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आत्मनिर्भर भारत-रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए उन्नत  आकाश अस्त्र  प्रणाली और अस्त्रों  का पता लगाने वाले 12 स्वाति रडारों के लिए 9,100 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों  पर हस्ताक्षर किए

रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को और बढ़ावा देते हुए, रक्षा मंत्रालय ने आज 30 मार्च, 2023 को भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली और अस्त्रों का पता लगाने वाले 12 स्वाति रडारों (मैदानी) की खरीद के लिए 9,100 करोड़ रुपये से अधिक अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए।

उन्नत आकाश शस्त्र प्रणाली

सेना वायु सुरक्षा की तीसरी और चौथी रेजीमेंट के लिए उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली जिसमें आधुनिकीकरण के साथ लाइव मिसाइल और लॉन्चर, स्थलीय सहायता  उपकरणों , वाहन और आधारभूत अवसंरचना शामिल हैं, के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ 8,160 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए।

उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली (एडब्ल्यूएस) एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली  मिसाइल (एसआरएसएएम) की वायु प्रतिरक्षा प्रणाली, जिसे डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। हवाई खतरों से निपटने के उद्देश्य से भारतीय सेना के लिए उत्तरी सीमाओं के लिए इन्हें उन्नत करने के साथ एडब्ल्यूएस की दो अतिरिक्त रेजीमेंट खरीदी जा रही हैं। इस  उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली  में सीकर टेक्नोलॉजी, सरलता से पता न चलने की विशेषता, सभी दिशाओं में कार्य कर सकने की क्षमता और बेहतर पर्यावरणीय मानक हैं।

यह परियोजना विशेष रूप से भारतीय मिसाइल निर्माण उद्योग और समग्र रूप से स्वदेशी रक्षा निर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देगी। परियोजना में कुल स्वदेशी सामग्री 82% है जिसे 2026-27 तक बढ़ाकर 93% किया जाएगा ।

भारतीय सेना में उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली (एडब्ल्यूएस) को शामिल करने से कम दूरी की मिसाइल क्षमता में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। यह परियोजना अन्य देशों को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा के बाहर जाने से बचाकर, देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने और विभिन्न घटकों के निर्माण के माध्यम से भारतीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करके समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी अपनी भूमिका निभाएगी। अस्त्र प्रणाली की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए परियोजना लागत का लगभग 60% एमएसएमई सहित निजी उद्योग को दिया जाएगा, जिससे बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

हथियारों का पता लगाने वाले रडार स्वाति

हथियारों का पता लगाने वाले रडार स्वाति (मैदानी) के लिए अनुबंध पर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) के साथ 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया ऐसा डब्ल्यूएलआर है जो हमारी सेनाओं पर  गोलाबारी कर रही तोपों, मोर्टारों और रॉकेटों की सटीक स्थिति का पता लगाने की क्षमता के साथ ही स्वयम के गोलाबारी संसाधनों द्वारा प्रत्युत्तर में आक्रमण करके उन्हें नष्ट करने की सुविधा से लैस है। यह सैनिकों को दुश्मन के किसी भी हस्तक्षेप के बिना अपने परिचालन कार्यों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा और उन्हें दुश्मन की गोलाबारी से सुरक्षा भी प्रदान करेगा। इसे सेना में आने वाले 24 महीनों में शामिल करने की योजना है ।

यह परियोजना रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमता दिखाने का एक बड़ा अवसर है और रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को प्राप्त करने

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नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इंदौर और शारजाह के बीच सीधी विमान सेवा का शुभारंभ किया

  • उड़ान 31 मार्च को अपना परिचालन शुरू करेगी, और यह सप्ताह में तीन दिन संचालित होगी।
  • यह संयुक्त अरब अमीरात के लिए इंदौर का दूसरा हवाई संपर्क है, और यह मध्य प्रदेश में व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नागर विमानन मंत्रालय के राज्यमंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) के साथ आज इंदौर और शारजाह के बीच सीधी विमान सेवा का शुभारंभ किया।

