Breaking News

मुख्य समाचार

मण्डलायुक्त, ने कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में दिए निर्देश

कानपुर 10 अक्टूबर को मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में योजनावार निम्नलिखित निर्देश दिए गए:-

1. जिलाधिकारीगण विशेष सत्यापन पखवाड़ा के अन्तर्गत जनहानि के दृष्टिगत महत्वपूर्ण स्थलों यथा गैस गोदाम, होटल, माल, निजी/सरकारी अस्पतालों आदि में फायर सैफ्टी व्यवस्था, परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील राशन रखे जाने वाले कमरो के साफ-सफाई एवं सीलन की स्थिति, विद्यालयों के समीप से गुजरने वाले हाई टेंशन विद्युत लाइन, जर्जर कमरों में अध्यापन व आस-पास सुरक्षा व्यवस्था, विभिन्न मार्गो पर पुराने निर्मित पुलों के जर्जर होने की स्थिति तथा स्टेडियम के दर्शक दीर्घा स्टैण्ड की स्थिति का सत्यापन करावें तथा विभिन्न भवनो/चौराहों/मार्गो पर स्थापित सी0सी0टी0वी0 कैमरा के क्रियाशील होने की स्थिति का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।

2. दिनांक 09.11.2022 तक आई0जी0आर0एस0 के अन्तर्गत कानपुर मण्डल में मुख्यमंत्री सन्दर्भ के 14 प्रकरण डिफाल्टर श्रेणी से आच्छादित है। मण्डलायुक्त द्वारा आगामी 03 दिवस में समस्त डिफाल्टर सन्दर्भो को निस्तारित करने के निर्देश दिये गये। जनपद कानपुर देहात और कन्नौज में डिफाल्टर श्रेणी में एक भी प्रकरण नहीं है। समस्त अधिकारियों से कार्यालय दिवस में प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक जनता की सुनवाई के उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।

3. शासन के निर्देशानुसार ससमय समस्त मार्गों का गढड़ामुक्त किये जाने की समीक्षा की गयी। मुख्य अभियन्ता पी0डब्लू0डी0 द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डल में पैच मरम्मत के 4631.98 कि0मी0, नवीनीकरण के 801.24 कि0मी0 व विशेष मरम्मत के 673.63 कि0मी0 लक्ष्य के सापेक्ष क्रमशः 3194.62 कि0मी0, 301.29 कि0मी0 व 203.17 कि0मी0 की क्रमिक प्रगति प्राप्त कर ली गयी है। मण्डलायुक्त ने गड्ढा मुक्त कराये गये सड़कों के दिनांक 15.11.2022 तक शत-प्रतिशत सत्यापन के निर्देश दिये गये तथा मण्डल स्तर पर 02-02 टीमें गठित कर रैण्डम सत्यापन के भी निर्देश दिये गये।

4. क्षेत्रीय खाद्य नियन्त्रक द्वारा अवगत कराया गया कि धान क्रय केन्द्र हेतु मण्डल में लक्षित 239 केन्द्रों के सापेक्ष 174 केन्द्र स्थापित कर लिये गये है एवं 02 केन्द्रों पर खरीद प्रारम्भ हो चुकी है। मण्डल के लक्ष्य 367000 मी0टन के सापेक्ष अद्यतन 40.84 मी0टन की खरीद की जा चुकी है। इसी प्रकार बाजरा में 7000 मी0टन लक्ष्य के सापेक्ष 442.15 मी0टन खरीद हो चुकी है, जबकि मक्के में खरीद प्रारम्भ नहीं हुयी है। निर्धारित समस्त केन्द्रों पर पूर्ण क्षमता के साथ धान क्रय किया जाए। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कृषकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।

5. पी0एम0स्वनिधि एवं डिजिटल ट्रांजेक्शन के अन्तर्गत समीक्षा में पाया गया कि द्वितीय ऋण वितरण की प्रगति जनपद कानपुर देहात में 70.38 प्रतिशत व इटावा 76.07 प्रतिशत कम है, जबकि डिजटली एक्टिव स्ट्रीट वेण्डर की प्रगति जनपद कानपुर नगर में 35 प्रतिशत को छोड़कर अन्य जनपदांें में अपेक्षाकृत कम है। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य औसत से अधिक प्रगति सुनिश्चित करायी जाय।

6. अपर निदेशक पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि वृहद गोवंश संरक्षण स्थलों में मण्डल में अभी भी 05 केन्द्र निर्माणाधीन है, जो कानपुर नगर में ग्राम खोदन वि0ख0 शिवराजपुर, कानपुर देहात में ग्राम जगदीशपुर वि0ख0 मलासा, ग्राम जेसलपुर महादेवा, वि0ख0 राजपुर, इटावा में ग्राम थरी वि0ख0 भरथना व औरैया में ग्राम रजुआमऊ, वि0ख0 अछल्दा हैं। उपस्थित सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा माह दिसम्बर, 2022 तक पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि गोवंश का ठण्ड से बचाव हेतु अभी से सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। लम्पी रोग से ग्रसित पशुओं के उपचार में शिथिलता नहीं बरती जाए। अतिरिक्त टीमे लगाकर प्रभावित क्षेत्र में शत-प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण कराया जाए।

7. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों के अन्तर्गत डेंगू एवं अन्य संक्रामक रोग से बचाव, हेल्थ ए0टी0एम0, आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड व हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर हेतु भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये। संक्रमक रोग के प्रसार को देखते हुए, इसके रोकथाम हेतु जन सामान्य को जागरुक करें। घर-घर लार्वारोधी दवाओं का छिड़काव कराया जाए। मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जाए। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड बनाए जाने की अपेक्षित प्रगति न होने पर खेद व्यक्त करते हुए अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य को निर्देशित किया गया कि मासान्त तक 35 प्रतिशत लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड से आच्छादित कर दिया जाए। संस्थागत प्रसव तथा गोल्डेन कार्ड में अपेक्षित प्रगति हेतु आशाओं का दायित्व निर्धारित करते हुए अपेक्षित प्रगति करने के निर्देश दिए गए।

8. संयुक्त निदेशक कृषि एवं जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फसल अवशेष जलाए जाने की घटना कहीं भी प्रकाश में न आए, साथ ही पराली प्रबन्धन के दृष्टिगत नियमित समीक्षा की जाय। संयुक्त निदेशक कृषि यह देख ले कि मण्डल में कहीं भी उर्वरक की कमी न रहे।

9. बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत आपरेशन कायाकल्प, डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रति छात्र भुगतान, पाठ्य पुस्तकों का वितरण व गोद लिये विद्यालयों की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत असंतृप्त विद्यालयों की संख्या कानपुर देहात में 309, कन्नौज 302, औरैया 271, कानपुर नगर 268, फर्रूखाबाद 217 व इटावा 46 है। इसी प्रकार डी0बी0टी0 के माध्यम से लक्ष्य के सापेक्ष भुगतान की स्थिति कानपुर नगर में 54.23 प्रतिशत, कन्नौज 62.47 प्रतिशत, फर्रूखाबाद 65.60 प्रतिशत, औरैया 66.79 प्रतिशत, कानपुर देहात 68.04 प्रतिशत व इटावा 69.59 प्रतिशत है।

10. पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में 5000 से अधिक आबादी वाले ग्रामों को मॉडल ओ0डी0एफ0 प्लस ग्रामों में वित्तीय प्रगति, जनपद स्तर पर प्रस्तावित प्रशिक्षण, वर्ष 2022-23 के अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु ग्राम पंचायत चयन तथा क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत द्वारा व्यय धनराशि की समीक्षा की गयी। उप निदेशक पंचायत द्वारा अवगत कराया गया कि एस0एल0डब्लू0एम0 के अन्तर्गत मण्डल को धनराशि रू0 87.24 करोड़ प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष व्यय मात्र 3.54 करोड़ हुआ है। इसी प्रकार जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से प्रस्ताव अप्राप्त है। क्षेत्र पंचायत के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर में व्यय मात्र 14.54 प्रतिशत है, जो मण्डल में सबसे कम है। इसी प्रकार जिला पंचायतों में जनपद कानपुर देहात की वित्तीय प्रगति 16.41 प्रतिशत व इटावा की प्रगति 17.19 प्रतिशत है। मण्डलायुक्त के द्वारा एस0एल0डब्लू0एम0 व क्षेत्र/जिला पंचायत की वित्तीय प्रगति बढ़ाने के साथ-साथ जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण तत्काल प्राारम्भ कराये जाने व जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से अन्त्येष्टि स्थल के प्रस्ताव प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

11. आज की इस मण्डलीय बैठक में सभी कार्यक्रमों की समीक्षा में जनपदों द्वारा औसत प्राप्तांक के आधार पर रैंकिंग निर्धारित की गयी, जिसमें जनपद फर्रूखाबाद प्रथम 96.54 प्रतिशत, इटावा द्वितीय 96.08 प्रतिशत, औरैया तृतीय 94.04 प्रतिशत, कन्नौज चतुर्थ 92.94 प्रतिशत, कानपुर नगर पांचवा 92.69 प्रतिशत व कानपुर देहात 91.82 प्रतिशत अन्तिम स्थान पर है।

Read More »

समाचार कानपुर से

कानपुर समाचार

ख़ाकी ने किया दुष्कर्मी को बचाने के लिए फेर बदल

पीड़ित पिता ने बताया की बेटी के साथ गाँव के ही रहने वाले दबंग ने किया था खेत में दुष्कर्म

वही न्याय की आश लेकर थाने पहुँची पीड़िता की नही हुई कोई सुनवाई

शर्म के मार से पीड़िता ने कर लिया था आत्महत्या

 

पीड़ित पिता ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाज़ा

मुक़दमा पंजीकृत होने पर नही हो रही कोई कार्यवाही

पीड़ित ने बताया की ख़ाकी कर रही समझौते का प्रयास

*********

*स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाकर खुली चुनौती दे रहा है कल्याणपुर स्थित श्री राम हॉस्पिटल हॉस्पिटल का संचालक नहीं मानता अधिकारियों का आदेश*

*बीती 15 अक्टूबर को सीएमओ ने किया था अस्पताल का लाइसेंस निरस्त*

*अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में जाकर नहीं की कोई कार्रवाई*

*लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी लगातार अस्पताल में हो रहे मरीज भर्ती*

*स्वास्थ विभाग की छत्रछाया व आशीर्वाद में फल फूल रहा है है अवैध रूप से श्री राम हॉस्पिटल अस्पताल*

*श्री राम हॉस्पिटल संचालक सौरभ कटियार लखनऊ की पहुँच व धौंस दिखा कर चला रहा है अस्पताल*

*आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ?????*

योगी सरकार को दे रहे हैं अस्पताल संचालक सौरभ कटियार चुनौती

*दंभ में चूर निरंकुश हॉस्पिटल संचालक को नहीं है स्वास्थ्य विभाग का कोई डर*

जिला प्रशासन क्यों नहीं कर रहा है कोई कार्रवाई

*कल्याणपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर मे अवैध रूप से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा है श्री राम हॉस्पिटल*

