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वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 10वें दौर के पहले दिन पांच कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गईं

कोयला मंत्रालय ने 21 जून 2024 को 10वें दौर के तहत वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी शुरू की थी। बोलियों के मूल्यांकन के बाद, नौ खदानों के लिए फॉरवर्ड ई-नीलामी 21.11.2024 से शुरू हुई।

पहले दिन 5 कोयला खदानों को नीलामी के लिए रखा गया। पाँच कोयला खदानों में से एक पूरी तरह से अन्वेषित की गई कोयला खदान है, जबकि 4 कोयला खदानें आंशिक रूप से अन्वेषित कोयला खदानें हैं। इन 5 कोयला खदानों का कुल भूवैज्ञानिक भंडार 2,630.77 मिलियन टन है। इन कोयला खदानों के लिए संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) 12.00 एमटीपीए है।

पहले दिन के परिणाम इस प्रकार हैं:

क्रमांक खदान का नाम राज्य पीआरसी

(एमटीपीए)

भूवैज्ञानिक भंडार (एमटी)
समापन बोली प्रस्तुत की गई
आरक्षित मूल्य  (%) अंतिम प्रस्ताव  (%)
1 मरवाटोला दक्षिण मध्यप्रदेश लागू नहीं 126.300
माइनवेयर एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड
4.00 22.25
2 नया पात्रपाड़ा दक्षिण रवाटोला ओडिशा 12.00 720.870 एनएलसी इंडिया लिमिटेड 4.00 5.50
3 सराई पूर्व (दक्षिण) मध्यप्रदेश लागू नहीं 128.600 एसीसी लिमिटेड 4.00 5.50
4 गावा ( पूर्व) झारखंड लागू नहीं 55.000
श्रीजी नुरावी कोल माइनिंग एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड
4.00 7.00
5 बरतप (संशोधित) ओडिशा लागू नहीं 1600.00
जेएसडब्ल्यू एनर्जी उत्कल लिमिटेड

 

4.00 8.50

 

परिचालन शुरू होने पर ये कोयला खदानें पीआरसी पर की गई गणना के आधार पर (आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों को छोड़कर) ~1106.91 करोड़ रु. का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करेंगी। ये खदानें ~ 1800.00 करोड़ रु. के पूंजी निवेश को आकर्षित करेंगी और ~16,224 लोगों को इनसे रोजगार मिलेगा।

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डीआरआई ने मुंबई हवाई अड्डे पर 3496 ग्राम कोकीन के साथ एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया

एक बड़ी कार्रवाई में, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने 22 नवंबर, 2024 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सिएरा लियोन से आने वाले एक लाइबेरिया के नागरिक को पकड़ा। यात्री के ट्रॉली बैग की जांच के दौरान, डीआरआई अधिकारियों ने पाया कि वह असामान्य रूप से भारी था। गहन जांच के दौरान उसमें दो पैकेट मिले, जिनमें एक सफेद पाउडर जैसा पदार्थ था। उसे ट्रॉली बैग के नकली तली में बड़ी चालाकी से छिपाया गया था। क्षेत्रीय स्तर पर परीक्षणों से पुष्टि हुई कि यह पदार्थ कोकीन था, जिसका कुल वजन 3,496 ग्राम था, जिसका अवैध बाजार में अनुमानित मूल्य लगभग 34.96 करोड़ रुपये है। उस यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। डीआरआई नशीले पदार्थों की तस्करी के सिंडिकेट को खत्म करने और हमारे नागरिकों को नशीले पदार्थों के खतरे से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने लेह में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया

केंद्रीय विद्युत तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विद्युत मंत्रालय, लेह प्रशासन और एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में लेह में एनटीपीसी की हरित हाइड्रोजन बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

बसों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करने के बाद, मंत्री महोदय ने एक हाइड्रोजन बस में सवार होकर हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन से लेह हवाई अड्डे तक 12 किलोमीटर की यात्रा की।

केंद्रीय मंत्री ने एनटीपीसी को गतिशीलता, पीएनजी के साथ सम्मिश्रण, हरित मेथनॉल जैसे विभिन्न मोर्चों पर हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को अपनाने और नवीकरणीय ऊर्जा पर समग्र जोर देने के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा और डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में उसके अनूठे योगदान के लिए बधाई दी।

लेह स्थित हरित हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजना में 1.7 मेगावाट का सौर संयंत्र, 80 किलोग्राम/दिन क्षमता वाला हरित हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन और 5 हाइड्रोजन इंट्रा-सिटी बसें शामिल हैं। प्रत्येक बस 25 किलोग्राम हाइड्रोजन भरकर 300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। यह दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई (3650 मीटर एमएसएल) वाली हरित हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजना भी है, जिसे कम घनत्व वाली हवा, शून्य डिग्री से नीचे के तापमान में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह 350 बार प्रेशर पर हाइड्रोजन भर सकती है।

यह स्टेशन प्रतिवर्ष लगभग 350 एमटी कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा तथा वातावरण में प्रतिवर्ष 230 एमटी शुद्ध ऑक्सीजन का योगदान देगा, जो लगभग 13000 पेड़ लगाने के बराबर है।

लद्दाख में हरित हाइड्रोजन गतिशीलता समाधान की संभावना बहुत मजबूत है, क्योंकि यहां कम तापमान के साथ उच्च सौर विकिरण होता है, जो सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन का कुशलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए एक उपयुक्त स्थान है। इन स्थानों पर इस हरित ईंधन के उत्पादन और उपयोग से जीवाश्म ईंधन रसद से बचा जा सकेगा और ऊर्जा आवश्यकता के मामले में ये स्थान आत्मनिर्भर बनेंगे।

