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कानपुर

उप्र के समस्त जिलों में “सूचना संकुल” के निर्माण के सम्बन्ध में भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह ने मुख्य मंत्री को लिखा पत्र

कानपुर 1 मई भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेस / मीडिया कर्मियों के हितार्थ एक पत्र लिखा जिसमें उनके  द्वारा सभी जिलों में सूचना संकुल भवन के स्थापित कराए जाने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने लिखा कि मुख्य सचिव उप्र शासन के परिपत्र संख्या-588/उन्नीस / 2-2015-77/2015 दिनाँक 29.09. 2015 की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं कि उप्र के समस्त जिलों में (कुछेक को छोड़कर) ‘सूचना संकुल’ स्थापित किये जाने की घोषणा की जा चुकी है। ‘सूचना संकुल’ के परिसर में ही जिला सूचना कार्यालय, प्रेस / मीडिया कर्मियों के लिये एक सूचना केन्द्र, शासन / प्रशासन के विभिन्न पदाधिकारियों, गणमान्य एवं विशिष्ट व्यक्तियों के द्वारा प्रेसवार्ता करने हेतु मीडिया सेंटर स्थापित करने हेतु भूमि की निःशुल्क उपलब्धता करवाते हुए भवन का मानचित्र एवं उक्त पर आने वाले व्यय का आकलन जिले के आलाधिकारियों से की जा चुकी है। पीसीआई सदस्य ने आगे कहा कि अवगत हो कि उपरोक्त विषयक जिलाधिकारी कानपुर नगर व मंडलायुक्त कानपुर मंडल को समय-समय पर कई पत्र लिखें हैं और ‘सूचना संकुल’ निर्माण विषयक कई बार ध्यानाकर्षित किया है किन्तु अभी तक कोई भी सार्थक कार्यवाई नहीं की गई है, बल्कि उनके द्वारा कागजी औपचारिकता निभाते हुए उदासीनता का परिचय दिया गया है। पीसीआई सदस्य ने पत्र में लिखते हुए कहा कि हम आपसे अपेक्षा करते हैं, कानपुर नगर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ‘सूचना संकुल’ निर्माण हेतु यथोचित दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

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डी जी कॉलेज में व्याख्यानमाला के अंतर्गत “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर व्याख्यान अयोजित

कानपुर 29 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर के तथा भूगोल विभाग तथा मनोविज्ञान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही व्याख्यानमाला के अंतर्गत आज दिनांक 29 अप्रैल, 2023 को “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर एक व्याख्यान प्रो. जावेद हसन खान, सीनियर प्रोफेसर, भूगोल विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवहारवाद, सीखने का एक सिद्धांत है जो बताता है कि सभी व्यवहारों को कंडीशनिंग नामक प्रक्रिया के द्वारा मानव-पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों के माध्यम से सीखा जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा जी ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रो जाबिर हसन खान के द्वारा अनुसंधान एवं अकादमिक कार्यों के उन्नयन हेतु किए जा रहे प्रयास एवं उनके बौद्धिक व सामाजिक सोच निश्चित ही भूगोल विषय तथा समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
कार्यक्रम का संयोजन भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता सिरोही, धन्यवाद प्रस्ताव मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुषमा शर्मा व संचालन डॉ अंजना श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त प्रवक्ताये, डॉ शशि बाला सिंह, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ श्वेता गोंड़, डी ए वी कॉलेज से प्रो. अस्थाना, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत सभी शोधार्थियों व छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रहा।

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कानपुर समाचार

रावतपुर में शोहदै के हौसले बुलंद।

छेड़छाड़ का विरोध करने पर किया हमला।

रावतपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने एक युवक के सिर और गर्दन पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।

भाई को खून से लथपथ देख बहन के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने हमलावरों को खदेड़ दिया।

रावतपुर थाने में दर्ज की गई हत्या के प्रयास समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज।

