Breaking News

राजनीति

राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अलंकरण समारोह के बाद केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ गृह मंत्री द्वारा उनके आवास पर दिए गए रात्रि भोज के दौरान संवाद किया।

पद्म पुरस्कार विजेता कल सुबह (23 अप्रैल, 2024) राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

Read More »

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा स्थिति का जमीनी स्तर पर आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज (22 अप्रैल, 2024) सुरक्षा स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया। श्री सिंह ने विपरीत मौसम और दुर्गम क्षेत्र की परिस्थितियों में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी थीं।

एरियल सर्वेक्षण के पश्चात, रक्षा मंत्री 15,100 फीट की ऊंचाई पर एक अग्रिम चौकी पर उतरे और उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में परिचालन तैयारी और वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर भी विचार-विर्मश किया।

सैनिकों को संबोधित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने विषम परिस्थितियों में वीरता और दृढ़ संकल्प के साथ मातृभूमि की रक्षा के पुण्य पथ पर चलने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्र सशस्त्र बल कर्मियों का सदैव ऋणी रहेगा, क्योंकि उनके बलिदान के वजह से हर नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। “हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, क्योंकि हम आश्वस्त हैं कि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं पर दृढ़ता से खड़े हैं। आने वाले समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तो बर्फीले ठंडे ग्लेशियर में हमारे सैनिकों की वीरता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कामों को गर्व के साथ याद किया जाएगा। यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।”

श्री सिंह ने कहा कि सियाचिन कोई आम जगह नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है, बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी तरह, सियाचिन साहस, दृढ़ निश्चय और संकल्प की राजधानी है।

हाल ही में, देश ने ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की 40वीं वर्षगांठ मनाई। श्री सिंह ने 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन में शुरू किये गये इस ऑपरेशन को देश के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन मेघदूत की कामयाबी हम सभी के लिए गर्व की बात है।”

इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

गौरतलब है कि श्री सिंह ने 24 मार्च, 2024 को लेह का दौरा किया था और सैनिकों के साथ होली मनाई थी। उनका सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। लेह से रक्षा मंत्री ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया कि वह जल्द ही विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। इस तरह आज की यात्रा के साथ, श्री सिंह ने, अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, अपना वादा पूरा किया।

Read More »

कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर के ब्रह्मानंद कॉलेज में आज मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ हुआ , कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की , पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चन्दर ने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक , छात्रों और युवा मतदाताओं को मतदान अवश्य करने की शपथ दिलाई , उन्होंने कहा कि धर्म संप्रदाय जाति और वर्ग से ऊपर उठकर मतदान जरूर करें यह देश का पर्व है , प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई और जेएमडी न्यूज़ के डायरेक्टर संजीत दीक्षित ने भी मतदान को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया , ब्रह्मानंद कॉलेज के प्रचार डॉ विवेक द्विवेदी और अन्य वक्ताओं ने भी लोगों से मतदान जरूर करने की अपील की , कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी ने किया जबकि पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया , इस मौके पर सरस बाजपेई अध्यक्ष , शैलेश अवस्थी , कुशाग्र पांडे , सुनील साहू कोषाध्यक्ष , गौरव सारस्वत वरिष्ठ उपाध्यक्ष , मनोज यादव उपाध्यक्ष , मधुर मोहन दुबे वरिष्ठ मंत्री , शिवराज साहू मंत्री

कार्यकारिणी सदस्य , कौश्तुभ मिश्रा , गंगन पाठक , विवेक पांडे , अंकित शुक्ला , दीपक सिंह , दिवस पांडे , मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला , अमन चतुर्वेदी, मो नौशाद , रोहित निगम मौजूद थे।

Read More »

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने वैश्विक तेल बाजारों के हाल के रुझानों और अस्थिरता के बारे में ओपेक महासचिव से बात की

