Breaking News

Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा स्थिति का जमीनी स्तर पर आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज (22 अप्रैल, 2024) सुरक्षा स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया। श्री सिंह ने विपरीत मौसम और दुर्गम क्षेत्र की परिस्थितियों में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की। रक्षा मंत्री के साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली भी थीं।

एरियल सर्वेक्षण के पश्चात, रक्षा मंत्री 15,100 फीट की ऊंचाई पर एक अग्रिम चौकी पर उतरे और उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में परिचालन तैयारी और वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ परिचालन चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर भी विचार-विर्मश किया।

सैनिकों को संबोधित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने विषम परिस्थितियों में वीरता और दृढ़ संकल्प के साथ मातृभूमि की रक्षा के पुण्य पथ पर चलने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्र सशस्त्र बल कर्मियों का सदैव ऋणी रहेगा, क्योंकि उनके बलिदान के वजह से हर नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। “हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, क्योंकि हम आश्वस्त हैं कि हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं पर दृढ़ता से खड़े हैं। आने वाले समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तो बर्फीले ठंडे ग्लेशियर में हमारे सैनिकों की वीरता और दृढ़ इच्छाशक्ति के कामों को गर्व के साथ याद किया जाएगा। यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।”

श्री सिंह ने कहा कि सियाचिन कोई आम जगह नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई वित्तीय राजधानी है, बेंगलुरु प्रौद्योगिकी राजधानी है, उसी तरह, सियाचिन साहस, दृढ़ निश्चय और संकल्प की राजधानी है।

हाल ही में, देश ने ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की 40वीं वर्षगांठ मनाई। श्री सिंह ने 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन में शुरू किये गये इस ऑपरेशन को देश के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन मेघदूत की कामयाबी हम सभी के लिए गर्व की बात है।”

इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

गौरतलब है कि श्री सिंह ने 24 मार्च, 2024 को लेह का दौरा किया था और सैनिकों के साथ होली मनाई थी। उनका सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। लेह से रक्षा मंत्री ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया कि वह जल्द ही विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। इस तरह आज की यात्रा के साथ, श्री सिंह ने, अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, अपना वादा पूरा किया।

Read More »

विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY के अवसर पर एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 8 Days 8 Scientists “ नामक व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY 🌱 के अवसर पर कानपुर के एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग ने 8 दिवसीय व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ किया । “8 Days 8 Scientists “ नामक इस शृंखला में आठ दिवसों में आठ वैज्ञानिक विज्ञान के अलग अलग विषयों पर व्याख्यान देंगे । सभी वैज्ञानिक कानपुर के ICAR-IIPR अर्थात् दलहन अनुसंधान संस्थान से आते हैं।
आज प्रथम दिवस पर वैज्ञानिक डॉ साथिश नाइक का व्याख्यान रहा । शुभारंभ प्राचार्य प्रो सुमन ,रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह ,डॉ शैल वाजपेयी , डॉ अमिता सिंह ने दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण करके किया ।
डॉ सतीश नायक का विषय नैनोटेक्नोलॉजी था। उन्होंने बताया किस प्रकार १०० पेज का डेटा एक सेंटीमीटर में बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कैसे स्टोर कर सकते है । उनके व्याख्यान में अनेक रोचक विषयों की चर्चा की जैसे बायो मिनिरलाइज़ेशन, नैनों मटेरियल ,नैनोपार्टिकल, नैनों फर्टिलाइजर,कार्बन नैनोट्यूब , नैनोरोबॉट्स, नैनरोड्स ,नैनोफ़ैब्रिक्स, फेब्रिकेशन चिप्स अंत में छात्राओ की समस्याओं का निराकरण किया । सभी ने व्याख्यान की प्रशंसा की ।विज्ञान संकाय के अतिरिक्त डॉ रचना निगम , प्रो मीनाक्षी व्यास, डॉ प्रीता अवस्थी , अवधेश ने भी व्याख्यान के आयोजन में सक्रिय योगदान दिया एवं लाभ उठाया ।

🌹

अन्य खबरों के लिए नीचे दिए लिंक पे क्लिक करें।

www.bharatiyaswaroop.com

अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

Mob. 9696469699

Read More »

कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर के ब्रह्मानंद कॉलेज में आज मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ हुआ , कानपुर प्रेस क्लब और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की , पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चन्दर ने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक , छात्रों और युवा मतदाताओं को मतदान अवश्य करने की शपथ दिलाई , उन्होंने कहा कि धर्म संप्रदाय जाति और वर्ग से ऊपर उठकर मतदान जरूर करें यह देश का पर्व है , प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई और जेएमडी न्यूज़ के डायरेक्टर संजीत दीक्षित ने भी मतदान को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया , ब्रह्मानंद कॉलेज के प्रचार डॉ विवेक द्विवेदी और अन्य वक्ताओं ने भी लोगों से मतदान जरूर करने की अपील की , कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी ने किया जबकि पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापित किया , इस मौके पर सरस बाजपेई अध्यक्ष , शैलेश अवस्थी , कुशाग्र पांडे , सुनील साहू कोषाध्यक्ष , गौरव सारस्वत वरिष्ठ उपाध्यक्ष , मनोज यादव उपाध्यक्ष , मधुर मोहन दुबे वरिष्ठ मंत्री , शिवराज साहू मंत्री

कार्यकारिणी सदस्य , कौश्तुभ मिश्रा , गंगन पाठक , विवेक पांडे , अंकित शुक्ला , दीपक सिंह , दिवस पांडे , मयंक मिश्रा, उत्सव शुक्ला , अमन चतुर्वेदी, मो नौशाद , रोहित निगम मौजूद थे।

Read More »

महिला महाविद्यालय में महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाद सूत्र डॉ डी सी शुक्ल, महिला महाविद्यालय के सभागार में इतिहास विभाग द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी(19,20 अप्रैल 2024)का आयोजन किया गया जिसमें महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित किया गया* कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या एवं अतिथि गणों के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए दयानंद शिक्षण संस्थान की संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे महाकाव्य में महिला एवं पुरुष को समान अधिकार की बात की गई है परंतु आज स्त्रियां के अधिकारों का दमन किया जा रहा है और वो हाशिए खड़ी नजर आती है। अतः आज हमें पुनः महाकाव्य कालीन विचारों को आत्मसात करके समाज को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य प्रोफेसर अंजू चौधरी ने महाविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियां पर प्रकाश डालते हुए प्रगति आख्या प्रस्तुत की। संगोष्ठी की सयोजिका प्रोफेसर ममता गंगवार ने विषय परिवर्तन करते हुए महाकाव्य के इतिहास विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही महाकाव्य कालीन संस्कृति, आर्थिक सामाजिक दशा तथा धार्मिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला विशिष्ट अतिथि माननीय विवेक द्विवेदी (एआईफुक्टा) ने संगोष्ठी के विषय को वर्तमान समय में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महाकाव्य कालीन संस्कृति के आदर्शो को हमें अपनाने की आवश्यकता है। *प्रोफेसर ममता गंगवार, डॉ. मीरा त्रिपाठी, डॉक्टर अनामिका वर्मा प्रोफेसर पुष्पा यादव, डॉ रश्मि सिंह, द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।

संजय मिश्रा (राष्ट्रीय सह संयोजक सचिव, इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली) ने कहा कि हमारे महाकाव्य हमें एक संतुष्ट जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी. के. श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग, डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश) ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में राजनीति सत्ता लोलुप हो गई है रामायण जैसे महाकाव्य में इतिहास राजनीति और यथार्थवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है जिसमें निर्मल राजनीति के स्पष्ट दर्शन होते हैं। आज समाज को अपने महाकाव्य से सीख लेने की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्रा (संयोजक बोर्ड ऑफस्टडीज सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय कानपुर) ने कहा कि हमारे महाकाव्य में गीता अत्यंत सरल और सरस श्लोक के माध्यम से हमे तनाव रहित जीवन जीने की कला सिखाती है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर राजेश कुमार नायक (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग जे.पी. एन. विश्वविद्यालय छपरा बिहार) ने कहा कि मानव द्वारा अनुभव किए गए दो महानतम महाकाव्य रामायण और महाभारत है जिसमें भागवत गीता भी शामिल है यह हमें सामाजिक , पारिवारिक, नैतिक, प्रशासनिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर अपना मूल्यवान संदेश देते हैं। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अश्विन कुमार दुबे (अध्यक्ष राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग, डॉक्टर एस मिश्रा (पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ) ने अपने वक्तव्य कहा कि रामायण जैसे महाकाव्य जीवन के उत्तम आदर्श को प्रस्तुत करते हैं आज आवश्यकता है अपने जीवन में इस महाकाव्य के आदर्शो को अपनाया जाए। अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर कुमारत्नम (अपर निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग ग्वालियर) ने कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अपने महाकाव्यो से सीख लेनी चाहिए क्योंकि महाकाव्य में पर्यावरण को भी विशेष महत्व दिया गया है रामायण में राम राज्य के आदर्शो के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण के समस्त तत्वों का समावेश है *प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्ष डॉक्टर नेहा कपूर (एसोसिए प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग हिंदू कॉलेज नई दिल्ली)* तथा विशिष्ट वक्ता डॉ रत्नाधू मिश्रा (असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षा शास् विभाग सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर) रही। द्वितीय तकनीक सत्र में अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा यादव (भूतपूर्व विभाग अध्यक संस्कृत विभाग महिला महाविद्यालय कानपुर) तथा विशिष्ट वक्त प्रोफेसर प्रीति वागवानी (संस्कृत विभाग तिलक महाविद्याल औरैया रही दोनों तकनीकी सत्र में लगभग 60 शोध पत्र विभिन शोधार्थियों द्वारा पढ़े गए।

