रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज प्राधिकृत स्थानीय औषधि विक्रेताओं (एएलसी) से पॉलीक्लिनिक की सभी श्रेणियों में अप्राप्य (एनए), आकस्मिक, जीवन रक्षक और आवश्यक दवाओं की खरीद के लिए मौद्रिक सीमा को 100% तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी। इस पहल से ईसीएचएस लाभार्थियों के लिए दवाओं की आसानी से और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी। (टाइप ए और बी 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक, टाइप सी 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक और टाइप डी 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक)। दवाइयों की आपूर्ति को लेकर पूर्व सैनिकों की ओर से तरह-तरह के अभ्यावेदन पत्र आए हैं। सरकार पहले ही ईसीएचएस लाभार्थियों के लिए दवाओं की खरीद की प्रक्रियाओं में कई संशोधन कर चुकी है। ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक वाले सभी केंद्रों में, स्थानीय मेडिकल स्टोर/औषधि विक्रेता आवश्यक आधार पर अप्राप्य (एनए), आकस्मिक, जीवन रक्षक और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के लिए सूचीबद्ध हैं। पैनल में शामिल स्थानीय मेडिकल स्टोर/औषधि विक्रेता को स्टेशन कमांडर द्वारा गठित अधिकारियों के एक बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। इस सीमा से अधिक के किसी भी व्यय को एमडी, ईसीएचएस द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। यदि आवश्यक हो तो सीओ, ईसीएचएस द्वारा अन्य ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक से आवश्यक धनराशि का पुन: नियोजन कर सकते हैं। यह देखा जा सकता है कि सरकार ने 25.03.2022 को खुदरा बाजार से खरीदी गई उन दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की लागत की प्रतिपूर्ति के लिए पहले ही 15 दिनों से 30 दिनों की अधिकतम अवधि के लिए मंजूरी दे दी थी, जो ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक / अधिकृत स्थानीय औषधि विक्रेता के पास उपलब्ध न हों। दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों के अधिकतम मूल्य के अधीन, सामान्य परिस्थितियों में हर बार 25,000/- रुपये से अधिक नहीं और विशेष परिस्थितियों में हर बार 75,000/- रुपये से ज्यादा नहीं, कैंसर की दवाओं के मामले को छोड़कर जहां दवाओं और उपभोग्य वस्तुओं का अधिकतम मूल्य हर बार के 5 लाख रुपये होंगे जो पहले हर बार के 2 लाख रुपये था। यह पहल पूर्व सैनिकों को आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
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प्रधानमंत्री ने ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम में भाग लिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘एमएसएमई प्रदर्शन में सुधार तथा तेजी’ (रैंप) योजना, ‘पहली बार के एमएसएमई निर्यातकों का क्षमता निर्माण’ (सीबीएफटीई) योजना और ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) की नई सुविधाओं जैसी प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने 2022-23 के लिए पीएमईजीपी के लाभार्थियों को डिजिटल रूप से सहायता भी हस्तांतरित की, एमएसएमई आइडिया हैकथॉन, 2022 के परिणाम घोषित किए, राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार, 2022 वितरित किए और आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड में 75 एमएसएमई को डिजिटल इक्विटी सर्टिफिकेट जारी किए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नारायण राणे और श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, देश भर के एमएसएमई हितधारक और विभिन्न देशों के राजनयिक उपस्थित थे। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के उद्यम से ही आत्मनिर्भर भारत के अभियान को सिद्धि मिलेगी, भारत सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत जो भी ऊंचाइयां हासिल करेगा, वह एमएसएमई क्षेत्र की सफलता पर निर्भर करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का एक्सपोर्ट लगातार बढ़े, भारत के प्रॉडक्ट्स नए बाजारों में पहुंचें इसके लिए देश के एमएसएमई सेक्टर का सशक्त होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार, आपके इसी सामर्थ्य, इस सेक्टर की असीम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है, नई नीतियां बना रही है।” उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई पहल और सरकार द्वारा किए गए अन्य उपाय एमएसएमई की क्वालिटी और प्रमोशन से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम एमएसएमई कहते हैं तो तकनीकी भाषा में इसका विस्तार होता है माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज। लेकिन ये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, भारत की विकास यात्रा का बहुत बड़ा आधार हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी एमएसएमई सेक्टर की है। एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त करने का मतलब है – पूरे समाज को सशक्त करना, सबको विकास के लाभ का भागीदार बनाना, सबको आगे बढ़ाना। इसलिए एमएसएमई सेक्टर सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। प्रधानमंत्री ने कहा, एमएसएमई सेक्टर को मजबूती देने के लिए पिछले आठ साल में हमारी सरकार ने बजट में 650 प्रतिशत से ज्यादा की बढोतरी की है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “हमारे लिए एमएसएमई का मतलब है- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अधिकतम समर्थन।” यह बताते हुए कि 11 करोड़ से अधिक लोग इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है। महामारी के संकट के दौरान, हमने अपने छोटे उद्यमों को बचाने के साथ ही उन्हें नई ताकत देने का भी फैसला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए की मदद एमएसएमई उद्यमों के लिए सुनिश्चित की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे करीब 1.5 करोड़ रोजगार खत्म होने से बच गए। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में, हमारे एमएसएमई भारत की आत्मनिर्भरता के विराट लक्ष्य की प्राप्ति का भी एक बहुत बड़ा माध्यम हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय को याद किया जब पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के महत्व को नहीं पहचाना और छोटे उद्यमों को छोटा रखने वाली नीतियों को अपनाकर इस क्षेत्र को जकड़ लिया था। इससे निपटने के लिए एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है, तो सरकार न केवल उसे सहयोग दे रही है, बल्कि नीतियों में जरूरी बदलाव भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीईएम में, एमएसएमई को सरकार को सामान और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक बहुत ही मजबूत मंच मिला है। उन्होंने प्रत्येक एमएसएमई को जीईएम पोर्टल पर पंजीकृत होने के लिए कहा। इसी तरह, 200 करोड़ से कम की परियोजनाओं के लिए वैश्विक निविदाओं पर रोक लगाने से भी एमएसएमई को मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार निर्यात बढ़ाने में एमएसएमई की मदद के लिए कदम उठा रही है। विदेश स्थित भारतीय मिशन को इस पर काम करने को कहा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशनों का मूल्यांकन तीन मापदंडों यानी व्यापार, प्रौद्योगिकी और पर्यटन पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को 2014 के बाद नया रूप दिया गया था, क्योंकि यह 2008-2012 के बीच की अवधि में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं था। 