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मातृ मृत्यु दर(एमएमआर) में महत्वपूर्ण गिरावट आई, प्रति लाख 2014-16 में 130 से घटकर 2018-20 में 97 जीवित प्रसव: डॉ. मनसुख मांडविया

देश में एक नया मील का पत्थर हासिल किया गया है और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को प्रभावी ढंग से कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की प्रशंसा की और एक ट्वीट संदेश में कहा:
मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में महत्वपूर्ण गिरावट आई, प्रति लाख 2014-16 में 130 से घटकर 2018-20 में 97 जीवित प्रसव हो रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण मातृ और प्रसव देखभाल सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य नीतियों व पहल ने एमएमआर को नीचे लाने में जबरदस्त तरीके से सहायता की है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) द्वारा एमएमआर पर जारी विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में 6 अंकों का शानदार सुधार हुआ है और अब यह प्रति लाख/97 जीवित प्रसव पर है। मातृ मृत्यु दर(एमएमआर) को प्रति 100,000 जीवित प्रसव पर एक निश्चित समय अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है। नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश ने एमएमआर में प्रगतिशील तरीके से कमी देखी है। यह 2014-2016 में 130, 2015-17 में 122, 2016-18 में 113, 2017-19 में 103 और 2018-20 में 97 रहा है, जिस तरह से यह नीचे दर्शाया गया है:

चित्र 1: 2013 -2020 से एमएमआर दर में महत्वपूर्ण गिरावट

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इसे प्राप्त करने पर, भारत ने 100/लाख से कम जीवित प्रसव के एमएमआर के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) लक्ष्य को हासिल कर लिया है और 2030 तक 70/लाख जीवित प्रसव से कम एमएमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर है।
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या के संदर्भ में हुई उत्कृष्ट प्रगति के बाद यह अब केरल (19) के साथ छह से बढ़कर आठ हो गई है, इसके बाद महाराष्ट्र (33), तेलंगाना (43), आंध्र प्रदेश (45), तमिलनाडु (54), झारखंड (56), गुजरात (57) और अंत में कर्नाटक (69) का स्थान है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत, वर्ष 2014 से भारत ने सुलभ गुणवत्ता वाली मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और रोकथाम योग्य मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने के लिए एक ठोस प्रयास किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने विशेष रूप से निर्दिष्ट एमएमआर लक्ष्यों को पूरा करने हेतु मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निवेश किया है। “जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम” और “जननी सुरक्षा योजना” जैसी सरकारी योजनाओं को संशोधित किया गया है और इन्हें सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) जैसी अधिक सुनिश्चित एवं सम्मानजनक सेवा वितरण योजनाओं में अपग्रेड किया गया है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले गर्भधारण की पहचान करने और उनके उचित प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित है। रोकी जा सकने वाली मृत्यु दर को कम करने पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। लक्ष्य और मिडवाइफरी पहल सभी गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने का विकल्प सुनिश्चित करते हुए एक सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण तरीके से गुणवत्तापूर्ण देखभाल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
एमएमआर दर को सफलतापूर्वक कम करने में भारत के उत्कृष्ट प्रयास वर्ष 2030 के निर्धारित समय से पहले 70 से कम एमएमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त करने और सम्मानजनक मातृ देखभाल प्रदान करने वाले राष्ट्र के रूप में माने जाने पर एक आशावादी दृष्टिकोण उपलब्ध कराते हैं।

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भारत का सारस रेडियो टेलीस्कोप खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड के पहले सितारों और आकाशगंगाओं की प्रकृति के बारे में जानकारी देता है

वैज्ञानिकों ने बिग बैंग के सिर्फ 20 करोड़ वर्ष, एक अवधि जिसे अंतरिक्षीय प्रभात के रूप में जाना जाता है,  के बाद बनी चमकदार रेडियो आकाशगंगाओं के गुणों का निर्धारण किया है, जिससे सबसे शुरुआती रेडियो लाउड आकाशगंगाओं जो आमतौर पर बेहद विशाल ब्लैक होल द्वारा संचालित होती हैं, के गुणों के बारे में जानकारी मिली है ।

प्रारंभिक सितारों और आकाशगंगाओं का निर्माण कैसे हुआ और वे कैसे दिखते थे, इस बारे में अपनी जिज्ञासा की वजह से मानव ने ब्रह्मांड की गहराई से उत्पन्न होने वाले बेहद मंद संकेतों को जमीन और अंतरिक्ष- में स्थित आसमान पर लगातार नजर रखने वाली दूरबीनों के माध्यम से पकड़ने की कोशिश की है, जिससे ब्रह्माण्ड को लेकर बेहतर समझ हासिल हो सके।

रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट के द्वारा स्वदेश में डिजाइन और विकसित शेप्ड एंटीना मेज़रमेंट ऑफ द बैकग्राउंड रेडियो स्पेक्ट्रम 3 (सारस टेलीस्कोप) को 2020 की शुरुआत में उत्तरी कर्नाटक में दंडिगनहल्ली झील और शरावती नदी के पास स्थापित किया गया था।

अपनी तरह के इस पहले कार्य में सरस 3 के आंकड़ों का उपयोग करते हुए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) बेंगलुरु ,  द कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईआरओ), ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय और तेल-अवीव विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ पहली पीढ़ी की आकाशगंगाएं जो रेडियो वेवलैंथ पर साफ दिखती हैं, की एनर्जी आउटपुट, चमक और द्रव्यमान का अनुमान लगाया ।