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यह नया मार्ग मध्य-पूर्व के साथ संपर्क बढ़ाएगा और मध्य प्रदेश में व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगा। यह 31 मार्च, 2023 से शुरू होकर सप्ताह में तीन दिन निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालित होगा:

उड़ान सं.  कहां से  कहां तक  फ्रीक्वेंसी  प्रस्थान का समय  आगमन का समय  विमान शुरुआत की तिथि
आईएक्स0255 आईडीआर एसजेएच सोमवारशुक्रवार और शनिवार 10:30 12:10 बी 737-800 31 मार्च 2023
आईएक्स0256 एसजेएच आईडीआर सोमवार, शुक्रवार और शनिवार 03:00 07:35

नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इंदौर से दुबई, इंदौर से शारजाह के बाद संयुक्त अरब अमीरात के साथ इंदौर का दूसरा हवाई संपर्क होगा। इससे न केवल व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दो अलग-अलग देशों में रहने वाले परिवारों को भी जोड़ा जा सकेगा।

कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बारे में चर्चा करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि 2013-14 में इंदौर केवल 6 गंतव्यों से जुड़ा था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के 9 वर्षों में, यह शहर 2 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों सहित 24 गंतव्यों तक बढ़ गया है, जो कि 400 प्रतिशत की वृद्धि है। पहले इंदौर से साप्ताहिक हवाई यातायात की आवाजाही 320 थी, जो अब बढ़कर 500 हो गई है जो कि 52 प्रतिशत की वृद्धि है।

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सिंधिया ने यह भी कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश राज्य का देश के केवल आठ शहरों से हवाई संपर्क था, लेकिन अब यह 26 शहरों से जुड़ गया है, जो कि 300 प्रतिशत की वृद्धि है। राज्य से साप्ताहिक हवाई यातायात की आवाजाही 500 विमानों की थी, जो 9 वर्षों में बढ़कर 840 हो गया है। आरसीएस उड़ान योजना के तहत मध्य प्रदेश को 60 रूट दिए गए थे, जिनमें से 33 पहले से ही चालू हैं और 12 जल्द ही चालू हो जाएंगे। हाल ही में रीवा हवाई अड्डे की नींव रखी गई और इसके विकास पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्वालियर में 500 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन विकसित किया जा रहा है। जबलपुर में भी लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से नया एकीकृत टर्मिनल भवन विकसित किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयरएशिया इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री आलोक सिंह और एयरएशिया इंडिया के संचालन प्रमुख कैप्टन मनीष उप्पल उपस्थित थे।

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आत्मनिर्भर भारत: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के 11 समुद्रगामी गश्ती युद्धपोतों और 6 मिसाइल वाहक जहाजों के अधिग्रहण के उद्देश्य से भारतीय शिपयार्ड के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ का लक्ष्य हासिल करने हेतु भारतीय नौसेना की आवश्यकतानुसार एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अगली पीढ़ी के 11 समुद्रगामी गश्ती युद्धपोतों और 6 मिसाइल वाहक जहाजों के अधिग्रहण के लिए 30 मार्च, 2023 को भारतीय शिपयार्ड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सौदे की कुल लागत लगभग 19,600 करोड़ रुपये आंकी गई है।

अगली पीढ़ी के खुले समुद्र में गश्त करने वाले युद्धपोत

अगली पीढ़ी के 11 समुद्रगामी गश्ती युद्धपोतों के अधिग्रहण के लिए होने वाली खरीद कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी के तहत निर्माण हेतु की जा रही है। इस अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। इन 11 जहाजों में से सात को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा और चार को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा स्वदेशी रूप से अभिकल्पित, विकसित तथा तैयार किया जाएगा। इन युद्धपोतों को भारतीय नौसेना को इस्तेमाल के लिए सितंबर 2026 से सौंपना शुरू किया जायेगा।

