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राष्ट्रपति ने दीनदयाल बंदरगाह, कांडला, गुजरात में 280 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के कांडला में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण की 280 करोड़ रुपये से अधिक की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह के लॉजिस्टिक प्रदर्शन को बढ़ाने के साथ उसके संपूर्ण भीतरी इलाकों के विकास के साथसाथ बंदरगाह अवसंरचना को बढ़ाएगी। इन परियोजनाओं से जहाजों के टर्नअराउंड समय में और सुधार और कार्गो की तेजी से निकासी के साथसाथ बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में भी सुधार होगा।

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69.51 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर नए गुंबद के आकार के गोदामों के निर्माण की परियोजना से ऊंचाई बढ़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक कार्गो हैंडलिंग होगी, जो पांचवीं पीढ़ी के ट्रकों परिवहन वाहनों द्वारा हाइड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से बल्क कार्गो को उतारने के लिए उपयुक्त है।
80 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर 66 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लॉट्स और स्टॉर्म वाटर ड्रेन का उन्नयन कंक्रीट रोड, स्टॉर्म वाटर ड्रेन नेटवर्क, विद्युत केबलों के लिए पाइप नाली, फ़र्श और श्रमिकों की सुविधा, पेयजल, शौचालय और श्रमिकों के लिए विश्राम गृह जैसी सुविधाएं होंगी। 47 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर अन्य 40 हेक्टेयर क्षेत्र में भूखंडों, सड़कों और तूफानी जल नालियों के उन्नयन से कस्टम बॉन्डेड क्षेत्र के अंदर हैंडलिंग और भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी और 8.8 लाख मीट्रिक टन की क्षमता के साथ ड्राई कार्गो के आयात निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 87.32 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ टूना रोड को टू लेन से फोर लेन में अपग्रेड करने की परियोजना के परिणामस्वरूप तेजी से कार्गो निकासी होगी, जिससे पोर्ट पर ट्रैफिक हैंडलिंग में वृद्धि होगी और भविष्य में पोर्ट ट्रैफिक को निर्बाध रूप से समायोजित किया जा सकेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग से बंदरगाह को बहुत वांछित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और गति शक्ति के अनुरूप बंदरगाह तक पहुंचने वाली सड़कों को एक नया रूप प्रदान करेगा। परियोजना से पीपीपी पर डीपीए द्वारा विकसित की जाने वाली प्रस्तावित जेटी को भी लाभ होगा।

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राष्ट्रपति ने माल ढुलाई के मामले में देश का नंबर एक बंदरगाह होने के लिए दीनदयाल बंदरगाह की उपलब्धि को स्वीकार किया और सराहना की कि गुजरात के बंदरगाहों ने पूरे देश के लगभग 40 प्रतिशत माल ढुलाई को संभालता है। उन्होंने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की उपलब्धियों और इन परियोजनाओं के माध्यम से दीनदयाल बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने के लिए इसके विभिन्न प्रयासों की भी प्रशंसा की, जो पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा।

दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटीकांडला (डीपीएने चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में 70.14 एमएमटी कार्गो को संभाल कर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 17.22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जुलाई 2022 में 12.04 एमएमटी कार्गो जो एक महीने में अब तक का सबसे अधिक संचालन है। बंदरगाह ने वर्ष 2021-22 के लिए अब तक का सबसे अधिक 127.1 एमएमटी कार्गो का संचालन किया था। बंदरगाह ने बंदर बेसिन जेट्टी एरियाकांडला में 4 सुपर ओवर डायमेंशन पैकेज कार्गो के रोल ऑफ को भी संभाला था। डीपीए, कांडला ने मेसर्स सीईएल के साथ साझेदारी में पोर्ट पर गेट संचालन के पूर्ण स्वचालन को भी बढ़ाया है और मेसर्स एनआईएसजी के मार्गदर्शन में आरएफआईडी आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम दृष्टि” शुरू किया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत में बंदरगाह क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत गुजरात राज्य में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 57,000 करोड़ रुपये की 74 परियोजनाओं की पहचान की है। जिनमें से 9,000 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की 33 परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है और 22,700 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाओं का विकास कार्य चल रहा है। इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रालयों, प्रमुख बंदरगाहों, राज्य समुद्री बोर्ड और अन्य राज्य एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने अपनी गुजरात यात्रा के दौरान अस्पताल भवनों, सिंचाई परियोजनाओं, सड़क संपर्क और बंदरगाहों से संबंधित 1300 करोड़ रुपये से अधिक की कुल विभिन्न परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया है और उनकी आधारशिला रखी है। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत; श्री गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ; भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाईक; गुजरात सरकार में स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेश पटेल; गुजरात सरकार में जनजातीय विकास मंत्री श्री नरेश पटेल; राज्य के जनजातीय विकास और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती निमिषाबेन सुथार; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री भूषण कुमार और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटीकांडला के अध्यक्ष श्री एस.केमेहता उपस्थित थे।