*******
अग्निवीर परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी हुआ गिरफ्तार

दूसरे के डॉक्यूमेंट लेकर पहुंचा था अभ्यर्थी

अलीगढ़ का रहने वाला आबिद खान गिरफ्तार

बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा गया आबिद

अरमापुर थाने में जालसाजी की धाराओं में दर्ज हुआ मामला
*****

बुजर्ग महिलाओं के साथ हुई चैन लूट।

इटावा से कानपुर बेटी के घर आई थी बुजुर्ग महिलाएं।

बैट्री रिक्शे पर हुई चैन लूट,,तीन महिलाओं ने की चैन लूट।

रिक्शा चालक ने महिलाओं को पकड़ा।

मौके से लूटी हुई चैन हुई बरामद।

क्षेत्रीय लोगों ने महिलाओं को पकड़कर पुलिस को दिया।

मामला कल्यानपुर थाना क्षेत्र के पुराना शिवली रोड का।

Read More »

अविश्वसनीय परिवर्तन

पुणे 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, 40 साल की उम्र में, फिटनेस से वंचित शरीर के साथ दो किशोरों की परवरिश करते हुए, सुश्री प्रीति मस्के ने 2016 में अनिच्छा से 5 किमी दौड़ के लिए पंजीकरण कराया। आज, 2022 में, प्रीति म्हास्के, सुपर फिट, दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखती हैं – प्रत्येक दौड़ने और साइकिल चलाने के लिए। अविश्वसनीय परिवर्तन, है ना!? साइकिल चलाने का उनका जुनून केवल बढ़ रहा है। यदि आप उसे चेतावनी देते हैं कि एक विशेष मार्ग अप्राप्य है या xyz घंटों में नहीं देखा जा सकता है, तो प्रीति इसे एक आदर्श चुनौती के रूप में देखती है! इसे हासिल करने के लिए उसे केवल अगले तीन महीने लगते हैं। उसकी शारीरिक क्षमता, मानसिक शक्ति और इच्छाशक्ति का इससे बेहतर सारांश क्या हो सकता है! ऐसी ही एक राइड में प्रीति का एक्सीडेंट हो गया। इसने, स्वाभाविक रूप से, नाजुक मानव शरीर और मृत्यु के बारे में विचारों का एक हिमस्खलन जारी किया। उनके समर्पित शोध ने उन्हें मस्तिष्क-मृत्यु और अंग दान के समाधान के रूप में सीखने के लिए प्रेरित किया। उसकी खोज एक एनजीओ, रीबर्थ फाउंडेशन में समाप्त हुई, जो उसके शहर – पुणे में काम कर रही थी। रीबर्थ पिछले 7 वर्षों से पूरे भारत में अंगदान के प्रति जागरूकता और प्रसार पर काम कर रहा है। प्रीति ने अब अंगदान जागरूकता के लिए अपनी भविष्य की सवारी को समर्पित करने का फैसला किया है। इस नेक काम में योगदान के रूप में, प्रीति ने पाकिस्तान सीमा से चीन सीमा तक, 13 दिनों में कुल 3800 किमी की ट्रांस-इंडिया सवारी करने का संकल्प लिया है। सवारी 1 नवंबर, 2022 को नारायण सरोवर, कोटेश्वर, गुजरात से शुरू होगी और 13 नवंबर, 2022 (3810 किमी) पर किबिथू, अरुणाचल प्रदेश में समाप्त होगी। बेहद दृढ़ निश्चयी महिला प्रीति का मानना है कि उम्र किसी के जुनून की खोज में बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अब साइकिल चलाने के अपने प्यार का पालन करते हुए अंगदान के लिए योगदान देने का संकल्प लिया है। प्रीति मस्के ने कहा, “मेरे कट्टरपंथी तरीके के बावजूद, अगर मैं अंगदान के माध्यम से एक भी जीवन बचाने में सक्षम हूं, तो मुझे लगता है कि मैं इस ग्रह पर अपनी भूमिका निभाऊंगी।” हार्दिक बधाई, टीम रीबर्थ अधिक जानकारी के लिए: वेब: www.rebirthtrust.org फेसबुक: https://www.facebook.com/Rebirthorgandonation Instagram: https://www.instagram.com/rebirthtrust/ Youtube: https://www .youtube.com/channel/UC8jM2PJvQJWs14MF-t0AqFg

Read More »

वित्त मंत्री ने 141 कोयला खदानों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी शुरू की

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा है कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और उसके गैसीकरण की परियोजनाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है और वह भी तब जब विश्व स्तर पर, विशेष रूप से गैस के ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। कोयला मंत्रालय की कोयला खदान नीलामी के छठे दौर का आज नई दिल्ली में शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। मंत्री महोदया ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41% की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज की 141 कोयला खदानों की नीलामी से बारह राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगाI  कोयला क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के लिए हाल में ही की गई पहलों के लिए कोयला मंत्रालय की सराहना करते हुए श्रीमती सीतारमन ने कहा कि खनन क्षेत्र में सुधार हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय कोयले के गैसीकरण और वाणिज्यिक खनन में प्रोत्साहन के लिए हर संभव सहायता करेगा। समारोह को संबोधित करते हुए कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक पद्धति ढूँढ रहा है। श्री जोशी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कोयले के गैसीकरण के लिए 6000 करोड़ रुपये अन्वेषण प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान आज ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गई। श्री जोशी ने कहा कि पूर्व में नीलाम हो चुकी खदानों में उत्पादन शुरू हो गया है और आशा है कि अगले वर्ष तक नई खदानों से एक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होने लगेगाI श्री जोशी ने आगे कहा कि अब तक  की गई समीक्षा के अनुसार कोयला मंत्रालय इस वर्ष 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान लगा रहा है। समारोह को कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा और अपर सचिव श्री एम. नागराजू ने भी संबोधित किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002EDOW.jpg

वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर में 133 कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गई थीं, जिनमें से 71 नई कोयला खदानें हैं और 62 कोयला खदानें वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरणों से चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 8 कोयला खदानों को शामिल किया गया था, जिसके लिए पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं। नीलामी की इस किश्त के शुभारंभ के साथ ही कोयला मंत्रालय तापीय (थर्मल) कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, संवेदनशील बसावटों, 40% से अधिक वन क्षेत्रों, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को नीलामी से बाहर रखा गया है। जिन क्षेत्रों में घनी बस्ती, उच्च हरित आवरण या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे आदि की उपस्थिति है, के अंतर्गत आने वाली कुछ ऐसी कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाओं में बोलीदाताओं की रुचि और इन कोयला ब्लॉकों में भागीदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर संशोधन किया गया है। नीलाम की जा रही खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार के कोयला/लिग्नाइट वाले राज्यों में फैली हुई हैं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि और बोली सुरक्षा राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के कुछ हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक और राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना प्रवेश बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयला उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन, कोयला गैसीकरण और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 से शुरू होगी। खदानों, नीलामी की शर्तों, समय सीमा आदि का विवरण मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के नीलामी मंच पर देखा जा सकता है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो चरण की प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के लिए कार्य प्रणाली कोयला मंत्रालय के एकमात्र लेनदेन सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने विकसित की थी और वही कोयले की नीलामी प्रक्रिया के संचालन में मंत्रालय की सहायता कर रही है।

Read More »

सीमा सड़क संगठन ने स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 के दौरान सड़क निर्माण में प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल किया

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पूरे देश में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान 2.0 को तकनीकी प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। संगठन ने भारत के साथ-साथ भूटान में भी बिटुमिनस से सड़क के निर्माण में बड़े पैमाने पर कटे हुए प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल करने के लिए परीक्षण किए हैं। बीआरओ सड़कों की ऊपरी परत के निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए कटे हुए प्लास्टिक के छोटे टुकड़ों का अधिकतम उपयोग करने के प्रयास कर रहा है।

बीआरओ ने विशेष अभियान 2.0 के दौरान, दंतक परियोजना के तहत फुएंत्शोलिंग-थिम्फू रोड पर 4.5 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग में इस तकनीक का इस्तेमाल किया है। दूसरी परियोजना वर्तक के अंतर्गत बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क पर 2.5 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में परियोजना उदयक के तहत रोइंग-कोरोनू-पाया सड़क पर 1.0 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग के लिए भी इसी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। इसका इस्तेमाल मिजोरम में पुष्पक परियोजना के अंतर्गत हनथियाल-संगौ-सैहा रोड पर 5.22 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में अरुणांक परियोजना के तहत हापोली-सरली-हुरी रोड पर 2.0 किलोमीटर के रिसर्फेसिंग में किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वर्ष 2014 में लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महात्मा गांधी को उचित श्रद्धांजलि के रूप में शुरू किया गया था। गांधीजी ने स्वच्छता को जीवन में एक महत्वपूर्ण आदत के रूप में अपनाने की वकालत की थी। बाद में, सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 2021 में लंबित कार्यों को पूरा करने और स्वच्छता के लिए निपटान पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। पिछले वर्ष के दौरान विशेष अभियान की सफलता के बाद, 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

Read More »