इन नौसैन्य जहाजों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना को अपनी लड़ाकू क्षमता को विस्तार देने और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी। इनमें समुद्री डकैती का मुकाबला करना, गैरकानूनी व्यापार पर नियंत्रण, घुसपैठ पर रोक लगाना, अनधिकृत जलीय शिकार को रोकना, गैर-लड़ाकू निकास गतिविधि संचालन, तलाश और बचाव (एसएआर) अभियान व खुले समुद्र में उपस्थित परिसंपत्तियों की सुरक्षा आदि शामिल हैं। इन जलपोतों के निर्माण से साढ़े सात साल की अवधि में कुल 110 लाख मानव-दिवस रोजगार अवसर सृजित होंगे।

अगली पीढ़ी के मिसाइल वाहक जहाज

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से अगली पीढ़ी के 6 मिसाइल वाहक जहाजों (एनजीएमवी) के अधिग्रहण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन युद्धपोतों को मार्च 2027 से भारतीय नौसेना को सौंपना शुरू कर दिया जाएगा। ये अगली पीढ़ी के मिसाइल वाहक जहाज रडार से बचने में सक्षम, तेज गति वाले और काफी आक्रामक क्षमता के साथ भारी हथियारों से लैस पोत होंगे। मोटे तौर पर इन जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, अवैध व्यापारी जहाजों और सतही ठिकानों के खिलाफ अपनी रक्षात्मक आक्रामक क्षमता प्रदर्शित करना होगी।

ये जहाज समुद्री हमले वाली कार्रवाइयों को पूरा करने में सक्षम तथा समुद्र के साथ-साथ बड़े सतही हमलों को अंजाम देने में सहायक होंगे। ये युद्धपोत दुश्मन के जहाजों से निपटने के लिए विशेष रूप से चोक पॉइंट्स पर समुद्र में रोक लगाने के एक शक्तिशाली हथियार के रूप में तैनात होंगे। रक्षात्मक भूमिका में, इन जहाजों को स्थानीय नौसेना रक्षा संचालन और अपतटीय विकास क्षेत्र के लिए समुद्री रक्षा के अन्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु भी प्रयुक्त किया जाएगा। इन जहाजों के निर्माण से नौ वर्षों की अवधि में कुल 45 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजन होगा।

इन युद्धपोतों के स्वदेशी निर्माण से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सहित भारतीय जलपोत निर्माण एवं उनसे संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ ये युद्धपोत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के गौरवशाली ध्वजवाहक बनेंगे।

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केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमृतसर और गैटविक हवाई अड्डे के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया

केंद्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज अमृतसर और गैटविक के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। अमृतसर और गैटविक के बीच बिना किसी ठहराव के यह उड़ान सेवा एयर इंडिया द्वारा आज से निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालित की जाएगी:

उड़ान संख्या प्रस्थान का स्थान पहुँचने का स्थान उड़ान के दिनों की संख्या प्रस्थान का समय (एलटी) पहुँचने का समय (एलटी)
एआई 169 एटीक्यू एलजीडबल्यू सप्ताह में तीन दिन 1320 1755
एआई 170 एलजीडबल्यू एटीक्यू सप्ताह में तीन दिन 2010 0840+1

केंद्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह नई अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रेरक का काम करेगा। यह एक भावनात्मक विषय भी है क्योंकि ब्रिटेन में पंजाब के लाखों लोग रहते हैं और यह नई उड़ान सेवा दो अलग-अलग देशों में रहने वाले परिवारों को जोड़ने का काम करेगी ।

श्री सिंधिया ने अमृतसर हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अमृतसर हवाई अड्डे के विकास का भरोसा दिया है। सरकार ने 50 करोड़ रुपये की लागत से 13 पार्किंग एप्रन विकसित किए हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि 100 करोड़ रुपये की लागत से विमानों की आसान आवाजाही के लिए एक समानांतर टैक्सी-ट्रैक भी विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एकीकृत टर्मिनल भी विकसित किया गया है।

