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भारत और थाईलैंड की 13वीं संयुक्त व्यापार समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित

भारत थाईलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की 13वीं बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता व्यापार वार्ता विभाग, थाईलैंड के वाणिज्य मंत्रालय के महानिदेशक सुश्री ऑरामन सुप्तवीथम और भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री इंदु सी. नायर ने की। 17 साल बाद 2020 में फिर से शुरू होने के बाद जेटीसी की यह पहली बैठक थी।

थाईलैंड 2022-23 में 16.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल व्यापार के साथ आसियान में भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है। थाईलैंड का आसियान के साथ भारत के कुल व्यापार में 13.6 प्रतिशत हिस्सा है। थाईलैंड भारत के रत्न और आभूषण, यांत्रिक मशीनरी, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स और कृषि उत्पादों विशेष रूप से समुद्री उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन है।

द्विपक्षीय व्यापार की स्थिति और दूसरे के वैश्विक आयात में प्रत्येक भागीदार की मामूली हिस्सेदारी की समीक्षा करते हुए अध्यक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार के लिए नए संभावित उत्पादों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों पक्षों ने बाजार के विभिन्न मुद्दों और उनके निर्यातकों द्वारा सामना की जाने वाली तकनीकी बाधाओं पर भी चर्चा की और नियमित और निरंतर द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से इसे हल करने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने अपने समुद्री, पोल्ट्री और मांस उत्पादों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया।

दोनों पक्षों ने मूल्य वर्धित समुद्री उत्पादों, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहनों, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मास्यूटिकल्स जैसे मजबूत साझेदारी के लिए संभावित वस्तुओं और क्षेत्रों की एक श्रृंखला की पहचान की। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए कि सेवा क्षेत्र में सहयोग की बहुत गुंजाइश है और वे नर्सिंग, लेखा, श्रव्य दृश्य और चिकित्सा पर्यटन में आपसी मान्यता/सहयोग व्यवस्था स्थापित करने का पता लगाने पर सहमत हुए।

बैठक में भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को थाईलैंड की प्रॉम्प्ट पे सर्विस से जोड़ने और स्थानीय मुद्रा में व्यापार लेनदेन के निपटान पर चल रहे प्रयासों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।

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कोविड-19 अपडेट

राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक कुल 220.66 करोड़ (95.21 करोड़ दूसरी डोज और 22.87 करोड़ प्रीकॉशन डोज) टीके लगाए जा चुके हैं

बीते चौबीस घंटों में 3,647 टीके लगाए गए

भारत में सक्रिय मरीजों की संख्या 66,170 है

सक्रिय मामलों की दर 0.15 प्रतिशत है

स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.67 प्रतिशत है

बीते चौबीस घंटों में 10,780 लोग स्वस्थ हुए, अब तक स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 4,42,72,256 है

पिछले 24 घंटों में 11,692 नए मामले सामने आए

दैनिक सक्रिय मामलों की दर 5.09 प्रतिशत है

साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 5.33 प्रतिशत है

अब तक 92.50 करोड़ जांच की जा चुकी हैं,बीते चौबीस घंटों में 2,29,739 जांच की गई

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जिन टीवी कैमरों को अपना अभेद्य सुरक्षा कवच समझता था, उन्हीं कैमरों के बीच से हुई गोलियों की बौछार

