Breaking News

मुख्य समाचार

स्ट्रीट वेंडरों के लिए विशेष रूप से मोबाइल ऐप डिजाइन किया गया

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 जून, 2023 को स्ट्रीट वेंडरों के लिए पीएम स्वनिधि का मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। मोबाइल ऐप की मदद से, स्ट्रीट वेंडर पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण और अनुशंसा पत्र (एलओआर) के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्ट्रीट वेंडर उनके ऋण आवेदन की स्थिति और कैशबैक के विवरण की भी जांच कर सकता है।

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के दिनांक 26 अप्रैल, 2022 के निर्णय के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले, दूसरे और तीसरे ऋण के लिए निर्धारित लक्ष्य क्रमशः 42 लाख, 12 लाख और 3 लाख है।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना स्ट्रीट वेंडरों को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने के लिए कोलेटरल फ्री कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। 20 जुलाई, 2023 तक इस योजना ने 38.53 लाख स्ट्रीट वेंडरों को 50.63 लाख ऋण सफलतापूर्वक वितरित किए हैं, जिनकी राशि 6,492.02 करोड़ रुपये है।

पीएम स्वनिधि योजना शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग करने वाले सभी स्ट्रीट वेंडरों के लिए उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, योजना के तहत ऋण देने की अवधि को मार्च 2022 से दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इससे अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को योजना के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।

पीएम स्वनिधि योजना के तहत ‘स्वनिधि से समृद्धि’ घटक, लाभार्थियों के परिवारों के रहन-सहन की स्थितियों में सुधार के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए 04 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया।

यह लाभार्थियों के परिवारों को उनके समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान को लक्षित करते हुए भारत सरकार की मौजूदा आठ कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ता है। इन योजनाओं में पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जन धन योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड, पीएम श्रम योगी मानधन योजना, भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों (बीओसीडब्ल्यू) के तहत पंजीकरण, जननी सुरक्षा योजना और पीएम मातृ वंदना योजना शामिल हैं।

यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

Read More »

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवा शुल्क से संबंधित अपने निर्देशों का पालन न करने पर रेस्तरां और होटल एसोसिएशनों पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया

माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2023 को आदेश पारित कर नेशनल रेस्‍टोरेंट  एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्‍टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) को 12 अप्रैल , 2023 के अपने आदेश के अनुसार निर्देशों का पूर्ण गैर-अनुपालन करने पर जुर्माने के रूप में प्रत्येक को 1,00,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। माननीय न्यायालय के निर्देश के अनुसार जुर्माने का भुगतान भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग को किया जाएगा ।

उल्लेखनीय है कि 12 अप्रैल, 2023 के आदेश के अनुसार न्यायालय ने निर्देश दिया था कि:-

(i) दोनों एसोसिएशन 30 अप्रैल 2023 तक अपने सभी सदस्यों की पूरी सूची दाखिल करेंगे जो वर्तमान रिट याचिकाओं का समर्थन कर रहे हैं।

(ii) दोनों एसोसिएशन निम्नलिखित पहलुओं पर अपना पक्ष रखेंगे और एक विशिष्ट हलफनामा दायर करेंगे: –

(ए) उन सदस्यों का प्रतिशत जो अपने बिलों में अनिवार्य शर्त के रूप में सेवा शुल्क लगाते हैं

(बी) क्या एसोसिएशन को सेवा शुल्क शब्द को वैकल्पिक शब्दावली से बदलने पर आपत्ति होगी ताकि उपभोक्ता के मन में यह भ्रम पैदा न हो कि यह ‘कर्मचारी कल्याण निधि’, ‘कर्मचारी कल्याण अंशदान’, ‘कर्मचारी शुल्क’, ‘कर्मचारी कल्याण शुल्क’ आदि जैसी सरकारी लेवी नहीं है।

(सी) उन सदस्यों का प्रतिशत जो सेवा शुल्क को स्वैच्छिक और अनिवार्य नहीं बनाने के इच्छुक हैं, उपभोक्ताओं को उस सीमा तक अपना अंशदान देने का विकल्प दिया जाता है, जिस सीमा तक वे स्वेच्छा से अधिकतम प्रतिशत के अधीन जो शुल्क चाहते हैं, उसकी वसूली की जा सकती है।

रेस्तरां संघों को उपर्युक्त निर्देशों के अनुसार आवश्यक अनुपालन करना आवश्यक था। हालांकि, किसी भी एसोसिएशन ने उक्त आदेश के संदर्भ में हलफनामा दाखिल नहीं किया।

न्यायालय ने कहा कि यह स्पष्ट धारणा है कि रेस्तरां संघ 12 अप्रैल, 2023 के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं और उन्होंने उत्तरदाताओं को उचित रूप से सेवा दिए बिना हलफनामा दायर किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुनवाई अदालत के समक्ष आगे न बढ़े।

न्यायालय ने प्रत्येक याचिका में लागत के रूप में 1,00,000/- रुपये के भुगतान की शर्त पर 4 दिनों के भीतर इन हलफनामों को ठीक से दाखिल करने का एक आखिरी मौका दिया, जिसका भुगतान वेतन और लेखा कार्यालय, उपभोक्ता मामले विभाग, नई दिल्ली को डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाना है। इस निर्देश का अनुपालन न करने पर हलफनामे को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा। मामले की सुनवाई अब 5 सितंबर, 2023 को होनी है ।