बहन के साथ शोरूम से स्कूटी लेकर आ रहा था युवक।

रास्ते में दबंगों ने दोनों को घेरा।

घायल युवक का प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज।

युवक आईसीयू में है भर्ती ।

पूरा मामला रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत
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थाना रावतपुर क्षेत्र के अंतर्गत चिल्ड्रन केयर स्कूल के पास

 

कबाड़ीयो का दबदबा आने जाने वालों को होती है

 

दिक्कत आसपास के लोग करते हैं मना तो कबाड़ी दिखाते हैं दारू पीकर के अपनी दबंगई और लोगों पर

 

लिखवाते छेड़खानी और लूट का मुकदमा फुल रूप से रोड पर कर रखा है कब जा

जिसमें की एक कबाड़ी का लड़का है एसडीएम के यहां है

 

सफाई कर्मचारी एसडीएम के नाम पर फुल रूप से करता है दबंगई

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नगर निगम महापौर पद हेतु बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती अर्चना निषाद ने नामांकन कराया

नगर निगम महापौर पद हेतु बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती अर्चना निषाद ने नामांकन कराया।

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मानकों को ताक पर रखकर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ कर रही कैब कम्पनी ओला

देश के लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है कैब कम्पनी ‘‘ओला’’
-मानकों को ताक पर रखकर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ कर रही ओला कैब कम्पनी
-बिना बीमा, बिना फिटनेश, बिना टैक्स जमा किये गाड़ियों पर की जा रही बुकिंग
-देशहित में अन्य कैब कम्पनियों की भी जाँच करने की जरूरत है
कानपुर 23 अप्रैल, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा, कानपुर महानगर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था की कमान जब से पुलिस उपायुक्त यातायात आई0 पी0 एस0 रवीना त्यागी ने संभाली है, तब से उनके द्वारा अनेक प्रयास किये गये हैं और अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। परिणामतः शहर की सड़कों पर चलने वाले वाहन सवारों को पहले की अपेक्षा बहुत राहत मिली है और शहर की सड़कों पर गुजरने वाले लोगों को काफी हद तक सुरक्षा का अहसाह हो रहा है। किन्तु शहरवासियों की ही नहीं अपितु कानपुर महानगर में आने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षित यात्रा और उनकी सुरक्षा को लेकर किये जा रहे प्रयासों को देश की एक कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) कमीशन के लालच में जमकर पलीता लगा रही है। ऐसे नजारे सामने आ चुके हैं जिनसे स्पष्ट है कि कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) के द्वारा बुकिंग कर यात्रा करना सुरक्षित कतई नहीं माना जा सकता है और अपने कमीशन के लालच में यह कम्पनी लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है, इतना ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिये एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है!  बताते चलें कि ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी से हुण्डई कम्पनी की एक कार नम्बर यू0पी0 78 एफ0 एन0 5980 सम्बद्ध है। कैब कम्पनी के अभिलेखों में इस गाड़ी को चलाने हेतु विजय कुमार नामक व्यक्ति अधिकृत है। दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई महीनों से उपरोक्त कार, जी0-1 टी/17, अर्मापुर स्टेट कानपुर नगर के पते पर खड़ी है। इस गाड़ी का फिटनेश 16 जनवरी 2021 तक, टैक्स 31 दिसम्बर 2019 तक व इन्श्योरेन्स 15 जनवरी 2020 तक वैध है और उपरोक्त गाड़ी के नाम पर ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी, लोगों को बुकिंग दे कर कमीशन के लालच में उनकी जानमाल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में आशंका है कि ऐसा ही अनेक मामलों में और भी हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि देश की अन्य कैब कम्पनियों में भी क्या ऐसा नहीं हो रहा होगा और लोगों की जानमाल की सुरक्षा के साथ अन्य कम्पनियों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा होगा ?
