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राजनीति

गडकरी ने पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में 5351 करोड़ रुपये की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, गडकरी ने आज पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में 5351 करोड़ रुपये की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

जिस परियोजना को आज राष्ट्र को समर्पित किया गया है उसमें 55 किमी खड़गपुर से चिचरा तक 4-लेन सड़क का निर्माण शामिल है, जिसकी कुल लागत 613 करोड़ रूपये है। इस खंड के विकास से आसपास के जनजातीय क्षेत्रों की प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित होगी।

पानागढ़ से दनकुनी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-2) तक 162 किलोमीटर 6 लेन सड़क के निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई, जिसकी कुल लागत 4215 करोड़ रूपये है। इस मार्ग के निर्माण से सिक्किम, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल की खाड़ी से संपर्क बढ़ेगा।

साथ ही 175 करोड़ रुपये की कुल लागत से 10 किमी 4-लेन पुरुलिया बाईपास के लिए भी आधारशिला रखी गई जो दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। इस बाइपास मार्ग के बनने से शहर के अंदर ट्रैफिक की समस्या का भी निराकरण होगा और दुर्गापुर, आसनसोल, बोकारो धनबाद, जमशेदपुर और रांची जाने वाले वाहनों के आने-जाने का समय, दूरी में कमी और होने वाला व्यय भी बचेगा।

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प्रधानमंत्री की बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने आज बाली में जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन के अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति  जोसेफ आर. बाइडेन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को दोहराया कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। उन्होंने जी-20 द्वारा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया। जी-20 हमारी अर्थव्यवस्थाओं और उससे आगे सतत एवं समावेशी विकास को बहाल करने, मौजूदा जलवायु, ऊर्जा एवं खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी संबंधी बदलाव को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की पुष्टि की कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों की आवाज बनेगा। उन्होंने कमजोर देशों की सहायता करने, समावेशी विकास का समर्थन करने, आर्थिक सुरक्षा एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तपोषण का बेहतर एवं अभिनव मॉडल विकसित करने, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, निर्धनता कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने, और सार्वजनिक एवं निजी वित्तपोषण का लाभ उठाकर बुनियादी ढांचे से सबंधित अन्तराल को पाटने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 के कार्यों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति विडोडो और राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।

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पेंशनरों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) का राष्ट्रव्यापी अभियान देश भर में सफलतापूर्वक चल रहा है

उत्तर में श्रीनगर से लेकर दक्षिण में नागरकोइल (कन्याकुमारी जिले) तक और पूर्वोत्तर  में गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक 1 से 15 नवंबर तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न भागों में 22 और डीएलसी जागरूकता शिविर आयोजित करेगा

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू), कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय , भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। चेहरा प्रमाणीकरण तकनीकी ( फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी ) को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ( पीपी ) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रारम्भ किया गया था। सभी पंजीकृत पेंशनर्स संघों, पेंशन वितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवा योजना ( सीजीएचएस ) केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘जीवन में सुगमता ( ईज ऑफ लिविंग )’ के लिए विशेष शिविरों का आयोजन कर जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट / फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा दें।

1-15 नवंबर, 2022 की अवधि में उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में नागरकोइल ( कन्याकुमारी जिला ) और पूर्वोतर  मे गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं। अब तक कवर किए गए विशिष्ट शहर दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मोहाली, जम्मू, श्रीनगर, नागपुर, पुणे, इलाहाबाद, जालंधर, ग्वालियर, त्रिसूर, मदुरै, नागरकोइल, वरोदरा और अहमदाबाद हैं। भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी ) जिन्होंने अभियान स्थलों को प्रायोजित किया था, की मदद से डीओपीपीडब्ल्यू के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया। इस अभियान में हर शहर में पंजीकृत केंद्र सरकार के पेंशनभोगी संघों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ( आईपीपीबी ), भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई ), राष्ट्रीय सूचना केंद्र ( एनआईसी ) के साथ-साथ रक्षा लेखा महानियंत्रक लेखा परीक्षक ( सीजीडीए ) के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

