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राजनीति

बीआरओ ने 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में लेह-मनाली का रणनीतिक राजमार्ग खोला

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेह-मनाली राजमार्ग (एनएच 3) को 25 मार्च, 20023 को 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। पिछले साल बीआरओ को इस राजमार्ग को यातायात के लिए खोलने में 144 दिन लगे थे। ये मनाली के रास्ते लद्दाख को बाकी भारत से जोड़ने वाला 427 किलोमीटर लंबा एक रणनीतिक राजमार्ग है। इसका लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उनकी आपूर्ति की आवाजाही में खासा रणनीतिक महत्व है। साथ ही ये लद्दाख के लोगों को भारत से जोड़ता है। ये राजमार्ग 422 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग (एनएच-1डी) का एक वैकल्पिक रास्ता है, जिसे 16 मार्च 2023 को सीमा सड़क संगठन द्वारा खोला गया था। बीआरओ ने निम्मू-पदम-दारच में 16,580 फीट पर स्थित शिंकुला दर्रे को भी 23 मार्च 2023 को 55 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है।

लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दियां आने के साथ ही नवंबर के आखिर से बंद हो जाता है और मार्च में जाकर खुलता है। लद्दाख में बीआरओ फ्रंटलाइन प्रोजेक्ट हिमांक और हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक द्वारा पूरी 427 किलोमीटर सड़क की बर्फ को साफ कर दिया गया है। ये चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन कुशल जनशक्ति और अत्याधुनिक मशीनों से लैस दो अलग अलग टीमों द्वारा सड़क के दो छोर से शुरू किए गए। हिमाचल प्रदेश के सरचू में दो बर्फ हटाने वाली टीमों के एक समान बिंदु पर पहुंचने के साथ ही वहां एक ‘गोल्डन हैंडशेक’ समारोह आयोजित किया गया ताकि राजमार्ग को खुला घोषित किया जा सके।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने आज कर्नाटक के रायचूर में 4500 करोड़ रूपए के कुल 236 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज कर्नाटक के रायचूर में 4500 करोड़ रूपए के कुल 236 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनमें जल जीवन मिशन के तहत 1400 गांवों और 7 शहरों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, पीडब्ल्यूडी के 105 कार्य और कर्नाटक सड़क विकास ऐजेंसी के 19 कार्य शामिल हैं।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उनकी सरकार ही कर्नाटक का भला कर सकती है। उन्होने कहा कि कर्नाटक में अनेक विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऊपरी भद्रा योजना के लिए 5300 करोड़ रूपए और ऊपरी कृष्णा योजना के लिए 5000 करोड़ रूपए प्रदान किए, साथ ही महादायी मुद्दे का समाधान किया। इसके अलावा रायचूर ज़िले में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे का निर्माण शुरू हो गया है। झींगे के निर्यात शुल्क में कमी करके प्रधानमंत्री मोदी जी ने झींगापालन से जुड़े किसानों को भी फायदा पहुंचाया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत 11वीं से विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया में सबसे ज़्यादा मोबाइल बनाने वाले देशों में भारत दूसरे, स्टार्ट-अप में तीसरे और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में चौथे स्थान पर है। इन सभी उपलब्धियों के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के शासन में सीमापार से आतंकी भारत में घुसकर हमला करते थे और सरकार कुछ नहीं बोलती थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने उड़ी और पुलवामा हमलों का बदला सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के ज़रिए आतंकियों का सफाया करके लिया। श्री शाह ने कहा कि सिर्फ मोदी जी ही भारत को समृद्ध और सुरक्षित बना सकते हैं।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश के करोड़ों लोगों के कल्याण के लिए अनेक काम किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 13 करोड़ गैस सिलिंडर दिए, 10 करोड़ शौचालय बनाए, हर घर बिजली पहुंचाई और प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के माध्यम से हर गरीब को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया। मोदी जी ने 130 करोड़ लोगों को कोरोना से सुरक्षित बनाकर भारत को सुरक्षित बनाने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी देश के करोड़ों गरीबों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज मुफ्त दे रहे हैं।

