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राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए कोविड-19 वित्तीय पैकेज की दूसरी किस्त के तहत 890.32 करोड़ रूपए जारी

भारत सरकार ने 22 राज्यों / केन्‍द्र द्रशासित प्रदेशों को ‘ कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली तैयारी’  पैकेज की दूसरी किस्‍त के रूप में  890.32 करोड़ रूपए जारी किए हैं। इन राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, अरुणाचल प्रदेश,  मेघालय , मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम शामिल हैं। यह वित्तीय सहायता राशि इन राज्यों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों के हिसाब से जारी की गई है।

केन्‍द्र सरकार कोविड -19 प्रतिक्रिया और प्रबंधन में नेतृत्‍व की भूमिका में है इस सिलसिले में  राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्‍तीय मदद उपलब्‍ध करा रही है। प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन  में ‘ कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली तैयारी’  पैकेज की घोषणा की थी। इस मौके पर उन्‍होंने कहा था “केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस रोगियों का इलाज करने और देश के चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे कोरोना की जांच सुविधाओंव्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई)रोगियों को अलग रखे जाने तथा गहन चिकित्‍सा कक्ष में बिस्‍तरों , वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरणों की संख्या तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।  इसके साथ हीचिकित्सा और अर्धचिकित्‍सा कर्मियों के लिए प्रशिक्ष्‍ज्ञण की व्‍यवस्‍था भी होगी। मैंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवा उनकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। “

दूसरी किस्त  के रूप में जारी वित्तीय सहायता का उपयोग आरटी-पीसीआर मशीनों, आरएनए निष्कर्षण किट, ट्रुनेट और सीबीएनएएटी मशीनों तथा बीएसएल- II अलमारियाँ आदि की खरीद के साथ ही कोविड नमूनों के परीक्षण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, आईसीयू बेड,ऑक्सीजन जनरेटर, क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक और मेडिकल गैस पाइपलाइनें लगाने और बेड साइड ऑक्सीजन सांद्रता आदि की खरीद तथा कोविड से निबटने के लिए आशा कर्मियों सहित आवश्‍यक  मानव संसाधन और स्वास्थ्य कार्यबल तथा स्वयंसेवकों को प्रोत्साहन देने और उनके प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर को‍विड वारियर्स पोर्टल पर पंजीकृत स्‍वयंसेवकों को भी कोविड की ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा

कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली तैयारी’  पैकेज  की पहली किस्‍त के रूप में अप्रैल 2020 में राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों को 300 करोड़ रूपए जारी किए गए थे ताकि वे आवश्यक सुविधाओं, दवाओं और अन्य आपूर्ति की खरीद के साथ-साथ परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाने, अस्पताल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और निगरानी गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम हो सकें।

इस पैकेज के जरिए  राज्यों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों में  5,80,342 आइसोलेशन बेड, 1,36,068 ऑक्सीजन समर्थित बेड और 31,255 आईसीयू बेड उपलब्‍ध हुए हैं जिससे उनकी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रणाली मजबूत बनी हुई है। इसके साथ ही, इस पैसे से राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने 86,88,357 परीक्षण किट और 79,88,366 शीशी दवा (VTM) की खरीद की है। इसके अलावा  राज्यों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 96,557 मानव कार्य बल जोड़ा गया है इनमें से 6,65,799 को प्रोत्साहन राशि दी गई है। पैकेज में 11,821 कर्मचारियों के लिए एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर जाने आने के खर्च का  प्रावधान भी किया गया है। .

