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राजनीति

उपराष्ट्रपति ने पुलिस बलों से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशील होने की अपील की

उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज पुलिस बलों से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशील होने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ने और उनकी पूरी क्षमता हासिल करने में सहायता करने के लिए महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षमकारी वातावरण का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image009EV79.jpg

श्री नायडू ने आज चेन्नई में तमिलनाडु पुलिस को प्रेसिडेंशियल पुलिस कलर प्रदान करने के बाद पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए, देश में सबसे अधिक महिला पुलिस थानों और महिला पुलिस कर्मियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या होने के लिए तमिलनाडु की प्रशंसा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएं हमारी आधी आबादी हैं लेकिन उन्हें विभिन्न मोर्चों पर समान अवसर प्रदान करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

उपराष्ट्रपति ने साइबर अपराध और अन्य आधुनिक अपराधों जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी और सीमापारी अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, पुलिस बलों को 21वीं सदी के इन अपराधों से प्रभावी और त्वरित तरीके से निपटने के लिए कुशल बनने और खुद को इसके लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने वैज्ञानिक तर्ज पर साइबर अपराध के मामलों की जांच के लिए विभिन्न साइबर फोरेंसिक सुविधाओं के अलावा 46 साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों के साथ एक अलग साइबर अपराध विंग की स्थापना के लिए तमिलनाडु पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा, “कौशल का उन्नयन, अवसंरचना में सुधार और पुलिस बल के रवैये में बदलाव पुलिस के आधुनिकीकरण के प्रमुख तत्व हैं।”

उपराष्ट्रपति ने सांस्कृतिक कलाकृतियों की चोरी या नुकसान के मामलों की जांच के लिए देश में अपनी तरह की पहली विशिष्ट आइडल विंग के लिए भी तमिलनाडु पुलिस की सराहना की। हाल ही में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से दस अमूल्य प्राचीन मूर्तियों को हासिल करने के लिए राज्य पुलिस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यतागत मूल्यों को संरक्षित करने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु राज्य की समृद्ध और गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए इसे हमारी आगामी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री नायडू ने तमिलनाडु को भारत के सबसे समृद्ध और औद्योगिक राज्यों में से एक बताते हुए कहा कि तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक माहौल में पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “राज्य की आर्थिक प्रगति के पीछे प्राथमिक कारणों में से एक सार्वजनिक व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में राज्य पुलिस की भूमिका है, जो राज्य में निवेश, वृद्धि और विकास को आकर्षित करने के लिए आवश्यक है।”

पुलिस कर्मियों के लिए कई कल्याणकारी उपायों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने बल में तनाव तथा शराब और आत्महत्याओं की रोकथाम के लिए एक “पुलिस कल्याण कार्यक्रम” शुरू करने के लिए विशेष रूप से तमिलनाडु की प्रशंसा की। उन्होंने तमिलनाडु की 1076 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा की प्रभावी ढंग से रक्षा करने और मछुआरों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में राज्य पुलिस की भूमिका की भी सराहना की।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001G8EL.jpg

प्रेसीडेंट पुलिस कलर की प्रस्तुति को तमिलनाडु पुलिस के इतिहास में एक गौरवशाली क्षण बताते हुए, श्री नायडू ने तमिलनाडु पुलिस के सभी सेवारत और सेवानिवृत्त सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह आपके समर्पण, पेशागत कुशलता, निस्वार्थ सेवा और बलिदान का सम्मान है”। उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु में पुलिस महानिदेशक और पुलिस बल के प्रमुख डॉ. सी. सिलेंद्र बाबू को भी बधाई दी, जिनके नेतृत्व में तमिलनाडु पुलिस के कर्मियों ने परेड का एक प्रभावशाली प्रदर्शन किया। श्री नायडू ने इस अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान, चेन्नई के साथ अपने जीवन भर रहे जुड़ाव का स्मरण किया और इसे एक सुंदर शहर बताया जो उन्हें सदा विस्मित करता रहा है। उपराष्ट्रपति के रूप में यह श्री नायडू की चेन्नई की अंतिम यात्रा थी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव डॉ. वी. इराई अंबू, तमिलनाडु के पुलिस बल के प्रमुख, डीजीपी डॉ. सी. सिलेंद्र बाबू,  तमिलनाडु सरकार के एसीएस (गृह) श्री के. फणींद्र रेड्डी, चेन्नई के डीजीपी/सीओपी श्री शंकर जीवाल, तमिलनाडु सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल श्री बी. सेल्वा कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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रक्षा मंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों के लिये वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने को मंजूरी दी

