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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

राजस्थान के पत्रकारों की एक टीम की असम की छह दिन की यात्रा आज से शुरू

पत्र सूचना कार्यालय की पहल पर राजस्थान के सात पत्रकार असम की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का उद्देश्य असम में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में किए गए अहम उपायों के साथ वहां के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का प्रदर्शन करना है।

पत्रकारों की इस टीम ने आज असम में जोरहाट जिले के आईएसबीटी ताराजान में विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) शहरी शिविर का दौरा किया। इस मौके पर पत्रकारों की इस टीम के अलावा श्री ध्रुबज्योति नाथ, एसडीओ और कार्यकारी अधिकारी, जोरहाट और श्री बिक्रम नेवार, सहायक आयुक्त के साथ ही जोरहाट नगर निगम बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

पत्रकारों की टीम ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की और जोरहाट जिले में वीबीएसवाई के प्रभाव को परखा।

असम सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री तन्मय आचार्य ने एक पहल “संचय लक्ष्मी” साझा की, जिसमें बचत की आदत विकसित करने और वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए बालिकाओं को गुल्लक दिए जाते हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जिला हब (डीएचईडब्ल्यू), जोरहाट ने सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के फॉर्म और ब्रोशर के साथ-साथ बालिकाओं के माता –पिता को ताला-चाबी की सुविधा के साथ गुल्लक वितरित किए। सुकन्या समृद्धि योजना खास तौर पर बालिकाओं के लिए छोटी बचत आधारित सरकार की योजना है और इसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।

इन पत्रकारों ने भी महिलाओं को मिले गुल्लक में कुछ पैसे का योगदान किया। महिला लाभार्थियों ने भी अपनी कहानियों और सरकार की कई योजनाओं के लाभों को साझा किया। इसके बाद पत्रकारों की टीम ने जोरहाट में स्वारगादेओ चोलुंग सुई-का-फा समन्वय क्षेत्र का दौरा किया। यह जिले में सांस्कृतिक-सह-शैक्षिक केंद्र है। इस टीम ने संग्रहालय का दौरा किया और अहोम साम्राज्य की संस्कृति और इतिहास के बारे में जाना। इस केंद्र में सुई-का-फास्मारक, संग्रहालय, कला एवं शिल्प केंद्र, कारीगर के गांव आदि मौजूद हैं।

यह पत्रकारों के लिए संतोषप्रद दिन रहा क्योंकि उन्हें राज्य में सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक विकास को नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला।

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केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने दो दिनों के दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश में चलाए गए ऑपरेशनों में 6,000 किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थों को जब्त किया

नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशन के तहत विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर नीमच स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने 7 जनवरी, 2024 को राजस्थान के चितौड़गढ़ स्थित गंगरार के उदयपुर-भीलवाड़ा राजमार्ग पर श्री देव नारायण भोजनालय के पास एक महिंद्रा ट्रेलर ट्रक से 5,057.300 किलोग्राम (सीपीएस (सांद्रित/अनलांस्ड पोस्ता स्ट्रॉ) के 55 बैग सहित, जिनका वजन 824.200 किलोग्राम है) वजन वाले पोस्ता भूसे के 267 प्लास्टिक थैलों को जब्त किया।

सीबीएन को इस बात की विशिष्ट खुफिया जानकारी प्राप्त हुई थी कि राजस्थान के पंजीकरण नंबर वाला एक महिंद्रा ट्रेलर ट्रक भारी मात्रा में पोस्ता भूसा (डोडा चूरा) ले जाएगा। इसके बाद नीमच स्थित सीबीएन के अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया और 7 जनवरी, 2024 को ऑपरेशन के लिए भेजा गया। इसके तहत संदिग्ध मार्ग पर कड़ी निगरानी के अधीन सीबीएन अधिकारियों ने चितौड़गढ़ के गंगरार के पास उदयपुर-भीलवाड़ा राजमार्ग पर श्री देव नारायण भोजनालय के पास वाहन की सफलतापूर्वक पहचान की और उसे रोका गया।

इस ट्रक में पोस्ता स्ट्रॉ को छिपाने के लिए कवर कार्गो के रूप में 120 बैग पशु आहार ले जाया जा रहा था। सीबीएन कार्यालय में ट्रक की गहन तलाशी ली गई और पोस्ता स्ट्रॉ के कुल 267 प्लास्टिक थैलों (कुल वजन 5057.300 किलोग्राम) को जब्त किया गया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पशु आहार व ट्रेलर के साथ बरामद पोस्ता स्ट्रॉ को जब्त कर लिया गया और एनडीपीएस अधिनियम- 1985 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

पोस्ता भूसे की तस्करी के एक अन्य मामले में विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर चित्तौड़गढ़ स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने 6 जनवरी, 2024 को नीमच स्थित डीएनसी कार्यालय के सहयोग से मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला स्थित पिपलिया मंडी थाने के धाकड़ी गांव के एक घर की तलाशी ली और 57 प्लास्टिक थैलों में 1131.900 किलोग्राम पोस्ता भूसे को जब्त किया। घर के मालिक ने अंधेरे में भागने का प्रयास किया, लेकिन सीबीएन के चुस्त अधिकारियों ने उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पोस्ता स्ट्रॉ को जब्त कर लिया गया और एक व्यक्ति को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया।

साल 2023 केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (मध्य प्रदेश इकाई) के लिए प्रतिबंधित तस्करी से निपटने में सबसे सफल वर्षों में से एक रहा है।

साल 2023 में जब्ती के 116 मामलों के साथ नशीले पदार्थों के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ ऑपरेशन संचालित किए गए। इनमें 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 87 वाहन जब्त किए गए।

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने अलग-अलग और अनोखी कार्यप्रणाली का खुलासा किया है। वहीं, इस दौरान जब्त किए गए नशीले पदार्थों की कुल मात्रा लगभग 70 टन था। इनमें पोस्ता भूसा, ओपियम, हेरोइन, गांजा, एमडी पाउडर और कोडीन फॉस्फेट सिरप आदि शामिल है। सीबीएन के इतिहास में एक साल में यह सबसे अधिक मामले हैं। इसके अलावा इन ऑपरेशनों के दौरान लगभग 1 करोड़ रुपये नकदी जब्त किए गए। इनमें से कई मामलों में तेज गति से पीछा करने के दौरान गोलीबारी की कई घटनाएं हुईं। इनमें सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।

