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“यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए और सच के अलावा कुछ भी न बताए” – जगदीप धनखड़ 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर बल दिया कि यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह “सच बोले और सच के अलावा कुछ नहीं” बोले। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह सच्चा रहे, चाहे वह पत्रकार हों या अखबारों तथा संचार के अन्य माध्यमों के मालिक हों।Vice President of India (@VPIndia) / X
यह कहते हुए कि विश्वसनीयता आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कुछ क्षेत्रों में इस पहलू को नजरअंदाज किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र के कामकाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि यह देखते हुए मीडिया वास्तविक राजनीति में शक्ति केंद्र या हितधारक नहीं है। उन्होंने कहा, “यह देखना दर्दनाक है कि कुछ पत्रकारों ने जमीनी भावनाओं के विपरीत, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पाठ्यक्रम को बदलने का बीड़ा उठाया है।” उन्होंने आगाह किया कि हमें ऐसे खतरों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

उपराष्ट्रपति ने मीडिया की चुनौतियों पर विचार करते हुए कहा, “यह वाणिज्य संचालित है। यह कथाएँ प्रसारित करता है। यह दुर्भाग्य से आंदोलन की स्थिरता में हितधारक बन गया है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण प्रभाव डालने वाले की भूमिका निभाना चाहता है।” उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आग्रह करते हुए भारतीय प्रेस परिषद से जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाने और पेशेवर नैतिकता से समझौता करने वालों के खिलाफ तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति ने सरकार के प्रहरी के रूप में मीडिया के दायित्व का जिक्र करते हुए कहा कि इसका काम सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना है।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए एक शक्ति के रूप में तैयार करता रहेगा। श्री धनखड़ ने कहा, “कोई भी विघटनकारी प्रौद्योगिकी एक अच्छी तरह से जानकार और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार का विकल्प नहीं हो सकती है।”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चुनौतियों और नैतिक सवालों का अपना समूह लेकर आती है। उन्होंने कहा कि गलत सूचना का प्रसार, बड़े झूठ वाली खबरें, इको चैंबर का निर्माण और सूचना का सूक्ष्म लक्ष्यीकरण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिससे समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा होती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को हमारे प्रौद्योगिकी परिदृश्य का एक अभिन्न अंग और एक ऐसी तकनीक के रूप में देखते हुए, “जो यहीं रहेगी”, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंकर और भाषा मॉडल जो कई स्रोतों से जानकारी एकत्र करने के बाद मीडिया रिपोर्ट लिख सकते हैं, उससे हजारों लोगों की नौकरियाँ खतरे में हैं।

उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युग के बीच दायित्वपूर्ण और नैतिक पत्रकारिता की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यह सर्वोपरि है कि पत्रकार और मीडिया समूह ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तथ्य-जाँच, कठोर स्रोत सत्यापन और अटूट संपादकीय स्वतंत्रता आज के मीडिया परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं।

श्री धनखड़ ने सभी से “नवाचार और दायित्व की भावना के साथ आगे बढ़ने, पत्रकारिता के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए, जिसने पीढ़ियों से हमारी सेवा की है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस नए युग को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत क्षमता की आशा व्यक्त की, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र के भीतर सच्चाई और जवाबदेही के प्रतीक के रूप में अभिन्न रूप से खड़ा है।

इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण तथा मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, श्री अमिताभ कांत, जी-20 शेरपा,  नुंगसांगलेम्बा एओ, सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साक्षी बने

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के उद्देश्यों के अनुरूप आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई) के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाना और तैयार करना है। नई दिल्ली में आज भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की सम्मानित उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।

यह साझेदारी युवाओं के, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे उन्हें विमानन और रक्षा क्षेत्रों में नए-युग के पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

यह पहली बार है कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पना की गई है, हम भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर की क्षमताओं के निर्माण के लिए शिक्षा, कौशल और अग्रणी उद्योगों के बीच सहयोग देख रहे हैं। इन आईआईएस की अवधारणा का विचार स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान दिया था, जो विद्यार्थियों को नौकरियों और करियर में उन्नति के लिए तैयार करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है। इसी तरह, मौजूदा कौशल इकोसिस्टम में प्रशिक्षण मानकों को उन्नत करने के लिए देश में भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जा रही है।

प्रधान ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच सहयोग, कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि पहली बार शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और उन्हें भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों में तालमेल बनाने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं।

श्री प्रधान ने आगे कहा कि इस सहयोग के अंतर्गत भविष्य के पाठ्यक्रम हमारे देश के युवाओं और कार्यबल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उपहार है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ एयरोस्पेस, विमानन एवं रक्षा क्षेत्रों में कौशल, अप-स्किलिंग, रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम आज भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के लिए तीन समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साथ भारतीय कौशल संस्थान में क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। इन साझेदारियों के साथ, हितधारक युवाओं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण पद्धति के साथ-साथ सर्वोत्तम श्रेणी के बुनियादी ढांचे की स्थापना की परिकल्पना की गई है। यह निश्चित है कि नए युग के पाठ्यक्रमों, रक्षा और विमानन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता से भारतीय कौशल संस्थान से जुड़े युवा कैडर को बहुत अधिक लाभ होगा।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मौजूदा कौशल संस्थानों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को सीखकर और उन्हें आत्मसात करके विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण करना है। संस्थान के लिए डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रमों को देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विषय विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया है। नियोजित मॉड्यूल आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि 2.0 स्मार्ट एग्रीकल्चर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, उद्योग 4.0 जैसे और अन्य पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक और महत्वपूर्ण साझेदारी के अंतर्गत, एचएएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के हिस्से के रूप में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के नए भवन में एक सीएनसी प्रयोगशाला के लिए एक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा विकसित करेगा। इस पहल का उद्देश्य भारतीय कौशल संस्थान कानपुर के संकायों और प्रशिक्षुओं को उन्नत सीएनसी मशीनिंग तकनीक का अनुभव प्रदान करना है, साथ ही सुविधा भी प्रदान करना है। इसका लक्ष्य प्रशिक्षुओं के समूह के लिए प्रशिक्षण, पुनः कौशल और उन्नयन करके औद्योगिक नौकरियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है, इस प्रकार कौशल भारत पहल का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना एक सामान्य इंजीनियरिंग वातावरण बनाकर शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सहयोग को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है जो दोनों पक्षों से परिचित है, और अधिक प्रभावी जानकारी साझा करने में सक्षम है।

कुल मिलाकर, बुनियादी ढांचे के विकास के दायरे में 12 प्रयोगशालाएं, 12 कक्षाएं, बहुउद्देशीय कक्ष, खुला थिएटर, आउटडोर प्रशिक्षण क्षेत्र, सम्मेलन और चर्चा कक्ष व एक कैफेटेरिया सम्मिलित है।

इसके अलावा, डसॉल्ट एविएशन के साथ परिकल्पित साझेदारी से कानपुर में विमानन क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में वैमानिकी संरचना एवं उपकरण फिटर (एएस एंड ईएफ) में एक पाठ्यक्रम शुरू करने में सहायता मिलेगी। साझेदारी के एक हिस्से के रूप में, कानपुर परिसर में भारतीय कौशल संस्थान के नए भवन में वैमानिकी व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डसॉल्ट वैमानिकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाओं में सुविधा प्रदान करने और अग्रणी उद्योगों के साथ नौकरी के दौरान प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए इन सहयोगों के माध्यम से मजबूत उद्योग और नियोक्ता संपर्क की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, ये साझेदारियां स्थानीय इकोसिस्टम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाकर समाज के लाभ में योगदान दे रही हैं। भारत सरकार पहले ही देश में तीन स्थानों मुंबई, कानपुर और अहमदाबाद में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) स्थापित कर चुकी है।