विदित है कि कई उपभोक्ताओं ने राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर सेवा शुल्‍क जबरन वसूलने की शिकायत की है। जुलाई, 2022 में सीसीपीए द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बाद से, 4,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :-

ए) रेस्तरां/होटल द्वारा प्रदान की गई सेवा से असंतुष्ट होने पर भी उपभोक्ताओं को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करना।

बी) सेवा शुल्क का भुगतान अनिवार्य बनाना।

सी) सेवा शुल्क को ऐसे शुल्क के रूप में चित्रित करना, जो सरकार द्वारा लगाया जाता है या जिसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है।

डी) सेवा शुल्क देने का विरोध करने पर बाउंसरों सहित उपभोक्ताओं को शर्मिंदा करना और परेशान करना।

ई) ऐसे शुल्‍क के नाम पर 15 प्रतिशत, 14 प्रतिशत तक अत्यधिक पैसे वसूलना।

एफ) ‘एस/सी.’, ‘एससी’, ‘एससीआर’ या ‘एस’ चार्ज’ आदि जैसे अन्य कपटपूर्ण नामों से सेवा शुल्क भी वसूला गया है।

Read More »

पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त में 17 हजार करोड़ रु. किसानों के खातों में जमा

प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश के किसानों की आय सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 14वीं किस्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा किए। सीकर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा आयोजित वृहद कार्यक्रम में श्री मोदी ने 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएम-केएसके) राष्ट्र को समर्पित किए और सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) लांच की। साथ ही, ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) पर 1600 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के ऑनबार्डिंग का शुभारंभ किया। राजस्थान को एक साथ अनेक सौगातें प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने 5 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन व 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया तथा 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व एक केंद्रीय विद्यालय का शुभारंभ भी किया। समारोह में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे। समारोह में, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज शुरू किए 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन्हें किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप शॉप में विकसित किया जा रहा है। गांव व ब्लॉक लेवल पर इन केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यहां किसानों को बीज, खाद, खेती के औजार व अन्य मशीनें भी मिलेगी। ये केंद्र खेती से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी किसानों को देंगे। वर्षांत से पहले ऐसे और 1.75 लाख केंद्र खोले जाएंगे। ओएनडीसी पर एफपीओ की भागीदारी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है व किसानों के खर्चें कम करने और जरूरत के समय उनका समर्थन करने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। पिछले 9 वर्षों में बीज से बाज़ार तक नई व्यवस्था का निर्माण किया गया हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के माध्यम से करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर इष्टतम निर्णय ले रहे हैं। मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें सीधे किसानों के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जाती है। आज की 14वीं किस्त को मिला लें तो अब तक 2.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं जिससे किसानों को विभिन्न खर्चों को कवर करने में फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों का सामर्थ्य, किसानों का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है इसलिए सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हमारी सरकार कैसे अपने किसान भाइयों के पैसे बचा रही है, इसका एक उदाहरण यूरिया की कीमतें भी हैं। हमारी सरकार ने कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया। आज देश में यूरिया की जो बोरी 266 रु. में देते हैं, यहीं बोरी पाकिस्तान में करीब 800 रु. में मिलती है, बांग्लादेश में 720 रु. और चीन में 2100 रु. की मिलती है। अमेरिका में यूरिया की यही बोरी 3000 रु. से ज्यादा की मिल रही है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी, जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने श्री अन्न को बढ़ावा देने हेतु उठाए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे श्री अन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण, निर्यात में वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है, जब गांवों का विकास होगा इसीलिए सरकार गांवों में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो सिर्फ शहरों में ही मिलती थी।” उन्होंने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों, शिक्षा की कमी के कारण गांव-गरीब पीछे रह गए, अफसोसजनक रहा कि पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के पास सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधन बढ़ाएं और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जिससे आदिवासी युवाओं को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, ”सफलता तभी बड़ी होती है, जब सपने बड़े हों।” कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आज एक बार फिर कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक अवसर है जब प्रधानमंत्री के कर-कमलों से इतनी सौगातें मिल रही है। उन्होंने इसके लिए करोड़ों किसानों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश इस बात का साक्षी है कि जबसे प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभाला, उनकी प्राथमिकता रही है कि गांव-गरीब-किसानों की प्रगति हों, उनके घरों में खुशहाली आएं, कृषि क्षेत्र में उत्पादन-उत्पादकता बढ़ें, नवाचार बढ़ें, तकनीक का समर्थन हों, छोटे किसानों की ताकत व आमदनी बढ़ें, कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत हों और देश में योगदान दे सकें। इसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में अनेक योजनाएं इन 9 वर्षों में शुरू हुई हैं। 2014-15 में कृषि मंत्रालय का बजट 23 हजार करोड़ रु. होता था जो अब करीब पांच गुना अधिक 1.25 लाख करोड़ रु. हो गया है, यह प्रधानमंत्री की प्राथमिकता का परिचय देता है। श्री तोमर ने कहा कि किसान कितना भी परिश्रम कर लें, सरकार की नीतियां अनुकूल हों, फिर भी उन्हें प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है और जब प्रकृति का प्रकोप आता है तो फसलों को नुकसान होता ही है। इसके लिए श्री मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बड़ा सुरक्षा कवच किसानों को दिया है। इस योजना अंतर्गत किसानों के अब तक 29 हजार करोड़ रु. प्रीमियम रूप में जमा हुए, जबकि 1.41 लाख करोड़ रु. मुआवजे के रूप में दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम किसान की किसी ने कल्पना नहीं की थी। श्री मोदी ने जब कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ना चाहिए तो इसके लिए किसानों, वैज्ञानिकों, बैंकों का आह्वान किया, तब अपना फर्ज भी निभाया व किसानों की आय में सालाना छह हजार रु. जोड़ने के लिए पीएम किसान योजना का सृजन किया। अब तक इस योजना से देशभर के 11 करोड़ किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रु. से अधिक की राशि बिना किसी बिचौलियों के जमा कराई जा चुकी है। एक कालखंड था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री कहा करते थे कि हम दिल्ली से 100 रु. भेजते हैं और गांव पहुंचते-पहुंचते 15 रु. बचते हैं। आज प्रधानमंत्री छह हजार रु. भेजते हैं, तो पूरी की पूरी राशि किसानों के खाते में जाती है, कहीं कोई बिचौलिया नहीं। आज पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त से सीकर के 2 लाख व राजस्थान के 57 लाख किसानों के खाते में 1278 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। राजस्थान के किसानों को इस योजना के अंतर्गत अब तक 17 हजार करोड़ रु. से अधिक की राशि मिल चुकी है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के 76 लाख व छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसानों को स्कीम का लाभ मिल रहा है।

केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने स्वागत भाषण में कहा कि देश में सभी वादों से ऊपर उठकर विकासवाद की एक नई राजनीतिक विचारधारा को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण देश को तीन दशकों के अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति मिली है, जिसकी सकारात्मक चर्चा न केवल देश बल्कि अन्य देशों में भी है। किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री ने हमेशा प्रयास किया है। पिछले 9 वर्षों में ऐसा कोई माह नहीं गया होगा, जब उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कोई कदम न उठाया हों।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन व राजस्थान के मंत्री, सांसद-विधायकगण उपस्थित थे, वहीं 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के 100 से ज्यादा संस्थानों, 75 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों, 50 हजार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व 4 लाख सामान्य सेवा केंद्रों पर उपस्थित लाखों सदस्यों और करोड़ों किसानों के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण व डा. एस.पी. सिंह बघेल सहित मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि वर्चुअल जुड़े थे।

Read More »

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रख राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री मोदी ने आज राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित की। इन परियोजनाओं में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) को राष्ट्र को समर्पित करना, सल्फर के साथ लेपित यूरिया की एक नई किस्म यूरिया गोल्ड लॉन्च करना, डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) पर 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शामिल करना, 8.5 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त राशि जारी करना, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में 5 नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास और उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व डूंगरपुर जिलों में स्थित 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालय तिंवरी, जोधपुर का उद्घाटन शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर पीएम किसान समृद्धि केंद्र के मॉडल को देखा।  प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए देश के विभिन्न स्थानों से आज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले करोड़ों किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और कहा कि खाटू श्याम जी की भूमि भारत के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्रियों को आश्वस्त करती है। उन्होंने शेखावाटी की वीर भूमि से विभिन्न विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करने का अवसर मिलने पर आभार व्यक्त किया और करोड़ों किसान-लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत किस्त सीधे हस्तांतरित करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों को राष्ट्र को समर्पित करने बारे में कहा कि इससे गांव और ब्लॉक स्तर पर करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जुड़ने का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से अपनी उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा। उन्होंने यूरिया गोल्ड, नए मेडिकल कॉलेजों और एकलव्य मॉडल स्कूलों के शुभारंभ का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए भारत के लोगों के साथ-साथ करोड़ों किसानों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने सीकर और शेखावाटी क्षेत्रों के किसानों के महत्व को रेखांकित करते हुए क्षेत्र की कठिनाइयों के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार किसानों की पीड़ा और जरूरतों को समझती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे पिछले 9 वर्षों में बीज से बाजार (बीज से बाजार तक) तक नई प्रणालियां बनाई गई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में सूरतगढ़ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर अधिकतम निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1.25 लाख किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन केंद्रों को किसानों की आवश्कताओं के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये केंद्र किसानों को कृषि से संबंधित मुद्दों पर उन्नत आधुनिक जानकारी भी प्रदान करेंगे और सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में भी समय पर जानकारी प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे केंद्रों का दौरा करते रहें और वहां उपलब्ध ज्ञान का लाभ उठाएं। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्षांत से पहले अतिरिक्त 1.75 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) स्थापित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के खर्चों को कम करने और जरूरत के समय उनकी सहायता करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जहां किसानों के बैंक खातों में सीधे धन हस्तांतरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज की 14वीं किस्त को शामिल किया जाए तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है, जो विभिन्न खर्चों को कवर करने में किसानों के लिए लाभकारी रही है। उन्होंने कहा कि देश में यूरिया की कीमत सरकार द्वारा किसानों का खर्च बचाने का उदाहरण है। कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरकों में आई बाधा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वर्तमान  सरकार ने इसे देश के किसानों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। प्रधानमंत्री ने उर्वरकों की कीमतों के बारे में बताया कि यूरिया की जिस बोरी की कीमत भारत में 266 रुपये है, उसका मूल्य पाकिस्तान में लगभग 800 रुपये, बांग्लादेश में लगभग 720 रुपये, चीन में लगभग 2100 रुपये और अमेरिका में लगभग 3000 रुपये है। “सरकार हमारे किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी”, श्री मोदी ने कहा, “जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है, तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है।