भारत में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से अवैध अफीम पोस्ता की फसल का अब तक का सबसे बड़ा विनाश अभियान- ऑपरेशन “प्रहार” चलाया गया। इसके तहत कुल 10,326 हेक्टेयर (25,526 एकड़) अवैध अफीम को नष्ट किया गया। यह ऑपरेशन अरुणाचल प्रदेश (8,501 हेक्टेयर) और मणिपुर (1,825 हेक्टेयर) में चलाया गया था। इसे प्रतिकूल जमीनी परिस्थितियों और सुरक्षा जोखिमों के बावजूद सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया।

वहीं, हिमाचल प्रदेश में ऑपरेशन “शक्ति” चलाया गया था, जिसमें सीबीएन अधिकारियों ने 1,124 हेक्टेयर (2,777 एकड़) अवैध गांजा की फसल को नष्ट किया था। यह सीबीएन का हिमाचल प्रदेश में अवैध गांजा को नष्ट करने को लेकर सबसे बड़ा अभियान था।

नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशन के साथ-साथ जब्त किए गए पदार्थों को नष्ट करने को भी प्राथमिकता दी गई। इसके परिणामस्वरूप 86 मामलों में जब्त किए गए 104 टन से अधिक प्रतिबंधित नशीले पदार्थों को नष्ट किया गया। यह आंकड़ा सीबीएन के इतिहास में सबसे अधिक है। इन नष्ट किए गए पदार्थों में पोस्ता भूसा, अफीम, हेरोइन, गांजा, एम.डी. पाउडर, कोडीन फॉस्फेट सिरप सहित लाखों विभिन्न साइकोट्रोपिक गोलियां शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा मंदिर, गांधीनगर में 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 का उद्घाटन किया। इस वर्ष के समिट (शिखर सम्मेलन) का विषय ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ है और इसमें 34 सहभागी देश व 16 भागीदार संगठन भाग ले रहे हैं। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा समिट का उपयोग पूर्वोत्तर क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के एक मंच के रूप में भी किया जा रहा है।

इस समिट को उद्योग जगत की अनेक हस्तियों ने संबोधित किया। आर्सेलरमित्तल के अध्यक्ष श्री लक्ष्मी मित्तल, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन, जापान के अध्यक्ष श्री तोशिहिरो सुजुकी, रिलायंस समूह के श्री मुकेश अंबानी, अमेरिका के माइक्रोन टेक्नोलॉजीज के सीईओ श्री संजय मेहरोत्रा, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, सिमटेक, दक्षिण कोरिया के सीईओ श्री जेफरी चुन, टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एन चंद्रशेखरन, डीपी वर्ल्ड के अध्यक्ष श्री सुल्तान अहमद बिन सुलयेम, एनवीडिया के सीनियर वीपी श्री शंकर त्रिवेदी तथा ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ निखिल कामत ने सभा को संबोधित किया और अपनी व्यावसायिक योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बिजनेस लीडर्स ने प्रधानमंत्री के विजन की प्रशंसा की।

इस बैठक में जापान के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के उपमंत्री श्री शिन होसाका, सऊदी अरब के सहायक निवेश मंत्री श्री इब्राहिम यूसेफ अल मुबारक, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण एशिया, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र तथा ब्रिटेन के राज्य मंत्री श्री तारिक अहमद, अर्मेनिया के अर्थव्यवस्था मंत्री श्री वैहन केरोबियान, आर्थिक कार्य और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री टिट रिसालो, मोरक्को के उद्योग और वाणिज्य मंत्री श्री रयाद मेजोर, नेपाल के वित्त मंत्री श्री प्रकाश शरण महत, वियतनाम के उप प्रधानमंत्री श्री त्रान लुउ क्वांग, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री पेट्र फियाला, और मोजाम्बिक के राष्ट्रपति श्री फिलिप न्यूसी, तिमोर लेस्ते के राष्ट्रपति श्री जोस रामोस-होर्ता ने भी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को संबोधित किया। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के सुलतान महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहय़ान ने भी शिखर सम्मेलन को प्रारंभ में संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सबसे पहले 2024 के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने 2047 तक भारत को ‘विकसित’ बनाने का संकल्प दोहराया, जिससे अगले 25 वर्ष देश के ‘अमृत काल’ बनेंगे। उन्होंने कहा- ”यह नए सपनों, नए संकल्पों और निरंतर उपलब्धियों का समय है।” उन्होंने ‘अमृत काल’ के पहले वाइब्रेंट गुजरात समिट के महत्व का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के सुलतान महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी विशेष है क्योंकि यह भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गहरे होते संबंधों को दिखाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के आर्थिक विकास और निवेश से जुड़े संवाद का वैश्विक मंच बनने का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के प्रति उनके विचार व समर्थन गर्मजोशी और दिल से भरे हुए हैं। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, नवाचारी स्वास्थ्य सेवा और भारत के बंदरगाह अवसंरचना में कई बिलियन डॉलर के निवेश को समर्थन बढ़ाने में भारत-यूएई साझेदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने गिफ्ट सिटी में यूएई के सॉवरेन वेल्थ फंड द्वारा संचालन शुरू करने और ट्रांसवर्ल्ड कंपनियों द्वारा विमान और जहाज पट्टे पर दिये जाने की गतिविधियों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ती साझेदारी का श्रेय महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को दिया।