ओपेक महासचिव हैथम अल-घैस के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने व्यावहारिकता के साथ बाजार स्थिरता, सामर्थ्य को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया। श्री पुरी ने आज यानी 19 अप्रैल, 2024 को ओपेक महासचिव के साथ टेलीफोन पर 30 मिनट तक बातचीत की। चर्चा में अन्य बातों के अलावा, वैश्विक तेल बाजारों में हाल के रुझानों और अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा स्थिरता के लिए उनके निहितार्थों पर चर्चा हुई।

 हरदीप सिंह पुरी ने बातचीत के दौरान कहा, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, भारत वैश्विक ऊर्जा बाजारों में संतुलन हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत और ओपेक के बीच साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है। भारत ओपेक के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने ओपेक देशों से लगभग 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कच्चा तेल, एलपीजी, एलएनजी और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया।

Read More »

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड को सौंपा

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है।

एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्‍याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्‍नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है। ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।

रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ समन्‍वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।

इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्‍यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के अध्‍यक्ष और रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास के सचिव और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के महानिदेशक ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और सभी भागीदार उद्योगों की पूरी टीम को बधाई दी है।

IMG_256

Read More »

चुनावी राजनीति

जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं राजनीतिक दलों की हलचल भी बढ़ती जा रही है। छींटाकशी, आरोप प्रत्यारोप के दौर के साथ-साथ राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। यह बात दीगर है की अपना दमखम दिखाने और दूसरे दल को नीचा दिखाने के लिए भाषाई मर्यादा का महत्व खत्म हो गया है और “येन केन प्रकारेण” की  सुविधा अपना ली गई है।

आज के राजनीतिक दौर की बड़ी बात यह है कि राजनीति के इस दौर में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मुद्दा कोई भी हो उसे किनारे करके धर्म की राजनीति पहले की जा रही है साथ ही पाखंड को बढ़ावा दिया जा रहा है। “भारत माता की जय”, “जय हिंद” से ज्यादा महत्वपूर्ण “जय श्री राम” हो गया है। उन सब में सबसे खास बात यह है कि बाबाओं को भी चुनावी मैदान रास आने लगा है। मोह माया से दूर रहने वाले भौतिक साधनों का त्याग करने वाले बाबाओं को सत्ता की चमक लुभाने लगी है।
धार्मिक राजनीति होने के कारण आज की राजनीति महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक कर हिंदू –  मुसलमान, धर्म, राम के नाम पर ही टिकी हुई है, यदि इन्हें हटा दिया जाए तो शायद मुद्दों की बात की जाये? वोट मुद्दों के बजाय (क्योंकि मुद्दों का अस्तित्व ही नहीं है) धर्म के नाम पर मांगे जा रहे हैं? जिस महिला शक्ति का दावा किया जाता हैं उन्हें शर्मसार करने में जरा भी संकोच नहीं करते। मणिपुर की घटना ताजातरीन है। जनता मंहगाई से, युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है जिसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है। भाषण और बयानबाजी में कहीं भी रोजगार, मंहगाई का जिक्र नहीं होता।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत के मतदाताओं सबसे बड़ी चिंता बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी है जैसा कि सेंटर फॉर स्टडी आफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) द्वारा किये गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सामने आया हैं। विशेष रूप से गांवों, कस्बों और शहरों सहित विभिन्न जनसांख्यिकी क्षेत्रों के 62% उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि रोजगार हासिल करना तेजी से चुनौतीपूर्ण हो गया है। सीएसडीएस की रिपोर्ट से पता चला है कि 65% पुरुषों ने इस भावना को साझा किया, जबकि महिलाओं में यह संख्या 59% कम थी। केवल 12% उत्तरदाताओं ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
इसी तरह मुद्रास्फीति के मुद्दे पर, 26% केंद्र को 12%  ने राज्यों को और 56% ने दोनों को दोषी ठहराया यह सीएसडीएस सर्वेक्षण से पता चला है। अधिकांश मतदाताओंने अपने वित्त पर गंभीर प्रभाव व्यक्त किया, जिसमें 71% ने वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नोट किया। सर्वेक्षण में दावा किया गया कि बढ़ती लागतों ने मुख्य रूप से आर्थिक रूप से 76% लोगों को प्रभावित किया है।
एक मजबूत विपक्ष के बिना लोकतंत्र अधूरा है और चुनावी प्रक्रिया भी अधूरी रहती है। विपक्ष को मजबूती के साथ युवा वर्ग की परेशानियों को सामने रखना चाहिए और समस्याओं के निवारण का आश्वासन देना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष जनमानस से जुड़ तो रहा है लेकिन फिर भी सत्ता की पहुंच से दूर नजर आता है। जिस तरह से विपक्ष के गठबंधन का सफाया किया जा रहा है उससे जरूरी हो जाता है कि विपक्ष एकजुट हो। विपक्ष का संगठन और गठबंधन डांवाडोल है और क्या यह गठबंधन सफल होगा इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। विपक्ष का मणिपुर प्रयास सार्थक रहा। विपक्ष का अपनी पार्टी की एकता को बनाए रखना जरूरी है “इंडिया” के अस्तित्व के लिए।
जिस तरह से ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली नजर आ रही है उससे विपक्ष को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दलगत राजनीति, भ्रष्टाचार, इलेक्टोरल बांड जैसे मुद्दे सत्तारूढ़ सरकार के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। “सबका साथ सबका विकास” का नारा अब खोखला महसूस होता है. देश में शिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई ने देश को पीछे धकेल कर सिर्फ “राम नाम” पर समेट दिया है। विकास की परिपाटी यही है कि लोगों को शिक्षा और रोजगार का अवसर ज्यादा से ज्यादा दिये जायें।