वैज्ञानिक बेहद पुरानी आकाशगंगाओं के गुणों का अध्ययन इन आकाशगंगाओं के अंदर और उसके आसपास हाइड्रोजन परमाणुओं से विकिरण को देखकर करते हैं, जो कि लगभग 1420 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति पर उत्सर्जित होती है। ब्रह्मांड के विस्तार के साथ विकिरण में खिंचाव आता है. क्योंकि ये हमारी तरफ समय और अंतरिक्ष को पार करते हुए बढ़ता है और कम आवृत्ति वाले रेडियो बैंड 50-200 मेगाहर्ट्ज के रूप में पृथ्वी पर पहुंचता है, जो कि एफएम और टीवी ट्रांसमिशन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ब्रह्मांड से मिलने वाले सिग्नल बेहद धुँधले होते हैं और हमारी खुद की आकाशगंगा से निकलने वाले बेहद चमकीले विकरण और पृथ्वी पर इंसानों के द्वारा बनाए गए व्यवधानों के बीच दबे होते हैं। इसलिए, सबसे शक्तिशाली मौजूदा रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करते हुए भी सिग्नल का पता लगाना खगोलशास्त्रियों के लिए एक चुनौती बना हुआ है।

आरआरआई के सौरभ सिंह और सीएसआईआरओ के रवि सुब्रह्मण्यन द्वारा 28 नवंबर, 2022 को नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित पेपर के परिणामों ने दिखाया है कि कैसे शुरुआती ब्रह्मांड से इस लाइन डिटेक्शन न होने पर भी खगोलशास्त्री असाधारण संवेदनशीलता के साथ शुरुआती आकाशगंगाओं के गुणों का अध्ययन कर सकते हैं।

“सारस 3 टेलीस्कोप से मिले परिणाम में पहली बार ऐसा हुआ है कि औसत 21-सेंटीमीटर लाइन का रेडियो ऑब्जर्वेशन सबसे शुरुआती रेडियो लाउड आकाशगंगाओं के गुणों के बारे में एक जानकारी प्रदान कर सकता है जो आमतौर पर बेहद विशाल ब्लैक होल द्वारा संचालित होती हैं” आरआरआई के पूर्व निदेशक और वर्तमान में अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान सीएसआईआरओ, ऑस्ट्रेलिया के साथ जुड़े और इस शोध के लेखक श्री सुब्रह्मण्यन ने कहा “यह काम सारस 2 के परिणामों को और आगे ले जाता है जिसने पहली बार शुरुआती सितारों और आकाशगंगाओं की  विशेषताओं के बारे में जानकारी दी थी” ।

“सारस 3 ने अंतरिक्षीय प्रभात को लेकर खगोल भौतिकी के बारे में हमारी समझ में सुधार किया है, जिसने हमें यह बताया कि शुरुआती आकाशगंगाओं के भीतर मौजूद गैसीय पदार्थ का 3 प्रतिशत से भी कम हिस्सा सितारों में परिवर्तित हुआ, और यह कि शुरुआती आकाशगंगाएं जो रेडियो उत्सर्जन में उज्ज्वल थीं, एक्स-रे में भी मजबूत थीं, जिसने शुरुआती आकाशगंगाओं में और उसके आसपास ब्रह्मांडीय गैस को गर्म किया।” ‘एस्ट्रोफिजिकल कन्सट्रेंट फ्रॉम द सारस 3 नॉन डिटेक्शन ऑफ कास्मिक डान स्काई-एवरेज्ड 21 सीएम सिग्नल’ नामक पेपर लिखने वालों में से एक श्री सिंह ने जानकारी दी।

इस साल मार्च में, श्री सिंह ने श्री सुब्रह्मण्यन और सारस 3 टीम के साथ, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) और एमआईटी, यूएसए के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित ईडीजीईएस रेडियो टेलीस्कोप द्वारा ढूंढे गए अंतरिक्षीय प्रभात  से मिले 21-सेमी के असामान्य सिग्नल को पता लगाने के दावों को खारिज करने के लिए इन आंकड़ों का इस्तेमाल किया। इस कदम ने ब्रह्माण्ड विज्ञान के सुसंगत मॉडल में विश्वास को बहाल करने में मदद की, जिस पर नए दावे के साथ सवाल उठे थे ।

इस साल मार्च में, श्री सिंह ने श्री सुब्रह्मण्यन और सारस 3 टीम के साथ, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) और एमआईटी, यूएसए के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित ईडीजीईएस रेडियो टेलीस्कोप द्वारा ढूंढे गए अंतरिक्षीय प्रभात से मिले 21-सेमी के असामान्य सिग्नल को पता लगाने के दावों को खारिज करने के लिए इन आंकड़ों का इस्तेमाल किया।

‘अब हमारे पास शुरुआती आकाशगंगाओं के द्रव्यमान को लेकर सीमाएं हैं, इसके साथ ही रेडियो, एक्स-रे, और पराबैंगनी तरंग दैर्ध्य में उनके ऊर्जा उत्पादन की सीमाएं भी हैं’ श्री सिंह ने जानकारी दी। इसके अलावा, एक खास मॉडल का उपयोग करते हुए, सारस 3 रेडियो तरंग दैर्ध्य पर अतिरिक्त विकिरण की ऊपरी सीमा निर्धारित करने में सक्षम रहा है, जो की अमेरिका में एआरसीएडीई और लॉन्ग वेवलेंथ अरे (एलडब्लूए) प्रयोगों द्वारा निर्धारित की गई मौजूदा सीमाओं को और कम करता है।

‘विश्लेषण से पता चला है कि 21 सेंटीमीटर हाइड्रोजन सिग्नल शुरुआती सितारों और आकाशगंगाओं की संख्या के बारे में जानकारी दे सकता है’ एक अन्य लेखक कैंब्रिज विश्वविद्यालय के खगोल विज्ञान संस्थान की डॉ. अनास्तासिया फियाल्कोव ने साझा किया। हमारा विश्लेषण प्रकाश के पहले स्रोतों के कुछ प्रमुख गुणों की सीमाएं तय कर सकता है, जिसमें प्रारंभिक आकाशगंगाओं के द्रव्यमान और वो दक्षता जिससे ये आकाशगंगाएँ तारों का निर्माण कर सकती हैं, आदि शामिल हैं” फियाल्कोव ने कहा।