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केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने इंडिगो की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने आज इंडिगो एयरलाइन की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई।

इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में इंडिगो की कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि इस पहाड़ी राज्य में उड़ान भरे बिना इंडिगो सही अर्थों में राष्ट्रीय एयरलाइन नहीं बन सकती थी। श्री ठाकुर ने एक बड़े हवाई अड्डे की आवश्‍यकता रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर से हिमाचल आने वाले यात्रियों को दिल्ली जाना पड़ता है और फिर वहां से संबंधित राज्य के लिए कनेक्टिंग उड़ान पकड़नी पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि एक बड़ा हवाई अड्डा यात्रियों को सीधी निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा।

श्री ठाकुर ने देश में हवाई अड्डों से संबंधित अवसंरचना के त्‍वरित विस्तार का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 140 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के कारण हवाई चप्पल पहनने वाले लोग अब हवाई जहाज में यात्रा कर पा रहे हैं।

इस हवाई अड्डे द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए, श्री ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा कनेक्टिविटी को सरल बनाते हुए पांच जिलों को जोड़ता है और इससे राज्य की आधी प्रत्‍यक्ष रूप से लाभान्वित होती है। इंडिगो की यह उड़ान इस राज्य के आधे हिस्से और पंजाब के कुछ स्थानों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा से पहली उड़ान 1990 में शुरू हुई थी, जिसके बाद इसके प्रचालनों का विस्तार हुआ और अब इसके पास 1376 मीटर लम्बा रनवे है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्‍थान की सुविधा उपलब्ध होने पर इस रनवे की लंबाई को और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा की उपस्थिति के कारण इस हवाई अड्डे पर बहुत अधिक यातायात देखा जाता है और यह हवाई अड्डा पूरे उत्तर-पश्चिमी हिमाचल प्रदेश को हवाई संपर्क प्रदान करता है। इंडिगो की यह उड़ान और अधिक संख्या में पर्यटकों को हिमाचल लेकर आएगी जिससे राज्य के लोगों को बहुत लाभ होगा।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में पिछले 65 वर्षों में जितनी सुविधा अर्जित नहीं हुई थी, उतनी सुविधा पिछले नौ वर्षों के दौरान 148 हवाई अड्डों, वाटरड्रोम एवं हेलीपोर्ट के निर्माण के जरिए अर्जित की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय अगले तीन से चार वर्षों के भीतर इस संख्या को बढ़ाकर 200 से अधिक करने के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की दिशा में काम कर रहा है। यह प्रयास बड़े मेट्रो हवाई अड्डों के साथ-साथ देश के अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुलभ करते हुए दूरदराज के हवाई अड्डों को समान महत्व प्रदान करेगा।

श्री सिंधिया ने राज्य में खेल अवसंरचना के निर्माण के लिए श्री अनुराग ठाकुर के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके अथक प्रयासों के कारण ही धर्मशाला आज न केवल क्षेत्रीय या राष्ट्रीय क्रिकेट, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का केंद्र बन गया है। उन्होंने धर्मशाला के शानदार स्टेडियम की तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियम से की। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से राज्य की आर्थिक कार्यकलापों में तेजी आयी है और इसका श्रेय भी श्री अनुराग ठाकुर को जाता है।

श्री सिंधिया ने श्री अनुराग ठाकुर द्वारा धर्मशाला हवाई अड्डे के विस्तार के आग्रह को स्वीकार किया और कहा कि इसके लिए उनका मंत्रालय पहले से ही दो चरण की योजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में वर्तमान रनवे को 1900 मीटर तक बढ़ाना शामिल है ताकि टर्बोप्रॉप विमान जो अभी लोड पेनल्टी के साथ उतरते हैं, उन्हें बिना लोड पेनल्टी के उतरने के लिए सक्षम बनाया जा सके। दूसरे चरण में रनवे को बढ़ाकर 3110 मीटर तक करना शामिल होगा, ताकि हवाईअड्डे पर बोइंग 737 और एयरबस ए320 को उतारने के विजन को साकार किया जा सके।

