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राजनीति

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने निफ्ट के युवा स्नातकों से भारत को वैश्विक फैशन राजधानी बनाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग व वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के युवा स्नातकों से भारत को विश्व की फैशन राजधानी बनाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया। उन्होंने मुंबई स्थित निफ्ट के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री गोयल ने कहा कि भारतीय डिजाइनर और कलाकारों के पास कौशल व अभिनव विचार हैं। उन्होंने कहा कि निफ्ट के स्नातकों सहित भारतीय डिजाइनर वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने स्नातक करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आप में से सभी सपने देखने वाले हैं, आप नए विचारों, नए डिजाइनों और नई अवधारणाओं के साथ आते हैं।” उन्होंने स्थानीय कोल्हापुरी चप्पल और पैठानी साड़ियों का उदाहरण दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पारंपरिक भारतीय कला और हस्तशिल्प में वैश्विक फैशन ट्रेंड्स बनने की क्षमता है।”

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श्री गोयल ने कहा, “डिजाइन के छात्र के रूप में आप में से हर कोई एक गहरी संवेदनशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। ये आपके काम की गुणवत्ता और आप अपने कामगारों, बुनकरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें उनके काम का उचित मूल्य मिले, में दिखेगा।” श्री गोयल ने कहा कि निफ्ट स्नातकों से उच्च मानकों और नैतिकता को बनाए रखने की अपेक्षा है। उन्होंने निफ्ट के छात्रों की प्रतिभा की सराहना की। कपड़ा मंत्री ने कहा कि निफ्ट के कई स्नातक जल्द ही बॉलीवुड के लिए डिजाइनिंग शुरू करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूजीसी ने फैशन प्रौद्योगिकी में स्नातक, फैशन प्रौद्योगिकी में परास्नातक (मास्टर) और फैशन प्रबंधन में परास्नातक (मास्टर) पाठ्यक्रम को मान्यता दी है। उन्होंने कहा, “यूजीसी से मान्यता प्राप्त तकनीकी डिग्री आपको पूरे विश्व में उच्च अध्ययन के बेहतर अवसर प्राप्त करने में सहायता करेगी।” उन्होंने कहा कि सभी पाठ्यक्रमों के एक समान मानकीकरण से छात्रों के लिए शैक्षणिक मूल्य को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

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श्री गोयल ने छात्रों से अपने संस्थान और राष्ट्र को कुछ वापस देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि निफ्ट हथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्प कारीगरों और अन्य लोगों के लिए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। उन्होंने छात्रों से संस्थान को पाठ्यक्रम तैयार करने और कलाकारों को सलाह देने में सहायता करने का अनुरोध किया। श्री गोयल ने कहा, “उन लोगों को यह वापस देने पर विचार करें, जिन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का अवसर प्राप्त नहीं होता है।” उन्होंने कहा, “बुनकरों के एक समूह को अपना सकते हैं, अपने कामगारों को कुशल बनाने पर विचार करें, उन्हें बेहतर काम करने के लिए शिक्षित करें, बेहतर डिजाइन, पैकेजिंग, मार्केटिंग व ब्रांडिंग के माध्यम से उनकी आय में सुधार करने में उनकी सहायता करें।” 2020 और 2021 में पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 627 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पदक, प्रमाणपत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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सेना कमांडरों का सम्मेलन 18 से 22 अप्रैल 2022 तक नई दिल्ली में निर्धारित

सेना कमांडरों का सम्मेलन 18-22 अप्रैल 2022 तक नई दिल्ली में निर्धारित है। सेना कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो प्रत्येक वर्ष अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है। सम्मेलन वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है, जहां भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं।

सम्मेलन के दौरान, भारतीय सेना का वरिष्ठ नेतृत्व सक्रिय सीमाओं के साथ परिचालन स्थिति की समीक्षा करेगा, संघर्ष वाले पूरे क्षेत्र में खतरों का आकलन करेगा और क्षमता विकास और परिचालन तैयारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्षमता की कमी का विश्लेषण करेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण, उत्कृष्ट तकनीक को शामिल करने और रूस-यूक्रेन युद्ध के किसी भी प्रभाव पर मूल्यांकन से संबंधित पहलुओं पर चर्चा भी निर्धारित है।