प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों को बढ़ावा देने और उनकी ब्रांडिंग श्री अन्न के रूप में करने जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसके उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में वृद्धि हो रही है। उन्होंने अपनी हील की यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस के आधिकारिक रात्रिभोज में मोटे अनाज की उपस्थिति को याद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है जब उसके गांवों का विकास हो। विकसित गांवों के साथ ही भारत विकसित हो सकता है। यही कारण है कि सरकार गांवों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है, जो अब तक केवल शहरों में उपलब्ध थीं। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में 9 वर्ष  पहले तक केवल दस मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या 35 तक पहुंच गई है। इससे आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो रहा है और मेडिकल छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जा रहा है और जिनका शिलान्यास किया जा रहा है, उनसे राज्य के कई क्षेत्रों में चिकित्सा अवसंरचना में सुधार होगा। जैसा कि चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में मेडिकल शिक्षा प्रदान करने, इसे और लोकतांत्रिक बनाने और वंचित वर्गों के लिए रास्ते खोलने के कदम का भी उल्लेख किया। अब किसी गरीब का बेटा या बेटी अंग्रेजी न जानने के कारण डॉक्टर बनने के अवसर से वंचित नहीं रहेगा। यह भी मोदी की गारंटी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों और शिक्षा की कमी के कारण गांव और गरीब भी पीछे छूट गए थे और अफसोस जताया कि पिछड़े और जनजातीय समाज के बच्चों के पास अपने सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधनों में वृद्धि की है और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले हैं, जिससे जनजातीय युवाओं को काफी लाभ हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता तभी बड़ी होती है जब सपने बड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि  राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसके वैभव ने सदियों से दुनिया को आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान को आधुनिक विकास की ऊंचाई पर ले जाते हुए भूमि की विरासत को संरक्षित करने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि राजस्थान में आधुनिक अवसंरचना का निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में दो हाईटेक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का उल्लेख किया और कहा कि राजस्थान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के एक प्रमुख खंड के माध्यम से विकास की एक नई गाथा लिख रहा है। उन्होंने राज्य से चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार अवसंरचना में निवेश कर रही है और पर्यटन से संबंधित सुविधाओं का विकास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “जब राजस्थान ‘पधारो म्हारे देश’ का आह्वान करेगा तो एक्सप्रेसवे और बेहतर रेल सुविधाएं पर्यटकों का स्वागत करेंगी। प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत खाटू श्याम जी मंदिर में सुविधाओं के विस्तार का भी उल्लेख किया और विश्वास व्यक्त किया कि श्री खाटू श्याम के आशीर्वाद से राजस्थान के विकास को और गति मिलेगी। हम सब मिलकर राजस्थान के गौरव और विरासत को पूरे विश्व में एक नई पहचान देंगे।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। श्री अशोक गहलोत पिछले कुछ समय से बीमार हैं और इस कार्यक्रम में नहीं आ सके।

इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किए। सभी किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए पीएमकेएसके विकसित किए जा रहे हैं। कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाओं तक, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक, पीएमकेएसके को देश में किसानों के लिए एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है। वे ब्लॉक/जिला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है। सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी। यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है, और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने की शुरुआत की। ओएनडीसी एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाता है, और स्थानीय मूल्य वर्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है।

किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करने वाले एक कदम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण  के माध्यम से जारी की गई।

प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत की जा रही है। प्रधानमंत्री ने जिन पांच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है, उन्हें 1400 करोड़ रुपये से अधिक की संचयी लागत से विकसित किया गया है, जबकि जिन सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी वे 2275 करोड़ रुपये की संचयी लागत से बनाए जाएंगे। 2014 तक राजस्थान में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों के माध्यम से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। यह 250 प्रतिशत की वृद्धि है। इन 12 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2013-14 में 1750 सीटों से बढ़कर 6275 हो जाएगी, जो 258 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। वह कार्यक्रम के दौरान जोधपुर में केंद्रीय विद्यालय, तिंवरी का भी उद्घाटन किया।

Read More »

वस्तु और सेवाकर आसूचना महानिदेशालय मेरठ के अधिकारियों ने 3,242 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली 246 फर्जी संस्थाओं से जुड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया, इसमें 557 करोड़ का आईटीसी शामिल है, तीन लोग गिरफ्तार

वस्तु और सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की मेरठ क्षेत्रीय इकाई ने 246 शेल/फर्जी संस्थाओं से जुड़े दो प्रमुख फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा किया, जिन्होंने 557 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी वाली आईटीसी जारी की है। इस मामले में अब तक तीन प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस रैकेट में से एक की जून, 2023 में नोएडा पुलिस द्वारा उजागर की गई फर्जी फर्मों के साथ गहरी सांठगांठ थी।