इस उद्देश्य के लिए विकसित किए गए चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) ऐप से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, एनआईसी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उसे शामिल किया। उदाहरण के लिए लाइव सर्टिफिकेट ओटीपी प्राप्त करने और उसे डाउनलोड करने के बाद ऐप में खोला जा सकता है। लेकिन पेंशनभोगियों से प्राप्त फीडबैक के कारण ओटीपी प्राप्त होने पर तुरंत जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। एसबीआई सभी स्थानों पर अभियान को बढ़ावा देने के लिए पूरी ताकत से सामने आया और उनके अधिकारी छुट्टियों के दिन भी उत्साह से भाग लेते देखे गए।

देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पेंशनभोगियों ने इस अभियान की व्यापक रूप से सराहना की है। इस अभियान को पूरे देश में समाचार पत्रों और दूरदर्शन द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित और कवर किया गया था। 1-15 नवंबर, 2022 के दौरान, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस अवधि के दौरान अपने ट्विटर खाते से 214 ट्वीट प्रसारित किए हैं। इसके अलावा, इस अभियान के अन्य हितधारकों ने इस अवधि के दौरान 316 ट्वीट्स को री-ट्वीट किया है। विभाग द्वारा अपने यूट्यूब पेज पर पांच वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।

बढ़ती जागरूकता के कारण चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया है और डीएलसी प्रक्रिया को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। 15 नवंबर, 2022 तक केंद्र सरकार के कुल 21.01 लाख पेंशनभोगियों द्वारा सफलतापूर्वक डीएलसी का उपयोग किया गया है, जिसमें फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से 1.83 लाख डीएलसी बनाए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न हिस्सों में 22 और डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ( डीएलसी ) जागरूकता शिविर आयोजित करेगा।

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मालाबार-22 का समापन

बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार 2022 के 26वें संस्करण का समापन दिनांक 15 नवंबर, 2022 को जापान के समुद्र में हुआ । इस संस्करण के माध्यम से अभ्यास की 30वीं वर्षगांठ भी मनाई गई और जेएमएसडीएफ द्वारा इसकी मेजबानी की गई ।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी बेड़े के जहाजों शिवालिक और कामोर्ता द्वारा किया गया जिसका नेतृत्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल संजय भल्ला कर रहे थे। अभ्यासों की मालाबार श्रृंखला 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी एवं ऑस्ट्रेलिया तथा जापान की नौसेनाओं के शामिल होने के साथ यह अभ्यास और अधिक प्रमुख हो गया।

मालाबार-22 का समुद्री चरण योकोसुका के पास पांच दिन की अवधि में आयोजित किया गया एवं इसमें लाइव हथियार फायरिंग, सरफेस ड्रिल्स, एंटी-एयर एवं एंटी-सबमरीन युद्ध अभ्यास तथा टैक्टिकल प्रक्रियाएं आयोजित हुईं। समुद्री चरण का एक अन्य आकर्षण ‘समुद्र में युद्ध’ था जिसके माध्यम से भाग लेने वाली सभी चार नौसेनाएं अन्तरसंचलानीयता कर पाईं और अपने सामरिक कौशल को सुधार सकीं।

इस हाई-टेंपो अभ्यास में अपनी हवाई क्षमताओं के साथ परमाणु क्षमता से लैस विमानवाहक युद्धपोत, जिनमें लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, साथ राहने वाले चार हेलीकाप्टर व दो पनडुब्बियों समेत चार सरफेस शिप की भागीदारी शामिल थी। इस अभ्यास में भाग लेने वाले विभिन्न जहाजों के बीच ‘सी राइडर्स’ का आदान प्रदान भी शामिल था।

ऑपरेशनल ड्रिल्स एवं अभ्यासों के अलावा, भाग लेने वाले देशों के बीच द्विपक्षीय रसद समर्थन समझौतों को मालाबार अभ्यास के इस संस्करण के दौरान सत्यापित किया गया।

