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स्वामित्व योजना की ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी- गिरिराज सिंह

केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में स्कोप कॉम्प्लेक्स के स्कोप सम्मेलन केंद्र में स्वामित्व योजना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान की ओर एक कदम पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डैशबोर्ड (https://svamitva.nic.in/) भी लॉन्च किया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री गिरिराज सिंह ने सभी राज्यों से 2024 तक समय सीमा से पहले ही स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन को पूरा करने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि इस लक्ष्य का पूरा करने हेतु केंद्र सरकार जल्द से जल्द सभी को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

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श्री गिरिराज सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और स्वामित्व योजना गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण में स्वमित्व योजना के उल्लेख का ज़िक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही दूरदृष्टि है जो उन्होंने ग्रामीण भारत की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी एवं डेटा का उपयोग करने का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीक तथा डेटा के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत और अधिक पारदर्शी बनेगा। श्री गिरिराज सिंह ने राज्यों से स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन में पंचायतों की भूमिका बढ़ाने का भी आग्रह किया।

स्वामित्व योजना के महत्व के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना से ग्रामीण लोगों में स्वामित्व की भावना उत्पन्न होगी और वे स्वामित्व कार्ड की मदद से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। श्री सिंह ने योजना के तहत उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वामित्व योजना आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

इस मौके पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने ड्रोन के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, जो योजना के वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं और राज्यों से प्रतिदिन कम से कम 5 गांव प्रति ड्रोन टीम उपलब्ध कराने का आह्वान किया। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने जमीनी स्तर पर वास्तविकता को परखने के लिए फीचर एक्सट्रैक्टेड मैप उपलब्ध कराने हेतु 15 दिनों की समयसीमा का पालन करने पर भी जोर दिया। इसी तरह, राज्यों को भी सर्वे ऑफ इंडिया को जमीनी हकीकत वाले नक्शे वापस उपलब्ध कराने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा का पालन करना चाहिए।

हरियाणा राज्य को दिसंबर 2021 तक लाल-डोरा क्षेत्रों में टाइटल डीड वितरण कार्य पूरा करना है। ड्रोन सर्वेक्षण को दमन और दीव, पुद्दुचेरी एवं लक्षद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में पूरा किया जाना है तथा कम से कम 75 जिलों में दिसंबर 2021 तक इस कार्य को ड्रोन सर्वेक्षण के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में ड्रोन सर्वेक्षण युद्ध स्तर पर पूरा किया जाना है। राज्यों में ड्रोन टीमों को बढ़ाने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को प्रोत्साहित किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने भी समय सीमा से पहले ही लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है और इसे प्राप्त करने में हमें अपना अहम योगदान देना होगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं के राजस्व के स्रोत (ओएसआर) कर संग्रह के निम्न स्तर पर भी ध्यान आकृष्ट किया। महाराष्ट्र ने राज्य में वितरित संपत्ति कार्ड (सनद) पर मामूली शुल्क लगाकर अपने ओएसआर संपत्ति कर संग्रह में वृद्धि की है। राज्य ऐसे ओएसआर संग्रह को बढ़ाने के लिए स्वामित्व योजना का लाभ उठा सकते हैं, जहां ग्राम पंचायतों को ऐसा करने का अधिकार दिया गया है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी ग्रामीण से शहरी प्रवास को कम करने में भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सभी राज्यों से अपने यहां इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना वंचित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम साबित होगी।

इस योजना के कार्यान्वयन में सबसे आगे रहने के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सराहना की गई। मध्य प्रदेश ने ड्रोन फ्लाइंग, ग्राउंड-ट्रूथिंग और प्रॉपर्टी कार्ड जनरेशन से एंड टू एंड ऑटोमेशन प्रक्रिया विकसित की है। नागरिक क्लिक करके ही योजना की प्रगति देख सकते हैं और अंतिम संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। नागरिक राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) के माध्यम से भी आपत्ति के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। इससे पारदर्शिता आई है और राज्य में योजना के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया गया है। सर्वेक्षण गतिविधियों में तेजी लाने के लिए नए राज्यों को समान वेब-आधारित/मोबाइल-आधारित आईटी प्रणालियों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

