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प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी

प्रधानमंत्री  मोदी ने सूर्यवंशी भगवान श्री राम की प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सूर्य की ऊर्जा का उपयोग छत वाले प्रत्येक घर द्वारा अपने बिजली के बिल को कम करने और उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों के लिए वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापना के माध्यम से बिजली उपलब्ध करना है, साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त आय का अवसर उपलब्ध करना है।

प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आवासीय क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी संख्या में रूफटॉप सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाना चाहिए। इस योजना अंतर्गत देश के 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आज अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा संकल्प और भी दृढ हुआ है कि भारत के लोगों के घर की छत पर उनका स्वयं का सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।

अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय यह लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों की छत पर रूफटॉप सोलर प्रणाली लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” का शुभारंभ करेगी।

इससे न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग के बिजली के बिल में कमी आएगी, बल्कि इससे भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया:

“सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।

अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करेगी।

इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

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भारत-किर्गिस्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश में प्रारंभ

भारत-किर्गिस्तान का 11वां संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश के बकलोह स्थित विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल में प्रारंभ हो गया है। यह अभ्यास 22 जनवरी से 3 फरवरी 2024 तक चलेगा। यह अभ्यास दोनों देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।

20 कर्मियों वाले भारतीय सेना के दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और किर्गिस्तान दल में 20 कर्मियों का प्रतिनिधित्व स्कॉर्पियन ब्रिगेड द्वारा किया जाता है।

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-VII के अंतर्गत निर्मित क्षेत्र तथा पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी और विशेष बलों के संचालन में अनुभवों एवं श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करना है। यह अभ्यास विशेष बल कौशल, प्रवेशन और निष्कर्षण की उन्नत तकनीकों को विकसित करने पर बल देगा।

यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद तथा चरमपंथ की साझी समस्याओं का समाधान करते हुए दोनों पक्षों को रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करेगा। इस अभ्यास से साझे सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के अतिरिक्त अत्याधुनिक स्वदेशी रक्षा उपकरणों की क्षमताओं को दिखाने का अवसर भी मिलेगा।

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भारतीय मजदूर संघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर NPS के विरोध में तथा आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग हेतु कर्मचारी आंदोलित

कानपुर 19 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारतीय मजदूर संघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर दिनांक 17/01/2024 से दिनांक 19/01/2024 तक केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधीनस्थ विभागों के कर्मचारियों ने NPS के विरोध में तथा आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग हेतु आंदोलन किया। जिसके अंतर्गत दो सूत्रीय मांग पर आयुध पैराशूट फैक्ट्री कानपुर के द्वार पर दिनांक 19/01/2024 को प्रातः 8 बजे से सायं 4.30 बजे तक धरना कार्यक्रम किया गया तथा संस्थान प्रमुख के द्वारा वित्त मंत्री महोदया को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से महोदया से मांग की।
ज्ञापन में मुख्य रूप से दो मांगों को लेकर किया गया ।
1) NPS को रद्द कर OPS को बहाल करो- क्योंकि वर्ष 1 जनवरी 2004 के बाद जो केंद्र सरकार के कर्मचारी नियुक्त किए है उनको एनपीएस के दायरे में रखा गया है। जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं अर्थात किसी कर्मचारी को 1200 रुपए पेंशन प्राप्त हो रही गई तो किसी को 2800 रुपए प्राप्त हो रही है। यहां तक कि मिनिमम पेंशन की भी निश्चितता नही है।
2) 8वें वेतन आयोग के गठन करो- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर 01 जनवरी 2016 को नए वेतनमान कर्मचारियों के ऊपर लागू हुए थे, इनको 10 वर्ष, 31 दिसम्बर 2025 को पूरे हो जायेगे और 01 जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग अर्थात आठवें वेतन आयोग के वेतनमान के लिए कर्मचारी अधिकृत हो जाएंगे।
8वें वेतन आयोग से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी होगी जिससे सरकारी कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा कर्मचारियों द्वारा बेहतर जीवन शैली वहन की जा सकेगी। सेवानिवृत्त कर्मचारी महंगाई से आसानी से निपट सकेंगे। इससे न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों बल्कि सैन्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को भी फायदा होगा। आठवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन से कर्मचारियों के विभिन्न समूहों के वेतन के बीच असमानता खत्म हो जाएगी और उन्हें मुद्रास्फीति से निपटने में भी मदद मिलेगी।
उक्त धरने में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष श्री सुधीर कुमार त्रिपाठी, महामंत्री श्री वेद प्रकाश शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार, उपाध्यक्ष श्री अजय कुमार जायसवाल, श्री अमरबाबू तिवारी, श्री प्रवीण कुमार यादव, मंत्री के रूप में श्री संजीव कश्यप, श्री अवधेश शुक्ला, श्री अखिलेश प्रताप सिंह, श्री जय कुमार, श्री राज कुमार विश्वकर्मा, श्री जितेन्द्र कुमार चोपड़ा, श्री रवि शंकर, श्री सचिन वर्मा, श्री सुधीर संख्वार, श्री राम नारायण, श्री संजीत सिंह, श्री दीपक यादव, श्री अमित शुक्ला, श्री वीरेन्द्र यादव सहित अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी कानपुर दक्षिण द्वारा स्वच्छता अभियान कार्यक्रम संपन्न