भारतीय सेना में कार्यों में सुधार, वित्तीय प्रबंधन, ई-वाहनों को शुरू करने और डिजिटलीकरण से संबंधित प्रस्तावों के अतिरिक्त क्षेत्रीय कमांडों द्वारा प्रायोजित विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर वरिष्ठ कमांडरों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन के हिस्से के रूप में, आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (एडब्ल्यूईएस) और आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें आयोजित की जाएंगी।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 21 अप्रैल 2022 को वरिष्ठ कमांडरों के साथ बातचीत करने और सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद है। यह सम्मेलन भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए रक्षा मंत्रालय के संवाद सत्र के दौरान और रक्षा विभाग सैन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परस्पर बातचीत करने का एक औपचारिक मंच भी है।

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कानपुर के समग्र विकास कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित

कानपुर 16 अप्रैल अध्यक्ष, उ0प्र0 विधान सभा सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्किट हाउस के सभागार में कानपुर के समग्र विकास कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में परियोजना/कार्यवार विभागीय अधिकारियों से कार्यो के प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होने कानपुर नगर में रिंग रोड के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि शहर में यातायात की जाम की समस्या से निपटने के लिये शहर से बाहर रिंग रोड से जुडने वाले सभी चार हाइवे पर चार बस स्टेशन ग्राम समाज की भूमि पर बनाये जाने हेतु भूमि का चिन्हिांकन कराने के निर्देश दिये तथा कार्यो का निरन्तर अनुश्रवण किये जाने के भी निर्देश दिये।इसके साथ ही औद्योगिक विकास उपयोग के लिये ग्राम समाज की भूमि का चिन्हीकरण कराने व संबंधित विभागों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर रिंग रोड के आस-पास विकास कराने तथा कानपुर विकास प्राधिकरण की महायोजना में भी रिंग रोड का कार्य सम्मिलित किये जाने के निर्देश दियें।उन्होनें गड्डामुक्त मार्ग कराये जाने हेतु समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सभी विभाग अपने से संबंधित मार्गो को अनिर्वाय रूप से सडकों को गड्डामुक्त कराये तथा सडक के दोनों ओर सर्विस लेन पर अवैध कब्जों को हटाकर उसे बनाया जायें।
एयरर्पोट टर्मिनल निर्माण की समीक्षा में नगर आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि नाला निर्माण हेतु शासन को धनराशि का मांग पत्र प्रेिषत किया गया है तथा आन्तरिक जल निकासी हेतु 40 लाख रूपयें से कार्य कराये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।गंगापुल से जाजमऊ व रामादेवी तक के मार्ग को प्राथमिकता के आधार पर जनहित में ठीक कराये जाने के निर्देश दियें।उन्होनें जनपद में पुल निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुये करबिगंवा का पुल 30 जून,2022 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराये जाने तथा कैण्ट पुल के अवशेष कार्य व सर्विस लेन का निर्माण कार्य भी पूणर््ा किये जाने के निर्देश सेतु निगम के अधिकारी को दियें।उन्होनें निर्माण किये जा रहे जयपुरिया रेलवे क्रंासिग के पुल पर विद्युत पोल के शिफिटिंग के कार्य को कराये जाने के भी निर्देश दियें।
उन्होनें नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि बारिश के मौसम के पहले शहर को जल भराव की समस्या से निजात दिलाने के लिये सभी नालों कह सफाई एवं सिल्ट सफाई का कार्य पूर्ण करा लिया जाए।उन्होंने सभी संबधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम समाज, व सभी सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं को चिन्हित करते हुये उनके विरूद्व कडी कार्यवाही की जायें।उन्होनें विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन किन्हीं स्थानों पर बांस बल्लियों में विद्युत केबिल लगें हैं,उन्हें तत्काल हटाकर विद्युत पोल स्थापित किये जायें।

