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केंद्रीय सूचना आयोग ने साइबर सुरक्षा पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया

केन्द्रीय सूचना आयोग ने कल साइबर सुरक्षा पर एक दिन की संगोष्ठी का आयोजन किया। सूचना आयुक्त सुरेश चंद्र मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर, सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया, सरोज पुन्हानी और उदय माहुरकर सम्मानित अतिथि थे। रश्मि चौधरी, सचिव, सीआईसी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। सोमनाथ बनर्जी, सीआईएसओ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्लोबल सर्विसेज ने मुख्य भाषण दिया।

रश्मि चौधरी, सचिव, सीआईसी ने अपने स्वागत भाषण में साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से चर्चा में शामिल होने तथा सूचनाप्रद संगोष्ठी में भाग लेने के लाभों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

सोमनाथ बनर्जी, सीआईएसओ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्लोबल सर्विसेज ने अपने मुख्य भाषण के माध्यम से दर्शकों को साइबर सुरक्षा के खतरों और चुनौतियों से अवगत कराया। बाद में, उन्होंने ‘साइबर खतरे और इन खतरों के जवाबी उपाय’ विषय पर अपने सत्र में कई दिलचस्प तथ्यों और उपाख्यानों का भी उल्‍लेख किया। दर्शकों ने उनके साथ बातचीत की और इस विषय पर अपना ज्ञान बढ़ाया।

एनआईसी-सीईआरटी के संयुक्त निदेशक सैयद हसन महमूद ने ‘सरकारी कर्मचारियों के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश’ विषय पर श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने साइबर जगत के क्या करें और क्या न करें तथा साइबर स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। अंजना चौधरी और वधावन ने उस समाधान के बारे में बात की, जो खतरों और कमजोरियों के नाम पर अब तक चर्चा की गई समस्याओं के लिए प्रदान की जा सकती है। पवन कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कानूनी) और प्रमुख (मुकदमेबाजी) ने ‘साइबर अपराध मामलों, बैंक धोखाधड़ी आदि में साक्ष्य का वैज्ञानिक विश्लेषण’ विषय के माध्यम से वित्तीय मामलों में साइबर सुरक्षा के महत्व और इसकी अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। शिव कुमार, वरिष्ठ निदेशक (आईटी) ने कार्यक्रम के मास्टर ऑफ सेरेमनी के रूप में भूमिका निभायी। सीआईसी की अपर सचिव रूप अवतार कौर ने सभी को धन्यवाद-ज्ञापन दिया। इस संगोष्ठी में सीआईसी के लगभग 170 अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मिशन शक्ति: नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी सशक्तिकरण पर सेमिनार आयोजित

कानपुर 31 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज महाविद्यालय के एनएसएस इकाई द्वारा एक दिवसीय सेमिनार का अयोजन किया गया , जिसकी थीम मिशन शक्ति: नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी सशक्तिकरण जिसके अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों के एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर उपस्थित हुए, द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत हुई तत्पश्चात प्राचार्य जोसेफ डेनियल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया ,सेमिनार में ऑनलाइन माध्यम से प्रो. विनय कुमार पाठक छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने ओज पूर्ण विचारों से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जागरूक किया इसी श्रंखला में प्रो .रिपुदमन  , प्रो. मंजू सिंह , प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी, डॉ श्याम मिश्रा ने अपने शब्दों से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए सामाजिक बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया,कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने नारी सशक्तिकरण पर छोटा सी नृत्य नाट्य प्रस्तुति की , तथा एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने लक्ष्य गीत की प्रस्तुति दी तथा डी जी कॉलेज की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ संगीता सिरोही ने कार्यक्रम में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा एकता दिवस के उपलक्ष्य पर सभी को शपथ ग्रहण कराई गई क्राइस्ट चर्च की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा व एनएसएस हेड रितेश यादव, मानवी शुक्ला तथा उनके साथ उनकी टीम जिसमे हर्षिता,आर्थर ,अहमद, तरंग, आयुष,अपेक्षा, नागेंद्र , इरम , आयुषी, सोनल , प्राची , शौर्य , विपिन , आर्यन , दिया , हर्ष, विक्रम, विवेक आदि के सहयोग से कार्यक्रम का समापन हुआ ।