कानपुर 17 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन पर श्याम नगर में विभिन्न मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। मुक्तेश्वर मंदिर ,विंध्यवासिनी मंदिर,गौ माता मंदिर,हरिहर धाम,काली मठिया,गिरजेश्वर मंदिर, रामजनकी मंदिर,शिवशक्ति दुर्गा मंदिर, नारायण धाम मंदिर एलआईसी पार्क, सिद्धेश्वर मंदिर,हनुमान मंदिर सी ब्लॉक,शनिदेव मंदिर रक्षा विहार बंद गेट,हनुमान मंदिर मंगला विहार ,हनुमान मंदिर पीएसी मोड़ इत्यादि मंदिरों में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसी कड़ी में बाबा मुक्तेश्वर धाम मंदिर ई ब्लॉक श्याम नगर में सांसद सत्यदेव पचौरी के नेतृत्व में बद्री चरण शुक्ला के संयोजन में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया एवम रंग रोगन भी किया गया। सांसद द्वारा स्वयं झाड़ू , पोछा लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया गया और कहा कि ये सिलसिला रूकना नहीं चाहिए।

आने वाली 22 तारीख इतिहास के पन्नो में दर्ज हो रही है 500 साल बाद हमारे राम लला अयोध्या में गर्भ गृह में विराजमान हो रहे है ।ये बड़े सौभाग्य कि बात है कि हम सभी उसके साक्षी बनने जा रहे है। सांसद ने क्षेत्रीय पार्षदों को साफ सफाई के लिए नगर निगम की स्वच्छता टीम लगा कर और अभियान को गति देने के आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला मंत्री स्वच्छता अभियान के जिला संयोजक अर्जुन बेरिया,बद्री चरण शुक्ला,पार्षद नीलम उमेश शुक्ला,निर्देश चौहान,पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष रमा कांत शर्मा,जिला महामंत्री राम बहादुर यादव, बंधु बाजपेई,एलबी सिंह पटेल ,आशीष साहू,प्रेमनाथ विश्नोई,संजय शर्मा, अश्वनी साहू,राघवेंद्र दीक्षित,चंदन सिंह,दिनेश मिश्र,गोपी पांडे,लल्लन दुबे,विपिन राजपूत,ममता राजपूत,आशा पांडे,प्रेमलता तिवारी,सोनी मौर्या,संजीव त्रिपाठी,मलखान सिंह,सागर कुमार ,सर्वेश सिसोदिया,गोविंद मिश्र,राकेश कुलश्रेष्ठ,शशांक मिश्र,नीरज रावत,इत्यादि रहे ।

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भारत और यूएई द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और यूएई अपने द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं। आज गुजरात के गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण में आयोजित ‘यूएई भारत व्यापार शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने भारत-यूएई साझेदारी की बहुमुखी प्रकृति को रेखांकित किया, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण, सुरक्षा, शिक्षा और जलवायु के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों देश अपनी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए उद्योग और व्यापार क्षेत्र से नए प्रस्तावों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है। उन्होंने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे और रुपे को बढ़ावा देने तथा रुपये और दिरहम के बीच सीधे व्यापार को सुविधाजनक बनाने की पहल जैसे प्रमुख सहयोगों पर भी प्रकाश डाला।

