भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देश में हुए कार्यक्रम में महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया। मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीतकमल ने सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की छात्राओं से बताया कि हमारा मानना है कि हर लड़की और महिला को सम्मान के साथ अपने मासिक धर्म का प्रबंधन करने का अधिकार है, और हमारा लक्ष्य एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां मासिक धर्म अब शर्म या डर का स्रोत नहीं रह जाए। महिलाओं के लिए चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 के विषय में भी जानकारी दी गई |सभी छात्राओं को सेनेटरी पैड भी बांटे गए। इसमें हमारे शहरों को साफ रखने के लिए पैड के उचित निपटान के बारे में जागरूकता फैलाना भी शामिल था| इस दौरान अंजली, प्राची ,सिमरन, फैरी,प्रियांशी, शाजिया, साची आदि मौजूद रहे।
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शिक्षक दिवस के अवसर पर जनपद कानपुर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षक सम्मानित
कानपुर 5 सितंबर जिलाधिकारी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार मे जनपद कानपुर नगर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षकों को सम्मान किया। आज जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया उन शिक्षकों द्वारा विद्यालय में नामांकन, उपस्थित, नवाचार, निपुण भारत मिशन इत्यादि में उत्कृष्ट कार्य किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा अपने उद्बबोधन में कहा कि शिक्षक बच्चों को तीन से चार वर्ष की आयु के बाद पढ़ाना शुरू कर देता है और 13 से 14 साल तक की आयु होने तक बेसिक शिक्षाp के अंतर्गत पढ़ाते है। शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक है एवं बेहतर भारत के निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है, जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित शिक्षकों से अपेक्षा की गई कि कि जनपद में शिक्षक सभी बच्चों को निपुण बनाएं,विद्यालय मे बेहतर वातावरण का सृजन करें, विद्यालयों में सड़क सुरक्षा, स्काउट गाइड, नशा विरुद्ध अभियान आदि जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके तथा उन्हें सभी तरह की जानकारी प्राप्त हो सके, जिसके अंतर्गत बच्चों को क्या करना है क्या नहीं करना है इसके विषय में भी उन्हें जानकारी दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दीक्षा जैन ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए निपुण भारत मिशन के उद्देश्य को सफल बनाने तथा टीएलएम के माध्यम से सीखने के लिए शिक्षकों से अपेक्षा की गई।
कार्यक्रम में सुरजीत कुमार सिंह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,श्री शिशिर जयसवाल वित्त एवं लेखाधिकारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षक उपस्थित रहे।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पैरा-बैडमिंटन दल को सम्मानित किया, असाधारण प्रदर्शन के लिए खिलाडियों की प्रशंसा की
उन एथलीटों के लिए जो पदक से चूक गए, डॉ. मांडविया ने प्रोत्साहन के शब्द व्यक्त करते हुए कहा, “हमने पदक नहीं खोए हैं, हमने अमूल्य अनुभव प्राप्त किया है मुझे विश्वास है कि भविष्य के पैरालिंपिक खेलों में हमारी पदक संख्या और बढ़ेगी और आप में से प्रत्येक विजेता बनकर उभरेगा।” अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की प्रगति के बारे में बात करते हुए, डॉ. मांडविया ने पिछले दशक में ओलिंपिक खेलों और पैरालिंपिक खेलों, दोनों में देश के बेहतर प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हमने वैश्विक मंच पर अपनी योग्यता सिद्ध करते हुए अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है।” केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने पैरा-एथलीटों को बेहतर सुविधाएं, प्रशिक्षण और उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता करने के अवसरों के साथ समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया उन्होंने भारतीय दल को निरंतर सहायता का आश्वासन दिया और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं में और भी ऊंचे लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
पांच पदक विजेताओं में नितेश कुमार (स्वर्ण), सुहास एलवाई (रजत), थुलासिमथी मुरुगेसन (रजत), निथ्या श्री (कांस्य) और मनीषा रामदास (कांस्य) शामिल हैं।