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राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती

कानपुर 31 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एकता रन, एकता की शपथ, भाषण प्रतियोगिता एवम व्याख्यान का आयोजन कर लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वल्लभभाई पटेल महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, हमारे देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं प्रथम गृहमंत्री थे। भारतवर्ष की एकता एवम अक्षुण्णता को बनाए रखने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा दिखाया गया रास्ता अतिमहत्वपूर्ण है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सेल्फ फाइनेंस की डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव,एन सी सी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे, भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव, बी एड विभाग इंचार्ज डॉ सबीहा अंजुम एवं समस्त प्राध्यापिकाओं , एनएसएस वॉलिंटियर्स तथा महाविद्यालय की समस्त छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

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“प्रोटीन संशलेषण में न्यूक्लिक अम्लों की भूमिका व महत्त्व” विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 29 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. जे. महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया है जिसका शीर्षक “प्रोटीन संशलेषण में न्यूक्लिक अम्लों की भूमिका व महत्त्व” के मुख्य अतिथि प्रो०सुनीता आर्या डी.जी.पी.जी. महाविद्यालय, कानपुर द्वारा व्याख्यान दिया गया। न्यूक्लिक अम्लों को प्रोटीन संशलेषण में भूमिका व प्रोटीन निर्माण की प्रक्रिया को समझाया। इसके अतिरिक्त शरीर के विकास में प्रोटीन के महत्त्व को बतलाया। कार्यक्रम क संचालन डॉ अनुराग सिंह कुशवाह द्वारा किया गया तथा डॉ०रीता गुप्ता, डॉ० वंदना मिश्रा, डॉ० रामकेश परिहार, डॉ० रेखा शुक्ला एवं डॉ० सुनील उमराव ने सहयोग प्रदान किया कार्यक्रम क समापन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० संजीव कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि, शिक्षकगण तथा समस्त छात्र / छात्राओं ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कानपुर में संबोधन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 84 परियोजनाओं का लोकार्पण किया

बेटियों की शादी के लिए सरकार पैसे दे रही- सीएम योगी

डबल इंजन सरकार में बेटियों को हर सुविधा- सीएम योगी

बस्ता, किताब और ड्रेस सबकुछ मुफ्त – सीएम योगी

अब विकास में किसी के साथ भेदभाव नहीं- सीएम योगी

लोगों को मुफ्त गैस सिलेंडर दे रहे हैं – सीएम योगी

हर घर को नल से जल पहुंचा रहे हैं – सीएम योगी।।

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विद्यार्थियों की अभिरुचि एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली” विषयक शैक्षिक दक्षता वृृद्धि व्याख्यानमाला आयोजित

कानपुर 28 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, राजकीय इंटर कॉलेज टिकरी,विकास खण्ड, ददरौल, शाहजहाँपुर के तत्त्वावधान में नक्षत्र फाउण्डेशन द्वारा “विद्यार्थियों की अभिरुचि एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली” विषयक शैक्षिक दक्षता वृृद्धि व्याख्यानमाला की पाँचवी प्रस्तुति का आयोजन किया गया। उक्त व्याख्यानमाला में वक्ता के रूप में डॉ शिव प्रकाश (वरिष्ठ पुस्तकालय अधिकारी एवं हिंदी अधिकारी, सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ) अम्बरीष श्रीवास्तव(अम्बर), आर्किटेक्चरल इंजीनियर एवं साहित्यकार, सीतापुर, रोहित कुमार(यूजीसी एसआरएफ, जैव रसायन प्रभाग,सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ) उपस्थित रहे। उक्त व्याख्यानमाला में विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा उक्त विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए व्यख्यानमाला में रोहित कुमार ने बताया कि जीवन में ज्ञान का विस्तार करना बहुत आवश्यक है। अम्बरीष श्रीवास्तव(अम्बर) ने बताया कि शिक्षा में विभिन्न सिद्धांतो को उदाहरण के माध्यम से सरल बनाया जा सकता है। डॉ शिव प्रकाश ने अपने व्याख्यान में बताया कि परीक्षा में प्राप्त हुए अंको से विषय के प्रति अपनी रुचि को परिवर्तित नहीं करना चाहिए। उक्त कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज टिकरी के प्रधानाचार्य राघव मिश्रा, विद्यालय के प्रवक्ता विजय सिंह, विद्यालय के सहायक अध्यापक प्रशांत पाठक, एवं कार्यक्रम संयोजिका डॉ ऋचा आर्या उपस्थित रहीं।