उन्होनें नर्वल तहसील के अर्न्तगत निर्माण की जा रही सैमसी झील के सभी सम्पर्क मार्गो के चौडीकरण एवं मरम्मत कराये जाने तथा झील में पर्याप्त जल की उपलब्धता के संबंध में निर्देश दियें। शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिये प्रमुख चौराहों को चिन्हित कर जाम की समस्या से निजात हेतु कार्यवाही किये जाने के निर्देश दियें।
बैठक मेें एम0एल0सी0 श्री अरूण पाठक,विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी,
मण्डलायुक्त, डा0 राजशेखर,जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा,संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री आन्नद तिवारी,केडीए उपाध्यक्ष श्री अरविन्द सिंह,सीडीओ डा0महेन्द्र कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारगण उपस्थित रहें।

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बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 14 अप्रैल, 2022 (सू0वि0) उप मुख्यमंत्री,  ब्रजेश पाठक ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर होटल मंदाकिनी में आयोजित कार्यक्रम का डा0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया।
डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती, बैशाखी तथा महावीर जयंती का शुभ अवसर है। इस अवसर पर उन्होंने सभी को बधाई देते हुये कहा कि बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर भारत में ही नही विश्व के अन्य देशों में भी अपने सिद्धान्तों एवं दलित, वचिंत व गरीब वर्गो के हितो के लिये किये गये कार्यो के लिये याद किये जाते है। उन्होंने भारतीय संविधान की संरचना में बहुत बडी भूमिका निभायी। बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने समाज के सभी वर्गो में समानता लाने तथा गरीब निर्धन व वचिंतो के जीवन में सुधार व बदलाव लाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर जी ने कहा कि कोई छोटा बडा नही है सभी बराबर रहे। उन्होंने अपना पराया व ऊच-नीच के भेदभाव को भी हटाने का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार भी डा0 अम्बेडकर की सोच को आगे बढाने का कार्य कर रही है तथा गरीबो, दलितो व वंचितो को जिनके पास कच्चा मकान व जो लोग छत/घर विहीन है, उन्हें पक्का मकान के साथ घर-घर शौचालय देने का कार्य रही है। प्रदेश सरकार गरीबो, वंचितो के हितो के लिये अनेको योजनायें संचालित कर उनके सर्वागीण विकास करने का कार्य कर रही है, जिसके अन्तर्गत मकान, बिजली, सड़क, शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर सांसद श्री देवेन्द्र सिंह भोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरूण, एमएलसी अरूण पाठक, विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी, श्री राहुल सोनकर, जिलाध्यक्ष सुनील बजाज, डा0 वीना आर्या, सदस्य महिला आयोग श्रीमती पूनम कपूर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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14 राज्यों को 7183.42 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान जारी

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज 14 राज्यों को .7,183.42 करोड़ रुपये के अंतरण पश्चात राजस्व घाटा (पीडीआरडी) अनुदान की पहली मासिक किस्त जारी की। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी किया गया है।

पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 14 राज्यों को कुल 86,201 करोड़ रुपये अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। अनुशंसित अनुदान को व्यय विभाग द्वारा अनुशंसित राज्यों को 12 समान मासिक किश्तों में जारी किया जाएगा।

संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को अनुदान जारी किया जाता है।

इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुदान की मात्रा का निर्धारण पंद्रहवें आयोग द्वारा राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा 2022-23 के दौरान जिन राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश की गई है उनमें शामिल हैं : आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल।

2022-23 के लिए अनुशंसित  अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान का राज्य-वार विवरण और राज्यों को पहली किस्त के रूप में जारी की गई राशि निम्नानुसार है:

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11 अप्रैल को वाशिंगटन में भारत-अमरीका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 11-14 अप्रैल, 2022 के बीच संयुक्त राज्य अमरीका का दौरा करेंगे। रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ 11 अप्रैल, 2022 को वाशिंगटन डीसी में चौथी भारत-अमरीका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। अमरीकी विदेश मंत्री श्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन संयुक्त राज्य अमरीका का प्रतिनिधित्व करेंगे। 2+2 वार्ता के दौरान सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करके भविष्य का मार्ग निर्धारित किया जाएगा।

श्री राजनाथ सिंह रक्षा औद्योगिक सहयोग और सैन्य-से-सैन्य संबंधों के माध्यम से क्षमता निर्माण सहित रक्षा सहयोग के बारे में चर्चा करने के लिए अमरीकी रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन से पेंटागन में अलग से मुलाकात करेंगे। वाशिंगटन डीसी की यात्रा के बाद हवाई द्वीप स्थित यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (इंडोपैकोम) के मुख्यालय का दौरा करना भी रक्षा मंत्री के कार्यक्रम में शामिल है।