सभी नागरिकों के लिए सुगम व सम्मानजनक जीवन की सरकार की नीति के अनुरूप और सशस्त्र सेवाओं के लिए मानवीय भावना के तहत रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के अनाथ संतानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने को मंजूरी दी है। इससे अनाथ बच्चे सम्मान और गरिमा के साथ बेहतर तरीके से अपना जीवन जी सकेंगे।

इस योजना का संचालन केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) करता है और रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ) के माध्यम से वित्त पोषण किया जाता है। यह सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष का एक सब-सेट है। मौजूदा योजना अनाथ बच्चों के लिए है, जो किसी पूर्व सैनिक के बेटे या अविवाहित बेटी हैं और जिनकी आयु 21 साल से कम है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित जिला सैनिक बोर्ड (जेडएसबी) आवेदन को अनुशंसित करती है।

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आयकर विभाग ने तमिलनाडु में छापेमारी की

आयकर विभाग ने 20.07.2022 को दो व्यापारिक समूहों पर तलाशी एवं जब्ती अभियान चलाया; इसमें से एक रियल एस्टेट में है, और दूसरा सड़क और रेलवे निर्माण से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा  हुआ है। तलाशी अभियान में मदुरै और चेन्नई और उसके आसपास स्थित 30 से अधिक परिसरों को शामिल किया गया।

इन समूहों पर हुई तलाशी कार्रवाई के परिणामस्वरूप, दस्तावेजों और डिजिटल आंकड़ों सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं और जब्त किए गए हैं। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े समूह के मामले में, इन सबूतों से पता चला है कि समूह बड़े पैमाने पर बेहिसाब नकदी को स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी में शामिल है। समूह एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ऐसी बेहिसाब नकदी का एक समानांतर बहीखाता रख रहा था ।

निर्माण से जुड़े अनुबंधों के व्यवसाय में शामिल दूसरे समूह के मामले में, यह पाया गया कि समूह खुद से तैयार वाउचर के माध्यम से विभिन्न कच्चे माल की खरीद में सब कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े फर्जी खर्चों और मूल्यवृद्धि को दिखा कर बड़े पैमाने पर कर चोरी में शामिल था। समूह द्वारा अपनाए गए तरीके में, पहले बैंकिंग चैनलों के माध्यम से फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स को अनुबंध राशि का भुगतान किया गया था, और बाद में इस रकम को नकद के रूप में समूह को वापस कर दिया गया था

इन समूहों पर हुई तलाशी अभियान में 150 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का खुलासा हुआ है।

14 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 10 करोड़ रुपये कीमत के सोने और आभूषण तलाशी अभियान के दौरान जब्त किए गए हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं मिला है।

आगे की जांच जारी है।

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एक ऐतिहासिक पहल के तहत, प्रधानमंत्री 30 जुलाई को विद्युत क्षेत्र के लिए पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य – पावर @ 2047’ के समापन समारोह में भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे। वे एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने बिजली क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की है। इन सुधारों से इस क्षेत्र में बदलाव आया है, सभी के लिए किफायती बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ये सुधार किये गए हैं। लगभग 18,000 गांवों का विद्युतीकरण, जिनके पास पहले बिजली आपूर्ति की सुविधा नहीं थी, अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति को लाभ देने से जुड़ी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत, प्रधानमंत्री बिजली मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम, पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की परिचालन क्षमता तथा वित्तीय स्थिति में सुधार करना है। वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ, इस योजना का उद्देश्य बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए डिस्कॉम कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उपभोक्ता के लिए आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य परिचालन क्षमता में सुधार करके 2024-25 तक एटी एंड सी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) नुकसान को 12-15% के अखिल भारतीय स्तर और एसीएस-एआरआर (आपूर्ति की औसत लागत – औसत राजस्व प्राप्ति) के अंतर को शून्य तक कम करना भी है। इसके लिये सभी सार्वजनिक क्षेत्र की डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 5200 करोड़ रुपये से अधिक की एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण भी करेंगे। वे तेलंगाना के 100 मेगावाट रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और केरल के 92 मेगावाट कायमकुलम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। वे राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना, लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना और गुजरात में कावास प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना की आधारशिला रखेंगे।