एनटीपीसी विभिन्न हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों की तैनाती के अलावा पूरे देश में और ज्यादा हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजनाएं स्थापित कर रही है तथा आंध्र प्रदेश में हाइड्रोजन हब की स्थापना सहित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तेजी से बढ़ा रही है।

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स्पैम कॉलों और एसएमएस से निपटने के लिए ट्राई द्वारा किए जा रहे उपाय

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल और एसएमएस के लगातार बढ़ते मुद्दे से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं-
  1. कड़े उपायों के कारण स्पैम कॉलों के खिलाफ शिकायतों में कमी आई है: ट्राई ने 13 अगस्त, 2024 को निर्देश जारी किया की  नियमों के उल्लंघन में प्रचार वॉयस कॉल करने वाली किसी भी इकाई को सख्त परिणाम भुगतने होंगे। इसमें सभी दूरसंचार संसाधनों को हटाना, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करना और ब्लैकलिस्टिंग अवधि के दौरान नए संसाधन आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है। इसके परिणामस्वरूप एक्सेस प्रोवाइडर्स ने व्यापक कार्रवाइयां की हैं और स्पैम कॉलों के विरुद्ध दर्ज की गई शिकायतों में काफी कमी आई है। एक्सेस प्रोवाइडर्स द्वारा रिपोर्ट किए गए अपंजीकृत प्रेषकों के खिलाफ पंजीकृत शिकायतों की संख्या अगस्त 2024 में 1लाख 89 हज़ार थी जो सितंबर 2024 में घटकर 1लाख 63 हज़ार (अगस्त से 13 प्रतिशत की कमी) और अक्टूबर 2024 में 1 लाख 51 हज़ार (अगस्त से 20 प्रतिशत की कमी) हो गई है।
  2. उन्नत संदेश ट्रेसबिलिटी के कार्यान्वयन में अच्छी प्रगति : संदेश का पता लगाने की क्षमता में वृद्धि करने के लिए ट्राई ने 20 अगस्त 2024 को निर्देश जारी किया और नवंबर 2024 से प्रेषकों/प्रमुख संस्थाओं से प्राप्तकर्ताओं तक गए सभी संदेशों को अनिवार्य रूप से पता लगाने योग्य होना चाहिए। सभी एक्सेस प्रोवाइडर्स ने तब से तकनीकी समाधान लागू कर दिए हैं। हलाकि ट्राई ने 28 अक्टूबर 2024 को अपने निर्देश में तकनीकी उन्नयन और प्रधान कंपनियों (पीई) और टेलीमार्केटरों (टीएम) द्वारा श्रृंखला घोषणा के लिए समय को 30 नवंबर, 2024 तक बढ़ाया।

इन उपायों और पीई तथा आरटीएम द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्राई के तत्वावधान में वेबिनार आयोजित किए जाते हैं। पहला वेबिनार 12 नवंबर 2024 को रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसमें आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूसरा वेबिनार वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सहयोग से 19 नवंबर, 2024 को आयोजित किया गया और इसमें केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के 800 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस श्रृंखला में एक और वेबिनार 25 नवंबर 2024 के लिए निर्धारित है। इसे टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, अन्य केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों, आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं, नैसकॉम, फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफएसीई) और अन्य संगठनको निमंत्रण भेजा गया है।

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप तेरह हजार से अधिक पीई ने संबंधित एक्सेस प्रोवाइडर्स  के पास अपनी चेन को पहले ही पंजीकृत करा लिया है और आगे पंजीकरण तीव्र गति से चल रहा है। एक्सेस प्रोवाइडर्स  ने उन सभी प्रमुख संस्थाओं (पीई) और पंजीकृत टेलीमार्केटरों (आरटीएम) को कई चेतावनी नोटिस भेजे हैं जिन्होंने अभी तक आवश्यक परिवर्तन कार्यान्वित नहीं किए हैं। सभी पीई और टीएम को सलाह दी जाती है कि वे प्राथमिकता के आधार पर चेन की घोषणा को पूरा करें क्योंकि कोई भी संदेश जो परिभाषित टेलीमार्केटर श्रृंखला का पालन करने में विफल रहता है, उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा।

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82 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया

वर्ष 2022 और 2023 के असाधारण विजेताओं को सम्मानित करने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार समारोह का उद्घाटन संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री अरुणीश चावला; सुश्री उमा नंदूरी, संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय; संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष श्री जोरावर सिंह जादव; संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा और संगीत नाटक अकादमी के सचिव श्री राजू दास ने किया।

डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में 82 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री अरुणीश चावला ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह देखकर खुशी हो रही है कि इस वर्ष के पुरस्कार विजेता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो देश के हर कोने, हर क्षेत्र, हर राज्य और हर समुदाय की अनूठी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पुरस्कार के माध्यम से, संगीत नाटक अकादमी और भारत सरकार ने प्रदर्शन कला में उनके असाधारण योगदान को मान्यता दी है।”

पुरस्कार समारोह के बारे में बोलते हुए, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा, “यह देखना वास्तव में खुशी की बात है कि आज के युवा नर्तक किस तरह अपनी कला के प्रति इतनी लगन से समर्पित हो गए हैं। विकल्पों की प्रचुरता, वैश्वीकरण के प्रभाव और आधुनिक दुनिया की विकर्षणों के बावजूद, इन युवाओं ने आत्मविश्वास से अपना रास्ता चुना है। वे अपनी कला में महारत हासिल करने के लिए अथक प्रयास करते हैं और वह भावना आज यहां पुरस्कार विजेताओं में स्पष्ट झलकती है।”