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एसएन सेन बालिका पी जी कॉलेज ने नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक भ्रमण आयोजीत किया

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन बालिका पी जी कॉलेज ने नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक भ्रमण का आयोजीत किया।महाविद्यालय की ओजस्वी प्राचार्या प्रो सुमन और उन्नत दृष्टिकोण के समर्थक महाविद्यालय के सचिव पीके सेन एवं संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन ने अपनी छात्राओं के लिए वनस्पति विज्ञान विभाग के माध्यम से इस शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया इस भ्रमण के अंतरगत महाविद्यालय की 90 छात्राओ ने वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह डा मीनाक्षी व्यास, अवधेश एवं  रिंकु सिंह के साथ लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान तथा बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेलियोटीनी का भ्रमण किया। सर्वप्रथम छात्राओ ने एन बीआर आई के गार्डन में स्मेल एंड साउंड गार्डन,संरक्षणशाला, साइकेड एंड जुरासिक गार्डेन, कैक्टस हाऊस, मास हाउस , फ़र्न हाउस तथा सेंट्रल गार्डन के अतिरिक्त ऐतिहासिक १८५७ की क्रांति में अंग्रेज़ी हुकूमत के विरुद्ध प्रयुक्त बरगद के वृक्ष को देखा । छात्राओं ने हेर्बेरियम बनाने एवं संरक्षण के गुड सीखे और भारत के तीसरे बड़े वनस्पति हेर्बेरियम को देखा और एक्सपोज़िशन में नए अनुसंधानों की जानकारी प्राप्त की। दूसरे संस्थान बीएस आई पी पुरातत्व विज्ञान से संबंधित था जहां छात्राओ ने जियोलाजिकल टाइम क्लॉक , इम्प्रैशन , पेट्रिफ़िकेशन,कार्बन डेटिंग के बारे में जानकारी प्राप्त की। जो जानकारी महाविद्यालय के प्रांगण मे उपलब्ध होना असंभव था ऐसी जानकारी प्राप्त कर सभी छात्राएँ अत्यंत प्रसन्न हो शाम को महाविद्यालय लौट आयीं।

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कानपुर की पहचान थे विधार्थी जी

कानपुर 26 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, औद्योगिक नगरी कानपुर की पहचान में चार चांद लगाने वाले पत्रकारिता शिरोमणि गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर आज उन्हें याद किया गया। मुरारीलाल पुरी सामाजिक सेवा संस्थान के बैनर तले परेड कार्यालय में आज जयंती पर एक सभा आयोजित की गयी । विद्यार्थी जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थी जी कानपुर की पहचान ही नहीं थे बल्कि गंगा जमुना सभ्यता के प्रतीक थे । समाजसेवी भारतेंदु पुरी के मुताबिक विद्यार्थी जी ने अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ अपनी कलम से आम जनमानस में क्रांति लाने का काम किया था । डॉ संजय भारती और अधिवक्ता मोहित गुप्ता के मुताबिक विद्यार्थी का जीवन हम सभी के प्रेरणा स्रोत है और युवा पीढ़ी को उससे कुछ सीखने की जरूरत है । समाज सेवी अनिल थापा और जितेंद्र मिश्रा ने गणेश शंकर विद्यार्थी जी के बताएं मार्गों परचने का संकल्प लिया । अरुण पाण्डेय और अतुल सक्सेना के मुताबिक विद्यार्थी जी कलम के तो धनी थे ही साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के माध्यम से समाज सेवा का भी काम किया जो हम सबके लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षक एवं साहित्यकार डॉ सुधांशु त्रिपाठी के मुताबिक प्रताप शताब्दी समारोह का आयोजन पूरे वर्ष हुआ जिससे नई पीढ़ी को विद्यार्थी जी के विचारों से रूबरू होने का मौका मिला। मोहम्मद मूर्तजा , संजय मिश्रा , विजय गुप्ता , pradeep पाण्डेय और सुनील साहू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कवि मुकेश श्रीवास्तव ने किया । इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे

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ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में फैमिली आई.डी. के बारे में आम जनमानस को जागरूक किया जाए- मुख्य सचिव

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने फैमिली आईडी बनाये जाने के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में फैमिली आई.डी. के बारे में आम जनमानस को जागरूक करते हुये फैमिली आईडी बनाने के कार्य में तेजी लायी जाये। इससे रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने तथा पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी जारी करने से पहले परिवार के संबंध में सभी जानकारियों को विधिवत प्रमाणित किया जाए। फैमिली आईडी को डिजी लॉकर से जोड़ा जाये। फैमिली आईडी की ई-पासबुक में परिवार को मिल रही सरकारी योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण सम्बन्धित विभाग द्वारा दर्ज किया जाये। इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचलित सभी अवशेष लाभार्थीपरक योजनाओं को परिवार आईडी से लिंकेज किया जाये। केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित समस्त योजनाओं का भी डाटाबेस प्राप्त कर फैमिली आईडी से जोड़ा जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव समाज कल्याण हरिओम, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास एम. देवराज, सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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अंतरिक्ष क्षेत्र के “अनशेकलिंग” से स्टार्टअप में तेजी आई हैः डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हैदराबाद में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को “मुक्त” करने से स्टार्टअप में तेजी आई है। इसके परिणामस्वरूप, बहुत ही कम समय में लगभग चार वर्षों में, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर 150 से अधिक हो गई है, जिसमें “स्काईरूट” जैसे स्टार्टअप प्रमुख उद्यमियों के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।

हैदराबाद में 60,000 वर्ग फुट के परिसर में स्काईरूट की सबसे बड़ी रॉकेट फैक्ट्री का दौरा करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट न केवल भारत की उत्कृष्ट प्रतिभा और वैज्ञानिक कौशल का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह हम सभी के लिए यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए खोलने की संभावनाएं निष्क्रिय पड़ी थीं।

“स्काईरूट एयरोस्पेस” पहला अंतरिक्ष स्टार्टअप था जिसने तीन साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिए जाने के बाद पिछले साल श्रीहरिकोटा में इसरो स्टेशन से एक निजी रॉकेट लॉन्च किया था। आईआईटी से उत्तीर्ण दो प्रमुख विशेषज्ञों पवन और भरत के नेतृत्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ भारत की सबसे बड़ी रॉकेट विकास सुविधा स्थापित की गयी है। यह मांग पर आधारित लागत के अनुरूप रॉकेट विकसित करने की क्षमता रखता है।

अमृतकाल और प्रधानमंत्री के “इंडिया@2047” के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ कुछ ऐसे क्षेत्रों से आने वाले है जिनकी संभावनाएं अभी नहीं खोजी गई हैं, उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देने जा रही है। जब स्वतंत्र भारत अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो वह दुनिया का अग्रणी राष्ट्र होगा।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री  मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण पिछले 9 वर्षों में देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में तेजी से उन्नति की है।”

स्काईरूट एक ही छत के नीचे भारत की सबसे बड़ी निजी रॉकेट विकास सुविधा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट का भी अनावरण किया। भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक और मील का पत्थर है। आशा है कि विक्रम-1 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि देश ने 2020 में एक ऐतिहासिक सुधार के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट की सफलता भारत की उन विशाल युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो विशेष रूप से अंतरिक्ष, बायोटेक, कृषि और ऊर्जा सहित नए और उभरते क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप उद्यम स्थापित करने की इच्छुक हैं।”

मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षमताओं के लिए वैश्विक पहचान बनाने में सक्षम किया है और आज हमारे स्टार्टअप की बहुत मांग है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक जनक डॉ. विक्रम साराभाई ने इसरो को “राष्ट्रीय स्तर पर” सार्थक भूमिका निभाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की युवा प्रतिभाओं को नये आयाम और संभावनाओं को नये पंख दिये। यह इसरो की राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक भूमिका निभाने की पुष्टि भी करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधन और कौशल पर आधारित लागत के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और हमें नये क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कर देगा।

उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़, रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक यानी 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों, उद्योगों, जनहितैषियों और घरेलू तथा बाहरी स्रोतों से आने का अनुमान है।

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