लोगों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए और लोगों के साथ घटित हो सकने वाली वाली किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए एवं ओला कैब कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर उप्र अंकुर त्रिपाठी व विधिक सलाहकार एडवोकेट संजय जायसवाल की मौजूदगी में थाना गुजैनी परिसर में जब ओला कैब कम्पनी के द्वारा निर्धारित किये गये सुरक्षा मानकों जैसे-कम्पनी से सम्बद्ध होने वाली गाड़ी का मेकअप, गाड़ी में लिखा जाने वाला विवरण (मालिक का नाम, ड्राईवर का नाम, हेल्पलाइन नम्बर आदि) ड्राईवर की ड्रेस, गाड़ी में लगने वाला सुरक्षात्मक बटन, प्रथम दृष्टया चिकित्सकीय बॉक्स, आग लगने केे दौरान बचाव हेतु रखा जाने वाला सिलेण्डर, उपभोक्ता द्वारा ओटीपी बताने के बाद वेरीफाई करने वाला ध्वनि सूचक यन्त्र, बुकिंग के अनुसार यात्रा का नियत किये गये मानचित्र पर ही यात्रा करवाना, गाड़ी की फिटनेश, टैक्स, इन्श्योरेन्स, चालक का चरित्र सत्यापन आदि जरूरी तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो अंकुर त्रिपाठी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिगत सभी जरूरी मानक होने ही चाहिये, इसके अलावा समय-समय पर उनका भौतिक परीक्षण/सत्यापन भी ओला कैब कम्पनी की टीम द्वारा होना चाहिये।
तत्पश्चात ओला कैब एप के माध्यम से शुक्रवार को कई लोगों के मोबाइलों ओला एप के माध्यम से बुकिंग कर कई गाड़ियाँ, गुजैनी थाना के निकट कारगिल पेट्रोल पम्प की लोकेशन पर भौतिक परीक्षण/सत्यापन हेतु बुलवाईं और सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गाड़ियों का भौतिक परीक्षण/सत्यापन श्री त्रिपाठी से करवाया तो पाया गया कि गाड़ियाँ सुरक्षा की दृष्टि के कतई फिट नहीं थीं, एक बुकिंग में जो चालक गाड़ी को लेकर आया था, वह अभिलेख पर दर्ज नहीं था, बल्कि उसके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति चालक बना था।
ऐसे में इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि ओला कैब कम्पनी से सम्बद्ध गाड़ियों की फिटनेश, बीमा, टैक्स, रजिस्ट्रेशन, डाईवर के चरित्र, ड्राईवर की वर्दी, सुरक्षा हेतु नियत मानकों की जाँच सहित अन्य बिन्दुओं पर ओला कैब कम्पनी कतई ध्यान नहीं दे रही है और अपने कमीशन के लालच में भोली भाली जनता की ही नहीं अपितु हर आम-औ-खास हर व्यक्ति की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है।
रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी की मानें तो ओला कैब कम्पनी देश के लोगों की सुरक्षा के साथ ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ भारी खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने स्वयं देखा कि कैब कम्पनी में अटैच अनेेक गाड़ियां जो चलन में नहीं उनके एप दूसरी गाड़ियों में धड़ल्ले से प्रयोग किये जा रहे हैं और जो गाड़ियां चलने लायक ही नहीं हैं उनके द्वारा बुकिंग धड़ल्ले से की जा रही है।
ओला कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि ओला की गाड़ियों में यात्रा करना लोगों के लिये सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह तक लिख कर दिया है कि ओला कैब की गाड़ी से कोई भी अपराध हो सकता है, आतंकवादी हमला हो सकता है।
ऐसे में क्या कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस उपायुक्त यातायात रवीना त्यागी (आई0 पी0 एस0) व सभी राज्य सरकारों सहित भारत सरकार को इस बारे में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है, क्यों यह सिर्फ कानपुर महानगर के लोगों की ही नहीं बल्कि देश के सभी लोगों की जानमाल की सुरक्षा से जुड़ा गम्भीर विषय है ? ऐसे में जिम्मेदारों को चाहिये कि सिर्फ ओला कैब कम्पनी ही नहीं बल्कि सभी कैब कम्पनियों की जाँच गहनता से करवायें जिससे कि देश के लोगों की जानमाल की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को सबक मिल सके।