दर्जनों लोगों को तड़पा-तड़पा कर मारने का आरोपी जिन टीवी कैमरों को अपना अभेद्य सुरक्षा कवच समझता था, जिन कैमरों के साये में उसके चहरे पर मृत्यु का खौफ तो दूर, रंच मात्र का शक भी नहीं था| उन्हीं कैमरों के बीच से हुई गोलियों की बौछार ने माफिया और उसके भाई का पल भर में काम तमाम कर दिया| यह सब अचानक हुआ या पूर्व नियोजित साजिश के तहत, इसकी चर्चा इस समय गाँव की गलियों से लेकर शहर के नुक्कड़ों तक हो रही है| किसी भी निष्कर्ष पर न पहुँच पाने के बाद लोग यह कहते हुए बातचीत का विषय बदल देते हैं कि सच जल्द ही सबके सामने आएगा| वहीँ कुछ लोग यह भी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि पकड़े गये तीनों हमलावरों को किसी बहाने से मौत के घाट उतारकर कहीं सत्य को सदा सर्वदा के लिए दफ़न ही न कर दिया जाए| आगे क्या होगा यह तो भविष्य के गर्त में है| लेकिन इस घटना के बाद से लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता, अब सन्देह की दृष्टि से देखा जाने लगा है| समाज के कुछ बुद्धिजीवियों ने अभी तक पत्रकारिता को विरोधी और गोदी मीडिया के रूप में वर्गीकृत कर रखा था| लेकिन अब वह गोली मीडिया के रूप में लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ का तीसरा वर्ग भी निर्धारित कर सकते हैं| टीवी चैनलों की आई बाढ़ और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन ने पत्रकारिता के मायने आज पूरी तरह बदल दिये हैं| टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में हल्ला बोल पत्रकारिता के शोरगुल के बीच मूल्यों की तिलांजलि न जाने कब दी जा चुकी है| लेकिन प्रयागराज की घटना ने पत्रकारिता का जो नवीन चेहरा प्रस्तुत किया है, उससे चिन्तित हुए बिना नहीं रहा जा सकता| वरिष्ठ पत्रकारों से अक्सर उनके जानने वाले प्रेस का परिचय-पत्र बनवाने के लिए निवेदन करते रहते हैं| ताकि वह अपने वाहन पर प्रेस लिखा सकें तथा सरकारी विभागों में पत्रकारिता का रौब जमाकर अपना व्यक्तिगत काम करवा सकें| रजिस्ट्रार ऑफ़ न्यूजपेपर्स फॉर इण्डिया से किसी तरह रजिस्ट्रेशन नम्बर हासिल करने वाले अनेक सम्पादक ऐसे हैं जिनके अख़बार का धरातल पर कहीं कोई बजूद नहीं है| ऐसे सम्पादक शौकिया लोगों से सदस्यता शुल्क के नाम पर अच्छी खासी रकम वसूल कर, अपने अख़बार का परिचय-पत्र प्रदान करके पत्रकारिता धर्म का निर्वहन कर रहे हैं| इसी सदस्यता शुल्क से ही सम्पादक जी के परिवार का खर्च चलता है| भले ही उनके अख़बार का पहचान-पत्र प्राप्त करने वाले उसका किसी भी हद तक दुर्पयोग क्यों न करते हों| यहाँ सदुपयोग के बारे में तो सोचना ही व्यर्थ है| अतीक और अशरफ के तीनों कातिलों के पास से जो डमी कैमरे बरामद हुए हैं| उनके बारे में अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि उनके माइक पर चिपका लोगो किस मीडिया संस्थान का है| लेकिन इससे इतना तो अनुमान लग ही जाता है कि कुछ टीवी चैनल भी फर्जी आईडी बनाने का कारोबार कर रहे हैं|

बीते लगभग पाँच वर्षों में इलेक्ट्रानिक तथा प्रिंट मीडिया के हुए जबरदस्त विस्तार के बाद पत्रकारों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है| जिसके कारण आज यदि कोई वरिष्ठ पत्रकार भी किसी बड़े अधिकारी के साथ अलग से समय लेकर किसी विषय पर चर्चा करना चाहे तो अधिकारीगण प्रायः समय देने से परहेज करते हैं| अब वह सिर्फ पत्रकारों की भीड़ को सम्बोधित करने के लिए ही समय देते हैं| अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों से दूरी बनाना अब उनके लिए और भी अधिक आसान हो गया है| पत्रकारिता को दर्पण की भी संज्ञा दी गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य सत्य को सार्वजनिक करना भर है| परन्तु यह तभी सम्भव है जबकि पत्रकारों को हर जगह आने-जाने की निर्बाध छूट हो| लेकिन 15 अप्रैल 2023 को रात साढ़े दस बजे प्रयागराज में हुए हत्याकाण्ड ने पत्रकारिता की इस स्वाभाविक स्वतन्त्रता को प्रतिबन्ध की बेड़ियों से जकड़ने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है| सरकार तथा उसके तन्त्र को इस हेतु अब पर्याप्त कारण मिल चुके हैं|