मार्च 2020 में अपनी अंतिम तैनाती के बाद से, सारस 3 को अपग्रेड की एक श्रृंखला से गुजारा गया है। इन सुधारों से 21-सेमी सिग्नल का पता लगाने की दिशा में और भी अधिक संवेदनशीलता प्राप्त होने की उम्मीद है। वर्तमान में, सारस टीम अपनी अगली तैनाती के लिए भारत में कई जगहों का आकलन कर रही है। “ये जगहें काफी दूरदराज में हैं और तैनाती के लिए लॉजिस्टिक से जुड़ी कई चुनौतियों सामने रखती हैं। हालाँकि, वे विज्ञान के हिसाब से आशाजनक हैं और नए अपग्रेड के साथ, हमारे प्रयोग के लिए आदर्श प्रतीत होते हैं” सारस टीम के एक सदस्य यश अग्रवाल ने जानकारी दी।

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संयुक्त सैन्य अभ्यास ”ऑस्‍ट्रा हिन्‍द–22” में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ी भारत पहुंची

”ऑस्‍ट्रा हिन्द–22” द्विपक्षीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास भारतीय सेना और ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ियों के बीच 28 नवंबर से 11 दिसंबर 2022 तक महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (राजस्थान) में आयोजित होने वाला है। ऑस्‍ट्रा हिन्‍द श्रृंखला का यह पहला अभ्यास है, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं के सभी अंगों एवं सेवाओं की टुकड़ियां हिस्सा लेंगी। ऑस्ट्रेलिया की सेना में सेकेंड डिवीजन की 13वीं ब्रिगेड के सैनिक अभ्‍यास स्थल पर पहुंच चुके हैं, जबकि भारतीय सेना का नेतृत्व डोगरा रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। ऑस्‍ट्रा हिन्द सैन्य अभ्यास प्रत्येक वर्ष भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाएगा।

इस द्विपक्षीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का उद्देश्‍य सकारात्‍मक सैन्‍य संबंध बढ़ाना और एक-दूसरे की बेहतरीन सैन्य कार्य-प्रणालियों को अपनाना है। साथ ही इसका लक्ष्‍य संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति स्‍थापना प्रतिबद्धता के तहत अर्ध-मरूस्‍थलीय देशों में शांति अभियानों को चलाने के लिए एक साथ कार्य करने की क्षमता को बढ़ावा देना है। यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं को शत्रुओं के खतरों को बेअसर करने के उद्देश्य से कंपनी और प्लाटून स्तर पर सामरिक संचालन करने के लिए रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं हेतु सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। बटालियन/कंपनी स्तर पर आकस्मिक दुर्घटना प्रबंधन, दुर्घटना से उबरना एवं रसद नियोजन के अलावा स्थितिजन्य जागरूकता के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए स्निपर, निगरानी व संचार उपकरण सहित नई पीढ़ी के उपकरण तथा विशेषज्ञ हथियार संचालन के प्रशिक्षण की भी योजना है।

द्विपक्षीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल की मूल बातें साझा करने और शत्रुओं के लक्ष्य पर हमला करने जैसी विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे। संयुक्त अभ्यास, दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझ एवं पारस्परिकता को बढ़ावा देने के अलावा, भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में और मदद करेगा।

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पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के साथ साझेदारी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्वारा महासागरों के अध्ययन के लिए तीसरी पीढ़ी के भारतीय उपग्रह, जिसे औपचारिक रूप से भू प्रेक्षण उपग्रह-6 (ईओएस-6) नाम दिया गया है, को लॉन्च किया गया

पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के साथ साझेदारी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के अपने फर्स्ट लॉन्च पैड से अन्य उपग्रहों के साथ महासागरों पर नजर रखने के लिए तीसरी पीढ़ी के भारतीय उपग्रह जिसे औपचारिक रूप से भू प्रेक्षण उपग्रह-6  (ईओएस-6) का नाम दिया गया है, को लॉन्च किया।

महासागरों के अध्ययन का ये मिशन क्रमशः 1999 और 2009 में लॉन्च किए गए ओशनसैट-1 या आईआरएस-पी4 ​​और ओशनसैट-2 का अगला कदम है। भरोसेमंद प्रक्षेपण यान पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन) की 56वीं उड़ान (पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण की 24वीं उड़ान) के जरिए उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था। पीएसएलवी-सी54 के रूप में डिजाइन किए गए आज के प्रक्षेपण में ओशनसैट-3 के साथ अन्य छोटे उपग्रहों को भी भेजा गया।

ओशनसैट-3 को समुद्र तल से करीब 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया। करीब 1100 किलोग्राम के वजन के साथ जबकि यह ओशनसैट -1 की तुलना में सिर्फ थोड़ा सा ही भारी है, इस श्रृंखला में पहली बार इसमें 3 निगरानी सेंसर यानि ओशन कलर मॉनिटर (ओसीएम-3), सी सर्फेस टेंपरेचर मॉनिटर (एसएसटीएम) और केयू बैंड स्कैट्रोमीटर (एससीएटी-3) लगाए गए हैं। इसमें एक एआरजीओएस पेलोड भी है। भारत की ब्लू इकोनॉमी से जुड़ी आकांक्षाओं के लिए इन सभी सेंसर का अपना खास महत्व है।

360 मीटर स्थानिक रेज़लूशन और 1400 किमी चौड़ी पट्टी पर नजर रखने की क्षमता के साथ उन्नत 13 चैनल ओसीएम रोजाना पृथ्वी के दिन पक्ष का निरीक्षण करेगा और समुद्री शैवाल के वितरण पर महत्वपूर्ण आंकड़े प्रदान करेगा जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर खाद्य श्रृंखला का आधार है। उम्मीद है कि उच्च सिग्नल-टू-नॉइज अनुपात के साथ ओसीएम-3 फाइटोप्लांकटन की दैनिक निगरानी, मत्स्य संसाधन के प्रबंधन, महासागरों के द्वारा कार्बन अवशोषण, हानिकारक शैवाल में तेज बढ़त की चेतावनी और जलवायु अध्ययन सहित परिचालन और अनुसंधान संबधी अनुप्रयोगों की विस्तृत श्रृंखला में पहले से बेहतर सटीकता प्रदान करेगा।