नागरिक विमानन मंत्री महोदय श्री सिंधिया ने कनेक्टिविटी के बारे में कहा कि यह अमृतसर और इंग्लैंड के बीच तीसरी उड़ान सेवा है और इसे मिलाकर छह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अमृतसर से इंग्लैंड के लिए चल रही हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2014 तक अमृतसर हवाई मार्ग से सिर्फ 6 शहरों से जुड़ा था, लेकिन पिछले 9 वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह बढ़कर 21 शहरों तक पहुंच गया है और इसमें 250 प्रतिशत का उछाल आया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले साप्ताहिक यातायात आवागमन 217 प्रति सप्ताह था जो अब 87 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 416 प्रति सप्ताह हो गया है। श्री सिंधिया ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क सेवा उड़े देश का आम नागरिक-उड़ान योजना के अंतर्गत, पंजाब में 145.35 करोड़ रुपये के बजट के साथ 20 हवाई मार्ग चालू हो चुके हैं और निकट भविष्य में 4 और हवाई मार्ग शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कनाडा के साथ ओपन स्काई ऑफर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें एयरलाइन ऑपरेटर भारतीय शहरों और उनके कनाडा के समकक्षों के बीच असीमित उड़ान सेवाएँ संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि इस समझौते से पंजाब राज्य और वहां के लोगों को लाभ होगा।

उद्घाटन समारोह में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, श्री. एस.के. मिश्रा संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय श्री मालविंदर सिंह जग्गी सचिव नागरिक उड्डयन, पंजाब सरकार और एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कैंपबेल विल्सन उपस्थित थे।

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दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 31,000 से अधिक रोजगार जुटाए जाने से ग्रामीण रोजगार को काफी बढ़ावा मिलेगा

ग्रामीण रोजगार को अधिक बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर रहा है, जिसके अंतर्गत इन नियोक्‍ताओं को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 31,067 ग्रामीण गरीब युवाओं को 6 महीने की न्‍यूनतम अवधि के लिए कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह वेतन के साथ प्रशिक्षित करने और लाभकारी रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य प्रदान किया जा रहा है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह कल नई दिल्ली में आयोजित समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर वे कुछ ऐसे उम्‍मीदवारों को नियुक्ति-पत्र भी बांटेंगे, जिन्‍होंने डीडीयू-जीकेवाई के तहत इसी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त किया था और उनकी कैप्टिव नियोक्ताओं के यहां नियुक्ति होनी है।

श्री गिरिराज सिंह के निर्देश पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत कैप्टिव रोजगार (इन हाउस) दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवारों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सकें और उन्हें रोजगार मिल सकें। कैप्टिव रोजगार मॉडल नियोक्ताओं को ग्रामीण युवाओं का चयन करने, उन्‍हें कौशल प्रदान करने और उन्हें अपने प्रतिष्ठान/अपनी अन्‍य संस्था/सहायक कंपनियों में तैनात करने की अनुमति प्रदान करता है।

आरटीडी (भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती) मॉडल को एक तरफ उद्योग की आवश्‍यकताओं को पूरा करने और दूसरी ओर ग्रामीण युवाओं के लिए स्थायी नौकरी सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है। यह मॉडल उद्योग, सरकार और ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। उद्योग अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने कार्य स्थल पर ही इन युवाओं को अधिक व्यावहारिक प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराने में सक्षम होगा, जबकि सरकार ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए अधिक अवधि तक रोजगार (न्यूनतम छह महीने) सुनिश्चित करेगी।

कैप्टिव रोजगार (इन हाउस) के दिशानिर्देश डीडीयू-जीकेवाई कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जा रहे लाभों के कारण इस योजना में उद्योग की प्रत्यक्ष भागीदारी बढ़ाएंगे जिससे ग्रामीण युवाओं के लिए बड़ी मात्रा में रोजगार सुनिश्चित होंगे। कैप्टिव नियोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं: लक्ष्य आवंटन में सर्वोच्च प्राथमिकता, प्रदर्शन बैंक गारंटी की छूट, गुणवत्ता मूल्यांकन प्रक्रिया और शुल्क की छूट, उद्योग के संचालन को आसान बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की लगन और डीडीयू-जीकेवाई के कुछ अन्य जनादेश के प्रति दिलचस्‍पी, तीन साल की अवधि के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, उद्योग को अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की प्राप्ति होगी जिससे नुक्‍सान कम होगा, कार्य प्रदर्शन बेहतर होगा और सरकार की प्रशिक्षण लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी।