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आर्मी बेस हॉस्पिटल ने संतुलन विकार और वर्टिगो रोगियों के लिए अत्याधुनिक वेस्टिबुलर लैब स्थापित की

दिल्ली कैंट स्थित आर्मी बेस अस्पताल ने एक समग्र वेस्टिबुलर प्रयोगशाला की स्थापना करके अपने पहले से ही उन्नत अस्पताल में एक और अत्याधुनिक उपचार प्रक्रिया को शामिल किया है। इस लैब की स्थापना के बाद संतुलन विकारों और वर्टिगों रोगियों को अत्यधिक लाभ होने की उम्मीद है। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन 7 नवंबर, 2023 को महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) और सेना चिकित्सा कोरके कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने किया।

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक और सीनियर कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने अत्याधुनिक समग्र वेस्टिबुलर लैब की स्थापना पर बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट की टीम को बधाई दी। लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने वेस्टिबुलर विकारों का पता लगाने और उनके उपचार की दिशा में क्षमता का विकास करने तथा स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के मामले में अस्पताल की सफलता की कामना की।

डीजीएएफएमएस ने कहा कि प्रयोगशाला से नई उपचार पहल के साथ-साथ ईएनटी सर्जनों के प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रक्रिया शुरू होगी। डीजीएमएस (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने कहा कि इस सुविधा को कई एएफएमएस ईएनटी केंद्रों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और बहु-विषयक अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए।

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डी.जी. कॉलेज छात्राओं द्वारा रैली निकाल चलाया गया सड़क सुरक्षा अभियान

कानपुर 10 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सड़क सुरक्षा क्लब एवम् राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एनएसएस स्वयंसेविकाओं एवं महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर तथा महाविद्यालय से लेकर ग्रीन पार्क स्टेडियम तक रैली निकालकर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागृत किया। छात्राओं ने सिविल लाइंस के मुख्य चौराहा ग्रीन पार्क चौराहा, मर्चेंट चेंबर चौराहा पर दोपहिया, तिपहिया तथा चार पहिया वाहन चलाने वाले एवम् आवागमन करने वाले लोगों को यातायात के नियमों विशेष कर सिग्नल्स, सीट बेल्ट लगाने, हेलमेट लगाने, अपनी लेने में चलने, ज़ेबरा क्रॉसिंग से सड़क पार करने व वाहन गति के संबंध में जानकारियां दी। रैली के दौरान छात्राओं ने सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा, जिंदगी नहीं इतनी सस्ती सड़क पर मत करो मस्ती जैसे नारे लगाए। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए स्वयं यातायात के नियमों का पालन करने के साथ-साथ अपने परिवार, आस पड़ोस के लोगों को भी यातायात के नियमों से अवगत कराने की अपील की ताकि सड़क पर होने वाले ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोककर एक्सीडेंट के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके। महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस दौरान सीसी इंचार्ज डॉ मनीषी पांडे, सेल्फ फाइनेंसर डायरेक्टर प्रो वंदना निगम कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय के समस्त प्रवक्ताएं तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं इस अभियान की सराहना की।

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) संस्थान पर भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केएसजी पर यह जुर्माना भ्रामक विज्ञापन देने और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए लगाया गया है। यह निर्णय देश भर में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया।

मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन को देखते हुए खान स्टडी ग्रुप (केएसजी) के विरुद्ध भ्रामक दावों का विज्ञापन करके भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए आदेश जारी किया है।

प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम आने पर विभिन्न आईएएस कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवारों को अपने छात्र होने का दावा करते हुए एक विज्ञापन जारी करते हैं। कोचिंग संस्थान संभावित उम्मीदवारों को प्रभावित करने के लिए टॉपर्स और सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और नामों का उपयोग करते हैं, ऐसे उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों या उनके द्वारा भुगतान की गई फीस और पाठ्यक्रम की अवधि का खुलासा किए बिना।

इसलिए, सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लिया और विभिन्न आईएएस कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए। खान स्टडी ग्रुप उनमें से एक है।

खान स्टडी ग्रुप ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावे किए-

  1. 933 चयनित छात्रों में से 682 केएसजी से हैं।
  2. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के सभी शीर्ष 5 सफल उम्मीदवार केएसजी से हैं।
  3. इशिता किशोर एआईआर 1 यूपीएससी 2022 केएसजी से हैं।
  • IV. सामान्य अध्ययन और सीसैट के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ आईएएस कोचिंग संस्थान।

सीसीपीए ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि केएसजी ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन दिया, लेकिन यूपीएससी परीक्षा 2022 में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी उक्त विज्ञापन में छिपाई गई थी। इसी आधार पर केएसजी को दिनांक 03.08.2023 को नोटिस जारी किया गया था।

संस्थान ने अपने जवाब में कहा कि केएसजी द्वारा दिए गए विज्ञापन में दिखाए गए 682 सफल उम्मीदवारों में से 674 ने मॉक इंटरव्यू प्रोग्राम दिया जो एक नि:शुल्क कार्यक्रम है।

सीसीपीए को उपभोक्ताओं के एक वर्ग के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और लागू करने का काम सौंपा गया है और इसलिए डीजी (जांच) सीसीपीए से इस मामले में विस्तृत जांच का अनुरोध किया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 682 में से केवल 8 सफल उम्मीदवारों ने अतिरिक्त पाठ्यक्रमों के लिए मार्गदर्शन लिया, वह भी पहले के वर्षों में। इस तथ्य को उनके विज्ञापनों में प्रकट नहीं किया गया था, जिससे उपभोक्ताओं को यह विश्वास करने में धोखा दिया गया कि ऐसे सफल उम्मीदवार उक्त संस्थान को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं।

सीसीपीए ने पाया कि यूपीएससी सीएस परीक्षा 2022 के सभी 5 टॉपर्स इशिता किशोर (एआईआर-1), गरिमा लोहिया (एआईआर-2), उमा हरथी एन (एआईआर-3), स्मृति मिश्रा (एआईआर-4) और मयूर हजारिका (एआईआर-5) ने खान स्टडी ग्रुप से केवल मॉक इंटरव्यू लिया था, जो नि:शुल्क था।

केएसजी को विज्ञापन में उनकी तस्वीरों को प्रमुखता से लगाकर सफल उम्मीदवार के प्रयासों और सफलता का पूरा श्रेय लेते हुए पाया गया है। यह सामान्य ज्ञान है कि एक सफल उम्मीदवार की रैंक लिखित परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार में प्राप्त स्कोर पर आधारित होती है। इस प्रकार यूपीएससी के संभावित उम्मीदवार भ्रामक विज्ञापनों से आकर्षित हो सकते हैं।

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा जारी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 23 मई, 2023 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए कुल 11,35,697 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से कुल 13,090 अभ्यार्थियों ने सितंबर, 2022 में आयोजित लिखित (मुख्य) परीक्षा में उपस्थित होने के लिए अर्हता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त कुल 2,529 उम्मीदवारों ने परीक्षा के व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हता प्राप्त की। अंत में, विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा कुल 933 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी। इसलिए, एक प्रबल संभावना मौजूद है कि सीएसई 2022 के व्यक्तित्व परीक्षण के लिए चुने गए 2,529 उम्मीदवारों में से, प्रत्येक 3 में से 1 ऐसे चयनित उम्मीदवार सीएसई में अंतिम चयन में जगह बनाएंगे।