Read More »

ग्रीष्म ऋतु 2024 में रिकॉर्ड संख्या में अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन कर रही है भारतीय रेल

यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने और गर्मियों के दौरान यात्रा की मांग में अपेक्षित वृद्धि को प्रबंधित करने के लिए भारतीय रेल गर्मियों के मौसम के दौरान रिकॉर्ड 9111 फेरों का संचालन कर रही है।

2023 की गर्मियों की तुलना में यह पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है, जहां कुल 6369 फेरों की पेशकश की गई थीं। यह 2742 फेरों की वृद्धि दर्शाता है, जो यात्रियों की मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

प्रमुख रेल मार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के प्रमुख गंतव्यों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है। समस्‍त जोनल रेल द्वारा देश भर में गर्मियों के मौसम में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से यात्रियों की भीड़भाड़ को कम करने के लिए इन अतिरिक्त फेरों को संचालित करने की तैयारी कर ली गई है।

रेलवे जोनल रेल अधिसूचित फेरे
मध्य रेलवे 488
पूर्वी रेलवे 254
पूर्व मध्य रेलवे 1003
पूर्वी तट रेलवे 102
उत्तर मध्य रेलवे 142
पूर्वोत्‍तर रेलवे 244
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे 88
उत्तर रेलवे 778
उत्तर पश्चिम रेलवे 1623
दक्षिण मध्य रेलवे 1012
दक्षिण पूर्व रेलवे 276
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 12
दक्षिण पश्चिम रेलवे 810
दक्षिणी रेलवे 239
पश्चिम मध्य रेलवे 162
पश्चिमी रेलवे 1878
कुल योग 9111

अतिरिक्त ट्रेनों की योजना बनाना और संचालित करना एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए किसी मार्ग विशेष पर चलने वाली रेलगाड़ियों की मांग का आकलन करने के लिए पीआरएस प्रणाली में प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के विवरण के अलावा मीडिया रिपोर्ट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, रेलवे इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 जैसे सभी संचार चैनलों से 24×7 इनपुट लिए जाते हैं। इस आवश्यकता के आधार पर, ट्रेनों की संख्या और फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है। पूरे सीज़न के लिए न तो ट्रेनों की संख्या और न ही अतिरिक्त ट्रेनों द्वारा संचालित फेरों की संख्या स्थिर रहती है।