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रक्षा मंत्रालय 08 APR 2022 3:31PM by PIB Delhi डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 08 अप्रैल, 2022 को ओडिशा तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) बूस्टर तकनीक का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान परीक्षण के लिए इस्तेमाल की गई जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल सभी महत्वपूर्ण घटकों के विश्वसनीय कामकाज का सफलतापूर्वक प्रदर्शन हुआ और मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया।

एसएफडीआर-आधारित प्रपल्शन मिसाइलों को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा प्राप्त किए गए डेटा से इस प्रणाली के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई है। एसएफडीआर को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमरत और पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया गया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने इसे देश में विशेष मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना करते हुए कहा कि एसएफडीआर के सफल परीक्षण के साथ अब हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

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बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ

कानपुर 8 अप्रैल (सू0वि0) बेटा-बेटी एक समान, शिक्षा है सबका अधिकार आदि नारों से सुसज्जित प्रदेश में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ सब पढ़े, सब बढ़े, शिक्षा विकास की कुंजी है। कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार, घर-घर दीप जलाओ अपने बच्चे सभी पढ़ाओ, पढ़ेंगे पढ़ायेंगे उन्नत देश बनायेंगे, एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा छूटा, पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी, आदि नारों से सुसज्जित उ0प्र0 में स्कूल चलो अभियान उ0प्र0 सरकार का बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण कराकर शिक्षा देने का बड़ा कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। इस अभियान के तहत प्राइमरी/बेसिक शिक्षा के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है। शिक्षा मनुष्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। जीवन में शिक्षा रूपी उपकरण का प्रयोग कर कुछ भी अच्छा प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा लोगों को सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक, सम्मान, आदर्श एवं नैतिकता के साथ मानवता का बोध कराती है। शिक्षा लोगों में आत्म विश्वास विकसित करने के साथ ही व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। यह समाज के सभी व्यक्तियों में समानता और बन्धुत्व की भावना लाती है। शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की सुविधायें दे रहे है और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष स्कूल चलो अभियान चला रहे हैं।
प्रदेश में 04 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि में स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 04 अप्रैल, 2022 को जनपद श्रावस्ती से ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़े जाने के लिए सरकार तत्पर है। सरकार द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने, उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराने, शतप्रतिशत बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ‘‘स्कूल चलो अभियान’’ कार्यक्रम लगातार संचालित किया जा रहा है। स्कूल चलो अभियान के कारण विगत शैक्षिक सत्रों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन में पर्याप्त वृद्धि हुयी है, जिसमें शैक्षिक सत्र 2016-17 में 15231268 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ था वही वर्ष 2017-18 15367206, 2018-19 में 15892722, 2019-20 में 16012684, 2020-21 में 16632987 एवं 2021-22 में 17354636 का नामांकन हुआ। प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन कर विद्यालयों में नामांकन किया जा रहा है, जिसमें अध्यापक, ग्राम प्रधान एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का सहयोग लिया जा रहा है। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के 1.33 लाख स्कूलों को बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। प्रदेश में कक्षा 1-8 में अध्ययनरत राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित किये जाने की व्यवस्था लागू है। समस्त राजकीय, परिषदीय, सहायतित विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-1 से 8 तक के समस्त बालक/बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं कार्यपुस्तिका वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में प्री-प्राइमरी पर समुदाय जागरूकता हेतु हमारा-आँगन-हमारे बच्चे , विकास खण्ड स्तरीय कार्यक्रम, संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों में बुनियादी भाषा एवं गणित में कौशल विकास हेतु निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को आकर्षित करने हेतु खेलकूद सामग्री, तथा बच्चों को रूचिकर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की पुस्तकों एवं गणित किट उपलब्ध करायी गयी है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 06-14 आयु वर्ग के समस्त दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु बेल पाठ्यपुस्तकें तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों हेतु इंलार्ज पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था की गयी है तथा गम्भीर रूप से दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेन्ड दिया जा रहा है। कक्षा 01 से 03 में अध्ययनरत समस्त दिव्यांग बच्चों को हिन्दी भाषा एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीट्स का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया। मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं की शिक्षा, सशक्तीकरण एवं स्वालम्बन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिससे बालिकाओं में आत्म विश्वास आ रहा है।