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जिन टीवी कैमरों को अपना अभेद्य सुरक्षा कवच समझता था, उन्हीं कैमरों के बीच से हुई गोलियों की बौछार

दर्जनों लोगों को तड़पा-तड़पा कर मारने का आरोपी जिन टीवी कैमरों को अपना अभेद्य सुरक्षा कवच समझता था, जिन कैमरों के साये में उसके चहरे पर मृत्यु का खौफ तो दूर, रंच मात्र का शक भी नहीं था| उन्हीं कैमरों के बीच से हुई गोलियों की बौछार ने माफिया और उसके भाई का पल भर में काम तमाम कर दिया| यह सब अचानक हुआ या पूर्व नियोजित साजिश के तहत, इसकी चर्चा इस समय गाँव की गलियों से लेकर शहर के नुक्कड़ों तक हो रही है| किसी भी निष्कर्ष पर न पहुँच पाने के बाद लोग यह कहते हुए बातचीत का विषय बदल देते हैं कि सच जल्द ही सबके सामने आएगा| वहीँ कुछ लोग यह भी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि पकड़े गये तीनों हमलावरों को किसी बहाने से मौत के घाट उतारकर कहीं सत्य को सदा सर्वदा के लिए दफ़न ही न कर दिया जाए| आगे क्या होगा यह तो भविष्य के गर्त में है| लेकिन इस घटना के बाद से लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता, अब सन्देह की दृष्टि से देखा जाने लगा है| समाज के कुछ बुद्धिजीवियों ने अभी तक पत्रकारिता को विरोधी और गोदी मीडिया के रूप में वर्गीकृत कर रखा था| लेकिन अब वह गोली मीडिया के रूप में लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ का तीसरा वर्ग भी निर्धारित कर सकते हैं| टीवी चैनलों की आई बाढ़ और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन ने पत्रकारिता के मायने आज पूरी तरह बदल दिये हैं| टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में हल्ला बोल पत्रकारिता के शोरगुल के बीच मूल्यों की तिलांजलि न जाने कब दी जा चुकी है| लेकिन प्रयागराज की घटना ने पत्रकारिता का जो नवीन चेहरा प्रस्तुत किया है, उससे चिन्तित हुए बिना नहीं रहा जा सकता| वरिष्ठ पत्रकारों से अक्सर उनके जानने वाले प्रेस का परिचय-पत्र बनवाने के लिए निवेदन करते रहते हैं| ताकि वह अपने वाहन पर प्रेस लिखा सकें तथा सरकारी विभागों में पत्रकारिता का रौब जमाकर अपना व्यक्तिगत काम करवा सकें| रजिस्ट्रार ऑफ़ न्यूजपेपर्स फॉर इण्डिया से किसी तरह रजिस्ट्रेशन नम्बर हासिल करने वाले अनेक सम्पादक ऐसे हैं जिनके अख़बार का धरातल पर कहीं कोई बजूद नहीं है| ऐसे सम्पादक शौकिया लोगों से सदस्यता शुल्क के नाम पर अच्छी खासी रकम वसूल कर, अपने अख़बार का परिचय-पत्र प्रदान करके पत्रकारिता धर्म का निर्वहन कर रहे हैं| इसी सदस्यता शुल्क से ही सम्पादक जी के परिवार का खर्च चलता है| भले ही उनके अख़बार का पहचान-पत्र प्राप्त करने वाले उसका किसी भी हद तक दुर्पयोग क्यों न करते हों| यहाँ सदुपयोग के बारे में तो सोचना ही व्यर्थ है| अतीक और अशरफ के तीनों कातिलों के पास से जो डमी कैमरे बरामद हुए हैं| उनके बारे में अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि उनके माइक पर चिपका लोगो किस मीडिया संस्थान का है| लेकिन इससे इतना तो अनुमान लग ही जाता है कि कुछ टीवी चैनल भी फर्जी आईडी बनाने का कारोबार कर रहे हैं|