प्रधानमंत्री ने मोजाम्बिक के राष्ट्रपति और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र श्री फिलिप न्यूसी की गरिमामय उपस्थिति का उल्लेख करते हुए भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता मिलने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति न्यूसी की उपस्थिति ने भारत-मोजाम्बिक के साथ-साथ भारत-अफ्रीका संबंधों को प्रगाढ़ बनाया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री पेट्र फियाला की अपने देश के प्रधानमंत्री के रूप में पहली यात्रा भारत और वाइब्रेंट गुजरात के साथ चेक गणराज्य के पुराने संबंधों को दर्शाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में सहयोग का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने नोबेल पुरस्कार विजेता और तिमोर लेस्ते के राष्ट्रपति श्री जोस रामोस-होर्ता का भी स्वागत किया और अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत के उपयोग पर प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात समिट की 20वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि समिट ने नए विचारों को दिखाया है और निवेश तथा रिटर्न के लिए नए प्रवेश द्वार बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष की थीम ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 21वीं सदी का भविष्य साझा प्रयासों से उज्ज्वल होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भविष्य के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है और इसे वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के विजन से आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’ के विजन के साथ आई2यू2 तथा अन्य बहुपक्षीय संगठनों के साथ साझेदारी को मजबूत बनाने का भी उल्लेख किया, जो अब वैश्विक कल्याण के लिए पहली शर्त बन गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा- ”तेजी से बदलती दुनिया में भारत ‘विश्व मित्र’ की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। आज भारत ने विश्व को साझा सामूहिक लक्ष्यों को पाने का विश्वास दिलाया है। वैश्विक कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, प्रयास और कठोर परिश्रम विश्व को सुरक्षित और समृद्ध बना रहे हैं। विश्व भारत को स्थायित्व के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखता है। एक ऐसा मित्र जिस पर भरोसा किया जा सकता है, एक सहयोगी जो जन-केंद्रित विकास में विश्वास करता है, एक स्वर जो वैश्विक कल्याण में विश्वास करता है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास का एक इंजन है, समाधान खोजने के लिए एक प्रौद्योगिकी केंद्र है, प्रतिभाशाली युवाओं का एक पावरहाउस है और एक लोकतंत्र है जो काम करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के 1.4 बिलियन नागरिकों की प्राथमिकताएं और आकांक्षाएं तथा समावेशिता और समानता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के साथ मानव केंद्रित विकास में उनका विश्वास विश्व समृद्धि और विकास का एक प्रमुख पहलू है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि यह 10 साल पहले 11वें स्थान पर था। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अगले कुछ वर्षों में भारत विश्व की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा, जैसा कि दुनिया की विभिन्न रेटिंग एजेंसियों द्वारा अनुमान व्यक्त किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा– “विशेषज्ञ इसका विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन मैं गारंटी देता हूं कि भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समय में विश्व के लिए आशा की किरण बन गया है जब विश्व ने कई भू-राजनीतिक अस्थिरता देखी है। प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भारत की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करते हुए, टिकाऊ उद्योगों, मैन्युफैक्चरिंग और अवसंरचना, नए युग के कौशल, भविष्य की प्रौद्योगिकियों, एआई और नवाचार, ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और सेमीकंडक्टरों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सभी से विशेष रूप से स्कूल और कॉलेज के छात्रों से गुजरात में ट्रेड शो देखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कल महामहिम न्यूसी और महामहिम रामोस होर्ता के साथ इस ट्रेड शो में समय बिताने के बारे में कहा कि ट्रेड शो में ई-मोबिलिटी, स्टार्ट-अप, ब्लू इकोनॉमी, ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक के साथ बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में निवेश के लिए लगातार नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और गति के आधार के रूप में अवसंरचना सुधारों पर सरकार के फोकस के बारे में विस्तार से बताया कि इन सुधारों से अर्थव्यवस्था की क्षमता, सामर्थ्य और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पुनर्पूंजीकरण और आईबीसी ने एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली को जन्म दिया है, लगभग 40 हजार अनुपालनों को समाप्त करने से व्यापार में सहजता आई है, जीएसटी ने कराधान की भूलभुलैया को दूर किया है, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण के लिए बेहतर वातावरण है, हाल ही में 3 एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें एक संयुक्त अरब अमीरात के साथ है। कई क्षेत्रों को ऑटोमैटिक एफडीआई के लिए खोलना, अवसंरचना  में रिकॉर्ड निवेश और पूंजीगत व्यय में 5 गुना वृद्धि। उन्होंने ऊर्जा के हरित और वैकल्पिक स्रोतों में अभूतपूर्व प्रगति, नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 3 गुना वृद्धि, सौर ऊर्जा क्षमता में 20 गुना वृद्धि, किफायती डेटा कीमतों से डिजिटल समावेशन, प्रत्येक गांव में ऑप्टिकल फाइबर, 5जी की शुरुआत, 1.15 लाख पंजीकृत स्टार्टअप के साथ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम का भी उल्लेख किया। उन्होंने निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत में हो रहे परिवर्तन जीवन की आसानी में सुधार कर रहे हैं और उन्हें सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में, 13.5 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आए हैं, जबकि मध्यम वर्ग की औसत आय लगातार बढ़ रही है। उन्होंने महिला कार्यबल की भागीदारी में रिकॉर्ड वृद्धि का भी उल्लेख किया जो भारत के भविष्य के लिए एक बड़ा संकेत है। प्रधानमंत्री ने कहा- ”इसी भावना के साथ मैं आप सभी से भारत की निवेश यात्रा का हिस्सा बनने की अपील करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र में आधुनिक नीतिगत सुधारों का जिक्र करते हुए एक दशक के भीतर हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़ाकर 149 करने, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को दोगुना करने, मेट्रो नेटवर्क को तिगुना करने, समर्पित माल ढुलाई गलियारों, राष्ट्रीय जलमार्गों, बंदरगाहों के टर्न-अराउंड समय में वृद्धि तथा जी-20 के दौरान घोषित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा- ”यह आप सभी के लिए निवेश के बड़े अवसर हैं।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि भारत के प्रत्येक कोने में निवेशकों के लिए नई संभावनाएं हैं और वाइब्रेंट गुजरात समिट इसके लिए एक प्रवेशद्वार की तरह है, भविष्य के लिए एक प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा- ”आप न केवल भारत में निवेश कर रहे हैं, बल्कि युवा सृजनकारों और उपभोक्ताओं की एक नई पीढ़ी को भी आकार दे रहे हैं। भारत की महत्वाकांक्षी युवा पीढ़ी के साथ आपकी साझेदारी ऐसे परिणाम ला सकती है जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की हो।