रामागुंडम परियोजना भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें 4.5 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी मॉड्यूल हैं। कायमकुलम परियोजना दूसरी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें पानी पर तैरते 3 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी पैनल शामिल हैं।

राजस्थान के जैसलमेर के नोख में 735 मेगावाट की सौर पीवी परियोजना घरेलू सामग्री की आवश्यकता पर आधारित भारत की सबसे बड़ी सौर परियोजना है, जिसमें एक ही स्थान पर 1000 मेगावाट पैनल हैं, जिनमें ट्रैकर सिस्टम के साथ उच्च-वाट क्षमता से युक्त दो तरफ वाले पीवी मॉड्यूल लगे हैं। लेह, लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट एक पायलट परियोजना है, जिसका उद्देश्य लेह और उसके आसपास पांच फ्यूल सेल बसों का परिचालन करना है। इस पायलट परियोजना के तहत भारत में सार्वजनिक उपयोग के लिए फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों की पहली तैनाती की जाएगी। एनटीपीसी कवास टाउनशिप स्थित ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण की पायलट परियोजना; प्राकृतिक गैस के उपयोग को कम करने में मदद करने वाली भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना होगी।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारम्भ करेंगे, जो रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया की ऑनलाइन ट्रैकिंग को सक्षम करेगा, जिसमें आवेदन दर्ज करने से लेकर आवासीय उपभोक्ताओं के बैंक खातों में संयंत्र की स्थापना और निरीक्षण के बाद सब्सिडी जारी करना तक शामिल हैं।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 25 से 30 जुलाई तक ‘उज्ज्वल भारत उज्जवल भविष्य- पावर @2047’ का आयोजन किया जा रहा है। देश भर में आयोजित, इस कार्यक्रम में पिछले आठ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की बिजली संबंधी विभिन्न पहलों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है।

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सिंधिया ने जबलपुर-कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया

नागर विमानन उड्डयन मंत्रीश्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज स्पाइसजेट द्वारा जबलपुर और कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम में संसद सदस्य (लोकसभा) श्री राकेश सिंह, संसद सदस्य (राज्य सभा) श्री विवेक के. तन्खा, जबलपुर छावनी के विधानसभा सदस्य श्री अशोक रोहानी, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, और स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अजय सिंह की उपस्थिति के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल तौर पर उपस्थित थे।

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एयरलाइन इस रूट पर दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और कम दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किए गए अपने क्यू400,78-सीटर टर्बो प्रोप विमान को तैनात करेगी। उड़ान का यह नया रूट 26 नई घरेलू उड़ानों का एक हिस्सा है जिसे स्पाइसजेट आज लॉन्च कर रही है। इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि पिछले एक साल में देश में हवाई सेवाओं में व्यापक विस्तार हुआ है, खासकर मध्य प्रदेश में जहां जुलाई 2021 में प्रति सप्ताह 554 विमानों का आवागमन हो रहा था और अब यह आंकड़ा 980 तक चला गया है। उन्होंने कहा कि जबलपुर अब 10 शहरों से जुड़ गया है, और विमानों का आवागमन बढ़कर 182 हो गया है। इसी तरह, ग्वालियर जुलाई, 2021 में 56 विमानों के आवागमन के साथ 4 शहरों से जुड़ा था, और यह आंकड़ा बढ़कर एक सौ हो गया है। इंदौर में 308 विमानों का आवागमन हो रहा था जो बढ़कर 468 हो गया है और अब यह 20 शहरों से जुड़ा है। राज्य की राजधानी भोपाल, जिसका जुलाई 2021 में 5 शहरों के साथ हवाई संपर्क था, अब 13 शहरों से जुड़ गया है और इसमें 226 विमानों का आवागमन हो रहा है। खजुराहो हवाई अड्डा भी दिल्ली से जुड़ा है और यहां से प्रति सप्ताह 4 उड़ानें संचालित हैं।

