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रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख मार्क हैमंड भारत की यात्रा पर

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(4)VADMMARKHAMMOND,CHIEFOFNAVY,ROYALAUSTRALIANNAVYVISITTOINDIAN1ZJ.JPGरॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल मार्क हैमंड दिनांक 09 से 11 मार्च 2023 तक भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं । यात्रा के दौरान वाइस एडमिरल मार्क हैमंड ने नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के साथ दिनांक 10 मार्च 2023 को साथ बातचीत की । साउथ ब्लॉक लॉन में एक प्रभावशाली गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर उनका स्वागत किया गया ।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(5)VADMMARKHAMMOND,CHIEFOFNAVY,ROYALAUSTRALIANNAVYVISITTOINDIAXALG.JPG

इस बातचीत के दौरान दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग को मजबूत करने के तरीके, मौजूदा/ उभरती समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के साझा तरीके, और मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक/आईओआर की प्राप्ति के लिए सहयोग और अंतरप्रचालनीय-क्षमता बढ़ाने की पहल चर्चा की गई ।

भारतीय नौसेना अनेक मुद्दों पर आरएएन के साथ निकटता से सहयोग करती है, जिसमें ऑसिनडेक्स, काकाडू और पी8 ऑपेरशन, प्रशिक्षण संबंधी आदान-प्रदान, व्हाइट शिपिंग सूचनाओं का आदान-प्रदान और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के बीच बातचीत शामिल हैं । इन सभी बातचीत को स्टाफ वार्ता जैसे मंचों के ज़रिए समन्वित किया जाता है । यह बैठकें प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं । इसके अलावा, दोनों नौसेनाओं के युद्धपोत नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर पोर्ट कॉल करते हैं और बहुपक्षीय अभ्यासों जैसे मालाबार, रिमपैक, लैपरोस आदि में बातचीत करते हैं । दोनों नौसेनाएं ‘मेक इन इंडिया’ विजन को साकार करने की दिशा में नवाचार और उभरती रक्षा प्रौद्योगिकियों, रक्षा उद्योग, रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने की दिशा में भी सहयोग कर रही हैं ।

रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख की यात्रा भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच निरंतर और नियमित बातचीत में एक महत्वपूर्ण घटना है, और यह दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए नौसेना से नौसेना के सहयोग को मजबूत करती है ।

 

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नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत 1292.65 करोड़ रुपये की लागत से आंध्र प्रदेश में हाइब्रिड एन्युटी मोड में (एनएच-544जी) बेंगलुरु-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा पर 32 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सेस नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाईवे के विकास को मंजूरी दी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत चंद्रशेखरपुरम से पोलावरम तक (एनएच-544जी) बेंगलुरु-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा पर आंध्र प्रदेश में हाईब्रिड एन्युटी मोड में 32.00 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे के विकास के लिए 1292.65 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी। ट्वीट की एक श्रृंखला में श्री गडकरी ने बेंगलुरु-कडप्पा-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा को बेंगलुरु एसटीआरआर से शुरू होने की जानकारी दी, जो एनएच 44 पर कोडिकोंडा चेकपोस्ट तक मौजूदा बेंगलुरु-हैदराबाद (एनएच-44) का उपयोग करता है। गडकरी ने कहा कि इसके बाद प्रस्तावित ग्रीनफील्ड आर्थिक गलियारा एनएच-44 (बेंगलुरु-हैदराबाद रोड) पर कोडिकोंडा चेकपोस्ट (कोडुर गांव) से एनएच-16 पर अडांकी के पास मुप्पावरम गांव तक जाता है। उन्होंने कहा कि मुप्पावरम से सीधे विजयवाड़ा तक मौजूदा एनएच-16 का उपयोग करता है। 342.5 किलोमीटर की लंबाई के साथ कोडिकोंडा चेकपोस्ट से मुप्पावरम तक का पूरा गलियारा पूरी तरह से एक ग्रीनफील्ड राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में इस खंड को 14 पैकेजों में विकसित करने का प्रस्ताव है।