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों को परीक्षा के सभी 3 चरणों को पास करना होता है, यानी प्रीलिम्स, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण (पीटी)। जबकि प्रीलिम्स एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण दोनों में प्राप्त अंकों को अंतिम रूप से चयनित होने के लिए गिना जाता है। मुख्य परीक्षा और पीटी के लिए कुल अंक क्रमशः 1750 और 275 हैं। इस प्रकार कुल अंकों में व्यक्तित्व परीक्षण का योगदान 13.5 प्रतिशत है। उम्मीदवार पहले ही प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर चुके थे, जिसमें खान स्टडी ग्रुप का कोई योगदान नहीं था। इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाकर इस तरह के झूठे और भ्रामक विज्ञापन उन उपभोक्ताओं पर गंभीर प्रभाव डालते हैं जो यूपीएससी के संभावित उम्मीदवार हैं, उन्हें यह बताए बिना कि खान स्टडी ग्रुप ने केवल ऐसे सफल उम्मीदवारों को मार्गदर्शन की पेशकश की थी जिन्होंने पहले ही यूपीएससी परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इस प्रकार, विज्ञापन ने उपभोक्ता के सूचित होने के अधिकार का उल्लंघन किया है ताकि अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ स्वयं को बचाया जा सके।

विज्ञापन को वैध और कपटपूर्ण तब नहीं माना जाता है जब यह उत्पादों या सेवाओं की उपयोगिता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके उपभोक्ताओं को गुमराह नहीं करता है। विज्ञापन को तथ्यों का सच्चा और ईमानदार प्रतिनिधित्व करना चाहिए, इस तरह से प्रकटीकरण करना चाहिए कि वे स्पष्ट, महत्वपूर्ण हों और देखने वालों के लिए इसको चूकना काफी मुश्किल हो। वर्ष 2022 में सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों की स्वीकृति के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें गैर-भ्रामक और वैध विज्ञापन के लिए शर्तों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।

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आरपीएफ ने ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के तहत अक्टूबर माह में 601 से अधिक बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया

आरपीएफ यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा और आराम सुनिश्चित करने का काम पूरी जिम्मेदारी से कर रहा है।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेलवे संपत्ति, रेलवे प्लेटफॉर्मों तथा स्टेशनों के अन्य क्षेत्रों के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह बल यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा और आराम के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।

अक्टूबर 2023 में भी आरपीएफ ने अपनी इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के साथ ही अपने ग्राहकों को विश्वसनीय माल ढुलाई सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की मदद की।

आरपीएफ ने महती सुरक्षा उपायों और अपराध होने पर उनकी बखूबी जांच कर देश भर में फैली रेलवे की विशाल संपत्ति की सुरक्षा का काम पूरी सफलता से अंजाम दिया।

अक्टूबर 2023 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –

ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” – खोए हुए बच्चों को बचाना: मिशन “नन्हे फरिश्ते” के तहत, आरपीएफ ने 601 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये बच्चे अलग-अलग वजहों से अपने परिवारों से बिछड़ गए थे। आरपीएफ ने उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए अथक प्रयास किया।

मानव तस्करी विरोधी प्रयास (ऑपरेशन एएएचटी): आरपीएफ की मानव तस्करी विरोधी इकाइयों (एएचटीयू) ने देशभर में भारतीय रेल के स्टेशनों पर मानव तस्करों की योजनाओं को विफल करने के लिए लगातार काम किया। अक्टूबर 2023 में आरपीएफ ने 39 लोगों को तस्करों के चंगुल से बचाया।

ऑपरेशन “जीवन रक्षा”-जीवन बचाना: ऑपरेशन ‘जीवन रक्षा’ के तहत अक्टूबर 2023 में आरपीएफ की सतर्क और त्वरित कार्रवाई से प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैकों पर ट्रेन के नीचे आने से पहले ही करीब 262 यात्रियों की जान बचाई गई।

महिला यात्रियों को सशक्त बनाना – “मेरी सहेली” पहल: आरपीएफ ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को पूरी गंभीरता से लेते हुए “मेरी सहेली” पहल शुरू की है। अक्टूबर 2023 के दौरान, 232 “मेरी सहेली” टीमों ने 13,664 ट्रेनों में 423,803 महिला यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित किया। इसके अलावा आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में सवार पाए गए 5,722 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।

दलालों पर नकेल कसना (ऑपरेशन “उपलब्ध”): दलालों के खिलाफ कार्रवाई में, आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में 490 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 42 अवैध सॉफ्टवेयर के साथ ही 43.96 लाख रुपये मूल्य के अगली तिथियों के टिकट भी जब्त किए।

ऑपरेशन “नार्कोस” – नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों का मुकाबला: आरपीएफ ने एक सराहनीय प्रयास में,  अक्टूबर 2023 के दौरान 99 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनसे 5.99 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त किए। इन अपराधियों को कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकार प्राप्त एजेंसियों को सौंप दिया गया।

यात्रियों की चिंताओं पर तत्काल ध्यान देना: आरपीएफ ने रेल मदद पोर्टल और हेल्पलाइन (नंबर 139 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली नंबर 112 के साथ एकीकृत) के जरिये यात्रियों की सुरक्षा संबंधी शिकायतों का तुरंत समाधान किया। आरपीएफ को अक्टूबर 2023 में इस तरह की 30,300 से अधिक शिकायतें मिलीं जिन्हें हल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई।

ऑपरेशन “यात्री सुरक्षा” – यात्रियों की सुरक्षा: आरपीएफ रेल यात्रियों के खिलाफ अपराधों को रोकने और उनका पता लगाने में पुलिस की मदद करता है। अक्टूबर 2023 में, आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराधों में शामिल 256 अपराधियों को गिरफ्तार किया और उन्हें संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंप दिया।

“ऑपरेशन संरक्षा” के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करना: यात्री सुरक्षा और रेल सेवाओं की सुरक्षा के प्रयास के तहत आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में चलती ट्रेनों पर पथराव करने वाले 33 लोगों को गिरफ्तार किया।

जरूरतमंदों की सहायता (ऑपरेशन सेवा): आरपीएफ ने अक्टूबर 2023 में अपनी रेल यात्रा के दौरान 272 बुजुर्ग, बीमार या घायल यात्रियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सहायता प्रदान की।

अवैध माल परिवहन पर अंकुश (ऑपरेशन सतर्क): “ऑपरेशन सतर्क” के तहत, आरपीएफ ने 10,33,149 रुपये कीमत के अवैध तंबाकू उत्पाद जब्त किए और 26,12,656 रुपए की अवैध शराब के साथ 127 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया गया।

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महिला मतदाता लोकतंत्र की भाग्य विधाता – दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में चलाया गया फर्स्ट टाइम वोटर जागरूकता अभियान

कानपुर 10 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से शासन द्वारा संचालित “SVEEP” योजना के अंतर्गत *मतदाता जागरूकता अभियान* एवं *वोटर रजिस्ट्रेशन हेतु फर्स्ट टाइम वोटर अवेयरनेस अभियान* का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करना तथा 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की समस्त छात्राओं का वोटर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना रहा। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस दौरान एक पोस्टर तथा स्लोगन लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग करके हम अपने भविष्य के निर्माण तथा एक विकसित एवम् उत्तम राष्ट्र बनाने में एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सशक्त जनाधार का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मतदाता जागरूकता के इस अभियान में महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताओं, कर्मचारियों की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने छात्राओं के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की प्रशंसा करते हुए उन्हें फर्स्ट टाइम वोटर बनने हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के संविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 9 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के सविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में "भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन (Practices)" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत मेंकार्यक्रम की संयोजिका विभा दीक्षित ने अतिथियों का स्वागत और व्याख्यान के विषयवस्तु के परिचय से किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल औरसचिव, प्रोफेसर जोसेफ डैनियल ने भारत में संविधान के महत्व और प्रासंगिकता पर बहुतयुक्तिपूर्ण टिप्पणियाँ साझा कीं। उन्होंने भारतीय संविधान के मूल्य और पवित्रता को बनाए रखने में संविधान एवं कानून निर्माताओं के संघर्ष और योगदान पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि वक्ता वीएसएसडी कॉलेज के विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.बी. जायसवाल ने कानूनविद के दृष्टिकोण से एक बहुत ही अर्थपूर्ण व्याख्यान दिया।

उन्होंने भारतीय संविधानकी 75 वर्षों के कालयात्रा की विशिष्टता, गतिशीलता और अनुकूलनशीलता पर गंभीर चर्चाकी। प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने सत्र की अध्यक्षीय व्याख्यान में कहा कि संविधान केवलसरकार चलाने के लिए एक कोड बुक नहीं है, बल्कि इसका लोकतंत्र के सभी स्तंभों द्वारा उचित व्याख्या करते हुए सही दिशा में निर्णय लेने एवं कार्यान्वयन की आवश्यकता है.
संवैधानिक सरकार को अपने व्यवहार में संविधान के मूल दार्शनिक मूल्यों, अपेक्षाओं और समय के साथ बदलाव को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम की आयोजक समिति में हिना अज़मत, अर्चना वर्मा, साक्षी, इशिता, विवेक और अमित शामिल थे। विद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्रों ने बड़ी रुचि के साथ वार्ता में भागीदारी की.