राज्यों को स्वामित्व योजना को एक मिशन मोड में लागू करने और समय पर ड्रोन सर्वेक्षण पूरा करने के लिए ड्रोन का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

इस योजना की सफलता के लिए राज्य और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के बीच घनिष्ठ समन्वय को महत्वपूर्ण बताया गया है। नए राज्यों को वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित विभिन्न मील के पत्थर लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, भारतीय सर्वेक्षण के साथ सक्रिय रूप से संपर्क करने और समयबद्ध तरीके से योजना को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार, भूमि संसाधन विभाग में सचिव श्री अजय तिर्की, भारत के महासर्वेक्षक श्री नवीन तोमर सहित भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस सम्मेलन में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, भारतीय सर्वेक्षण और केंद्रीय मंत्रालयों के 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में भूमि संसाधन विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नीति आयोग और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

राज्य भूमि अभिलेख विभाग, सर्वेक्षण एवं निपटान विभाग, भूमि राजस्व विभाग, भारतीय सर्वेक्षण, एनआईसी, जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों तथा भारतीय बैंक संघ के अधिकारियों द्वारा राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार तथा स्वामित्व कार्यान्वयन के लिए विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। छठी अनुसूची के क्षेत्रों में, तकनीकी आवश्यकताएं – एंड-टू-एंड प्रोसेस ऑटोमेशन और कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस सिस्टम (सीओआरएस), संपत्ति कार्ड की बैंकेबिलिटी के पहलू और स्वामित्व डैशबोर्ड की प्रमुख विशेषताएं आदि शामिल हैं।

पृष्ठभूमि:

स्वामित्व (ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में तात्कालिक प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2020 को प्रत्येक ग्रामीण गृह स्वामी को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को सक्षम करने के संकल्प के साथ शुरू किया गया था। नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आबाद (आबादी) भूमि का सीमांकन करने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों, राज्य पंचायती राज विभागों तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋण सक्षम बनाना; संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करना; ग्राम स्तर की व्यापक योजना सही मायने में ग्राम स्वराज प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण गृह स्वामियों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करना है। अधिकारों का रिकॉर्ड मालिकों द्वारा बैंक से ऋण तथा अन्य वित्तीय लाभों का फायदा उठाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह योजना ग्राम स्तर पर विवादों के निपटारे, सटीक भूमि अभिलेखों के निर्माण और किसी भी विभाग या एजेंसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना में भी मदद करेगी।

चरण I – प्रायोगिक परियोजना (अप्रैल 2020 – मार्च 2021) में हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान राज्यों में सतत संचालन संदर्भ प्रणाली (सीओआरएस) की स्थापना शामिल है।

चरण II (अप्रैल 2021 – मार्च 2025) – 2022 तक देश भर में शेष गांवों और सीओआरएस नेटवर्क कवरेज का पूरा सर्वेक्षण।

प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2020 को हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों के 763 गांवों के लगभग 1.25 लाख निवासियों को संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2021 प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के राष्ट्रीय रोल-आउट का शुभारंभ किया और 5,000 गांवों में 4 लाख से अधिक लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड/स्वामित्व कार्ड प्राप्त हुए।

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नगर आयुक्त द्वारा कानपुर दक्षिण के प्रमुख स्थलों का निरीक्षण कर जलभराव का जायजा

संवाद सूत्र जिला सूचना, कानपुर 16 सितंबर, में भारी वर्षा के दौरान नगर आयुक्त द्वारा कानपुर दक्षिण का प्रमुख स्थलों कर निरीक्षण कर जलभराव का जायजा लिया गया । यहॉ मौके पर महाप्रबन्धक जलकल, व सम्बन्धित जोन के जोनल अधिकारी, जोनल अभियन्ता, जोनल स्व0 अधिकारी आदि अधिकारी/कर्मचारीगण मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान किदवई नगर थाने के सामने, आर0बी0आई0 नाला, एच0 ब्लॉक किदवई नगर, मुख्य चौराहा, साइट नं0 01, पनकी इण्ड0 एरिया, श्याम नगर, जी0टी0 रोड, काशीराम अस्पताल, अफीम कोठी चौराहा, कम्पनी बाग चौराहा, जी0एस0वी0एम0 मेडिकल कालेज परिसर आदि जगहो पर जल जमाव को तत्काल दुरूस्त कराने के निर्देश दिये गये।