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प्रधानमंत्री मोदी 13 अगस्त 2020 को ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ के लिए प्‍लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 13 अगस्त 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ के लिए प्‍लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे।

सीबीडीटी ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख या बड़े कर सुधार लागू किए हैं। पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया एवं नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। ‘लाभांश वितरण कर’ को भी हटा दिया गया।

कर सुधारों के तहत टैक्‍स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है। आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गई हैं। हाल ही में शुरू की गई ‘दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) ’  के जरिए आधिकारिक संचार में अधिक पारदर्शिता लाना भी इन पहलों में शामिल है जिसके तहत विभाग के हर संचार या पत्र-व्यवहार पर कंप्यूटर सृजित एक अनूठी दस्तावेज पहचान संख्या अंकित होती है। इसी तरह  करदाताओं के लिए अनुपालन को ज्‍यादा आसान करने के लिए  आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म’ प्रस्‍तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके। इसी तरह स्टार्ट-अप्‍स के लिए भी अनुपालन मानदंडों को सरल बना दिया गया है।

लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से  आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर ‘विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020’ भी प्रस्‍तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं। करदाताओं की शिकायतों/मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई हैं। डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं। आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। यही नहीं, विभाग ने ‘कोविड काल’ में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी अनेक तरह के प्रयास किए हैं जिनके तहत रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ के लिए जो प्‍लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे वह प्रत्यक्ष कर सुधारों की यात्रा को और भी आगे ले जाएगा।  

आयकर विभाग के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन के साक्षी होंगे। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।  

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भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करना : सेना मुख्यालय ने आवेदन जमा करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) देने के लिए औपचारिक रूप से सरकारी अनुमोदन पत्र प्राप्त होने के परिणामस्वरूप, सेना मुख्यालय स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए महिला अधिकारियों की स्क्रीनिंग के लिए एक विशेष नंबर 5 चयन बोर्ड बुलाने की प्रक्रिया में है। इसके लिए सभी प्रभावित महिला अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत करने संबंधी दिशानिर्देश देने वाले विस्तृत प्रशासनिक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि बोर्ड उनके आवेदन पर विचार कर सके।

महिला विशेष प्रवेश योजना (डब्ल्यूएसईएस) और अल्प सेवा कमीशन महिला (एसएससीडब्ल्यू) के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जा रहा है, और उन्हें 31 अगस्त, 2020 तक सेना मुख्यालय में अपना आवेदन पत्र, विकल्प प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। सही दस्तावेज के साथ सही तरीके से आवेदन करने की सुविधा के लिए प्रशासनिक निर्देशों में नमूना प्रारूप और विस्तृत जांच सूची शामिल किए गए हैं।

कोविड की स्थिति की वजह से लगाए गए मौजूदा प्रतिबंधों के कारण, इन निर्देशों के प्रसार के लिए कई साधनों का इस्तेमाल किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये दस्तावेज़ प्राथमिकता के आधार पर सभी प्रभावित महिला अधिकारियों तक पहुंच सके। आवेदनों की प्राप्ति और उनके सत्यापन के तुरंत बाद चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा।

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शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भेंट को नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की

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शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भेंट को नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने  आज राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से शिष्टाचार भेंट की तथा उन्हें नई शिक्षा नीति 2020 की प्रति भेंट की। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुए सभी आधारभूत एवं व्यापक परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी से राष्ट्रपति जी को अवगत करवाया। श्री रामनाथ कोविंद ने शिक्षा नीति पर हुए व्यापक परामर्श पर अपनी खुशी व्यक्त की और अपनी शुभकामनाएं  दी। इससे पहले श्री निशंक भारत के उप राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू को भी नई शिक्षा नीति की प्रति भेंट कर चुके हैं।

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सुशील बवेजा जिनकी ख्याति अब सात समुद्र पार भी

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक श्री सुशील बवेजा ने
गुरू- स्व.रविन्द्र जैन जी का सानिध्य पाया
कई देशों की यात्रा कि
अनगिनत उपलब्धियाँ, एकल विद्यालय,फाऊडेशन अमेरिका के लिए पूरे अमेरिका में 157 कार्यक्रमों की प्रस्तुति
1980 से गीत, गजल,भजन में संगीत की दुनियां में कदम रखा ,
धारावाहिक-रामायण, श्री कृष्णा, जय हनुमान, साई बाबा जैसे सीरियस मे प्रख्यात एवं महान म्यूजिक डायरेक्टर स्व.रविन्द्र जैन जी के निर्देशन में गाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, भजन सम्राट, भजन अंलकार, भजन श्री से U.K, U.S.A. मे सम्मानित किया गया इनके लाखों चाहने वाले
YouTube और Face book मे हैं