2014 से अब तक इस कार्यक्रम के तहत 40 लाख से अधिक रोजगार का सृजन किया गया है। इस अवधि के दौरान इन उद्यमों को 14 हजार करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि इस योजना में आने वाले उत्पादों की लागत सीमा भी बढ़ा दी गई है। समावेशी विकास की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रांसजेंडर उद्यमियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा है। “ये इसलिए संभव हुआ है क्योंकि गांवों में हमारे छोटे-छोटे उद्यमियों ने, हमारी बहनों ने बहुत परिश्रम किया है। बीते 8 वर्षों में खादी की बिक्री 4 गुणा बढ़ी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना गारंटी के ऋण प्राप्त करने में कठिनाई समाज के कमजोर वर्गों के लिए उद्यमशीलता के मार्ग पर चलने में एक बड़ी बाधा है। 2014 के बाद, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के माध्यम से उद्यमशीलता के दायरे को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता को हर भारतीय के लिए सहज बनाने में मुद्रा योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। बिना गांरटी के बैंक लोन की इस योजना ने महिला उद्यमियों, दलित, पिछड़े, आदिवासी उद्यमियों का एक बहुत बड़ा वर्ग देश में तैयार किया है। इस योजना के तहत अब तक करीब 19 लाख करोड़ रुपये कर्ज के रूप में दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कर्जदारों में करीब 7 करोड़ ऐसे उद्यमी हैं, जिन्होंने पहली बार उद्यम शुरू किया है, जो नए उद्यमी बने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत लोगों में से 18 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमी हैं। उन्होंने कहा, “उद्यमशीलता और आर्थिक समावेशन में यह समावेश सही मायने में सामाजिक न्याय है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, इस कार्यक्रम के माध्यम से, मैं एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े अपने सभी भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ऐसी नीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं और आपके लिए सकारात्मक हो। एक उद्यमी भारत की हर उपलब्धि हमें एक आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाएगी। मुझे आप पर और आपकी क्षमता पर विश्वास है।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि:
‘उद्यमी भारत’ एमएसएमई के सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने समय-समय पर एमएसएमई क्षेत्र को आवश्यक और समय पर सहायता प्रदान करने के लिए मुद्रा योजना, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए कोष योजना आदि कई पहलों की शुरुआत की है, जिससे देश भर में करोड़ों लोगों को लाभ हुआ है।
लगभग 6000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘एमएसएमई प्रदर्शन में सुधार और तेजी’ (रैंप) योजना का उद्देश्य मौजूदा एमएसएमई योजनाओं के प्रभाव में वृद्धि के साथ राज्यों में एमएसएमई की कार्यान्वयन क्षमता और कवरेज को बढ़ाना है। यह नवाचार को बढ़ावा देने, विचार को प्रोत्साहित करने, गुणवत्तापूर्ण मानकों को विकसित करके नए व्यवसाय और उद्यमिता को बढ़ावा देने, प्रथाओं और प्रक्रियाओं में सुधार करने, बाजार पहुंच बढ़ाने तथा तकनीकी उपकरण और उद्योग 4.0 के जरिये आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरक समर्थन प्रदान करेगा एवं एमएसएमई उद्यामों को प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाएगा। ‘पहली बार के एमएसएमई निर्यातकों का क्षमता निर्माण’ (सीबीएफटीई) योजना का उद्देश्य एमएसएमई को वैश्विक बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारतीय एमएसएमई की भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें अपनी निर्यात क्षमता का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं में विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना लागत को बढ़ाकर 50 लाख रुपये (पहले के 25 लाख रुपये से) और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये (पहले के 10 लाख रुपये से) करने तथा अधिक सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आकांक्षी जिलों और ट्रांसजेंडर समुदाय के आवेदकों को विशेष श्रेणी के आवेदकों में शामिल करना शामिल हैं। इसके साथ ही, आवेदकों/उद्यमियों को बैंकिंग, तकनीकी और विपणन विशेषज्ञों के साथ परामर्श के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जा रही है।एमएसएमई आइडिया हैकथॉन, 2022 का उद्देश्य व्यक्तियों की रचनात्मकता को बढ़ावा देना और समर्थन करना, एमएसएमई के बीच नवीनतम तकनीकों को अपनाना तथा नवाचार को बढ़ावा देना है। चयनित अवधारणा युक्त विचारों को 15 लाख रुपये प्रति स्वीकृत अवधारणा, तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार 2022 भारत के मजबूत एमएसएमई क्षेत्र के विकास में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एमएसएमई, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, आकांक्षी जिलों और बैंकों के योगदान की मान्यता है।
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भारतीय स्वरूप संवाददाता
लखनऊ-उत्तर प्रदेश में सक्रिय हुआ पूरी तरह मानसून,36 येलो तो 9 रेड अलर्ट जिलों में बारिश का अलर्ट,जुलाई के पहले सप्ताह तक ऐसा ही रहेगा मौसम,बीती देर रात से राजधानी लखनऊ में बूंदाबांदी जारी,बीते 24 घंटे में 6.4 मिलीमीटर बारिश यूपी में हुई,राजधानी में बारिश होने से लोगों को राहत मिली है,तापमान भी 27 सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया है,पूर्वांचल में ज्यादा सक्रिय है मानसून,पश्चिम में सामान्य,मौसम विभाग ने 36 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया,9 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है,लखनऊ, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, सीतापुर में रेड अलर्ट,उन्नाव, कानपुर नगर और देहात में भी रेड अलर्ट जारी,रायबरेली में भी मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी।