नागर विमानन मंत्री ने कहा कि जबलपुर हवाईअड्डा 1930 में स्थापित किया गया था, और द्वितीय विश्व युद्ध में इसका इस्तेमाल किया गया था। अब, हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें रनवे की लंबाई 1988 मीटर से बढ़कर 2750 मीटर हो गई है। पीक आवर्स में टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता 200 यात्रियों से बढ़ाकर 250 की जा रही है, और इसका क्षेत्रफल 2600 वर्ग मीटर से बढ़कर 10713 वर्ग मीटर हो जाएगा। 3 एयरो ब्रिज बनाए जा रहे हैं, और नए एटीसी टावर और फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि 412 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा विस्तार कार्य अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।

जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने जबलपुर के लोगों को नई कनेक्टिविटी मिलने पर बधाई दी, जिससे क्षेत्र में कारोबार, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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जबलपुर और उसके आस पास के क्षेत्रों के लोगों को सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलने से लाभ होगा जिससे यात्रियों के लिए निर्बाध आवागमन की सुविधा होगी। नई सीधी उड़ान से आम लोगों को यात्रा करने का एक नया विकल्प मिलेगा जिससे पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और दोनों क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। जबलपुर पहले ही नौ शहरों यानी बेंगलुरु, दिल्ली, बिलासपुर, हैदराबाद, इंदौर, मुंबई, पुणे, चेन्नई और भोपाल से जुड़ चुका है। अब इसे 10वें शहर कोलकाता से जोड़ा जा रहा है।

उड़ान की सूची इस प्रकार है:

क्र.सं. उड़ान  प्रस्थान आगमन एयरलाइन बारंबारता प्रस्थान (समय) आगमन (समय) विमान का प्रकार शुरुआत की तिथि
1 एसजी 3003 जबलपुर कोलकाता स्पाइसजेट प्रतिदिन 19:15 21:15 क्यू400 22 जुलाई से
2 एसजी 3002 कोलकाता जबलपुर स्पाइसजेट प्रतिदिन 06:10 08:30 क्यू400 23 जुलाई से

 

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने के ऐतिहासिक क्षण पर आज नई दिल्ली में उनसे भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद पर उनकी ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। श्री अमित शाह ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने के ऐतिहासिक क्षण पर आज नई दिल्ली में उनसे भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।

अपने ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी प्रचंड विजय पर पूरा देश विशेषकर जनजातीय समाज उत्साह व हर्षोल्लास के साथ जश्न मना रहा है। एक अति सामान्य जनजातीय परिवार से आने वाली NDA प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का भारत का राष्ट्रपति चुना जाना पूरे देश के लिए गौरव का पल है, उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ। यह विजय अन्त्योदय के संकल्प को चरितार्थ करने व जनजातीय समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी जिन विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए आज देश के इस सर्वोच्च पद पर पहुँची है वो हमारे लोकतंत्र की अपार शक्ति को दर्शाता है। इतने संघर्षों के बाद भी उन्होंने जिस नि:स्वार्थ भाव से खुद को देश व समाज की सेवा में समर्पित किया वो सभी के लिए प्रेरणादायी है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में NDA के सहयोगियों, अन्य राजनीतिक दलों व निर्दलीय जनप्रतिनिधियों का जनजातीय गौरव श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के पक्ष में मतदान करने पर आभार व्यक्त करता हूँ। मुझे विश्वास है कि भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू जी का कार्यकाल देश को और गौरवान्वित करेगा।

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भारत और यूनाइटेड किंगडम ने उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के बीच छात्रों की आवाजाही और शैक्षणिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से संबंधित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज यूनाइटेड किंगडम (यूके) के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग के स्थायी सचिव श्री जेम्स बॉलर और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में सचिव (उच्च शिक्षा) श्री के. संजय मूर्ति के बीच हस्ताक्षर किए गए।

मई 2021 में, भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए 2030 तक का एक व्यापक रोडमैप अपनाया गया था। दोनों पक्ष एक नई संवर्धित व्यापारिक साझेदारी पर भी सहमत हुए थे। शिक्षा इस रोडमैप का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के आलोक में, दोनों पक्ष शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता के बारे में सहमत होकर शैक्षिक संबंधों के विस्तार के लिए राजी हुए।

यह हमारे द्विपक्षीय शैक्षिक संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के बीच छात्रों की आवाजाही आसान होगी और मजबूत संस्थागत सहयोग विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग का दायरा व्यापक होगा।