इन्हें विभिन्न सम्मान से सम्मानित किया गया

लाजपत राय “विकट”
जन्म-8.1.1958.”मैनपुरी”उ.प्र.
पिता- स्व.मनोहर लाल बवेजा
माता- स्व.कौशल्या देवी
सृजन- 1990 से लेखन प्रारंभ
उपलब्धि- निरालाअंलकार सम्मान (उन्नाव)
ओजस्वी स्वर सम्मान (लखनऊ)
खेडापति सम्मान धार (म.प्र.)
सुभाष सम्मान (जबलपुर)
स्व.ब्रजेन्द्र अवस्थी स्मृति सम्मान प्रथम (लखीम पुर खीरी)
टी .वी.प्रकाशन -(वाह वाह क्या बात है) आस्था, संस्कार,एन .डी,सब,सोनी, कई चैनलों मे “”””
निवास- कतरास रोड, मटकुरिया धनबाद (झारखंड)

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प्रधानमंत्री ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया

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स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्र देश के सामने आने वाली चुनौतियों के कई समाधानों पर काम कर रहे हैं। समस्याओं के समाधान देने के साथ ही यह डाटा, डिजिटलीकरण और हाई-टेक भविष्य को लेकर भारत की आकांक्षाओं को भी मजबूत करता है। उन्होंने स्वीकार किया कि तेजी से बदलती 21वीं सदी में भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से खुद को भी बदलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नवाचार, अनुसंधान, डिजाइन, विकास और उद्यमिता के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य भारत की शिक्षा को और अधिक आधुनिक बनाना है और प्रतिभाओं के लिए अवसर पैदा करना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे 21वीं सदी के युवाओं की सोच, जरूरतों, उम्मीदों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नीति दस्तावेज नहीं है बल्कि 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है। उन्होंने कहा, ‘आज भी कई बच्चों को लगता है कि उन्हें ऐसे विषय के आधार पर आंका जाता है, जिसमें उनकी कोई रुचि नहीं है। माता-पिता, रिश्तेदारों, दोस्तों आदि के दबाव के कारण बच्चे दूसरों के द्वारा चुने गए विषयों को ही पढ़ने के लिए मजबूर होते हैं। इसका परिणाम यह है कि एक बड़ी आबादी जो अच्छी तरह से शिक्षित तो है लेकिन अधिकांश जो उन्होंने पढ़ा है, उनके लिए उपयोगी नहीं है।’ उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत की शिक्षा प्रणाली में एक व्यवस्थित सुधार लाकर इस दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास करती है और शिक्षा के उद्देश्य और सामग्री दोनों को बदलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि एनईपी सीखने, अनुसंधान और नवाचार पर फोकस करती है साथ ही स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के अनुभव को लाभदायक, व्यापक और ऐसा बनाने का विचार है, जो छात्र की स्वाभाविक रुचि का मार्गदर्शन कर सके।

छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह हैकाथॉन पहली समस्या नहीं है, जिसका समाधान निकालने की आपने कोशिश की है, न ही यह आखिरी है।’ उन्होंने युवाओं को तीन चीजें करने की सलाह दी: सीखना, सवाल पूछना और समाधान करना। उन्होंने कहा कि जब कोई सीखता है तो उसके पास सवाल करने की बुद्धि आती है और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस भावना को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि फोकस स्कूल बैग के बोझ से हटाकर, जो स्कूल के बाद नहीं रहता है, सीखने के फायदे की तरफ बढ़ना है- जो जीवन में काम (याद करने से लेकर महत्वपूर्ण सोच तक) आती है।