द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की संभावना से खुशी प्रकट करते हुए, मंत्री ने यूएई भारत व्यापार शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह यूएई-भारत साझेदारी द्वारा प्रदान की जाने वाली क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के असाधारण नेतृत्व की प्रशंसा की।

केंद्रीय मंत्री ने नई साझेदारियां तलाशने, अवसरों की पहचान करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की असीमित संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने 21वीं सदी के निर्णायक गठजोड़ के रूप में भारत-यूएई साझेदारी की कल्पना की, जो साझा इतिहास और आपसी प्रगति की आकांक्षाओं में निहित है।

श्री गोयल ने भारत और यूएई के बीच स्थायी मित्रता को बढ़ावा देने में अमूल्य योगदान के लिए संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी; और डीपी वर्ल्ड ग्रुप के चेयरमैन एवं सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम के प्रति आभार व्यक्त किया।

श्री गोयल ने विभिन्न क्षेत्रों में यूएई-भारत व्यापार संबंधों को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और विशेष रूप से सुल्तान अहमद बिन सुलेयम के मार्गदर्शन में जेबेल अली फ्री जोन में भारत पार्क स्थापित करने की योजना का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से दोनों देशों के बीच और उससे आगे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के तमाम अवसर खुलेंगे, जिससे भारत की वैश्विक दृश्यता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

केंद्रीय मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष यूसुफ अली अब्दुलकादर के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। इस क्रम में कश्मीर में एक शॉपिंग मॉल की स्थापना जैसे भारत की विकास कहानी में किए जा रहे महत्वपूर्ण निवेशों का उल्लेख किया गया।

राष्ट्रों के बीच बढ़ते रक्षा, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, श्री गोयल ने परस्पर विकास और समृद्धि के लिए अनुकूल कारकों के रूप में संयुक्त अरब अमीरात की राजनीतिक स्थिरता, व्यापार-अनुकूल नीतियों और ढांचागत प्रगति की सराहना की।

श्री पीयूष गोयल ने फरवरी में अबू धाबी में आयोजित होने वाले डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 13 की अध्यक्षता करने के लिए डॉ. थानी के नेतृत्व की सराहना की और इसकी सफलता सुनिश्चित करने में भारत की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

भारत के जनसांख्यिकीय लाभ और इसकी युवा, आकांक्षी आबादी का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने निवेशकों को भारत की विकास की कहानी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिससे देश को पर्याप्त लाभ होने और अपने 1.4 अरब लोगों के सपनों और आकांक्षाओं में योगदान करने की क्षमता पर जोर दिया गया।

मजबूत आशावाद और भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण के साथ अपनी बात को समाप्त करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने एक स्थायी साझेदारी बनाने के लिए भारत और यूएई की प्रतिबद्धता दोहराई जिसका दोनों देशों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

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नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अयोध्या से अहमदाबाद के लिए उड़ान को हरी झंडी दिखाई

नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने आज नई दिल्ली से अयोध्या और अहमदाबाद के बीच सीधी उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस उद्घाटन के साथ ही अयोध्या को अहमदाबाद से सप्ताह में तीन सीधी उड़ानें मिलेंगी।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, अयोध्या के सांसद श्री लल्लू सिंह और अहमदाबाद से संसद सदस्य डॉ. किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी उपस्थित थे।

विमान सेवा इंडिगो इस मार्ग पर परिचालन करेगी और निम्नलिखित समय-सारणी  के अनुसार 11 जनवरी 2024 से अहमदाबाद – अयोध्या – अहमदाबाद (सप्ताह में तीन बार) के बीच उड़ान शुरू होगी:

फ्लाइट नं. से तक फ्रिक्वेंस प्रस्थान समय आगमन समय विमान से प्रभावी
6ई-6375 अहमदाबाद अयोध्या .2.4.6. 09:10 11:00 बजे एयरबस 11 जनवरी, 2024
6ई-112 अयोध्या अहमदाबाद .2.4.6. 11:30 13:40

नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अयोध्या से अहमदाबाद के लिए सीधी उड़ान से दोनों शहरों के बीच हवाई कनेक्टिविटी को और बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों शहर सही अर्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर अहमदाबाद भारत की आर्थिक शक्ति का प्रतीक है तो दूसरी ओर अयोध्या भारत की आध्यात्मिक और सभ्यतागत शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों शहरों के बीच हवाई संपर्क से आर्थिक विकास होगा, यात्रा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने 20 महीने के रिकॉर्ड समय में अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि आवंटित करने में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया।

मंत्री महोदय ने यह भी दोहराया कि हवाईअड्डा प्रधानमंत्री के इस विचार को पूरा कर रहा है कि हवाईअड्डे केवल ‘हवाईअड्डे’ नहीं हैं बल्कि किसी क्षेत्र के लोकाचार, संस्कृति और इतिहास के प्रवेश द्वार भी हैं। महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की बाहरी संरचना राम मंदिर से प्रेरित है, और टर्मिनल भवन सुंदर चित्रों और कलाकृतियों के माध्यम से भगवान राम की जीवन यात्रा को दर्शाता है।

मंत्री महोदय ने उत्तर प्रदेश में पिछले 9 वर्षों में विमानन क्षेत्र की वृद्धि के बारे में कहा कि 2014 में उत्तर प्रदेश में केवल 6 हवाई अड्डे थे और अब राज्य में 10 हवाई अड्डे हैं, जिनमें अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में अगले महीने तक 5 और हवाई अड्डे होंगे, जिनमें आज़मगढ़, अलीगढ़, मोरादाबाद, श्रावस्ती और चित्रकूट में एक-एक हवाई अड्डा होगा। इसके अलावा 2024 के अंत तक जेवर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी तैयार हो जाएगा। कुल मिलाकर भविष्य में यूपी में 19 हवाई अड्डे होंगे।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि वर्तमान में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 6500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है, जिसमें व्यस्त समय में 600 हवाई यात्रियों को संभालने की क्षमता है, जिसे अगले चरण में 50,000 वर्ग मीटर तक विस्तारित किया जाएगा और क्षमता को 3000 यात्रियों तक बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार 2200 मीटर लंबे रनवे को बढ़ाकर 3700 मीटर तक किया जाएगा ताकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बड़े विमान भी अयोध्या से ही चल सकें।

मंत्री महोदय ने विमानन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के काम की भी सराहना की क्योंकि पिछले 9 वर्षों में हवाई कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ी है। राज्य 2014 में केवल 18 शहरों से जुड़ा था और अब 41 शहरों से जुड़ा है। इसी प्रकार राज्य में 2014 में साप्ताहिक रूप से केवल 700 उड़ानों की आवाजाही होती थी, जो अब बढ़कर प्रति सप्ताह 1654 उड़ानों की आवाजाही हो गई है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मिकी अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या से इस नई हवाई कनेक्टिविटी से पर्यटन, व्यापार और निवेश के और रास्ते खुलेंगे।

कार्यक्रम में नागर विमानन सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम, संयुक्त सचिव श्री असुंगबा चुबा आओ, इंडिगो के विशेष निदेशक श्री आरके सिंह भी उपस्थित थे।

 

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10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा- गिफ्ट सिटी 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने के विजन का प्रवेश द्वार होगा

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा है कि गिफ्ट सिटी आदर्श रूप से वित्तीय और निवेश केंद्र के लिए प्रवेश द्वार बनने के लिए तैयार है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विजन को पूरा करने में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

श्रीमती निर्मला सीतारमण आज गांधीनगर में 10 वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के भाग के रूप में ‘गिफ्ट सिटी-एन एस्पिरेशन ऑफ मॉडर्न इंडिया’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गिफ्ट सिटी के विचार की परिकल्‍पना 2007 में की थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अब यह एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केन्द्र बन गया है।

श्रीमती सीतारमण ने हरित प्रौद्योगिकी के संदर्भ में प्रधानमंत्री के विजन की चर्चा करते हुए कहा कि गिफ्ट सिटी को ग्रीन क्रेडिट के लिए एक मंच के रूप में देखना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 30 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य को पाने के लिए विविध फिनटेक प्रयोगशालाएं बनाने  का भी लक्ष्य होना चाहिए।