हालांकि, बदले में कैप्टिव नियोक्ताओं को सभी प्रशिक्षित उम्मीदवारों को कैप्टिव (इन-हाउस) रोजगार देने और 6 महीने की अवधि के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत प्रशिक्षित उम्मीदवारों को 10,000 रुपये के न्‍यूनतम वेतन पर रोजगार उपलब्‍ध कराना है। इसके अलावा 6 महीने से अधिक के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए 12,000 रुपये का रोजगार देने की जरूरत पड़ती है।

डीडीयू-जीकेवाई का मूल उद्देश्य कौशल प्राप्‍त करने के बाद ग्रामीण युवाओं को स्थायी रूप से लाभकारी रोजगार प्रदान करना है, इसलिए वर्ष 2020 में अंत्योदय दिवस के अवसर पर कैप्टिव रोजगार की अवधारणा की परिकल्पना की गई और इसका शुभारंभ किया गया।

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बीआरओ ने 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में लेह-मनाली का रणनीतिक राजमार्ग खोला

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेह-मनाली राजमार्ग (एनएच 3) को 25 मार्च, 20023 को 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। पिछले साल बीआरओ को इस राजमार्ग को यातायात के लिए खोलने में 144 दिन लगे थे। ये मनाली के रास्ते लद्दाख को बाकी भारत से जोड़ने वाला 427 किलोमीटर लंबा एक रणनीतिक राजमार्ग है। इसका लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उनकी आपूर्ति की आवाजाही में खासा रणनीतिक महत्व है। साथ ही ये लद्दाख के लोगों को भारत से जोड़ता है। ये राजमार्ग 422 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग (एनएच-1डी) का एक वैकल्पिक रास्ता है, जिसे 16 मार्च 2023 को सीमा सड़क संगठन द्वारा खोला गया था। बीआरओ ने निम्मू-पदम-दारच में 16,580 फीट पर स्थित शिंकुला दर्रे को भी 23 मार्च 2023 को 55 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है।

लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दियां आने के साथ ही नवंबर के आखिर से बंद हो जाता है और मार्च में जाकर खुलता है। लद्दाख में बीआरओ फ्रंटलाइन प्रोजेक्ट हिमांक और हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक द्वारा पूरी 427 किलोमीटर सड़क की बर्फ को साफ कर दिया गया है। ये चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन कुशल जनशक्ति और अत्याधुनिक मशीनों से लैस दो अलग अलग टीमों द्वारा सड़क के दो छोर से शुरू किए गए। हिमाचल प्रदेश के सरचू में दो बर्फ हटाने वाली टीमों के एक समान बिंदु पर पहुंचने के साथ ही वहां एक ‘गोल्डन हैंडशेक’ समारोह आयोजित किया गया ताकि राजमार्ग को खुला घोषित किया जा सके।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने आज कर्नाटक के रायचूर में 4500 करोड़ रूपए के कुल 236 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज कर्नाटक के रायचूर में 4500 करोड़ रूपए के कुल 236 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनमें जल जीवन मिशन के तहत 1400 गांवों और 7 शहरों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, पीडब्ल्यूडी के 105 कार्य और कर्नाटक सड़क विकास ऐजेंसी के 19 कार्य शामिल हैं।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उनकी सरकार ही कर्नाटक का भला कर सकती है। उन्होने कहा कि कर्नाटक में अनेक विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऊपरी भद्रा योजना के लिए 5300 करोड़ रूपए और ऊपरी कृष्णा योजना के लिए 5000 करोड़ रूपए प्रदान किए, साथ ही महादायी मुद्दे का समाधान किया। इसके अलावा रायचूर ज़िले में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे का निर्माण शुरू हो गया है। झींगे के निर्यात शुल्क में कमी करके प्रधानमंत्री मोदी जी ने झींगापालन से जुड़े किसानों को भी फायदा पहुंचाया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत 11वीं से विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया में सबसे ज़्यादा मोबाइल बनाने वाले देशों में भारत दूसरे, स्टार्ट-अप में तीसरे और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में चौथे स्थान पर है। इन सभी उपलब्धियों के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के शासन में सीमापार से आतंकी भारत में घुसकर हमला करते थे और सरकार कुछ नहीं बोलती थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने उड़ी और पुलवामा हमलों का बदला सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के ज़रिए आतंकियों का सफाया करके लिया। श्री शाह ने कहा कि सिर्फ मोदी जी ही भारत को समृद्ध और सुरक्षित बना सकते हैं।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश के करोड़ों लोगों के कल्याण के लिए अनेक काम किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 13 करोड़ गैस सिलिंडर दिए, 10 करोड़ शौचालय बनाए, हर घर बिजली पहुंचाई और प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के माध्यम से हर गरीब को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया। मोदी जी ने 130 करोड़ लोगों को कोरोना से सुरक्षित बनाकर भारत को सुरक्षित बनाने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी देश के करोड़ों गरीबों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज मुफ्त दे रहे हैं।