अपराधियों को विश्वविख्यात बनाने का चलन भी इन दिनों भारतीय मीडिया में जबर्दस्त ढंग से व्याप्त है| जब भी कोई बड़ा अपराधी पकड़ा जाता है या फिर उसके मामले की सुनवाई शुरू होती है| तब लगभग सभी चैनल सिर्फ और सिर्फ उसी पर डिबेट करवाते हैं, वह भी निराधार एवं निष्कर्षहीन| किसी भी अपराधी को एक जेल से दूसरी जेल में सिफ्ट करते समय या अदालत ले जाते वक्त सभी चैनलों के रिपोर्टर रात-दिन एक करके उसका पीछा करते हैं| मार्ग में जब भी कहीं उन्हें अपराधी की गाड़ी के निकट पहुँचने का अवसर मिलता है तो एंकर ‘वह देखो, यह देखो….’ करके जोर-जोर चिल्लाने लगते हैं और कैमरामैन उस अपराधी को अपने कैमरे में कैद करने के लिए ऐसे जान लगा देता है जैसे वह कोई अपराधी न होकर ईश्वर तुल्य धर्मात्मा पुरुष हो, जिसके दर्शन करके चैनल के सारे दर्शक स्वयं को धन्य महसूस करेंगे| विश्व के शायद ही किसी देश में अपराधियों को इतना महिमामंडित किया जाता हो| हद तो तब हो गयी जब मेडिकल परिक्षण के लिए पुलिस जीप से उतारे गये अतीक और उसके भाई से पत्रकारों ने ‘सर’ का सम्बोधन करते हुए पूंछा कि ‘सर, कुछ कहना चाहेंगे आप|’ जिस देश का चौथा स्तम्भ अपराधियों की इतनी अधिक इज्जत करता हो, वहां के नवयुवक यदि यह कहते हैं कि वह बड़ा डॉन बनना चाहते हैं तो इसमें आश्चर्य जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए| सम्भवता संविधान विशेषज्ञ ही यह बात समझ सकते हैं कि जब किसी अपराधी पर न्यायालय में मुकदमा चल रहा हो और वह न्यायिक हिरासत में हो तब मीडिया को उससे बातचीत करने का कोई औचित्य नहीं बनता है| लेकिन यहाँ तो अपराधियों से बाकायदा उनका इस्टेटमेंट लेने का प्रयास किया जाता है| इसका उद्देश्य भला क्या हो सकता है? अपराधी को बचाना, फंसाना या फिर उसका चेहरा दिखाकर चैनल की टीआरपी बढ़ाना| सत्य का उदघटन इसे कहा नहीं जा सकता| क्योंकि किसी भी अपराधी के दोषी या निर्दोष होने का सत्य उसके साथ नहीं बल्कि उसकी पृष्ठभूमि में छुपा होता है| जहाँ कोई जाना नहीं चाहता है| –

Kumar Shukla

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलज में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह आयोजित

कानपुर 19 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह (MoU Ceremony) का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया। महाविद्यालय ने अपना प्रथम समझौता ज्ञाप (MoU) वरदान इंस्टीट्यूट ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिंस एंड एलाइड साइंसेज मेरठ के साथ किया। वरदान इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन डॉ. पल्लवी रस्तौगी, सेन महाविद्यालय के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, प्राचार्य प्रो. सुमन ने MoU पर हस्ताक्षर किए। प्रो. सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थी हित हेतु महाविद्यालय आगे भी ऐसी ही कड़ियां जोड़ता रहेगा। श्री पी. के. सेन जी ने इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार को बधाई एवम् शुभकामनाएं दी। डॉ. पल्लवी रस्तौगी ने छात्राओं को अवगत कराया कि वरदान इंस्टीट्यूट के सहयोग से सेन महाविद्यालय में व्यवसायपरक शिक्षा के अंतर्गत एक्यू फिजियो कोर्स, चक्र संतुलन, कलर थैरेपी, एक्यूप्रेशर व नेचुरोपैथी का बेसिक कोर्स, डाइट एंड न्यूट्रीशन कोर्स आदि विभिन्न पाठ्यक्रम तथा कार्यशालाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही मेधावी छात्राओं को इन पाठक्रमों हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। इस MoU सेरेमनी के अवसर पर प्रबंध तंत्र सदस्य श्रीमती दीपाश्री सेन सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों पर इनाम घोषित