राज्य में अपने मंत्रालय की अन्य उपलब्धियों के बारे में श्री सिंधिया ने कहा कि शिमला हवाई अड्डे पर रनवे की मरम्मत का काम पूरा हो गया है और मंडी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए स्थल-स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्‍होंने दोहराया कि उनका मंत्रालय राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री सिंधिया ने कहा, ‘‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र का पूर्ण लोकतंत्रीकरण हुआ है और जो लोग हवाई जहाजों को केवल उड़ते हुए देख सकते थे, वे आज इनमें उड़ रहे हैं।’’ उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उड़ान योजना के विजन के फलस्वरूप भारत के हवाई यात्रियों की संख्या में 1 करोड़ 15 लाख लोग जुड़ गए हैं।

उड़ान के तहत हिमाचल राज्य को 44 रूट उपलब्‍ध कराए गए हैं, जिनमें से 22 पहले से ही प्रचालन में हैं। राज्य में मंत्रालय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि कनेक्टिविटी 2013-14 के प्रति सप्ताह 40 एयरक्राफ्ट से बढ़कर 110 एयरक्राफ्ट हो गई है और इस प्रकार 9 वर्षों में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से धर्मशाला में, पिछले नौ वर्षों में हवाई यातायात की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 के प्रति सप्ताह 28 से बढ़कर आज 50 मूवमेंट तक पहुंच गई है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से संसद सदस्य श्री किशन कपूर ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए हवाई संपर्क में विमान एक प्रमुख योगदान है। राज्य में कोविड 19 महामारी के दौरान पर्यटक कार्यकलापों में भारी गिरावट आयी थी और अब इसमें फिर से तेजी देखी जा रही है। श्री कपूर ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से धर्मशाला के लिए उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या को बढ़ाने पर विचार करने का अनुरोध किया।

इंडिगो एयरलाइन दिल्ली से धर्मशाला के लिए प्रतिदिन उड़ानें प्रचालित करेगी। इस नए उड़ान सेक्‍टर से इंडिगो की दैनिक उड़ानों की संख्या बढ़कर 1795 हो गई है और प्रस्थान के मामले में यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई है।

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समाचार कानपुर से

 

उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे हवा हवाई साबित

खाना बनाते समय आग की चपेट में आकर गम्भीर रूप से झुलसी महिला बनी फुटबॉल

डॉक्टरों की मानवीय संवेदनाये हुई शून्य,मर रहे मरीज को देख कर भी नही पसीजा दिल

CHC चौबेपुर मिला खाली,रात में परिजन लेकर पहुँचे कल्यानपुर के निजी हास्पिटल

निजी हास्पिटल ने नाजुक हालत और ज्यादा बर्न के चलते दी हैलट ले जाने की सलाह

हैलट अस्पताल ने बर्न यूनिट न होने का हवाला देकर झाड़ा पल्ला,भेजा उर्सला

उर्सला में डॉक्टरों ने CHC चौबेपुर का रेफर लेटर न होने की बात कह भर्ती करने से किया इन्कार,बेवकूफ बनाकर भेजा लखनऊ

रात भर परिजनों ने लगाए लखनऊ के कई हास्पिटल के चक्कर,नही किया गया भर्ती

बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का ढोल पीटने वालो को कोसते हुए परिजन मरीज के साथ आ रहे कानपुर वापसी

जिले की बदहाल और टरकाऊ स्वास्थ्य व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण

चौबेपुर के नया गांव में खाना बनाते समय गम्भीर रूप से झुलसी थी महिला

टरकाऊ और माल खाऊ डॉक्टरों के जिम्मे है स्वास्थ्य व्यवस्था

CMO ड़ॉ आलोक रंजन का नही उठ रहे फोन

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खनन माफिया बेखौफ, अफसर बेखबर