वाराणसी- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का वाराणसी दौरा,5 बजे वाराणसी पहुंचेंगे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक,शिवपुर में अस्पताल का उद्घाटन करेंगे ब्रजेश पाठक,ऑक्टेविया अस्पताल के उद्घाटन समारोह में करेंगे शिरकत,लगभग 6.30 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे डिप्टी सीएम,रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कवि सम्मेलन में होंगे शामिल,रात 9.15 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।
प्रयागराज- जुमे की नमाज के बाद हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर,पेश इमाम अली अहमद को रिमांड पर लेगी पुलिस,अटाला की बड़ी मस्जिद के पेश इमाम अली अहमद,रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में पुलिस,हिंसा के लिए भीड़ किसने जुटाई जानकारी की जाएगी,आरोपी अखलाक,अब्दुल रहमान से लंबी पूछताछ की थी,दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल कर दिया गया था,अखलाक से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं,अखलाक ने पुलिस को एक हाफिज के बारे में जानकारी दी है,हाफिज ने ही उसका ब्रेनवाश किया था,अखलाक ने करेली की एक मस्जिद की भी जानकारी दी है,अखलाक ने फोटो में मौजूद कई आरोपियों की पहचान की है।
प्रयागराज- जुमे की नमाज के बाद हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर,जावेद पंप की कॉल डिटेल से बड़ा खुलासा हुआ,जावेद की 2 पूर्व विधायकों से हुई थी लंबी बातचीत,दोनों पूर्व विधायकों से भी पूछताछ हो सकती है,पुलिस ने दो नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई थी,दोनों पूर्व विधायकों से बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं,दो बड़े कारोबारियों का नाम भी सामने आ रहा है,जावेद ने AIMIM समेत कई नेताओं से भी बात की थी,जावेद की जिनसे बात हुई है पूछताछ की जाएगी-SSP।
प्रयागराज- उदयपुर घटना को लेकर प्रयागराज में भी अलर्ट,सोशल मीडिया पर है पुलिस की खास नज़र,पुलिस की 11 सदस्यीय टीम 24 घंटे कर रही निगरानी,व्हाट्सअप,फेसबुक,इंस्ट्राग्राम,ट्विटर पर रखी जा रही विशेष नज़र,भड़काउ पोस्ट से बचने की एसएसपी ने दी सलाह,आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करने,अभद्र टिप्पणी पर केस दर्ज,एक व्यक्ति पर नवाबगंज थाने में केस हुआ दर्ज।
प्रयागराज- जिले में 20 अगस्त तक धारा 144 बढ़ाई गई,त्यौहारों,बीएड प्रवेश परीक्षा को लेकर बढ़ाई गई धारा 144,नियम विरुद्ध काम करने,धारा 144 के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई,डीएम संजय खत्री ने जारी किया आदेश।
हापुड़- रामा हॉस्पिटल में डॉक्टर करते रहे मुर्दे का इलाज,परिजनों से 2 दिनों तक मंगाते रहे दवा और रुपए,पथरी के ऑपरेशन के दौरान हुई थी व्यक्ति की मौत,परिवार ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप,सीएमओ रेखा शर्मा ने रामा हॉस्पिटल पर मेहरबान,अस्पताल,लापरवाह डॉक्टरों पर अभी तक कार्रवाई नहीं,परिवार पुलिस प्रसाशन से लगा रहा न्याय की गुहार।
अमरोहा- अमरोहा में कुत्तों के झुंड का आतंक,महिला को कुत्तो ने नोंचकर मार डाला,दूसरी महिलाओं ने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई,आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा,ग्रामीणों ने आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग की,आवारा कुत्ते अब तक ले चुके कई जान,विधायक, एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाया,थाना हसनपुर क्षेत्र के गांव दीपपुर का मामला।
आगरा- आगरा में स्वास्थ्य विभाग पर नहीं पड़ रहा कोई असर,प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाहरी व्यक्तियों का कब्जा,डॉक्टर की जगह मरीज देख रहा फार्मासिस्ट,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंचते डॉक्टर,चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली का वीडियो वायरल,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कागारौल का मामला।
मेरठ- ग्रेजुएशन की दो छात्राओं ने रचाई शादी,शादी करके नोएडा नौकरी करने गयी छात्राएं,परिजनों को पता चलने पर नोएडा से बुलाया,थाने में हुई पंचायत का नहीं निकला कोई हल,शादी के बाद से साथ रहने पर आमादा है छात्राएं,मेडिकल थाने में छात्राओं के परिजन उन्हें छोड़ गये,हंगामा, बयान के बाद दोनों छात्राएं नोएडा हुईं रवाना।
मेरठ- कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन की माथापच्ची,2 दिन में एसपी ट्रैफिक पेश करेंगे यात्रा की कार्ययोजना,तहसील स्तर पर कंट्रोल रूप स्थापित करने के आदेश,यात्रा में पड़ने वाले कॉलेज बनेंगे कांवड़ियों के विश्राम गृह,रूट डायवर्जन प्लान तैयार करके प्रस्तुत करना होगा।
मेरठ- कोरोना के मरीजों में अचानक आई तेजी़,मेरठ में 24 घंटे में 14 नए मरीज मिले,कोरोना पॉजटिव किशोर की हुई मौत,सुभारती अस्पताल में भर्ती था किशोर,कोरोना के चार मरीज अस्पतालों में भर्ती,कोरोना के 34 होम आइसोलेटिड किए गए।
मेरठ- मेरठ से मुजफ्फरनगर जाना हुआ अब मंहगा,सिवाया टोल प्लाजा पर बढ़ गयी टोल की दरें,निजी वाहनों से 95 के बजाय 110 की वसूली,कमर्शियल वाहन 165 के बजाय 195 देंगे,बस,ट्रक से 335 के बजाय 385 की वसूली।
हाथरस- व्यक्ति का नहर में शव मिलने से सनसनी,पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव निकाला,पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा,मुरसान क्षेत्र के पटैनी गांव में मिला शव।
देहरादून- कश्मीर में मारे गए आतंकी के तार देहरादून से जुड़े,आतंकी देहरादून से कर रहा था होटल मैनेजमेंट,दून के शिक्षण संस्थान से होटल मैनेजमेंट कर रहा था,इस पर दून पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट,छात्र के अन्य साथियों के होने की भी आशंका जताई,कुलगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।
देहरादून- उत्तराखंड में 9 दिन की देरी से पहुंचा मानसून,मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया,5 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार,नैनीताल,उत्तरकाशी,चमोली में हो सकती भारी बारिश,बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भी हो सकती भारी बारिश,देहरादून,उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग में भी भारी बारिश के आसार,आपदा प्रबंधन विभाग ने सतर्क रहने के दिए निर्देश।
देहरादून- हादसों से जान गंवाने पर मिलेगा दोगुना मुआवजा,परिवहन विभाग शासन को भेजेगा प्रस्ताव,मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन को भेजेगा प्रस्ताव,अभी तक परिवार को एक लाख का मुआवजा मिलता था,अब पीड़ित परिवारों को मिलेगा दो लाख तक मुआवजा।
ऋषिकेश- ऋषिकेश में राफ्टिंग का आज आखिरी दिन,मानसून की दस्तक के साथ बंद होगी राफ्टिंग,शुक्रवार से बंद हो जाएगी राफ्टिंग की गतिविधियां,1 जुलाई से 31 अगस्त तक बंद रहेगी राफ्टिंग,गंगा नदी में नहीं हो पाएगी रिवर राफ्टिंग।