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नव विकसित सस्ता रेडिएटिव पेंट भवनों को ठंडा करने के लिए बिजली की खपत को कम कर सकता है

एक नया सस्ता, पर्यावरण-अनुकूल रेडिएटिव (विकिरण वाला) कूलिंग पेंट, जिसे विशेष रूप से गर्म मौसम की स्थिति में इमारतों, पेवर्स (फर्श बनाने वाली सामग्री) और टाइल्स जैसी संरचनाओं को प्रभावी ढंग से ठंडा करने के लिए विकसित किया गया है। यह बिजली की खपत को कम कर सकता है और गर्मी के दिनों में जरूरी राहत दे सकता है।

वैश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) के बढ़ने और शहरी ताप द्वीप प्रभावों के कारण शीतलन प्रौद्योगिकियां मानव जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। एयर-कंडीशनर (एसी), बिजली के पंखे और रेफ्रिजरेटर जैसे सक्रिय शीतलन उपकरण भारी मात्रा में बिजली की खपत करते हैं। बड़े पैमाने पर बिजली की इस मांग के साथ सक्रिय शीतलन उपकरण भी काफी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जिससे पृथ्वी की सतह के तापमान में बढ़ोतरी होती है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विकिरण शीतलन तकनीक विकसित की गई है, जो बिजली की खपत के बिना वायुमंडलीय संचरण विंडो (8-13 माइक्रोमीटर) के माध्यम से शीतल वातावरण (लगभग 3 केल्विन) में सीधे तापीय विकिरण उत्सर्जित करके ठंडी सतह प्रदान करती है। इसके परिणामस्वरूप हाल ही में पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग (पीडीआरसी) ने पेवर्स, टाइल्स, बिल्डिंग और ऑटोमोबाइल कूलिंग, सौर सेल और व्यक्तिगत थर्मल प्रबंधन जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए काफी अधिक रुचि उत्पन्न की है।

बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में प्रोफेसर बिवास साहा ने शोधकर्ताओं- प्रसन्ना दास, सौरव रुद्र, कृष्ण चंद मौर्य के सहयोग से अपने नेतृत्व में एक शानदार रेडिएटिव कूलिंग पेंट प्रस्तुत किया है। इसे एक अभिनव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट से विकसित किया गया है। कम लागत वाला यह समाधान-संसाधित पेंट उच्च सौर परावर्तन और अवरक्त तापीय उत्सर्जन के साथ महत्वपूर्ण शीतलन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। जेएनसीएएसआर, जो कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त संस्थान है, के वैज्ञानिकों के प्रयोगात्मक निष्कर्षों से यह बात सामने आई है कि उपचारित पेवर की सतह का तापमान तेज धूप के नीचे लगभग 10 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। यह पारंपरिक सफेद पेंट की तुलना में लगभग दोगुना है।

इन शोधकर्ताओं ने एक सरल समाधान-संसाधित तकनीक का उपयोग करके पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट विकसित किया। इसके लिए उन्होंने पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध, सस्ते, गैर विषैले और गैर-हानिकारक पदार्थों से तैयार अल्ट्रा-व्हाइट और अल्ट्रा-एमिसिव मैग्नीशियम ऑक्साइड (एमजीओ)- पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड (पीवीडीएफ) नैनो-कंपोजिट का उपयोग किया। शुरुआत में पॉलिमर पाउडर को विलायक का उपयोग करके एक सॉल्यूशन में बदल दिया गया और इसके बाद डाईइलेक्ट्रिक नैनोकणों को पॉलिमर मैट्रिक्स के अंदर प्रसारित किया गया। इस तैयारी के बाद विकसित पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट के ऑप्टिकल गुणों को चिह्नित करने के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों का उपयोग किया गया। थर्मोकपल का उपयोग करके पेंट के तापमान को मापकर, तेज धूप के तहत उत्कृष्ट शीतलन प्रदर्शन को प्रदर्शित किया गया।

डाईइलेक्ट्रिक नैनो कणों के साथ अनुकूलित एमजीओ-पीवीडीएफ के परिणामस्वरूप पॉलिमर से 96.3 फीसदी का बड़ा सौर परावर्तन और एमजी─ओ बॉन्ड कंपन व अन्य स्ट्रेचिंग/बॉन्डिंग कंपन के कारण 98.5 फीसदी का रिकॉर्ड उच्च तापीय उत्सर्जन हुआ। नैनोकम्पोजिट पेंट में जल-प्रतिरोधी हाइड्रोफोबिक गुण दिखते हैं और इसे उच्च एकरूपता व अच्छे आसंजन के साथ पेवर्स, लकड़ी की छड़ियों आदि पर आसानी से लेपित किया जा सकता है।

जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में एसोसिएट प्रोफेसर  प्रोफेसर बिवास साहा ने कहा, “हमारे अभिनव अनुसंधान ने एक लागत प्रभावी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ पेंट को तैयार किया गया है, जो गर्मी के दिनों में सतह के तापमान (इमारतों, टाइलों, पेवर्स आदि सहित) को 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक कम करने में सक्षम है। हम मानना है कि इस पेंट के सीधे उपयोग से चिलचिलाती गर्मी के दिनों में यह काफी राहत मिलेगी, जिससे शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों को समान रूप से लाभ होगा।”

यह कार्य एक विली प्रकाशन एडवांस्ड मेटेरियल टेक्नोलॉजीज में प्रकाशित किया गया है। यह  कूलिंग अनुप्रयोगों के निर्माण के लिए रेडियेटिव कूलिंग पेंट के उपयोग को लेकर उद्योगों को प्रेरित कर सकता है। इन निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि विनिर्माण में एमजीओ-पीवीडीएफ कूलिंग पेंट को अपनाने से एयर कंडीशनिंग पर निर्भरता को काफी कम किया जा सकता है, जिससे इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में में कमी आएगी।

प्रकाशन:

1. पी. दास, एस. रुद्र, के. सी. मौर्य, और बी. साहा, “पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग के लिए अल्ट्रा-एमिसिव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट” एडवांस्ड मटेरियल टेक्नोलॉजी 2023 2301174 https://doi.org/10.1002/admt.202301174

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चित्रसस्तेहाइड्रोफोबिकसमाधानसंसाधित नैनोकम्पोजिट रेडिएटिव कूलिंग पेंट का विकास विशेष रूप से भूमध्यरेखीय क्षेत्रोंदक्षिणपूर्व एशियामध्यपूर्व और अफ्रीका में शहरी ताप द्वीप प्रभावों का समाधान करेगा। यहां एमजीओपीवीडीएफ नैनोकम्पोजिट पेंट को अल्ट्राहाई सौर परावर्तन (96.3 फीसदीऔर रिकॉर्डउच्च तापीय उत्सर्जन (98.5 फीसदीके साथ विकसित किया गया है। तापमान में ~10 की कमी प्रदर्शित करना, इसके उल्लेखनीय विकिरणीय शीतलन प्रदर्शन को दिखाता है।