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नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिलासपुर से इंदौर के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया

नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ आज दिनांक 3 अक्टूबर, 2022 को बिलासपुर से इंदौर के लिए सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। बिलासपुर-इंदौर-बिलासपुर के बीच संचालित उड़ान सेवा 3 अक्टूबर 2022 (आज) से प्रभावी होगी। इस मार्ग पर यह उड़ान सेवा प्रत्येक सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को संचालित होगी।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा, “यह नई हवाई संपर्क सेवा दोनों राज्यों के लोगों को सुविधा प्रदान करेगी और इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में योगदान देगी।” नागरिक विमानन मंत्री महोदय ने आगे कहा कि मंत्रालय वर्ष 2026 तक हेलिपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम सहित 200 गंतव्यों के संचालन के लिए काम कर रहा है। श्री सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिक विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और देश के हर हिस्से में हवाई संपर्क सेवा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य का और इंदौर मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख शहर है। इन शहरों के बीच बेहतर हवाई संपर्क सेवा से इस क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार की गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनके समग्र आर्थिक विकास में योगदान करने में मदद मिलेगी।

Imageएलायंस एयर की उड़ान संख्या 9आई 691 बिलासपुर से 11 बजकर 35 मिनट पर प्रस्थान करेगी। और 13 बजकर 25 मिनट पर इंदौर पहुंचेगी। इस विमान सेवा के लिए प्रारंभिक किराया 2,847 रुपये रखा गया है, जिसमें सभी कर शामिल हैं। उड़ान संख्या 9आई 692 इंदौर से 13 बजकर 55 मिनट पर प्रस्थान करेगी और 15 बजकर 45 मिनट पर बिलासपुर पहुंचेगी। इस उड़ान सेवा का प्रारंभिक किराया 3,218 रुपये रखा गया है, जिसमें सभी कर शामिल हैं।

उद्घाटन समारोह के दौरान मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, जिला बिलासपुर के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, श्री अरुण साव, सांसद (लोकसभा) बिलासपुर, श्री. शंकर लालवानी, सांसद (लोकसभा) इंदौर, श्री शैलेश पांडे, विधायक बिलासपुर, श्री धर्मलाल कौशिक, विधायक बिल्हा, श्री रामचरण यादव, महापौर नगर निगम, बिलासपुर, श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, संसदीय सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार मौजूद थे। इसके अलावा, श्रीमती उषा पाधी, नागर विमानन मंत्रालय के अपर सचिव श्री विक्रमदेव दत्त, मुख्य प्रबंध निदेशक-सीएमडी, एआईएएचएल, श्री विनीत सूद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ, एलायंस एयर, और एमओसीए, एएआई, एलायंस एयर और बिलासपुर और इंदौर के स्थानीय प्रशासन के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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ब्रेकिंग न्यूज

भारतीय स्वरूप ब्रेकिंग न्यूज

➡️2020 बैच के 16 आईएएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद मिली जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनाती 7 अक्टूबर को join करेंगे सभी अधिकारी।

➡️आइएएस अधिकारी जयदेव सीएस को वाराणसी, नूपुर गोयल को उन्नाव, अजय जैन को मथुरा, प्रत्यूष पांडेय को बरेली, निधि बंसल को झांसी, नेहा बंधु को गोरखपुर, परीक्षित खटाना को आगरा, रामया आर. को सहारनपुर, सुथान अब्दुल्लाह को प्रयागराज, महाराज सुमित राजेश को बाराबंकी, ओजस्वी राज को मेरठ, विशाल कुमार को अयोध्या, अभिनव गोपाल को कानपुर नगर।

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उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना,और ओडिशा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए कार्यक्रम

आयोग ने महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और ओडिशा के निम्नलिखित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है :-

क्रमांक राज्य का नाम विधानसभा क्षेत्र संख्या और नाम
महाराष्ट्र 166-अंधेरी पूर्व
बिहार 178-मोकामा
बिहार 101-गोपालगंज
हरियाणा 47-आदमपुर
तेलंगाना 93-मुनुगोड़े
उत्‍तर प्रदेश 139-गोला गोकर्णनाथ
उड़ीसा 46-धामनगर (एससी)

उपचुनाव का कार्यक्रम इस प्रकार है:

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव का कार्यक्रम
मतदान कार्यक्रम तिथि

 

राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तिथि 7 अक्टूबर, 2022 (शुक्रवार)
नामांकन की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर, 2022 (शुक्रवार)
नामांकनों की जांच की तिथि 15 अक्टूबर, 2022 (शनिवार)
उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर, 2022 (सोमवार)
मतदान की तिथि 3 नवंबर, 2022 (गुरुवार)
मतगणना की तिथि 6 नवंबर, 2022 (रविवार)
तिथि जिसके पूर्व चुनाव संपन्न किया जाएगा 8 नवंबर, 2022 (मंगलवार)

 

  1. मतदाता सूची

इन चुनावों में ऊपर दिए गए विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दिनांक 01.01.2022 तक प्रकाशित मतदाता सूची का उपयोग किया जाएगा।

  1. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपीएटी

आयोग ने उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध करा दिए गए हैं और इन मशीनों की मदद से मतदान सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।

  1. मतदाताओं की पहचान

मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्य दस्तावेज होगा। हालांकि, नीचे दिए गए पहचान दस्तावेजों में से कोई भी दस्‍तावेज मतदान केंद्र पर दिखाया जा सकता है:

  1. आधार कार्ड,
  2. मनरेगा रोजगार कार्ड,
  3. बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो वाली पासबुक,
  • iv. श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
  1. ड्राइविंग लाइसेंस,
  • vi. पैन कार्ड,
  1. एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
  2. भारतीय पासपोर्ट,
  • ix. फोटो के साथ पेंशन दस्तावेज,
  1. केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, और
  • xi. सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
  1. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार का विशिष्ट दिव्यांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड
  1. आदर्श आचार संहिता

आयोग के निर्देश संख्या 437/ 6/1एनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 के तहत जारी आंशिक संशोधन (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के अंतर्गत आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू होगी जिसमें चुनाव होने वाले विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भी क्षेत्र शामिल है।

  1. पिछले आपराधिक जीवन के संबंध में सूचना

आपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवारों को प्रचार अवधि के दौरान तीन बार समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में जानकारी प्रकाशित कराना अपेक्षित है। एक राजनीतिक दल जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव में खड़ा करता है, उसे भी अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी अपनी वेबसाइट और समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनल दोनों पर तीन बार प्रकाशित करनी होती है।

आयोग ने अपने पत्र संख्या 3/4/2019/एसडीआर/वोल. चतुर्थ दिनांक 16 सितंबर, 2020 में निर्देश दिया है कि तीन बार की इस निर्दिष्ट अवधि को निम्नलिखित तरीके से तय किया जाएगा, ताकि मतदाताओं के पास ऐसे उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के बारे में जानने के लिए पर्याप्त समय हो:

ए.  उम्मीदवारी वापस लेने के पहले 4 दिनों के अंदर।

बी. अगले 5वें – 8वें दिन के बीच।

सी. 9वें दिन से प्रचार के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से दो दिन पहले तक)

(उदाहरण: यदि उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि महीने की 10 तारीख है और मतदान महीने की 24 तारीख को हैतो घोषणा के प्रकाशन के लिए पहली समय अवधि महीने की 11 और 14 तारीख के बीच होगीदूसरी और तीसरी समय अवधि क्रमशः 15 से 18वीं और 19 से 22 वीं तिथि के बीच होगी।)

यह नियम 2015 की रिट याचिका (सी) संख्या 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) और 2011 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य) में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में है।

यह जानकारी ‘अपने उम्मीदवारों को जानो’ शीर्षक वाले ऐप पर भी उपलब्ध होगी।

  1. उपचुनाव के दौरान कोविड संबंधित व्यवस्था-

देश भर में कोविड की स्थिति में समग्र सुधार को देखते हुए और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक उपाय को वापस लेने के मद्देनजर, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी किए गए परामर्शों का पालन करने का निर्णय लिया गया है। उप-चुनाव की प्रक्रिया के दौरान, पांच-स्तरीय रणनीति, यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार के अनुपालन पर निरंतर ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला मशीनरी को कोविड की स्थिति पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखनी चाहिए और अपेक्षित कानूनी/प्रशासनिक मानदंडों द्वारा निर्धारित कोविड उपयुक्त व्यवहार के मानदंडों को लागू करना चाहिए।

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सितंबर, 2022 में कुल कोयला उत्पादन 12 प्रतिशत बढ़कर 57.93 मिलियन टन हो गया