श्रीमती सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में बढ़ते परिचालन के बारे में कहा कि गिफ्ट सिटी में अब अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज सहित 3 एक्सचेंज, 9 विदेशी बैंकों सहित 25 बैंक, 26 विमान लीज कंपनियां, 80 फंड मैनेजर, 50 पेशेवर सेवा प्रदाता तथा 40 फिनटेक संस्थाएं हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को शिपिंग के लिए मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनने का लक्ष्य रखना चाहिए और आईएफएससी में 8 शिप लीजिंग इकाइयां काम कर रही हैं जो वैश्विक वित्त तक पहुंच को सक्षम बनाएंगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत में शेयर बाजारों में खुदरा भागीदारी सरकार द्वारा शुरू किए गए वित्तीय क्षेत्र के सुधारों की एक और विशिष्ट विशेषता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने गिफ्ट सिटी को प्रौद्योगिकी और वित्तीय विश्व का विलयन बताते हुए कहा कि वित्तीय सेवाओं में प्रौद्योगिकी के लाभों को शामिल करने की आवश्यकता है और गिफ्ट सिटी को वैश्विक वित्त तक पहुंचने में भारत के उद्यमियों को लाभ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अधिकतर वैश्विक वित्तीय केंद्र पहले केवल पूंजी देखते थे, लेकिन गिफ्ट सिटी को प्रौद्योगिकी के साथ वित्तीय सेवाओं से मेल करने का गौरव प्राप्त है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब विश्व के विकास इंजन को चला रहा है और यह विकसित पश्चिमी दुनिया और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु बन सकता है और जैसा कि भारत वैश्विक मंच पर वित्तीय प्रमुखता के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, भारत के लोग इनोवेटर्स और उद्यमी बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी इन आकांक्षाओं को साकार करने में मदद कर सकता है।

सेमिनार के उद्घाटन सत्र में गुजरात सरकार के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई, गिफ्ट सिटी के अध्यक्ष श्री हसमुख अधिया, आईएफएससीए के अध्यक्ष श्री के राजारमण और गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री तपन रे ने भाग लिया।

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श्री श्याम सिंह चौहान सेवा संस्थान द्वारा जरूरतमंदो को कम्बल वितरण

कानपुर 11 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता। वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय श्याम सिंह चौहान की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर श्री श्याम सिंह चौहान सेवा संस्थान द्वारा आज ग्राम कठारा में ग्राम पंचायत भवन परिसर में जरूरतमंदों को हाड़ कपाऊ जाड़े से बचाव हेतु कम्बल वितरण किया गया।

संस्था के सचिव अधिवक्ता अमित सिंह चौहान ने बताया कि आज वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय श्याम सिंह चौहान की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर क्षेत्र के जरूरतमंदों को कम्बल वितरण किया गया। यह भी बताया कि विगत तीन वर्षों से संस्था द्वारा जरूरतमंदों को कम्बल वितरण करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार लगभग दो सैकड़ा से अधिक लोगों को कम्बल दिया गया।
संस्था की अध्यक्ष किरन सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा समाज में जरूरतमंदों की सेवा करना ही संस्था का प्रमुख कर्तव्य है। समय – समय पर संस्था द्वारा समाज में असहाय, गरीब लोगों की मदद की जाती है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप में भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य श्याम सिंह पंवार, अधिवक्ता अमित सिंह चौहान (सचिव), अखिलेश सिंह (पत्रकार), पवन सिंह भदौरिया, राज बहादुर सिंह, अरविंद (प्रधान), शिव बरन सिंह चौहान, अधिवक्ता आनंद ओझा, बबलू द्विवेदी, अरविन्द मिश्रा, प्रमोद सिंह, बालेन्द्र सिंह, आयुष द्रिवेदी व अन्य सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने पंजाब में 4,000 करोड़ रुपये की 29 राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने पंजाब को राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से विकास के पथ पर ले जाते हुए, आज पंजाब के होशियारपुर में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 29 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, पंजाब भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सहित सांसद, विधायक और अधिकारी भी उपस्थित थे।