भारत ने 03 सितंबर, 2024 को स्पर्धाओं के अंत तक कुल 20 पदक हासिल कर लिए हैं, जो टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में हासिल किए गए 19 पदकों की पिछली संख्या को पार कर गया है। पैरा-एथलीटों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेष रूप से लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) के अंतर्गत सहायता के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने संबंधित खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने का श्रेय इस योजना को दिया।
खेलों में भाग लेने वाले 13 पैरा बैडमिंटन खिलाडियों के लिए पेरिस पैरालिंपिक खेलों की तैयारी के लिए भारत सरकार द्वारा कुल 19 विदेशी यात्राओं की सुविधा प्रदान की गई थी।
भारत में वस्त्र उद्योग के साल 2030 तक 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने और इसमें 3.5 करोड़ नौकरियां उत्पन्न होने का अनुमान है: गिरिराज सिंह
श्री सिंह ने कहा कि वस्त्र के लिए केंद्र सरकार की पीएलआई योजना परिधान उद्योग को उत्पादन बढ़ाने और अपनी ब्रांडिंग को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी। इसके अलावा मंत्री ने यह भी कहा कि पीएलआई योजना से वस्त्र मूल्य श्रृंखला को जोड़ने में सहायता मिलेगी और देश में एफडीआई को आकर्षित किया जा सकेगा।
श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनसांख्यिकी लाभ भारत को चीन से आगे बढ़ने में सहायता करेगा। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकारों से इस आयोजन में समान रूप से हिस्सा लेने का अनुरोध किया। मंत्री ने आगे कहा, “नवाचार, सहभागिता और मेक इन इंडिया की भावना के साथ यह आयोजन माननीय प्रधानमंत्री की ‘5एफ- फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन’ सोच का मूर्त रूप है।”
भारत टेक्स- 2025 एक वैश्विक वस्त्र कार्यक्रम है। इसका आयोजन वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) के एक संघ की ओर से किया जा रहा है और इसे वस्त्र मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। 14-17 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले भारत टेक्स- 2025 कार्यक्रम को वैश्विक स्तर के वस्त्र व्यापार मेले और ज्ञान मंच के रूप में स्थापित किया गया है।
यह आयोजन दो अत्याधुनिक स्थलों- नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम् और ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर व मार्ट में एक साथ आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य कार्यक्रम 14-17 फरवरी, 2025 तक भारत मंडपम् में आयोजित किया जाएगा और इसमें वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को कवर किया जाएगा। वहीं, 12 से 15 फरवरी, 2025 तक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में हस्तशिल्प, परिधान मशीनरी, जातीय परिधान से संबंधित प्रदर्शनियां प्रदर्शित की जाएंगी।
भारत टेक्स- 2025 का लक्ष्य साल 2024 के संस्करण की शानदार सफलता को और आगे बढ़ाना है। लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और वस्त्र स्थिरता की दोहरी विषयवस्तुओं के आस-पास निर्मित इस वर्ष का शो पहले संस्करण की तुलना में और भी अधिक जीवंत और आकर्षक होने का संकल्प करता है, जो शीर्ष नीति निर्माताओं, वैश्विक सीईओ, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों और वैश्विक खरीदारों को आकर्षित करेगा।
2,00,000 वर्ग मीटर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 5,000 से अधिक प्रदर्शक, 110 से अधिक देशों के 6,000 अंतरराष्ट्रीय खरीदार और 1,20,000 से अधिक आगंतुकों के हिस्सा लेने की आशा है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में लगभग 100 अंतरराष्ट्रीय वक्ता भी हिस्सा लेंगे।
भारत टेक्स प्रदर्शनी में परिधान, घरेलू सामान, फर्श कवरिंग, फाइबर, यार्न, धागे, कपड़े, कालीन, रेशम, वस्त्र आधारित हस्तशिल्प, तकनीकी वस्त्र और कई अन्य वस्तुएं प्रदर्शित होंगी। इसके अलावा इसमें भारत के फैशन खुदरा बाजार के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक रिटेल हाई स्ट्रीट भी होगा। इसके अलावा हस्तशिल्प व परिधान मशीनरी पर प्रदर्शनियां, पारंपरिक परिधानों के प्रदर्शन को सहयोगी स्थल- ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में आयोजित किया जाएगा।
इस वस्त्र महोत्सव में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें वैश्विक स्तर का व्यापार मेला व एक्सपो, वैश्विक स्तर का वस्त्र सम्मेलन, सेमिनार, सीईओ गोलमेज सम्मेलन और बी2बी व जी2जी बैठकें शामिल हैं। इसके अलावा इसमें रणनीतिक निवेश की घोषणाएं, उत्पादों की लॉन्चिंग और वैश्विक कपड़ा उद्योग को नया आकार देने के लिए सहभागिताओं की घोषणाएं भी शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में आने वाले लाइव प्रदर्शनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फैशन प्रस्तुतियों, डिजाइनर व ब्रांड प्रदर्शनियों का आनंद प्राप्त करने के साथ स्थिरता कार्यशालाओं और विशेषज्ञ वार्ताओं में अपनी मौजूदगी दर्ज कर सकते हैं।