इस अवसर पर संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के सुलतान महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति श्री फिलिप न्यूसी, तिमोर लेस्ते के राष्ट्रपति श्री जोस रामोस-होर्ता, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री पेट्र फियाला, वियतनाम के उप प्रधानमंत्री श्री ट्रान लुउ क्वांग, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की परिकल्पना की गई थी। अब यह समावेशी विकास और सतत विकास के लिए व्यापार सहयोग, ज्ञान साझाकरण तथा रणनीतिक साझेदारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंचों में से एक के रूप में विकसित हो गया है। गुजरात के गांधीनगर में 10 से 12 जनवरी, 2024 तक आयोजित होने वाला 10वां वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ थीम के साथ “वाइब्रेंट गुजरात के 20 वर्षों की सफलता का उत्सव है।”

इस वर्ष की समिट के लिए 34 सहयोगी देश और 16 भागीदार संगठन हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए वाइब्रेंट गुजरात मंच का उपयोग करेगा।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट उद्योग 4.0, प्रौद्योगिकी और नवाचार, स्थायी मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा तथा स्थिरता की दिशा में बदलाव जैसे विश्वस्तरीय प्रासंगिक विषयों पर सेमिनार और सम्मेलनों सहित विभिन्न कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा

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प्रधानमंत्री 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे और राष्‍ट्र के युवाओं को संबोधित करेंगे।

इस वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस देश भर के जिलों में युवा कार्यक्रम विभाग के समस्‍त क्षेत्रीय संगठनों द्वारा विविध सरकारी विभागों के सहयोग से मनाया जाएगा। देश भर में ‘माई भारत’ के स्वयंसेवी एनएसएस इकाइयों, एनवाईकेएस और कई शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से भारत के लिए स्वयंसेवक गतिविधियों का संचालन करने हेतु अपनी ऊर्जा का समन्वय करेंगे। युवा क्लब भी इस उत्सव में अपनी जोशपूर्ण ऊर्जा का संचार करेंगे, जिससे सही मायनों में समावेशी वातावरण सुनिश्चित होगा। इस अभियान में 88,000 से अधिक स्वयंसेवक भाग लेंगे।

इन आयोजनों के लिए स्वयंसेवकों का पंजीकरण माई भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म (https://mybharat.gov.in) के माध्यम से होता है। देश के प्रमुख शहरों और 750 जिला मुख्यालयों में 12 जनवरी को सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय/राज्य मंत्रियों, स्थानीय सांसदों या विधायकों द्वारा इन प्रशिक्षित सड़क सुरक्षा स्वयंसेवकों के कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा, जो एक गहन अभियान के माध्यम से सुरक्षित कल के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन स्वयंसेवकों को यातायात के जाम की समस्‍या से ग्रस्‍त क्षेत्रों में यातायात को संभालने में सहायता करने और सड़क सुरक्षा जागरूकता गतिविधियों का संचालन करने के लिए तैनात किया जाएगा।

ये स्वयंसेवक बच्चों को कहानी सुनाने के सत्र के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में भी जाएंगे और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार करेंगे।

12 जनवरी 2024 को स्वामी विवेकानन्द की जयंती है और इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा कार्यक्रम विभाग देश के कोने-कोने के युवाओं को शामिल करने और उन्‍हें सशक्त बनाने के अद्वितीय और व्यापक दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 के अवसर पर देश के 763 जिलों में जिला स्तरीय मेगा कार्यक्रम का आरंभ स्वामी विवेकानन्द को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगा।

कार्यक्रम के अंत में युवा उत्सव के विजेताओं के साथ-साथ मेजबान संस्थानों की टीमों/व्यक्तियों की भागीदारी के साथ जिले की विविध सांस्कृतिक विरासत और युवाओं की प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा।

भागीदार मंत्रालय और उनके जिला स्तरीय कार्यालय 12 जनवरी 2024 को यातायात जागरूकता, पोषण एवं आहार, केवीआईसी स्टार्टअप के उत्पादों, पीएमईजीपी लाभार्थियों आदि पर केंद्रित मेगा कार्यक्रम के साथ विभिन्न प्रदर्शनियों/गतिविधियों/नामांकन/जागरूकता अभियानों के साथ ही साथ स्टॉल भी लगाएंगे। युवाओं तक बेहतर पहुंच बनाने के उद्देश्‍य से उपरोक्त सभी कार्यक्रम जिला स्तर पर डिजिटल माई भारत प्लेटफॉर्म पर सृजित किए जा रहे हैं । ऐसे कार्यक्रमों का सृजन बाहरी गतिविधियों में प्रत्येक जिले का विलक्षण चरित्र और युवा आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया जाना सुनिश्चित करता है।

भारत भर के युवा अपने निकट हो रही गतिविधियों में भाग लेने में रुचि दिखा सकते हैं। वे माई भारत प्लेटफॉर्म पर अपनी भागीदारी की तस्वीरें और मीडिया भी अपलोड कर सकते हैं।

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भारत की पहली अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद ने नदी पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये आवंटित किये

कोलकाता में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) का पहला संस्करण देश के अंतर्देशीय जलमार्गों की क्षमता और व्यवहार्यता बढ़ाने के प्रयास में कई पहलों के साथ संपन्न हुआ। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ नीति निर्माताओं और उद्योग जगत की हस्तियों सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