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केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने इंडिगो की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने आज इंडिगो एयरलाइन की दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली की प्रथम उड़ान को झंडी दिखाई।

इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में इंडिगो की कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि इस पहाड़ी राज्य में उड़ान भरे बिना इंडिगो सही अर्थों में राष्ट्रीय एयरलाइन नहीं बन सकती थी। श्री ठाकुर ने एक बड़े हवाई अड्डे की आवश्‍यकता रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर से हिमाचल आने वाले यात्रियों को दिल्ली जाना पड़ता है और फिर वहां से संबंधित राज्य के लिए कनेक्टिंग उड़ान पकड़नी पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि एक बड़ा हवाई अड्डा यात्रियों को सीधी निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा।

श्री ठाकुर ने देश में हवाई अड्डों से संबंधित अवसंरचना के त्‍वरित विस्तार का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 140 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के कारण हवाई चप्पल पहनने वाले लोग अब हवाई जहाज में यात्रा कर पा रहे हैं।

इस हवाई अड्डे द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए, श्री ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा कनेक्टिविटी को सरल बनाते हुए पांच जिलों को जोड़ता है और इससे राज्य की आधी प्रत्‍यक्ष रूप से लाभान्वित होती है। इंडिगो की यह उड़ान इस राज्य के आधे हिस्से और पंजाब के कुछ स्थानों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मशाला हवाई अड्डा से पहली उड़ान 1990 में शुरू हुई थी, जिसके बाद इसके प्रचालनों का विस्तार हुआ और अब इसके पास 1376 मीटर लम्बा रनवे है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्‍थान की सुविधा उपलब्ध होने पर इस रनवे की लंबाई को और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा की उपस्थिति के कारण इस हवाई अड्डे पर बहुत अधिक यातायात देखा जाता है और यह हवाई अड्डा पूरे उत्तर-पश्चिमी हिमाचल प्रदेश को हवाई संपर्क प्रदान करता है। इंडिगो की यह उड़ान और अधिक संख्या में पर्यटकों को हिमाचल लेकर आएगी जिससे राज्य के लोगों को बहुत लाभ होगा।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में पिछले 65 वर्षों में जितनी सुविधा अर्जित नहीं हुई थी, उतनी सुविधा पिछले नौ वर्षों के दौरान 148 हवाई अड्डों, वाटरड्रोम एवं हेलीपोर्ट के निर्माण के जरिए अर्जित की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय अगले तीन से चार वर्षों के भीतर इस संख्या को बढ़ाकर 200 से अधिक करने के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की दिशा में काम कर रहा है। यह प्रयास बड़े मेट्रो हवाई अड्डों के साथ-साथ देश के अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुलभ करते हुए दूरदराज के हवाई अड्डों को समान महत्व प्रदान करेगा।