अंत:विषय अध्ययन पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंत:विषय अध्ययन पर जोर नई शिक्षा नीति की सबसे रोमांचक विशेषताओं में से एक है। यह अवधारणा लोकप्रियता हासिल कर रही है क्योंकि एक ही साइज सबके लिए फिट नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अंत:विषय अध्ययन पर जोर देने से यह सुनिश्चित होगा कि फोकस उस पर हो जो विद्यार्थी पढ़ना चाहता है, उस पर नहीं जो समाज उससे अपेक्षा करता है।

शिक्षा तक पहुंच

बाबा साहब अंबेडकर की बात का जिक्र करते हुए कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, पीएम ने कहा कि यह शिक्षा नीति भी उनके सुलभ शिक्षा के विचारों को समर्पित है। प्राथमिक शिक्षा से शुरू होकर शिक्षा तक पहुंच को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति बड़ी है। उन्होंने कहा कि नीति का लक्ष्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 2035 तक बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में नौकरी चाहने वालों की बजाय नौकरी देने वाले तैयार करने पर जोर दिया गया है। यानी एक तरह से यह हमारी मानसिकता और हमारे दृष्टिकोण में सुधार लाने की कोशिश है।

स्थानीय भाषा पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाने और विकसित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी भाषा में सीखने से लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति दुनिया का समृद्ध भारतीय भाषाओं से भी परिचय कराएगी।

वैश्विक एकीकरण पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैसे तो नीति लोकल (स्थानीय) पर केंद्रित है, पर वैश्विक एकीकरण पर भी समान रूप से ध्यान दिया गया है। शीर्ष वैश्विक संस्थानों को भारत में परिसर खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इससे भारतीय युवाओं को विश्वस्तरीय माहौल और अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में भी मददगार होगा। इससे भारत में विश्व-स्तरीय संस्थानों के निर्माण में भी मदद मिलेगी, जिससे भारत वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनकर उभरेगा।

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सुशांत सिंह राजपूत की गला घोंट कर हत्या हुई! सुब्रमण्यम स्वामी ने गिनाई ये 26 वजहें

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक नोट शेयर किया जिसमें उन्होंने कहा कि सुशांत के गले पर जो निशान मिले हैं वो किसी बेल्ट हैं वो कपड़े के नहीं है। उन्होंने दावा किया जब कोई आत्महत्या करता है को उसके मुंह से झांक निकलता है आंखे और जीफ भी बाहर आती है लेकिन सुशांत के केस में यह नहीं देखा गया।

सुशांत सिंह राजपूत की गला घोंट कर हत्या हुई! सुब्रमण्यम स्वामी ने गिनाई ये 26 वजहें

सुब्रमण्यम स्वामी हमेशा से ही अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। सुब्रमण्यम स्वामी राजनेता के साथ साथ कानून के भी अच्छे जानकार  हैं। सुशांत सिंह के केस में वह अक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सुशांत केस के लिए उन्होंने वकील का चयन करवाया साथ ही प्रधानमंत्री को लेटर लिख कर सीबीआई जांच की भी मांग की। सुशांत के केस में वह शुरू से ही साजिश बता रहे हैं। अब सुशांत सिंह राजपूत के केस में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हत्या का शक जताया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशम मीडिया पर सुशांत के केस से जुड़े 26 प्वाइंट शेयर किए है जो ये दावा करते है कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं  की बल्कि उनकी हत्या की गयी हैं। 