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इस बैठक में देश में आर्थिक विकास और वाणिज्य के माध्यम के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों को सक्षम करने के उद्देश्य से, देश में नदी क्रूज पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई। इस बड़ी राशि में से, अनुमानित रूप से 35,000 करोड़ रुपये क्रूज़ जहाजों के लिए और अमृतकाल के अंत में यानी 2047 तक क्रूज़ टर्मिनल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। कार्गो व्यापार के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ाने के लिए 15,200 करोड़ रुपये का निवेश अक्टूबर, 2023 में मुंबई में आयोजित ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) में आया है। इससे 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज होने की संभावना है, जिससे 2047 तक कार्गो व्यापार की मात्रा 500 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ जाएगी। श्री सोनोवाल ने आज कोलकाता में आईडब्ल्यूडीसी के उद्घाटन सत्र में ‘हरित नौका’ दिशानिर्देश और ‘नदी पर्यटन रोडमैप, 2047’ भी जारी किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत 2014 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में प्रभावशाली ढंग से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था की विशाल क्षमता को महसूस किया जाना चाहिए क्योंकि हम पीएम श्री मोदी के एक विजन नीली अर्थव्यवस्था में दुनिया भर में अग्रणी बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की स्थापना हमारे समृद्ध, जटिल और गतिशील जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई थी। प्राचीन काल से ही जलमार्ग आर्थिक वृद्धि और मानव सभ्यता के विकास का माध्यम रहा है। हालांकि, समृद्धि के ये शानदार सिद्ध रास्ते दशकों तक उपेक्षित रहे, जिसके परिणामस्वरूप देश की अमूल्य संपत्ति बर्बाद हो गई। हमारे जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के लिए आईडब्ल्यूडीसी एक आधुनिक दृष्टिकोण, स्पष्ट रणनीति और अमृतकाल के अंत तक आत्मनिर्भर भारत के लिए सतत विकास सुनिश्चित करने के लक्ष्य की ओर प्रयास कर रहा है।

आईडब्ल्यूडीसी में नदी क्रूज़ पर्यटन के लिए उपयुक्त अतिरिक्त 26 जलमार्गों की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया था। अभी 8 जलमार्गों की परिचालन क्षमता है। इसी दौरान रात्रि विश्राम वाले क्रूज़ सर्किट की संख्या 17 से बढ़ाकर 80 की जाएगी। अंतर्देशीय जलमार्गों में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के प्रयास में, नदी क्रूज टर्मिनलों की संख्या 185 तक बढ़ाई जाएगी, जो 15 टर्मिनलों की वर्तमान ताकत से 1233 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। बढ़ी हुई सर्किट की क्षमता के आधार पर, रात्रि प्रवास के साथ क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक 5,000 से बढ़ाकर 1.20 लाख किया जाएगा। इसी प्रकार, राष्ट्रीय जलमार्गों पर रात्रि प्रवास के बिना स्थानीय क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक 2 लाख से बढ़ाकर 15 लाख किया जाएगा।

इस बैठक में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर भी उपस्थित थे। आईडब्ल्यूडीसी में राज्य सरकारों के मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों ने भी भाग लिया। आईडब्ल्यूडीसी का आयोजन भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के तहत भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए नोडल एजेंसी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने किया था। यह एक दिवसीय बैठक कोलकाता डॉक कॉम्प्लेक्स में जहाज एमवी गंगा क्वीन पर आयोजित की गई थी।

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श्री सोनोवाल ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग प्रगति की धमनियां हैं, और अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) उनकी क्षमता का दोहन करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम मोदी के नेतृत्व में और सहयोगात्मक प्रयासों तथा रणनीतिक पहलों के साथ हमारा लक्ष्य अवसरों को भुनाना, अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र में सतत विकास और वृद्धि को बढ़ावा देना है। ‘हरित नौका – अंतर्देशीय जहाजों के हरित पारगमन के लिए दिशानिर्देश’ के जारी होने के साथ केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय हमारे अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है। रोडमैप ने विभिन्न प्रकार के क्रूज के लिए 30 से अधिक अतिरिक्त संभावित मार्गों की पहचान की थी, जिसमें सभी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लंबे और छोटे, मनोरंजक और विरासत खंड शामिल थे। ऐसे अतिरिक्त नदी पर्यटन को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए मार्ग विकास, विपणन रणनीति, बुनियादी ढांचे के विकास और नेविगेशन सहित एक कार्य योजना और रोडमैप भी तैयार है।

कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, जो 2014 में घाटे में था, की स्थिति अब बदल गई है और इस वर्ष यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 550 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध अधिशेष प्राप्त करेगा।

सरकार ने अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) की भूमिका को बढ़ाने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली (एनडब्ल्यू-1) के विकास के लिए प्रमुख जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) सहित विभिन्न उपाय शुरू किए। यह परियोजना सामुदायिक घाटों के माध्यम से छोटे गांवों को शामिल करने के साथ-साथ कार्गो, रो-रो और यात्री नौका आवाजाही पर केंद्रित थी। इसके अलावा, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसका लक्ष्य मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 में उल्लिखित आईडब्ल्यूटी की मॉडल हिस्सेदारी को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना है। इस लक्ष्य में समुद्री अमृतकाल विजन 2047 के अनुरूप, कार्गो की मात्रा मौजूदा आईडब्ल्यूटी को 120 एमटीपीए से 500 एमटीपीए से अधिक ऊपर उठाना भी शामिल है।

जलमार्ग बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति में वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनलों की स्थापना शामिल है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई है। कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल निर्बाध परिवहन की सुविधा और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त प्रगति कर रहा है। फरक्का में एक नए नेविगेशनल लॉक के पूरा होने से जलमार्ग नौवहन क्षमता में वृद्धि होती है। 60 से अधिक सामुदायिक घाटों का चल रहा निर्माण स्थानीय कनेक्टिविटी और पहुंच के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। ये उपलब्धियां सामूहिक रूप से जलमार्ग बुनियादी ढांचे में दक्षता, कनेक्टिविटी और स्थानीय विकास को बढ़ावा देती हैं।

अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) ने जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, हाइड्रोजन और व्युत्पन्न (जैसे अमोनिया या मेथनॉल) प्रणोदन ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। प्रारंभिक चरण में, आठ इलेक्ट्रिक कैटमरैन जहाजों की तैनाती के साथ एक रणनीतिक कदम उठाया गया था। इन जहाजों को रणनीतिक रूप से तीर्थ पर्यटन के लिए रखा गया था, जिनमें से दो राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में और दो राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर गुवाहाटी में तैनात थे। आईडब्ल्यूटी देश में लॉजिस्टिक्स और यात्री आवाजाही परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 111 अधिसूचित राष्ट्रीय जलमार्गों के साथ, 24 राज्यों में 22,000 किमी से अधिक तक फैला हुआ आईडब्ल्यूटी परिवहन के एक प्रभावी वैकल्पिक साधन के रूप में उभरा है।