भारत टेक्स- 2025 के पूर्वावलोकन समारोह में उद्योग संघों, वस्त्र क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक प्रतिष्ठित सभा आयोजित हुई। भारत टेक्स- 2024 एक्सपो के बारे में अधिक जानकारी www.bharat-tex.com पर उपलब्ध है।
भारतीय पैरालंपिक दल द्वारा अब तक के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम करने पर प्रधानमंत्री ने अपार गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की
प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा है ;
“भारत गौरवान्वित और प्रफुल्लित है!
हमारे असाधारण पैरालंपिक दल ने पैरालंपिक में हमारे देश के लिए अब तक के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम किया है। यह हमारे खिलाड़ियों के समर्पण, जुनून और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। प्रत्येक खिलाड़ी को बधाई।
नई पेंशन योजना कितनी कारगर?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यूनिफाइड पेंशन योजना लागू की जिसके तहत इस योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा साथ ही यह भी कहा गया कि 2004 के बाद रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना एनडीए गवर्नमेंट की नई योजना है जिसे नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस के समांतर जारी किया गया है और यह योजना 1अप्रैल 2025 से लागू होगी। गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस में से एक को चुनने का विकल्प रखा गया है। वहीं देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना ओपीएस अभी भी लागू है। अब ऐसे में लोगों को ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस में अंतर करना मुश्किल हो रहा है, लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि कौन सी योजना उनके लिए लाभदायक है और उनके लिये अनुकूल होगी।
यूपीएस पेंशन योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दिया जाएगा जो आखरी 12 महीने की औसत मूल वेतन का 50% होगा। कर्मचारियों को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक नौकरी करनी होगी। वहीं अगर किसी कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने की स्थिति में परिवार (पत्नी) को 60 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा 10 साल तक की न्यूनतम सेवा की स्थिति में कर्मचारी को कम से कम 10 हज़ार रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा कर्मचारी और फ़ैमिली पेंशन को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा। इसका लाभ सभी तरह की पेंशन में मिलेगा। वहीं ग्रैच्युटी के अलावा नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त रकम दी जाएगी। इसकी गणना कर्मचारियों के हर छह महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के दसवें हिस्से के रूप में होगी।
सरकार का दावा है कि इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। पहले कर्मचारी पेंशन के लिए 10 प्रतिशत का अंशदान करते थे और केंद्र सरकार भी इतना ही अंशदान करती थी, लेकिन 2019 में सरकार ने सरकारी योगदान को 14 प्रतिशत कर दिया था, जिसे बढ़ाकर अब 18.5 प्रतिशत कर दिया जाएगा। नयी एकीकृत पेंशन योजना 1अप्रैल 2025 से लागू होगी, तब तक इसके लिए संबंधित नियमों को बनाने के काम किया जाएगा और कर्मचारियों के पास एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम या यूपीएस में रहने का विकल्प होगा।
एनपीएस के तहत दो अकाउंट होते हैं टायर 1 टायर 2 जिसे कोई भी खोल सकता है और निवेश कर सकता है। यूपीएस एक निश्चित पेंशन स्कीम है साथ ही फैमिली पेंशन भी मिलेगा। मिनिमम निश्चित पेंशन का भी प्रावधान है जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं है। यूपीएस सुरक्षित पेंशन योजना है जबकि एनपीएस एक मार्केट लिंक योजना है लेकिन देश में सरकारी कर्मचारी काफी समय से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले 10 सालों से यह मसला उलझा हुआ है और कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इस योजना के लागू होने के साथ ही यह सवाल भी आने लगे हैं कि जब एनपीएस और यूपीएस का विकल्प है तो ओपीएस का विकल्प क्यों नहीं रखा गया? यदि यूपीएस में 50% देने की बात रखी गई है तो ओपीएस में भी तो यही 50% देने की बात कही गई है। फिर सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू क्यों नहीं कर रही है?