आज लोकार्पण और शिलान्यास की गई परियोजनाओं के कार्यान्वयन से बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे कार्यान्वयन क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास होगा और निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। यातायात की निर्बाध और मुक्त आवाजाही होगी जिससे माल परिवहन की दक्षता में भी सुधार होगा।

फगवाड़ा और होशियारपुर बाईपास सहित इस खंड के 4-लेन के निर्माण से फगवाड़ा और होशियारपुर के बीच 100 किलोमीटर प्रति घंटे की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रा का समय 1 घंटे से घटकर 30 मिनट हो जाएगा। फगवाड़ा और होशियारपुर बाईपास शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करेगा और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (जीटी रोड) के माध्यम से होशियारपुर को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। लुधियाना में जीटी रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग 5 को जोड़ने वाले 4-लेन वाले लाडोवाल बाईपास के निर्माण से लुधियाना-फिरोजपुर राजमार्ग को दिल्ली-जालंधर राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 44) से सीधी कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

तलवंडी भाई से फिरोजपुर खंड और फिरोजपुर बाईपास के 4-लेन के निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इन परियोजनाओं के निर्माण से देश के राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ेगी और आवाजाही तेज होगी। परियोजना क्षेत्रों में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थलों और अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी में सीधी वृद्धि होगी।

आज आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से श्री नितिन गडकरी ने सड़क कनेक्टिविटी के संदर्भ में अन्य नई परियोजनाओं की भी घोषणा की। इस घोषणा में 1600 करोड़ रुपये की लागत से जालंधर से पठानकोट मार्ग पर मुकेरियां, दसुइया और भोगपुर में 45 किलोमीटर के 4-लेन बाईपास और 800 करोड़ रुपये की लागत से टांडा से होशियारपुर तक 30 किलोमीटर के 4-लेन बाईपास का निर्माण शामिल है।

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राजस्थान के पत्रकारों की एक टीम की असम की छह दिन की यात्रा आज से शुरू

पत्र सूचना कार्यालय की पहल पर राजस्थान के सात पत्रकार असम की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का उद्देश्य असम में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में किए गए अहम उपायों के साथ वहां के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का प्रदर्शन करना है।

पत्रकारों की इस टीम ने आज असम में जोरहाट जिले के आईएसबीटी ताराजान में विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) शहरी शिविर का दौरा किया। इस मौके पर पत्रकारों की इस टीम के अलावा श्री ध्रुबज्योति नाथ, एसडीओ और कार्यकारी अधिकारी, जोरहाट और श्री बिक्रम नेवार, सहायक आयुक्त के साथ ही जोरहाट नगर निगम बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

पत्रकारों की टीम ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की और जोरहाट जिले में वीबीएसवाई के प्रभाव को परखा।

असम सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री तन्मय आचार्य ने एक पहल “संचय लक्ष्मी” साझा की, जिसमें बचत की आदत विकसित करने और वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए बालिकाओं को गुल्लक दिए जाते हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जिला हब (डीएचईडब्ल्यू), जोरहाट ने सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के फॉर्म और ब्रोशर के साथ-साथ बालिकाओं के माता –पिता को ताला-चाबी की सुविधा के साथ गुल्लक वितरित किए। सुकन्या समृद्धि योजना खास तौर पर बालिकाओं के लिए छोटी बचत आधारित सरकार की योजना है और इसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।

इन पत्रकारों ने भी महिलाओं को मिले गुल्लक में कुछ पैसे का योगदान किया। महिला लाभार्थियों ने भी अपनी कहानियों और सरकार की कई योजनाओं के लाभों को साझा किया। इसके बाद पत्रकारों की टीम ने जोरहाट में स्वारगादेओ चोलुंग सुई-का-फा समन्वय क्षेत्र का दौरा किया। यह जिले में सांस्कृतिक-सह-शैक्षिक केंद्र है। इस टीम ने संग्रहालय का दौरा किया और अहोम साम्राज्य की संस्कृति और इतिहास के बारे में जाना। इस केंद्र में सुई-का-फास्मारक, संग्रहालय, कला एवं शिल्प केंद्र, कारीगर के गांव आदि मौजूद हैं।

यह पत्रकारों के लिए संतोषप्रद दिन रहा क्योंकि उन्हें राज्य में सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक विकास को नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला।

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