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गडकरी ने ईपीसी मोड के जरिए पश्चिम बंगाल में 410.83 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पश्चिम बंगाल में ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मोड के जरिए पश्चिम बर्द्धमान जिले में एनएच-14 (पुराने एनएच-60) पर 5.261 किलोमीटर की लंबाई के 4-लेन रानीगंज बाईपास के निर्माण के लिए 410.83 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। गडकरी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि एनएच-14 मोरग्राम के निकट एनएच-12 (पुराने एनएच-34) के साथ अपने जंक्शन से शुरू होता है। यह रामपुर हाट, सिउरी, रानीगंज, बांकुरा, गढ़बेटा व सलबानी को जोड़ता है और एनएच-16 (पुराने एनएच-2) के साथ पश्चिम बंगाल में खड़गपुर के पास अपने जंक्शन पर समाप्त होता है।

मंत्री ने बताया कि पूरा खंड पेव्ड शोल्डर कॉन्फिगरेशन के साथ 2-लेन का है। उन्होंने आगे कहा कि यह गलियारा दक्षिण भारतीय राज्यों व ओडिशा से उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाले यातायात के लिए प्रमुख गलियारों में से एक के रूप में कार्य कर रहा है। गडकरी ने कहा कि यह खड़गपुर, मिदनापुर, चंद्रकोणा रोड, गढ़बेटा, बिष्णुपुर, बांकुरा, रानीगंज, पंडाबेश्वर, दुबराजपुर, सूरी, रामपुरहाट और नलहाटी आदि जैसे कई महत्वपूर्ण औद्योगिक, धार्मिक व कृषि क्षेत्रों को जोड़ता है।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र ने कहा, भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर को छूने की ओर अग्रसर

भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर छूने को तैयार है और अपने बढ़ते नवाचार और वैज्ञानिक प्रकृति के साथ, भारत एक नई औद्योगिक क्रांति की वैश्विक लहर में शामिल होने के लिए तैयार है। यह बात आज यहां केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने “जैव-विनिर्माण पर मसौदा नीति ढांचा बनाने के लिए जैव-विनिर्माण पर राष्ट्रीय परामर्श बैठक” में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान कही।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B15ZB8.jpgमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार देश में ‘उच्च प्रदर्शन वाले जैव-विनिर्माण’ को आगे बढ़ाकर सर्कुलर-जैव-अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) हरित, स्वच्छ और समृद्ध भारत के लिए बायोई3 (यानी अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) के विभाग के एक प्रमुख लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को एक साथ लाने की परिकल्पना करता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आगामी ‘अमृतकाल’ में “हरित विकास” की कल्पना करता है और इसके लिए हमारे राष्ट्र के चल रहे आर्थिक विकास को और बढ़ावा देने के लिए मजबूत अभिनव जैव-आधारित पर्यावरण-अनुकूल समाधानों के कार्यान्वयन के लिए एक व्यवस्थित रूपरेखा योजना की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 20 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किया गया “मिशन लाइफ” यानी ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ)’ हमें जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए जीवन के हर पहलू में हरित और अनुकूल पर्यावरणीय समाधानों को आगे बढ़ाने का आग्रह करता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B22Y2K.jpgडॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम घरेलू विनिर्माण (उद्योग 4.0) का समर्थन करके ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेगा, क्योंकि यह देश भर में जैव-विनिर्माण के लिए हरित बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता करेगा। इसके अलावा, यह जैव-विनिर्माण के क्षेत्र में एक कुशल कार्यबल के विकास, विशेष रूप से दो और तीन-स्तरीय शहरों में रोजगार सृजन और उद्यमिता में वृद्धि और बाजार के अवसरों का विस्तार करने के लिए बायोजेनिक उत्पादों के लिए नीतियों और विनियमों को कारगर बनाने का भी काम करेगा। मंत्री ने बताया कि यह नवीकरणीय संसाधनों से उच्च गुणवत्ता, पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं का निर्माण करके रासायनिक व्यवसायों को राजस्व सृजन के नए अवसर प्रदान करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव-विनिर्माण नवोन्मेष, ऊर्जा कुशल और कम प्रदूषण के कारण एक बड़ी क्षमता प्रदान करता है, क्योंकि यह व्यावसायिक रूप से प्रासंगिक उत्पादों का उत्पादन करने के लिए रोगाणुओं, पौधों की कोशिकाओं और एंजाइमों सहित जैविक प्रणालियों को नियोजित करता है। उन्होंने बताया कि इस पहल की मुख्य चीज में जैव प्रौद्योगिकी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, माइक्रोबियल बायो-रिसोर्सेज, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और तरलीकृत प्राकृतिक गैस का चौथा सबसे बड़ा आयातक है, जिसका एक बड़ा हिस्सा रासायनिक औद्योगिक निर्माण में उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जीवाश्म ईंधन के प्रमुख घटक हाइड्रोकार्बन को जलाने से सीओ2 एक प्रमुख उप-उत्पाद के रूप में निकलती है, जो ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देती है। डॉ. गोखले ने कहा कि 2027 तक भारत को ‘नेट जीरो’ कार्बन इकोनॉमी’ बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के संदर्भ में, हम बायो-मैन्युफैक्चरिंग के एक एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण को अपनाकर बायो-बेस्ड सर्कुलर कार्बन इकोनॉमी की ओर एक आदर्श बदलाव की उम्मीद करते हैं।

