍यापन करने तथा उनके कदाचारों की जांच करने तथा जमाखोरी और तहबाजारी रोकने के लिए अन्‍य कारगर कदम उठाने का भी निर्देश दिया गया है। राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य सचिव संबंधित राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के ड्रग इंस्‍पेक्‍टरों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे।
  3. फार्मास्‍युटिकल विभाग रेम्‍डेसिविर के उत्‍पादन में बढ़ोतरी के लिए घरेलू विनिर्माताओं के संपर्क में बना हुआ है।

भारत सरकार ने राज्‍यों को यह भी सुझाव दिया है कि वर्तमान ‘कोविड-19 के लिए राष्‍ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल’ जो साक्ष्‍य पर आधारित है, को विशेषज्ञों की समिति द्वारा कई परस्‍पर बैठकों के बाद विकसित किया गया है और यह कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए मार्गदर्शक दस्‍तावेज है। प्रोटोकॉल में रेम्‍डेसिविर को एक इंवेस्टिगेशनल थेरेपी अर्थात विस्‍तृत दिशा-निर्देशों में उल्‍लेखित प्रति संकेतों पर गौर करने के अतिरिक्‍त, जहां सूचित और साझा निर्णय निर्माण अनिवार्य है, के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सुझाव दिया गया है कि इन कदमों को एक बार फिर से सभी अस्‍पतालों, सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों को संप्रेषित कर दिया जाए और इनके अनुपालन की निगरानी की जाए।

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टीका उत्सव’ कोरोना के विरुद्ध दूसरी बड़ी लड़ाई की शुरुआत है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘टीका उत्सव’ वैक्सीनेशन पर्व को कोरोना के विरुद्ध दूसरी बड़ी लड़ाई कहा है और व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया है। यह उत्सव आज महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर शुरू हुआ है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती तक चलेगा।

इस अवसर पर एक संदेश में प्रधानमंत्री ने इस अभियान के सम्बन्ध में चार बिन्दुओं पर बल दिया।

पहलाहर एकटीका लगवाएअर्थात ऐसे व्यक्ति जो  स्वयं को टीका लगवाने के लिए नहीं जा सकतेजैसे कि अनपढ़ एवं वृद्ध जनउनकी सहायता करें

दूसराहर एक– दूसरे का उपचार करे। ऐसा उन लोगों को कोरोना का उपचार दिलवाने के लिए है जिनके पास इसकी जानकारी नहीं है और इसके लिए आवश्यक संसाधन नहीं है

तीसराहर एक – दूसरे को बचाएअर्थात मै मास्क पहनूंगा और अपने अलावा औरों को बचाऊंगा।  इस पर जोर दिया जाना चाहिए।

और अंत में ‘सूक्ष्म संगरोध क्षेत्र’ (माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स) बनाने के लिए समाज और जनता को पहल करनी होगी। यदि कोरोना संक्रमण का एक भी प्रमाणित मामला सामने आता है तो परिवार के सदस्यों और समाज के लोगों को ‘माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स’ बनाने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसी घनी जनसंख्या वाले देश में ‘माइक्रो  कन्टेनमेंट जोन्स’  कोरोना के विरुद्ध लड़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री ने परीक्षण करने और जागरूकता बढाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हर पात्र व्यक्ति से टीका लगवाने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि ऐसा करना समाज और प्रशासन दोनों का पहला प्रयास होना चाहिए

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमें वैक्सीन की शून्य बर्बादी (जीरो वैक्सीन वेस्टेजकी दिशा में बढना होगा।उन्होंने कहा कि टीकाकरण क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग ही हमारी क्षमता बढाने का रास्ता है

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स’ के बारे में जागरूक होने से ही हमारी सफलता का निर्धारण होगा। इसके लिए हमे अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलनासभी पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण  और  मास्क पहनने एवं अन्य निर्देशों का पालन करने जैसे कोविड उचित व्यवहार का हम सब कैसे पालन करते हैंका तरीका अपनाना होगा।

प्रधानमंत्री ने इन चार दिनों के ‘टीका उत्सव’ के दौरान व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर लक्ष्य निर्धारित करनेऔर उनकी पूर्ति के लिए गम्भीर प्रयास के लिए कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की जन भागीदारी, जागरूकता और दायित्वपूर्ण व्यवहार के साथ हम सभी एक बार फिर से कोरोना पर नियन्त्रण करने में सफल हो सकेंगे।

उन्होंने दवाई भी-कड़ाई भी की याद दिलाने के साथ ही अपनी बात पूरी  की।

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एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छोटे व मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा।

भारतीय स्वरूप संवाददाता, जयपुर। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक व अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन राजस्थान इकाई के तत्वावधान में होटल वेस्टा मौर्या में किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने कहा कि छोटे व मझोले समाचार पत्रों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकारों ने जो कदम उठाए हैं वो छोटे व मझोले समाचार पत्रों पर अप्रत्यक्ष रूप से आघात है । चंदोला ने साफ तौर पर कहा कि जिस सरकार ने जब भी छोटे व मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध काम किया है। वो सफल नहीं हुआ है, बल्कि उन्होंने बुरा अंजाम भुगता है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा बताया। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि छोटे व मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध बनाई गईं गलत नीतियों को तुरंत खत्म किया जाए। उ0प्र0 राज्य के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा कि डी ए वी पी की नई नीति में कई ऐसे मानक बनाये गए हैं। जिनसे साफ तौर पर जाहिर होता है कि वो छोटे और मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध एक साजिश है जिसे खत्म किया जाए। पंवार ने कहा कि डी ए वी पी की नई नीति से मार्किग सिस्टम को हटाया जाए व रीडर शिप प्रोफाइल के फार्म को हटाया जाए। यह भी मांग की कि विज्ञापन के निर्धारित कोटे के मुताबिक विज्ञापन जारी किए जाएं। एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शंकर कतीरा ने केंद्र सरकार से अखबारी कागज न्यूज प्रिंट से जी एस टी हटाने की मांग रखी।
वहीं राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डॉ अनंत शर्मा ने कहा कि कोविड के कारण छोटे व मझोले समाचार पत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अतः छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के उत्थान के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया जाए।
कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य अशोक चतुर्वेदी ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार को बेमतलब के नियमों को छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों पर ना थोपा जाए। अनिल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों का गला घोंटने का काम किया है। जबकि छोटे अखबार ही सच्ची व जमीनी खबरों को सबके सामने लाते हैं।इस मौके पर राजस्थान इकाई के द्वारा एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। और भव्य स्वागत किया गया। साथ ही छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के मालिकों की समस्याओं को हल कराने के लिए हेल्पलाइन नम्बर की घोषणा की गई। वहीं बृजेन्द्र प्रकाश हलचल ने उपसमितियां बनाने की बात रखी।इस मौके पर मध्यप्रदेश से राजेन्द्र प्रसाद बिंजवे, गुजरात से शंकर कतीरा, मयूर बोरीचा, असम से किरी रॉन्ग हेंग, राजस्थान से डॉक्टर अनंत शर्मा, अमृता मौर्य, अशोक चतुर्वेदी, अनिल यादवए ब्रजेन्द्र प्रकाश हलचल, उप्र से इकाई अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, डी के मैथानी, शलभ जायसवाल, अरविंद्र यादव, भगवती चंदोला, के. सी. चंदोला, राजस्थान से गोपाल गुप्ता, अशोक सिंघल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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