अन्य समाचार के लिए नीचे लिखे लिंक पे क्लिक करें 👇🏻

www.bharatiyaswaroop.com

अतुल दीक्षित

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप 

Mob. 9696469699

Read More »

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने वैश्विक तेल बाजारों के हाल के रुझानों और अस्थिरता के बारे में ओपेक महासचिव से बात की

ओपेक महासचिव हैथम अल-घैस के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने व्यावहारिकता के साथ बाजार स्थिरता, सामर्थ्य को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया। श्री पुरी ने आज यानी 19 अप्रैल, 2024 को ओपेक महासचिव के साथ टेलीफोन पर 30 मिनट तक बातचीत की। चर्चा में अन्य बातों के अलावा, वैश्विक तेल बाजारों में हाल के रुझानों और अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा स्थिरता के लिए उनके निहितार्थों पर चर्चा हुई।

 हरदीप सिंह पुरी ने बातचीत के दौरान कहा, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, भारत वैश्विक ऊर्जा बाजारों में संतुलन हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत और ओपेक के बीच साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है। भारत ओपेक के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने ओपेक देशों से लगभग 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कच्चा तेल, एलपीजी, एलएनजी और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया।

Read More »

वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्त किया गया

केंद्र सरकार ने पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को नया नौसेना प्रमुख नियुक्त किया है। वे 30 अप्रैल, 2024 को दोपहर बाद अपना कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान में वाइस एडमिरल त्रिपाठी नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। नौसेना स्टाफ के मौजूदा प्रमुख पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम एडमिरल आर हरि कुमार 30 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।A person in a military uniformDescription automatically generated

वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का जन्म 15 मई, 1964 को हुआ था। उन्हें 1 जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में नियुक्त किया गया था। वे संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ हैं। नौसेना में उनकी लगभग 39 वर्षों की लंबी और विशिष्ट सेवा रही है। उन्होंने नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया था|

वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना के पोतों विनाश, किर्च और त्रिशूल की कमान संभाली है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण परिचालन और स्टाफ नियुक्तियों पर भी कार्य किया है। इनमें पश्चिमी बेड़े के परिचालन अधिकारी, नौसेना परिचालन के निदेशक, नेटवर्क केंद्रीय परिचालनों के प्रधान निदेशक और नई दिल्ली में नौसेना योजना के प्रधान निदेशक के पद शामिल हैं। रियर एडमिरल के रूप में उन्होंने नौसेना स्टाफ के सहायक प्रमुख (नीति और योजना) और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया है। उन्होंने वाइस एडमिरल के पद पर एझिमाला स्थित प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी के कमांडेंट, नौसेना परिचालन महानिदेशक, कार्मिक प्रमुख और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया है।

सैनिक स्कूल- रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी- खड़कवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, नेवल हायर कमांड- करंज और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज- अमेरिका स्थित नेवल कमांड कॉलेज के विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा किया है।

Read More »

क्या कछुआ-खरगोश की राजनीतिक रेस में भी कछुआ ही बाजी मारने में कामयाब होगा?