दरअसल ओपीएस एक परिभाषित लाभ योजना है जो वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर समायोजन के साथ जीवन भर पेंशन के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन के आधे हिस्से की गारंटी देती है। वहीं, एनपीएस एक परिभाषित योगदान योजना है जहां सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों के विषय में कुछ नहीं कहा गया है। यह कर्मचारी भी देश के विकास में टैक्स के रूप में रकम चुकाते हैं।
कई विधानसभा चुनाव में ओपीएस की मांग भाजपा पर भारी पड़ी है और वहां कांग्रेस को फायदा पहुंचा है। अब फिर से विधानसभा चुनाव का सिलसिला शुरू हो गया है ऐसे में भाजपा 370 जैसे कार्ड के अलावा नई पेंशन योजना द्वारा सरकारी कर्मचारियों को लुभा रही है। 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभान्वित होने की बात कही गई है और इन्हीं कर्मचारियों में से अधिकतर ने पुरानी पेंशन योजना की मांग रखी है। दूसरी ओर एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या यह चुनावी वादों से घिरे प्रधानमंत्री की छवि को सुधारने का प्रयास है?
~प्रियंका वर्मा माहेश्वरी
Read More »पी०के० इण्डस्ट्रीज में दादू ब्रांड नाम से बनाया जा रहा था अत्यंत गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक
कानपुर 03 सितम्बर, (सू0वि0) सहायक आयुक्त खाद्य-II, कानपुर नगर संजय प्रताप सिंह ने बताया है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, संजय वर्मा एवं डा० अजय कुमार मौर्य के द्वारा हंसपुरम नौबस्ता कानपुर नगर स्थित पी०के० इण्डस्ट्रीज में औचक छापेमारी की गयी उक्त इण्डस्ट्री में अत्यन्त गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक दादू ब्राण्ड के नाम से पैकिंग कर मानव उपभोग हेतु विक्रयार्थ भण्डारित करते हुए पाया गया। काला नमक में साधारण नमक की मिलावट की जा रही थी। कार्यस्थल पर कार्मिको द्वारा तैयार व पैक्ड नमक पर जूते पहनकर चला जा रहा था। तत्क्रम में उपरोक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा मौके पर ही सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक के तीन नमूने संग्रहित किये गये एवं साथ ही 25 कुन्टल काला नमक, कीमत 1,99,680/- (रू० एक लाख निन्याबे हजार छः सौ अस्सी) तथा 50 कुन्टल साधारण नमक कीमत 24,995/- (रू० चौबीस हजार नौ सौ पन्चानबे) को सीज कर दिया गया। निर्माणस्थल की साफ-सफाई व अन्य कार्यों के सुधार करने तक वहां पर निर्माण कार्य को रोक दिया गया।
Read More »दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत दी जाएगी प्रोतसाहन राशि
कानपुर 02 सितंबर (सू0वि0) जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी विनय उत्तम ने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत दम्पत्ति मे से युवक के दिव्यांग होने की दशा मे रू0 15000/- युवती के दिव्यांग होने पर रू० 20000/- तथा युवक-युवती दोनों के दिव्यांग होने की दशा मे रू0 35000/- की धनराशि दिये जाने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रण प्राप्त किये जा रहे है।
उन्होंने आवेदन के लिये पात्रता की शर्तों के बारे में बताया कि शादी के समय युवक की आयु 21 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो, शादी के समय युवती की आयु 18 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो, दम्पत्ति मे से कोई आयकर दाता न हो। (सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा निर्गत पृथक-पृथक आय प्रमाण पत्र), मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त दिव्यांगता प्रमाण पत्र के अनुसार स्थाई दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक होनी चाहिए, सिर्फ ऐसे दिव्यांग दम्पत्ति पात्र होंगे जिनका विवाह गत वित्तीय वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष मे हुआ हो, दम्पत्ति में से कोई सदस्य किसी आपराधिक मामले में दंडित न किया गया हो, दम्पत्ति का विवाह रजिस्ट्रार के स्तर पर पंजीकृत होना अनिवार्य नही है विवाह का कोई प्रमाण पत्र संलग्न करें, जिसके पास पूर्व से कोई जीवित पति या पत्नी न हो और उनके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक वाद न चल रहा हो।