बीते लगभग पाँच वर्षों में इलेक्ट्रानिक तथा प्रिंट मीडिया के हुए जबरदस्त विस्तार के बाद पत्रकारों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है| जिसके कारण आज यदि कोई वरिष्ठ पत्रकार भी किसी बड़े अधिकारी के साथ अलग से समय लेकर किसी विषय पर चर्चा करना चाहे तो अधिकारीगण प्रायः समय देने से परहेज करते हैं| अब वह सिर्फ पत्रकारों की भीड़ को सम्बोधित करने के लिए ही समय देते हैं| अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों से दूरी बनाना अब उनके लिए और भी अधिक आसान हो गया है| पत्रकारिता को दर्पण की भी संज्ञा दी गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य सत्य को सार्वजनिक करना भर है| परन्तु यह तभी सम्भव है जबकि पत्रकारों को हर जगह आने-जाने की निर्बाध छूट हो| लेकिन 15 अप्रैल 2023 को रात साढ़े दस बजे प्रयागराज में हुए हत्याकाण्ड ने पत्रकारिता की इस स्वाभाविक स्वतन्त्रता को प्रतिबन्ध की बेड़ियों से जकड़ने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है| सरकार तथा उसके तन्त्र को इस हेतु अब पर्याप्त कारण मिल चुके हैं|

अपराधियों को विश्वविख्यात बनाने का चलन भी इन दिनों भारतीय मीडिया में जबर्दस्त ढंग से व्याप्त है| जब भी कोई बड़ा अपराधी पकड़ा जाता है या फिर उसके मामले की सुनवाई शुरू होती है| तब लगभग सभी चैनल सिर्फ और सिर्फ उसी पर डिबेट करवाते हैं, वह भी निराधार एवं निष्कर्षहीन| किसी भी अपराधी को एक जेल से दूसरी जेल में सिफ्ट करते समय या अदालत ले जाते वक्त सभी चैनलों के रिपोर्टर रात-दिन एक करके उसका पीछा करते हैं| मार्ग में जब भी कहीं उन्हें अपराधी की गाड़ी के निकट पहुँचने का अवसर मिलता है तो एंकर ‘वह देखो, यह देखो….’ करके जोर-जोर चिल्लाने लगते हैं और कैमरामैन उस अपराधी को अपने कैमरे में कैद करने के लिए ऐसे जान लगा देता है जैसे वह कोई अपराधी न होकर ईश्वर तुल्य धर्मात्मा पुरुष हो, जिसके दर्शन करके चैनल के सारे दर्शक स्वयं को धन्य महसूस करेंगे| विश्व के शायद ही किसी देश में अपराधियों को इतना महिमामंडित किया जाता हो| हद तो तब हो गयी जब मेडिकल परिक्षण के लिए पुलिस जीप से उतारे गये अतीक और उसके भाई से पत्रकारों ने ‘सर’ का सम्बोधन करते हुए पूंछा कि ‘सर, कुछ कहना चाहेंगे आप|’ जिस देश का चौथा स्तम्भ अपराधियों की इतनी अधिक इज्जत करता हो, वहां के नवयुवक यदि यह कहते हैं कि वह बड़ा डॉन बनना चाहते हैं तो इसमें आश्चर्य जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए| सम्भवता संविधान विशेषज्ञ ही यह बात समझ सकते हैं कि जब किसी अपराधी पर न्यायालय में मुकदमा चल रहा हो और वह न्यायिक हिरासत में हो तब मीडिया को उससे बातचीत करने का कोई औचित्य नहीं बनता है| लेकिन यहाँ तो अपराधियों से बाकायदा उनका इस्टेटमेंट लेने का प्रयास किया जाता है| इसका उद्देश्य भला क्या हो सकता है? अपराधी को बचाना, फंसाना या फिर उसका चेहरा दिखाकर चैनल की टीआरपी बढ़ाना| सत्य का उदघटन इसे कहा नहीं जा सकता| क्योंकि किसी भी अपराधी के दोषी या निर्दोष होने का सत्य उसके साथ नहीं बल्कि उसकी पृष्ठभूमि में छुपा होता है| जहाँ कोई जाना नहीं चाहता है| –