एसएसटीएम समुद्र की सतह के तापमान की जानकारी देगा जो मछलियों के समूह से लेकर चक्रवात उत्पत्ति और उनकी चाल सहित विभिन्न पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण महासागरीय मानदंड है। प्रवाल भित्तियों के स्वास्थ्य की निगरानी और यदि आवश्यक हो, प्रवाल विरंजन की चेतावनी प्रदान करने के लिए तापमान एक प्रमुख मानदंड है। ईओएस-6 पर स्थापित केयू-बैंड पेंसिल बीम स्कैट्रोमीटर समुद्र की सतह पर उच्च रिजॉल्यूशन विंड वेक्टर (गति और दिशा) प्रदान करेगा, एक ऐसी जानकरी जिसके बारे में कोई भी नाविक जानना चाहेगा, चाहे वह मछुआरा हो या शिपिंग कंपनी। पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार के लिए समुद्र और मौसम के मॉडल में तापमान और हवा के आंकड़े जोड़ने बेहद महत्वपूर्ण हैं। एआरजीओएस एक संचार पेलोड है जिसे फ्रांस के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और इसका उपयोग लो-पावर (ऊर्जा-कुशल) संचार के लिए किया जाता है, जिसमें समुद्र में मौजूद रोबोटिक फ़्लोट्स (ऑर्ग फ़्लोट्स), मछलियों पर लगने वाले टैग, ड्रिफ्टर्स और खोज और बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन में उपयोगी संकट चेतावनी उपकरण शामिल हैं।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू से एक संदेश में सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो और एमओईएस टीमों को बधाई और धन्यवाद दिया।

माननीय मंत्री ने कहा, जबकि इसरो उपग्रह की कक्षा और आंकड़े पाने और उन्हे सुरक्षित रखने आदि से जुड़ी मानक प्रक्रियाओं को जारी रखेगा, इस उपग्रह के प्रमुख परिचालन उपयोगकर्ता एमओईएस के संस्थान जैसे भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस), हैदराबाद और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र नोएडा होंगे जो कि देश भर में लाखों हितधारकों को हर दिन कई तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि इस उद्देश्य के लिए, आईएनसीओआईएस ने राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र (इसरो-एनआरएससी), हैदराबाद के तकनीकी सहयोग से अपने परिसर के भीतर एक अत्याधुनिक उपग्रह डेटा रिसेप्शन ग्राउंड स्टेशन भी स्थापित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह समुद्र का निरीक्षण भारत की ब्लू इकोनॉमी और ध्रुवीय क्षेत्र की नीतियों के लिए मजबूत आधार के रूप में काम करेगा।

एमओईएस के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि ओशनसैट-3 का आज का प्रक्षेपण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूएन सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान का दशक (यूएनडीओएसएसडी, 2021-2030) की शुरुआत के बाद से यह भारत की ओर से किया जाने वाला पहला प्रमुख महासागरीय उपग्रह प्रक्षेपण है। उन्होंने कहा, इस उपग्रह में महासागर के रंग, एसएसटी और समुद्री सतह की हवाओं का समवर्ती मापन करने की क्षमता होगी, और उम्मीद है कि ये महासागर दशक के उद्देश्यों को पूरा करने में दुनिया भर के वैज्ञानिक और परिचालन समुदायों की सागर को समझने की क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगा।

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कानपुर समाचार

समाचार कानपुर से

🌄🌄 महाराजपुर थाना क्षेत्र में शोहदा के हौसले बुलंद।

शोहदे में पड़ोस में रहने वाली महिला का नहाते हुए बनाया वीडियो।

महिला को वीडियो वायरल करने की धमकी देता है।

महिला ने अपने पति को बताया आप बीती।

महिला ने महाराजपुर थाने में दिया प्रार्थना पत्र।
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बेवफा महिला कांस्टेबल की बेवफाई में जहर खाने वाले दरोगा अनूप सिंह की हुई थी मौत

रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी मौत रंगबाज महिला कांस्टेबल का वीडियो अब हो रहा है वायरल

ये वो कास्टेबल है जिसकी वजह से दरोगा ने सुसाइड किया बताया जा रहा है अपने लवर को बाबू कहते हुवे वीडियो वायरल
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मुफ्त का श्रेय लेने वाली कमिश्नरी पुलिस पुरी तरह से फेल

30 हजार की मांग पुरी न करने पर दबंग ने दुकानदार को दी जान से मारने की धमकी, मामला सीसीटीवी में हुआ कैद

विरोध करने पर पीड़ित की पत्नी के ऊपर तेजाब डालने की दी धमकी

12 नवंबर को पुलिस से शिकायत करने के बावजूद नहीं हुई थी कोई कार्रवाई, जिसके बाद दबंग ने दोबारा दी धमकी

बुधवार रात की घटना सीसीटीवी में हुई कैद

दबंग के ऊपर औरैय्या के थाना अजीतमल में दर्ज है कई मामले

मामला थाना जाजमऊ क्षेत्र नई बस्ती का है

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रैंकर पॉइंट कोचिंग सेंटर बच्चों का भविष्य कर रहा है बर्बाद*

*काकादेव क्षेत्र में बच्चों ने दिया धरना* ?

*कोचिंग में हुई जमकर तोड़फोड़*

*लाखों रुपए फीस लेकर बच्चों का भविष्य टीचर कर रहे हैं बर्बाद*

कोचिंग के बाहर बच्चो ने दिया धरना

*बच्चों ने लगाया आरोप की पैसा लेकर रैंकर पॉइंट के टीचरों ने भविष्य के साथ किया खिलवाड़*

*कानपुर जिला प्रशासन ऐसे टीचरों पर क्या सख्त कार्रवाई करेगा*
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कल्याणपुर थाना क्षेत्र में पनकी रोड चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई को मिली बड़ी सफलता।

चौकी इंचार्ज ने दो चोरों को किया गिरफ्तार।

सात मोटरसाइकिल और तीन कटी हुई बाइक सहित किया गिरफ्तार।

चौकी इंचार्ज और भी चोरों का कर सकते हैं बड़ा खुलासा।

पूरा मामला कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पनकी रोड का मामला।