उन्होंने बताया कि दिव्यांग शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत पात्र दम्पत्ति http://divyangjan.upsdc.gov.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते है। उन्होंने आवेदन करने के लिये आवश्यक दस्तावेज के बारे में बताया कि दम्पत्ति का दिव्यांगता प्रदर्शित करने वाला संयुक्त नवीनतम फोटो, विवाह पंजीकरण/शादी का कार्ड अथवा विवाह/शादी का अन्य कोई प्रमाण पत्र जिससे विवाह होना प्रमाणित हो सके, युवक एवं युवती का आय प्रमाण पत्र (तहसील द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र), युवक एवं युवती का आयु प्रमाण पत्र (हाई स्कूल की अंकतालिका अथवा परिवार रजिस्टर की नकल या चिकित्सक द्वारा प्रमाणित आयु प्रमाण पत्र), अनु०जाति/अनु०ज०जाति का होने की दशा मे जाति प्रमाण पत्र (तहसील द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र), मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत स्थाई दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक का दिव्यांगता प्रमाण पत्र, दम्पत्ति का राष्ट्रीयकृत बैंक में संचालित संयुक्त बैंक खाता, युवक एवं युवती का निवास प्रमाण पत्र, युवक एवं युवती का आधार कार्ड, आनलाइन भरे गये आवेदन पत्र की प्रिंट प्रति एवं वांछित अभिलेखों की स्वप्रमाणित हार्ड कापी कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी (सेवायोजन कार्यालय परिसर निकट जी०टी० रोड़ गोल चौराहा) कानपुर नगर मे जमा करे।
प्रदेश सरकार के ‘‘हर घर को नल से जल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 2.25 करोड़ आबादी को जलापूर्ति
लखनऊ: 02 सितम्बर, प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केन्द्र सहायतित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ‘‘हर घर को नल से जल‘‘ उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त अनाच्छादित बस्तियों को पाइप पेयजल योजनाआंे से वर्ष 2024 तक आच्छादित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के क्षेत्र मंे तेजी से कार्य किये गये है। प्रदेश में कुल 2.6584 करोड़ घरों को वर्ष 2024 तक शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित किया जाना लक्षित है।
प्रदेश में अब तक लगभग 2.2359 करोड़ (84.10ः) फन्कशनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफ0एच0टी0सी0) के माध्यम से ग्रामीण आबादी को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है तथा अवशेष लगभग 42.25 लाख घरों में एफ0एच0टी0सी0 का कार्य वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 41 सतही स्रोत जल आधारित एवं 423 भूजल आधारित पाइप पेयजल परियोजना के माध्यम से कुल 3748 राजस्व ग्रामों में 11,22,994 एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किये जाने के सापेक्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अद्यतन 10,92,000 एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है।
विन्ध्य क्षेत्र में 21 सतही स्रोत जल परियोजनाओं एवं 140 भूजल आधारित परियोजनाओं के माध्यम से 2998 राजस्व ग्रामों में 5,98,999 एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूति दिसम्बर, 2024 तक किये जाने के सापेक्ष अद्यतन 5,27,230 एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश के अन्य जनपदों हेतु 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवंटित किया गया है। प्रदेश के गुणता प्रभावित जनपदों आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बलिया, उन्नाव, प्रयागराज एवं चन्दौली के 6439 राजस्व ग्रामों में 14 सतही स्त्रोत आधारित योजनाओं का कार्य चयनित फर्मों द्वारा किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों की 58,287 ग्राम पंचायतों में कुल 163 आई0एस0ए0 