कानपुर जिला सूचना कार्यालय➡️एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का बयान, ‘उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों पर इनाम है’, ‘तीन ऐसे शूटर्स हैं इनपर 5-5 लाख का इनाम’, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान पर है इनाम- STF ADG, ‘गुड्डू मुस्लिम खतरनाक और कांट्रेक्ट किलर है’, ये अतीक गैंग में काफी समय से जुड़ा है- STF ADG, ये अकेले ही क्राइम कर सकता है- अमिताभ यश, इसका गिरफ्तार होना अति आवश्यक है- STF ADG, गिरफ्तारी न होने तक खतरा बना रहेगा- STF ADG, 1999 में नारकोटिक्स में गिरफ्तार हुआ था- STF ADG, ‘पटना में राजन तिवारी से मिलने जेल गया था गुड्डू’, ‘किसी किलिंग का कॉन्ट्रैक्ट लेने गया था पटना’, इसने जानकारी दी थी कैसे मर्डर करता है- STF ADG, ‘चलते फिरते रॉ मैटेरियल से बम बना सकता है’, ‘शाइस्ता अभी फरार है, इनका एक लेटर वायरल है’, ‘उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी सभी ने देखा है’, साइस्ता को सरेंडर कर देना चाहिए- एसटीएफ एडीजी, साइस्ता को जांच में सहयोग करना चाहिए-STF ADG, ‘अतीक गिरोह को पंजाब से हथियार सप्लाई हो रहे थे’, ‘ड्रोन के जरिए खतरनाक हथियार सप्लाई हो रहे थे’, ‘मुझे अतीक या किसी के भी चैट की जानकारी नहीं’.

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कानपुर समाचार

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कानपुर शहर में गर्मी आते ही शरू हुआ पानी का संकट

कानपुर के दक्षिण इलाके में कल शाम से सरकारी पानी की सप्लाई ठप

करीब 5 लाख की आबादी बिना पानी से प्रभावित, परेशान

गंगा बैराज से पानी की आपूर्ति बाधित होने से मचा हाहाकार

खाली पड़ी टंकी के कर्मचारियों को अधिकारी नहीं दे रहे जवाब

भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी का खड़ा हुआ संकट

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सचेड़ी पुलिस की निष्क्रियता से हो सकती है बड़ी चूक

सचेड़ी के दबंग का अवैध तमंचे से हवाई फायरिंग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल

आलाधिकारियों के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा लेकिन अब तक गिरफ्तारी में नाकाम सचेंडी पुलिस

बीते सप्ताह बाबूपुरवा पुलिस ने एक तमंचा और 15 जिंदा कारतूस के साथ एक युवक को किया था गिरफ्तार

युवक से पुलिसिया पूछताछ में चुनाव प्रभावित करने की बात आई थी सामने

कही ये मामला भी तो चुनाव प्रभावित का नही है,आखिर कब होगी दबंग की गिरफ्तारी

कमिशनरेट के थाना सचेड़ी क्षेत्र का मामला

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पनकी पुलिस का सराहनीय कार्य,पुलिस ने दो चोरों को किया गिरफ्तार

शातिर पनकी धाम मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को बनाते थे निशाना

कई दिनों से मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के साथ चोरी की मिल रही थी शिकायतें

शिकायतों का संज्ञान लेते हुए एसीपी निशांक शर्मा ने पनकी पुलिस को मंदिर में ध्यान देने के दिए थे निर्देश