गर्मियों के मौसम में जोनल रेल को रेलवे स्टेशनों पर पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रमुख और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ के नियंत्रण की व्यापक व्यवस्था की गई है। भीड़भाड़ को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करने के लिए सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए इन स्टेशनों पर वरिष्ठ अधिकारी तैनात हैं।

सामान्य श्रेणी के डिब्बों में प्रवेश के लिए कतार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक स्टेशनों पर आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर कड़ी नजर रखने और यात्रियों को वास्तविक समय पर सहायता प्रदान करने के लिए सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में कुशल आरपीएफ कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

भारी भीड़ के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित करने के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मचारी फुट-ओवर ब्रिज पर तैनात किए जाते हैं।

भारतीय रेल सभी यात्रियों को सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्री इन अतिरिक्त ट्रेनों में अपना टिकट रेलवे टिकट काउंटर या आईआरसीटीसी वेबसाइट/ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं।

Read More »

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा बेंगलुरु में ‘एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों’ पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

‘एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों’ पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला 16 से 17 अप्रैल, 2024 तक बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की रक्षा जैव-इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमेडिकल प्रयोगशाला द्वारा किया गया है। इसका उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की उपस्थिति में किया।

अपने मुख्य भाषण में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने परिवर्तनकारी एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी के महत्व और सैन्य और नागरिक वातावरण में इसके व्यापक अनुप्रयोगों पर बल दिया। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास समुदाय, सशस्त्र बलों, उद्योग और शिक्षा जगत सहित विभिन्न हितधारकों से चुनौतियों का समाधान करने और एक्सोस्केलेटन के भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, सीआईएससी ने एक्सोस्केलेटन अनुसंधान के इतिहास, इसके पहले के प्रोटोटाइप और चुनौतियों का पता लगाया। उनका संबोधन उन चुनौतियों पर केंद्रित था जिनका वर्तमान में अनुसंधान एवं विकास समुदाय द्वारा समाधान किया जा रहा है। उन्होंने पुनर्वास, व्यावसायिक चिकित्सा और संवर्धन में एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सोस्केलेटन तकनीक दोहरी अमेरिकी तकनीक होने के कारण इसमें जबरदस्त व्यावसायिक क्षमता है।

ईटीएच, ज्यूरिख के प्रोफेसर रॉबर्ट रेनर और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, शिकागो, इलिनोइस के प्रोफेसर अरुण जयारमन द्वारा जानकारीपूर्ण गहन तकनीकी वार्ताएं प्रस्तुत की गईं। महानिदेशक (जीवन विज्ञान) डॉ. यूके सिंह ने सशस्त्र बलों की आसन्न चुनौतियों और आवश्यकताओं के बारे में बात की। उन्होंने शोधकर्ताओं के समुदाय से सभी हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भविष्य की एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकियों के लिए अपने प्रयास में चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने का आग्रह किया।

दो दिवसीय कार्यशाला में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), सेवा, उद्योग, शिक्षा और शोधकर्ताओं के 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी में सहन करने योग्य संरचनाएं शामिल होती हैं जो मानव शरीर की क्षमताओं को बढ़ाती हैं।

Read More »

निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होते ही इसकी जानकारी देता है

अपनी तरह के पहले कार्य में, जिसके लिए आयोग किसी भी तरह से बाध्य नहीं है, अपने वादे के अनुसार पारदर्शिता बरतते हुए, निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अमल में आने के पहले महीने के दौरान, कुछ कार्यों के विवरण के साथ इसे सार्वजनिक करने का फैसला किया है, ताकि समय-समय पर कुछ लोगों की गलतफहमियों और आक्षेपों को दूर किया जा सके और इन्‍हें रोका जा सके।