इस अभ्यास से एक दूसरे की सैन्य अभियान संबंधी पद्धतियों की समझ बढ़ाने एवं अनेक समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने की क्षमता में मदद मिली।

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धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत में 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर उच्चस्तरीय बैठक की

केन्‍द्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत में 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कौशल विकास और एमईआईटीवाई राज्‍य मंत्री श्री राजीव चन्‍द्रशेखर, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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बैठक के दौरान, श्री प्रधान ने कहा कि जी20 में शिक्षा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने जी20 बैठक से पहले व्यापक तैयारियों का आह्वान किया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 बैठक यह साझा करने का अवसर भी है कि भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद क्या हासिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शिक्षा का एक नया मॉडल पेश करेगा जो सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल हो सकता है। उन्‍होंने सम्‍मेलन की शानदार सफलता के लिए छात्रों, शैक्षणिक और कौशल संस्‍थानों को शामिल करने का आह्वान किया। उन्‍होंने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने और प्रतिभागियों को विश्व में भारत के योगदान से अवगत कराने का भी सुझाव दिया।

शिक्षा कार्य समूह जी20 शिक्षा मंत्रियों की 28 जून 2023 को होने वाली बैठक के लिए शिक्षा और टीवीईटी में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका और काम के भविष्य पर सेमिनार आयोजित करेगा। शिक्षा कार्य समूह जी 20 एडडब्ल्यूजी रिपोर्ट, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के सार-संग्रह और जी20 शिक्षा मंत्रियों के घोषणापत्र के लिए सेमिनार के दो विषयों पर एक रिपोर्ट के साथ सामने आएगा। प्राथमिकता वाले विभिन्न क्षेत्रों में एनसीईआरटी, आईआईएससी, एनएसडीसी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, यूनेस्को, यूनिसेफ, ओईसीडी आदि जैसे संस्थान ज्ञान भागीदार हैं।

इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत 1 दिसम्‍बर 2022 से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने जा रहा है और देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शिक्षा के तहत प्राथमिकता वाले चार क्षेत्र हैं:

1. विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में मूलभूत साक्षरता और गणना सुनिश्चित करना।

2. काम के भविष्य के संदर्भ में आजीवन सीखने को बढ़ावा देने वाली क्षमता निर्माण

3. हर स्तर पर तकनीकी सक्षम शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाना

4. समृद्ध सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को मजबूत करना, नवाचार को बढ़ावा देना।

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भारत अब निर्बल देश नहीं रहा; हम शांति में विश्वास रखते हैं लेकिन उकसाए जाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र को आश्वासन दिया है कि हमारे सशस्त्र बल भारत पर बुरी दृष्टि रखने वाले किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं। रक्षा मंत्री ने 13 नवंबर, 2022 को हरियाणा के झज्जर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य फोकस है और देश को भविष्य की चुनौतियों से बचाने के लिए सेना को अत्याधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित हथियार/उपकरण हथियारों से लैस किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा “भारत अब निर्बल देश नहीं है। हम शांति में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. हमारे जवानों ने इसे बार-बार साबित किया है। 2016 सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक और गालवान घाटी की घटना के दौरान हमारे सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी हमारे कौशल और तैयारियों का प्रमाण है।” रक्षा मंत्री ने भारत की वैश्विक छवि को केवल एक श्रोता से एक दृढ़ प्रतिज्ञ देश के रूप में रूपांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि विश्व अब भारत को उत्सुकतापूर्वक सुनता है। यह रेखांकित करते हुए कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब विश्व के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, उन्होंने आशा जताई की कि आने वाले समय में देश शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा। राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी बल दिया कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी जैसे क्रांतिकारियों से प्रेरणा ली है और अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हुए भारत की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने इस वर्ष लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित ‘नए भारत’ के संकल्प ‘अमृत काल के पंच प्राण’ का भी उल्लेख किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने सहित इंडिया गेट परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा की स्थापना; मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रेरित एक नया भारतीय नौसेना का पताका और लगभग 1,500 अप्रचलित ब्रिटिश-युग के कानूनों को समाप्त करने सहित कई पहल की हैं। राजनाथ सिंह ने 2023 में भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के लोगो में कमल के फूल की उपस्थिति पर व्यक्त किए गए कुछ लोगों के विचारों को खारिज कर दिया, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा कि कमल राष्ट्रीय फूल है, जो भारत की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा है। कार्यक्रम के दौरान झज्जर में रक्षा मंत्री द्वारा योद्धा राजा पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण किया गया। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को एक महान शासक बताया, जिन्होंने न केवल एक बड़े भू-भाग पर शासन किया, बल्कि वह बहादुरी, न्याय और लोक कल्याण के प्रतीक भी थे। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल थे।