अपील
समस्त नगर वासियो से अपील है कि वर्षा के दृष्टिगत होने वाली जलभराव व सफाई समस्या के सम्बन्ध में नगर निगम कन्ट्रोल रूम 05122526004, 05122526005, 8601811111 पर किसी भी समय अवगत कराये, जिससे नगर निगम टीम त्वरित कार्यवाही करते हुये समस्याओं का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करा सके। नगर निगम टीम पूरी तत्परता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेगी।

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मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया

कानपुर 15 सितंबर 2021 भारतिय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया। बच्चों ने पेंसिल रबड़ शार्पनर और कुछ बुक्स वितरित की, कार्यक्रम की संचालक के रूप में डॉ सूफिया सहाब ( आईसीसी संयोजक ) एवं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ( वूमेन सेल संयोजक) ने नारियों के ऊपर किए जाने वाले उत्पीड़नो को न सहने को और उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं जरूरत पड़ने पर भारत सरकार द्वारा वुमन हेल्पलाइन नंबर से भी अवगत कराया । मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल ने महिलाओं को शिक्षित होने पर एवं उनके सशक्त होने पर जोर दिया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अनिरुद्ध दिवेदी , अंजली सचान , तयबा अख्तर, विवेक पटेल, मैत्री पन्ना, वेदांत मिश्रा आदि इस कार्यक्रम के प्रतिभागी बनकर अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्रिंसिपल डॉ जोसेफ डेनियल तथा वाइस प्रिंसिपल डॉ सबीना बोदरा के सफल मार्गदर्शन एवं निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ

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भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा के लिखित परीक्षा, 2021 के परिणाम

पीआईबी, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जुलाई, 2021 में आयोजित भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 के लिखित भाग के परिणाम के आधार पर, निम्नलिखित अनुक्रमांक वाले उम्मीदवारों ने साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हता प्राप्‍त कर ली है।

2.    इन सभी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी इनके हर प्रकार से पात्र पाए जाने के अध्यधीन अनंतिम है। उम्मीदवारों को व्यक्तित्व परीक्षण के समय अपनी आयु, शैक्षणिक योग्यता, समुदाय, शारीरिक अक्षमता (जिन भी मामलों में लागू हो) आदि के अपने दावे के समर्थन में मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। अत:, उन्हें सलाह दी जाती है कि अपने प्रमाण-पत्र तैयार रखें और व्‍यक्तित्‍व परीक्षण बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने से पहले, आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध महत्‍वपूर्ण अनुदेशों के अनुसार अपने प्रमाण-पत्रों की जांच कर लें।

3.    परीक्षा की नियमावली के अनुसार, इन सभी उम्मीदवारों से यह अपेक्षित है कि वे आयोग की वेबसाइट upsconline.nic.in पर उपलब्‍ध विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) को भरें। यह विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) आयोग की वेबसाइट पर दिनांक 15.09.2021 से दिनांक 28.09.2021 तक शाम 6.00 बजे तक उपलब्ध रहेगा। विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) भरने और उसे आयोग में ऑनलाइन जमा करने संबंधी महत्वपूर्ण अनुदेश भी वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। सफल घोषित किए गए उम्मीदवारों को ऑनलाइन विस्तृत आवेदन प्रपत्र भरने से पहले वेबसाइट के संगत पृष्‍ठ पर अपने को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद ही वे अपनी अर्हता के समर्थन में तथा आरक्षण आदि के दावे के अनुसार संगत प्रमाण-पत्रों/दस्‍तावेजों की स्‍कैन की गई प्रतियों के साथ अपने विस्‍तृत आवेदन को ऑनलाइन जमा करेंगे। अर्हक उम्मीदवारों को भारत के ई-राजपत्र में प्रकाशित भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 की नियमावली का अवलोकन करने का भी परामर्श दिया जाता है।