डॉ. गोखले ने बताया कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रासायनिक उत्पादों के विकल्प के रूप में जैव-आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए पायलट-स्केल आधारित जैव-विनिर्माण इकाइयां उन्नत माइक्रोबियल सेल कारखानों (और चीनी/बायोमास/अपशिष्ट-आधारित कच्चे माल) का उपयोग करके किण्वन को नियोजित करेंगी। इनमें से कुछ क्षेत्रों में खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक डाई, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद आदि शामिल हैं।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अलका शर्मा ने रेखांकित किया कि इस दृष्टिकोण के माध्यम से उद्योग 4.0 के लिए विनिर्माण का एक अभिनव ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल प्रस्तावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस पहल के केंद्र में बायोटेक्नोलॉजी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वैशाली पंजाबी ने “बायोमेन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम का अवलोकन” प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसमें बायोजेनिक उत्पादों जैसे कि खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक के निर्माण के माध्यम से पारंपरिक पेट्रोकेमिकल-आधारित विनिर्माण का विकल्प प्रदान करने की क्षमता है। शुगर आधारित माइक्रोबियल किण्वन और अन्य टिकाऊ बायोमास/अपशिष्ट संसाधन-आधारित निर्माण विधियों का उपयोग करके रंजक, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद, आदि इसमें शामिल हैं

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विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 जनवरी को वाराणसी से रवाना किया गया विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा। उसी दिन डिब्रूगढ़ में भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा एक स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ-साथ अन्य केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, राजनयिक और आईडब्ल्यूएआई तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। भारत में बने क्रूज जहाज ‘एमवी गंगा विलास’ ने 13 जनवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा झंडी दिखाने के बाद वाराणसी से अपनी यात्रा आरंभ की। 28 फरवरी को पटना साहिब, बोधगया, विक्रमशिला, ढाका, सुंदरबन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचने से पहले क्रूज 50 दिनों में 3,200 किमी की दूरी तय करेगा। एक अनूठे डिजाइन और भविष्योनमुखी विजन से निर्मित, क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता के साथ तीन डेक और 18 सुइट हैं। यह अगले दो वर्षों के लिए आने-जाने के लिए पहले से ही बुक है। सोनोवाल ने कहा कि ‘एमवी गंगा विलास’ ने विश्व के नदी क्रूज के मानचित्र पर भारत और बांग्लादेश की उपस्थिति दर्ज कराई है और इस प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन और माल ढुलाई के लिए एक नया क्षितिज और कार्यक्षेत्र खोल दिया है। आध्यात्मिकता चाहने वाले पर्यटकों को काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब जैसे स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलेगा और जो प्राकृतिक विविधता को देखने के इच्छुक हैं वे सुंदरबन और काजीरंगा जैसे स्थलों का अवलोकन करेंगे। यह मार्ग भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल ढुलाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। अब इस यात्रा के माध्यम से, पर्यटकों को एक विशाल अनुभवशील यात्रा पर जाने और पूरे मार्ग के साथ भारत व बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का पता लगाने का अवसर मिलता है। उत्तर पूर्व में राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) के माध्यम से माल ढुलाई की प्रचुर संभावना है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को भी भीतरी इलाकों से जोड़ते हैं और इन राज्यों को भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के माध्यम से मुख्य भूमि भारत और कोलकाता और हल्दिया के समुद्री बंदरगाहों से जोड़ते हैं। अंतर्देशीय जल परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई परियोजनाएं जैसे कि फेयरवे, टर्मिनल और नेविगेशन संबंधी सहायता को उत्तर पूर्व क्षेत्र में आईडब्ल्यूएआई द्वारा पूरा किया गया है और उनमें से कुछ प्रगति पर हैं। वर्ष 2017 में किए गए आईडब्ल्यूएआई के एक आंतरिक अध्ययन के अनुसार, 49 एमएमटीपीए कार्गो उत्तर पूर्व क्षेत्र के भीतर और बाहर तथा ~30 एमएमटीपीए कार्गो उत्तर पूर्व क्षेत्र के भीतर चलता है।