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चित्र 1: (रेडिएटिव कूलिंग पेंट से रंगी गई बिल्डिंग का रेखाचित्र। (बीएमजीओपीवीडीएफ कोटिंग का प्रतिबिंब स्पेक्ट्रा और एएम 1.5 सौर स्पेक्ट्रम के साथ एक वाणिज्यिक सफेद पेंट। (सीएमजीओपीवीडीएफ मिश्रित फिल्मवाणिज्यिक पेंट, 300 केल्विन पर ब्लैकबॉडी (बीबीस्पेक्ट्रम और वायुमंडलीय ट्रांसमिशन प्रोफाइल का तापीय उत्सर्जन स्पेक्ट्रा प्रदर्शित किया गया है। (डी) भारत के बेंगलुरु में एक सपाट छत पर क्षेत्र परीक्षण के लिए नियोजित विकिरण शीतलन माप सेटअप का चित्र। (उपपरिवेश के संबंध में एमजीओपीवीडीएफ कोटिंग के बाहरी रियल टाइम शीतलन के नतीजे। (एफबाहर में एक लेपित और एक बिना लेपित सिरेमिक पेवर की तस्वीर और तापीय चित्र।

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54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा

• अंतर्राष्ट्रीय खंड में 198 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें 13 का विश्व प्रीमियर भी शामिल हैं।

• कैचिंग डस्ट’ ओपनिंग फिल्म होगी; ‘अबाउट ड्राई ग्रासेज’ मिड-फेस्ट फिल्म होगी और ‘द फेदरवेट’ समापन फिल्म होगी।

• इस साल विभिन्न प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की 19 पुरस्कार विजेता फिल्मों  को इफ्फी कैलिडोस्कोप में शामिल किया गया है।

• फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में इस वर्ष 300 अंतर्राष्ट्रीय फिल्म परियोजनाओं को उत्पादन, वितरण या बिक्री के लिए क्यूरेट और प्रदर्शित किया गया।

• प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं, छायाकारों और अभिनेताओं के साथ 20 से अधिक ‘मास्टरक्लास’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्र आयोजित किए जाएंगे।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज घोषणा की कि 54वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई-इफ्फी) 20 नवंबर 28 नवंबर 2023 तक गोवा में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर श्री ठाकुर ने कहा कि भारत के बाजार की विश्व रैंकिंग 5वें नंबर पर है, जो भारत की मीडिया और मनोरंजन उद्योग की शक्ति दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह बाजार पिछले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि के साथ हर साल बढ़ रहा है। भारत में बनी फिल्में देश के कोने-कोने में छा गई हैं और अब दुनिया के दूर-दराज स्थानों तक पहुंच रही हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि इस वर्ष सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विश्व सिनेमा के दीप्तिमान सितारे श्री माइकल डगलस को प्रदान किया जाएगा, जिन्हें सिनेमाई जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।

श्री ठाकुर ने बताया कि इफ्फी के अंतर्राष्ट्रीय खंड में प्राप्त फिल्मों की संख्या में तीन गुना वृद्धि देखी गई है और यह इफ्फी के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग के आकर्षण का परिचायक है।

नए शुरू किए गए ओटीटी पुरस्कारों के बारे में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से ओटीटी उद्योग ने भारत में बहुत अधिक वृद्धि की है और यह मंच हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है। इस क्षेत्र के सालाना 28 प्रतिशत वृद्धि वाली गतिशीलता को देखते हुए मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफार्मों पर उत्कृष्ट कंटेंट क्रिएटर्स को मान देते हुए इस पुरस्कार की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि 15 ओटीटी प्लेटफार्मों से 10 भाषाओं में कुल 32 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं और विजेता को दस लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा।

श्री अनुराग ठाकुर ने देश में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के बारे कहा कि सरकारें ऐसी संस्थाओं को पोषित करने के लिए एक समर्थन प्रणाली बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और देश के दूरदराज के इलाकों से प्रतिभाओं को पहचानने के लिए हमने क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल की शुरुआत की थी। मंत्री महोदय ने बताया कि इस वर्ष के लिए इस खंड में 600 से अधिक प्रविष्टियां मिली हैं। इस वर्ष 75 विजेताओं के चयन से तीन वर्षों में ऐसे विजेताओं की कुल संख्या 225 हो जाएगी।

मंत्री महोदय ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि इस वर्ष के इफ्फी के सभी स्थलों में सभी सुविधाएं होंगी और उन तक दिव्यांगों की पहुंच होगी। दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन, श्रवणबाधितों के लिए सांकेतिक भाषा, कई भाषाओं में कंटेंट की डबिंग सबका साथ सबका विकास के मंत्र का प्रतीक होगा।

राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा कि इफ्फी विश्व के सबसे बड़े फिल्म और सांस्कृतिक समारोहों में से एक है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी का नेतृत्व जाने-माने फिल्म निर्माता श्री शेखर कपूर कर रहे हैं।

यहां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण की झलकियां पेश की जा रही हैं:

  1. इफ्फी के मुख्य आकर्षण में से एक सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (एसआरएलटीए) है, जो विश्व सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है। हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस, जो वर्तमान में विश्व सिनेमा में सबसे महान अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों में से एक हैं, उन्हें अपनी पत्नी और प्रसिद्ध अभिनेत्री कैथरीन ज़ीटा-जोन्स के साथ इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

फिल्म और टेलीविजन उद्योग में 50 से अधिक वर्षों के साथ, माइकल डगलस को दो ऑस्कर, पांच गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक प्राइमटाइम एमी पुरस्कार और अनगिनत अन्य सम्मान मिला है। वर्ष 2023 में, उन्हें 76वें फेस्टिवल डी कान में पाल्मे डी’ओर नामक लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला है। उन्हें ‘वॉल स्ट्रीट’ में गॉर्डन गेको की भूमिका के लिए अकादमी पुरस्कार से लेकर फेटल एट्रेक्शन, द अमेरिकन प्रेसिडेंट, बेसिक इंस्टिंक्ट, ट्रैफिक और रोमांसिंग द स्टोन जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों तक की भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। माइकल न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक कुशल निर्माता भी हैं। उनकी कृतियों में वन फ्लाई ओवर द कुकूज नेस्ट और द चाइना सिंड्रोम जैसी दमदार फिल्में शामिल हैं। श्री डगलस अपने मानवीय प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। वह न्यूक्लियर थ्रेट इनीशिएटिव संगठन के बोर्ड में हैं, जो मानवता को संकट में डालने वाले परमाणु और जैविक खतरों को कम करने पर केंद्रित है। उन्हें 1998 में संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