एसीपी निशांक शर्मा के निर्देश के बाद पनकी पुलिस हुई सख्त

दर्शनार्थियों को निशाना बनाने वाले दो चोरों को पुलिस ने रंगे हाथ धर-दबोचा

पुलिस ने चोरों के पास से चोरी के 1500 रु नगदी और एक आधार कार्ड किया बरामद

कमिश्नरेट पनकी थाना पनकी मंदिर चौकी क्षेत्र का मामला

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज मे कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग ने कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजन किया ।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रबंध तंत्र के सचिव श्री पी के सेन , संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन , प्राचार्या प्रो सुमन , मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक, की नोट स्पीकर डॉ संजीव ओझा तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया। पी के सेन ने महान चिकित्सकों तथा वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए छात्राओ को प्रेरित किया कि वे ध्यान से इस प्रकार के वक्तव्यों को सुनें यही व्यावहारिक ज्ञान का माध्यम हैं ।प्राचार्या प्रो सुमन ने कार्यशाला के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की ।मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य ने आयुर्वेद , उसकी प्राचीनता और भव्यता को उजागर किया और कहा आयुर्वेद ही प्राचीनतम और दीर्घकालिक प्रभाव देने वाली चिकित्सा पद्धति है।डॉ संजीव ओझा ने नयी शिक्षा नीति द्वारा सम्मिलित नये पाठ्यक्रम पर आधारित अपने साथ लाए औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों से छात्राओ को परिचित करवाते हुए किया। डॉ ओझा राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जाने माने आयुर्वेदाचार्य हैं। सी एस आई आर- एन बाई आर आई द्वारा प्रदत्त हर्बल ड्रिंक तथा बी जी आर -34 जैसी औषधियों को प्रदान करने में विशेष योगदान दिया है। आज महाविद्यालय में उपस्थित छात्राओ को उन्होंने पुरानी जनजातियों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पौधों की जानकारी दी और उपयोग के बारे में बताया।अपने वक्तव्य में उन्होंने सिद्धा, आयुर्वेद और यूनानी औषधीय पद्धतिओं की जानकारी दी ।आयुष, एन एम बी पी , सीमैप तथा सी ए आर आई जैसे संस्थानों का परिचय देते हुए उनकी कार्य पद्धति पर प्रकाश डाला। विज्ञान संकाय की कॉर्डिनेटर प्रो गार्गी यादव ने मुख्य अतिथि डॉ पाठक और डॉ ओझा को कोटि कोटि धन्यवाद देते हुए छात्राओं के ज्ञान वर्धन के सार्थक प्रयास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति सिंह ने किया। विभाग की अन्य प्रवक्ता डॉ राइ घोष ने सक्रिय योगदान दिया।प्रो गार्गी यादव , डॉ शैल बाजपेयी, डॉ अमिता सिंह ,कु वर्षा एवं तैयबा कार्यशाला में उपस्थित रहे।

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नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस का हुआ आयोजन, पुरा छात्रों ने स्कूली दिनों की यादों को किया ताजा

देश भर में 16 लाख से अधिक नवोदयन्स का नेटवर्क समाज को नई दिशा देने के लिए तत्पर – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
नवोदयन्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बना रहे हैं अपना अलग मुकाम –  पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
बीएचयू स्थित शताब्दी कृषि भवन में जुटे नवोदयन्स, नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस पर हुआ सम्मान