नोएडा पुलिस ने मामले से सुराग लेते हुए और मानव खुफिया जानकारी के साथ व्यापक डेटा खनन के आधार पर, फर्जी शेल संस्थाओं को बनाने और संचालित करने में शामिल मास्टरमाइंड श्री आनंद कुमार और श्री अजय कुमार द्वारा संचालित किए जा रहे 2 प्रमुख गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। नकली फर्मों से संबंधित कई दस्तावेज़ जैसे जाली स्टाम्प, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि क्रमशः अध्यापक नगर और पश्चिमपुरी, दिल्ली में श्री आनंद कुमार और श्री अजय कुमार के गुप्त कार्यालयों से ज़ब्त किए गए थे। यह इन सरगनाओं की दलालों/एजेंटों के साथ गहरी सांठगांठ को प्रदर्शित करता है जो छोटे आर्थिक लाभों के बदले गरीब, जरूरतमंद और नाज़ुक लोगों के परिचय पत्र प्राप्त करने में माहिर हैं। दोनों मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से टैली/बीजी सिस्टम सॉफ्टवेयर में रखे गए बही-खाते, चालान, ई-वे बिल, बिल्टी आदि की बरामदगी हुई। इसके अलावा, फर्जी वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) बिलों और अवैध नकदी प्रवाह के लेनदेन का सबूत देने वाले व्हाट्सएप चैट/वॉइस मैसेज के भंडार भी बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में फर्जी फर्मों के नाम पर बैंक खाते खोलने में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के भी संकेत मिले हैं।

इन 2 गिरोहों ने 3,142 करोड़ रुपये के कर योग्य टर्नओवर वाले चालान जारी किए हैं। 246 फर्जी फर्मों के जरिए 1,500 से ज्यादा लाभार्थी फर्मों को 557 करोड़ रुपये के आईटीसी शामिल है। प्रमुख लाभार्थी फर्में दिल्ली में स्थित हैं और अन्य 26 फर्म अन्य राज्यों में फैली हुई हैं। ऐसी ही एक लाभार्थी फर्म के मालिक श्री विक्रम जैन को भी जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया है।

तीनों आरोपियों को 26.07.2023 को मेरठ में आर्थिक अपराध न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और 08.08.2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

Read More »

प्रधानमंत्री मोदी ने पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया

नया एकीकृत टर्मिनल भवन 710 करोड़ रुपए की लागत से 40,837 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित किया गया है
  • नए एकीकृत टर्मिनल भवन में व्यस्त समय में 1200 यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी
  • श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया ने हवाई अड्डे परिसर के भीतर स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल(सेवानिवृत्त) विजय कुमार सिंह,अंडमान और निकाबोर द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल(सेवानिवृत) डी.के.जोशी और नागरिक उड्डयन सचिव श्री राजीव बंसल की उपस्थिति में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया।

हवाईअड्डे के नए टर्मिनल भवन का निर्माण 40,837 वर्ग मीटर क्षेत्र में 710 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें व्यस्त समय में 1200 यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी,जो कि वर्तमान क्षमता से तीन गुना से अधिक होगा। मनमोहक अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की जैव विविधता से प्रेरणा लेकर पोर्ट ब्लेयर टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन शंख के आकार का है,जो समुद्र और द्वीप की सुंदरता को दर्शाता है। टर्मिनल भवन का डिजाइन दिन के समय प्राकृतिक रुप से प्रकाशित रहने के लिए बनाया गया है। हवाई अड्डे में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

कार्यक्रम का आयोजन हाईब्रिड मोड में किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के द्वारा रिमोट बटन दबा कर टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथि भी हवाई अड्डे पर उपस्थित थे। नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत) विजय कुमार तथा अन्य गणमान्य अतिथियों ने महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री सिंधिया ने कहा कि अंडमान ओर निकोबार हमारे देश के सबसे खूबसूरत रत्नों में से है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास में यह कई अहम घटनाओं का साक्षी रहा है। वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जीव जंतुओ और वनस्पति की अतुलनीय जैव विविधता को दर्शाता है। शंख के आकार में डिजाइन किए गए हवाई अड्डे को दिन के समय बाहरी प्रकाश स्रोत की आवश्यकता नहीं होगी। निरंतरता के संबंध में हवाई अड्डे में दोहरी इंसुलेटिंग प्रणाली, एलईडी प्रकाश व्यवस्था,वर्षाजल संचयन और सौर जल संयंत्र की व्यवस्था की गई है।

 सिधिंया ने कहा कि इस हवाई अड्डे के अतिरिक्त केंद्र सरकार 150 करोड़ रुपए के निवेश से शिबपुर,कार निकोबार और कैंपबेल में 3 अतिरिक्त हवाई अड्डे और शहीद द्वीप,स्वराज द्वीप और पोर्ट ब्लेयर में 4 जल एयरोड्रोम की स्थापना करेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सेवा,सुशासन और गरीब कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। आगामी समय में यह हवाई अड्डा रोजगार,शिक्षा और निवेश का एक मार्ग बनेगा।

पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे के नाम से भी जाने जाने वाला वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा,अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में पोर्ट ब्लेयर से दो किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित है। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर निर्मित यह हवाई अड्डा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का एकमात्र व्यवसायिक हवाई अड्डा है। दक्षिण अंडमान द्वीप के पूर्वी तट पर स्थित पोर्ट ब्लेयर 500 से अधिक प्राचीन द्वीपो का मार्ग है। यह एक उभरता हुआ व्यवसायिक केंद्र है और यहां अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सरकारी कार्यालय भी स्थित हैं। पोर्ट ब्लेयर, जल पर आधारित स्नोर्कलिंग,स्कूबा डाईविंग,स्कूबा क्रूज गतिविधि के साथ क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति की झलक भी प्रदर्शित करता है।

Read More »

यूसीसी कानून या चुनावी मुद्दा….