संस्थाओं को कार्य आवंटित किया गया था। आई0एस0ए0 द्वारा तीन चरणों में जन जागरूकता संबंधित कार्य संपादित किए जा रहें है- योजना चरण, कार्यान्यवयन चरण, पोस्ट कार्यान्वयन चरण पर कार्य किये गये है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक राजस्व ग्राम में 05 महिलाओं को जल गुणवत्ता की जांच हेतु को एफ0टी0के0 के माध्यम से अब तक कुल 5,57,958 महिलाओें को प्रशिक्षित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 36,73,192 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 18,01,841 पेयजल स्रोतों की जांच की गयी है। प्रदेश में जल जीवन मिशन एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल 1,14,807 स्कूलों एवं 1,51,258 आंगनबाड़ी केन्द्रों मेें पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गयी है।
योजना के सुचारू रूप से संचालन एवं रखरखाव हेतु प्रदेश में प्रति ग्राम पंचायत 06 ट्रेड मेें 13 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 1,16,037 प्लम्बर, 116007 पम्प ओपरेटर, 1,15,505 मोटर मैकैनिक 1,16,078 फिटर, 1,16667 इलेक्ट्रीशियन तथा 175880 मेशन, कुल 756174 कर्मियों को प्रश्क्षिित करते हुये स्वरोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
योजना को भविष्य मेें सही दिशा में चलाये रखने हेतु पंचायती राज इंस्टीट्यूशन का प्रशिक्षण वर्तमान में चल रहा है जिसमें प्रधान, वार्ड मेम्बर्स, बी0डी0सी0 मेम्बर्स, जिला पंचायत सदस्य, सचिव, लेखपाल तथा रोजगार सेवक को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक 945959 हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा धनराशि रू0 22000.00 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। भारत सरकार द्वाररा केन्द्रांश में आवंटित धनराशि रू012621.95 करोड़ के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में धनराशि रू03786.58 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। राज्य सरकार द्वारा मैचिंग राज्यांश/शार्ट फॉल/सेन्टेज के सापेक्ष अब तक कुल धनराशि रू0 2498.80 करोड़ अवमुक्त की जा चुकी है। कुल उपलब्घ धनराशि के सापेक्ष अद्यतन रू0 4684.41 करोड़ व्यय किया गया है।
विश्वरूप एजुकेशन की निदेशिका डॉ. शैली बिष्ट प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान से सम्मानित
भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्वरूप एजुकेशन की निदेशक डॉ. शैली बिष्ट को क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम फोरम ऑफ पब्लिक स्कूल्स और विश्वरूप एजुकेशन द्वारा आयोजित किया गया था, और यह 31 अगस्त, 2024 को शालीमार बाग के ग्रीन लाउंज बैंक्वेट हॉल में हुआ। यह अवसर शिक्षक दिवस के साथ मेल खाता था, जिससे इस आयोजन का महत्व और महत्व और बढ़ गया। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी। इस अवसर की मुख्य अतिथि माननीय लोकसभा सदस्य श्रीमती कमलजीत सहरावत थीं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव श्री अशोक कुमार आईएएस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। समारोह के दौरान विभिन्न स्कूलों के लगभग 80 प्रधानाध्यापकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। प्रत्येक प्रिंसिपल को भावी पीढ़ी को आकार देने और अपने छात्रों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद, इन उल्लेखनीय शिक्षकों के प्रयासों का जश्न मनाने और उन्हें स्वीकार करने के लिए एक दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया। इसने उपस्थित लोगों को जुड़ने, अनुभव साझा करने और शिक्षा के क्षेत्र में आगे के सहयोग पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। कुल मिलाकर, माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान कार्यक्रम समाज के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को स्वीकार करने का एक यादगार और महत्वपूर्ण अवसर था।
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