“हम नव युग की नई भारती, नई आरती/हम स्वराज्य की ऋचा नवल/भारत की नवलय हों/नव सूर्योदय, नव चंद्रोदय/हमीं नवोदय हों” प्रार्थना के साथ नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस और एल्युमिनाई मीट समारोह का आयोजन वाराणसी में बीएचयू स्थित शताब्दी कृषि भवन में किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम इत्यादि विभिन्न राज्यों के पुरातन नवोदय विद्यार्थी शामिल हुए और अनेकता में एकता की विशिष्टता को रेखांकित करते हुए स्कूली दिनों की यादों को ताजा किया। बीएचयू के कुलगीत, नवोदय प्रार्थना, स्वागत गीत के बीच अतिथियों ने पं. मदन मोहन मालवीय और नवोदय विद्यालय के संस्थापक राजीव गांधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अप्रैल, 1986 में दो नवोदय विद्यालयों से आरंभ हुआ यह सफर आज 661 तक पहुँच चुका है। देश भर में नवोदय विद्यालय के 16 लाख से अधिक पुरा विद्यार्थियों का नेटवर्क समाज को नई दिशा देने के लिए तत्पर है। आज नवोदय एक ब्रांड बन चुका है। राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सैन्य सेवाओं से लेकर विभिन्न प्रोफेशनल सेवाओं, बिजनेस और सामाजिक सेवाओं में नवोदयन्स पूरे भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में अपना अलग मुकाम बना रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि अमृत काल में भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में नवोदयन्स की अहम भूमिका है। नवोदय विद्यालय एक सरकारी संस्थान होने के बावजूद उत्कृष्ट शिक्षा और बेहतर परीक्षा परिणामों की वजह से आज शीर्ष पर है।

बरेका में चीफ इंजीनियर श्री रणविजय सिंह ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में नवोदय का बहुत योगदान रहा है। हम वहाँ ज़िंदगी को समझना और सही मायनों में जीना सीखते हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट श्री विनोद सिंह ने कहा कि नवोदय परिवार आज भी बेहद संगठित है और लोग एक दूसरे से दिल से जुड़े हैं। सुख-दुःख में एक दूसरे के साथ जिस तरह से खड़े रहते हैं, वह मन में हैरत ही नहीं गर्व भी पैदा करता है।

सम्मानित होने वाले नवोदयंस- इस अवसर पर नवोदय विद्यालय के पुरा विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, बीएचयू हिंदी विभाग प्रोफेसर डॉ. सत्यपाल शर्मा, फिजिक्स प्रोफ़ेसर डॉ. सुरेंद्र कुमार, बरेका चीफ इंजीनियर रणविजय सिंह, श्री काशी विश्वनाथ धाम में सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट विनोद सिंह, डीआरएम ऑफिस में इंजीनियर अभिषेक सिंह, बिजली विभाग अधिशाषी अभियंता चंद्रशेखर चौरसिया, सर सुन्दरलाल चिकित्सालय, बीएचयू में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर ममता मिश्रा, मंचीय कवि दानबहादुर सिंह, एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. पंकज गौतम, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. सत्यपाल यादव, पुलिस उप निरीक्षक सुनील गौड़, डॉ. प्रदीप गौतम, विमलेश कुमार, अमित त्रिपाठी इत्यादि सम्मानित हुए।

कार्यक्रम में मंचीय कवि दान बहादुर सिंह ने अपनी कविताओं से शमां बांधा वहीं तमाम पुरा विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम का संयोजन सोमेश चौधरी, महेंद्र मिश्र ‘मोहित’, शालिन्दी और देवव्रत ने किया, वहीं संचालन अनुराधा व अभिषेक ने किया।

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कानपुर समाचार

*कानपुर कमिश्नरेट का आदेश बेअसर क्यों साबित हो रहा है*

*धारा 144 लगी होने के बाद भी कैसे कानपुर पुलिस का आदेश नहीं काम कर रहा है*

*प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या के बाद यूपी के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई थी*

*स्वरूप नगर थाना क्षेत्र के कार्डियोलॉजी के पास में असलम नाम का युवक रात भर दुकान खोलकर लगवाता है भीड़* ?

*कभी भी आ सकती है लाइन ऑर्डर की समस्या कानपुर में*

*हैलट चौकी इंचार्ज और स्वरूप नगर थाने की पुलिस क्यों नहीं मानते हैं अधिकारी का आदेश*

*किसके संरक्षण में रात भर खुली रहती है सरूप नगर में मैगी प्वाइंट की दुकानें*

*भीड़ का वीडियो हुआ वायरल*

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दिनदहाड़े महिला का उसके पुलिस वाले पति ने कि अपरहण करने की कोशिश

बाल पकड़कर महिला को घसीटते हुए गाड़ी में डालने का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

पीड़ित महिला का आरोप गाड़ी से तेजाब की बोतल निकाल कर तेजाब डालने के भी करी गई कोशिश आसपास के लोगों ने बचाई महिला की जान