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खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने के लिए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, एनआईपीईआर हैदराबाद और एफएसएसएआई के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

खेलों में डोपिंग के खिलाफ निरंतर लड़ाई जारी रखते हुए, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद (एनआईपीईआर हैदराबाद) ने भारत में पोषण पूरक परीक्षण क्षमता का निर्माण करने, पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी प्रदान करने और जागरूकता पैदा करने, स्वच्छ खेल और डोपिंग रोधी डोमेन में अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने और खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित और डोप-मुक्त पोषण पूरक के विकल्प प्रदान करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

यह समझौता ज्ञापन “खिलाड़ियों के लिए विशेष आहार उपयोग के लिए भोजन” के क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में आदेश के अनुपालन में आपसी प्रतिबद्धता का एक रूप है। यह सहयोग भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र और जनता के लाभ के लिए एनआईपीईआर हैदराबाद में परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा एकत्र किए गए डेटा और सूचना के प्रसार के लिए उपकरणों को विकसित करने में मदद करेगा।

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यह समझौता ज्ञापन भारत में पोषण पूरकों के विपणन और वितरण में सर्वोत्तम पहलों को प्रोत्साहित करेगा। यह एथलीटों को पोषक तत्वों की खुराक में मौजूद हानिकारक घटकों के बारे में भी शिक्षित करेगा जो उनके दीर्घकालिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, सचिव (खेल), युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने कार्यक्रम का संचालन किया और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार की देश में एक स्वच्छ खेल वातावरण बनाने की दिशा में निरंतर प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमारे एथलीटों और खेल समुदाय को पोषण के बारे में सजग निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है।

श्रीमती एस अपर्णा, सचिव, औषध विभाग, भारत सरकार ने खिलाड़ियों के लिए पोषक तत्वों की खुराक के परीक्षण में देश के विकास की दिशा में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए सभी को बधाई दी।

श्रीमती एस अपर्णा, सचिव, औषध विभाग, भारत सरकार, श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, सचिव (खेल), युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार, श्री रजनीश टिंगल, संयुक्त सचिव, औषध विभाग, भारत सरकार, श्री कुणाल, संयुक्त सचिव (खेल), युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार और श्रीमती रितु सैन, महानिदेशक और सीईओ, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में औषध विभाग के कार्यालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

वर्तमान परिदृश्य में, पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता की कमी, बाजार में दूषित उत्पादों की उपस्थिति और पोषक तत्वों की खुराक के बारे में प्रासंगिक जानकारी की कमी के कारण डोपिंग के अनजाने मामलों से डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन होता है और एथलीटों के करियर को जोखिम होता है। यह समझौता ज्ञापन डोपिंग के अनजाने मामलों से निपटने और देश में एक सुरक्षित खेल वातावरण बनाने की दिशा में एक कदम है।

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, भारत (नाडा) डोपिंग के अनजाने मामलों के खिलाफ एथलीटों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे पहले 2022 में, भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, ताकि देश में पोषण पूरक परीक्षण क्षमता और अनुसंधान का निर्माण किया जा सके। नाडा जागरूकता अभियानों, आईईसी सामग्री, सोशल मीडिया सूचना आउटरीच और ऑडियो-विजुअल सामग्री के माध्यम से पोषण संबंधी पूरक आहार से जुड़े जोखिमों के बारे में एथलीटों और खेल संगठनों को संवेदनशील बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

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भारत और जापान का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास “धर्म गार्जियन” जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाज़ू में आयोजित होगा

भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” का चौथा संस्करण 17 फरवरी से 02 मार्च 2023 तक जापान में शिगा प्रांत के कैंप इमाज़ू में आयोजित किया जा रहा है। विशेष रूप से, भिन्न-भिन्न देशों के साथ भारत द्वारा किए जाने वाले सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों की श्रृंखला में “एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” जापान के साथ एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। “अभ्यास धर्म गार्जियन” वर्तमान वैश्विक स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण और सार्थक है। इस अभ्यास के संस्करण में जंगल और अर्ध शहरी/शहरी इलाकों में सैन्य गतिविधियों के लिए प्लाटून स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण भी शामिल है।

भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के सैनिक और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) में मिडिल आर्मी की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट इस वर्ष अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इस दौरान, योजना बनाने तथा क्रियान्वयन में पारस्परिकता बढ़ाने के उद्देश्य से जंगी कार्रवाई के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा किया जाएगा। प्रशिक्षण अभ्यास में शामिल होने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी 12 फरवरी 2023 को अभ्यास स्थल पर पहुंची, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता, मिलनसारिता, सौहार्द और मित्रता का भाव विकसित करने के अलावा संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने में दोनों सेनाओं को सक्षम करेगा। यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस और सामरिक स्तर पर अभ्यास की गतिविधियों को आदान-प्रदान करने पर केंद्रित है। अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैन्य कर्मी संयुक्त योजना बनाने, संयुक्त सामरिक अभ्यास, एकीकृत निगरानी ग्रिड स्थापित करने की मूल बातों को साझा करने तथा हवाई संपत्तियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मिशनों में शामिल होंगे। संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने, अपने व्यापक अनुभव साझा करने और स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

“एक्सरसाइज धर्म गार्जियन” भारतीय सेना तथा जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को और बढ़ाएगा। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे और बढ़ावा मिलेगा।

 

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पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग, सडक पर होगा आंदोलन

कानपुर नगर 15 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, ईपीए 96 राष्ट्रीय संघर्ष समिति कानपुर मंडल द्वारा रावतपुर बस स्टैंड में मंडल के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव ओम शंकर तिवारी की अध्क्षता में एक विशाल सभा सम्पन्न हुई, जिमसें मंडल के सभी जिलों से पदाधिकारी व सदस्यों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया। इस दौरान राष्ट्रीय सलाहकार राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि संगठन चार सूत्रीय मांगों के लिए बीते 6 वर्षाे से संघर्ष रत है, विभिन्न प्रकार के आंदोलन के बाद आज तक सरकार द्वारा कोई निर्णय नही लिया गया।
उन्होने कहा कि आज आर्थिक रूप से कमजोर असहाय बृद्ध लोग 200 से 250 प्रतिदिन मृत्यु को प्राप्त हो रहे है और ऐसे में क्या 300 से 3000 तक पेंशन क्या सामजिक सुरक्षा व सम्मान जनक जीने के लिए प्र्याप्त है। शुक्ला ने प्रधानमंत्री मोदी के पुरानी पेंशन बहाल न करने के बयान की कडे शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि अब हमें संख्या बल से संगठित होते हुए केंद्रीय नेतृत्व के आवाहन पर अपने हक और अधिकार के लिए करो या मरो के साथ आर पार की लडाई के लिए तैयार रहना है। तिवारीजी ने कहा कि यदि मांगे जल्द नही मानी गयी तो केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीडब्लूसी की बैठक में लिए गए निर्ण अनुसार संगठन रास्ता रोको, रेल रोको, इच्छा मृत्यु आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। सभा को सुंदरलाल पांडे, जय रूप्ज्ञ सिंह परिहार, सुधा निगम, राम दयाल शर्मा, सुधीर कुमार मिश्रा आदि ने सम्बोधित किया। सभी का संचालन जय रूप्ज्ञ सिंह परिहार ने किया और नारा दिया कि पेंशनर पेंशनर भाई भाई, लडके लेगे पाई-पाई।

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भारतीय जनता पार्टी की नगर निगम चुनाव के संदर्भ में नवीन मार्केट कार्यालय पर बैठक संपन्न