समुद्री अमृतकाल विजन 2047 भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा, अंतर्देशीय जलमार्गों के महत्वपूर्ण नेटवर्क और तटीय जिलों में निहित वास्तविक विकास क्षमता का प्रत्यक्ष क्षेत्रीय तालमेल और समावेशी विकास तथा रोजगार पर क्रॉस-सेक्टोरल गुणक प्रभाव के साथ प्रतिनिधित्व करता है। समुद्री अमृतकाल विजन 2047 के तहत आईडब्ल्यूटी को विकसित करने के लिए 46 पहलों की पहचान की गई है, जिनमें से तटीय शिपिंग और अंतर्देशीय जल परिवहन के मॉडल शेयर को बढ़ाने के लिए प्रमुख पहलों में बंदरगाह-आधारित समूह केंद्रों का निर्माण, तट-आधारित उत्पादन/मांग केंद्र, सड़क/रेल/आईडब्ल्यूटी कनेक्टिविटी/विस्तार परियोजनाओं के पास तटीय बर्थ का निर्माण शामिल है। ।

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भारत ने सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय हज समझौते 2024 पर हस्ताक्षर किए

केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्‍मृति ज़ुबिन ईरानी ने विदेश राज्‍य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीफरन के साथ आज जेद्दा, सउदी अरब में वहां के हज और उमराह मंत्री डॉ. तौफिक बिन फावज़ान अल-रबीया के साथ आज 2024 के लिए द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।

भारत से 2024 के हज के लिए कुल 1,75,025 हज यात्रियों के कोटा को अंतिम रूप दिया गया है, जिसमें 1,40,020 सीटें भारत की हज समिति के माध्यम से जाने के लिए हजयात्रियों के लिए आरक्षित हैं, जिससे 2024 में पहली बार हज करने वाले यात्री लाभान्वित होंगे। 35,005 हजयात्रियों को हज ग्रुप ऑपरेटरों के माध्यम से आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।

केएसए के हज और उमराह मंत्री के साथ बैठक के दौरान, भारतीय हज यात्रियों की आसानी और सुविधा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की डिजिटल पहल की केएसए ने काफी सराहना की जिसमें हज यात्री को अंतिम मील की जानकारी प्रदान करने की व्‍यवस्‍था है। केएसए ने इस संबंध में हर संभव मदद देने की पेशकश की। मेहराम के बिना महिला (एलडब्‍ल्‍यूएम) श्रेणी के तहत भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की पहल पर चर्चा की गई, जिसकी बेहद सराहना की गई।

द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर करने और केएसए के हज और उमराह मंत्री के साथ बैठक के बाद श्रीमती स्‍मृति ज़ुबिन ईरानी ने श्री मुरलीधरान के साथ किंग अब्दुलअज़ीज़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेद्दा के हज टर्मिनल का दौरा किया, ताकि हज यात्रियों के लिए किए जा रहे प्रबंधों को देखा जा सके और भारतीय हज तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर लॉजिस्टिक और निगरानी तंत्र को सुविधाजनक बनाने के तरीकों का पता लगाया जा सके।

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पीएफसी ने गुजरात सरकार के साथ 25,000 करोड़ रुपए की विद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

महारत्न सार्वजनिक प्रतिष्ठान पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) और विद्युत क्षेत्र में अग्रणी एनबीएफसी ने 3 जनवरी, 2024 को गांधीनगर में गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य राज्य की उत्पादन, पारेषण और वितरण परियोजनाओं के लिए व्यापक वित्तीय सहायता देना है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर पीएफसी की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्रीमती परमिंदर चोपड़ा और गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के प्रबंध निदेशक श्री जय प्रकाश शिवहरे ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उच्च तथा तकनीकी शिक्षा, कानून और न्याय मंत्री श्री रुशिकेश पटेल, गुजरात के मुख्य सचिव श्री राज कुमार, गुजरात के अपर मुख्य सचिव श्री एस जे हैदर, प्रमुख सचिव (ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग) श्रीमती ममता वर्मा, पीएफसी के  कार्यकारी निदेशक (परियोजनाएं) श्री आर.के. चतुर्वेदी तथा पीएफसी, जीयूवीएनएल और अन्य विद्युत कंपनियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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गांधीनगर में हस्ताक्षर किया गया यह समझौता ज्ञापन गुजरात उर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल), गुजरात राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जीएसईसीएल), गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जीईटीसीओ), दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल), मध्य गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (एमजीवीसीएल), पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) और उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (यूजीवीसीएल) द्वारा शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग इन विविध परियोजनाओं को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण दीर्घकालिक ऋण तथा अन्य महत्वपूर्ण धन आवश्यकताओं को सुविधाजनक बनाने में सहायक होगा।

गांधीनगरगुजरात में एमओयू हस्ताक्षर समारोह के दौरान श्रीमती परमिंदर चोपड़ासीएमडीपीएफसी और श्री जय प्रकाश शिवहरेएमडी (जीयूवीएनएल)।

समझौता ज्ञापन के अनुसार परिकल्पित वित्तीय सहायता शानदार 25,000 करोड़ रुपये है। यह पूरे गुजरात में विभिन्न परियोजनाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। यह पर्याप्त वित्तीय प्रतिबद्धता क्षेत्र में विद्युत अवसंरचना को मजबूत बनाने तथा विद्युत क्षेत्र में राज्य की महत्वाकांक्षी पहल का समर्थन करने के लिए पीएफसी की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विद्युत अवसंरचना के विस्तार की सुविधा के अतिरिक्त समझौता ज्ञापन अन्य बातों के साथ-साथ गुजरात में 10,000 रोजगार सृजन में भी मदद करेगा।

इस रणनीतिक गठबंधन से गुजरात में ऊर्जा स्थिरता और दक्षता का एक नया युग प्रारंभ होने की आशा है, जो परिवर्तनकारी बदलावों के लिए मंच तैयार करेगा तथा एक मजबूत और विश्वसनीय विद्युत अवसंरचना के लिए राज्य की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए प्रेरित करेगा।

इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर गुजरात के विद्युत परिदृश्य को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राज्य के लोगों के लिए विश्वसनीय, स्थायी और सुलभ विद्युत के भविष्य के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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भारतीय रेल ने कोहरे के मौसम के दौरान सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए 19,742 फॉग पास डिवाइस का बंदोबस्त किया है

हर साल, सर्दियों के महीनों में कोहरे के मौसम के दौरान, विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्सों में बड़ी संख्या में ट्रेनें प्रभावित होती हैं। सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेल ने कोहरे के मौसम के दौरान 19,742 फॉग पास डिवाइस का बंदोबस्त किया है। यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार, देरी को कम करने और समग्र यात्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

फॉग पास डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है, जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है। यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी (प्रदर्शन के साथ-साथ आवाज मार्गदर्शन) प्रदान करता है। इस प्रणाली से भौगोलिक क्रम में आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से लगभग 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेतक मिलते हैं।

क्षेत्रीय रेलवे को प्रदान किए गए फॉग पास उपकरणों का विवरण इस प्रकार है:

क्र.सं. क्षेत्रीय रेलवे बंदोबस्त किए गए उपकरणों की संख्या
1 मध्य रेलवे 560
2 पूर्वी रेलवे 1103
3 पूर्व मध्य रेलवे 1891
4 पूर्वी तटीय रेलवे 375
5 उत्तर रेलवे 4491
6 उत्तर मध्य रेलवे 1289
7 पूर्वोत्तर रेलवे 1762
8 पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 1101
9 उत्तर पश्चिम रेलवे 992
10 दक्षिण मध्य रेलवे 1120
11 दक्षिण पूर्व रेलवे 2955
12 दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 997
13 दक्षिण पश्चिम रेलवे 60
14 पश्चिम मध्य रेलवे 1046
कुल 19742

 

फॉग पास डिवाइस की सामान्य विशेषताएं:

  • सभी प्रकार के अनुभागों जैसे सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर विद्युतीकृत अनुभागों के लिए उपयुक्त।
  • सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों, ईएमयू/एमईएमयू/डीईएमयू के लिए उपयुक्त।
  • 160 किमी प्रति घंटे तक की ट्रेन गति के लिए उपयुक्त।
  • इसमें 18 घंटे के लिए बिल्ट-इन रीचार्जेबल बैटरी बैकअप है।
  • यह पोर्टेबल, आकार में कॉम्पैक्ट, वजन में हल्का (बैटरी सहित 1.5 किलोग्राम से अधिक नहीं) और मजबूत डिजाइन वाला है।
  • लोको पायलट अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर डिवाइस को अपने साथ आसानी से लोकोमोटिव तक ले जा सकता है।
  • इसे लोकोमोटिव के कैब डेस्क पर आसानी से रखा जा सकता है।
  • यह एक स्टैंडअलोन प्रणाली है।
  • यह कोहरे, बारिश या धूप जैसी मौसमी स्थितियों से अप्रभावित रहता है।

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प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के कवरत्ती में 1150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज लक्षद्वीप के कवरत्ती में 1150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। आज की विकास परियोजनाएं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल संसाधन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों को कवर करती हैं। प्रधानमंत्री ने लैपटॉप योजना के तहत छात्रों को लैपटॉप दिए और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत स्कूली छात्राओं को साइकिलें दीं। उन्होंने किसान और मछुआरें लाभार्थियों को पीएम किसान क्रेडिट कार्ड भी सौंपे।

एकत्रजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्षद्वीप का सौंदर्य शब्दों से परे है और नागरिकों से मिलने के लिए अगत्ती, बंगारम और कवरत्ती के अपने दौरे का उल्लेख किया। अभिभूत प्रधानमंत्री ने उनकी उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा, “भले ही लक्षद्वीप का भौगोलिक क्षेत्र छोटा है, लेकिन लोगों का दिल, समंदर जितना विशाल है।”

प्रधानमंत्री ने दूरदराज, सीमावर्ती या तटीय और द्वीप क्षेत्रों की लंबे समय से उपेक्षा का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने ऐसे क्षेत्रों को हमारी प्राथमिकता बनाया है।” उन्होंने बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, पानी, स्वास्थ्य और बाल देखभाल से संबंधित परियोजनाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को अंतिम छोर तक पहुंचाने, प्रत्येक लाभार्थी को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने, पीएम किसान क्रेडिट कार्ड और आयुष्मान कार्ड के वितरण व विकास तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ”केंद्र सरकार सभी सरकारी योजनाओं को हर लाभार्थी तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।” प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों को धन वितरित करते समय बरती जाने वाली पारदर्शिता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगा है। उन्होंने लक्षद्वीप के लोगों को आश्वासन दिया कि उनके अधिकार छीनने की कोशिश करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री ने 2020 में 1000 दिनों के भीतर तेज इंटरनेट सुनिश्चित करने के बारे में उनके द्वारा दी गई गारंटी को याद किया। कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई – एसओएफसी) परियोजना आज लोगों को समर्पित कर दी गई है और यह लक्षद्वीप के लोगों के लिए 100 गुना तेज इंटरनेट सुनिश्चित करेगी। इससे सरकारी सेवाओं, चिकित्सा उपचार, शिक्षा और डिजिटल बैंकिंग जैसी सुविधाओं में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की क्षमता को इससे ताकत मिलेगी। कदमत में लो टेम्परेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का काम तेज गति से चल रहा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लक्षद्वीप आगमन पर प्रसिद्ध पारिस्थितिकी विज्ञानी श्री अली मानिकफान के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया और लक्षद्वीप द्वीपसमूह के संरक्षण की दिशा में उनके शोध व नवाचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्ष 2021 में श्री अली मानिकफान को पद्मश्री से सम्मानित करने पर वर्तमान सरकार के प्रति अत्यधिक संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि केंद्र सरकार लक्षद्वीप के युवाओं के नवाचार और शिक्षा का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस क्रम में उन्होंने आज छात्रों को साइकिलें व लैपटॉप सौंपने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्षों में लक्षद्वीप में किसी भी शीर्ष शिक्षा संस्थान की अभाव की ओर इशारा किया, जिसके कारण द्वीपों से युवाओं का पलायन हुआ। उच्च शिक्षा संस्थान खोलने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए, श्री मोदी ने एंड्रोट और कदमत द्वीपों में कला और विज्ञान के लिए शैक्षणिक संस्थानों और मिनिकॉय में पॉलिटेक्निक संस्थान की शुरुआत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ”इससे ​​लक्षद्वीप के युवाओं को काफी फायदा हो रहा है।”