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सुब्रमण्यम स्वामी ने एक नोट शेयर किया है जिसमें उन्होंने कहा कि सुशांत के गले पर जो निशान मिले हैं वो किसी बेल्ट हैं वो कपड़े के नहीं है। उन्होंने दावा किया जब कोई आत्महत्या करता है को उसके मुंह से झांक निकलता है आंखे और जीफ भी बाहर आती है लेकिन सुशांत के केस में यह नहीं देखा गया। साथ ही सुशांत के शरीर पर कई चोट के निशान थे उसके बारे में रिपोर्ट में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है जो काफी हैरान करने वाली बात है। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी दावा किया जिस कपड़े से सुशांत के फांसी लगाने का दावा किया जा रहा है उससे मुमकिन नहीं है फांसी को लगा पाना। सुशांत के कमरे से कोई स्टूल नहीं मिला है, सीसीटीवी भी नहीं थे साथ ही कमरे की एक चाभी भी गायब थी। यह सब इत्तेफाक नहीं है। सुशांत की हत्या कि गयी है। उन्होंने मुंबई पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। स्वामी के इन दावों में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगी।

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डिजिटल शिक्षा पर “भारत रिपोर्ट-2020” जारी, मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने जारी की रिपोर्ट

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने आज डिजिटल शिक्षा पर भारत रिपोर्ट-2020 जारी की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों द्वारा घर पर बच्चों के लिए सुलभ और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने और उनके सीखने के क्रम में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अपनाए गए अभिनव तरीकों की विस्तृत व्याख्या करती है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वह इस रिपोर्ट को जरूर पढ़ें ​ताकि उन्हें दूरस्थ शिक्षा और सभी के लिए शिक्षा की सुविधा के लिए सरकार की ओर से की की गई विभिन्न पहलों की जानकारी मिल सके।

रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने शिक्षा को एक व्यापक कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है जिसका लक्ष्य प्री-नर्सरी से लेकर उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं तक स्कूलों के व्यापक स्पेक्ट्रम में डिजिटल शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है। गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा ने वैश्वीकरण के वर्तमान संदर्भ में एक नई प्रासंगिकता हासिल कर ली है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षकों, विद्वानों और छात्रों को सीखने की उनकी ललक में मदद करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि “दीक्षा मंच”, “स्वयं प्रभा टीवी चैनल”, ऑनलाइन एमओओसी पाठ्यक्रम, ऑन एयर– “शिक्षा वाणी”, दिव्यांगों के लिए एनआईओएस द्वारा विकसित “डेजी, ई-पाठशाला”,  “ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (एनआरओईआर) की राष्ट्रीय रिपोजिटरी”, टीवी चैनल, ई-लर्निंग पोर्टल, वेबिनार, चैट समूह और पुस्तकों के वितरण सहित राज्य/केन्द्र शासित सरकारों के साथ अन्य डिजिटल पहल।

      रिपोर्ट में प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी, मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल “निशंक”, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, श्री संजय धोत्रे और स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव, एमएचआरडी, श्रीमती अनीता करवाल के संदेश हैं। रिपोर्ट को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों के परामर्श से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डिजिटल शिक्षा प्रभाग द्वारा तैयार किया गया है।

      इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों ने छात्रों के द्वार पर डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य भी किया है। छात्रों से जुड़ने के लिए कुछ प्रमुख माध्यमों के रूप में सोशल मीडिया टूल जैसे व्हाट्सएप ग्रुप, यू ट्यूब चैनल, आनलाइन कक्षाएं, गूगल मीट, स्काइप के साथ ई-लर्निंग पोर्टल, टीवी (दूरदर्शन और क्षेत्रीय चैनल), रेडियो और दीक्षा का उपयोग किया गया जिसमें दीक्षा का उपयोग सभी हितधारकों की सबसे प्रमुख पसंद थी।

      राज्य सरकारों द्वारा की गई कुछ प्रमुख डिजिटल पहल में राजस्थान में “स्माइल” (सोशल मीडिया इंटरफेस फॉर लर्निंग एंगेजमेंट), जम्मू में “प्रोजेक्ट होम क्लासेस”, छत्तीसगढ़ में “पढ़ाई तुहार दुवार” (आपके द्वार पर शिक्षा), बिहार में “उन्नयन” पहल पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से शिक्षा, दिल्ली में एनसीटी का अभियान “बुनियाद”, केरल का अपना शैक्षिक टीवी चैनल (हाई-टेक स्कूल प्रोग्राम), “ई-विद्वान पोर्टल” और साथ ही मेघालय में शिक्षकों के लिए मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम शामिल हैं। तेलंगाना में कोविड संकट के दौरान शिक्षकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है।