सभी राजनीतिक दलों ने 2024 की लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और गठबंधन की गठजोड़ जारी है। इस चुनावी जोर आजमाइश के माहौल में भाजपा ने यूनिफार्म सिविल कोड का कार्ड चल दिया है। 2019 में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। समान नागरिक संहिता मतलब जिसका उद्देश्य हर धर्म रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों को सभी के लिए एक समान करना है।

यूं तो भारत विविधताओं वाला देश है अनेक धर्म, जातियां उनकी संस्कृति, परंपरा अलग-अलग है। ऐसे में समान कानून वाली बात लोग अपनाएंगे इसमें जरा संशय है। समान नागरिक संहिता कानून पर जब भी विवाद होता है तो यह विवाद अन्य धर्मों के बजाय हिंदू और मुस्लिम समुदाय पर आकर टिक जाता है। सबसे पहले 1835 में ब्रिटिश सरकार ने समान नागरिक संहिता पर का मुद्दा उठाया था फिर उसके बाद 1948 में अंबेडकर जी ने इसकी चर्चा की थी लेकिन समान  राय ना होने के कारण यह विवादित ही रहा। दरअसल भारत में यह मसला कानूनी नहीं रहा बल्कि सामाजिक और राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील हो गया है।
अल्पसंख्यक समुदाय इसे अपने धर्म के ऊपर हमला मान रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह सिर्फ वोटो की राजनीति है और इससे हमारे मौलिक अधिकारों का हनन होगा। वो इसे अपनी पहचान खत्म होने की साजिश बता रहे हैं। करीब – करीब सभी राजनीतिक दल यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध करते नजर आ रहे हैं। “एक देश एक कानून” का नियम लागू करना इतना आसान नहीं है वो भी तब जब हम विविधताओं वाले देश में रहते हों। जहां उनके धर्म के हिसाब से अलग-अलग कानून बने हुये है जो कि वर्षों से चले आ रहे हैं। इसे खत्म करना बहुत मुश्किल है और यह एक मुश्किल मुद्दा है।
हिंदू एक्ट के अनुसार तलाक के नियम कुछ अलग है उसी प्रकार मुसलमान जैन, ईसाई और पारसियों के भी नियम अलग-अलग है। हिंदू मैरिज एक्ट, हिंदू उत्तराधिकार कानून समेत ऐसे कई नियम हैं जो हिंदू समाज के निजी और पारिवारिक मामलों पर लागू होते हैं। 1955 में बना हुआ मैरिज एक्ट शादी और तलाक के मामलों पर लागू होता है। इसके अलावा हिंदू उत्तराधिकार एक्ट 1956 में संपत्ति के बंटवारे के नियम बताए गए हैं। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत बेटियों को भी संपत्ति में बराबर का हक दिया गया है। उन्हें बेटों के बराबर ही संपत्ति दिए जाने का प्रावधान है। इसके विपरीत भारत में रहने वाले मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ का पालन करते हैं इसमें शरीयत में दी गई मान्यता की बात कही जाती है। मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लीकेशन एक्ट 1937 के के अनुसार मुसलमानों के शादी उत्तराधिकार तलाक और मेंटेनेंस को लेकर फैसले होते रहते हैं। हालांकि तीन तलाक के मामले को लेकर विवाद बढ़ा तो एक अलग ही कानून बन गया जो इसे गलत ठहराता है। यहूदी, ईसाई पारसियों के लिए भी अलग  नियम है। इन पर इंडियन सक्सेशन एक्ट लागू होता है।
यह सिर्फ तलाक से जुड़े कानून है। इन सबके अलावा उत्तराधिकार, विवाह, वसीयत अन्य में अलग-अलग कानून ईसाई पारसी आदिवासियों के अपने अलग कानून है। सिर्फ गोवा में समान नागरिक संहिता कानून पहले से ही लागू है। गोवा को संविधान का विशेष दर्जा हासिल है। गोवा में सभी धर्म और जातियों के लिए फैमिली लॉ लागू है। इसके तहत सभी धर्म जाति संप्रदाय और वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शादी, तलाक, उत्तराधिकार, वसीयत के कानून समान है।
भाजपा ने समान नागरिक संहिता का कार्ड तब चला है जब चुनावी सरगर्मियां तेज है “मेरा बूथ सबसे मजबूत” कैंपेनिंग के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि, “क्या कोई परिवार अलग – अलग नियमों से पल सकता है? हमारा संविधान सभी के लिए समान अधिकार की गारंटी देता है।” आज के राजनीतिक माहौल में धार्मिक उन्माद हद से ज्यादा फैला हुआ है ऐसे में यह एक मुश्किल मुद्दा है जिसे अपनाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सवाल यह भी उठता है कि यदि यह चुनावी मुद्दा है तो क्या कुछ समय पश्चात यह शांत हो जाएगा और क्या इसका मकसद सिर्फ वोटो को भुनाना है? देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होगा कि नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा मगर इस मुद्दे को लेकर लोगों की तीखी प्रतिक्रियायें जरूर आनी शुरू हो गई है।

प्रियंका वर्मा महेश्वरी

Read More »

आवासीय योजना का लाभ ले चुके शातिर ने तथ्यों को छुपा कर पत्नी के नाम दोबारा योजना का लाभ लिया