4.  उम्‍मीदवार, साक्षात्‍कार के समय प्रस्‍तुत किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों के संदर्भ में भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 की नियमावली के साथ-साथ वेबसाइट पर उपलब्‍ध विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) भरने से संबंधित अनुदेशों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ लें। उम्‍मीदवार अपनी आयु, जन्‍मतिथि, शैक्षणिक योग्‍यता, समुदाय (अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व./ईडब्‍ल्‍यूएस) तथा शारीरिक विकलांगता की स्‍थिति के समर्थन में पर्याप्‍त प्रमाण (बेंचमार्क विकलांगता वाले उम्‍मीदवारों के मामले में) प्रस्‍तुत नहीं कर पाने के लिए स्‍वयं उत्‍तरदायी होंगे। लिखित परीक्षा में अर्हक हुआ कोई उम्‍मीदवार, भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 हेतु अपनी उम्‍मीदवारी के समर्थन में यदि कोई एक अथवा सभी मूल दस्‍तावेज लाने में विफल रहता है तो उसे व्‍यक्तित्‍व परीक्षण बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उसे यात्रा भत्‍ते(टीए) का भुगतान नहीं किया जाएगा।

 

5.    व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हक हुए उम्मीदवारों के साक्षात्कार का कार्यक्रम, आयोग की वेबसाइट पर यथासमय प्रदर्शित किया जाएगा। तथापि, साक्षात्कार की सही तारीख की सूचना उम्मीदवारों को ई-समन पत्र के माध्‍यम से प्रदान की जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि इस संबंध में आगे की जानकारी हेतु वे आयोग की वेबसाइट (www.upsc.gov.in) देखते रहें।

6.    उम्मीदवारों को व्यक्तित्व परीक्षण हेतु सूचित की गई तारीख और समय में परिवर्तन करने संबंधी अनुरोध पर सामान्‍यत: किसी भी परिस्थिति में विचार नहीं किया जाएगा।

7.    जिन उम्मीदवारों ने अर्हता प्राप्‍त नहीं की है, उनके अंक-पत्र, अंतिम परिणाम के प्रकाशन के बाद (व्यक्तित्व परीक्षण के आयोजन के बाद) आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाएंगे और ये अंक-पत्र वेबसाइट पर 30 दिनों की अवधि के लिए उपलब्ध रहेंगे।

8.    उम्मीदवार अपना अनुक्रमांक और जन्म की तारीख अंकित करने के बाद अंक-पत्र प्राप्‍त कर सकते हैं। तथापि, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा उम्मीदवारों को अंक-पत्र की मुद्रित प्रतियां, उम्मीदवारों से डाक-टिकट लगे स्व-पता लिखे लिफाफे सहित उनके द्वारा विशेष अनुरोध प्राप्‍त होने पर ही भेजी जाएंगी। अंक-पत्रों की मुद्रित प्रतियां प्राप्‍त करने के इच्छुक उम्मीदवारों को ऐसा अनुरोध आयोग की वेबसाइट पर अंक-पत्रों के प्रदर्शित किए जाने के तीस दिन के अंदर करना चाहिए; इसके बाद ऐसे किसी अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा ।

9.    संघ लोक सेवा आयोग के परिसर में एक सुविधा काउंटर स्थित है। उम्मीदवार अपनी परीक्षा/परिणाम से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी/स्पष्‍टीकरण इस काउंटर से व्यक्तिगत रूप से अथवा टेलीफोन नं. (011)-23385271/23381125/23098543 पर कार्य दिवसों में प्रात: 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे के बीच प्राप्‍त कर सकते हैं।

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हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं वरन हमारी संस्कृति भी है