बाबा टेडर्स महोली करवा रहा है बालू मिट्टी का अवैध खनन

नर्वल तहसील क्षेत्र के डोमंनपुर गाँव में दिन दहाड़े खनन माफ़ियाँओ के हौसले बुलंद

जिले में गंगा से बालू मिट्टी का खनन धड़ल्ले से हो रहा है।

जाहिर है कि यह वैध नहीं है, बावजूद जिम्मेदार बेखबर हैं और खनन माफिया बेखौफ।

दिन में खुलेआम बालू का खनन हो रहा है।

इससे सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है फिर भी अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।
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_रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित हुई रैतिक परेड_*

*_कानपुर: पुलिस आयुक्त ने परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि रहे मौजूद_*

*_पुलिस लाइन में संबोधित करते हुए बोले पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट बना तो अपराध का ग्राफ आया नीचे_*

*_एसीपी कैंट शिवा सिंह ने किया परेड का नेतृत्व, कमिश्नरेट की वर्षगांठ पर क्राइम ब्रांच की जैकेट की गई लांच_

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बड़ी खबर

अतीक अहमद को लेने साबरमती जेल पहुची यूपी पुलिस…

यूपी पुलिस का एक दस्ता साबरमती जेल में मौजूद.

उमेश पाल हत्या कांड के बाद अतीक को यूपी लाने पहुची पुलिस.

जेल मैनुवल की कार्यवाई के बाद अतीक को जेल से यूपी पुलिस के साथ भेजा जाएगा.

इससे पूर्व अतीक ने यूपी जेल में ट्रांसफर न करने की कही थी बात.

अब यूपी पुलिस के साथ अतीक को यूपी लाने की कवायद तेज.

कुछ देर बाद गुजरात के साबरमती जेल से अतीक को लेकर यूपी पुलिस निकलेगी.

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रात्रि गश्त की खुली पोल चोरों ने दी पुलिस को खुली चुनौती

थाने के सामने परचून की दुकान में सेंधमारी कर उड़ाए हज़ारों रुपए

थाना कल्यानपुर के इन्द्रानगर सब्जी मंडी की घटना

दुकानदार को सुबह दुकान खोलने पर हुई जानकारी

सूचना पर पहुँची पुलिस जाँच में जुटी

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नितिन गडकरी ने रांची, झारखंड में 9400 करोड़ रुपये की 21 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में 9400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 532 किलोमीटर की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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श्री गडकरी ने कहा कि 7000 करोड़ रुपये की लागत से रांची से वाराणसी तक 260 किलोमीटर के 4 लेन वाले इंटर कॉरिडोर के निर्माण से 5 घंटे में रांची से वाराणसी पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 635 किलोमीटर का 4 लेन वाला रायपुर-धनबाद आर्थिक कॉरिडोर कोयला, स्टील, सीमेंट और अन्य खनिजों के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा।

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पीएम फसल बीमा योजना में नवाचार व पारदर्शिता, ‘डिजीक्लेम’ का कृषि मंत्री द्वारा शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) के डिजिटाइज्ड क्लेम सेटलमेंट मॉड्यूल डिजीक्लेम का आज शुभारंभ किया। इस नवाचार के साथ ही दावों का वितरण अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा, जिसका सीधा लाभ प्रारंभ में 6 राज्यों (राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा) के संबंधित किसानों को होगा। दावा भुगतान की प्रक्रिया अब स्वचालित हो जाएगी क्योंकि राज्यों द्वारा पोर्टल पर उपज डेटा जारी किया जाता है। श्री तोमर ने बटन दबाकर इन 6 राज्यों के बीमित किसानों को 1260.35 करोड़ रु. के बीमा दावों का भुगतान किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएमएफबीवाई का शुभारंभ 6 साल पहले किया गया था और उनकी मंशा है कि अधिकाधिक किसानों को इसका लाभ मिलें।