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काकादेव क्षेत्र से दोस्त को घुमाने ले गया था लखनऊ युवक

कानपुर लाते वक्त दोस्त की हुई मौत

परिजनों का आरोप की मेरे बेटे की हत्या की गई है

परिवार के लोग काकादेव थाने में मौजूद

पुलिस टीम जांच करने निकली बाहर

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केस्को और नगर निगम की लापरवाही दे रही मौत को दावत

दस दिन से गिरे बिजली के खंभे की नहीं कर रहे हैं मरम्मत

केस्को व नगर निगम एक दूसरे पर थोप रहे है काम

मकान पर गिरा है बिजली का खम्बा

मोहल्ले के लोग अधिकारियों से कर चुके हैं कई बार शिकायत।

रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बने नमक फैक्ट्री के सब स्टेशन के जेई बीके शुक्ला हुए लापरवाह।

कुछ दिन पहले संविदा कर्मचारी संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने एक आईजीआरएस पर की थी शिकायत।

जेई सब स्टेशन के अंदर खड़ा कर आते हैं फल का ठेला।

मामला काका देव थाना क्षेत्र के पी ब्लॉक के बंजारा बस्ती का है

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हिंदुस्तान बिल्हौर के दिवंगत पत्रकार नवीन गुप्ता की पत्नी को देवर नितिन गुप्ता ने लोहे के रॉड से पीट पीट कर किया अधमरा।

पिटाई से किरण गुप्ता का सर फटा हाथ की उंगली भी टूटी।

खुद को पत्रकार बताता है आरोपी नितिन गुप्ता। जिसके चलते पुलिस नही करती है आरोपी नितिन गुप्ता पर कोई कार्यवाही।

घायल महिला रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में बैठी पुलिस ने नही दर्ज की कथित पत्रकार के खिलाफ एफआइआर।

पुलिस आयुक्त के आदेश पर पुलिस ले जा रही है घायल को मेडिकल के लिए। लेकिन नही दर्ज कर रही है फिर। क्षेत्र में आतंक का पर्याय हैं कथित पत्रकार नितिन गुप्ता।

बिल्हौर कोतवाली का मामला।

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पेंशनरों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) का राष्ट्रव्यापी अभियान देश भर में सफलतापूर्वक चल रहा है

उत्तर में श्रीनगर से लेकर दक्षिण में नागरकोइल (कन्याकुमारी जिले) तक और पूर्वोत्तर  में गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक 1 से 15 नवंबर तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न भागों में 22 और डीएलसी जागरूकता शिविर आयोजित करेगा

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू), कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय , भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। चेहरा प्रमाणीकरण तकनीकी ( फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी ) को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ( पीपी ) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रारम्भ किया गया था। सभी पंजीकृत पेंशनर्स संघों, पेंशन वितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवा योजना ( सीजीएचएस ) केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘जीवन में सुगमता ( ईज ऑफ लिविंग )’ के लिए विशेष शिविरों का आयोजन कर जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट / फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा दें।

1-15 नवंबर, 2022 की अवधि में उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में नागरकोइल ( कन्याकुमारी जिला ) और पूर्वोतर  मे गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं। अब तक कवर किए गए विशिष्ट शहर दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मोहाली, जम्मू, श्रीनगर, नागपुर, पुणे, इलाहाबाद, जालंधर, ग्वालियर, त्रिसूर, मदुरै, नागरकोइल, वरोदरा और अहमदाबाद हैं। भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी ) जिन्होंने अभियान स्थलों को प्रायोजित किया था, की मदद से डीओपीपीडब्ल्यू के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया। इस अभियान में हर शहर में पंजीकृत केंद्र सरकार के पेंशनभोगी संघों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ( आईपीपीबी ), भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई ), राष्ट्रीय सूचना केंद्र ( एनआईसी ) के साथ-साथ रक्षा लेखा महानियंत्रक लेखा परीक्षक ( सीजीडीए ) के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

इस उद्देश्य के लिए विकसित किए गए चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) ऐप से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, एनआईसी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उसे शामिल किया। उदाहरण के लिए लाइव सर्टिफिकेट ओटीपी प्राप्त करने और उसे डाउनलोड करने के बाद ऐप में खोला जा सकता है। लेकिन पेंशनभोगियों से प्राप्त फीडबैक के कारण ओटीपी प्राप्त होने पर तुरंत जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। एसबीआई सभी स्थानों पर अभियान को बढ़ावा देने के लिए पूरी ताकत से सामने आया और उनके अधिकारी छुट्टियों के दिन भी उत्साह से भाग लेते देखे गए।

देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पेंशनभोगियों ने इस अभियान की व्यापक रूप से सराहना की है। इस अभियान को पूरे देश में समाचार पत्रों और दूरदर्शन द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित और कवर किया गया था। 1-15 नवंबर, 2022 के दौरान, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस अवधि के दौरान अपने ट्विटर खाते से 214 ट्वीट प्रसारित किए हैं। इसके अलावा, इस अभियान के अन्य हितधारकों ने इस अवधि के दौरान 316 ट्वीट्स को री-ट्वीट किया है। विभाग द्वारा अपने यूट्यूब पेज पर पांच वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।

बढ़ती जागरूकता के कारण चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया है और डीएलसी प्रक्रिया को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। 15 नवंबर, 2022 तक केंद्र सरकार के कुल 21.01 लाख पेंशनभोगियों द्वारा सफलतापूर्वक डीएलसी का उपयोग किया गया है, जिसमें फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से 1.83 लाख डीएलसी बनाए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न हिस्सों में 22 और डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ( डीएलसी ) जागरूकता शिविर आयोजित करेगा।

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लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा

भारतीय स्वरूप संवाददाता, लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा, न्यूजप्रिंट को जीएसटी से बाहर रखने की उठाई मांग,
प्रकाशकों को परेशान करने का आर एन आई पर लगाया आरोप
सोलापुर, महाराष्ट्र। एसोसियेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक राज्य अतिथिगृह में आयोजित की गई। बैठक का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर मौजूद सदस्यों व पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम राष्ट्रगान गाया और अपने अपने विचार व्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता एसोसियेशन के उपाध्यक्ष विनोद महापात्रा ने की। मंचासीन सदस्यों का स्वागत महाराष्ट्र इकाई की ओर से पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।
इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चन्द्रशेखर गायकवाड़ ने कहा कि टाइटिल कोड जारी कर देने के बाद आर एन आई द्वारा परेशान करना निन्दनीय है। श्री गायकवाड़ ने उप्र सहित अन्य कई राज्यों से प्रकाशित होने वाले लघु वर्ग के अखबारों के प्रति चिन्ता जाहिर की।
नेशनल सेक्रेट्री डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्र इस समय अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सभी राज्यों की इकाइयां प्रकाशकों की समस्याओं को बिन्दुवार लिखकर निराकरण हेतु संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेंजे जिससे कि सम्बन्धित विभागों को पत्राचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि श्री चन्दोला जी ने अपना पूरा जीवन लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों के प्रति लगाया है। सभी पदाधिकारी अपने अपने राज्य की समस्याओं से श्री चंदोला जी को अवगत करायें।
श्री शर्मा ने न्यूजप्रिंट पर लागू की गई जी एस टी का मुद्दा उठाते हुए इसे लघु एवं मझोले श्रेणी के अखबारों से हटाने की बात रखी। इसके साथ ही एक हेल्पलाइन जारी करने का प्रस्ताव रखा।
वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चन्दोला ने बैठक के दौरान मप्र इकाई का अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह जादौन को मनोनीत करने की घोषणा की जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान श्री चंदोला ने कहा कि सभी राज्यों की इकाइयों को निर्देश दिया कि अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए प्रकाशकों की समस्याओं को अवगत करायें व एसोसियेशन की मजबूती के लिये कार्य करें।
बैठक के दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा मंचासीन सभी पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चंदोला, उप्र राज्य इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, अतुल दीक्षित, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहिब पाटिल, आन्ध्र प्रदेश के अध्यक्ष कोण्डलाराव सेंड्डीरेड्डी, पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष नारायण चटर्जी, मप्र से अकरम खान शामिल हुए व बैठक के मौके पर महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, एसोसियेशन के महामंत्री गुजरात राज्य से शंकर एम कतीरा, गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरिचा, एसोसियेशन के राष्ट्रीय मंत्री डॉ0 अनन्त शर्मा व प्रवीण पाटिल, शोभा जयपुरकर, कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष वेणुगोपाल, तारिका वेलकर, भूपालम सतीश सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित हुए।

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मण्डलायुक्त, ने कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में दिए निर्देश

कानपुर 10 अक्टूबर को मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में योजनावार निम्नलिखित निर्देश दिए गए:-

1. जिलाधिकारीगण विशेष सत्यापन पखवाड़ा के अन्तर्गत जनहानि के दृष्टिगत महत्वपूर्ण स्थलों यथा गैस गोदाम, होटल, माल, निजी/सरकारी अस्पतालों आदि में फायर सैफ्टी व्यवस्था, परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील राशन रखे जाने वाले कमरो के साफ-सफाई एवं सीलन की स्थिति, विद्यालयों के समीप से गुजरने वाले हाई टेंशन विद्युत लाइन, जर्जर कमरों में अध्यापन व आस-पास सुरक्षा व्यवस्था, विभिन्न मार्गो पर पुराने निर्मित पुलों के जर्जर होने की स्थिति तथा स्टेडियम के दर्शक दीर्घा स्टैण्ड की स्थिति का सत्यापन करावें तथा विभिन्न भवनो/चौराहों/मार्गो पर स्थापित सी0सी0टी0वी0 कैमरा के क्रियाशील होने की स्थिति का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।

2. दिनांक 09.11.2022 तक आई0जी0आर0एस0 के अन्तर्गत कानपुर मण्डल में मुख्यमंत्री सन्दर्भ के 14 प्रकरण डिफाल्टर श्रेणी से आच्छादित है। मण्डलायुक्त द्वारा आगामी 03 दिवस में समस्त डिफाल्टर सन्दर्भो को निस्तारित करने के निर्देश दिये गये। जनपद कानपुर देहात और कन्नौज में डिफाल्टर श्रेणी में एक भी प्रकरण नहीं है। समस्त अधिकारियों से कार्यालय दिवस में प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक जनता की सुनवाई के उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।

3. शासन के निर्देशानुसार ससमय समस्त मार्गों का गढड़ामुक्त किये जाने की समीक्षा की गयी। मुख्य अभियन्ता पी0डब्लू0डी0 द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डल में पैच मरम्मत के 4631.98 कि0मी0, नवीनीकरण के 801.24 कि0मी0 व विशेष मरम्मत के 673.63 कि0मी0 लक्ष्य के सापेक्ष क्रमशः 3194.62 कि0मी0, 301.29 कि0मी0 व 203.17 कि0मी0 की क्रमिक प्रगति प्राप्त कर ली गयी है। मण्डलायुक्त ने गड्ढा मुक्त कराये गये सड़कों के दिनांक 15.11.2022 तक शत-प्रतिशत सत्यापन के निर्देश दिये गये तथा मण्डल स्तर पर 02-02 टीमें गठित कर रैण्डम सत्यापन के भी निर्देश दिये गये।

4. क्षेत्रीय खाद्य नियन्त्रक द्वारा अवगत कराया गया कि धान क्रय केन्द्र हेतु मण्डल में लक्षित 239 केन्द्रों के सापेक्ष 174 केन्द्र स्थापित कर लिये गये है एवं 02 केन्द्रों पर खरीद प्रारम्भ हो चुकी है। मण्डल के लक्ष्य 367000 मी0टन के सापेक्ष अद्यतन 40.84 मी0टन की खरीद की जा चुकी है। इसी प्रकार बाजरा में 7000 मी0टन लक्ष्य के सापेक्ष 442.15 मी0टन खरीद हो चुकी है, जबकि मक्के में खरीद प्रारम्भ नहीं हुयी है। निर्धारित समस्त केन्द्रों पर पूर्ण क्षमता के साथ धान क्रय किया जाए। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कृषकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।