भारत का कुल कोयला उत्पादन सितंबर 2021 के 51.72 प्रतिशत की तुलना में 12.01 प्रतिशत बढ़कर सितंबर, 2022 के दौरान 57.93 मिलियन टन (एमटी) हो गया। कोयला मंत्रालय के अस्‍थायी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2022 के दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एससीसीएल और आबद्ध खानों/अन्य ने क्रमशः 45.67 मीट्रिक टन और 4.93 मीट्रिक टन, 7.33 मीट्रिक टन उत्पादन करके   और 12.35 %,  8.43%  और 12.37 % वृद्धि दर्ज की। सितंबर में देश की शीर्ष 37 कोयला उत्पादक खानों में से 25 खानों ने 100 प्रतिशत से अधिक उत्पादन किया जबकि पांच खानों का उत्पादन स्तर 80 से 100 प्रतिशत के बीच रहा।

वहीं, सितंबर 2021 के 60.02 मीट्रिक टन की तुलना में सितंबर 2022 के दौरान कोयले का प्रेषण 1.95  प्रतिशत बढ़कर  61.18 मीट्रिक टन हो गया। सितंबर 2022 के दौरान, सीआईएल, एसीसीएल और आबद्ध खानों/अन्य ने क्रमशः 48.88 मीट्रिक टन , 4.77 मीट्रिक टन और  7.53 मीट्रिक टन और 8.28 मीट्रिक टन कोयला भेजकर 1.03,  4.13 और 6.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

सितंबर 2022 के दौरान बिजली की मांग बढ़कर 51.71 मीट्रिक टन हो गया, जबकि पिछले साल इसी समय 50.16 मीट्रिक टन था। कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में सितंबर 22 में 13.40% की वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर ’22 में समग्र बिजली उत्पादन सितंबर 2021 में उत्पन्न बिजली की तुलना में 13.77% अधिक रहा है।

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गुजरात के दौरे पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु; साबरमती आश्रम का दौरा किया; स्वास्थ्य, सिंचाई, जल आपूर्ति और बंदरगाह विकास से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन/ शिलान्यास किया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वास्थ्य, सिंचाई, जल आपूर्ति से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं और दीनदयाल बंदरगाह, कांडला के उन्नयन से संबंधित पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय की परियोजनाओं का आज (3 अक्टूबर, 2022) को जीएमईआरएस, गांधीनगर से उद्घाटन और शिलान्यास किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात के लोगों में उद्यम और नवाचार की संस्कृति है। गुजरात के उद्यमियों ने गुजरात और भारत को एक विशेष पहचान दी है। गुजरात विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ प्राकृतिक खेती और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि जहां देश की लगभग 5 प्रतिशत आबादी गुजरात में रहती है, वहीं यह कुल राष्ट्रीय कृषि उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान करती है। उन्होंने कहा कि गुजरात के कृषि विकास के सफल प्रयोग पूरे देश में अपनाए जा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत लंबे समय से, गुजरात की भौगोलिक स्थिति, विशेष रूप से उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में, पानी की कमी ने लोगों के सामने बड़ी समस्याएँ खड़ी की हैं। लेकिन आज वह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। ‘सरदार सरोवर परियोजना’ के तहत एक विशाल नहर नेटवर्क से लोगों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे लाखों लोगों की जिंदगी बदल गई है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि नीति आयोग के ‘समग्र जल प्रबंधन सूचकांक’ के अनुसार, गुजरात पिछले तीन वर्षों से जल प्रबंधन में देश में पहले स्थान पर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में गुजरात ने प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य कार्ड जारी करने वाला भारत का पहला राज्य है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि 2020-21 में जारी नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सतत विकास लक्ष्य “अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण” को प्राप्त करने में गुजरात देश में पहले स्थान पर है।

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि जिन परियोजनाओं का आज उद्घाटन किया गया और जिनकी आधारशिला रखी गई, वे किसानों और उद्यमियों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा करेंगी। उन्हें यह भी विश्वास था कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, जिसका आज शिलान्यास किया गया, नर्मदा जिले की आदिवासी आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा।

इससे पहले अहमदाबाद पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने साबरमती आश्रम का दौरा किया जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और चरखा भी काता।

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नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने तीन महत्वपूर्ण सड़क संपर्क परियोजनाओं की सिफारिश की

‘पीएम गतिशक्ति’ के संस्थागत ढांचे के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने 3 महत्वपूर्ण सड़क संपर्क परियोजनाओं की सिफारिश की है ये परियोजनाएं हैं गाजीपुर-बलिया-उत्‍तर प्रदेश/बिहार राज्य सीमा से फोर लेन हाईवे का निर्माण, उत्तर प्रदेश में मौजूदा सड़क का 2-लेन से 4-लेन में सुधार और अपग्रेड करना एवं उत्‍तर प्रदेश, उत्तराखंड में मुरादाबाद और काशीपुर बाईपास का निर्माण।

मल्‍टीमोड, आसान आवागमन और भूमि अधिग्रहण की दृष्टि से सड़क मार्गों के सुधार और उन्नयन के लिए ये तीनों परियोजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।