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वित्त वर्ष 2022-23 में 10.11.2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह

10 सितंबर, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़ों ने निरंतर वृद्धि दर्शाई है।

10 सितंबर, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह यह दर्शाता है कि सकल संग्रह 6.48 लाख करोड़ रुपये का हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह से 30.69 प्रतिशत अधिक है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.71 लाख करोड़ रुपये का हुआ है जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से  25.71 प्रतिशत अधिक है। यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान का  61.31प्रतिशत है।

जहां तक सकल राजस्व संग्रह के संदर्भ में कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की वृद्धि दर का सवाल है, सीआईटी की वृद्धि दर 22.03 प्रतिशत है, जबकि पीआईटी (एसटीटी सहित) की वृद्धि दर 40.64 प्रतिशत है। रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 24.51 प्रतिशत है और पीआईटी संग्रह (एसटीटी सहित) में शुद्ध वृद्धि 28.06  प्रतिशत है।

1 अप्रैल, 2022 से लेकर 10 सितंबर, 2022 तक की अवधि के दौरान 1.83 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 61.07 फीसदी अधिक हैं।

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पूर्वोत्तर और सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के 3 दिवसीय समीक्षा कार्यक्रम के दौरान, नितिन गडकरी ने परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों और उनकी प्रगति पर विचार-विमर्श किया

पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के अपने 3-दिवसीय समीक्षा कार्यक्रम के पहले दिन; केंद्रीय मंत्री  नितिन गडकरी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह तथा मंत्रालय और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों तथा ठेके लेने वाली कंपनियों के साथ असम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।

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भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, चल रही परियोजनाओं की प्रगति, प्रस्तावित परियोजनाएँ, नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग, विवाद और मध्यस्थता तथा संभावित वित्तीय हस्तक्षेप आदि से संबंधित मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई।

श्री गडकरी ने विलम्ब के कारणों को समझने के लिए 4 राज्यों में विलंबित परियोजनाओं की भी समीक्षा की और उनके समाधान के लिए विशेष निर्देश जारी किए।

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श्री गडकरी ने सभी अधिकारियों को परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में शीर्ष श्रेणी की परिवहन अवसंरचना विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय तथा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।

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कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में अवसरों के लिए निवेशक सम्मेलन आयोजित किया

कोयला मंत्रालय ने आज इंदौर में पहली बार निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया। केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी उपस्थित थे।