Kumar Shukla

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलज में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह आयोजित

कानपुर 19 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह (MoU Ceremony) का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया। महाविद्यालय ने अपना प्रथम समझौता ज्ञाप (MoU) वरदान इंस्टीट्यूट ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिंस एंड एलाइड साइंसेज मेरठ के साथ किया। वरदान इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन डॉ. पल्लवी रस्तौगी, सेन महाविद्यालय के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, प्राचार्य प्रो. सुमन ने MoU पर हस्ताक्षर किए। प्रो. सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थी हित हेतु महाविद्यालय आगे भी ऐसी ही कड़ियां जोड़ता रहेगा। श्री पी. के. सेन जी ने इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार को बधाई एवम् शुभकामनाएं दी। डॉ. पल्लवी रस्तौगी ने छात्राओं को अवगत कराया कि वरदान इंस्टीट्यूट के सहयोग से सेन महाविद्यालय में व्यवसायपरक शिक्षा के अंतर्गत एक्यू फिजियो कोर्स, चक्र संतुलन, कलर थैरेपी, एक्यूप्रेशर व नेचुरोपैथी का बेसिक कोर्स, डाइट एंड न्यूट्रीशन कोर्स आदि विभिन्न पाठ्यक्रम तथा कार्यशालाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही मेधावी छात्राओं को इन पाठक्रमों हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। इस MoU सेरेमनी के अवसर पर प्रबंध तंत्र सदस्य श्रीमती दीपाश्री सेन सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों पर इनाम घोषित

कानपुर जिला सूचना कार्यालय➡️एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का बयान, ‘उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों पर इनाम है’, ‘तीन ऐसे शूटर्स हैं इनपर 5-5 लाख का इनाम’, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान पर है इनाम- STF ADG, ‘गुड्डू मुस्लिम खतरनाक और कांट्रेक्ट किलर है’, ये अतीक गैंग में काफी समय से जुड़ा है- STF ADG, ये अकेले ही क्राइम कर सकता है- अमिताभ यश, इसका गिरफ्तार होना अति आवश्यक है- STF ADG, गिरफ्तारी न होने तक खतरा बना रहेगा- STF ADG, 1999 में नारकोटिक्स में गिरफ्तार हुआ था- STF ADG, ‘पटना में राजन तिवारी से मिलने जेल गया था गुड्डू’, ‘किसी किलिंग का कॉन्ट्रैक्ट लेने गया था पटना’, इसने जानकारी दी थी कैसे मर्डर करता है- STF ADG, ‘चलते फिरते रॉ मैटेरियल से बम बना सकता है’, ‘शाइस्ता अभी फरार है, इनका एक लेटर वायरल है’, ‘उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी सभी ने देखा है’, साइस्ता को सरेंडर कर देना चाहिए- एसटीएफ एडीजी, साइस्ता को जांच में सहयोग करना चाहिए-STF ADG, ‘अतीक गिरोह को पंजाब से हथियार सप्लाई हो रहे थे’, ‘ड्रोन के जरिए खतरनाक हथियार सप्लाई हो रहे थे’, ‘मुझे अतीक या किसी के भी चैट की जानकारी नहीं’.

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कानपुर समाचार

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कानपुर शहर में गर्मी आते ही शरू हुआ पानी का संकट

कानपुर के दक्षिण इलाके में कल शाम से सरकारी पानी की सप्लाई ठप

करीब 5 लाख की आबादी बिना पानी से प्रभावित, परेशान

गंगा बैराज से पानी की आपूर्ति बाधित होने से मचा हाहाकार

खाली पड़ी टंकी के कर्मचारियों को अधिकारी नहीं दे रहे जवाब

भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी का खड़ा हुआ संकट

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सचेड़ी पुलिस की निष्क्रियता से हो सकती है बड़ी चूक