भारत सरकार शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण, जोकि एनईपी 2020 के तहत ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से दूसरे देशों के साथ अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को अनुमति प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है।

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इस वर्ष से नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा निःशुल्क की जा रही है- किरेन रिजिजू

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष से  देश में नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा नि:शुल्‍क की जा रही है। टेली-लॉ ने कानूनी सहायता से वंचित व्‍यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) में उपलब्ध टेली/वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इसे पैनल अधिवक्‍ताओं के साथ जोड़कर उन्‍हें कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। आसान और सीधी पहुंच के लिए टेली-लॉ मोबाइल एप्लिकेशन (एंड्रॉइड और आईओएस दोनों) का भी 2021 में शुभारंभ किया गया और यह वर्तमान में 22 अनुसूचीबद्ध भाषाओं में उपलब्ध है। इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए, टेली-लॉ ने केवल पांच वर्षों में कानूनी सेवाओं की पहुंच के दायरे का 20 लाख से अधिक लाभार्थियों तक विस्‍तार कर दिया है।

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आयोजन के दौरान विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कानूनी सेवाओं के एकीकृत वितरण पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समझौता ज्ञापन सभी के लिए न्याय के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और नागरिकों के बीच सबसे व्‍यापक स्‍तर के एकीकरण कारक के रूप में कानून के शासन को स्थापित करने की हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है। समझौता ज्ञापन के प्रावधान के तहत नालसा प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली-लॉ कार्यक्रम के लिए 700 अधिवक्‍ताओं की सेवाएं प्रदान करेगा। पैनल में शामिल ये अधिवक्‍ता अब रेफरल अधिवक्‍ताओं के रूप में भी कार्य करेंगे और मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करेंगे। श्री किरेन रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि एसोसिएशन कुछ ही समय में 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचने में भी सहायता प्रदान करेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री किरेन रिजिजू ने विचाराधीन कैदियों की रिहाई के माध्यम से जेलों की भीड़भाड़ कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। नालसा अपने एसएलएसए  और डीएलएसए  के माध्यम से पहले से ही इस संबंध में विचाराधीन समीक्षा समिति (यूटीआरसी) के जरिए विचाराधीन कैदियों को नि:शुल्‍क कानूनी सहायता/कानूनी परामर्शदाता उपलब्ध करा रहा है। पिछले वर्ष के दौरान यूटीआरसी की कुल 21,148 बैठकें आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 31,605 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया।

मंत्री महोदय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों से विचाराधीन कैदियों को कानूनी परामर्श/सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को और तेज करने की अपील की ताकि विचाराधीन समीक्षा समिति के समन्वय से अधिक से अधिक विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा सके। उन्होंने उच्च न्यायालयों से इस अवधि के दौरान संबंधित जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में यूटीआरसी की नियमित बैठकें सुनिश्चित करने की अपील की ताकि जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की अधिकतम संख्या को 15 अगस्त, 2022 से पहले रिहा करने की सिफारिश की जा सके। उन्होंने कहा कि विचाराधीन कैदियों की रिहाई संभव हो सकती है। इस संदर्भ में देखा जा सकता है कि “आजादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने पहले ही कैदियों को विशेष छूट देने का फैसला किया है, जिसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

अपने संबोधन के समापन पर श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि न्याय तक पहुंच को भारत के संविधान के तहत निर्धारित हमारे कानूनी ढांचे के एक अभिन्न अंग के रूप में मान्यता दी गई है और इस अवधारणा को साकार करने तथा अब तक किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों और सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता है।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के संबंध में आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपरा ज्यपालों व प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के ज़रिए संवाद किया

आज़ादी का अमृत महोत्सव देश के हर नागरिक के लिए गौरव का विषय है, आज़ादी के 75 सालों में हमारे देश ने ना केवल लोकतंत्र की जड़ों को गहरा किया है बल्कि विकास के हर पहलू की दृष्टि से आज हम विश्व में उचित स्थान पर खड़े हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव को एक नए तरीक़े से मनाने का संकल्प लिया है

‘हर घर तिरंगा’ देश के हर नागरिक के दिलोदिमाग़ में देशभक्ति की भावना को उच्चतम स्तर पर ले जाने का कार्यक्रम है