रुद्रप्रयाग- मलबा आने से बद्रीनाथ हाईवे 6 घंटो से बंद,सिरोबगड में आज सुबह से बंद पड़ा चारधाम यात्रा मार्ग,सड़क के दोनों तरफ भारी संख्या वाहनों का लगा जाम,यात्रियों के सामने भारी दिक्कतें, कई घण्टों से परेशानी,वाहनो को सुरक्षित जगहों पर किया जा रहा शिफ्ट,एक ही बारिश मे निकाल दी यातायात व्यवस्था की हवा।
मुंबई- मुंबई में सरकार बनाने की कवायद में जुटी बीजेपी,11 बजे फडणवीस के आवास पर होगी कोर ग्रुप की बैठक,सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे देवेंद्र फडणवीस,गोवा में बागी गुट के नेताओं की भी होगी बैठक,एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागियों की होगी बैठक,बागी ग्रुप के नेता दोपहर बाद मुंबई जा सकते हैं,शाम को बीजेपी और बागी गुट के नेताओं की हो सकती मुलाकात।
दिल्ली- दिल्ली में पूरी तरीके से सक्रिय हुआ मानसून,आज सुबह से राजधानी दिल्ली में हो रही बारिश,दिल्ली में कई जगह हो रही बूंदाबांदी, बादल छाए,दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिली,अगले 10 दिनों तक ऐसे ही मौसम रहेगा।
Read More »केंद्रीय मंत्रीअर्जुन राम मेघवाल ने मंगोलिया से वापस लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र कपिलवस्तु अवशेष प्राप्त किए
मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव के तहत मंगोलिया के गंडन बौद्ध विहार परिसर स्थित बत्सगान मंदिर में 12 दिनों तक प्रदर्शित होने के बाद भगवान बुद्ध के चार पवित्र अवशेष अब भारत वापस आ गए। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज गाजियाबाद में इन पवित्र अवशेषों को प्राप्त किया। मंगोलियाई लोगों की जबरदस्त मांग पर पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन की अवधि कुछ दिनों के लिए बढ़ानी पड़ी।
मंगोलिया के राष्ट्रपति, मंगोलियाई संसद के अध्यक्ष, मंगोलिया के विदेश मंत्री, संस्कृति मंत्री, पर्यटन मंत्री, ऊर्जा मंत्री, 20 से अधिक सांसद, मंगोलिया के 100 से अधिक बौद्ध विहार के शीर्ष मठाधीश उन हजारों लोगों में शामिल थे जिन्होंने गंडन बौद्ध विहार परिसर स्थित बत्सगान मंदिर में 12 दिनों तक की इस प्रदर्शनी के दौरान अवशेषों को अपनी श्रद्धांजलि दी। महोत्सव के अंतिम दिन मंगोलिया के आंतरिक संस्कृति मंत्री अनुष्ठान के लिए उपस्थित थे।
प्रदर्शनी के पहले दिन (14 जून को) लगभग 18 से 20 हजार भक्तों ने पवित्र बुद्ध अवशेषों को श्रद्धांजलि दी। कार्य दिवसों के दौरान औसतन 5 से 6 हजार श्रद्धालुओं ने गंडन बौद्ध विहार का दौरा किया जबकि सप्ताहांत के दौरान औसतन 9 से 10 हजार श्रद्धालुओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंतिम दिन लगभग 18 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गंडन बौद्ध विहार का दौरा किया। समापन के दिन आंतरिक संस्कृति मंत्री अनुष्ठान के लिए उपस्थित थे।
पवित्र बुद्ध अवशेषों को ‘कपिलवस्तु अवशेष’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उनकी खोज 1898 में बिहार की एक जगह से की गई थी जिसे कपिलवस्तु का प्राचीन शहर माना जाता है। इन अवशेषों को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया गया था और उन्हें उसी नियंत्रण परिवेश में रखा गया था जैसा वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है। एक विशेष हवाई जहाज सी-17 ग्लोब मास्टर के जरिये इन पवित्र अवशेषों को भारत वापस लाया गया है। वर्ष 2015 में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मंगोलिया यात्रा के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने गंडन मठ का दौरा किया था और हंबा लामा को एक बोधि वृक्ष का पौधा भी भेंट किया था। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने बौद्ध संबंधों की ओर इशारा करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगोलियाई संसद को संबोधित करते हुए भारत और मंगोलिया को आध्यात्मिक पड़ोसी बताया था। पिछली बार 2012 में इन अवशेषों को देश से बाहर ले जाया गया था। उस दौरान श्रीलंका में कई स्थानों पर उन्हें प्रदर्शित किया गया था। हालांकि बाद में दिशानिर्देश जारी किए गए और इन पवित्र अवशेषों को ‘एए’ श्रेणी के पुरावशेष एवं कला खजाने के तहत रखा गया ताकि इन अवशेषों की नाजुक प्रकृति को देखते हुए उन्हें प्रदर्शनी के लिए देश से बाहर न ले जाया जा सके।
Read More »भारत सरकार तिरुपुर जैसे 75 टेक्सटाइल हब बनाना चाहती है: पीयूष गोयल
केन्द्रीय वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज तिरुपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार तिरुपुर जैसे 75 टेक्सटाइल हब बनाना चाहती है जो न सिर्फ वस्त्र उत्पादों के निर्यात में सहायता एवं टिकाऊ प्रौद्योगिकी का समावेश सुनिश्चित करेगा, बल्कि रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा करेगा। श्री गोयल ने कहा कि तिरुपुर ने देश को गौरवान्वित किया है और यह हर वर्ष 30,000 करोड़ रुपये के वस्त्र उत्पादन का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि वस्त्र क्षेत्र छह लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं चार लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है और इस प्रकार कुल मिलाकर 10 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि 1985 में, तिरुपुर 15 करोड़ रुपये मूल्य के वस्त्र उत्पादों का निर्यात कर रहा था। मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष में, तिरुपुर से होने वाला अनुमानित निर्यात 30,000 करोड़ रुपये का है, जोकि लगभग दो हजार गुना की वृद्धि है। इस इलाके में वस्त्र क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, 37 से अधिक वर्षों के दौरान, तिरुपुर में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 22.87 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि तिरुपुर में रोजगार के अपार अवसर हैं और उन्होंने युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान में, तिरुपुर के वस्त्र क्षेत्र में कार्यरत लोगों में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और वंचित वर्गों के लोग हैं। श्री गोयल ने कहा कि पूरे भारत में लगभग 3.5-4 करोड़ लोग अकेले वस्त्र क्षेत्र की समग्र मूल्य श्रृंखला में संलग्न हैं। वस्त्र क्षेत्र कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है। इस उद्योग का आकार लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का है। इसका निर्यात लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये का है। उन्होंने दोहराया कि वस्त्र क्षेत्र के अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ के निर्यात के साथ 20 लाख करोड़ रुपये वाला उद्योग बनने की संभावना है। फिर भी 7.5-8 लाख करोड़ का साधारण निर्यात लक्ष्य और लगभग 20 लाख करोड़ का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन लक्ष्यों को अगले पांच वर्षों में हासिल किया जाना संभव है। उन्होंने कोविड के साथ-साथ अन्य देशों के बीच युद्ध के संदर्भ में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