सचेड़ी के दबंग का अवैध तमंचे से हवाई फायरिंग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल

आलाधिकारियों के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा लेकिन अब तक गिरफ्तारी में नाकाम सचेंडी पुलिस

बीते सप्ताह बाबूपुरवा पुलिस ने एक तमंचा और 15 जिंदा कारतूस के साथ एक युवक को किया था गिरफ्तार

युवक से पुलिसिया पूछताछ में चुनाव प्रभावित करने की बात आई थी सामने

कही ये मामला भी तो चुनाव प्रभावित का नही है,आखिर कब होगी दबंग की गिरफ्तारी

कमिशनरेट के थाना सचेड़ी क्षेत्र का मामला

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पनकी पुलिस का सराहनीय कार्य,पुलिस ने दो चोरों को किया गिरफ्तार

शातिर पनकी धाम मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को बनाते थे निशाना

कई दिनों से मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के साथ चोरी की मिल रही थी शिकायतें

शिकायतों का संज्ञान लेते हुए एसीपी निशांक शर्मा ने पनकी पुलिस को मंदिर में ध्यान देने के दिए थे निर्देश

एसीपी निशांक शर्मा के निर्देश के बाद पनकी पुलिस हुई सख्त

दर्शनार्थियों को निशाना बनाने वाले दो चोरों को पुलिस ने रंगे हाथ धर-दबोचा

पुलिस ने चोरों के पास से चोरी के 1500 रु नगदी और एक आधार कार्ड किया बरामद

कमिश्नरेट पनकी थाना पनकी मंदिर चौकी क्षेत्र का मामला

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज मे कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग ने कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजन किया ।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रबंध तंत्र के सचिव श्री पी के सेन , संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन , प्राचार्या प्रो सुमन , मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक, की नोट स्पीकर डॉ संजीव ओझा तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया। पी के सेन ने महान चिकित्सकों तथा वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए छात्राओ को प्रेरित किया कि वे ध्यान से इस प्रकार के वक्तव्यों को सुनें यही व्यावहारिक ज्ञान का माध्यम हैं ।प्राचार्या प्रो सुमन ने कार्यशाला के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की ।मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य ने आयुर्वेद , उसकी प्राचीनता और भव्यता को उजागर किया और कहा आयुर्वेद ही प्राचीनतम और दीर्घकालिक प्रभाव देने वाली चिकित्सा पद्धति है।डॉ संजीव ओझा ने नयी शिक्षा नीति द्वारा सम्मिलित नये पाठ्यक्रम पर आधारित अपने साथ लाए औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों से छात्राओ को परिचित करवाते हुए किया। डॉ ओझा राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जाने माने आयुर्वेदाचार्य हैं। सी एस आई आर- एन बाई आर आई द्वारा प्रदत्त हर्बल ड्रिंक तथा बी जी आर -34 जैसी औषधियों को प्रदान करने में विशेष योगदान दिया है। आज महाविद्यालय में उपस्थित छात्राओ को उन्होंने पुरानी जनजातियों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पौधों की जानकारी दी और उपयोग के बारे में बताया।अपने वक्तव्य में उन्होंने सिद्धा, आयुर्वेद और यूनानी औषधीय पद्धतिओं की जानकारी दी ।आयुष, एन एम बी पी , सीमैप तथा सी ए आर आई जैसे संस्थानों का परिचय देते हुए उनकी कार्य पद्धति पर प्रकाश डाला। विज्ञान संकाय की कॉर्डिनेटर प्रो गार्गी यादव ने मुख्य अतिथि डॉ पाठक और डॉ ओझा को कोटि कोटि धन्यवाद देते हुए छात्राओं के ज्ञान वर्धन के सार्थक प्रयास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति सिंह ने किया। विभाग की अन्य प्रवक्ता डॉ राइ घोष ने सक्रिय योगदान दिया।प्रो गार्गी यादव , डॉ शैल बाजपेयी, डॉ अमिता सिंह ,कु वर्षा एवं तैयबा कार्यशाला में उपस्थित रहे।

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