पुरस्कार समारोह के बाद, 22 से 26 नवंबर, 2024 तक तीन अलग-अलग स्थानों – मेघदूत थिएटर कॉम्प्लेक्स, रवींद्र भवन, कोपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली; अभिमंच थिएटर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, भावलपुर हाउस, नई दिल्ली और विवेकानंद ऑडिटोरियम, कथक केंद्र, चाणक्यपुरी में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के विजेताओं की प्रस्तुति के लिए प्रदर्शन कला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

 

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार

संगीत नाटक अकादमी ने 40 वर्ष की आयु तक के युवा प्रदर्शन कला साधकों के लिए वर्ष 2006 में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (यूबीकेयूपी) की स्थापना की। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार हर साल संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और आदिवासी कला और कठपुतली के क्षेत्र में उत्कृष्ट युवा कलाकारों को दिल्ली और दिल्ली के बाहर आयोजित एक विशेष समारोह में दिया जाता है। युवा पुरस्कार के तहत 25,000/- रुपये (केवल पच्चीस हजार रुपये) की राशि, एक पट्टिका और एक अंगवस्त्रम प्रदान किया जाता है।

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य देश के संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और आदिवासी कला रूपों और अन्य संबद्ध प्रदर्शन कला रूपों के क्षेत्र में युवा कलाकारों को प्रोत्साहित और प्रेरित करना था।

वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार है:

वर्ष 2022 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार

कला का क्षेत्रः संगीत -10

  1. समित मल्लिक हिंदुस्तानी गायन
  2. समर्थ जानवे हिंदुस्तानी गायन
  3. संगीत मिश्रा हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (सारंगी)
  4. पार्थो रॉय चौधुरी हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (संतूर)
  5. गायत्री कर्नाटक गायन
  6. आइ. श्वेता प्रसाद कर्नाटक गायन
  7. बी. अनंता कृष्णन कर्नाटक वाद्य संगीत (वायलिन)
  8. सहाना एस. वी. कर्नाटक वाद्य संगीत (वीणा)
  9. मनोज राय रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  10. नंदिनी राव गुजर संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ (सुगम संगीत)

कला का क्षेत्रः नृत्य -10

  1. मंदाक्रांता रॉय भरतनाट्यम
  2. कदम पारिख कथक
  3. ऊर्मिका माइबम मणिपुरी
  4. टी. रेड्डी लक्ष्मी कूचिपूड़ी
  5. आरूपा गायत्री पाण्डा ओडिसी
  6. डिम्पी बैश्य सत्रिय
  7. अक्षरा एम. दास मोहिनीआट्टम
  8. प्रद्युम्न कुमार मोहंता छऊ
  9. मिंगमा दोर्जी लेप्चा रचनात्मक एवं प्रायोगिक नृत्य
  10. अपर्णा नांगियार नृत्य एवं नृत्य नाट्य की अन्य प्रमुख परंपराएँ (नांगियारकुथु)

कला का क्षेत्रः रंगमंच– 08

  1. बेलुरु रघुनंदन नाट्य लेखन
  2. ईफ़रा मुश्ताक़ काक नाट्य निर्देशन
  3. हरिशंकर रवि नाट्य निर्देशन
  4. हरविंदर सिंह नाट्य अभिनय
  5. कुमार रविकांत नाट्य अभिनय
  6. सिद्धि उपाध्ये नाट्य अभिनय
  7. मुकुंद नाथ माइम (मूक अभिनय)
  8. संगीत श्रीवास्तव संबद्ध नाट्य कलाएँ (प्रकाश विन्यास)

कला का क्षेत्रः अन्य पारंपरिक/लोक/जनजातीय नृत्य/संगीत/नाट्य और पुतुल कला – 11

  1. लता तिवारी एवं संजय दत्त पांडे (संयुक्त पुरस्कार), लोक संगीत एवं नृत्य, उत्तराखंड
  2. चाउ साराथम नामचूम लोक संगीत, अरुणाचल प्रदेश
  3. समप्रिया पूजा लोक संगीत एवं नृत्य, छत्तीसगढ़
  4. सूर्यवंशी प्रमिला कौतिकराव लोक नृत्य (लावणी), महाराष्ट्र
  5. कुमार उदय सिंह लोक नृत्य, बिहार
  6. नसरुल्ला ईपीआइ लोक नृत्य, लक्षद्वीप
  7. बिनीता देवी पुतुल कला, असम
  8. महेश आबा सतरकर लोक नृत्य, गोवा
  9. वसावा मुकेशभाई एम. लोक नृत्य, गुजरात

10. गुलज़ार अहमद भट्ट लोक नृत्य, जम्मू-कश्मीर

11. मोइरांथेम केन्द्रा सिंह नट संकीर्तन, मणिपुर

कला का क्षेत्रः प्रदर्शन कला में समग्र योगदान/विद्वत्ता– 1

  1. अनुत्तमा मुरला प्रदर्शन कला में समग्र योगदान

वर्ष 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार

कला का क्षेत्रः संगीत -10

  1. अनुजा झोकरकर हिंदुस्तानी गायन
  2. मोनिका सोनी हिंदुस्तानी गायन
  3. ऋषि शंकर उपाध्याय हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (पखावज)
  4. सारंग राजन कुलकर्णी हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (सरोद)
  5. एस. आर. विनय शर्व कर्नाटक गायन
  6. रामकृष्ण मूर्ति कर्नाटक गायन
  7. अक्षय अनंतपद्मनाभन कर्नाटक वाद्य संगीत (मृदंगम)
  8. सैखोम पिंकी देवी रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  9. सत्यवती मुडावत रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  10. नागेश शंकरराव अडगांवकर संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ (अभंग)