पीड़ित महिला के पति के दूसरी महिला से अवैध संबंध

कुछ महीने पूर्व कल्याणपुर थाना के अंतर्गत महिला ने अपने पति को पकड़ा था दूसरी युवती के साथ एक रूम मे

फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला के पति को पकड़ कर ले गई थाने

पीड़ित महिला भी थाने में मौजूद

पूरा मामला पनकी थाना क्षेत्र का

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विधायक इरफान सोलंकी कानपुर कोर्ट में आज होंगे पेश।

महिला के प्लॉट पर आगजनी मामले में इरफान सोलंकी महाराजगंज जेल में है बंद।

कचहरी में सुरक्षा व्यवस्था के किए गए कड़े इंतजाम।

अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद इरफान का परिवार दहशत में।

महाराजगंज जेल से परिवार की एक गाड़ी लगातार चल रही है साथ।

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पनकी पुलिस के हाथ लगी सफलता

पुलिस ने गैंगस्टर में वांछित शातिर को दबोचा

पुलिस को चखमा देकर लंबे समय से फरार चल रहा था शातिर

शातिर पर वाहन चोरी मामलें में कई मुकदमें है दर्ज

इंस्पेक्टर विक्रम सिंह शातिर से गहनता से कर रहे पूछताछ

कानपुर कमिश्नरेट थाना पनकी क्षेत्र का मामला

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कानपुर विकास प्राधिकरण के ये जिम्मेदार विभाग के राजस्व को लगा रहे लाखों करोड़ों का चूना…

केडीए जोन 4 तैनात जेई राजेश निरंजन और सुपरवाइजर दीपक बेखौफ कर रहे भ्रष्टाचार…

जेई राजेश निरंजन सुपरवाइजर दीपक क्षेत्र में जमकर करवा रहे हैं अवैध निर्माण…

सुपरवाइजर दीपक सालों से तैनात है एक ही क्षेत्र में…

अवैध निर्माणों के मसीहा हैं राजेश निरंजन और सुपरवाइजर दीपक…

राजेश निरंजन और दीपक का बस एक ही नारा “जेब हमारी भर डालो अवैध निर्माण तुम कर डालो…”

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थोड़ी सी फ़िक्र ही काफ़ी है ..मेरे इश्क़ को ज़िन्दा रखने के लिए