कार्यक्रम में श्री तोमर ने कहा कि डिजीक्लेम के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नई विधा का शुभारंभ हु्आ, जिससे केंद्र-राज्य सरकारों को सुविधा के साथ ही किसानों को क्लेम मिल जाएं, इसकी सुनिश्चितता पारदर्शिता के साथ की जा सकेगी। आयुष्मान भारत योजना के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत की बहुत बड़ी योजना है जो प्राकृतिक परिस्थितियों पर आधारित है। पिछले 6 साल से संचालित इस योजना के अंतर्गत बीमित किसानों को उनकी उपज के नुकसान की भरपाई के रूप में अभी तक 1.32 लाख करोड़ रु. का भुगतान किया गया है। श्री तोमर ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सभी राज्य सरकारों, बीमा कंपनियों व किसानों के संपर्क में भी रहता है और समय-समय पर आने वाली कठिनाइयों का परिमार्जन किया जाता है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के लिए ग्रिवांस पोर्टल बनाया गया है, जिसका लाभ परिलक्षित हो रहा है। इस पोर्टल को पूरे देश के लिए उपयोग करें, इसकी कोशिश हो रही है। अभी तक सामान्य तौर पर यह माना जाता था कि जो किसान ऋणी है, वहीं बीमित होता है लेकिन प्रसन्नता की बात है कि इस संबंध में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है और गैर-ऋणी किसान भी फसल बीमा कराने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस दिशा में ‘मेरी पालिसी-मेरे हाथ’अभियान का भी बड़ा योगदान है। श्री तोमर ने कहा कि हम सबका लक्ष्य यहीं होना चाहिए कि किसान स्वयं जागरूक हो जाएं व हर किसान बीमित हो ताकि प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति में उसके नुकसान की भरपाई हो सकें।

श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां तो रहती ही है, लेकिन इनका समाधान बहुत ही शिद्दत के साथ सरकारें कर सकें, इसमें टेक्नालाजी विशेष सहायक है। आम किसानों तक मौसम की सटीक जानकारी भी पहुंच सकें, इसके लिए टेक्नालाजी की मदद से कृषि मंत्रालय द्वारा प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों एवं किसानों सबका समन्वय बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब अनेक राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए निरंतर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सबके संयुक्त प्रयत्नों के कारण इस बीमा योजना की लोकप्रियता और बढ़ेगी।

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कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा, पीएमएफबीवाई के सीईओ श्री रितेश चौहान सहित उ.प्र., राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। बीमा कंपनियों व बैंकों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित थे, वहीं सैकड़ों प्रतिनिधि वर्चुअल जुड़े थे।

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अनवरगंज – मांधाना एलिवेटेड ट्रैक प्रोजेक्ट को ,नेटवर्क प्लानिंग समुह ने पास किया परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना मे शामिल

कानपुर शहर को 2 भागो में विभाजित करते हुए नियमित यातायात जाम के साथ ही दक्षिण क्षेत्र का मुख्य शहरी क्षेत्र से सुगम संपर्क के अभाव तथा औद्योगिक विकास में बाधक बन रही अनवरगंज से मंधना रेल्वे ट्रैक के विकराल समस्या के सामाधान हेतु लगभग तीन दशकों से लंबित पढ़ी अनवरगंज मांधना ट्रैक को एलिवेटेड करने की परियोजना की नेटवर्क प्लानिंग समुह, जिसमें, 15 मंत्रालय के प्रतिनिधि होते है, की दिल्ली में संपन्न हुई बैठक मे अन्य प्रस्तावों के साथ इस प्रस्ताव का भी प्रजेंटेशन देखा गया ।
डाक्टर राजशेखर ने बताया, इस बैठक से पूर्व पूर्वोत्तर रेल्वे की उप वाणिज्य संचालन प्रबंधक शिल्पी kanojia, उप मुख्य अभियंता तथा कानपुर के संबंधित विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुझाव प्राप्त कर प्रजेंटेशन तैयार किया गया।
डाक्टर राजशेखर ने, आज आधिकारिक रूप से प्राप्त सूचनाओं का हवाला देते हुए बताया की कानपुर शहर की इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रेजेंटेशन की तैयारी इतनी सार्थक रूप से की गई थी जिसमे इस परियोजना से कानपुर नगर को मिलने वाले लाभ तथा रेलवे के लाभ को प्रस्तुत किया गया जिसकी नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के सदस्यों ने जम कर सराहना की और इसे आगे कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर के पास
अंतिम प्रक्रिया हेतु संस्तुति कर भेज दिया, जहां से शीघ्र ही निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश मिल जायेगे।