कला का क्षेत्रः नृत्य -10

  1. अपूर्वा जयरमण भरतनाट्यम
  2. मेघरंजनी मेडी कथक
  3. कलामंडलम विपीन शंकर कथकलि
  4. पुखराम्बम रीपा देवी मणिपुरी
  5. मुरमल्ला सुरेंद्र नाथ कूचिपूड़ी
  6. देबाशीष पटनायक ओडिसी
  7. मुकुंद सैकिया सत्रिय
  8. विद्या प्रदीप मोहिनीआट्टम
  9. सुनीता महतो छऊ
  10. वेंकटेश्वरन कुप्पुस्वामी नृत्य संगीत

कला का क्षेत्रः रंगमंच– 08

  1. प्रियदर्शिनी मिश्रा नाट्य लेखन
  2. बेन्दांग वॉलिंग नाट्य निर्देशन
  3. शुभोजीत बनर्जी नाट्य निर्देशन
  4. ऋतुजा राजन बागवे नाट्य अभिनय
  5. विपन कुमार नाट्य अभिनय
  6. श्रुति सिंह नाट्य अभिनय
  7. मल्लिकार्जुन राव बचाला सम्बद्ध नाट्य कलाएँ (रूप विन्यास)
  8. पुनीत डिमरी और अमित खंडूरी

(संयुक्त पुरस्कार) रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराएँ (रामलीला)

कला का क्षेत्रः अन्य पारंपरिक/लोक/जनजातीय नृत्य/संगीत/नाट्य और पुतुल कला – 11

  1. अंगदी भास्कर लोक संगीत (दप्पलु), तेलंगाना
  2. आलोक बिशोई लोक नृत्य एवं संगीत, ओडिशा
  3. एम प्रकाश लोक नृत्य, पुडुचेरी
  4. पद्मा डोलकर लोक संगीत और नृत्य, लद्दाख
  5. सुखराम पाहन लोक संगीत, झारखंड
  6. यूसुफ खान मेवाती जोगी लोक संगीत, राजस्थान
  7. कलामंडलम रवि शंकर टी. एस. लोक वाद्य (चेंडा), केरल
  8. दीक्षित कुशल मनवंतराय लोक नृत्य, गुजरात
  9. प्रियंका शक्ति ठाकुर पारंपरिक रंगमंच, महाराष्ट्र
  10. अनुरीत पाल कौर लोक संगीत, पंजाब
  11. चारु शर्मा लोक संगीत, हिमाचल प्रदेश

कला का क्षेत्रः प्रदर्शन कला में समग्र योगदान/विद्वत्ता – 1

  1. लक्ष्मीनारायण जेना, प्रदर्शन कला में समग्र योगदान

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फ्लोरोजेनिक जांच के उपयोग से एचआईवी जीनोम की स्पष्ट पहचान की नई तकनीक विकसित की गई

शोधकर्ताओं ने फ्लोरोमेट्रिक जांच द्वारा एचआईवी-जीनोम व्युत्पन्न जी-क्वाड्रप्लेक्स के चार जुड़े हुए न्यूक्लियोटाइड्स स्ट्रिंग वाले असामान्य और विशिष्ट डीएनए संरचना की खोज के लिए नई तकनीक विकसित की है। इससे  एचआई वायरस का सटीकता से पता लगाया जा सकता  है।

ह्यूम्न इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस टाइप 1 (एचआईवी-1) एक रेट्रोवायरस है जो प्रतिरोध हीनता जनित सिंड्रोम एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) के लिए जिम्मेदार है।  मानव स्वास्थ्य के लिए यह दुनिया भर में खतरा बना हुआ है। आम तौर पर एचआईवी की जांच  में शुरुआती संक्रमण का पता नही चल पाता और क्रॉस-रिएक्टिविटी के कारण यह मिथ्या सकारात्मकता का जोखिम बढ़ा सकता है। इस वायरस की आरंभिक पहचान की अन्य जांच में अल्प संवेदनशीलता और दीर्घकालीन प्रक्रिया चलती है। मौजूदा न्यूक्लिक एसिड-आधारित जांच सामान्य तौर पर डीएनए सेंसिंग जांच के उपयोग से गलत पॉजिटिव रिपोर्ट देती हैं जिससे गैर-विशिष्ट और लक्षित एम्पलीकॉन के बीच अंतर जानना मुश्किल हो जाता है। इस संदर्भ में, विशिष्ट न्यूक्लिक एसिड अनुक्रमों की पहचान और लक्ष्यीकरण से झूठी पॉजिटिविटी में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। इसलिए, अब आणविक जांच विकसित होने से रोगजनक जीनोम में असामान्य अद्वितीय न्यूक्लिक एसिड जीक्यू संरचनाओं की भली-भांति पहचान हो सकती है और सटीक नैदानिक जांच के विकास में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने नई जांच ​​तकनीक विकसित की है जिसे जीक्यू टोपोलॉजी-टारगेटेड रिलायबल कंफॉर्मेशनल पॉलीमॉर्फिज्म (जीक्यू-सीआरपी) प्लेटफॉर्म कहा जाता है। आरंभ में  इसे सार्स – कोव 2 जैसे रोगजनकों के फ्लोरोमेट्रिक पता लगाने के लिए विकसित किया गया था। अब  इस उपयोगी प्लेटफ़ॉर्म को एचआईवी  की जांच के लिए सफलतापूर्वक अनुकूलित किया गया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान जेएनसीएएसआर के वैज्ञानिको सुमन प्रतिहार, वसुधर भट एस.वी., कृति के. भागवत, थिमैया गोविंदराजू ने 176-न्यूक्लियोटाइड युक्त जीनोमिक सेगमेंट के रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन और एम्पलीफिकेशन विधि द्वारा एचआईवी-व्युत्पन्न जीक्यू डीएनए का जीक्यू टोपोलॉजी पता लगाने की प्रस्तुति दी।