      कुछ राज्यों ने दूरस्थ शिक्षा की सुविधा के लिए नवीन मोबाइल ऐप और पोर्टल लॉन्च किए हैं। मध्य प्रदेश ने टॉप पैरेंट ऐप लॉन्च किया है, जो एक नि:शुल्क मोबाइल ऐप है जो छोटे बच्चों के माता-पिता (3-8 साल) को बाल विकास के ज्ञान और व्यवहारों की सीख देता है ताकि उन्हें अपने बच्चों के साथ सार्थक जुड़ाव बनाने में मदद मिल सके। केएचईएल (इलेक्ट्रॉनिक लर्निंग के लिए नॉलेज हब), एक गेम आधारित एप्लीकेशन भी शुरू किया गया है, जो कक्षा एक से लेकर कक्षा 3 तक के छात्रों के लिए है। उत्तराखंड “संपर्क बैंक ऐप” का उपयोग कर रहा है, जिसके माध्यम से प्राथमिक स्कूल के छात्र एनिमेटेड वीडियो, ऑडिओ, वर्कशीट, पहेलियों आदि का उपयोग कर सकते हैं। असम ने कक्षा 6 से 10. के लिए “बिस्वा विद्या असम मोबाइल एप्लिकेशन” लॉन्च किया है। बिहार ने कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए ई-पुस्तकों के साथ “विद्यावाहिनी ऐप” लॉन्च किया है। “उन्नयन बिहार पहल” के तहत बिहार सरकार ने छात्रों के लिए “मेरा मोबाइल मेरा विद्यालय” शुरू किया है। इसी तरह शिक्षकों के लिए “उन्नयन बिहार” के तहत शिक्षक ऐप शुरू किया गया है। चंडीगढ़ ने कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के सीखने के परिणाम का आकलन करने के लिए “फीनिक्स मोबाइल एप्लिकेशन” लॉन्च किया है। महाराष्ट्र ने राज्य में छात्रों के लिए “लर्निंग आउटकम स्मार्ट क्यू मोबाइल ऐप” लॉन्च किया है। पंजाब ने कक्षा 1 से 10 तक के लिए आई स्कूएला लर्न मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है। “सिक्किम एडुटेक ऐप” राज्य शिक्षा विभाग के तहत सिक्किम के सभी स्कूलों को जोड़ता है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक इकाइयों के साथ-साथ अभिभावकों को भी लॉगिन करने की सुविधा दी गई है। त्रिपुरा में छात्रों के मूल्यांकन की सुविधा के लिए ‘एम्पॉवर यू शिक्षा दर्पण’ नाम का एक एप्लिकेशन शुरू किया गया है। उत्तर प्रदेश ने 3-8 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित करते हुए “टॉप पैरेंट ऐप” लॉन्च किया है। वर्तमान में बच्चों के लिए “चिंपल”, “मैथ्स मस्ती” और “गूगल बोलो” जैसे तीन बेहतरीन एडुटेक ऐप हैं।