स्थिति इस प्रकार हैजो संहिता की शेष अवधि के लिए भी लागू होती है।

  1. आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के बाद एक महीना पूरा होने पर, भारत का निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों द्वारा संहिता के अनुपालन से मोटे तौर पर संतुष्ट है और विभिन्न दलों और उम्मीदवारों द्वारा अभियान काफी हद तक व्यवस्थित चल रहा है।
  1. साथ ही, आयोग ने कुछ परेशान करने वाली प्रवृत्तियों पर कड़ी नजर रखने और कुछ पथभ्रष्ट उम्मीदवारों, नेताओं और कार्य प्रणालियों पर पहले से कहीं अधिक विशेष नजर रखने का निर्णय लिया है।
  2. आयोग ने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दलों के नेताओं को नोटिस जारी करके महिलाओं की गरिमा और सम्मान के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए पार्टी प्रमुखों/अध्यक्षों पर जवाबदेही तय करने में एक कदम आगे बढ़ गया कि उनकी पार्टी के नेता और प्रचारक इस तरह की अनादरपूर्ण और अपमानजनक टिप्पणियों का सहारा न लें। आदर्श आचार संहिता जवाबदेही, पारदर्शिता और दृढ़ता के अनुरूप लागू की गई है जैसा कि सीईसी श्री राजीव कुमार ने पहले वादा किया था।
  3. आयोग संवैधानिक समझ से निर्देशित था जब उसे राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ी स्थितियों के साथ प्रस्तुत किया गया था जो आपराधिक जांच के आधार पर न्यायालयों के सक्रिय विचार और आदेशों के अधीन थे। हालांकि आयोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर और प्रचार के अधिकार की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, लेकिन उसने ऐसा कोई भी कदम उठाना सही नहीं पाया है जो कानूनी न्यायिक प्रक्रिया को ओवरलैप या ओवरराइड कर सके।
  4. आदर्श संहिता को लागू करने में, आयोग को अपनी अनिवार्य जिम्मेदारी, कानूनी अचल सम्‍पत्ति, संस्थागत समझ, समानता और लेनदेन में पारदर्शिता के लिए निर्देशित किया गया है चाहे संबंधित व्यक्तियों का ओहदा और प्रभाव कुछ भी हो या उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।
  5. लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ 16 मार्च, 2024 को आदर्श संहिता लागू हुई। तब से चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और हितकर कार्रवाई की है कि समान अवसर में गड़बड़ी न हो और प्रचार में चर्चा अस्वीकार्य स्तर तक न गिरे।
  6. एक महीने की अवधि के दौरान, 07 राजनीतिक दलों के 16 प्रतिनिधिमंडलों ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन और संबंधित मामलों पर अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए आयोग से मुलाकात की। राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर कई प्रतिनिधिमंडल मिले।
  7. सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार किया गया है, अल्प सूचना पर भी सभी को समय दिया गया और उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना गया।
  8. सीईसी श्री राजीव कुमार के नेतृत्व वाला आयोग ईसी श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ रोजाना दोपहर 12 बजे एमसीसी के कथित उल्लंघन के देशव्यापी लंबित मामलों की निगरानी करता है।

चुनावों की घोषणा से पहले, सभी डीएम/कलेक्टर/डीईओ और एसपी को बिना किसी समझौते के मॉडल कोड लागू करने के लिए आयोग द्वारा विशेष रूप से और सीधे जागरूक किया गया था। सीईसी श्री राजीव कुमार ने दिल्ली में ईसीआई प्रशिक्षण संस्थान, आईआईआईडीईएम में 10 बैचों में 800 से अधिक डीएम/डीईओ को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया था। क्षेत्र के अधिकारियों ने इस कार्य में काफी हद तक खुद को मुक्‍त कर लिया है।

मॉडल कोड की पिछली एक महीने की अवधि के दौरान समान अवसर बनाए रखने के लिए ईसीआई के कुछ निर्णय इस प्रकार हैं:

  1. विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा ईसीआई और राज्यों के स्तर पर लगभग 200 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 169 मामलों में कार्रवाई की गयी है।
  2. शिकायतों का विवरण इस प्रकार है: भाजपा से प्राप्त कुल शिकायतें 51 थीं, जिनमें से 38 मामलों में कार्रवाई की गई है; कांग्रेस की ओर से 59 शिकायतें थीं, जिनमें से 51 मामलों में कार्रवाई की गई; अन्य पक्षों से प्राप्त शिकायतें 90 थीं, जिनमें से 80 मामलों में कार्रवाई की गई है।
  3. छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के प्रधान सचिव के रूप में दोहरे प्रभार वाले अधिकारियों को स्वत: संज्ञान से हटाया गया, क्योंकि उनके पास गृह/सामान्य प्रशासन विभाग का भी प्रभार था। इसका उद्देश्य चुनाव से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों, डीएम/डीईओ/आरओ और एसपी को मुख्यमंत्री कार्यालयों से दूर करना था।
  1. पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्वत: संज्ञान से हटाया गया क्योंकि उन्हें पिछले चुनावों में भी चुनाव ड्यूटी से रोका गया था।
  2. चार राज्यों गुजरात, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में नेतृत्व पदों पर तैनात गैर-कैडर अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  3. पंजाब, हरियाणा और असम में निर्वाचित राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ रिश्तेदारी या पारिवारिक जुड़ाव के कारण अधिकारियों का स्वत: स्थानांतरण।
  4. चुनाव की घोषणा के बाद, कांग्रेस और आप की शिकायत पर, व्हाट्सएप पर भारत सरकार के विकसित भारत संदेश का प्रसारण रोकने के लिए एमईआईटीवाई को निर्देश दिया गया।
  5. कांग्रेस और आप की शिकायत पर, सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने के लिए सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश।
  6. डीएमके की शिकायत पर भाजपा मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ रामेश्वर ब्लास्ट कैफे पर असत्यापित आरोपों के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
  7. आईएनसी की शिकायत पर, डीएमआरसी ट्रेनों और पेट्रोल पंप, राजमार्गों आदि से होर्डिंग्स, फोटो और संदेशों सहित सरकारी/सार्वजनिक परिसरों को विकृत करने पर ईसीआई के निर्देशों के अनुपालन के लिए कैबिनेट सचिव को निर्देश।
  8. कांग्रेस की शिकायत पर, केंद्रीय मंत्री श्री चंद्रशेखरन द्वारा अपने हलफनामे में संपत्ति की घोषणा में किसी भी बेमेल के सत्यापन के लिए सीबीडीटी को निर्देश।
  9. सुश्री ममता बनर्जी के प्रति आपत्तिजनक एवं अपमानजनक टिप्पणी के लिए एआईटीएमसी की शिकायत पर भाजपा नेता श्री दिलीप घोष को नोटिस।
  10. भाजपा की शिकायत पर, सुश्री सुप्रिया श्रीनेत और श्री सुरजेवाला, दोनों को क्रमशः सुश्री कंगना रनौत और सुश्री हेमा मालिनी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए नोटिस।
  11. श्री नरेंद्र मोदी के प्रति डीएमके नेता श्री अनिता आर राधाकृष्णन द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
  12. दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में प्रकाशकों का नाम बताए बिना होर्डिंग और बिलबोर्ड में गुमनाम विज्ञापनों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की शिकायत पर कानून में अंतर को पाटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। होर्डिंग्स को शामिल करके मौजूदा कानून में ‘पैम्फलेट और पोस्टर’ के अर्थ को व्यापक आयाम देते हुए, सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें प्रचार में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए होर्डिंग्स सहित मुद्रित चुनाव-संबंधी सामग्री पर प्रिंटर और प्रकाशक की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
  13. कांग्रेस की शिकायत पर, दिल्ली में नगर निगम अधिकारियों को विभिन्न कॉलेजों से स्टार प्रचारकों के कटआउट हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
  14. नागरिकों की उल्लंघन संबंधी शिकायतों पर आयोग के पोर्टल सी विजिल पर कुल 2,68,080 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 2,67,762 मामलों में कार्रवाई की गई और 92 प्रतिशत मामलों का समाधान औसतन 100 मिनट से भी कम समय में किया गया। सीविजिल की प्रभावशीलता के कारण, अवैध होर्डिंग्स, संपत्ति को विकृत करने, दिए गए समय से अधिक समय तक प्रचार करने औरअनुमति से अधिक वाहनों की तैनाती में काफी कमी आई है।