संबंधित अध्ययन एनालिटिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित किया गया है जिसमें जीक्यू संरचना में डीएसडीएनए के पीएच-मध्यस्थ, सुगम, एकल-चरण मात्रात्मक संक्रमण को दिखाया गया है। इसमें बेंज़ोबिस्थियाज़ोल-आधारित फ्लोरोसेंट जांच (टीजीएस64) का उपयोग कर वायरस का पता लगाया जाता है। यह एचआईवी की विश्वसनीय जांच की पद्धति प्रदान करता है।

यह शोध अध्ययन हाल के वर्षों में विकसित अधिकांश अन्य जांच के विपरीत विशिष्ट और असामान्य न्यूक्लिक एसिड-लघु अणु पारस्पारिकता के आधार पर विशिष्ट नैदानिक पद्धति है।

इस आणविक पहचान प्लेटफ़ॉर्म को मौजूदा न्यूक्लिक एसिड आधारित डायग्नोस्टिक प्लेटफ़ॉर्म में शामिल किया जा सकता है, जिससे अनुक्रम विशिष्ट पहचान से उत्पन्न विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

यह मौजूदा प्रवर्धन-आधारित तकनीकों की समस्या भी कम कर सकता है, गैर-विशिष्ट प्रवर्धन से उत्पन्न होने वाले भ्रामक-पॉजिटिव परिणामों और लक्षित जीक्यू (गैर-विहित न्यूक्लिक एसिड अनुरूपता) का स्पष्ट रूप से पता लगाने में सहायक हो सकता है।

जीक्यू-आरसीपी आधारित प्लेटफ़ॉर्म को बैक्टीरिया और वायरस सहित विभिन्न डीएनए/आरएनए आधारित रोगों का पता लगाने के लिए व्यावहारिक रूप से अपनाया जा सकता है।

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ईएसआई योजना के अंतर्गत सितंबर, 2024 में 20.58 लाख नए कर्मी नामांकित

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के वेतन भुगतान संबंधी अनंतिम आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें सितंबर, 2024 में 20.58 लाख नए कर्मचारी जोड़े गए हैं।

सितंबर, 2024 तक 23,043 नए प्रतिष्ठानों को ईएसआई योजना के सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाया गया है। इससे अधिक कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इसके अतिरिक्त, वर्ष दर वर्ष विश्लेषण से पता चलता है कि वास्तविक रूप से पंजीकरण में सितंबर 2023 की तुलना में 9 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

वर्ष दर वर्ष तुलना
मद सितंबर 2023 सितंबर 2024 वृद्धि
माह के दौरान पंजीकृत नये कर्मचारियों की संख्या  

18.88 लाख

 

20.58 लाख

 

1.70 लाख

आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष सितंबर माह के दौरान जोड़े गए कुल 20.58 लाख कर्मचारियों में से 10.05 लाख कर्मचारी 25 वर्ष तक की आयु वर्ग के हैं। यह कुल पंजीकृत कर्मचारियों का लगभग 48.83 प्रतिशत है।

वेतन भुगतान संबंधी आंकड़ों के लिंग-वार विश्लेषण के अनुसार, सितंबर 2024 में 3.91 लाख महिला सदस्यों का भी नामांकन हुआ है। इसके अतिरिक्त, सितंबर, 2024 में कुल 64 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी ईएसआई योजना के तहत पंजीकरण कराया, जो समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए ईएसआईसी की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।

वेतन भुगतान संबंधी आंकड़े अस्थायी हैं क्योंकि डेटा तैयार करना सतत प्रक्रिया है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की दृष्टि और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों के लिए पक्के मकान बनाने और उपलब्ध कराने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण मई 2014 में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (2015) और ग्रामीण (2016) का शुभारंभ हुआ।

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई – ग्रामीण) 20 नवंबर 2016 को शुरू की गई, जिसका लक्ष्य समाज के सबसे गरीब वर्गों के लिए आवास प्रदान करना था। लाभार्थियों का चयन कठोर तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी 2011) और आवास+ (2018) सर्वेक्षण, ग्राम सभा अनुमोदन और जियो-टैगिंग शामिल है। इससे सुनिश्चित होता है कि सहायता सबसे योग्य व्यक्तियों तक पहुंचे। इस योजना में कुशल निधि संवितरण के लिए आईटी और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को भी शामिल किया गया है। इसने विभिन्न निर्माण चरणों में जियो-टैग की गई तस्वीरों के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट आवास डिजाइन और साक्ष्य-आधारित निगरानी भी लागू की है।

मूल रूप से 2023-24 तक 2.95 करोड़ मकानों को पूरा करने का लक्ष्य रखते हुए, इस योजना को 2 करोड़ और मकानों के साथ बढ़ाया गया, जिसमें वित्त वर्ष 2024-29 के लिए ₹3,06,137 करोड़ का कुल परिव्यय और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹54,500 करोड़ का आवंटन किया गया।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में 9 अगस्त, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों एवं पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 1.30 लाख  रुपये की मौजूदा इकाई सहायता पर दो करोड़ और मकानों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