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हज यात्रियों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया, जिससे लक्षद्वीप के लोगों को भी फायदा हुआ है। उन्होंने हज वीज़ा के लिए आसानी और महिलाओं के लिए ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की वीज़ा और अनुमति की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, इन प्रयासों से ‘उमरा’ के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल सी-फूड बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के भारत के प्रयास पर प्रकाश डाला, जिससे लक्षद्वीप को लाभ हुआ क्योंकि स्थानीय टूना मछली जापान को निर्यात की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने निर्यात गुणवत्ता वाली स्थानीय मछली की संभावनाओं को रेखांकित किया, जो मछुआरों के जीवन को बदल सकती है। उन्होंने समुद्री शैवाल खेती की संभावनाओं की खोज के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी की रक्षा पर जोर दिया और कहा कि कवरत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है, ऐसी पहल का हिस्सा है।

आजादी के अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में लक्षद्वीप की भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने यहां हाल ही में संपन्न हुई जी-20 बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि लक्षद्वीप को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, प्रधानमंत्री ने बताया कि लक्षद्वीप के लिए एक गंतव्य-विशिष्ट मास्टर प्लान का मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप दो ब्लू-फ्लैग समुद्र तटों का घर है और कदमत व सुहेली द्वीपों पर वॉटर-विला परियोजनाओं के विकास का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “लक्षद्वीप क्रूज पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनता जा रहा है।” उन्होंने बताया कि पांच साल पहले की तुलना में पर्यटकों की आमद पांच गुना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के नागरिकों से विदेश यात्रा का निर्णय लेने से पहले देश में कम से कम पंद्रह स्थानों की यात्रा करने का अपना आह्वान भी दोहराया। उन्होंने विदेशी भूमि पर द्वीप राष्ट्रों की यात्रा के इच्छुक लोगों से लक्षद्वीप की यात्रा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “एक बार जब आप लक्षद्वीप की सुंदरता देखेंगे, तो दुनिया के अन्य गंतव्य फीके नजर आएंगे।”

प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके जीवन में आसानी, यात्रा में आसानी और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “लक्षद्वीप विकसित भारत के निर्माण में एक मजबूत भूमिका निभाएगा”।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा लक्षद्वीप के उपराज्यपाल श्री प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

एक परिवर्तनगामी कदम के तहत प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई – एसओएफसी) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति वाली कमी को दूर करने का संकल्प लिया था, जिसकी घोषणा 2020 में लाल किले में स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की गई थी। यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था। इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से ज्यादा (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) बढ़ जाएगी। आजादी के बाद पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। समर्पित पनडुब्बी ओएफसी लक्षद्वीप द्वीपों में संचार बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करेगी, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शैक्षिक पहल, डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल मुद्रा उपयोग, डिजिटल साक्षरता आदि सक्षम होंगी।

प्रधानमंत्री ने कदमत में लो टेम्परेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। इससे प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री ने अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों के सभी घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) भी राष्ट्र को समर्पित किया। लक्षद्वीप के द्वीपों में पीने योग्य पानी की उपलब्धता हमेशा एक चुनौती रही है क्योंकि मूंगा द्वीप होने के कारण यहां भूजल की उपलब्धता न्यूनतम है। ये पेयजल परियोजनाएं द्वीपों की पर्यटन क्षमता को मजबूत करने में भी मदद करेंगी, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

राष्ट्र को समर्पित अन्य परियोजनाओं में कावारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल है, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है। इससे कवरत्ती में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबीएन) कॉम्प्लेक्स में डीजल आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र, नए प्रशासनिक ब्लॉक और 80 पुरुष बैरक पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और आंड्रोट, चेटलाट, कदमत, अगत्ती और मिनिकॉय के पांच द्वीपों में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) के निर्माण की आधारशिला रखी।

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आरईसी लिमिटेड ने अगले 5 वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये तक की मल्टी-मॉडल अवसंरचना परियोजनाओं को निधि उपलब्ध कराने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड के साथ समझौता किया

आरईसी लिमिटेड ने 35,000 करोड़ रुपये तक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इन परियोजनाओं को अगले 5 वर्षों में आरवीएनएल पूरा करेगा। इन परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब परियोजनाएं, रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, सड़क, बंदरगाह और मेट्रो परियोजनाएं शामिल हैं।

आरईसी के निदेशक (वित्त) श्री अजॉय चौधरी और आरवीएनएल के निदेशक (संचालन) श्री राजेश प्रसाद ने आरईसी के सीएमडी श्री वीके देवांगन, आरवीएनएल के निदेशक (वित्त) श्री संजीब कुमार, आरवीएनएल की डीपीई श्रीमती अनुपम बान, और आरईसी तथा आरवीएनएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

ऊर्जा मंत्रालय के तहत 1969 में स्थापित महारत्न सीपीएसई- आरईसी लिमिटेड ऊर्जा-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। आरईसी ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह तथा स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी की ऋण पुस्तिका के अनुसार, आरईसी ने 4,74,275 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए हैं।

आरवीएनएल, रेल मंत्रालय के अधीन “अनुसूची ‘ए’ नवरत्न” केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो भारतीय रेलवे की लगभग 30 प्रतिशत बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को पूरा करता है और पीपीपी मॉडल के तहत बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी अग्रणी रहा है। आरवीएनएल मुख्य रूप से रेलवे परियोजनाओं पर काम करता है और इसने सड़क, बंदरगाह, सिंचाई तथा मेट्रो परियोजनाओं में भी काम करना शुरू किया है, जिनमें से कई का रेलवे के बुनियादी ढांचे के साथ किसी न किसी तरह का जुड़ाव है

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