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से 13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच सभी घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है, इस प्रयास में देश के सरकारी और निजी प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे

देश में 20 करोड़ से ज़्यादा घर और सौ करोड़ से अधिक लोग तीन दिन अपने घर पर तिरंगा फहराएंगे और तिरंगे के माध्यम से पुन: अपने आप को भारत माता की सेवा में समर्पित करेंगे

इस कार्यक्रम की सफलता केवल विचार या आह्वान से नहीं हो सकती, इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व जनता की भागीदारी से ही जन-जन तक पहुंचाने का काम हम कर पाएँगे

20 करोड़ तिरंगे हर घर पर फहराना एक भगीरथ कार्य है और यह कार्यक्रम देश में देशभक्ति की एक नई भावना जगाने में बहुत बड़ा योगदान देगा

इस वर्ष 22 जुलाई से हम सब अपने अपने होमपेज पर, हर राज्य की हर वेबसाइट और देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के होमपेज पर तिरंगा लगाएँ

प्रभात फेरी महात्मा गांधी की आज़ादी की लड़ाई का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग था, 11 से 14 अगस्त तक प्रभात फ़ेरी के कार्यक्रम को हर गांव में मनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों, सरकारी संस्थानों, एनजीओ, सहकारी समितियों को अपना योगदान देना चाहिए

जब बच्चे, बूढ़े, युवा और किशोर मिलकर भारत माता का यशोगान करते हुए हाथ में तिरंगा लेकर गांव में एक घंटे तक प्रभात फेरी निकालेंगे तो तिरंगा लगाने का हमारा ये कार्यक्रम अपने आप ही सफल हो जाएगा

राज्य सरकारों के सभी विज्ञापनों में‘हर घर तिरंगा’ का प्रचार किया जाए, राज्यों के मुख्यमंत्री टीवी चैनल्स और लोकल चैनल्स से निवेदन करें तो वे भी छोटे-छोटे कार्यक्रम कर इसे आगे ले जाएँ

गांवों की सहकारी समिति और पीएसयू के माध्यम से भी इसका प्रचार करना चाहिए, हर व्यक्ति इस कार्यक्रम से जुड़ जाए इसके लिए हमें प्रचार के सभी माध्यमों का उपयोग करना चाहिए

झंडे के उत्पादन के लिए भारत सरकार ने बहुत सारी व्यवस्थाएं की हैं, देश के पोस्ट ऑफ़िस में तीनों प्रकार के झंडे उपलब्ध होंगे, हर व्यक्ति ऑनलाइन भी तिरंगा ख़रीद सकता है

जब 13 अगस्त से  इस अभियान की शुरू हो तब अपने घर पर झंडा फहराकर अगर हम सब भारत सरकार द्वारा डेडीकेटेड वेबसाइट पर अपनी सेल्फ़ी डालें तो इस अभियान को गति मिलेगी और 15 अगस्त तक हमें करोड़ों घरों पर तिरंगा देखने का सौभाग्य मिलेगा

देश की युवा पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करने और देश के बच्चों, किशोरों व युवाओं को आने वाले अनेक सालों तक देश के विकास, सुरक्षा और भविष्य के साथ जुड़ने का संस्कार देने का दायित्व हम सबका है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के संबंध में आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों व प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के ज़रिए संवाद किया। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशनरेड्डी भी उपस्थित थे।

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इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव देश के हर नागरिक के लिए गौरव का विषय है और आज़ादी के 75 सालों में हमारे देश ने ना केवल लोकतंत्र की जड़ों को गहरा किया है बल्कि विकास के हर पहलू की दृष्टि से आज हम विश्व में उचित स्थान पर खड़े हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक नए तरीक़े से मनाने का संकल्प लिया और इसके तीन उद्देश्य हैं। पहला, जिन नामी-बेनामी शहीदों ने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया, देश की युवा पीढ़ी को उनके और उनके बलिदान के बारे में जानकारी देकर देशभक्ति के संस्कार को सृजित करना। दूसरा, 75 सालों में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और कई क्षेत्रों में भारत आज दुनिया में शीर्ष स्थान पर है, ये वर्ष उन उपलब्धियों का महिमामंडन करने का वर्ष है। तीसरा, ये संकल्प का वर्ष है। देश के प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव से लेकर आज़ादी की शताब्दी तक के 25 साल के कालखंड को अमृत काल के रूप में मनाने का आह्वान किया है। अमृत काल में देश में हर क्षेत्र में आज़ादी की शताब्दी के समय हम कहां खड़े होंगे, ये 25 साल संकल्प सिद्धि का समय है।