आवेदन प्रक्रिया

पीएमएवाई-जी के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, लाभार्थियों को सरल ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया https://web.umang.gov.in/landing/department/pmayg.html से गुजरना होगा।

पीएमएवाई-जी के तहत प्रगति:

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत सरकार ने 3.32 करोड़ मकान बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। 19 नवंबर, 2024 तक, 3.21 करोड़ मकानों को मंजूरी दी गई है, और 2.67 करोड़ मकान पूरे हो चुके हैं, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों की रहने की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

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इस योजना में महिला सशक्तीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें 74% स्वीकृत मकानों का स्वामित्व पूरी तरह से या संयुक्त रूप से महिलाओं के पास है। यह योजना अब महिलाओं को 100% स्वामित्व प्रदान करने की आकांक्षा रखती है। कुशल रोजगार भी प्राथमिकता रही है। लगभग 3 लाख ग्रामीण राजमिस्त्रियों को आपदा-रोधी निर्माण में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि हुई है।

दो करोड़ से अधिक परिवारों के लिए मकानों के निर्माण से लगभग दस करोड़ व्यक्तियों को लाभ होने की उम्मीद है। इस मंजूरी से बिना आवास वाले सभी लोगों और जीर्ण-शीर्ण और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले सुरक्षित मकानों के निर्माण की सुविधा मिलेगी। इससे लाभार्थियों की सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समावेशन सुनिश्चित होगा।

पीएमएवाई-जी की मुख्य विशेषताएं हैं:

  • 25 वर्ग मीटर की न्यूनतम इकाई (मकान) का आकार, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए समर्पित क्षेत्र भी शामिल है।
  • लाभार्थी स्थानीय सामग्रियों और प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों का उपयोग करके गुणवत्तापूर्ण मकान बनाते हैं।
  • लाभार्थी को मानक सीमेंट कंक्रीट मकान डिजाइनों के बजाय संरचनात्मक रूप से सुदृढ़, सौंदर्यपूर्ण, सांस्कृतिक और पर्यावरण की दृष्टि से उपयुक्त मकान डिजाइनों का विस्तृत चयन की सुविधा उपलब्ध है।

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निर्माण के लिए संस्थागत ऋण

  • पात्र लाभार्थियों को उनके पक्के मकान के निर्माण के लिए 3% कम ब्याज दर पर ₹70,000 तक का ऋण उपलब्ध है।
  • अधिकतम मूल राशि जिसके लिए सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है वह ₹2,00,000 है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण लागत व्यापक रूप से कवर की गई है।
  • यह अतिरिक्त ऋण सहायता लाभार्थियों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करती है, जिससे ग्रामीण परिवारों के लिए गृह निर्माण किफायती हो जाता है।

बेहतर लाभ के लिए सरकारी योजनाओं के साथ अभिसरण

पीएमएवाई-जी ग्रामीण परिवारों के लिए व्यापक सहायता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अन्य सरकारी पहलों के साथ मिलकर काम करती है। इन योजनाओं का उद्देश्य स्वच्छता, रोजगार, खाना पकाने के ईंधन और जल आपूर्ति जैसी कई जरूरतों को पूरा करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

  • स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी): ग्रामीण घरों में बेहतर स्वच्छता सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए ₹12,000 तक मिलते हैं।
  • मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम): पात्र परिवार अकुशल श्रमिक के रूप में 95 दिनों का रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण के तहत, ₹90.95 की दैनिक मजदूरी प्राप्त कर सकते हैं।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई): इस योजना के तहत, प्रत्येक घर मुफ्त एलपीजी कनेक्शन का हकदार है, जो स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के ईंधन को बढ़ावा देता है।
  • पाइप्ड पेयजल और बिजली कनेक्शन: लाभार्थियों को पाइप्ड पेयजल और बिजली कनेक्शन सुलभ कराने की सुविधा प्रदान की जाती है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है और असुरक्षित पानी और अनियमित बिजली आपूर्ति से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों में कमी आती है।
  • सामाजिक और तरल अपशिष्ट प्रबंधन: पीएमएवाई-जी लाभार्थियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने, अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सरकारी कार्यक्रमों के साथ भी जुड़ती है।

भुगतान स्थानांतरण प्रक्रिया

पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए, पीएमएवाई-जी के तहत सभी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाते हैं। भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों या डाकघर खातों में स्थानांतरित किया जाता है जो आधार से जुड़े होते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि धनराशि बिना किसी देरी के इच्छित प्राप्तकर्ताओं तक पहुंच जाए।

तकनीकी नवाचार यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के सहयोग से आवास+ 2024 मोबाइल ऐप आधार-आधारित चेहरे प्रमाणीकरण और 3डी हाउस डिजाइन के साथ पारदर्शी लाभार्थी पहचान सुनिश्चित करता है।  इससे लाभार्थी उपयुक्त डिजाइन चुनने में सक्षम होते हैं।

लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड

विशिष्ट मानदंडों का उपयोग करके पीएमएवाई-जी के लाभार्थियों की पहचान की जाती है।  इससे यह सुनिश्चित होता है कि सबसे योग्य परिवारों, विशेष रूप से आवास अभाव का सामना करने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।