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

अक्सर मैंने अपने बड़ों को कहते सुना है कि अगर अच्छी हिंदी सीखना चाहते हो तो अखबार पढ़ो। अखबार वह माध्यम है जो आपकी भाषा का विस्तार करता है। देश-विदेश की खबरों के साथ साहित्य से भी जोड़कर रखता है। वरिष्ठ साहित्यकारों, लेखकों, कवियों की रचनाओं के द्वारा भाषा का स्तर बढ़ता है और हिंदी का विकास होता है। सबसे प्रमुख बात है कि हिंदी भाषा के विकास में हिंदी पत्रकारिता का बहुत योगदान रहा है। इसी के जरिए बड़े – बड़े लेखक, कवि, विद्वान और साहित्यकारों से लोगों को परिचय प्राप्त हुआ।
आज हिंदी विश्व में लोकप्रिय भाषा है। लोग हिंदी में बातचीत करना और उसे अपनाना पसंद करते हैं। लघु भारत कहे जाने वाले मॉरीशस में हिंदी की उच्च शिक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं हैं। डिप्लोमा कोर्स, बीए ऑनर्स हिंदी. एम. ए. हिंदी की व्यवस्था है। नेपाल, श्रीलंका, जापान में भी हिंदी की शिक्षण व्यवस्था अच्छी है। अमेरिका में हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है लेकिन वहां हिंदी की अच्छी मांग है और वहां के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षण व्यवस्था है।
यह तो रही विदेशों की बात लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे यहां हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। समय की मांग और आधुनिकीकरण ने हिंदी भाषा के स्तर को कम कर दिया है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। आजकल लोग जरूरत के मुताबिक हिंदी बोलते हैं या फिर खिचड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं ताकि आमजन को भाषा समझ में आ सके, लेकिन पहले भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और समझते थे। इस तरह खिचड़ी भाषा का चलन नहीं था। आज हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर से भाषा की उसी सभ्यता और संस्कृति को वापस लाया जाए। हिंदी भाषा ने कई विद्वानों और साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्हें हम आज भी पूजते हैं। आज जरूरत है कि आज की पीढ़ी उन्हें जाने, पढ़े और समझे ताकि वह अपने साहित्य से परिचित हो।
आज सबसे बड़ी समस्या बच्चों की है जो अपने कैरियर और स्टेटस को बनाए रखने के लिए अंग्रेजियत अपनाए हुए हैं और वैसे ही समाज का निर्माण भी कर रहे हैं और उससे भी बड़ी त्रासदी यह है कि आज के शिक्षक भी अशिक्षित होते है। उन्हें ठीक ढंग से हिंदी बोलना और पढ़ना भी नहीं आता है तो वह बच्चे को क्या सिखाएंगे? किस तरह भविष्य का निर्माण करेंगे और हिंदी भाषा को किस तरह से आगे ले जाएंगे?
आज का युग तकनीकी युग है और भाषा को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। एक भाषा वह जो जगह जगह पर देशज शब्दों और लहजों में बोली जाती है और दूसरी साहित्य की भाषा जो उच्च स्तर पर लिखी व पढ़ी जाती है। आजकल के साहित्य में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ गया है और वह स्वागतीय भी बन गया है ताकि भाषा की मौलिकता और  देशज शब्दावली बनी रहे। आज की तकनीक ने लोगों को भाषाई तौर पर बहुत जोड़ा है। तकनीकी शब्दावली का विकास हो रहा है मगर फिर भी आज जरूरत है हिंदी को तकनीकी तौर पर और ज्यादा विकसित किया जाए।
हिंदी एक दिवस का नाम नहीं है बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है और हमें अपनी मातृभाषा को सम्मान देना होगा और सबसे बड़ी बात कि हमारे हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विद्वानों को प्रथम पंक्ति में खड़ा होना होगा।

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मंडलायुक्त ने यूपीएफसी का लिया अतिरिक्त प्रभार

कानपुर 13 सितंबर,”श्रम आयुक्त यूपी” और “एमडी उत्तर प्रदेश वित्त निगम (यूपीएफसी)” का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण करते हुए मंडलायुक्त राजशेखर_

_मंडलायुक्त राजशेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत विभाग को सौंपे गए कार्यों में उत्साहजनक परिणाम देने के लिए हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे_

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औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज सभागार में डेंगू , मलेरिया ओर कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के संबंध में बैठक