एनपीजी की 33वीं बैठक में प्रस्ताव के एक भाग के रूप में, 3 महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा की गई और निम्नलिखित सिफारिशें की गईं:

  1. गाजीपुर-बलिया-उत्‍तर प्रदेश/बिहार राज्य सीमा से फोर लेन हाईवे का निर्माण

उत्तर प्रदेश में बेहतर माल ढुलाई और अंतरराज्यीय मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी एवं लखनऊ, वाराणसी, आजमगढ़ और मऊ शहरों के आर्थिक केंद्रों को जोड़ने के लिए एक 4-लेन राजमार्ग (ग्रीनफील्ड में) का प्रस्ताव किया गया था। यह दक्षिण बिहार से दिल्ली तक सबसे छोटी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। बक्सर में गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण (स्पर) छोटे रास्‍ते के साथ किया जा रहा है जो दक्षिण बिहार से दिल्ली की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। यह राजमार्ग दो बिंदुओं (बनारस और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे) पर लखनऊ रक्षा गलियारे की सेवा करेगा।

ii. उत्तर प्रदेश में मौजूदा सड़क का 2-लेन से 4-लेन में सुधार और उन्नयन करना

सड़कों के उन्नयन और सुधार के लिए 2 लेन की सड़कों को 4 लेन बनाने का प्रस्ताव था। पलिया-शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ के लिए 4 लेन बाइपास का प्रस्ताव है। यह परियोजना गृह मंत्रालय की भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना (आईएनबीआरपी) की रणनीतिक सीमा सड़कों का एक हिस्सा है जो भारत-नेपाल सीमा से संपर्क प्रदान करती है। यह एसएसबी गतिशीलता को सुविधाजनक बनाती है। यह बारदोई राष्ट्रीय उद्यान से कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा। इससे माल ढुलाई और यातायात की आवाजाही भी बढ़ेगी।

  1. उत्‍तर प्रदेश, उत्तराखंड में मुरादाबाद और काशीपुर बाईपास का निर्माण

भीड़-भाड़ कम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए एक 4-लेन बाईपास परियोजना (ब्राउनफील्ड) का प्रस्ताव था। यह परियोजना क्षेत्र के प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ने वाले उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड-बाईपास के बीच अंतरराज्यीय संपर्क प्रदान करती है। यह भारत-बांग्लादेश और भारत-भूटान-बांग्लादेश के लिए एक व्यापार मार्ग के रूप में सेवा प्रदान करेगा। यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

नेटवर्क प्‍लानिंग ग्रुप के सदस्यों ने आगे एकीकृत योजना और समकालिक कार्यान्वयन अवधारणाओं के कुछ घटकों का सुझाव दिया है और परियोजनाओं के लिए तेजी से मंजूरी और समर्थन सुनिश्चित किया है। पीएम गतिशक्ति एनएमपी के माध्यम से आने वाले वर्षों में इन परियोजनाओं को लागू करना संभव होगा।

एनपीजी में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा, पीएनपी, डीओटी, सीए, पीएसडब्‍ल्‍यू, परिवहन विभाग, बंदरगाह एवं जलमार्ग, पीडब्ल्यूडी, पीएसयू, पीएमटी, डीएसएसएम और पीपीपी सहित बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के योजना प्रभागों के प्रमुख और नीति आयोग तथा ईएफ एंड सीसी के लॉजिस्टिक प्रभाग के विशेष प्रतिनिधि शामिल हैं। डीपीआईआईटी पीएम गतिशक्ति के सचिवालय के रूप में कार्य करता है

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गांधी जी के सपनों के भारत को साकार करने के लिए अपने देश को आत्मनिर्भर बनना होगा, औद्योगीकरण का कोई विकल्प नहीं: नारायण राणे

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी जी के सपनों के भारत को साकार करने के लिए अपने देश को आत्मनिर्भर होने की जरूरत है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए औद्योगीकरण का कोई विकल्प नहीं है। वे महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर वर्धा में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान द्वारा आयोजित सेवाग्राम औद्योगिक क्षेत्र महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, सचिव बी बी स्वैन, मंत्रालय के संयुक्त सचिव और विकास आयुक्त शैलेश कुमार सिंह भी समारोह में शामिल हुए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्धा के इसी सेवाग्राम आश्रम से महात्मा गांधी ने सभी से गांव वापस जाने की अपील की थी, जिससे उनका तात्पर्य गांवों के संपूर्ण विकास से था। सेवाग्राम औद्योगिक क्षेत्र कृषि और ग्रामोद्योग के माध्यम से रोजगार पैदा करने के लिए बनाया गया है। राणे ने कहा, एमएसएमई मंत्रालय ने इस औद्योगिक क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए एक समिति का गठन किया है और अगले ढाई साल में इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया जाएगा।