इस संबंध में राजशेखर आयुक्त कानपुर मंडल ने बताया की,यह रेल्वे का 16 किलोमीटर का सेक्शन जिसमें 16 रेल्वे क्रॉसिंग, कानपुर के विकास मे बढ़ी बाधा है, और समान्तर चल रही जी टी रोड के कारण जाम और दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बना हुआ था।

इस विकराल समस्या को लेकर विभिन्न संगठनों के द्वारा पिछले तीस वर्षो से उठाया जा रहा था, लेकिन निदान नहीं हो पा रहा था

पिछले वर्ष कानपुर की समीक्षा बैठक करने आए माननीय मंत्री जतिन प्रसाद से इस परियोजना को शासन स्तर से पहल करने के लिए राजशेखर आयुक्त ने अनुरोध किया, मुख्य सचिव महोदय ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को इसका संज्ञान दिया साथ ही शासन स्तर से इसके लिए एक कमेटी गठित की गई जिसमे आयुक्त कानपुर मंडल, पुलिस आयुक्त, महा प्रबंधक पूर्वुत्तर रेलवे, तथा उत्तर मध्य रेलवे द्वारा नामित अधिकारी, परियोजना निदेशक कानपुर मेट्रो, नीरज श्रीवास्तव स्तंत्र निर्देशक कानपुर स्मार्ट सिटी, मुख्य अभियंता नगर निगम महा प्रदबंधक सेतु निगम, अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग, तथा परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कन्नौज नामित हुए

इसकी एक महत्त्वपूर्ण बैठक प्रमुख सचिव आवास ने दिनाँक 11 मई 2022 को आयोजित हुई
।कानपुर के विकास में अति गंभीर माननीय सांसद गण देवेंद्र सिंह भोले जी और सत्यदेव पचौरी जी ने भी माननीय रेल मंत्री से मिलकर इस प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाया।
डॉक्टर राजशेखर ने बताया की नियमित फॉलोअप तथा रेलवे के साथ नीरज श्रीवास्तव समन्वयक उच्च स्तरीय संयुक्त विकास समिति के साथ समन्वय करते रहने से यह कार्ययोजना गति शील रही।
विभिन्न चरणों में डीपीआर पूर्ण करने में पूर्वोत्तर रेलवे के उच्च अधिकारियों ने नियमित कानपुर आयुक्त स्तर पर बैठकों में प्रति भाग किया जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, विकास प्राधिकरण, नगर निगम इत्यादि के अधिकारियों के साथ तथा उद्योग संघटनो के सुझावों से इस महत्वपूर्ण योजनाओं की डीपीआर बन सकी जो सर्वप्रथम रेलवे बोर्ड के बाद नीति आयोग पहुंची और नीति आयोग से नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप को बैठक में इस परियोजनाओं को और आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर में चला गया।
आज रेलवे के अधिकारियों ने मंडलायुक्त से वार्ता कर धन्यवाद दिया और शीघ्र ही आगामी बैठक आयोजित करने हेतु अनुरोध किया जिसमें की भविष्य में आवश्यक कार्यों का रूप रेखा बनाया जा सके।

डॉक्टर राजशेकर ने बताया कानपुर के विकास की श्रंखला में यह परियोजना बहुआयामी है जो यहां के औद्योगिक विकास को और गति देगी,उन्होंने कहा की इस महत्वपूर्ण परियोजना के आगे बढ़ने मे माननीय सांसद देवेन्द्र सिंह भोले जी, और सत्यदेव पचौरी जी, का बहुत आभार व्यक्त करते, इस कार्य मे प्रयासरत संगठनों के प्रतिनिधियों को सहयोग के लिये धन्यवाद तथा, पूर्वोत्तर रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारियों, जिला प्रशासन अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय जैसे महत्वपूर्ण कार्यो के लिए नीरज श्रीवास्तव के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