कानपुर 15 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारतीय जनता पार्टी कानपुर उत्तर की एक नगर निगम चुनाव के संदर्भ में नवीन मार्केट कार्यालय पर बैठक संपन्न हुई बैठक की अध्यक्षता भाजपा के जिला अध्यक्ष माननीय सुनील बजाज जी ने किया बैठक के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विधान परिषद सदस्य जिला प्रभारी माननीय विजय बहादुर पाठक जी ने अपना मार्गदर्शन दिया कानपुर नगर निगम चुनाव के जिला संयोजक बड़े भाई माननीय,प्रकाश शर्मा जी ने चुनाव के संबंध में जानकारी दी बैठक में जिला पदाधिकारी मंडल के अध्यक्ष मंडल प्रभारी वार्ड के संयोजक उपस्थित थे हर हर गंगे नमामि गंगे जय गंगा मैया की

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राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2023 मुंबई में प्रारंभ हुआ, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रदर्शन

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की मुंबई में शुरुआत हो चुकी है और इस बार यह आयोजन सभी के लिए एक विशेष विजुअल तथा म्यूजिकल कार्यक्रम होगा। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2023 का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी द्वारा कल शाम मुंबई में चर्चगेट स्थित आजाद मैदान में किया गया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 11 से 19 फरवरी तक सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ इस महोत्सव का आयोजन किया गया है।

महाराष्ट्र सरकार में सांस्कृतिक कार्य, वन एवं मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और महाराष्ट्र सरकार में ही पर्यटन, कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए सम्मानित अतिथि थे।

राज्यपाल ने उद्घाटन अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का स्थायी संदेश देता है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव यह दर्शाता है कि भाषा एवं सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों में कई विविधताओं के बावजूद, भारत एकजुट तथा एक राष्ट्र है। राज्यपाल ने कामना करते हुए कहा कि यह महोत्सव कुंभ मेले की तरह ही विश्व प्रसिद्ध होगा।

श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि भारत सरकार भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का सूत्रपात कर रही है। उन्होंने इस संबंध भारत की समृद्ध संस्कृति व परंपरा को ध्यान में रखते हुए दुनिया के समक्ष उदाहरण के रूप में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का हवाला दिया।

राज्यपाल ने सभी से आध्यात्मिक और कालातीत परंपराओं को अपने जीवन में यथोचित बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने सभी मुंबई वासियों व महाराष्ट्र राज्य तथा देश के अन्य हिस्सों के लोगों से बड़ी संख्या में इस महोत्सव में आने और समृद्ध शिल्प, कला, व्यंजन एवं भारतीय संस्कृति के अन्य पहलुओं का भरपूर आनंद लेने का आह्वान किया।

संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष 14 अप्रैल को डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती पर एक विशेष पर्यटक बाबासाहेब अम्बेडकर सर्किट ट्रेन का शुभारंभ किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों, कलाकारों एवं कारीगरों सहित सभी दर्शकों के साथ अपने विचार साझा करते हुए कहा कि लगभग 1000 कलाकार मुंबई के लोगों के लिए इस महोत्सव के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह शहर प्राचीन परंपरा व आधुनिकता का संगम है, जिसमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पर्यटक स्थलों, संस्थानों, त्योहारों और नृत्य तथा सिनेमा सहित कला के अन्य स्वरूपों की एक समृद्ध टेपेस्ट्री है। श्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” से प्रेरित तथा कला एवं संस्कृति के माध्यम से भारत की विविधता के उत्सव को दर्शाने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए इस महोत्सव को आयोजित किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महोत्सव हमारी समृद्ध संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाएगा और देशवासियों के बीच हमारी स्वदेशी संस्कृति एवं कला के प्रति आदर तथा प्रेम को फिर से जागृत करेगा। उन्होंने कहा कि हम वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा दे रहे हैं और भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर देश के तीर्थ स्थलों का विकास किया है।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने सभी मुंबईवासियों से एक ही छत के नीचे आयोजित इस महोत्सव में आने और भारतीय संस्कृति की विभिन्न अभिव्यक्तियों में खुद को भिगोकर प्रेरणा, ज्ञान तथा मनोरंजन प्राप्त करने की अपील की।