श्री गोयल ने कहा कि यदि भारत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि के आधार पर हर साल आठ प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो हमारी अर्थव्यवस्था लगभग 9 वर्षों में दोगुनी होकर 6.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएगी। इसी तरह, अब से 18 वर्षों में, भारत की अर्थव्यवस्था के 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था हो जाने का अनुमान है। अब से 27 वर्षों में, अर्थव्यवस्था की वृद्धि की गणना 26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के तौर पर की जा सकती है और इसलिए 30 वर्षों के बाद, यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि तिरुपुर होजरी, बुने हुए वस्त्रों, कैजुअल वियर, स्पोर्ट्सवियर का प्रमुख स्रोत है और रुई की ओटाई का एक पारंपरिक केन्द्र है। उन्होंने कहा कि कल की सिट्रा की यात्रा के दौरान, उन्होंने कई नवीन परियोजनाएं देखीं। उन्होंने कहा कि पीएम जन औषधि योजना के तहत कम कीमत में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केन्द्र सिट्रा में सेनेटरी नैपकिन मशीनरी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा। श्री गोयल ने तिरुपुर में निर्यातकों के सम्मेलन सह सम्मान समारोह में भाग लिया। उन्होंने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) और अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के प्रतिनिधियों के साथ एक संवादात्मक बैठक की। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल मुरुगन, फियो के अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल, एईपीसी के उपाध्यक्ष श्री सुधीर सेखरी, एचईपीसी के पूर्व अध्यक्ष श्री टी.वी. चंद्रशेखरन, टीईए के अध्यक्ष श्री राजा एम. षणमुगम, एसआईएचएमए की उपाध्यक्ष श्री गीतांजलि एस गोविंदप्पन, केएनआईटीसीएमए के अध्यक्ष श्री अखिल एस. रथिनासामी, फियो के एमसी सदस्य श्री वी एलंगोवन, तिरुपुर के आरएमजी सेक्टर के अलावा 350 से अधिक निर्यातकों, कोयंबटूर, करूर, मदुरैल एवं इरोड के इंजीनियरिंग, एग्री और प्रोसेस फूड, टेक्सटाइल यार्न सेक्टर से जुड़े लोगों और अन्य गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया।
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन ने अपने संबोधन में नए हस्ताक्षरित एफटीएएस के लाभों पर प्रकाश डाला जोकि देश को कई गुना आगे बढ़ने में मदद करेगा। लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के उद्देश्य से पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसे क्रांतिकारी उपायों से बुनियादी ढांचे की योजना निर्माण में सुधार लाने और निर्धारित समय एवं बजट के भीतर परियोजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों की स्थापना, कंटेनर निर्माण पर ध्यान देना, ईस्ट वेस्ट और नॉर्थ साउथ फ्रेट कॉरिडोर इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं। अपने स्वागत भाषण में, फियो के अध्यक्ष डॉ ए. शक्तिवेल ने निर्यातकों की समस्याओं का शीघ्रता से निराकरण करने और बाजार के अवसरों को खोलने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिससे देश को पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 422 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात को पार करने में मदद मिली। डॉ. शक्तिवेल ने संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए के समापन में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के अथक प्रयासों की सराहना की और कहा कि यूके, ईयू, जीसीसी आदि के साथ चल रही बातचीत से भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर खुलेंगे। फियो के अध्यक्ष ने माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से आरओडीटीईपी में आयरन एंड स्टील, फार्मा, केमिकल्स आदि जैसे बचे हुए क्षेत्रों सहित बेहतर मूल्य के लिए निर्यात प्राप्ति के साथ आरओएससीटीएल और आरओडीटीईपी जारी करने सहित ईओयू/एसईजेड एकजुट, एएए/डीएफए उपयोगकर्ता, कृषि क्षेत्र के लिए संशोधित टीएमए की घोषणा, श्रीलंका को किए गए निर्यात के लिए फंसे पैसे पर समाधान, रूस को निर्यात के लिए रुपया भुगतान प्रणाली के कार्यान्वयन, एमएसएमई बाजार प्रोत्साहन कोष के निर्माण, सेवा से जुड़े उभरते क्षेत्रों के लिए बाजार पहुंच आदि से संबंधित सुझावों पर ध्यान देने का अनुरोध किया। अपने संबोधन में, एईपीसी के उपाध्यक्ष श्री सुधीर सेखरी ने परिधान क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई-2) की घोषणा करते हुए नई प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (टीयूएफएस) योजना की घोषणा करने का अनुरोध किया। उन्होंने निर्यातक इकाइयों के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कपास और सूती धागे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कपास और सूती धागे के निर्यात को उपयुक्त रूप से अंशांकित करने का भी अनुरोध किया।
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कल से शुरू होने वाले 2022 के संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय पक्ष की तैयारी का आकलन करने और विभिन्न संभावित मुद्दों पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के रुख पर विचार करने के लिए लिस्बन में भारतीय प्रतिनिधियों और दूतावास के अधिकारियों के साथ पूर्व-सम्मेलन बैठक की
कल से शुरू होने वाले 5 दिवसीय संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के लिए पुर्तगाल के लिस्बन पहुंचने के तुरंत बाद, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारतीय प्रतिनिधियों और दूतावास के अधिकारियों के साथ भारतीय पक्ष की तैयारी का आकलन करने और विभिन्न सम्भावित मुद्दों पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के रुख पर विचार-विमर्श करने के लिए एक पूर्व-सम्मेलन बैठक की ।