कानपुर 12 सितंबर, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज सभागार में जनपद में डेंगू मलेरिया व कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियो के सम्बंध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर नगर को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर इलाज मिले, किसी भी प्रकार के कोई सनसाधनों की कोई कमी नहीं है बेहतर प्रबंधन से हम बड़ी से बड़ी महामारी पर कंट्रोल कर सकते हैं इसके लिए पूरी क्षमता से कार्य करना है और समस्त डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को कड़ी मेहनत करनी है आप लोगो की कड़ी मेहनत की वजह से ही कोरोना पर अंकुश लगा है ।उन्होंने कहा कि कहा कहा डेंगू की टेस्टिंग होगी इसके लिए लोगो को बताया जाए तथा नगर निगम के स्थापित कंट्रोल रूम नम्बर 18001805159 पर अब डेंगू, मलेरिया व वायरल फीवर से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी जाती रहे इसके लिए लोगो को बताया जाए।शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई होती रहे इसके लिए कार्य योजना बना कर अभियान के तौर पर सफाई कराई जाए तथा लोगो को सफाई हेतु जागरूक भी किया जाता रहे । उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की सम्पूर्ण तैयारी कर ली जाए इसके लिए मार्च व अप्रैल माह में ऑक्सीजन की कितनी आवश्यकता थी उसका आकलन मुख्य चिकित्सा अधिकारी सरकारी व्यवस्था व समस्त प्राइवेट व्यवस्था के अनुसार कर ले ।जो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने है इसके लिए जो समस्या आ रही है उनका निस्तारण युद्ध स्तर पर करे ताकि प्लांट जल्दी स्थापित हो सके।उन्होंने हैलेट अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की तो उपस्थित डॉक्टर ने बताया कि हैलेट अस्पताल में 200 बेड तीसरी लहर के लिए बनाया गया था जिसमें वतर्मान में वारयल फीवर के मरीज भर्ती है। आने वाले मरीजों को बेहतर ईलाज किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि यहां आने वाले मरीज को प्रत्येक दशा में बेहतर इलाज मिले इसमे लापरवाही नही होनी चाहिए। बैठक में जिलाधिकारी कानपुर नगर, मुख्य विकास अधिकारी कानपुर नगर , नगर आयुक्त , मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आदि उपस्थित रहे।

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एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न

कानपुर 11 सितम्बर, शुक्रवार को होटल के. डी. पैलेस में एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न हुआ,

समारोह में शिक्षा ओर कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले करीब 30 शिक्षको को महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया,

इस मौके पर राजीव शुक्ल, राजेंद्र गर्ग, नलिन श्रीवास्तव, डा शिप्रा श्रीवास्तव, डा प्रियंका सिंह, अंजू शुक्ल, डा राजकिशोर सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के तत्वाधान में एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित

कानपुर, दिनांक 11 सितम्बर, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ निर्देशों के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के तत्वाधान एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर श्री में दीवानी न्यायालय परिसर कानपुर नगर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें मोटर दुर्घटना प्रतिकर, सिविलवाद, लघुवाद, आपराधिक एवं वैवाहिक आदि वादों का तथा प्रीलिटीगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको के वादों का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार आर0 पी0 सिंह, की अध्यक्षता पर किया गया। दीवानी न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा 11089 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें मु० और 8.33.39.397.00 रु0 धनराशि दिलायी/वसूल की गयी। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 171 वादो का निस्तारण किया गया और 5,61,41,000.00 रु0 धनराशि दिलायी की गयी। कामर्शियल कोर्ट द्वारा 22 वादो का निस्तारण किया गया और 1.56,51,256.00 रु0 धनराशि दिलायी की गयी। प्रीलिटीगेशन स्तर पर 1028 वादो का निस्तारण किया गया 4,48,97.926.00 रु0 का समझौता बैंको द्वारा किया गया। विशेष उल्लेखनीय है कि, आर0 पी0 सिंह, जनपद न्यायाधीश, कानपुर नगर द्वार कुल-12 वादों का निस्तारण कर 25,000.00 रूपये वसूल/दिलाये गये। इस प्रकार कुल मिलाकर 12117 वादो का निस्तारण किया गया तथा कुल धनराशि 12,82,37,323.00 रु0 वसूल/दिलायी गयी। वैवाहिक प्रकृति के कुल 67 वादो का निस्तारण किया गया जिसमें प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, कानपुर नगर श्री रमेश चन्द्र-I, द्वारा 47 वादों का निस्तारण किया गया एवं कुल 09 पारिवारिक जोड़ों को महोदय द्वारा आशीर्वाद देकर एक दूसरे को गले मिलवाया गया व एक-दूसरे को मिठाई खिलवाकर विदा किया गया। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, कानपुर नगर श्री शैलेन्द्र यादव द्वारा सर्वाधिक 5057 मुकदमों का निस्तारण किया गया। आज राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में रामगोपाल विधि महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायालयों की कार्यवाही का अवलोकन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का संचालन श्री प्रथम कान्त, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष सं0-04 एवं श्रीमती अंशू शुक्ला, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर द्वारा किया गया।