इस योजना के तहत, लाभार्थियों की पहचान एसईसीसी 2011 और आवास+ (2018) सर्वेक्षणों के माध्यम से की जाती है, जिन्हें ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित किया जाता है। पिछले एक दशक में, एसईसीसी 2011 की स्थायी प्रतीक्षा सूची पूरी हो गई है, और 20 से अधिक राज्यों की आवास+ 2018 सूची भी पूरी हो गई है।

पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:

  • आवासहीन परिवार: बिना आश्रय वाले सभी परिवार।
  • कच्चे घरों वाले परिवार: सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के अनुसार कच्ची दीवारों और कच्ची छत वाले घरों या शून्य, एक या दो कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवार।

अनिवार्य समावेशन मानदंड:

निम्नलिखित श्रेणियों के लोग स्वचालित रूप से लाभार्थियों की सूची में शामिल हो जाते हैं:

  • निराश्रित परिवार या भिक्षा पर जीवन यापन करने वाले।
  • मैनुअल मैला ढोने वाले
  • आदिम जनजातीय समूह
  • कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर

सहायता के लिए प्राथमिकता

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*19 नवंबर, 2024 तक

पात्र लाभार्थियों के दायरे में, निम्नलिखित श्रेणियों को प्राथमिकता दी जाएगी:

  • बेघर परिवार
  • शून्य या कम कमरे वाले घर (एक से अधिक कमरे वाले घरों के मामले में, कम कमरे वाले घरों को प्राथमिकता दी जाएगी)।

निम्नलिखित सामाजिक-आर्थिक मापदंडों का उपयोग करके गणना किए गए संचयी अभाव स्कोर के आधार पर विशेष प्राथमिकता भी दी जाएगी:

  • ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं है।
  • महिला मुखिया वाले परिवार जिनमें कोई वयस्क पुरुष सदस्य नहीं है।
  • वे परिवार जिनमें 25 वर्ष से अधिक आयु का कोई साक्षर वयस्क नहीं है।
  • ऐसे परिवार जिनमें एक दिव्यांगजन सदस्य है और कोई सक्षम वयस्क नहीं है।
  • भूमिहीन परिवार शारीरिक आकस्मिक श्रम पर निर्भर हैं।

लक्ष्यों का निर्धारण

पीएमएवाई-जी विशिष्ट वंचित समूहों के लिए लक्षित सहायता भी सुनिश्चित करती है:

     .अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी): यह योजना एससी/एसटी परिवारों के लिए न्यूनतम 60% लक्ष्य आरक्षित करती है, जिसमें 59.58 लाख एससी घर और 58.57 लाख एसटी घर पूरे हो गए हैं।

  • “सभी के लिए आवास” के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहल धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान है जो जनजातीय विकास पर केंद्रित है, जिसमें 63,843 गांवों को शामिल किया गया है, जिससे 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिलता है। यह पहल आवास और सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करती है।  इससे 72.31 लाख आदिवासी परिवार पहले से ही लाभान्वित हो रहे हैं।
  • लक्ष्य का 5% अलग-अलग दिव्यांग लाभार्थियों के लिए आरक्षित है, और अन्य 5% ओडिशा में फानी चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए आवास को प्राथमिकता देता है।
  • अल्पसंख्यक: राष्ट्रीय स्तर पर कुल धनराशि का 15% अल्पसंख्यक परिवारों के लिए निर्धारित किया गया है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच लक्ष्यों का आवंटन जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार अल्पसंख्यकों की आनुपातिक ग्रामीण आबादी पर आधारित है।

बहिष्करण की शर्त

कुछ परिवारों को उनकी वित्तीय स्थिति और संपत्ति के आधार पर योजना से बाहर रखा गया है। निम्नलिखित परिवारों को स्वचालित रूप से बाहर कर दिया जाएगा:

  • जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है और उनकी क्रेडिट सीमा ₹50,000 या उससे अधिक है।
  • सरकारी कर्मचारी या गैर-कृषि उद्यम वाले।
  • 15,000 रुपये से अधिक मासिक आय वाले या आयकर का भुगतान करने वाले परिवार।
  • जिन परिवारों के पास रेफ्रिजरेटर, लैंडलाइन फोन या सिंचित भूमि (2.5 एकड़ से अधिक) जैसी संपत्ति है।

समावेशिता को बढ़ाने के लिए, बहिष्करण मानदंड को 13 से घटाकर 10 कर दिया गया है, मछली पकड़ने वाली नाव या मोटर चालित दोपहिया वाहन के स्वामित्व जैसी शर्तों को हटा दिया गया है, और आय सीमा को बढ़ाकर ₹15,000 प्रति माह कर दिया गया है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) ने सुरक्षित आवास प्रदान करके लाखों ग्रामीण परिवारों की जीवन स्थितियों को बदलने में उल्लेखनीय प्रगति की है। पीएमएवाई-जी आवास योजना से कहीं अधिक है – यह ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने, सामाजिक समानता सुनिश्चित करने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए आंदोलन है। दो करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिए हालिया मंजूरी के साथ, सरकार “सभी के लिए आवास” लक्ष्य हासिल करने की प्रतिबद्धता को मजबूत कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक पात्र परिवार को गुणवत्तापूर्ण आवास और सम्मानजनक जीवन मिले।