श्री सिंधिया ने राज्य में खेल अवसंरचना के निर्माण के लिए श्री अनुराग ठाकुर के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके अथक प्रयासों के कारण ही धर्मशाला आज न केवल क्षेत्रीय या राष्ट्रीय क्रिकेट, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का केंद्र बन गया है। उन्होंने धर्मशाला के शानदार स्टेडियम की तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियम से की। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से राज्य की आर्थिक कार्यकलापों में तेजी आयी है और इसका श्रेय भी श्री अनुराग ठाकुर को जाता है।

श्री सिंधिया ने श्री अनुराग ठाकुर द्वारा धर्मशाला हवाई अड्डे के विस्तार के आग्रह को स्वीकार किया और कहा कि इसके लिए उनका मंत्रालय पहले से ही दो चरण की योजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में वर्तमान रनवे को 1900 मीटर तक बढ़ाना शामिल है ताकि टर्बोप्रॉप विमान जो अभी लोड पेनल्टी के साथ उतरते हैं, उन्हें बिना लोड पेनल्टी के उतरने के लिए सक्षम बनाया जा सके। दूसरे चरण में रनवे को बढ़ाकर 3110 मीटर तक करना शामिल होगा, ताकि हवाईअड्डे पर बोइंग 737 और एयरबस ए320 को उतारने के विजन को साकार किया जा सके।

राज्य में अपने मंत्रालय की अन्य उपलब्धियों के बारे में श्री सिंधिया ने कहा कि शिमला हवाई अड्डे पर रनवे की मरम्मत का काम पूरा हो गया है और मंडी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए स्थल-स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्‍होंने दोहराया कि उनका मंत्रालय राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री सिंधिया ने कहा, ‘‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र का पूर्ण लोकतंत्रीकरण हुआ है और जो लोग हवाई जहाजों को केवल उड़ते हुए देख सकते थे, वे आज इनमें उड़ रहे हैं।’’ उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उड़ान योजना के विजन के फलस्वरूप भारत के हवाई यात्रियों की संख्या में 1 करोड़ 15 लाख लोग जुड़ गए हैं।

उड़ान के तहत हिमाचल राज्य को 44 रूट उपलब्‍ध कराए गए हैं, जिनमें से 22 पहले से ही प्रचालन में हैं। राज्य में मंत्रालय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि कनेक्टिविटी 2013-14 के प्रति सप्ताह 40 एयरक्राफ्ट से बढ़कर 110 एयरक्राफ्ट हो गई है और इस प्रकार 9 वर्षों में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से धर्मशाला में, पिछले नौ वर्षों में हवाई यातायात की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 के प्रति सप्ताह 28 से बढ़कर आज 50 मूवमेंट तक पहुंच गई है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से संसद सदस्य श्री किशन कपूर ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए हवाई संपर्क में विमान एक प्रमुख योगदान है। राज्य में कोविड 19 महामारी के दौरान पर्यटक कार्यकलापों में भारी गिरावट आयी थी और अब इसमें फिर से तेजी देखी जा रही है। श्री कपूर ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से धर्मशाला के लिए उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या को बढ़ाने पर विचार करने का अनुरोध किया।

इंडिगो एयरलाइन दिल्ली से धर्मशाला के लिए प्रतिदिन उड़ानें प्रचालित करेगी। इस नए उड़ान सेक्‍टर से इंडिगो की दैनिक उड़ानों की संख्या बढ़कर 1795 हो गई है और प्रस्थान के मामले में यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई है।

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समाचार कानपुर से

 

उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे हवा हवाई साबित

खाना बनाते समय आग की चपेट में आकर गम्भीर रूप से झुलसी महिला बनी फुटबॉल

डॉक्टरों की मानवीय संवेदनाये हुई शून्य,मर रहे मरीज को देख कर भी नही पसीजा दिल

CHC चौबेपुर मिला खाली,रात में परिजन लेकर पहुँचे कल्यानपुर के निजी हास्पिटल

निजी हास्पिटल ने नाजुक हालत और ज्यादा बर्न के चलते दी हैलट ले जाने की सलाह

हैलट अस्पताल ने बर्न यूनिट न होने का हवाला देकर झाड़ा पल्ला,भेजा उर्सला

उर्सला में डॉक्टरों ने CHC चौबेपुर का रेफर लेटर न होने की बात कह भर्ती करने से किया इन्कार,बेवकूफ बनाकर भेजा लखनऊ

रात भर परिजनों ने लगाए लखनऊ के कई हास्पिटल के चक्कर,नही किया गया भर्ती

बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का ढोल पीटने वालो को कोसते हुए परिजन मरीज के साथ आ रहे कानपुर वापसी

जिले की बदहाल और टरकाऊ स्वास्थ्य व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण

चौबेपुर के नया गांव में खाना बनाते समय गम्भीर रूप से झुलसी थी महिला

टरकाऊ और माल खाऊ डॉक्टरों के जिम्मे है स्वास्थ्य व्यवस्था

CMO ड़ॉ आलोक रंजन का नही उठ रहे फोन

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खनन माफिया बेखौफ, अफसर बेखबर

बाबा टेडर्स महोली करवा रहा है बालू मिट्टी का अवैध खनन

नर्वल तहसील क्षेत्र के डोमंनपुर गाँव में दिन दहाड़े खनन माफ़ियाँओ के हौसले बुलंद

जिले में गंगा से बालू मिट्टी का खनन धड़ल्ले से हो रहा है।

जाहिर है कि यह वैध नहीं है, बावजूद जिम्मेदार बेखबर हैं और खनन माफिया बेखौफ।

दिन में खुलेआम बालू का खनन हो रहा है।

इससे सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है फिर भी अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।
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_रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित हुई रैतिक परेड_*

*_कानपुर: पुलिस आयुक्त ने परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि रहे मौजूद_*

*_पुलिस लाइन में संबोधित करते हुए बोले पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट बना तो अपराध का ग्राफ आया नीचे_*

*_एसीपी कैंट शिवा सिंह ने किया परेड का नेतृत्व, कमिश्नरेट की वर्षगांठ पर क्राइम ब्रांच की जैकेट की गई लांच_

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बड़ी खबर

अतीक अहमद को लेने साबरमती जेल पहुची यूपी पुलिस…

यूपी पुलिस का एक दस्ता साबरमती जेल में मौजूद.

उमेश पाल हत्या कांड के बाद अतीक को यूपी लाने पहुची पुलिस.

जेल मैनुवल की कार्यवाई के बाद अतीक को जेल से यूपी पुलिस के साथ भेजा जाएगा.

इससे पूर्व अतीक ने यूपी जेल में ट्रांसफर न करने की कही थी बात.

अब यूपी पुलिस के साथ अतीक को यूपी लाने की कवायद तेज.

कुछ देर बाद गुजरात के साबरमती जेल से अतीक को लेकर यूपी पुलिस निकलेगी.

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रात्रि गश्त की खुली पोल चोरों ने दी पुलिस को खुली चुनौती

थाने के सामने परचून की दुकान में सेंधमारी कर उड़ाए हज़ारों रुपए

थाना कल्यानपुर के इन्द्रानगर सब्जी मंडी की घटना

दुकानदार को सुबह दुकान खोलने पर हुई जानकारी

सूचना पर पहुँची पुलिस जाँच में जुटी

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नितिन गडकरी ने रांची, झारखंड में 9400 करोड़ रुपये की 21 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में 9400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 532 किलोमीटर की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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श्री गडकरी ने कहा कि 7000 करोड़ रुपये की लागत से रांची से वाराणसी तक 260 किलोमीटर के 4 लेन वाले इंटर कॉरिडोर के निर्माण से 5 घंटे में रांची से वाराणसी पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 635 किलोमीटर का 4 लेन वाला रायपुर-धनबाद आर्थिक कॉरिडोर कोयला, स्टील, सीमेंट और अन्य खनिजों के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा।

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