5. पी0एम0स्वनिधि एवं डिजिटल ट्रांजेक्शन के अन्तर्गत समीक्षा में पाया गया कि द्वितीय ऋण वितरण की प्रगति जनपद कानपुर देहात में 70.38 प्रतिशत व इटावा 76.07 प्रतिशत कम है, जबकि डिजटली एक्टिव स्ट्रीट वेण्डर की प्रगति जनपद कानपुर नगर में 35 प्रतिशत को छोड़कर अन्य जनपदांें में अपेक्षाकृत कम है। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य औसत से अधिक प्रगति सुनिश्चित करायी जाय।

6. अपर निदेशक पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि वृहद गोवंश संरक्षण स्थलों में मण्डल में अभी भी 05 केन्द्र निर्माणाधीन है, जो कानपुर नगर में ग्राम खोदन वि0ख0 शिवराजपुर, कानपुर देहात में ग्राम जगदीशपुर वि0ख0 मलासा, ग्राम जेसलपुर महादेवा, वि0ख0 राजपुर, इटावा में ग्राम थरी वि0ख0 भरथना व औरैया में ग्राम रजुआमऊ, वि0ख0 अछल्दा हैं। उपस्थित सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा माह दिसम्बर, 2022 तक पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि गोवंश का ठण्ड से बचाव हेतु अभी से सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। लम्पी रोग से ग्रसित पशुओं के उपचार में शिथिलता नहीं बरती जाए। अतिरिक्त टीमे लगाकर प्रभावित क्षेत्र में शत-प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण कराया जाए।

7. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों के अन्तर्गत डेंगू एवं अन्य संक्रामक रोग से बचाव, हेल्थ ए0टी0एम0, आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड व हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर हेतु भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये। संक्रमक रोग के प्रसार को देखते हुए, इसके रोकथाम हेतु जन सामान्य को जागरुक करें। घर-घर लार्वारोधी दवाओं का छिड़काव कराया जाए। मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जाए। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड बनाए जाने की अपेक्षित प्रगति न होने पर खेद व्यक्त करते हुए अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य को निर्देशित किया गया कि मासान्त तक 35 प्रतिशत लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड से आच्छादित कर दिया जाए। संस्थागत प्रसव तथा गोल्डेन कार्ड में अपेक्षित प्रगति हेतु आशाओं का दायित्व निर्धारित करते हुए अपेक्षित प्रगति करने के निर्देश दिए गए।

8. संयुक्त निदेशक कृषि एवं जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फसल अवशेष जलाए जाने की घटना कहीं भी प्रकाश में न आए, साथ ही पराली प्रबन्धन के दृष्टिगत नियमित समीक्षा की जाय। संयुक्त निदेशक कृषि यह देख ले कि मण्डल में कहीं भी उर्वरक की कमी न रहे।

9. बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत आपरेशन कायाकल्प, डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रति छात्र भुगतान, पाठ्य पुस्तकों का वितरण व गोद लिये विद्यालयों की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत असंतृप्त विद्यालयों की संख्या कानपुर देहात में 309, कन्नौज 302, औरैया 271, कानपुर नगर 268, फर्रूखाबाद 217 व इटावा 46 है। इसी प्रकार डी0बी0टी0 के माध्यम से लक्ष्य के सापेक्ष भुगतान की स्थिति कानपुर नगर में 54.23 प्रतिशत, कन्नौज 62.47 प्रतिशत, फर्रूखाबाद 65.60 प्रतिशत, औरैया 66.79 प्रतिशत, कानपुर देहात 68.04 प्रतिशत व इटावा 69.59 प्रतिशत है।

10. पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में 5000 से अधिक आबादी वाले ग्रामों को मॉडल ओ0डी0एफ0 प्लस ग्रामों में वित्तीय प्रगति, जनपद स्तर पर प्रस्तावित प्रशिक्षण, वर्ष 2022-23 के अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु ग्राम पंचायत चयन तथा क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत द्वारा व्यय धनराशि की समीक्षा की गयी। उप निदेशक पंचायत द्वारा अवगत कराया गया कि एस0एल0डब्लू0एम0 के अन्तर्गत मण्डल को धनराशि रू0 87.24 करोड़ प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष व्यय मात्र 3.54 करोड़ हुआ है। इसी प्रकार जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से प्रस्ताव अप्राप्त है। क्षेत्र पंचायत के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर में व्यय मात्र 14.54 प्रतिशत है, जो मण्डल में सबसे कम है। इसी प्रकार जिला पंचायतों में जनपद कानपुर देहात की वित्तीय प्रगति 16.41 प्रतिशत व इटावा की प्रगति 17.19 प्रतिशत है। मण्डलायुक्त के द्वारा एस0एल0डब्लू0एम0 व क्षेत्र/जिला पंचायत की वित्तीय प्रगति बढ़ाने के साथ-साथ जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण तत्काल प्राारम्भ कराये जाने व जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से अन्त्येष्टि स्थल के प्रस्ताव प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

11. आज की इस मण्डलीय बैठक में सभी कार्यक्रमों की समीक्षा में जनपदों द्वारा औसत प्राप्तांक के आधार पर रैंकिंग निर्धारित की गयी, जिसमें जनपद फर्रूखाबाद प्रथम 96.54 प्रतिशत, इटावा द्वितीय 96.08 प्रतिशत, औरैया तृतीय 94.04 प्रतिशत, कन्नौज चतुर्थ 92.94 प्रतिशत, कानपुर नगर पांचवा 92.69 प्रतिशत व कानपुर देहात 91.82 प्रतिशत अन्तिम स्थान पर है।

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समाचार कानपुर से

कानपुर समाचार

ख़ाकी ने किया दुष्कर्मी को बचाने के लिए फेर बदल

पीड़ित पिता ने बताया की बेटी के साथ गाँव के ही रहने वाले दबंग ने किया था खेत में दुष्कर्म