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया। प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क, दहेज में डीप सी पाइपलाइन परियोजना, अंकलेश्वर और पनोली में हवाई अड्डे के पहले चरण और बहुस्तरीय औद्योगिक शेड के विकास की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को देश को समर्पित किया जो गुजरात में रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। इन परियोजनाओं में जीएसीएल प्लांट, भरूच अंडरग्राउंड ड्रेनेज और आईओसीएल दहेज कोयाली पाइपलाइन का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने सबसे पहले श्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। उन्‍होंने कहा कि मुलायम सिंह जी के साथ मेरा रिश्ता बहुत खास रहा है। मुख्यमंत्रियों के रूप में जब भी हम मिलते थे, तो हमारे बीच आपसी सम्मान और निकटता की भावना होती थी। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद जब श्री मोदी विभिन्न दलों के नेताओं के पास पहुंचे थे, उस पल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह जी का आशीर्वाद और उनकी सलाह के शब्द आज भी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। बदलते समय के बावजूद मुलायम सिंह जी ने अपने 2013 के आशीर्वाद को बनाए रखा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पिछले लोकसभा के अंतिम सत्र में मुलायम सिंह जी के आशीर्वाद का भी स्‍मरण किया, जिसमें दिवंगत नेता ने बिना किसी राजनीतिक मतभेद के 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की वापसी की भविष्यवाणी की थी। श्री मुलायम सिंह जी के अनुसार, श्री मोदी जी एक ऐसे नेता हैं जो सभी को साथ लेकर चलते हैं। आज गुजरात की इस धरती और मां नर्मदा के तट से आदरणीय मुलायम सिंह जी को नमन। मैं ईश्वर से उनके परिवार और प्रशंसकों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कि वह आजादी का अमृत महोत्सव के समय भरूच आए हैं और उन्होंने कहा कि इस जगह की मिट्टी ने देश के लिए ऐसे कई बच्चों को जन्म दिया है जिन्होंने देश का नाम नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने संविधान सभा के एक सदस्य और सोमनाथ आंदोलन में सरदार पटेल के प्रमुख साथी कन्‍हैयालाल माणिकलाल मुंशी और भारतीय संगीत के महान संगीतकार पं. ओंकारनाथ ठाकुर को भी स्‍मरण किया। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात और भारत के विकास में भरूच की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब भी हम भारत के इतिहास को पढ़ते हैं और भविष्य के बारे में बात करते हैं, भरूच की हमेशा गर्व के साथ चर्चा की जाती है। प्रधानमंत्री ने भरूच जिले की उभरती महानगरीय प्रकृति का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि भरूच को रसायन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं के साथ पहला ‘बल्क ड्रग पार्क’ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी से जुड़ी दो बड़ी परियोजनाओं की भी आज शुरुआत की गई है। श्री मोदी ने यह भी बताया कि अंकलेश्वर में भरूच हवाई अड्डे का शिलान्यास भी किया गया है ताकि भरूच के लोगों को बड़ौदा या सूरत पर निर्भर न रहना पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एक ऐसा जिला है जिसमें देश के अन्य छोटे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक उद्योग हैं और इस नई हवाईअड्डा परियोजना के साथ, यह क्षेत्र विकास के मामले में तीव्र गति से अग्रसर होगा। श्री मोदी ने कहा कि यह नरेन्द्र-भूपेंद्र की डबल इंजन सरकार का ही परिणाम है जो कार्यों को त्‍वरित गति से पूरा करने का प्रयास करती है। श्री मोदी ने कहा कि यह गुजरात का नया चेहरा है। गुजरात, पिछले दो दशकों में, हर क्षेत्र में एक पिछड़े राज्य से एक संपन्न औद्योगिक और कृषि राज्य में परिवर्तित हो गया है। व्यस्त बंदरगाहों और एक विकासशील समुद्र तट के साथ आदिवासियों और मछुआरे समुदाय का जीवन बदल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों की कड़ी मेहनत के कारण आजादी के अमृत महोत्सव में राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरे दौर का शुभारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें बाधाओं से मुक्त एक सक्षम वातावरण बनाना चाहिए और इस अवसर को नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सपनों को साकार करने के लिए नीति और नियत दोनों की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने भरूच क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बारे में बात की। उन्होंने यह भी स्‍मरण किया कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में कृषि, स्वास्थ्य और पेयजल की स्थिति में व्‍यापक सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात को भी स्‍मरण किया कि कैसे मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने एक समय में एक ही मुद्दे का सामना किया और उसे हल किया। आज, बच्चे कर्फ्यू शब्द को नहीं जानते हैं, जो पहले एक आम शब्‍द था। आज हमारी बेटियां न केवल सम्मान के साथ जी रही हैं और देर तक काम भी कर रही हैं, बल्कि समुदायों का नेतृत्‍व भी कर रही हैं। इसी तरह भरूच में शिक्षा की सुविधाएं आई हैं, जिससे युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। लंबी अवधि की योजना और कम उपयोग किए गए संसाधनों का लाभ उठाने के कारण, गुजरात एक विनिर्माण, औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभरा है और कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी यहां सुलभ हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार दोहरे लाभ का एक बड़ा उदाहरण बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने वोकल-फॉर-लोकल के अपने आह्वान को दोहराया। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को अपनाकर और आयातित उत्पादों से दूर रहकर हर नागरिक ‘आत्मनिर्भर’ भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने दिवाली के दौरान स्थानीय रूप से बनी चीजों का उपयोग करने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों की मदद होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10वें स्थान पर थी वह आज पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि को इस तथ्य ने और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया कि अब भारत ने अपने पूर्व औपनिवेशिक आकाओं को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवा, किसान, श्रमिक, छोटे व बड़े व्यवसायी और उद्योगपति बधाई एवं श्रेय के पात्र हैं। उन्होंने भरूच के लोगों को दवाइयों के निर्माण द्वारा लोगों का जीवन बचाने के नेक कार्य में शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि महामारी ने फार्मा क्षेत्र के महत्व को बिल्‍कुल स्पष्ट कर दिया है। गुजरात ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश की बहुत मदद की है। देश के फार्मा निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 25 फीसदी है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को भी स्‍मरण किया जब भरूच में कुछ उपद्रवियों ने विकास के मार्ग में बाधाएं डाली थीं। उन्होंने कहा, “जब हम 2014 में सत्ता में आए और गुजरात ने नरेन्द्र और भूपेंद्र की डबल इंजन शक्ति को महसूस किया, तो सभी बाधाएं दूर हो गईं।” प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध के विकास के दौरान शहरी नक्सलियों द्वारा उत्‍पन्‍न की गई बाधाओं की ओर इशारा किया। झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में नक्सलियों की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के आदिवासी समुदायों की प्रशंसा की, जिन्होंने गुजरात राज्य में नक्सलियों का विस्‍तार नहीं होने दिया और राज्य के लोगों का जीवन बचाया। प्रधानमंत्री ने राज्य में शहरी-नक्सलवाद को पैर जमाने नहीं देने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और गणित में अच्छी शिक्षा सुनिश्चित किए बिना सरकारी प्रयासों से हो रही सकारात्मक कार्रवाई और अन्य योजनाओं का उचित लाभ उठाना संभव नहीं है। आज आदिवासी युवा पायलट प्रशिक्षण प्राप्त कर डॉक्टर, वैज्ञानिक और एडवोकेट बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि आदिवासी समुदाय ने राज्य और देश के विकास की यात्रा में बहुत योगदान दिया है। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करने की घोषणा की है। बिरसा मुंडा को देश भर के जनजातीय समुदायों द्वारा सम्मानित किया जाता है। संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एवं अंकलेश्वर का विकास अहमदाबाद और गांधीनगर की तरह विकास के ‘ट्विन सि‍टी मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट’ की तर्ज पर किया जा रहा है। लोग, भरूच और अंकलेश्वर के बारे में इसी प्रकार बात करने वाले हैं जैसे वे न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के बारे में बात करते हैं। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, श्री मनसुख मांडविया, संसद सदस्य श्री सी आर पाटिल और श्री मनसुख वसावा भी उपस्थित थे।