राणे ने कहा कि खादी के महत्व के बारे में दुनिया को समझाना जरूरी है और इसके लिए एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में पर्यटन व्यवसाय की भी अपार संभावनाएं हैं। लिहाजा, सेवाग्राम आश्रम और वर्धा जिले को पर्यटन केंद्र के रूप में एक नई पहचान देने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है और केंद्र सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि देश में विभिन्न स्थानों को लेकर कई बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों को आगे आना चाहिए और इस विकास का लाभ उठाना चाहिए।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने देश की प्रगति में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 10 मार्च, 2022 को लॉन्च किए गए एमएसएमई आइडिया फंड को लेकर शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है और अब तक 287 आइडिया और 1196 ट्रेडमार्क पंजीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि नागपुर के बुटीबोरी एमआईडीसी में एक प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित किया जाएगा और इससे स्थानीय युवाओं को काफी फायदा मिलेगा।

एमएसएमई के सचिव बी.बी. स्वैन ने बताया कि आज आयोजित कार्यशाला आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ग्रामोद्योगों के योगदान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के वक्ता इस कार्यशाला का मार्गदर्शन करेंगे।

इससे पहले आज राणे ने वर्धा में सेवाग्राम आश्रम का दौरा किया और महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक स्वच्छता अभियान भी शुरुआत की। इसके अलावा उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण के लिए बने शिविर का दौरा किया और एक वृक्षारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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अनुसूचित जातियों की बकाया रिक्तियों को भरने के लिए 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) अनुसूचित जातियों की बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए इस साल 2 अक्टूबर से एक विशेष अभियान अभियान शुरू करेंगे। यह बात उन्होंने अनुसूचित जातियों के लिए ऋण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित करने के एक दिन बाद कही, बैठक की अध्यक्षता एनसीएससी अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संयुक्त रूप से की थी। एनसीएससी के अध्यक्ष और वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित व्यक्तियों को ऋण देने और आरक्षण, बैकलॉग रिक्तियों, कल्याण के कामकाज और शिकायत निवारण तंत्र और अन्य मुद्दों के संदर्भ में उनके कल्याण के लिए किए गए विभिन्न उपायों की समीक्षा की थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए, विजय सांपला ने कहा, “बैंक बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक अभियान चलाएंगे। साथ ही बैंकों को  31 अक्टूबर तक इस अभियान के दौरान अनुसूचित जाति की लंबित शिकायतों को दूर करने और पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

 

सांपला ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा, “केंद्र सरकार के स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम के अनुसार, बैंकों की शाखाएं उन्हें सौंपे गए लक्ष्यों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों के प्रति दायित्वों को पूरा करेंगी । इसी तरह एनआरएलएम, एनयूएलएम, मुद्रा, स्वाभिमान और आवास योजना जैसी अन्य केंद्र सरकार की योजनाओं के संबंध में, बैंकों को अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए निर्धारित प्रतिशत को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।”

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विजय सांपला ने आगे कहा,”बैंक सभी योजनाओं में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों की भर्ती और कवरेज के संबंध में आरक्षण नीति पर एक रिपोर्ट भेजेंगे और हर साल दो बार एनसीएससी को सभी योजनाओं की प्रगति प्रस्तुत करेंगे। साथ ही बैंकों से कहा गया है कि वे हर साल 14 अप्रैल से 30 अप्रैल (डॉ. बीआर अम्बेडकर के जन्मदिन) की अवधि के दौरान एनसीएससी के सामने फिजिकल प्रेजेंटेशन दें; और प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में एक रिपोर्ट भेजें।”

बैंकों को सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने और इस संबंध में डीएफएस और एनसीएससी को रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया गया है। बैंक उन सभी ऋणों के डेटा की समीक्षा करेंगे जिन्हें स्वीकृत किया गया था लेकिन वितरित नहीं किया गया था, और अंतर का विश्लेषण करेंगे।

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यह पाया गया कि एससी-वीसीएफ (अनुसूचित जाति-उद्यम पूंजी कोष) में बहुत सारे मामले हैं जहां खाते एनपीए बन गए हैं। बैंकों को ऋण की मंजूरी के समय बैकवर्ड फॉरवर्ड लिंकेज की जांच करने का निर्देश दिया गया था। सांपला ने उल्लेख किया कि ऋण स्वीकृत करने से पहले और परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बैंक अनुसूचित जाति के उद्यमियों को परियोजना मूल्यांकन में मदद करने के लिए सलाहकारों की सेवाएं ले सकते हैं।