      राज्य भी शिक्षा के एक माध्यम के रूप में व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं और शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। “ओडिशा शिक्षा संजोग”- ओडिशा में एक व्हाट्सएप आधारित डिजिटल लर्निंग कार्यक्रम शुरू किया गया है जो एक सुव्यवस्थित तरीके से वर्ग समूहों के साथ ई-सामग्री साझा करता है। व्हाट्सएप के माध्यम से पंजाब और पुद्दुचेरी में भी ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। राजस्थान व्हाट्सएप का उपयोग “हवामहल- खुशनुमा शनिवार” कार्यक्रम के लिए कर रहा है, जहां छात्र कहानियों को सुनकर व्हाट्सएप के माध्यम से दिए गए निर्देशों के आधार पर खेल, खेल सकते हैं। मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला उत्तर प्रदेश में शिक्षकों और छात्रों के बीच संपर्क का एक व्हाट्सएप समूह है। हिमाचल प्रदेश ने तीन व्हाट्सएप अभियान शुरू किए हैं, जैसे, “करोना”, “थोड़ी मस्ती, थोड़ी पढ़ाई” और जहां राज्यों द्वारा ई-सामग्री की व्यवस्था की गई है ‘वहां हर घर पाठशाला’। छात्र इसकी मदद से अपने सवाल हल करते हैं और उस पर शिक्षक अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए, इस अभियान का नाम “हम किसी से कम नहीं- मेरा घर पाठशाला” रखा गया है। सामग्री को व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से साझा किया जा रहा है जिसके साथ विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।  

कई राज्यों को इंटरनेट के बिना कम तकनीकी रूपों के साथ शिक्षण और निर्देशन के लिए रचनात्मक उपायों को अपनाना पड़ा है। उदाहरण के लिए- अरुणाचल प्रदेश में, प्राथमिक कक्षा के छात्र ऑल इंडिया रेडियो, ईटानगर के माध्यम से अपनी मातृभाषा में दिलचस्प रेडियो वार्ताएँ प्राप्त कर रहे हैं। झारखंड के जिलों में क्षेत्रीय दूरदर्शन और उपलब्ध रेडियो स्लॉट के माध्यम से बच्चों को संबोधित करने वाले वास्तविक शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। स्थानीय टीवी चैनलों पर वर्चुअल कंट्रोल रूम के माध्यम से कक्षाओं को प्रसारित करने की पुद्दुचेरी की ऐसी ही पहल है। मणिपुर ने कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों के लिए कॉमिक पुस्तकों की शुरुआत की है ताकि उन्हें मजेदार तरीके से अवधारणाओं को सीखने में मदद मिल सके। लद्दाख जैसे कम कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए ईएमबीआईबीई बैंगलोर गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग कर रहा है। वर्तमान समय में सामुदायिक जुड़ाव सबसे कठिन काम है ऐसे में स्थानीय और व्यक्तिगत संसाधनों का महत्व ज्यादा हो गया है। हरियाणा राज्य द्वारा क्विज प्रतियोगिताओं जैसी लोकप्रिय सुविधाएँ आयोजित की जाती हैं।

      दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने की चुनौतियों से निपटने के लिए, एनआईओएस और स्वयं प्रभा सामग्री उन बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जो इंटरनेट से नहीं जुड़े हैं और जिनकी रेडियो और टीवी तक सीमित पहुंच है। नवोन्मेषी माध्यमों से सामग्री उपलब्ध कराने के लिए राज्यों की पहल समावेशी शिक्षा को सुनिश्चित कर रही है। उदाहरण के लिए- आंध्र प्रदेश ने महत्वपूर्ण विषयों को समझने और अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए छात्रों के लिए टोल फ्री कॉल सेंटर और टोल फ्री वीडियो कॉल सेंटर शुरू किया है। खराब मोबाइल कनेक्टिविटी और इंटरनेट सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण, छत्तीसगढ़ ने मोटर ई-स्कूल शुरू किया है। राज्य ने वीएफएस (वर्चुअल फील्ड सपोर्ट) के रूप में एक टोल फ्री नंबर भी शुरू किया है। झारखंड ने रोविंग शिक्षक की शुरुआत की है, जहां कई शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आते हैं। गुजरात ने जुबानी पढ़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए- वंचन अभियान और बच्चों के लिए “मैलो-सलामत ए हंफैलो” (परिवार का घोंसला-सुरक्षित है) जैसा सामाजिक मनोवैज्ञानिक सहायता कार्यक्रम चलाया है। पश्चिम बंगाल ने भी छात्रों के लिए विशेष और समर्पित टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।