महाराष्ट्र सरकार में सांस्कृतिक कार्य, वन एवं मत्स्य पालन मंत्री, सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भारत दुनिया भर के देशों में सबसे विविध व सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है। उन्होंने इस अवसर पर देश और महाराष्ट्र राज्य की कई लोक कलाओं को याद किया। श्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि संस्कृति मन की शांति के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे केवल धन मात्र से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पहल में महाराष्ट्र सक्रिय रूप से अपना योगदान देना जारी रखेगा।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री अमिता साराभाई ने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को एक-दूसरे के साथ तथा 3सी अर्थात आम नागरिक के साथ शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों के माध्यम से जोड़ना है।

उद्घाटन समारोह में तेजस्विनी साठे और उनकी मंडली द्वारा शास्त्रीय कथक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों के प्रतिभाशाली समूह ने शास्त्रीय नृत्य के जीवंत, लयबद्ध तथा अभिव्यंजक स्वरूप के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया और उन्हें आनंदित कर दिया। मशहूर गायक मोहित चौहान ने अपनी प्रस्तुति में ‘तुमसे ही, 25 साल का सुरिला सफर’ (25 साल का संगीतमय सफर) शीर्षक से कई गीतों की मधुर प्रस्तुति दी।

केंद्रीय मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के विस्मृत और कम ज्ञात नायकों की विषयवस्तु पर आरएसएम के आयोजन स्थल पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा स्थापित की गई प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया। उन्होंने प्रसिद्ध गायक मोहित चौहान के संगीत समारोह में भी भाग लिया। लगभग 300 स्थानीय लोक कलाकारों, कुछ ट्रांसजेंडर तथा अलग-अलग दिव्यांग कलाकारों व प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकारों के साथ-साथ अन्य जाने-माने कलाकारों के साथ पूरे भारत से आने वाले करीब 350 लोक एवं जनजातीय कलाकार अपने मोहक प्रदर्शनों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे और उनमें उत्साह भरेंगे। इन कलाकारों के अलावा, भारत के सभी राज्यों तथा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से लगभग 150 शिल्पकारों को आंगन के तहत उनकी कला एवं शिल्प बिक्री-सह-प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसके लिए लगभग 70 स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, महाराष्ट्र राज्य हथकरघा विभाग और स्टार्टअप के लिए 25 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर वर्ष भारत के अलग-अलग राज्यों में इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह साल 2019 में मध्य प्रदेश में, 2022 में आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में आयोजित किया गया और अब महाराष्ट्र में इसका आयोजन किया जा रहा है।

 

प्रतिदिन का कार्यक्रम विवरण इस प्रकार रहेगा:

  1. सुबह 11:00 बजे से रात 10:00 बजे तक हस्तशिल्प एवं कला प्रदर्शनी
  2. दोपहर 02:30 बजे से अपराह्न 03:30 बजे तक स्थानीय कलाकारों द्वारा मार्शल आर्ट की प्रस्तुति
  3. शाम 04:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुति
  4. शाम 06:00 बजे से शाम 06:45 बजे तक पारंपरिक, जनजातीय और लोक नृत्य कोरियोग्राफिक प्रस्तुति
  5. शाम 07:00 बजे से रात 08:15 बजे तक प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकारों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
  6. रात 08:30 बजे से 10:00 बजे तक प्रसिद्ध स्टार कलाकारों द्वारा आयोजित कार्यक्रम

इस क्यूआर कोड को स्कैन करके यहां पर दैनिक कार्यक्रमों का विवरण प्राप्त करें।

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन स्थल पर एक फूड कोर्ट स्थापित किया गया है, जिसमें पूरे भारत से खाद्य व्यंजनों को उपलब्ध कराने वाले लगभग 37 स्टॉल होंगे और स्थानीय फूड स्टॉल के साथ-साथ आम जनता के लिए मोटे अनाज से बना हुआ भोजन भी उपलब्ध होगा।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाले सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र और अकादमियां भाग ले रही हैं। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है और यह लोगों को एक साथ आने तथा भारत की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक परंपराओं का अनुभव प्राप्त करने का अवसर है। पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी नागरिकों और कला प्रेमियों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। इस अनोखे सांस्कृतिक अनुभव को देखना न भूलें और हमारे साथ संगीतमय तथा सांस्कृतिक यात्रा का आनंद लें!

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