श्री अमित शाह ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ देश के हर नागरिक के दिलोदिमाग़ में देशभक्ति की भावना को उच्चतम स्तर पर ले जाने का कार्यक्रम है। देश में 20 करोड़ से ज़्यादा घर और सौ करोड़ से अधिक लोग तीन दिन अपने घर पर तिरंगा फहराएंगे और तिरंगे के माध्यम से पुन: अपने आप को भारत माता की सेवा में समर्पित करेंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से 13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच सभी घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। इस प्रयास में देश के सरकारी और निजी प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि तिरंगा फहराने से देश के प्रति देशभक्ति की भावना और मजबूत होने के साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि देश के बच्चे और युवा देश की आजादी के लिए अनगिनत शहीदों द्वारा किए गए बलिदानों से अवगत हो सकें। ये कार्यक्रम दुनियाभर में पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जो किसी भी राष्ट्र ने अपनी आज़ादी या किसी और दिन को मनाने के लिए कभी नहीं मनाया होगा। इस कार्यक्रम की सफलता केवल विचार या आह्वान से नहीं हो सकती, इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व जनता की भागीदारी से ही जन-जन तक पहुंचाने का काम हम कर पाएँगे, तभी ये कार्यक्रम और इसका उद्देश्य भी सफल होगा। 20 करोड़ तिरंगे हर घर पर फहराना एक भगीरथ कार्य है और यह कार्यक्रम देश में देशभक्ति की एक नई भावना जगाने में बहुत बड़ा योगदान देगा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के तीन वर्टिकल्स हैं। पहला, प्रचार-प्रसार के माध्यम से सभी लोगों को इसके साथ जोड़ना और जन-जन तक इसे पहुंचाना। दूसरा, उत्पादन और तीसरा, घर घर पर झंडा लगाना। केन्द्र, राज्य सरकारों, ज़िला पंचायतों म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, पंचायतों और व्यक्तियों को इन तीनों वर्टिकल्स के लिए काम करना होगा। इस वर्ष 22 जुलाई से हम सब अपने अपने होमपेज पर, हर राज्य की हर वेबसाइट और देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के होमपेज पर तिरंगा लगाएँगे तो इसका प्रचार-प्रसार अपने आप होगा।  अमित शाह ने कहा कि प्रभात फेरी महात्मा गांधी की आज़ादी की लड़ाई का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग था और 11 से 14 अगस्त तक प्रभात फ़ेरी के कार्यक्रम को हर गांव में मनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों, सरकारी संस्थानों, एनजीओ, सहकारी समितियों को अपना योगदान देना चाहिए। प्रभात फ़ेरी ने ही स्वदेशी, भारत छोड़ो आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन को घर-घर पहुंचाने का काम किया था। जब बच्चे, बूढ़े, युवा और किशोर मिलकर भारत माता का यशोगान करते हुए हाथ में तिरंगा लेकर गांव में एक घंटे तक प्रभात फेरी निकालते हैं तो तिरंगा लगाने का हमारा ये कार्यक्रम अपने आप हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि राज्य सरकारों के सभी विज्ञापनों में‘हर घर तिरंगा’ का प्रचार किया जाए, राज्यों के मुख्यमंत्री टीवी चैनल्स और लोकल चैनल्स से निवेदन करें तो वे भी छोटे-छोटे कार्यक्रम कर इसे आगे ले जाएँगे। गांवों की सहकारी समिति और पीएसयू के माध्यम से भी इसका प्रचार करना चाहिए। हर व्यक्ति इस कार्यक्रम से जुड़ जाए इसके लिए हमें प्रचार के सभी माध्यमों का उपयोग करना चाहिए।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दूसरा वर्टिकल है उत्पादन। इसके लिए भारत सरकार ने बहुत सारी व्यवस्थाएं की हैं। देश के पोस्ट ऑफ़िस में तीनों प्रकार के झंडे उपलब्ध हों, ऐसी व्यवस्था भारत सरकार ने की है। पोस्ट ऑफ़िस से भी आप अपना ऑर्डर बुक कर सकते हैं, वहां से हर नागरिक जाकर झंडा ख़रीद सकता है और ऑनलाइन ख़रीद की भी व्यवस्था है। राज्य सरकारों के लिए GEM पर तानों प्रकार के झंडे उपलब्ध हैं। राज्यों को उत्पादन में मदद करने के लिए भारत सरकार ने पर्याप्त व्यवस्था की है और इसे नागरिकों के बीच प्रचारित करने से वे अपने आप भी ऑनलाइन झंडा मंगा सकते हैं। राज्यों के सारे पीएसयू, राज्यों के सारे कर्मचारी, कोऑपरेटिव सोसायटी के सारे कर्मचारी, सारे सदस्य अगर इस मूवमेंट के साथ जुड़ जाते हैं तो हम 20 करोड़ के लक्ष्य को बहुत आसानी के साथ प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जब 13 तारीख़ को ये अभियान शुरू हो तब अपने घर पर झंडा फहराकर अगर हम भारत सरकार द्वारा डेडीकेटेड वेबसाइट (https://harghartiranga.com/) पर अपनी सेल्फ़ी डालते हैं तो 13 तारीख़ से ही इस अभियान को गति मिल जाएगी और 15 तारीख़ तक करोड़ों घरों पर तिरंगा देखने का सौभाग्य हम सबको मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करने और देश के बच्चों, किशोरों व युवाओं को आने वाले अनेक सालों तक देश के विकास, सुरक्षा और  भविष्य के साथ जुड़ने का संस्कार देने का दायित्व हम सबका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से इसे आगे बढ़ाने का काम किया है। ये एक बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि अमृत महोत्सव के कार्यक्रम 15 अगस्त, 2023 तक चलने वाले हैं। अगर 15 अगस्त, 2022 को हम इसे शिखर तक ले जाते हैं तो 2022 से 2023 के दौरान हर घर में आज़ादी का अमृत महोत्सव, अमृत काल के लिए एक संकल्प और हर क्षेत्र में देश को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का हमारा संकल्प ज़रूर सिद्ध होगा। बैठक के दौरान गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली, नागालैंड, असम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम पर अपने विचार और सुझाव साझा किए।उन्होंने कार्यक्रम में अपने-अपने राज्यों के सभी घरों और प्रतिष्ठानों की पूर्ण भागीदारी का आश्वासन दिया। उन्होंने देश की आजादी के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।