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भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्‍यापार समझौता (ईसीटीए) पर हस्‍ताक्षर

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं ऑस्‍ट्रेलिया के व्‍यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री श्री डैन तेहान, एमपी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी एवं ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में आज भारत-ऑस्‍ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्‍यापार समझौते पर हस्‍ताक्षर किये।

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

2.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए एक दशक के बाद किसी वि‍कसित देश के साथ भारत का पहला व्‍यापार समझौता है। इस समझौते में दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों की एक व्‍यापक श्रृंखला सन्निहित है तथा यह वस्‍तुओं में व्‍यापार, उ‍त्‍पत्ति के नियम, व्‍यापार की तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्‍वच्‍छता एवं पादप स्‍वच्‍छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, तटस्‍थ व्‍यक्तियों की आवाजाही, दूरसंचार, सीमा शुल्‍क प्रक्रियाएं, फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पाद एवं अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग, जैसे क्षेत्रों को कवर करता है। द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विभिन्‍न पहलुओं को कवर करते हुए आठ विषय विशि‍ष्‍ट सहायक अनुबंध पत्रों (साइड लेटर) पर भी समझौते के हिस्‍से के रूप में हस्‍ताक्षर किए गए।

प्रभाव या लाभ:

3.    ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्‍यापार को प्रोत्‍साहित करने तथा सुधार लाने के लिए एक संस्‍थागत तंत्र उपलब्‍ध कराता है। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच ईसीटीए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है। भारत, ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा उसके 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर उपलब्‍ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार पहुंच से लाभान्वित होगा। इसमें रत्‍न एवं आभूषण, कपड़े, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्‍पाद, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, चिकित्‍सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल जैसे भारत की निर्यात दिलचस्‍पी के सभी श्रम केन्द्रित सेक्‍टर शामिल हैं। दूसरी तरफ, भारत ऑस्‍ट्रेलिया को ऑस्‍ट्रेलिया के निर्यात की लाइनों सहित अपनी टैरिफ लाइनों के 70 प्रतिशत से अधिक की वरीयतापूर्ण पहुंच प्रस्‍तुत करेगा, जो कोयला, खनिज अयस्‍क तथा वाइन आदि जैसे मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल तथा इंटरमीडियरीज़ है।

4.    जहां तक सेवाओं में व्‍यापार का प्रश्‍न है तो, ऑस्‍ट्रेलिया ने लगभग 135 उप-क्षेत्रों में व्‍यापक प्रतिबद्धताओं तथा 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसंदीदा राष्‍ट्र (एमएफएन) जो आईटी, आईटीईएस, व्‍यवसाय सेवाएं, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा एवं ऑडियो विजुअल जैसे भारत की रूचि के प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं, की पेशकश की है। ऑस्‍ट्रेलिया से सेवा क्षेत्र में की गई कुछ प्रमुख प्रस्‍तुतियां है: शेफ तथा योग शिक्षकों के लिए कोटा, पारस्‍परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए दो-चार वर्षों के लिए अध्‍ययन उपरांत कार्य वीज़ा; प्रोफेशनल सेवाओं तथा अन्‍य लाइसेंस प्राप्‍त/विनियमित व्‍यवसायों को परस्‍पर मान्‍यता; युवा प्रोफेशनलों के लिए वर्क तथा होलिडे वीज़ा। दूसरी तरफ, भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को लगभग 103 उप-क्षेत्रों में बाजार पहुंच तथा ‘व्‍यवसाय सेवाओं’, ‘संचार सेवाओं’, ‘निर्माण एवं संबंधित इंजीनियरिंग सेवाओं’ इत्‍यादि जैसे 11 व्‍यापक सेवा सेक्‍टरों से 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक पसं‍दीदा राष्‍ट्र की प्रस्‍तुति की है। दोनों पक्षों ने इस समझौते के तहत फार्मास्‍यूटिकल उत्‍पादों पर एक पृ‍थक परिशिष्‍ट पर भी सहमति जताई है जो पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा जैवप्रकार औषधियों के लिए शीघ्रता से मंजूरी प्राप्‍त करने में सक्षम बनाएंगे।