पृष्‍ठभूमि

भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी। 2021-22 में, बल्‍क ड्रग्‍स का कुल दवा आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और थोक दवाओं के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखी, जो औद्योगिक सम्पदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता करेगी। जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी, उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का चरण 1 और अंकलेश्वर और पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है। इससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कई औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए भी शिलान्यास किया। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वनार (छोटा उदयपुर) में बनेंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को राष्‍ट्र को समर्पित किया जो रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। उन्होंने दहेज में 130 मेगावाट के कोजेनरेशन पावर प्लांट के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण किया, जिसकी क्षमता 785 मीट्रिक टन/दिन से बढ़ाकर 1310 मीट्रिक टन/दिन कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने दहेज में प्रति वर्ष एक लाख मीट्रिक टन से अधिक क्लोरोमीथेन के निर्माण की एक परियोजना का भी लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित अन्य परियोजनाओं में दहेज में हाइड्राज़िन हाइड्रेट प्लांट भी शामिल है जो इस उत्पाद के आयात को कम करने में मदद करेगा, इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य एवं उमला आसा पनेथा सड़क को चौड़ा और मजबूत बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं।

Read More »

प्रधानमंत्री ने पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया।उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नये भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को सच होता देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने सक्षम और शक्तिशाली भारत की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “विक्रांत विशाल, विराट और विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यदि लक्ष्य दूरंत हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनन्त हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।”

राष्ट्र के नये माहौल पर टिप्पणी करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के भारत के लिये कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं रही। उन्होंने कहा, “आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करते हैं। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नये विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।” प्रधानमंत्री ने नौसेना, कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और खासतौर से उन कामगारों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने इस परियोजना पर काम किया है। उन्होंने कहा कि ओणम के आनन्ददायी और पवित्र अवसर ने आज के इस अवसर को और अधिक आनन्ददायी बना दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो इस्पात लगा है, वह इस्पात भी स्वदेशी है, जिसे डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है तथा भारतीय कंपनियों ने निर्मित किया है। विमान वाहक पोत की विशालता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक तैरते हुए शहर की तरह है। यह इतनी बिजली पैदा करता है जो 5000 घरों के लिये पर्याप्त होगी और इसमें जितने तार का इस्तेमाल हुआ है, उसे फैलाया जाये, तो वह कोच्चि से काशी पहुंच जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईएनएस विक्रांत पांच प्रणों की भावना का समुच्चय है, जिसका उद्घोष उन्होंने लाल किले की प्राचीर से किया था।

प्रधानमंत्री ने भारतीय सामुद्रिक परंपरा और नौसैन्य क्षमताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आये, तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिये होने वाले व्यापार की ताकत से घबराये रहते थे, इसलिये उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये गये थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिये उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नये भारत की बुलंद पहचान बन रही है। अब भारतीय नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिये खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियां थीं, वे अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिये कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिये भी अब कोई दायरा या बंधन नहीं होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बूंद-बूंद जल से विराट समंदर बन जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी तोपों से सलामी दी गई थी। इसी तरह भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।

बदलती भू-रणनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले समय भारत-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा, लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिये देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता हैं। इसलिये हम नौसेना के लिये बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शक्तिशाली भारत शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व का मार्ग प्रशस्त करेगा।

इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मुहम्मद खान, मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री सर्बानन्द सोनोवाल, श्री वी. मुरलीधरन, श्री अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।

 

आईएनएस विक्रांत

आईएनएस विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है तथा इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।

स्वदेशी वायुयान वाहक का नाम उसके विख्यात पूर्ववर्ती और भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस है, जिनके निर्माण में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने तथा 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संलग्न थे। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जायेंगे, जिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा।

इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का अनावरण किया।

Read More »

केंद्र ने हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में कुल तीन बल्क ड्रग पार्कों के निर्माण की ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी

औषध विभाग ने “बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने” की योजना के तहत तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश के प्रस्तावों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी है। यह देश में बल्क ड्रग विनिर्माण को सहायता देने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इस योजना को साल 2020 में 3,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। यह बल्क ड्रग पार्कों की स्थापना के लिए तीन राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा समर्थित विश्व स्तरीय सामान्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करके बल्क ड्रग के विनिर्माण की लागत को कम करना है और इसके माध्यम से घरेलू थोक दवा उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी करना है।

भारतीय औषध उद्योग आकार के आधार पर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,75,040 करोड़ रुपये के दवाओं का निर्यात किया, जिसमें बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट शामिल हैं। इसके अलावा भारत विश्व में सक्रिय औषधीय घटकों (एपीआई) या थोक दवाओं के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 33,320 करोड़ रुपये मूल्य की बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट्स का निर्यात किया।