प्रल्हाद जोशी ने इस बात को दोहराया कि कोयले की मांग कम से कम अगले 25-30 वर्षों तक बनी रहेगी और वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत दुनिया के कुछ अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति खपत का दसवां हिस्सा भी नहीं है। अनुमान है कि वर्ष 2040 तक प्रति व्यक्ति यह खपत दोगुनी हो जाएगी जिसके लिए कोयले की आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्तमान सरकार का ध्यान बेहतर तकनीकी प्रक्रियाओं को अपनाकर शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनने पर है। कोयला मंत्रालय में सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कोयला उद्योग को समर्थन देने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया और यह बताया कि संभावित बोलीदाताओं द्वारा अपेक्षित किसी भी प्रकार की सहायता देने के लिए कोयला मंत्रालय तत्पर है। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कोयला क्षेत्र के कंपनियों को समर्थन देने हेतु विभिन्न पहल करने और इस तरह भारत को कोयले के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण में योगदान देने के मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। अपर सचिव एवं मनोनीत प्राधिकारी, श्री एम. नागराजू ने मंच को कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला नीलामी की प्रक्रिया में सुधार लाकर इसे आकर्षक और अपेक्षाकृत अधिक निवेशक अनुकूल बनाने के लिए किए गए सुधारों के बारे में बताया। सीएमपीडीआईएल के सीएमडी श्री मनोज कुमार ने अब तक की सबसे बड़ी नीलामी प्रक्रिया में पेश किए जा रहे कोयला ब्लॉकों के तकनीकी विवरण से संबंधित एक प्रस्तुति दी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स के उपाध्यक्ष श्री शुभम गोयल ने नीलामी प्रक्रिया के नियमों एवं शर्तों के संबंध में एक प्रस्तुति दी। कोयला मंत्रालय ने पहले पांच चरणों में 64 कोयला खदानों की सफल नीलामी पूरी कर ली है। मंत्रालय ने व्यावसायिक नीलामी के छठे दौर के तहत 133 कोयला खदानों और व्यावसायिक नीलामी के पांचवें चरण के दूसरे प्रयास के तहत उन 8 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की, जहां पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि एवं बोली की जमानत राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजे गए कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक एवं राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना किसी प्रवेश संबंधी बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयले के उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचना, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से दक्षता संवर्धन और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल हैं।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 को शुरू हुई। खदानों का विवरण, नीलामी की शर्तें, समय-सीमा आदि की जानकारी एमएसटीसी की नीलामी से संबंधित प्लेटफॉर्म पर देखी जा सकती है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो-स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, जोकि कोयला खदान की व्यावसायिक नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय का एकमात्र लेनदेन सलाहकार है, नीलामी के संचालन में कोयला मंत्रालय की सहायता कर रहा है।

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गृह मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में देशभर के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

बैठक में काउंटर टेररिज़्मकट्टरवाद से खतरेसाइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं और राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता को सीमा पार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन व्यापक विचार विमर्श हुआ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने में बिना किसी यश के गुमनाम तरीके से आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है

हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम के साथ भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती

राज्यों की आतंकवाद-रोधी और ड्रग्स-रोधी ऐजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने और सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत

वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उसके फायनेंशियल और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने की ज़रूरत है

हमें देश की कोस्टल सिक्योरिटी को भी अभेद्य बनाना होगा, इसके लिए सबसे छोटे और सबसे आइसोलेटेड पोर्ट पर भी हमारी पैनी नजर होनी चाहिए

नारकोटिक्स न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है बल्कि इससे कमाया गया पैसा देश की आतंरिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है, इसलिए इसके समूल नाश के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में देशभर के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में काउंटर टेररिज़्म, कट्टरवाद से खतरे, साइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं और राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता को सीमा पार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन व्यापक विचार विमर्श हुआ।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है और पिछले 8 वर्षों में देश की आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने में बिना किसी यश के गुमनाम तरीके से आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम के साथ भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों की आतंकवाद-रोधी और ड्रग्स-रोधी ऐजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने और सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उसके फायनेंशियल और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने की ज़रूरत है।

गृह मंत्री ने कहा कि हमें देश की तटीय सुरक्षा को भी अभेद्य बनाना होगा और इसके लिए सबसे छोटे और सबसे आइसोलेटेड पोर्ट पर भी हमारी पैनी नजर होनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है बल्कि इससे कमाया गया पैसा, देश की आतंरिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है, इसीलिए इसके समूल नाश के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सीमापार से ड्रोन के माध्यम से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए हमें ड्रोन-विरोधी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा।

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