  1. 270 से अधिक फिल्मों को महोत्सव के दौरान चार स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा – आईनॉक्स पंजिम (4), माक्विनेज पैलेस (1), आईनॉक्स पोरवोरिम (4), जेड स्क्वायर सम्राट अशोक (2)।
  2. 54वें इफ्फी के ‘अंतर्राष्ट्रीय खंड‘ में 198 फिल्में होंगी। इस बार इस खंड में 53वें इफ्फी की तुलना में 18 फिल्में अधिक हैं। इसमें 13 विश्व प्रीमियर, 18 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 62 एशिया प्रीमियर और 89 इंडिया प्रीमियर होंगे। इस वर्ष इफ्फी को 105 देशों से रिकॉर्ड 2926 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तुतियां हैं।
  3. भारतीय पैनोरमा’ खंड में भारत की 25 फीचर फिल्में और 20 गैर-फीचर फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। फीचर सेक्शन में ओपनिंग फिल्म मलयालम फिल्म, अट्टम है, और गैर-फीचर सेक्शन में मणिपुर से एंड्रो ड्रीम्स है।
  4. सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कारः इस साल बेस्ट वेब सीरीज (ओटीटी) अवॉर्ड की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य ओटीटी प्लेटफार्मों के समृद्ध कंटेंट और इसके रचनाकारों को मान देना, प्रोत्साहित करना और सम्मानित करना है। 15 ओटीटी प्लेटफॉर्म से 10 भाषाओं में 32 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। समापन समारोह में घोषित होने वाली सीरीज को पुरस्कार राशि के रूप में प्रमाण-पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
  5. इस वर्ष के इफ्फी का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म खंड- इसमें आठ क्यूरेटेड सेक्शन होंगे। महत्वपूर्ण फिल्मों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं –
  • ओपनिंग फिल्मकैचिंग डस्ट | निर्देशक: स्टुअर्ट गैट | यूनाइटेड किंगडम | (इंटरनेशल प्रीमियर)- इस थ्रिलर फिल्म में प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता, एरिन मोरियार्टी, जय कर्टनी, दीना शिहाबी, रयान कोर, जोस अल्टिट, गैरी फैनिन और ओल्वेन फॉरे काम कर रहे हैं। स्टुअर्ट गैट मिश्रित एशियाई विरासत के एक पुरस्कार विजेता ब्रिटिश फिल्म निर्माता हैं जिनकी कहानियां अक्सर सामयिक सामाजिक विषयों से प्रभावित होती हैं।
  • मिड-फेस्ट फिल्मअबाउट ड्राई ग्रासेज | निर्देशन: नूरी बिल्गे सीलान | फ्रांस | (इंडिया प्रीमियर)- यह प्रसिद्ध निर्देशक का एक तुर्की ड्रामा है, जिन्होंने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं। उनकी फ़िल्म विंटर स्लीप (2014) ने कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी’ओर पुरस्कार प्राप्त किया था, जबकि उनकी छह फिल्मों को सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए तुर्की की प्रस्तुति के रूप में चुना गया है। इसमें ‘अबाउट ड्राई ग्रासेज’ भी शामिल है। यह फिल्म इस साल कान फिल्म फेस्टिवल के कॉम्पिटिशन सेक्शन में भी थी। इसकी प्रसिद्ध अभिनेत्री मर्व दिज़दार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए पुरस्कृत किया गया था
  • समापन फिल्मद फेदरवेट | निर्देशक: रॉबर्ट कोलोडनी | संयुक्त राज्य अमेरिका | (एशिया प्रीमियर)- यह 2023 की एक अमेरिकी बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, जो एक स्टार एथलीट की बायोपिक के माध्यम से मिथकीय और आधुनिक स्टारडम की कल्पना को उजागर करती है। इसे क्लासिक “सिनेमा वेरिटे” (यथार्थवादी सिनेमा) शैली में तैयार किया गया है। रॉबर्ट कोलोडनी एक बहुमुखी अमेरिकी निर्देशक, लेखक और छायाकार हैं। फिल्म का प्रीमियर सितंबर, 2023 में 80वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। रॉबर्ट ने कई फिल्मों के लिए फोटोग्राफी निर्देशक के रूप में कार्य किया और विभिन्न पुरस्कार विजेता फिल्मों और वृत्तचित्रों का निर्देशन भी किया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में 15 फीचर फिल्मों (12 अंतर्राष्ट्रीय + 3 भारतीय) को प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार, गोल्डन पीकॉक और 40 लाख रुपये के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा ज्यूरी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला), विशेष जूरी पुरस्कार श्रेणी में भी विजेताओं का निर्धारण करेगी। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई है और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • बेस्ट फीचर फिल्म डेब्यू डायरेक्टर– 5 अंतर्राष्ट्रीय + 2 भारतीय फिल्में प्रतिष्ठित सिल्वर पीकॉक के लिए इस खंड में प्रतिस्पर्धा करेंगी, नकद पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपये और प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई है और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी– जाने-माने भारतीय फिल्म निर्माता और अभिनेता श्री शेखर कपूर (अध्यक्ष), पुरस्कृत स्पेनिश सिनेमैटोग्राफर जोस लुइस अल्केन, मार्चे डु कान के प्रतिष्ठित पूर्व प्रमुख जेरोम पैलार्ड, फ्रांस के विपुल फिल्म निर्माता कैथरीन डसार्ट, ऑस्ट्रेलिया से प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हेलेन लीके।
  • फेस्टिवल कैलिडोस्कोप इस वर्ष प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार विजेता फिल्मों को इफ्फी कैलिडोस्कोप में शामिल किया गया है। 19 फिल्में कान, वेनिस, साओ पाउलो, रॉटरडैम, सांता बारबरा, स्टॉकहोम आदि जैसे समारोहों से ली गई हैं।
  • दुनिया का सिनेमा खंड में प्रविष्टियों के माध्यम से 103 फिल्में शामिल हैं, जो दुनिया भर के सिनेमाघरों से सौंदर्यबोध और कथा वस्तुओं वाली फिल्मों में शामिल हैं। पिछले वर्षों (77) की तुलना में इनकी संख्या इस बार अधिक है।
  • डॉक्यू-मोंटाज खंड का परिचय- दुनिया भर के मनमोहक वृत्तचित्रों का समुच्चय है।
  • एनिमेशन खंड के हवाले से अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय एनिमेशन फिल्मों को क्यूरेट करने के लिए महोत्सव का विस्तार किया गया है, जिसमें एक व्यापक लाइन अप शामिल है। सौंदर्यवादी रूप से सरल और कथात्मक रूप से अचंभित कर देने वाली पोलैंड की आधिकारिक फिल्म ओसर की प्रविष्टि सहित एनिमेटेड फिल्में – द पीजेंट्स (डीआईआर: डीके वेल्चमैन, ह्यूग वेल्चमैन) फिल्में शामिल हैं। इनमें भारतीय एनिमेशन फिल्मों को भी रखा गया है।
  • पुनर्स्थापित क्लासिक्स खंड की शुरुआत- राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (एनएफएचएम) के तहत एनएफडीसी-एनएफएआई द्वारा भारतीय क्लासिक्स के क्षतिग्रस्त सेल्युलाइड रीलों से सात विश्व स्तरीय फिल्मों को दुरुस्त किया गया है, जिनकी सूची इस प्रकार है-
    • विद्यापति (1937) बांग्ला, निर्देशक: देवकी बोस
    • श्यामची आई (1953), मराठीनिर्देशक: पी.के.
    • पाताल भैरवी (1951), तेलुगुनिर्देशक: के.वी. रेड्डी
    • गाइड (1965), हिंदीनिर्देशक: विजय आनंद
    • हकीकत (1964), हिंदीनिर्देशक: चेतन आनंद
    • कोरस (1974) बांग्लानिर्देशक: मृणाल सेन
    • बीस साल बाद (1962), हिंदीनिर्देशक: बीरेन नाग
    • इसके अलावा, इस खंड में तीन अंतर्राष्ट्रीय पुनर्स्थापित फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें वेनिस के द एक्सोरिस्ट एक्सटेंडेड डायरेक्टर कट और सर्गेई परजानोव की शैडोज़ ऑफ फॉरगॉटन एनसेस्टर्स शामिल हैं।