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सिटी बस सेवाओं में सुधार लाने हेतु और संचालन हानि को कम करने के लिए मंडलायुक्त / अध्यक्ष द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

सिटी बस सेवाओं में सुधार लाने हेतु और संचालन हानि को कम करने के लिए मंडलायुक्त / अध्यक्ष द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।

1) कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 की संचालन के संबंध में एक बैठक आहूत की गयी, बैठक के दौरान के.सी.टी.एस.एल के संचालन के संबंध में निम्न बिन्दुओ पर चर्चा हुई एवं उन पर तत्काल कार्यवाही/अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये गये:-

2) अवगत कराया गया कि कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 के पास 270 बसें थीं जिनमें से 80 मेरठ सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 को भेज दी गयीं, 39 बसें निष्प्रयोज्य की गयीं तथा 5 बसें नीलामी में लगी हैं। इस प्रकार वर्तमान में कम्पनी के पास 146 बसें हैं जिनमें से 20 बसें लो-फ्लोर बसे हैं जो वर्तमान में चल नही रही है। इस प्रकार वर्तमान में 126 बसें आपरेशनल हैं। जानकारी करने पर अवगत कराया गया कि 39 बसों को निष्प्रयोज्य किये जाने का निर्णय तत्कालीन आयुक्त/अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2018 में किया गया था। निर्देशित किया गया कि सभी बसें पूर्ण क्षमता के साथ आपरेशनल की जायें।

3) लो-फ्लोर बसों का संचालन मेट्रो का कार्य गतिशील होने के कारण लगभग डेढ़ वर्षों से नही हो रहा है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित अधिकारी साइट पर जाकर देखें और इन बसों का संचालन प्रत्येक दशा में प्रारम्भ करायें। प्रस्तावित 100 इलेक्ट्रिक बसों के अन्दर विज्ञापन कराये जाने की कार्य योजना तैयार की जाये जिससे आय हो सके। निर्देशित किया गया कि आय-व्यय का लक्ष्य इस प्रकार से निर्धारण किया जाये कि प्रत्येक वर्ष अनुमानित आय में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो। वर्ष 2019-20 का जो रू0 78.60 लाख लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उससे वर्तमान लक्ष्य कम न हो। इस सम्बन्ध में समुचित अनुश्रवण कर लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाये। प्रर्वतन दस्ते द्वारा समय-समय पर बसों मे टिकट चेक किये जायें और इस सम्बन्ध में दोषी पाये जाने पर कर्मचारियों/परिचालकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
4) सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, के.सी.टी.एस.एल. को निर्देश दिये गये कि टाॅप 20 रूटों का तीन दिन के अन्दर सर्वे कराकर पिकिंग प्वाइन्टों पर चलने वाली डग्गामार/अवैध रूप से संचालित वाहनों की सूची तैयार करने एवं उनकी वीडियो फोटोग्राफी इस प्रकार से करायी जाये कि डग्गामार वाहनों की स्थिति का पता चल सके। ऐसे अवैध रूप से संचालित वाहनों की सूची तैयार कर उपायुक्त, यातायात एवं सम्भागीय परिवहन अधिकारी, कानपुर के साथ बैठक कर, उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जिन रूटों पर आय कम हो रही है, उनका प्रत्येक माह रिव्यू किया जाये। इस सम्बन्ध में कृत कार्यवाही की आख्या एक सप्ताह में प्रस्तुत की जाये।