कानपुर देहात, भारतीय स्वरूप संवाददाता, वर्षों पहले आवासीय योजना का लाभ ले चुके शातिर व्यक्ति ने अपनी पत्नी के नाम भी तथ्यों को छुपा कर आवासीय योजना का लाभ ले लिया। यह खुलासा तब हुआ जब एक शिकायती पत्र के आधार पर प्रस्तुत किये गये तथ्यों पर जाँच करने मौके पर पहुंची तीन सदस्यीय टीम की जाँच आख्या को खण्ड विकास अधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को भेजा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विकास खण्ड डेरापुर की ग्राम पंचायत मझगवाँ के ग्राम मिर्जापुर खुर्द निवासी राजेन्द्र सिंह पुत्र इन्द्रपाल सिंह को वर्ष-1995-96 में तत्कालीन ग्राम प्रधान शिव पाल सिंह के कार्यकाल के दौरान उच्चीकृत आवासीय योजना का लाभ दिया गया था और राजेन्द्र सिंह ने स्थानीय अधिकारियों से मिलीभगत करके ग्राम सभा की भूमि गाटा संख्या 32 पर अवैध कब्जा करके उस पर बना लिया था, जोकि अनेक अभिलेखों में दर्ज है और अतिक्रमण के रूप में जारी की गई आर. सी. सहित राजेन्द्र सिंह के द्वारा दिये गये अनेक बयानों में दर्ज है।
इसके बाद मौका मिलते ही राजेन्द्र सिंह ने वर्ष 2017-18 में तत्कालीन ग्राम प्रधान राजेलाल पाल से मिली भगत करके बीडीसी सदस्य रही अपनी पत्नी शकुन्तला देवी के नाम से प्रधानमन्त्री आवासीय योजना के तहत आवास आवंटन करवा लिया और गाटा संख्या 33 में पूर्व में कब्जा की गई भूमि पर बना दिखा दिया। इसमें तत्कालीन ग्राम प्रधान राजेलाल पाल की भूमिका संदिग्ध है। शिकायत कर्ता की मानें तो राजेन्द्र का यह आवास 1995 से भी पहले से बना है, मात्र रुपया हड़पने की नियत से नया निर्माण दिखा दिया गया।
दोनों आवासों के होने के बावजूद राजेन्द्र सिंह ने ग्राम सभा की भूमि गाटा संख्या 32 में तथ्यों को छुपा कर पट्टा करवा करवाते हुए तीसरे आवास का निर्माण करवाना शुरू कर दिया और उसे भी आवासीय योजना के तहत मिली कालोनी बताना शुरू कर दिया था। इसके बाद अवैध कब्जा करने की शिकायत होने पर तीसरे निर्माण को रूकवाया गया और निर्माणाधीन मकान के पिछले हिस्से को दिखावे के लिये ही सही किन्तु उप जिला अधिकारी ने जिला अधिकारी के निर्देश पर गिरवा दिया था।
तीन-तीन कालोनी होने की शिकायत माननीय मुख्यमन्त्री के पास होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर एक टीम गठित की गई। 14 जून 2023 टीम के सदस्य क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी राहुल वर्मा, सहायक विकास अधिकारी सतीश चन्द्र व ग्राम विकास अधिकारी मगन सिंह ने मिर्जापुर खुर्द में पहुंच कर स्थलीय जायजा लिया और अपनी जाँच आख्या खण्ड विकास अधिकारी डेरापुर को सौंपी, जिसमें पुष्टि की कि वर्ष 1995-96 में राजेन्द्र सिंह व वर्ष 2017-18 में राजेन्द्र सिंह की पत्नी शकुन्तला देवी ने आवासीय योजना का लाभ लिया। जाँच आख्या में यह लिखा गया कि वर्ष 1995-96 में आवंटित कालोनी बनी नहीं मिली।
इस बारे में शिकायत कर्ता ने बताया कि वर्ष 1995-96 में बनाई गई कालोनी आज भी है जिसे भतीजे का बता कर गुमराह किया जा रहा है क्योंकि जिसे भतीजे का मकान बताया जा रहा है वह राजेन्द्र सिंह का ही है और उसके द्वारा पूर्व में दिये गये बयानों में अपना ही बताया गया है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 12 जुलाई को मुख्य विकास अधिकारी से मुलाकर पूरे तथ्यों से उन्हें अवगत करा दिया है। धांधली सम्बन्धी सभी तथ्य भी दे दिये और मुख्य विकास अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के विद्ध कार्यवाई अवश्य की जायेगी।

Read More »

शहरी-20 (यू-20) के मेयरों के शिखर सम्मेलन का गांधीनगर में उद्घाटन

शहरी-20 (यू-20) के मेयरों के शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 7 जुलाई को गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाई पटेल और आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री, माननीय श्री कौशल किशोर द्वारा किया गया। राज्य के शहरीकरण के सिंधु घाटी सभ्यता तक जुड़े समृद्ध इतिहास के बारे में बोलते हुए श्री पटेल ने राज्य में अमल में ले जा रहे भविष्यगामी, दूरदर्शी शहरी उपक्रमों पर प्रकाश डाला। श्री कौशल किशोर ने हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कुछ नीतियों और कार्यक्रमों की मुख्य झलकियाँ साझा कीं, जिनमें लाइफ मिशन, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना, ई-मोबिलिटी पर नीतियां और सभी के लिए आवास, स्वच्छ भारत मिशन जैसे मिशन शामिल हैं। छठे यू-20 चक्र के अध्यक्ष के रूप अहमदाबाद, जी-20 देशों के 60 से अधिक शहरों के 140 से अधिक विदेशी शहर नेताओं, 70 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं को शहरी क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और सतत शहरी विकास प्राप्त करने में बाधक चुनौतियों का समाधान करने के लिए, एक साथ लेकर आया है। शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक शहरों के 100 से अधिक भारतीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव, श्री मनोज जोशी ने भारत में शहरीकरण की तेज गति के बारे में बात की, जहाँ 2050 तक शहरी आबादी मौजूदा 450 मिलियन से बढ़कर, लगभग 800 मिलियन होने की उम्मीद है। श्री जोशी ने क्षमता निर्माण की आवश्यकता और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए पर्याप्त वित्त की जरूरत को रेखांकित किया।