पृष्ठभूमि:

आदर्श आचार संहिता एक नियामक ढांचा है, हालांकि सख्त मायनों में कानूनी समर्थन के बिना, एक समान अवसर सुनिश्चित करने और नैतिक प्रचार के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए इसे तैयार किया गया है। आयोग ने समान अवसर और चुनाव प्रचार की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखने की जटिल गतिशीलता से पार पा लिया है। उल्लंघनों का तुरंत और निर्णायक समाधान करके, भारत का चुनाव आयोग पारदर्शिता, निष्पक्षता, जवाबदेही और समान अवसर के लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत करता है। चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को कायम रखना सर्वोपरि है।

Read More »

भारतीय तटरक्षक बल ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया और बांग्लादेश तटरक्षक बल को सौंप दिया गया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 04 अप्रैल 2024 को एक त्वरित गतिविधि को संचालित करते हुए 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया है। ये सभी समुद्र में मछली पकड़ने वाली अपनी नौका पर फंसे हुए थे। भारतीय तटरक्षक जहाज अमोघ ने 4 अप्रैल, 2024 को लगभग 11:30 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर गश्त के दौरान एक बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौका (बीएफबी) सागर II को भारतीय जल क्षेत्र में बहते हुए देखा। इसके बाद मामले की जांच के लिए भारतीय तटरक्षक बल के जहाज से एक दल को वहां भेजा गया। जांच के दौरान यह पता चला कि बांग्लादेशी नाव का स्टीयरिंग गियर पिछले दो दिन से खराब था और वह तभी से नाव भारतीय जल सीमा में बह रही थी। मछली पकड़ने वाली इस नौका पर 27 चालक दल के सदस्य/मछुआरे सवार थे।

भारतीय तटरक्षक बल की तकनीकी टीम ने बांग्लादेशी नाव की खराबी की पहचान करने और उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन यह पाया गया कि उस नाव का स्टीयरिंग ह्वील पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और समुद्र में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती थी। चूंकि समुद्र के हालात और मौसम की स्थिति अनुकूल थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि भारतीय तट रक्षक एवं बांग्लादेश तटरक्षक के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, संकटग्रस्त नाव को भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा में खींच लिया जाएगा और फिर उसे आईएमबीएल या बांग्लादेश की सीमा रेखा की तरफ उनके तटरक्षक जहाज अथवा किसी अन्य बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नाव को सौंप दिया जाएगा।

इस बीच, भारतीय तटरक्षक के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय ने बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संवाद स्थापित किया और उन्हें इस घटना तथा आगे की कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्रदान की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश तटरक्षक जहाज (बीसीजीएस) कमरुज्जमां को मछली पकड़ने वाली बांग्लादेशी नाव को खींचने के लिए बांग्लादेश तटरक्षक द्वारा तैनात किया गया। बांग्लादेश तटरक्षक बल का जहाज कमरुज्जमां 4 अप्रैल 2024 को लगभग 18:45 बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास पहुंचा। भारतीय तटरक्षक के जहाज अमोघ ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को उनकी नाव के साथ बांग्लादेश तटरक्षक बल के जहाज कमरुज्जमां को सौंप दिया।

भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संचालित किया गया यह ऑपरेशन सभी बाधाओं के बाद भी समुद्र में बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित बचाने के प्रति भारत की वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस तरह के सफल खोज एवं बचाव अभियान न केवल क्षेत्रीय एसएआर संरचना को सशक्त करेंगे बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ाएंगे। यह भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” के अनुरूप है, जिसका अर्थ है “हम रक्षा करते हैं”।

Read More »