27 जून से 1 जुलाई, 2022 तक लिस्बन में आयोजित हो रहे इस संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में 130 से अधिक देश भाग ले रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केन्या और पुर्तगाल की सरकारों द्वारा सह-आयोजित यह महासागर सम्मेलन एक ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है जब दुनिया हमारे समाज की कई ऐसी पुरानी समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रही है, जो कि कोविड-19 महामारी के माध्यम से सामने आई हैं तथा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है। मंत्री महोदय ने कहा कि इसके लिए बड़े संरचनात्मक परिवर्तनों और सामान्य साझा समाधानों की आवश्यकता होगी जो एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्यों) में ही निहित हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत “हमारे महासागर को बचाओ और भविष्य की रक्षा” के लिए वैश्विक महासागर कार्रवाई का एक नया अध्याय शुरू करने के उद्देश्य से बहुत आवश्यक विज्ञान-आधारित नवीन समाधानों को आगे रखेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में “लक्ष्य 14 के कार्यान्वयन के लिए विज्ञान और नवाचार पर आधारित महासागर कार्रवाई को बढ़ाना: अब तक किए गए कार्यों का लेखा-जोखा लेने (स्टॉकटेकिंग), साझेदारी और समाधान” विषय पर मुख्य भाषण देंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लेगा और समुद्री प्रदूषण, टिकाऊ महासागर आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और मजबूत करने, समुद्री और तटीय पारिस्थितिक तंत्र के प्रबंधन, संरक्षण, संरक्षण और पुनर्स्थापित करने, समुद्र के अम्लीकरण, डीऑक्सीजनेशन के प्रबंधन के साथ ही समुद्र के गर्म होने तथा मत्स्य पालन को टिकाऊ बनाने जैसे मुद्दों पर समाधान सुझाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत साझेदारी और पर्यावरण के अनुकूल समाधानों के माध्यम से लक्ष्य 14 के कार्यान्वयन के लिए विज्ञान और नवाचार आधारित समाधान प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) संकेतकों पर कार्यप्रणाली और डेटा अंतराल को पाटने के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों के साथ अच्छी तरह से स्थापित सहयोग और साझेदारी की है और अब वह स्वच्छ, स्वस्थ, उत्पादक और भविष्य में सुरक्षित और सुलभ महासागरों हेतु सतत् विकास, 2021-2030 के लिए संयुक्त राष्ट्र महासागर विज्ञान के दशक की दिशा में काम कर रहा है। महासागरों और उसके संसाधनों को बचाने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज के ‘मन की बात’ का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि “प्लास्टिक के कारण होने वाला प्रदूषण पुडुचेरी के समुद्री तट पर भी बढ़ रहा था, इसलिए, अपने समुद्र, समुद्र तटों और पारिस्थितिकी को बचाने के लिए यहां के लोगों ने ‘जीवन के लिए पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग फॉर लाइफ)’ अभियान शुरू किया है। आज पुडुचेरी के कराईकल में हजारों किलोग्राम कचरा प्रतिदिन एकत्र किया करने के बाद अलग किया जाता है।
सम्मेलन में विचार-विमर्श के अंत में सर्वसम्मति से लक्ष्य 14 के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए विज्ञान-आधारित और कार्रवाई के अभिनव क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एक संक्षिप्त, संक्षिप्त, कार्रवाई-उन्मुख और अंतर-सरकारी रूप से सहमत घोषणा और परस्पर विचार विमर्श (इंटरैक्टिव) के बाद सह-अध्यक्षों के सारांश वाली एक रिपोर्ट को अपनाया जाएगा।
Read More »श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नव्य-दिव्य स्वरूप में आने के बाद देश भर में डाक विभाग द्वारा बाबा के प्रसाद मँगाने की बढ़ी माँग
देश भर में डाक विभाग के माध्यम से श्रद्धालु मँगा रहे श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद, मात्र 251 रूपये के ई-मनीऑर्डर द्वारा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नव्य-दिव्य स्वरूप में आने के बाद देश भर के श्रद्धालुओं में इसके प्रसाद की भी माँग बढ़ी है। डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद देश भर में स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जून 2020 में नए स्वरुप में आरम्भ इस सेवा के तहत अब तक लगभग साढ़े चार हजार लोगों को डाक विभाग के माध्यम से प्रसाद उपलब्ध कराया जा चुका है और इससे करीब 10 लाख 13 हजार रूपये का राजस्व डाक विभाग को प्राप्त हुआ। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। श्री यादव ने इस अवसर पर एक विशेष पोस्टर भी जारी किया, जिसे देश भर के प्रमुख डाकघरों में लगाने के लिए भेजा जायेगा ताकि देश भर में अधिकाधिक लोग घर बैठे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट से मँगा कर लाभान्वित हो सकें। फ़िलहाल प्रसाद की ज्यादा मांग कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड इत्यादि राज्यों से डाक विभाग को ज्यादा प्राप्त हो रही है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि देश के किसी भी कोने में रह रहे श्रद्धालु स्पीड पोस्ट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद मँगा सकते हैं। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 रूपये का ई-मनीआर्डर प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल-221001 के नाम भेजना होता है। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा, जिस पर वाराणसी के घाट पर जारी डाक टिकट की प्रतिकृति भी अंकित होगी। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इसके अलावा इसे मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है।
श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद में शामिल वस्तुएं-
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिङ्ग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, भभूति, रक्षा सूत्र, रुद्राक्ष मनका, मेवा, मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल हैं। सूखा होने के कारण यह प्रसाद लम्बे समय तक उपयोग में बना रहता है। प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल श्री राजन ने बताया कि, डाक विभाग ने इस बात के भी प्रबंध किए हैं कि, श्रद्धालुओं को मोबाइल नंबर पर स्पीड पोस्ट का विवरण एस.एम.एस के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए उन्हें ई-मनीऑर्डर में अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।
इस अवसर पर डाक अधीक्षक पी.सी. तिवारी, सहायक निदेशक दिनेश साह, ब्रजेश शर्मा, सहायक डाक अधीक्षक अजय मौर्या, सहायक लेखा अधिकारी संतोषी राय, निरीक्षक श्रीकांत पाल, रामचंद्र यादव, श्री प्रकाश गुप्ता, राजेंद्र यादव, राहुल वर्मा, सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
Read More »दुनिया में सहज कुछ भी नही मिलता
रामू काका सब खिड़कियाँ दरवाज़े अच्छे से बंद कर दीजिए,आज बारिश खूब जम कर हो रही है।अपने नौकर को आवाज़ दे कर श्वेता ने खिड़की से झांका तो सोच रही थी,चलो अच्छा भी है आज मेरे पौधों को पानी मिल गया।पिछले काफ़ी दिनों से तेज धूप से बेचारे मुरझा से गये थे। इतने में कबीर ,श्वेता के पति जो शहर के अच्छे बिज़नेस मैन मे से एक है ,कमरे में दाखिल हुए और कहने लगे।खुद से क्या बातें किये जा रही हो ?श्वेता कहने लगी !आज बोर हो गई हूँ सुबह से बारिश भी हो रही है।श्वेता ने कबीर से पूछा !कंयू न आज सावी के यहाँ चले? श्वेता की सहेली”सावी का पति भी शहर का माना हुआ सर्जन है,