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35 साल देश की शानदार सेवा करने के बाद आईएनएस सिंधुध्वज सेवामुक्त

आईएनएस सिंधुध्वज ने 35 साल की शानदार अवधि तक अपनी सेवाएं देने के बाद शनिवार, 16 जुलाई 2022 को भारतीय नौसेना को अलविदा कह दिया। इस समारोह में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता मुख्य अतिथि थे। इस डीकमीशनिंग कार्यक्रम में कोमोडोर एसपी सिंह (सेवानिवृत) समेत 15 पूर्व कमांडिंग ऑफिसर्स, कमिशनिंग सीओ और 26 अनुभवी कमीशनिंग क्रू ने हिस्सा लिया।

इस पनडुब्बी के शिखर पर एक भूरे रंग की नर्स शार्क चित्रित है और इसके नाम का अर्थ है समुद्र में हमारी ध्वजवाहक। जिस प्रकार इसके नाम से पता चलता है, सिंधुध्वज स्वदेशीकरण की ध्वजवाहक थी और नौसेना में अपनी पूरी यात्रा के दौरान रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की ध्वजवाहक थी। इस पनडुब्बी को श्रेय जाता है कि कई चीजें इसने पहली बार कीं। जैसे, हमारे स्वदेशी सोनार यूएसएचयूएस, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुकमणी और एमएमएस, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम का परिचालन इस पर ही हुआ। सिंधुध्वज ने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल के साथ मेटिंग और कार्मिक स्थानांतरण का काम भी सफलतापूर्वक किया, और ये इकलौती पनडुब्बी है जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इनोवेशन के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।  इस पारंपरिक समारोह को सूर्यास्त के समय आयोजित किया गया। बादलों से घिरे आसमान ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया जब डीकमिशनिंग ध्वज को उतारा गया और 35 साल की शानदार गश्त के बाद इस पनडुब्बी को सेवामुक्त कर दिया गया।

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