      सुदूर क्षेत्रों में समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी और बिजली आपूर्ति सही नहीं है राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी बच्चों के घर पर पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया है। जिन राज्यों ने छात्रों तक पहुँचने के लिए यह पहल की है, ओडिशा, मध्य प्रदेश (दक्शता उन्नाव कार्यक्रम के तहत), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव आदि शामिल हैं। लक्षद्वीप ने छात्रों को ई-सामग्री से लैस टैबलेट वितरित किए हैं। नगालैंड ने छात्रों को नाममात्र की लागत पर डीवीडी/पेन ड्राइव के माध्यम से अध्ययन सामग्री वितरित की है। जम्मू और कश्मीर ने दृष्टिबाधित शिक्षार्थियों के लिए लैपटॉप और ब्रेल स्पर्श पठनीयता के साथ छात्रों को मुफ्त टैब वितरित किए हैं।

      डिजिटल शिक्षा पहल भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए मददगार बन रही है। गोवा ने राज्य में प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एम्बाइब, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सीखने, अभ्यास और परीक्षण के लिए ऑनलाइन मंच के साथ साझेदारी की है। कर्नाटक ने दूरदर्शन के माध्यम से एक परीक्षा तैयारी कार्यक्रम, और एक एसएसएलसी परीक्षा तैयारी कार्यक्रम शुरू किया है। एनईईटी परीक्षा की तैयारी करने वाले तमिलनाडु के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त छात्रों के लिए विस्तृत विश्लेषण के साथ ऑनलाइन अभ्यास परीक्षण उपलब्ध हैं।

      राज्यों द्वारा विविध आवश्यकताओं को पूरा करने की जरूरत, भाषा पर पूरा नियंत्रण रखने के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास भी सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुए एनसीटी दिल्‍ली द्वारा उच्च कक्षाओं के लिए शिक्षा सामग्री तैयार की गई है। लॉकडाउन के कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों को मजेदार तरीके से पढ़ाने के लिए ऐसी सेवाओं की एसएमएस/आईवीआर के माध्यम से व्यवस्था की जा रही है। इसी तरह तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्य भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश और गुजरात सक्रिय रूप से विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस प्रकार से सभी राज्यों के शिक्षा विभाग मिलकर दूरस्थ शिक्षा के रास्ते में आने वाली ​मुश्किलों को दूर करने के लिए पूरी तरह समर्पित और प्रतिबद्ध हैं।

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कई दिनों के इलाज के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने ली आखिरी सांस.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, कई दिनों के इलाज के बाद आज ली आखिरी सांस

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया। मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर ली अंतिम सांस ली। लालजी टंडन के निधन के बाद उनके बेटे और यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन  ट्वीट करके कहा कि बाबूजी नहीं रहे। 

गौरतलब है कि लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब में परेशानी की वजह से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मंगलवार को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल, वरिष्ठ राजनेता लालजी टंडन जी के निधन पर सादर पुष्पांजलि। सार्वजनिक जीवन में विविध पदों पर रहते हुए आप देश तथा आमजन की सेवा में सदैव तत्पर रहे। उनका दीर्घ अनुभव तथा संवैधानिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ उनकी सलाह को महत्वपूर्ण बनाती थी। 

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कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी

भाईयों को डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी बहने ।

कोरोना संक्रमण के बीच भाई- बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए बहनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस हेतु जीपीओ और प्रधान डाकघरों में विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ कर दी गई है। उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे इस हेतु गोंद की आवश्यकता नहीं होगी। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र  है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ ‘हैप्पी राखी’  लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी। 

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री आरएन यादव ने बताया कि जीपीओ से सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं। जीपीओ में राखी लिफाफे खरीदने आई निहारिका गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।

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