सांपला ने अंत में कहा कि बैंकरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुसूचित जाति या ऐसी अन्य योजनाओं के लिए क्रेडिट एन्हांसमेंट गारंटी योजना के तहत आवेदन करने वाले प्रत्येक पात्र अनुसूचित जाति के व्यक्ति को इसका लाभ मिले।

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रक्षा मंत्री ने ओएफबी से बनी सात रक्षा कंपनियों के कामकाज की एक वर्ष पूरा होने पर समीक्षा की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में दिनांक 30 सितंबर, 2022 को पूर्व आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से बनी सात रक्षा कंपनियों के कामकाज की समीक्षा उनके संचालन का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक बैठक में की। इन कंपनियों ने दिनांक 15 अक्टूबर, 2021 को ‘विजयादशमी’ के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किए जाने से पहले दिनांक 1 अक्टूबर, 2021 से काम करना शुरू कर दिया था ।

बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन विभाग के अधिकारियों ने पिछले एक साल में इन नए डीपीएसयू द्वारा की गई प्रगति के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी। सात कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ओएफबी का निगमीकरण इन संस्थाओं की वास्तविक क्षमता को उजागर करके देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार था। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए पूर्ण स्वायत्तता, दक्षता और जवाबदेही के साथ प्रगति के पथ पर सुचारू रूप से आगे बढ़ रही हैं, जो कि सरकार द्वारा ओएफबी को निगमित करने के निर्णय का आधार था।

रक्षा मंत्री ने कहा, “पूर्ववर्ती ओएफबी अपने बुनियादी ढांचे और कुशल जनशक्ति के साथ देश की एक रणनीतिक संपत्ति थी, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा में बहुमूल्य योगदान दिया। हालांकि पिछले कुछ दशकों में उच्च लागत, असंगत गुणवत्ता और उत्पादों की आपूर्ति में देरी को लेकर सशस्त्र बलों की चिंताएं थीं। सरकारी विभाग होने के कारण ओएफबी के पास लाभ दिखाने की बहुत कम जवाबदेही थी। सदियों पुरानी प्रक्रियाएं, प्रथाएं, कागजी कार्य और नियम और विनियम थे, जो प्रासंगिकता खो चुके थे। इन प्रथाओं से छुटकारा पाना समय की मांग थी और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका निगमीकरण था। सरकार शुरू से ही इन कंपनियों को संभालती रही है। यह देखकर खुशी होती है कि वे प्रगति के मार्ग में आगे बढ़ रहे हैं।”

इन कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान आधुनिकीकरण के लिए 2,953 करोड़ रुपये की राशि इक्विटी के रूप में जारी की गई है और 2026-27 तक इन कंपनियों को पूंजीगत व्यय के लिए 6,270 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की योजना है। इसके अलावा, इन कंपनियों को आपातकालीन प्राधिकरण कोष के रूप में 3,750 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

इन नई कॉर्पोरेट संस्थाओं को प्रदान की गई कार्यात्मक और वित्तीय स्वायत्तता, सरकार द्वारा हाथ में लेने के साथ, उनके प्रदर्शन में परिलक्षित होने लगी है। छह महीने की छोटी अवधि यानी 01 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 के भीतर, इन नई कंपनियों ने 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल किया है, जो पिछले वित्तीय वर्षों के दौरान पूर्ववर्ती ओएफबी के निर्गम के मूल्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भी, सात नए डीपीएसयू ने संचयी बिक्री लक्ष्य लगभग अनुमानित किया है। 17,000 करोड़ रुपये, जो पूर्ववर्ती ओएफबी की पिछली उपलब्धियों की तुलना में काफी अधिक है।

लगभग उत्पादन उपलब्धि के खिलाफ। 1 अप्रैल, 2021 से 30 सितंबर, 2021 की अवधि के लिए 5,028 करोड़ रुपये, नए डीपीएसयू ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों में 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की उत्पादन उपलब्धि दर्ज की है। निगमीकरण के बाद, नई संस्थाओं ने बदले हुए कॉर्पोरेट सेट अप में उत्पादकता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सात कंपनियों में से छह ने अनंतिम वित्तीय विवरणों के आधार पर मुनाफे का संकेत दिया है।

इन डीपीएसयू के कामकाज में और सुधार करने के लिए श्री राजनाथ सिंह ने कुछ प्रमुख क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वर्तमान युग को प्रौद्योगिकी-संचालित बताते हुए उन्होंने कंपनियों को नवीनतम तकनीकों को विकसित करने या उनसे परिचित होने का आह्वान किया, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए रक्षा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उनसे घरेलू अनुसंधान और विकास के माध्यम से आधुनिकीकरण पर विशेष जोर देने का आग्रह किया क्योंकि यह आगे बढ़ने का सबसे मजबूत और सुरक्षित तरीका है।