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भारतीय ज्ञान परंपरा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष सन्दर्भ में ‘ विषय पर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग के द्वारा दिनाँक 19-11-2024, मंगलवार को शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा ‘भारतीय ज्ञान परंपरा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष सन्दर्भ में ‘ विषय पर छात्राओं हेतु पी. पी. टी. प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया|विभागीय प्रतियोगिता कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, समाजशास्त्र विभाग की वरिष्ठ आचार्या प्रो. रेखा चौबे, मुख्य कुलानुशासिका कैप्टन ममता अग्रवाल, शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्षा प्रो. चित्रा सिंह तोमर, प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में सम्मिलित- IKS प्रभारी प्रो. मीनाक्षी व्यास, दर्शन शास्त्र विभागाध्यक्षा प्रो. किरन व्योम तथा शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्षा प्रो. प्रीती पांडेय जी ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण के साथ किया| उपस्थित शिक्षिकाओं ने सरस्वती माँ के चरणों में पुष्प अर्पित किए। अतिथि स्वागत परंपरा के उपरान्त, प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने विषय प्रवर्तन करते हुए विस्तार से NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परंपरा के सूक्ष्म बिंदुओं पर प्रकाश डाला तथा छात्राओं का मार्गदर्शन किया| प्राचार्या प्रो. सुमन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ मे मस्तिष्क, शरीर, आत्मा के सामंजस्य की भारतीय ज्ञान में उपादेयता स्पष्न्ने भारतीय ज्ञान के आधुनिक स्वरूप को भारत की नई पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक बताया। छात्राओं के उत्तम प्रयास की सराहना करते हुए IKS पर कार्यक्रम हेतु शिक्षाशास्त्र विभाग को शुभकामनाएं भी दीं।

प्रतियोगिता में शिक्षा शास्त्र विभाग की 13 छात्राओं ने वैदिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, वेदांत दर्शन, भारतीय ज्ञान परंपरा, भगवद गीता, भारतीय शैक्षिक विचारक- राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद विद्यासागर, महर्षि दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, अरबिंदो, आदि संबंधित विषयों पर PPT Presentation किया। निर्णायक मंडल में प्रो. किरन ने छात्राओं को मूल्य शिक्षा, आध्यात्मिक उत्थान, चारित्रिक विकास हेतु सोशल मीडिया से दूर रहने तथा अच्छी सन्दर्भ पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने की सलाह दी। प्रो. मीनाक्षी व्यास ने ‘सा विद्या वा विमुक्तये’ की अवधारणा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्पष्ट किया। उन्होंने परिवर्तन को गतिमान रहने के लिए आवश्यक बताया। प्रो. प्रीती पांडेय ने प्रत्येक प्रतिभागी छात्रा के PPT Presentation की तकनीकी बारीकियों को प्रभावशाली तरीके से स्पष्ट किया तथा भविष्य में अच्छे PPT Presentation बनाने के लिए उन्हें सुझाव भी दिए। प्रतियोगिता का निर्णय निम्नवत रहा-

प्रथम स्थान- आयुषी बाजपेई
द्वितीय स्थान- पावनी पांडेय
तृतीय स्थान- अंशिका कन्नौजिया
सान्त्वना पुरुस्कार- मुस्कान द्विवेदी

मंच संचालन डाॅ. ऋचा सिंह ने किया। कैप्टन ममता अग्रवाल ने नई तकनीकी के प्रयोग हेतु छात्राओं को प्रोत्साहित किया। प्रो. अलका टंडन, प्रो. निशा वर्मा,डॉ. मोनिका सहाय, डाॅ. प्रीति सिंह,डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. कोमल सरोज, डॉ. शिवांगी यादव, डॉ. अमिता सिंह ने कार्यक्रम के आरंभ से अंत तक उपस्थित रहकर छात्राओं को निरंतर प्रोत्साहित किया। सभी शिक्षिकाओं की कार्यक्रम में उपस्थिति ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।

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शासन के दिशा निर्देशानुसार छात्राओं को व्यवसाय जगत की जानकारी देने हेतु कैरियर काउंसलिंग वार्ता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज तथा सी.एस.जे.एम.यू. कानपुर की सेवायोजन प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से एस.एन.सेन महाविद्यालय में शासन के दिशा निर्देशानुसार छात्राओं को व्यवसाय जगत की जानकारी देने हेतु एक कैरियर काउंसलिंग वार्ता तथा ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी, नोएडा के द्वारा रोजगार लिए प्लेसमेंट- ड्राइव का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने रूचि दिखाते हुए बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रशिक्षण अवधि के पश्चात वेतन बढ़ने के आकर्षण ने छात्राओं को उत्साहित एवं उल्लासित किया। कार्यक्रम के विधिवत् शुभारंभ के पश्चात, प्राचार्य प्रो. सुमन, सेवायोजन प्रकोष्ठ सह प्रभारी प्रो. निशा वर्मा, तथा चीफ प्रॉक्टर कप्तान ममता अग्रवाल ने, विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेल से आए हुए प्रतिनिधि अनिल कुमार त्रिपाठी एवं ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी के एच.आर श्री अभिषेक प्रताप सिंह का स्वागत किया। अनिल कुमार त्रिपाठी जी ने छात्राओं को कम्युनिकेशन स्किल्स , कंप्यूटर ज्ञान, स्टार्ट अप में इनोवेशन की आवश्यकता इत्यादि के बारे में जानकारी साझा की। अगले कार्यक्रम में ऑल डिजी टेक्नोलॉजी कंपनी से आए हुए एच.आर, श्री अभिषेक प्रताप सिंह एवं उनकी टीम द्वारा छात्राओं का साक्षात्कार लिया गया जिसमें 100 छात्राओं ने प्रतिभाग किया। सभी वक्ताओं ने छात्राओं की कैरियर संबंधी समस्याओं का समाधान किया।
महाविद्यालय सेवायोजन प्रकोष्ठ के सदस्यों डॉ.कोमल सरोज, डॉ. अनामिका, श्वेता रानी ने कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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