समय-सीमा:

5.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए के लिए बातचीत औपचारिक रूप से 30 सितम्‍बर 2021 को फिर से आरंभ हुई तथा मार्च, 2022 के अंत तक फास्‍ट ट्रैक आधार पर संपन्‍न हुई।

पृष्‍ठभूमि:

6.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनमें हाल के वर्षों में रूपांतरकारी बदलाव हुए हैं और अब ये एक सकारात्‍मक रास्‍ते पर विकसित होकर मित्रतापूर्ण साझेदारी में बदल गए हैं। यह एक विशेष साझेदारी है जिसकी विशेषता बहुलवादी, संसदीय लोकतंत्रों, राष्‍ट्रकुल परंपराओं, बढ़ते आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों के बीच दीर्घकालिक रिश्‍ते तथा बढ़ते हुए उच्‍चस्‍तरीय परस्‍पर संपर्कों के साझा मूल्‍य है। भारत-ऑस्‍ट्रेलिया व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी 4 जून, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तथा ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्‍कॉट मॉरीसन एमपी के बीच भारत आस्‍ट्रेलिया लीडर्स वर्चुअल समिट के दौरान आरंभ हुई, जो कि हमारे बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।

7.    बढ़ते भारत-ऑस्‍ट्रेलिया और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच स्थि‍रता तथा तेजी से विविधकृत तथा प्रगाढ़ होते द्वपक्षीय संबंध की मजबूती में योगदान देते हैं। भारत और ऑस्‍ट्रेलिया एक-दूसरे के महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक साझेदार बने रहे हैं। इनका प्रगाढ़ द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध समय के साथ और गहरा हुआ है। ऑस्‍ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है तथा भारत ऑस्‍ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है। वस्‍तु एवं सेवाओं दोनों के लिए भारत-ऑस्‍ट्रेलिया द्विपक्षीय व्‍यापार का मूल्‍य 2021 में 27.5 बिलियन डॉलर आंका गया है। 2019 तथा 2021 के बीच ऑस्‍ट्रेलिया को भारत का वस्‍तु निर्यात 135 प्रतिशत बढ़ा। भारत के निर्यातों में मुख्‍य रूप से परिष्‍कृत उत्‍पादों का एक व्‍यापक बास्‍केट शामिल है तथा 2021 में ये 6.9 बिलियन डॉलर के थे। ऑस्‍ट्रेलिया से भारत का वस्‍तु आयात 15.1 बिलियन डॉलर का था जिसमें मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल, खनिज अवयव तथा इंटरमीडिएट वस्‍तुएं थीं।

8.    भारत और ऑस्‍ट्रेलिया जापान के साथ-साथ त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला अनुकूल पहल (एससीआरआई) व्‍यवस्‍था में साझेदार हैं जिसमें भारत प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं की अनुकूलता को बढ़ाने की इच्‍छा जताई गई है। इसके अतिरिक्‍त, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया हाल ही में निर्मित क्‍वाड के भी सदस्‍य हैं, जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं तथा इसका उद्देश्‍य समान चिंताओं के कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और साझेदारी विकसित करना है।

9.    भारत-ऑस्‍ट्रेलिया ईसीटीए दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे, घनिष्‍ठ, रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाएगा तथा वस्‍तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्‍यापार को उल्‍लेखनीय रूप से बढ़ाएगा, नए रोजगार अवसरों का सृजन करेगा, जीवन स्‍तर बढ़ाएगा तथा दोनों देशों के लोगों के सामान्‍य कल्‍याण में सुधार लाएगा।

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रूसी के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की

रूस के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

विदेश मंत्री लावरोव ने प्रधानमंत्री को वर्तमान में चल रही शांति वार्ता समेत यूक्रेन की संपूर्ण परिस्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी योगदान के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

रूस के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2021 में आयोजित भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए विभिन्न निर्णयों की प्रगति के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

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