हालांकि, भारत में कई देशों से दवाओं के विनिर्माण के लिए विभिन्न बल्क ड्रग्स/एपीआई का भी आयात किया जाता है। देश में बल्क ड्रग/एपीआई का अधिकांश आयात आर्थिक कारणों से किया जा रहा है।

सरकार, आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। औषध विभाग, देश को एपीआई और ड्रग इंटरमीडिएट्स में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। इसके तहत प्रमुख पहलों में से एक बल्क ड्रग पार्क की योजना भी है।

इस योजना के तहत विकसित किए जाने वाले बल्क ड्रग पार्क एक ही स्थान पर सामान्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे, जिससे देश में बल्क ड्रग विनिर्माण के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण होगा और विनिर्माण लागत में भी काफी कमी आएगी। इस योजना से आयात निर्भरता को कम करने के लिए थोक दवाओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और मानक परीक्षण व बुनियादी सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान करके वैश्विक बाजार में एक पैंठ बनाने की उम्मीद है। यह योजना उद्योग को सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के अभिनव तरीकों के जरिए कम लागत पर पर्यावरण के मानकों को पूरा करने और संसाधनों के अनुकूलन व पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के कारण उत्पन्न होने वाले लाभों को प्राप्त करने में भी सहायता करेगी।

इस योजना के तहत 13 राज्यों से प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके लिए विभाग को मात्रात्मक और साथ ही गुणात्मक पद्धति के आधार पर प्रस्तावों के मूल्यांकन में नीति आयोग के सीईओ के अधीन एक सलाहकार समिति की सहायता प्रदान की गई थी।

गुजरात और आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के लिए वित्तीय सहायता सामान्य बुनियादी सुविधाओं की परियोजना लागत का 70 फीसदी होगा। वहीं, पहाड़ी राज्य होने के चलते हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता कुल परियोजना लागत का 90 फीसदी होगा। एक बल्क ड्रग पार्क के लिए योजना के तहत अधिकतम सहायता 1,000 करोड़ रुपये तक सीमित होगी।

इन राज्यों की ओर से प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के तहसील हरोली में 1402.44 एकड़ भूमि पर, गुजरात के भरूच जिले के जम्बूसर तहसील में 2015.02 एकड़ जमीन पर और आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के थोंडागी मंडल के केपी पुरम व कोढ़ाहा के 2000.45 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्कों का निर्माण किया जाएगा। इन तीनों राज्यों को योजना के तहत अगले 90 दिनों में अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, उसका मूल्यांकन करने और अंतिम अनुमोदन के लिए प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

यह योजना सहकारी संघवाद की भावना को दिखाती हैं, जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकारें क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के लिए बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए भागीदार होंगी। बल्क ड्रग्स के घरेलू विनिर्माण को सुनिश्चित करने में विभाग के अन्य पहलों में निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं :

  • केएसएम/ड्रग इंटरमीडिएट्स (डीआई) और एपीआई के घरेलू विनिर्माण के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना : इस योजना के तहत कुल 51 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 14 परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं और दवाओं का विनिर्माण शुरू हो गया है।
  • औषध के लिए पीएलआई को तीन श्रेणियों के तहत चिह्नित किए गए उत्पादों के विनिर्माण के लिए 55 चयनित आवेदकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और इस योजना के तहत पात्र दवाओं में एपीआई शामिल हैं।

Read More »

एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न

-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा
-एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न
-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रकाशकों ने केन्द्र सरकार की नीतियों के प्रति जताया रोष
-बैठक में केन्द्रीय संचार ब्यूरो व आर. एन. आई. की कार्यशैली की निन्दा की
गौहाटी, असम, भारतीय स्वरूप संवाददाता। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक आज पलटन बाजार स्थित होटल स्टार लाइन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने की व संचालन एसोसिएशन की उप्र इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने किया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाई की पुष्टि की गई। बैठक के दौरान विनोद महापात्रा व अप्पा साहिब पाटिल को एसोसिएशन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रवीण पाटिल व डॉ0 अनन्त शर्मा को राष्ट्रीय सचिव सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया। वहीं निशा रस्तोगी को संगठनमन्त्री पुनः मनोनीत किया गया। इस मौके पर उड़ीसा राज्य का अध्यक्ष चन्द्रकांत सुतर, महाराष्ट्र राज्य का अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, राजस्थान राज्य का अध्यक्ष विजेन्द्र प्रकाश, आन्ध्र प्रदेश का अध्यक्ष सेंडीरेड्डी कोण्डलाराव, कर्नाटक राज्य का अध्यक्ष वेणु गोपाल नायक व उप्र राज्य का अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार को पुनः मनोनीत किया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने कहा कि प्रत्येक राज्य की इकाई अपने-अपने राज्य से प्र्रकाशित होने वाले लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं के बारे में बिन्दुवार अवगत करायें ताकि समस्याओं को सम्बन्धित विभागों जैसे-केन्द्रीय संचार ब्यूरो, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, आर. एन. आई. सहित सभी राज्यों के सूचना सम्पर्क विभाग से सम्पर्क कर उनका निदान करवाने का प्रयास किया जाये।
बैठक में उपस्थित डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग की समस्याओं को निदान करवाने के साथ-साथ एसोसिएशन को और मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा। जिस पर सभी पदाधिकारियों ने सहयोग करने पर जोर दिया।
वहीं विनोद महापात्रा ने कहा कि लघु एवम् मझोले वर्ग की राज्य स्तरीय समस्याओं को सभी राज्यों के अध्यक्ष अपने-अपने स्तर से जानकारी बिन्दुवार एकत्र करके राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष प्रेषित करें ताकि उनका निदान करवाया जा सके।
उप्र राज्य के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रति केन्द्र सरकार की नियति ठीक नहीं है और वे ऐसी नीतियों को लागू कर रही हैं जिससें लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्र प्रभावित हो जायें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्रों का अस्तित्व संकट में है। ऐसे में सरकार को चाहिये कि लघु श्रेणी के समाचारपत्रों को आर्थिक पैकेज की घोषणा करे, साथ ही ऐसी नीतियों को लागू करे जिससे लघु श्रेणी के समाचारपत्रों की विकासदर प्रभावित ना हो।
बैठक में मौजूद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के अस्तित्व पर संकट मड़राने लगा है जबकि जनता की प्रमुख समस्याओं को लघु श्रेणी के अखबार ही प्रकाश में लाते हैं। इसी लिये सरकारें भी लघु श्रेणी के समाचारपत्रों के प्रति विद्वेष की भावना से कार्य कर रहीं हैं। इस दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के प्रति विरोध जाहिर किया और उनकी निन्दा की। साथ ही सरकारों को आगाह किया है कि अगर उन्होंने विद्वेष की भावना से कार्य करना बन्द नहीं किया तो देशभर के लघु श्रेणी के अखबार आन्दोलनरत हो जायेंगे।
अन्त में असम राज्य के अध्यक्ष जी0 के0 काँजी ने सभी अतिथियों व आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को किरिरांग हेंग के करकमलों द्वारा कारबी अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। साथ असम राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. के. कांजी द्वारा असमी झप्पी व गमझा भेंट कर सभी को सम्मानित किया गया। इसी दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा केशव दत्त चन्दोला सहित अन्य पदाधिकारियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। केशव दत्त चंदोला सर्व सम्मति से पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश इकाईयों के पदाधिकारी सहित लघु व मध्यम श्रेणी के अनेक समाचारपत्रों के प्रकाशकगण उपस्थित रहे।

Read More »

हर घर तिरंगा अभियान के तहत ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गईं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर हर घर में तिरंगा लाने और उसे फहराने हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया। इस पहल का मकसद लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना था। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों ने पूरे जोश के साथ इस अभियान में बड़े पैमाने पर भाग लिया। विभिन्न स्थानों के गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने भी हर घर तिरंगा को आजादी के अमृत महोत्सव की कामयाबी के रास्ते में एक प्रतिष्ठित बेंचमार्क बनाने में योगदान दिया। पूरे मुल्क की देशभक्ति और एकता को चित्रित करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को शामिल करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अभियान के दौरान कई नए कीर्तिमानों को छुआ गया जैसे चंडीगढ़ के सेक्टर 16 के क्रिकेट स्टेडियम में 5,885 लोगों की भागीदारी से ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को मजबूत करने के लिए एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

एक और शानदार उपलब्धि ये रही कि हर घर तिरंगा की वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई हैं। हाइब्रिड प्रारूप में तैयार किए गए इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ वास्तविक और भावनात्मक जुड़ाव की परिकल्पना की गई थी। साथ ही साथ इस पहल के लिए बनाई गई विशेष वेबसाइट (www.harghartirang.com) पर एक सेल्फी अपलोड करने के जरिए सामूहिक उत्सव और देशभक्ति की उमंग को बढ़ाने की भी परिकल्पना की गई थी।

इसके अलावा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के तौर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत सेलिब्रेशंस को चिन्हित करने के लिए श्रीनगर जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मनाने के लिए बख्शी स्टेडियम में 1850 मीटर लंबे राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करके एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने देश के नागरिकों को धन्यवाद दिया और कहा, हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा देश साथ आया है। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का इस तरह का उत्साह राष्ट्र की एकता और अखंडता की अटूट भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “पूरे देश ने हर घर तिरंगा अभियान में हिस्सा लिया और तिरंगे के साथ 6 करोड़ से अधिक सेल्फी ली गईं और अपलोड की गईं। ये इस महान राष्ट्र के लिए हमारे प्यार और गर्व को दर्शाता है। जिन लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी ली हैमैं उन सभी से अनुरोध करूंगा कि उत्सव की इस भावना को जारी रखने के लिए हर घर तिरंगा पोर्टल पर तस्वीरें अपलोड करना जारी रखें।श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान को सफल करने के लिए धन्यवाद भारत।” उन्होंने आगे कहा, “जब भी प्रधानमंत्री जी ने देश के नागरिकों से आह्वान किया हैतब लोगों ने काफी उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दी है। चाहे लोगों से आग्रह किया गया हो कि जिन्हें एलपीजी सब्सिडी की जरूरत नहीं है वे इसे त्याग देंया फिर कोविड-19 फ्रंटलाइन योद्धाओं के प्रयासों को मान सम्मान देने की बात होया फिर हर घर तिरंगा अभियान हो।” भारत स्वतंत्रता के अपने 76वें वर्ष की ओर अब बढ़ रहा है और उससे पहले हर घर तिरंगा अभियान ने 15 अगस्त 2022 तक 75 सप्ताह की उलटी गिनती को पूरा किया। ये अभियान आजादी का अमृत महोत्सव के नोडल मंत्रालयसंस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित था।

Read More »