रक्षा मंत्री ने दुनिया भर में भारत की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, इसे कंपनियों की जिम्मेदारी बताया कि वे इस उद्देश्य को प्राप्त करने के प्रयासों में योगदान दें। उन्होंने कंपनियों से प्रतिस्पर्धी बोली के मौजूदा समय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आक्रामक और प्रगतिशील रवैये के साथ रणनीति तैयार करने और लागू करने का आह्वान किया।

श्री राजनाथ सिंह ने पूंजी निवेश को एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू बताया, जिसके संदर्भ में सरकार वर्तमान में कंपनियों को संभाल रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में डीपीएसयू को अपनी आकांक्षाओं के अनुसार आने वाले समय में बाजार से पूंजी जुटाने में सक्षम होना चाहिए।

रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आयात निर्भरता को कम करने पर जोर देने पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि निर्यात बढ़ाने की दिशा में योगदान करने के लिए डीपीएसयू का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्षा निर्माण एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में 1.75 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 35,000 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। डीपीएसयू को लक्ष्य हासिल करने और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करना चाहिए।”

श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में कंपनियां टर्नओवर, लाभप्रदता, बाजार मूल्यांकन और समग्र विकास में नए मील के पत्थर छुएंगी। उन्होंने कंपनियों को फोर्स मल्टीप्लायर करार दिया जो देश के रक्षा उत्पादन को आगे ले जाएगी और विश्व मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करेगी।

राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत एक वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ हमारा उद्देश्य डिजाइन, उत्पादन, निर्यात के क्षेत्र में भारत को दुनिया के शीर्ष देशों में लाना है। आज जब हमारा देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। हमारा रक्षा निर्यात पिछले 7-8 वर्षों की तुलना में 5-6 गुना बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये हो गया है। नए प्रबंधन को घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ विदेशों में नए अवसरों का पता लगाना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नई कंपनियां रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, साथ ही अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

अपनी स्थापना के बाद से इन डीपीएसयू ने अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए रास्ते तलाशना शुरू कर दिया है और अपने ग्राहक आधार और उत्पाद प्रोफ़ाइल में विविधता लाने के लिए एक आक्रामक दृष्टिकोण अपनाया है। पिछले एक साल के दौरान, नई कंपनियों को 7,200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के घरेलू ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। नई कंपनियों की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने पिछले एक साल में विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद के लिए 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात ऑर्डर प्राप्त किए हैं। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) को भी पैराशूट के निर्यात के ऑर्डर मिले हैं।
  • यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) ने उत्पाद और ग्राहक विविधीकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इससे उन्हें भारतीय रेलवे जैसे गैर-रक्षा बाजार से 300 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर प्राप्त करने में मदद मिली है।
  • ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) ने एक विशिष्ट बाजार में प्रवेश करने और लंबे समय में अपने व्यवसाय को बनाए रखने के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, बैलिस्टिक हेलमेट, ईसीडब्ल्यूसीएस आदि जैसी वस्तुओं का विकास किया है।
  • आर्मर्ड वाहन निगम लिमिटेड (एवीएनएल) ने सीआरपीएफ के लिए डिज़ाइन किए गए माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल का एक नया संस्करण विकसित किया है, जो अन्य सशस्त्र बलों के लिए भी उपयोगी हो सकता है ।
  • एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड को दिल्ली पुलिस को जेवीपीसी कार्बाइन की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है ।
  • म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) पिनाका रॉकेट यानी पिनाका एमके-I (विस्तारित रेंज) और डीपीआईसीएम के नए वेरिएंट को सफलतापूर्वक प्रूफ फायर करने में सक्षम है।
  • एमआईएल ने 40 मिमी यूबीजीएल गोला-बारूद, 500 किलोग्राम जनरल परपज़ बम और 76/62 एसआरजीएम एचईडीए गोला-बारूद भी सफलतापूर्वक विकसित किया है ।
  • इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड ने टैंकों के लिए ड्राइवर नाइट साइट विकसित की है जो फ्यूजन इमेजिंग की तकनीक के मामले में पहली है।

इन नई संस्थाओं ने अपने संसाधनों के इष्टतम उपयोग और लागत में कमी की दिशा में विभिन्न उपाय शुरू किए हैं। उन्होंने विभिन्न लागत बचत उपाय भी किए हैं जैसे ओवरटाइम और गैर-उत्पादन गतिविधियों के लिए खर्च में कमी और सौर ऊर्जा का उपयोग, जल पुनर्चक्रण, एलईडी पर स्विच करना आदि जैसे उपाय किए हैं।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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