  • यूनेस्को फिल्में– यूनेस्को के आदर्शों को प्रतिबिंबित करने वाली फिल्में: 7 अंतर्राष्ट्रीय + 3 भारतीय फिल्में। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई हैं और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • सुलभ फिल्में 54वें इफ्फी में यह सुनिश्चित करने की सुविधा होगी कि विशेष रूप से दिव्यांग महोत्सव प्रतिनिधि सभी स्क्रीनिंग और अन्य स्थानों तक पहुंच सकें। उत्सव को सभी के लिए एक समावेशी और सुलभ अवसर बनाना समावेशिता की दिशा में उठाया गया एक कदम है।
    • विशेष रूप से दिव्यांग प्रतिनिधि
      • दृष्टिबाधितों के लिए: फिल्मों के साथ एम्बेडेड ऑडियो विवरण– सिर्फ एक बंदा काफी है और शेरशाह
      • श्रवण-बाधितों के लिए: फिल्मों के साथ एम्बेडेड साइन लैंग्वेज – 83 और भाग मिल्खा भाग
    • एकाधिक भाषा डबिंग– कई भारतीय पैनोरमा फिल्में अपने “स्मार्टफोन और ईयरफोन” का उपयोग करके पसंदीदा भाषा में डबिंग के साथ देखने के लिए उपलब्ध होंगी। इफ्फी ने इसके लिए ‘सिनेडुब्स’ ऐप के साथ साझेदारी की है, जिसे निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। ऐप के माध्यम से कई डब उपलब्ध होंगे। जिस भाषा में थिएटर में फिल्म चलाई जा रही है, उसके अलावा अन्य भाषाओं में भी यह उपलब्ध होगी।
  • इफ्फी के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला फिल्म निर्माताओं की फीचर फिल्में।
  1. मास्टर क्लासेस और इन-कन्वर्सेशन सत्र- प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं, छायाकारों और अभिनेताओं के साथ 20 से अधिक ‘मास्टरक्लास’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्रों के साथ यह एक रोमांचक सप्ताह होगा। फेस्टिवल माइल, पणजी, गोवा में पुनर्निर्मित और नवीनीकृत कला अकादमी में होगा। माइकल डगलस, ब्रेंडन गाल्विन, ब्रिलेंटे मेंडोज़ा, सनी देओल, रानी मुखर्जी, विद्या बालन, जॉन गोल्डवाटर, विजय सेतुपति, सारा अली खान, पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, केके मेनन, करण जौहर, मधुर भंडारकर, मनोज बाजपेयी, कार्तिकी गोंजाल्विस, बोनी कपूर, अल्लू अरविंद, थियोडोर ग्लक, गुलशन ग्रोवर और इस सूची में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सितारे शामिल हैं।
  2. गाला प्रीमियर- पिछले साल शुरू हुए गाला प्रीमियर्स का विस्तार किया जा रहा है। इफ्फी में इन फिल्म प्रीमियर में उनके अभिनेता और प्रतिभाएं अपनी फिल्मों का प्रचार करने के लिए इफ्फी में मौजूद रहेंगी।
  3. वर्चुअल इफ्फी– मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन सत्र, पैनल चर्चा और इफ्फी के 54वें संस्करण के उद्घाटन/समापन समारोह को बुक माय शो ऐप के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकता है। पंजीकरण शुल्क मामूली रखा जाएगा।
  4. फिल्म बाजार- इफ्फी संक्षेप में “विश्व सिनेमा का उत्सव” है। इसके साथ ही एनएफडीसी द्वारा “सिनेमा के व्यवसाय” के लिए एक फिल्म बाजार का आयोजन किया जाता है। इफ्फी का फिल्म बाजार दक्षिण एशिया में सबसे बड़े वैश्विक फिल्म बाजार में से एक के रूप में विकसित हुआ है। यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं, निर्माताओं, बिक्री एजेंटों और उत्सव प्रोग्रामर के हवाले से संभावित रचनात्मक और वित्तीय सहयोग के संबंध में एक आदर्श इकोसिस्टम के रूप में कार्य करता है। इस तरह “एनएफडीसी फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार किया जाएगा
    • फिल्म बाजार में मंडप और स्टॉल –
      1. वीएफएक्स और टेक पवेलियन– एक नए क्यूरेटेड “वीएफएक्स एंड टेक पवेलियन” को फिल्म बाजार में एकीकृत किया गया है, जिसे समुद्र के सामने तैयार किया गया है। यह फिल्म निर्माताओं को नवीनतम नवाचारों से अवगत कराएगा, न केवल “टेकिंग द शॉट” के पारंपरिक तरीके से कहानी कहने की संभावनाओं की पड़ताल करने के लिए, बल्कि अनंत संभावनाओं के साथ “क्रिएटिंग द शॉट” के बारे में भी।
      2. अंतर्राष्ट्रीय फिल्म आयोगों और भारतीय राज्यों के कई स्टॉल उनके स्थानों व प्रोत्साहन योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए होंगे।
      3. फिल्म से संबंधित प्रोडक्शंस हाउस, संस्थानों, संघों आदि के कई स्टॉल।
    • वृत्तचित्र और गैर-फीचर परियोजनाओं/फिल्मों का परिचय
    • ज्ञान श्रृंखला” फिल्म निर्माण और वितरण के महत्वपूर्ण पहलुओं के साथ-साथ चयनित फिल्म निर्माताओं, देशों और राज्यों के मद्देनजर गहन चर्चा सत्र शामिल करने के लिए तैयार किया गया।
    • पिछले साल शुरू हुए, ‘बुक टू बॉक्स ऑफिस खंड ने ‘द स्टोरी इंक’ के साथ साझेदारी की है। इसका मुख्य उद्देश्य रचनात्मक लेखकों को अपना काम प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करना और इन कहानियों को निर्माताओं और मंच के प्रमुखों को पेश करना है।
    • कुल मिलाकर उत्पादनवितरण या बिक्री के लिए फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म परियोजनाएं क्यूरेट और प्रदर्शित की जाएंगी।
  1. 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो (सीएमओटी): माननीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर की पहल। इस पहल का उद्देश्य फिल्म निर्माण के विभिन्न व्यवसायों से युवा रचनात्मक प्रतिभाओं की पहचान करना, प्रोत्साहित करना और पोषण करना है। शॉर्ट्स टीवी वैचारिक प्रोग्रामिंग पार्टनर है, जो टीवी पर, मोबाइल पर, ऑनलाइन और सिनेमाघरों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली लघु फिल्मों और श्रृंखलाओं की दुनिया की सबसे बड़ी श्रृंखला पेश करता है। इन चयनित ‘क्रिएटिव माइंड्स’ को ‘फिल्म चैलेंज’ के लिए 5 टीमों में विभाजित किया गया है। यह 48 घंटों में एक लघु फिल्म बनाने के लिए है। इस वर्ष उम्मीदवारों के पास विशेष रूप से सिनेमा के मास्टर्स द्वारा क्यूरेट की गई पेशेवर कक्षाएं भी होंगी और भर्ती के लिए 20 से अधिक अग्रणी कंपनियों के साथ एक “प्रतिभा शिविर” आयोजित किया जाएगा।
  2. इफ्फी सिने-मेलाइफ्फी न केवल सिनेमाई उत्कृष्टता का प्रदर्शन है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है। इस वर्ष, इफ्फी सिने-मेला सिनेमाई उत्सवों के लिए एक शानदार पहल होगी। इसके लिए उपस्थित लोग और यहां तक कि अन्य लोग जैसे कि स्थानीय लोग और पर्यटक जो इफ्फी के लिए पंजीकृत नहीं हैं, वे भी सिनेमा, कला, संस्कृति, शिल्प, खान-पान आदि से संबंधित रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
  3. अन्य आकर्षण: इफ्फी को दुनिया के लिए भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक समारोहों में से एक के रूप में बढ़ाने के लिए ओपन एयर स्क्रीनिंग, कारवां, शिगमोत्सव, गोवा कार्निवल, सेल्फी पॉइंट, इफ्फी मर्चेंडाइज आदि का आयोजन किया गया।
  4. महोत्सव स्थलों की ब्रांडिंग और सजावट : एनएफडीसी और ईएसजी ने महोत्सव स्थलों की पूरी सजावट और ब्रांडिंग के लिए एनआईडी, अहमदाबाद के साथ साझेदारी की है।
  5. भारत की संस्कृतियों का उत्सव (5 दिन) फिल्म स्क्रीनिंग को रेखांकित करते हुए, गाला प्रीमियर्स और अपने-अपने क्षेत्रों का प्रदर्शन करने के लिए फिल्म प्रतिभाएं अपनी प्रतिभा का परिचय देंगी।
      • 22 वीं: पूर्व: बांग्लाउड़ियाअसमियामणिपुरी और उत्तर पूर्वी बोलियां
      • 23 वां: दक्षिण 1: तमिल और मलयालम
      • 24 वीं: उत्तर: पंजाबीडोगरीभोजपुरीराजस्थानीउर्दूछत्तीसगढ़ी
      • 25 वां: पश्चिम: कोंकणीमराठीगुजराती
      • 26 वां: दक्षिण 2: कन्नड़ और तेलुगू

6. इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट https://iffigoa.org/. पर दैनिक घोषणाएं और अपडेट देखे जा सकते हैं।

7. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के माध्यम से गोवा राज्य सरकार के साथ संयुक्त रूप से अपनी एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के माध्यम से 20 से 28 नवंबर, 2023 तक गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का आयोजन कर रहा है।

8. इफ्फी दुनिया के 14 सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता फीचर फिल्म समारोहों’ में से एक है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एफआईएपीएफ) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह विश्व स्तर पर फिल्म समारोहों को नियंत्रित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। कान, बर्लिन और वेनिस जैसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह ऐसे अन्य प्रतिष्ठित उत्सव हैं, जो इस श्रेणी के तहत एफआईएपीएफ द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

9. यह वार्षिक सिनेमाई समारोह वर्षों से विश्व और भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों का गंतव्य रहा है, जिसमें भारत के फिल्म उद्योग के साथ-साथ दुनिया भर के दिग्गज प्रतिनिधि, अतिथि और वक्ता इसकी शोभा बढ़ाते हैं।

अनुलग्नक

54वां इफ्फी 2023

फिल्म सूची– प्रतियोगिताएं

अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता (आईसी)- 15 फिल्में

अंड्रेगोगी | निर्देशक : रेगास भानुतेजा | इंडोनेशिया | 2023 | इन्डोनेशियाई | 110′ | आईसी
ब्लागाज लेसंस | निर्देशक: स्टीफन कोमांदारेव | बुल्गारिया, जर्मनी | 2023 | बल्गेरियाई | 114′ | आईसी
बोस्नियाई पॉट | निर्देशन: पावो मारिनकोविच | क्रोएशिया | 2023 | क्रोएशियाई, जर्मन | 103′ | आईसी
एंडलेस बॉर्डर्स | निर्देशक: अब्बास अमीनी | इस्लामी गणराज्य ईरान | 2023 | फारसी | 111′ | आईसी
हॉफमैन्स फैरी टेल्स | निर्देशक: टीना बरकलाया | रूसी संघ | 2023 | रूसी | 88′ | आईसी
लुबो | निर्देशन: जियोर्जियो डिरिट्टी | इटली, स्विट्ज़रलैंड | 2023 | इतालवी, स्विस जर्मन, जेनिश | 181′ | आईसी
मेजर्स ऑफ मैन | निर्देशन: लार्स क्रुम | जर्मनी | 2023 | जर्मन | 116′ | आईसी
पार्टी ऑफ फूल्स | निर्देशन:­ अरनॉड डेस पल्लीरेस | फ्रांस | 2023 | फ्रेंच | 122′ | आईसी
द अदर विंडो | निर्देशक: मा’अयान रिप्प | इज़राइल | 2022 | हिब्रू | 83′ | आईसी
वुमन ऑफ | निर्देशक: स्ज़ुमोव्स्का, माइकल एंगलर्ट | पोलैंड | 2023 | पोलिश | 132′ | आईसी
असोग | निर्देशक: शान डेवलिन | कनाडा | 2023 | अन्य, तागालोग | 99′ | आईसी
डाइ बिफोर डेथ | निर्देशक: अहमद इमामोविच | बोस्निया और हर्जेगोविना | 2023 | बोस्नियाई | 94′ | आईसी
कंतारा | निर्देशक: ऋषभ शेट्टी | भारत | 2022 | कन्नड़ | 150′ | आईसी
सना | निर्देशक: सुधांशु सरिया | भारत | 2023 | हिंदी | 119′ | आईसी
मीरबेन | निर्देशक: मृदुल गुप्ता | भारत | 2022 | कर्बी | 89′ | आईसी

 

बेस्ट डेब्यू फीचर फिल्म ऑफ ए डायरेक्टर अवार्ड (बीडी) – फिल्में

 

ऑलमोस्ट एंटायरली अ स्लाइट डिजास्टर | निर्देशक : उमुत सुबासी | तुर्की | 2023 | अंग्रेज़ी, तुर्की | 88′ | बीडी
लेट मी गो | निर्देशन: मैक्सिम रैपज़ | स्विट्ज़रलैंड | 2023 | फ्रेंच | 92′ | बीडी
ओकारिना | निर्देशक: अल्बान ज़ोगजानी | अल्बानिया | 2023 | अल्बेनियन, अंग्रेज़ी | 92′ | बीडी
स्लीप | निर्देशक: जेसन यू | दक्षिण कोरिया | 2023 | कोरियाई | 95′ | बीडी
वेन द सीडलिंग्स ग्रो | निर्देशक : रेगर आजाद काया | सीरियाई अरब गणराज्य | 2022 | अरबी, कुर्द | 83′ | बीडी
ढाई आखर | निर्देशक: परवीन अरोड़ा | भारत | 2023 | हिंदी | 98′ | बीडी
इरत्ता | निर्देशक: रोहित एम.जी. कृष्णन भारत | 2023 | मलयालम | 112 ‘ | बीडी

 

आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक पुरस्कार – 10 फिल्में

ए हाउस इन यरूशलेम | निर्देशक: मुयाद अलायन | फिलिस्तीन, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड, कतर | 2022 | अंग्रेज़ी, अरबी, हिब्रू | 103′ | आईसीएफटी यूनेस्को
सिटिजन सेंट  निर्देशक: तिनातिन कजिरिश्विली | जॉर्जिया | 2023 | जॉर्जियाई | 100′ | आईसीएफटी यूनेस्को
ड्रिफ्ट | निर्देशक: एंथनी चन | ब्रिटेन, फ्रांस, ग्रीस | 2023 | अंग्रेज़ी, ग्रीक | 93′ | आईसीएफटी यूनेस्को
इट्स सिरा | निर्देशन: एपोलिन ट्राओरे | बुर्किना फासो, फ्रांस, जर्मनी, सेनेगल | 2023 | फ्रेंच, फुला | 122′ | आईसीएफटी यूनेस्को
कालेव | निर्देशक: ओव मस्टिंग | एस्टोनिया | 2022 | एस्टोनियाई, रूसी | 94′ | आईसीएफटी यूनेस्को
द प्राइज! | निर्देशक: पॉल फौजान अगस्ता | इंडोनेशिया | 2022 | इन्डोनेशियाई | 96′ | आईसीएफटी यूनेस्को
द सुगर एक्सपेरिमेंट | निर्देशक: जॉन टॉर्नब्लैड | स्वीडन | 2022 | स्वीडिश | 91′ | आईसीएफटी यूनेस्को
मंडली | निर्देशक: राकेश चतुर्वदी ओम | भारत | 2023 | हिंदी | 118′ | आईसीएफटी यूनेस्को
मलिकापुरम | निर्देशक: विष्णु शशि शंकर | भारत | 2022 | मलयालम | 121′ | आईसीएफटी यूनेस्को
रबिन्द्र काब्य रहस्य | निर्देशक: सायंतन घोसन | भारत | 2023 | बांग्ला | 115′ | आईसीएफटी यूनेस्को

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