श्वेता कहती जा रही थी।सावी न जाने कब से ,मुझे अपने घर आने के लिए कह भी चुकी है।मै ही हूँ जो वक़्त नही निकाल पाई।क्या कहते हो कबीर ?चले क्या ? श्वेता ने बड़े प्यार से फिर कबीर से पूछा।कबीर जो सारा दिन अपने काम से थका हुआ घर आया था कहने लगा ! ओह !मै तो भूल ही गया तुम्हें बताना कि सावी के पति का फ़ोन भी आया था कि कल उनके घर मे थोड़ा गैट टूगैदर रखा है और हमे बुलाया है,और फिर कबीर ने श्वेता से कहा कि इस बार कोई बहाना नहीं करना ,कल हम जा रहे है तो जा रहे है। कह कर कबीर सोने के लिये कमरे में चला गया।अगली शाम को श्वेता और कबीर सावी के यहाँ पहुँच गये।उन दोनो के देख कर सावी और उसके पति राकेश बहुत ख़ुश हुये ,क्यूँकि श्वेता कम ही पार्टीयों में आया ज़ाया करती थी या यूँ कह लीजिए इक घबराहट सी महसूस करती थी बहुत लोगों के बीच।शवेता धीरे धीरे सब से मिलने लगी।श्वेता के बचपन के कई दोस्त भी थे वहाँ।किसी ने श्वेता से कहा ! वाह !!क्या लिखती हो।श्वेत इक लेखिका ✍️ है।जैसे जैसे श्वेता लोगों के बीच जाती जा रही थी लोगों के मुँह से अपनी प्रशंसा सुनना उसे अच्छा भी लग रहा था और मन ही मन ख़ुशी भी हो रही थी।नीता ने तो श्वेता को अपनी बाँहों मे भर ही लिया और कहने लगी ! ,आ आ हाहा !आ गई मेरी हीरे जैसे सहेली ,और कहने लगी !वाह यार !क्या लिखने लगी हो ।कहाँ से प्रेरणा मिल रही है तुम्हें।कई सवाल श्वेता के सामने रख दिये।कई बार हम यूँ ही बात को कह देते हैं।मतलब शायद हमें भी नहीं पता होता।वैसे ही श्वेता ने भी कह दिया।नहीं रे ! कहाँ आता था कुछ लिखना ✍️ जो देखती हूँ समझती हूँ अपने आसपास ,वही काग़ज़ पर लिख देती हूँ श्वेता अच्छे घराने की होने के बावजूद ,घमण्ड जैसा उस मे ज़रा भी न था।सीधी साधी सरल ,सहज स्वभाव की स्वामिनी श्वेता, इक ठहरी हुई सी शख़्सियत तो थी ही।कोई अच्छा या बुरा ,कोई कुछ भी उसे कह जाये।श्वेता उस पर सिर्फ़ मुस्कुरा कर ही जवाब देती।आज भी हाथ जोड़ कर नीता से बोली !”मै खुद को सब के पैरो की धूल ही समझती हूँ।सच कहूँ तो ,मै तो आप सब की जूती के बराबर भी नही।कहाँ है मुझ मे कोई लियाक़त। नीता ने उसे वही रोका और टोंकने के लिहाज़ से जो कहा ,उसने तो श्वेता की ज़िन्दगी ही बदल डाली।नीता ने श्वेता से कहा! क्या वाक़ई मे दिल से कह रही हो।श्वेता बोली हाँ नीता सच ही तो कह रही हूँ ,तू तो मुझे बचपन से जानती हो।कैसी चुप चुप सी रहा करती थी।चार लोगों के बीच बात भी नही कर पाती थी।नीता ने कहा ! “रूक जा रूक जा” मेरी जान !ज़रा सोच कर देख ,जब तुम आज यहाँ आई और मैं तुम्हें देख कर अगर ये कहती कि वो देखो सब के पैरो की जूती या धूल आ रही है तो क्या तुम इस बात को सहन कर पाती ? तो क्या तब भी ऐसे ही तुम्हारे चेहरे पर मुस्कुराहट होती ? क्या ऐसे ही तुमहारे चेहरा शांत दिखाई देता जैसे अब दिख रही हो ?एक मिनट के लिए तो श्वेता का सिर ही घूम गया।हम अकसर बातों को एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देते है मगर कुछ बाते सीधा दिल और रूह पर असर कर जाती है नीता की कही बात ने श्वेता को अन्दर तक झिंझोड़ दिया और सच में ,श्वेता थोड़ा रूकी ,सोचने लगी कि क्या वाक़ई में मेरा रिएक्शन यही होता, जब मैं आज पार्टी मे आई थी और अगर नीता ऐसे ही कह देती।दोस्तों !अकसर हम लोग यूं ही सरसरा सा कुछ भी कह देते है बिना सोचे समझे।तारीफ़ और अलोचना सुनते वक़्त हमारा रिएकशन क्या एक सा ही होता है ?कया हम अपनी आलोचना इतनी सहजता से स्वीकार करते है ? शायद नहीं ।” हमे किसी की भी बात का बुरा नही लगता क्या ? जब हम दोनों ही ,अच्छे या बुरे कैमेंट पर मुस्कुराने की ताक़त अर्जित कर लेंगे तो सच मे ही हम वो इन्सान बन सकेंगे जिस पर हमे खुद पर नाज हो सकेगा।सोने को कुन्दन बनने के लिये पहले ताप से गुजरना पड़ता है तब ही उसमे चमक आती है ठीक ऐसे ही ,हालात जो भी हो अच्छे या बुरे ।हमे कोई फ़र्क़ न पड़े हमारा रिएक्शन पाजिटिव ही हो ,तब ही हमारी शख़्सियत में निखार आ सकेगा ।इस दुनिया में सहज कुछ भी नही मिलता।सब की क़ीमत चुकानी पड़ती है हीरा जैसा व्यक्तित्व यूं ही नही बन सकता। बहुत कुछ सुनना या सहना पड़ता है।कया हम वाक़ई में इसके लिये तैयार हैं शायद नहीं। दोस्तों 🙏मान अपमान दोनों का ही स्वागत खुले दिल से स्वीकार करने की कोशिश जाये –🙏 लेखिका स्मिता कैंथ
प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने कीमतों में 10 से 15 रुपये की कटौती की; समय पर अनेक मोर्चों पर सरकारी हस्तक्षेप के कारण खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई : खाद्य सचिव
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव श्री सुधांशु पांडेय ने आज यहां कहा कि पिछले एक सप्ताह में वनस्पति, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और आरबीडी पामोलिन का थोक और खुदरा मूल्य गिरा है। खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुझान दिखने और आगे भी इसमें और गिरावट आने के साथ ही, भारतीय उपभोक्ता अपने खाद्य तेलों के लिए कम भुगतान की उम्मीद कर सकते हैं। खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति को भी कम करने में मदद मिलेगी। ।
श्री पांडे ने कहा, “सभी प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने कीमतों में 10-15 रुपये की कटौती की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निरंतर निगरानी, सभी हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव और सरकार के अनेक हस्तक्षेपों के कारण यह संभव हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक , फॉर्च्यून रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल का 1 लीटर पैक की एमआरपी 220 रुपये से घटकर 210 रुपये हो गया है। सोयाबीन (फॉर्च्यून) और कच्ची घानी तेल के 1 लीटर पैक की एमआरपी 205 रुपये से घटकर 195 रुपये हो गई है। केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के बाद तेल के मूल्यों में गिरावट आई है।
डीएफपीडी में संयुक्त सचिव पार्थ एस दास ने कहा कि महाराष्ट्र राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और कर्नाटक में चरण- I और चरण- II में क्रमशः 156 और 84 संस्थाओं का अचानक निरीक्षण किया गया। निरीक्षणों का अच्छा प्रभाव पड़ा क्योंकि आकस्मिक निरीक्षण के चरण- II में चूक करने वाली संस्थाओं की संख्या में कमी आई। उन्होंने कहा कि चरण-I में 53 संस्थाओं और चरण-II में जिन 12 संस्थाओं के निरीक्षण किए गए वह केन्द्रीय स्टॉक नियंत्रण आदेश पर चूक कर रही थी। सम्बद्ध राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि आवश्यक वस्तु कानून, 1955 के तहत कानून में किए गए प्रावधानों के अनुसार दोषी संस्थाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। हालांकि, उचित कार्रवाई करते हुए, राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि प्रतिकूल तरीके से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित न हो।
खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने की अपनी नवीनतम पहल में, सरकार ने शून्य आयात शुल्क और शून्य एआईडीसी पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 20 एलएमटी कच्चे सोयाबीन तेल और 20 एलएमटी कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) के आवंटन के लिए अधिसूचना जारी की है। ऐसा खाद्य तेलों की बढ़ती घरेलू कीमतों, घरेलू मांग में औसत वृद्धि और वैश्विक पाम तेल की उपलब्धता में अनिश्चितता / गिरावट को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल से खाना पकाने के तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए, केन्द्र सरकार ने पहले कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया था। इन तेलों पर कृषि उपकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। रिफाइंड सोयाबीन तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मूल शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है और रिफाइंड पाम तेल पर मूल शुल्क 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने रिफाइंड पाम तेल के मुफ्त आयात की अवधि 31.12.2022 तक बढ़ा दी है।
इसके अलावा, देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक सीमा 31 दिसंबर 2022 तक की अवधि के लिए लगाई गई है। नियंत्रण आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए, जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए प्रमुख तिलहन उत्पादक/उपभोक्ता राज्यों में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा रखे गए खाद्य तेलों और तिलहनों के स्टॉक का अचानक निरीक्षण करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की केन्द्रीय टीमों को नियुक्त किया गया था।
सरकार द्वारा सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में कटौती और इंडोनेशिया द्वारा निर्यात प्रतिबंध को हटाने के साथ समय पर उठाए गए उपरोक्त सभी हस्तक्षेपों ने खाद्य तेल कंपनियों के लिए खुदरा कीमतों में कटौती करने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाया। वैश्विक आपूर्ति में सुधार और टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) का संचालन से कच्चे खाद्य तेलों की कीमतों में और कटौती की उम्मीद की जा सकती है। सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए उत्पाद शुल्क को कम करने के हालिया फैसले ने सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने में मदद की है।
उपरोक्त वस्तुओं की कीमत की स्थिति पर दिन-प्रतिदिन बारीकी से नजर रखी जा रही है ताकि उनकी कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए उचित समय पर उपाय किए जा सकें। सचिव (खाद्य) की अध्यक्षता में कृषि-वस्तुओं पर अंतर-मंत्रालयी समिति किसान, उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि वस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी करती है। समिति साप्ताहिक आधार पर मूल्य की स्थिति की समीक्षा करती है, घरेलू उत्पादन, मांग, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की मात्रा के आधार पर खाद्य तेलों और अन्य खाद्य पदार्थों के संबंध में महत्वपूर्ण उपायों पर विचार करती है। ।
जरूरत पड़ने पर सरकार द्वारा समय पर हस्तक्षेप और उपायों का इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने पर एक संचयी प्रभाव पड़ा है और यह सुनिश्चित किया है कि कीमतें स्थिर रहें और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो।
सचिव ने वन नेशन वन राशन कार्ड के बारे में भी बात की जिसे अब पूरे देश में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 से अब तक 71 करोड़ से अधिक कुल पोर्टेबल लेनदेन की जानकारी दी गई। पोर्टेबल लेनदेन के माध्यम से 40 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने 79 करोड़ राशन कार्डों को रखने के लिए एक मजबूत केन्द्रीय डेटाबेस बनाया है जिसका उपयोग भारत सरकार जनता के लाभ के लिए भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए कर सकती है। इस डेटाबेस का उपयोग आयुष्मान भारत, पीएम किसान योजना, श्रम मंत्रालय के लिए कार्यान्वयन को गहराई से लागू करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग ने 4.74 करोड़ फर्जी राशन कार्ड हटा दिए हैं।
Read More »भारतीय नौसेना कर्मियों के मर्चेंट नेवी में स्थानांतरण के लिए भारतीय नौसेना और शिपिंग महानिदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
भारतीय नौसेना के सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के कर्मियों को मर्चेंट नेवी में स्थानांतरित करने के लिए भारतीय नौसेना (आईएन) और नौवहन महानिदेशालय के बीच 20 जून 2022 को एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, नौवहन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय एसटीसीडब्ल्यू (नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और निगरानी के मानक) परंपरा के अनुसार भारतीय नौसेना कर्मियों के प्रमाणीकरण की कल्पना की है, जो माननीय प्रधानमंत्री के वैश्विक नाविकों में भारतीय उपस्थिति और हिस्सेदारी का विस्तार करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए है। यह समझौता ज्ञापन नीली अर्थव्यवस्था सहित समुद्री क्षेत्र पर भारत सरकार के फोकस के साथ-साथ कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग के भी अनुरूप है।
इस बदलाव को प्रभावी करने के लिए विस्तृत प्रक्रिया डीजी शिपिंग द्वारा 2022 के डीजीएस आदेश 17 के माध्यम से जारी की गई है। यह आदेश नौसेना समुद्री सेवा और भारतीय नौसेना (आईएन) कर्मियों द्वारा दिए गए उन्नत प्रशिक्षण को विधिवत स्वीकार करता है जिसमें समुद्री के साथ ही तकनीकी, दोनों क्षेत्र में आईएन के लगभग सभी अधिकारियों और नाविकों के कैडर शामिल हैं। यह योजना नौसेना कर्मियों को आवश्यक ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरने के बाद और कुछ मामलों में एसटीसीडब्ल्यू प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी कर सक्षमता का प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करेगी। यह आईएन कर्मियों को भारत में और साथ ही दुनिया भर में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर विभिन्न पदनामों के लिए सहज स्थानांतरण में सहायता करेगा।
इस स्थानांतरण योजना को काफी परिश्रम और अंतर्राष्ट्रीय नियमों सहित कई कारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इन योजनाओं में कई प्रावधान हैं जो मर्चेंट नेवी में शीर्ष रैंक तक भी आईएन कर्मियों को सीधे बिठाने की पेशकश करते हैं। नौसेना में पर्याप्त अनुभव वाले आईएन कर्मी अब समुद्री क्षेत्र में असीमित टन भार के साथ विदेश जाने वाले जहाजों पर सीधे प्रमुख के रूप में और इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुख्य अभियंता के पद तक शामिल हो सकेंगे।
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