वही न्याय की आश लेकर थाने पहुँची पीड़िता की नही हुई कोई सुनवाई

शर्म के मार से पीड़िता ने कर लिया था आत्महत्या

 

पीड़ित पिता ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाज़ा

मुक़दमा पंजीकृत होने पर नही हो रही कोई कार्यवाही

पीड़ित ने बताया की ख़ाकी कर रही समझौते का प्रयास

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*स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाकर खुली चुनौती दे रहा है कल्याणपुर स्थित श्री राम हॉस्पिटल हॉस्पिटल का संचालक नहीं मानता अधिकारियों का आदेश*

*बीती 15 अक्टूबर को सीएमओ ने किया था अस्पताल का लाइसेंस निरस्त*

*अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में जाकर नहीं की कोई कार्रवाई*

*लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी लगातार अस्पताल में हो रहे मरीज भर्ती*

*स्वास्थ विभाग की छत्रछाया व आशीर्वाद में फल फूल रहा है है अवैध रूप से श्री राम हॉस्पिटल अस्पताल*

*श्री राम हॉस्पिटल संचालक सौरभ कटियार लखनऊ की पहुँच व धौंस दिखा कर चला रहा है अस्पताल*

*आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ?????*

योगी सरकार को दे रहे हैं अस्पताल संचालक सौरभ कटियार चुनौती

*दंभ में चूर निरंकुश हॉस्पिटल संचालक को नहीं है स्वास्थ्य विभाग का कोई डर*

जिला प्रशासन क्यों नहीं कर रहा है कोई कार्रवाई

*कल्याणपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर मे अवैध रूप से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा है श्री राम हॉस्पिटल*

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अग्निवीर परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी हुआ गिरफ्तार

दूसरे के डॉक्यूमेंट लेकर पहुंचा था अभ्यर्थी

अलीगढ़ का रहने वाला आबिद खान गिरफ्तार

बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा गया आबिद

अरमापुर थाने में जालसाजी की धाराओं में दर्ज हुआ मामला
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बुजर्ग महिलाओं के साथ हुई चैन लूट।

इटावा से कानपुर बेटी के घर आई थी बुजुर्ग महिलाएं।

बैट्री रिक्शे पर हुई चैन लूट,,तीन महिलाओं ने की चैन लूट।

रिक्शा चालक ने महिलाओं को पकड़ा।

मौके से लूटी हुई चैन हुई बरामद।

क्षेत्रीय लोगों ने महिलाओं को पकड़कर पुलिस को दिया।

मामला कल्यानपुर थाना क्षेत्र के पुराना शिवली रोड का।

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अविश्वसनीय परिवर्तन

पुणे 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, 40 साल की उम्र में, फिटनेस से वंचित शरीर के साथ दो किशोरों की परवरिश करते हुए, सुश्री प्रीति मस्के ने 2016 में अनिच्छा से 5 किमी दौड़ के लिए पंजीकरण कराया। आज, 2022 में, प्रीति म्हास्के, सुपर फिट, दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखती हैं – प्रत्येक दौड़ने और साइकिल चलाने के लिए। अविश्वसनीय परिवर्तन, है ना!? साइकिल चलाने का उनका जुनून केवल बढ़ रहा है। यदि आप उसे चेतावनी देते हैं कि एक विशेष मार्ग अप्राप्य है या xyz घंटों में नहीं देखा जा सकता है, तो प्रीति इसे एक आदर्श चुनौती के रूप में देखती है! इसे हासिल करने के लिए उसे केवल अगले तीन महीने लगते हैं। उसकी शारीरिक क्षमता, मानसिक शक्ति और इच्छाशक्ति का इससे बेहतर सारांश क्या हो सकता है! ऐसी ही एक राइड में प्रीति का एक्सीडेंट हो गया। इसने, स्वाभाविक रूप से, नाजुक मानव शरीर और मृत्यु के बारे में विचारों का एक हिमस्खलन जारी किया। उनके समर्पित शोध ने उन्हें मस्तिष्क-मृत्यु और अंग दान के समाधान के रूप में सीखने के लिए प्रेरित किया। उसकी खोज एक एनजीओ, रीबर्थ फाउंडेशन में समाप्त हुई, जो उसके शहर – पुणे में काम कर रही थी। रीबर्थ पिछले 7 वर्षों से पूरे भारत में अंगदान के प्रति जागरूकता और प्रसार पर काम कर रहा है। प्रीति ने अब अंगदान जागरूकता के लिए अपनी भविष्य की सवारी को समर्पित करने का फैसला किया है। इस नेक काम में योगदान के रूप में, प्रीति ने पाकिस्तान सीमा से चीन सीमा तक, 13 दिनों में कुल 3800 किमी की ट्रांस-इंडिया सवारी करने का संकल्प लिया है। सवारी 1 नवंबर, 2022 को नारायण सरोवर, कोटेश्वर, गुजरात से शुरू होगी और 13 नवंबर, 2022 (3810 किमी) पर किबिथू, अरुणाचल प्रदेश में समाप्त होगी। बेहद दृढ़ निश्चयी महिला प्रीति का मानना है कि उम्र किसी के जुनून की खोज में बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अब साइकिल चलाने के अपने प्यार का पालन करते हुए अंगदान के लिए योगदान देने का संकल्प लिया है। प्रीति मस्के ने कहा, “मेरे कट्टरपंथी तरीके के बावजूद, अगर मैं अंगदान के माध्यम से एक भी जीवन बचाने में सक्षम हूं, तो मुझे लगता है कि मैं इस ग्रह पर अपनी भूमिका निभाऊंगी।” हार्दिक बधाई, टीम रीबर्थ अधिक जानकारी के लिए: वेब: www.rebirthtrust.org फेसबुक: https://www.facebook.com/Rebirthorgandonation Instagram: https://www.instagram.com/rebirthtrust/ Youtube: https://www .youtube.com/channel/UC8jM2PJvQJWs14MF-t0AqFg

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