अहमदाबाद के माननीय महापौर, श्री किरीट कुमार जे परमार ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और यू-20 विचार-विमर्श के परिणाम- दस्तावेज विज्ञप्ति के माध्यम से टिकाऊ और न्यायसंगत शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिये एक कार्य-उन्मुख एजेंडे की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

जी-20 के सूस शेरपा, श्री अभय ठाकुर ने शहरी उपक्रमों में निजी निवेश की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और तेजी से शहरी विकास के परिणाम जैसे किफायती आवास की कमी और बुनियादी सेवाओं तक पहुँच जैसी समस्याओं के समाधान के लिए अविलंब, अभिनव समाधानों की आवश्यकता को दोहराया। श्री ठाकुर ने समावेशी शासन और नवाचार के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के महत्त्व पर भी ज़ोर दिया।

यू-20 यू,सी,एल,जी और सी-40 शहरों के वैश्विक संयोजकों के प्रमुख अधिकारियों ने भी शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।  यूसीएलजी महासचिव, सुश्री एमिलिया सैज कैरैनशेडो ने कहा कि यू-20 विचार-विमर्श शहरों, राष्ट्रीय सरकारों और जी-20 को  नई उम्मीद दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘यू-20 केवल शिखर सम्मेलन नहीं, यह रूपांतरण की प्रक्रिया है’ उन्होंने कहा- सी-40 सिटीज के उप कार्यकारी निदेशक डॉ. केविन ऑस्टिन ने जलवायु और स्वच्छ हवा के लिए भारतीय शहरों द्वारा किए गए उपायों की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि शहरों की सक्रिय भागीदारी के बिना जलवायु संकट का समाधान नहीं किया जा सकता है।

‘मेयोरल-समिट’ के पहले दिन अहमदाबाद क्लाइमेट एक्शन प्लान भी लॉन्च किया गया। इसे आईसीएलईआई, स्विस विकास एजेंसी और अहमदाबाद नगर निगम के सहयोग से विकसित किया गया है। योजना का उद्देश्य 2017 तक नेट-ज़ीरो  उत्सर्जन प्राप्त करना है और शहरों में बढ़ती गर्मी, बाढ़ और प्राकृतिक संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना है।

Read More »

समर्थ योजना के अंतर्गत 43 नए कार्यान्वयन भागीदार सूचीबद्ध; 75,000 लाभार्थियों को अतिरिक्त प्रशिक्षण का लक्ष्य

वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना (समर्थ) के लिए अधिकार प्राप्त समिति की आज आयोजित बैठक में, 43 नए कार्यान्वयन भागीदारों के पैनल के साथ कार्यान्वयन भागीदारों के पैनल को व्यापक बनाया गया है और कार्यबल को कौशल प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए लगभग 75,000 भागीदार लाभार्थियों को प्रशिक्षण का अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किया गया है। ।

लागत मानदंडों में 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ फंडिंग पैटर्न को भी संशोधित किया गया है, जिससे इस योजना के अंतर्गत कौशल प्रदान करने वाले उद्योगों को आवश्यक अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी।

इसके साथ, वस्त्र मंत्रालय ने वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना (समर्थ) के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के लिए 157 कपड़ा उद्योग/उद्योग संघों, 16 केंद्रीय/राज्य सरकार एजेंसियों और मंत्रालय के 3 क्षेत्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है।

यह योजना देश के 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जन जाति (एसटी) और अन्य हाशिए पर मौजूद श्रेणियों सहित समाज के सभी वर्गों को शामिल करती है। अब तक आवंटित 4.72 लाख लाभार्थियों के कौशल लक्ष्य में से 1.88 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत अब तक प्रशिक्षित लाभार्थियों में 85 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शामिल हैं। संगठित क्षेत्र के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों को रोज़गार प्रदान किया गया है।

समर्थ योजना वस्त्र मंत्रालय का एक मांग आधारित और रोज़गार प्रदान करने वाला प्रमुख कौशल कार्यक्रम है, जिसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अपनाई गई व्यापक कौशल नीति ढांचे के अंतर्गत तैयार किया गया है।

इस योजना का उद्देश्य संगठित वस्त्र और संबंधित क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करने में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पूरक बनाना है। प्रवेश स्तर के कौशल के अलावा, परिधान और परिधान क्षेत्रों में मौजूदा श्रमिकों की उत्पादकता में सुधार की दिशा में योजना के अंतर्गत कौशल में वृद्धि / कौशल को बढाने वाले कार्यक्रम के लिए एक विशेष प्रावधान भी संचालित किए गए हैं। समर्थ योजना हथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम और जूट जैसे पारंपरिक वस्त्र क्षेत्रों की कौशल में वृद्धि / कौशल को बढाने की आवश्यकता को भी पूरा करता है।

Read More »