5) अवगत कराया गया कि 100 इलेक्ट्रिक बसों का रूट तय हो गया है। यह बसें शहर के अन्दर 07 रूटों पर संचालित की जायेंगी। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि इन बसों के संचालन से पूर्व मेट्रो के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर यह तय कर लें कि इन बसांे का संचालन किस प्रकार किया जाये ताकि आय में वृद्धि की जा सके। निर्देशित किया गया कि इन बसों के जो रूट तय हो जायें, उनके अतिरिक्त बसें अन्य रूट पर कदापि न जायें। इस सम्बन्ध में प्लान तैयार कर इस माह के अन्तिम तक आख्या उपलब्ध करा दी जाये।

6) आयुक्त द्वारा काॅल सेन्टर का एक प्रपोजल तैयार करने के निर्देश दिये गये, जिसका संचालन दो शिफ्टों में किया जायेगा, जिसमे प्राप्त होने वाले शिकायत/सुझाव की काॅल रिकार्डिंग दर्ज होगी। इस हेतु किसी प्रोफेशनल काॅल सेन्टर का विजिट कर उनसे सुझाव/मार्गदर्शन प्राप्त करके अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। प्रत्येक बस में सी0सी0टी0वी0 व जी0पी0एस0 सिस्टम लगाये जायें और बसों के नम्बर का डिस्प्ले कराया जाये। उक्त कार्य स्मार्ट सिटी के तत्वाधान में कराये जाने की रूपरेखा तैयार करायी जाये। निर्देश दिये गये कि हेल्पलाइन स्थापित कर उसे 50 दिन के अन्दर (30 October तक) प्रारम्भ किया जाये।

7) प्रतिवर्ष नगरीय बस सेवाओं की “संचालन हानि” लगभग ₹ 10 से 12 करोड़ रहता है। और प्रतिवर्ष हानि बढ़ रहा है।
लेकिन वर्तमान में प्रभावी परावर्तन और नई कई रूट्स पर बस संचालन से आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

मंडलायुक्त ने एक बड़ी लक्ष कर रूप में आगामी 3 वर्षों में संचालन हानि को शून्य करने के निर्देश दिए है।
इस वर्ष ₹ 2 करोड़, वर्ष 2022- 23 में ₹ 4 करोड़, वर्ष 23-24 में ₹ 5 करोड़ “संचालन हानि “ में कमी लाने हेतु प्लान कर उसका फ़ॉलोअप करने के निर्देश दिए।

8) निर्देशित किया गया कि कोविड गाइडलाइन के अनुसार समस्त मार्गों पर संचालित होने वाली सभी नगरीय बसें पूर्ण रूप से साफ-सुथरी एवं सेनेटाइज्ड हों तथा चालक/परिचालक वर्दी पहने हों एवं मास्क लगायें हों तथा सभी यात्रियों को भी मास्क लगाये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।

बैठक में श्री अनिल कुमार अग्रवाल, प्रबन्ध निदेशक, के.सी.टी.एस.एल. कानपुर, श्री धीरज पाण्डेय, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक(वित्त), के.सी.टी.एस.एल.कानपुर, श्री आर.के. सिंह, अधिशाषी अभियन्ता, नगर निगम, कानपुर, श्री अरविन्द शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर, सी0एण्डडी0एस0 विभाग, उ0प्र0 जल निगम, कानपुर, श्री एस0सी0 शंखवार, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, के.सी.टी.एस.एल. फजलगंज, श्री जुनैद अहमद अंसारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (चे0प्र0/संचा0), के.सी.टी.एस.एल फजलगंज, श्री राम सिंह, प्रबन्धक, पी0एम0आई0 इलेक्ट्रो मोबिलिटी सा0प्रा0लि0 उपस्थित रहे।

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