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भारतीय रेल ने ओडिशा का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा किया

वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित करने की तर्ज पर, भारतीय रेल ने ओडिशा के विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा कर लिया है। ओडिशा का विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है जो अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत है और इसकी वजह से लाइन खींचने की (हाउल) लागत में (लगभग 2.5 गुना कमी) गिरावट आएगी, हाउलेज क्षमता भारी होगी, सेक्शनल क्षमता में बढोतरी होगी, इलेक्ट्रिक लोको के प्रचालन और रखरखाव की लागत कम हो जाएगी, आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता के साथ परिवहन के ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल साधन का निर्माण होगा और विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, रेलवे की 100 प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति की तर्ज पर विद्युतीकरण के साथ साथ बड़ी लाइन के नए नेटवर्क को भी मंजूरी दी जाएगी।

ओडिशा राज्य का भूभाग पूर्वी तट, दक्षिणी पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में पडता है। ओडिशा के कुछ मुख्य रेलवे स्टेशन हैं : भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला तथा झारसुगुडा। रेल नेटवर्क ओडिशा से देश के दूसरे हिस्सों में खनिज अवयवों, कृषि उत्पादों एवं अन्य वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक-खुरदा रोड-पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य की कुछ प्रतिष्ठित रेलगाड़ियां हैं : हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर – नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस। ये रेलगाड़ियां राज्य के विभिन्न हिस्सों और भारत के अन्य प्रमुख शहरों के लिए सुविधाजनक कनेक्टविटी प्रदान करती हैं।

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निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण

उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, वर्ष 2006 में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा निजी क्षेत्र में सकारात्मक कार्रवाई के लिए एक समन्वय समिति गठित की गई थी। सचिव (डीओपीटी), सचिव (एसजेएंडई), सचिव (जनजातीय कार्य) तथा सचिव (डीपीआईआईटी) समिति के सदस्य हैं।  डीपीआईआईटी इस समिति को सचिवालयी सहायता उपलब्ध कराता है। अभी तक, इस समन्वय समिति की 9 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। समन्वय समिति की पहली बैठक में यह उल्लेख किया गया था कि सकारात्मक कार्रवाई के मुद्दे पर प्रगति प्राप्त करने के लिए सर्वोत्कृष्ट तरीका स्वयं उद्योग जगत द्वारा स्वैच्छिक कार्रवाई करना है।

तदनुसार, शीर्ष उद्योग एसोसिएशनों नामतः भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) तथा भारतीय दलित वाणिज्य और उद्योग मंडल (डीआईसीसीआई) ने अपनी सदस्य कम्पनियों द्वारा समावेशन प्राप्त करने हेतु शिक्षा, नियोज्यता और उद्यमिता पर केन्द्रित स्वैच्छिक आचार सहिंता (वीसीसी) तैयार की है। उद्योग संघों के सदस्यों द्वारा किए गए उपायों में, अन्य बातों के साथ-साथ, छात्रवृत्तियां, व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कोचिंग आदि शामिल हैं।  तथापि, उनके पास निजी क्षेत्र के उच्च पदों पर आसीन समाज के लाभवंचित वर्ग की स्थिति के संबंध में  कोई आंकड़ा नहीं है।

यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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वंचित छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हेतु बजटीय आवंटन

अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) और विमुक्त जनजातियों (डीएनटी) संबंधी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति स्कीम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 250.00 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान था।  जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 394.61 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान है।

ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी संबंधी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति स्कीम में वर्ष 2021-22 के दौरान संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य XVवें वित्त आयोग के कार्यकाल में पांच वर्षों की अवधि के दौरान इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 5.67 करोड़ छात्रों को कवर करना है।

यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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