कहता है .. बोलो क्या दूँ तुझे ऐसा ..जो तुम्हें मेरे इश्क़ की याद दिलाये। मैंने कहा! बेशक़ीमती है तू.. और ये तेरी बेमिसाल नज़र. और उस पे तेरी थोड़ी सी तवज्जो .. थोड़ी सी फ़िक्र ही काफ़ी है ..मेरे इश्क़ को ज़िन्दा रखने के लिए… हर इक शय इस जमाने की तवज्जो ही माँगती है चाहे वो कोई रिश्ता हो या कुछ और … प्यार हमें अधूरे से पूरा करता है। ये कहानी मेरी ही आप बीती है आप से शेयर करना चाहती हूँ बात उन दिनों की है जब मैं अपने नये घर में शिफ़्ट हुई थी लोग कहते थे कि वहाँ की ऊजा अच्छी नही है मगर मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करती थी इक निडर निर्भय सा स्वभाव है मेरा।
जब मैं अपने नये घर में आई तो मेरे पुराने घर से लाये गये बहुत से पौधे नये घर में आकर हफ़्ते में ही सूख गये। विज्ञान के हिसाब से देखा जाये तो कहा जा सकता है कि जगह बदली तो पौधे मर गए .. उन दिनों मेरे पति के पैर में अचानक से दर्द हो रहा था मेरी इक सहेली के भेजने पर ,मेरे यहाँ इक रोज़ इक गोरा जिस का नाम एडविन था ,रेकी करने आया तो मैंने इस बात का ज़िक्र एडविन से भी कर दिया ,कि पता नहीं कयू ? आज कल मेरे प्लांट बहुत मर रहे हैं और मैं बहुत दुखी हूँ इस बात से, और ये भी बताया कि लोग मेरे नये घर की ऊर्जा को सही नहीं बताते। वो हंसने लगा और कहने लगा!
मैं लोगों को अपनी ऊर्जा से अच्छा करता हूँ और रेकी करते हुए मेरी अपनी एनर्जी कम हो जाती है मगर तुम्हारे घर से और तुम से मुझे,अच्छी हीलिगं वाली ऊर्जा मिल रही है इसने मुझे पूछा? कि क्या है ऐसा इस घर में ? तुम कोई मंत्र जाप कर रही हो ? मै सोचने लगी, कि कर तो रही थी और हैरान भी थी कि इसे कैसे पता चल गया । एडविन कहने लगा तुम्हारे पौधों को तुम्हारी ही ऊर्जा चाहिए।कल से अपने गार्डन में जाना और इनसे बातें करना ,सब ठीक हो जाएँगे। मुझे तब ये बात अटपटी सी ही लगी थी कि मैं कैसे भला इन पौधों को ठीक कर सकूँगी । मगर दोस्तों ! अगले ही दिन मैंने अपने पौधों से बातें करनी शुरू कर दी । उन्हें प्यार से छूती अपना स्पर्श देतीं।अपनी आग़ोश में लेती ।आप यक़ीन नहीं करेंगे। मेरे पौधे हफ़्ते भर में ठीक होने लगे पिछले बीस सालों से वो पौधे आज भी मेरे घर में है .. ऐसे ही दो साल पहले ,मैं फ़रवरी के महीने भारत में थी और वहाँ करोना की वजह से वहाँ मुझे रूकना पड़ा।मई के पहले हफ़्ते में वापस आने पर देखा कि मेरे बहुत ही महँगे प्लांट मर गए थे। मुझे बहुत दुख हुआ था इस बात का।मैंने किसी ख़ास गार्डनर को बुलाया जो पौधों का विशेषज्ञ था।आ कर मुझे कहने लगा ! कि आप के ये पौधे मर गये हैं आप इन्हें फ़ैक दीजिए। अब ये दोबारा नहीं जीवित नहीं होंगे।मेरा मन बहुत उदास हुआ उसकी बात सुन कर ,क्योंकि मुझे पता था कि वो इन्सान पौधों की अच्छी जानकारी रखता है। उस रात मुझे नींद नहीं आई और मैंने ठान लिया कि मैं इन्हें ठीक कर के ही रहूँगी । सुबह सुबह उठ कर मै अपने बैक गार्डन में चली गई। सब पौधों से बाते करने लगी । एक पौधा जो बिलकुल मर चुका था उसको मैंने हाथों में ले कर चूमा और पूछा ! कि तुमने मुझे इतना मिस किया जब मैं भारत में थी और अपने आलिंगन में भर कर कहा ! अब मैं आ गई हूँ और अब तुम जल्दी से ठीक हो जाओ। ऐसा मैं रोज़ रोज़ करती । इस बात को तक़रीबन दो महीने हो चुके थे ।इक रोज़ मैंने देखा कि उस पौधे की जड़ से आ रही टहनी का थोड़ा सा हिस्सा हरा होने लगा .. मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था मुझे याद है मैं ख़ुशी से चिल्ला रही थी कि ये मेरा पौधा ,ठीक होने वाला है फिर तीन हफ़्ते बाद इक रोज़ उसपर इक छोटी सी पत्ती आई । उस दिन जो मेरे मन की अवस्था थी उसको समझा पाना मेरे लिए तो बहुत ही मुश्किल है । मैं ख़ुशी से नाच रही थी कि मेरा पौधा जीवित हो गया है ।
दोस्तों !
आज भी जब मैं इस बात का ज़िक्र कर रही हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं ये सोच कर ,कि कैसे रब ने हम सब में इतनी बड़ी ताक़त रखी हुई है प्यार की। मगर अफ़सोस शायद हम सब ही इस ताक़त का इस्तेमाल करना भूल जाते है।
हम चाहे तो प्यार से सब कुछ ठीक कर सकते हैं ऐसा मेरा मानना है
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लेखिका स्मिता ✍️

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