हममे से हर किसी ने कछुए और खरगोश की कहानी जरूर सुनी होगी। खरगोश तेज रफ़्तार के बाद भी अति-आत्मविश्वास का शिकार हो जाता है और कछुआ अपनी धीमी रफ़्तार से लगातार आगे बढ़ते हुए जीत सुनिश्चित कर लेता है। अगर यूं कहें कि आगामी लोकसभा चुनाव के वर्तमान परिदृश्य में कुछ ऐसी ही स्थिति बनती नजर आ रही है तो संभवतः बहुत से राजनीतिक जानकर इसे मनगढंत कहानी बताएं, लेकिन जैसे जरुरी नहीं कि हर बार तेज तफ्तार ही जीत का आधार बने, वैसे ही यह भी संभव है कि अति-आत्मविश्वास के घोड़े पर सवार एनडीए या बीजेपी को कटी पतंग की तरह गोते खा रही इंडिया अलायंस या कांग्रेस के हाथों मुँह की खानी पड़ जाए। क्या पता जिस कॉन्फिडेंस के साथ पीएम मोदी ने बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार का लक्ष्य रखा है, वह सिर्फ एक नारे तक ही सीमित रह जाए, और दिशा विहीन समझे जाने वाली कांग्रेस या विपक्षी गठबंधन, अपने सतत प्रयास के भरोसे, ताबूत की अंतिम कील बनकर उभरे। चूंकि पीएम मोदी का करिश्मा कम से कम बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थकों पर तो इस कदर सवार है कि यदि उन्हें नींद से भी उठा कर पूछें तो अबकी बार चार सौ पार का नारा लगाते ही नजर आएंगे लेकिन शायद उनका यही उत्साह उन्हें मतदान केंद्रों तक भी न पहुंचा पाए। चूँकि सब (एनडीए के संभावित मतदाता) यही मानकर चल रहे हैं कि ‘आएगा तो मोदी ही’ और उनकी यही सोच उन्हें ये भी सोचने पर मजबूर कर दे कि जब आना मोदी को ही है तो फिर उनके एक मत से क्या ही फर्क पड़ना है। और यदि यह विचार इसी दिशा में आगे बढ़ा तो बीजेपी या एनडीए को सतर्क हो जाने की जरुरत है। बहरहाल इसे भी राजनीति में पकाये जाने वाले ख़याली पुलाव की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन कुछ तकनीकी पहलु भी हैं जो फिलहाल कछुए की भूमिका में चल रहे विपक्षी गठबंधन के लिए खरगोश की भांति एकतरफा रेस जीतती दिख रही एनडीए से बाजी छीनने की ओर इशारा करते हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मोदी ब्रांड के तहत अपनी तैयारियों में जुटी बीजेपी या एनडीए इस कदर आश्वस्त हैं कि मोदी लहर को आंधी बुला रहे हैं, जिसमें पूरे विपक्ष को धूल की तरह उड़ाने की उम्मीद की जा रही है। कुछ हद तक इसे सही भी माना जा सकता है क्योंकि विपक्ष चुनाव से दो महीने पूर्व भी संगठित नहीं दिख रहा है और एनडीए या बीजेपी के लिए बूथ स्तर पर भी मजबूत संगठन ही सबसे बड़ी ताकत बना हुआ है। लेकिन महज चुनावी माहौल सेट करने के लिए सोशल मीडिया पर जो मोदी का परिवार तैयार हो रहा है, वह किसके दम पर दक्षिण के राज्यों में बढ़ते विरोध को काबू कर पायेगा? क्योंकि मोदी तो 2019 में भी अपनी लहर चला रहे थे लेकिन दक्षिण के राज्यों ने खुद को इस लहर से दूर रखा था। फिलहाल तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल व आँध्रप्रदेश में महज चार सीटों पर बनी बीजेपी के लिए दक्षिण की लगभग सवा सौ सीटों को भेद पाना आसान नहीं होगा। दूसरी ओर कांग्रेस के पास दक्षिण के पांच राज्यों में बेहतर परफॉर्म करने का ट्रैक रिकॉर्ड दर्ज है। हाल में हुए मूड ऑफ़ द नेशन सर्वे में भी 132 सीटों पर 76 सीटें विपक्षी गठबंधन के पाले में ही दिखाई जा रही हैं।
चूंकि चार सौ पार जाने के लिए प्रचंड बहुमत ही एक मात्र सहारा है ऐसे में न केवल हिंदी भाषी बल्कि पूरे देश से एनडीए को भरपूर समर्थन की दरकार होगी। लेकिन फिलहाल उत्तर भारत में सौ फीसदी समर्थन का खांका तैयार कर चल रही बीजेपी को पिछले कुछ पन्ने पलटने की जरुरत है। उत्तर भारत के अंदर आने वाली 320 सीटों के लिए एनडीए या खासकर खुद बीजेपी के लिए पंजाब की 13 सीटों समेत यूपी की 80, राजस्थान की 25 जैसी सभी सीटें जीतने का भारी दवाब होगा। क्योंकि बीजेपी को सहयोगी दलों के भरोसे रहने से अधिक खुद को जोर लगाना होगा, और अपने दम पर ही अधिकतम सीटें हासिल करनी होगी। महाराष्ट्र की 48 सीटें भी ऐसी ही हैं, वहीं बंगाल में सीटों की गिनती बढ़ाने की चुनौती भी बीजेपी या एनडीए के लिए आसान नहीं है। ऐसे में यह कह देना कि इस बार भी मोदी की आंधी में सब धुंआ धुंआ हो जाएगा तो गलत होगा। क्योंकि फिलहाल विपक्षी गठबंधन भले कमजोर नजर आ रहा हो और कांग्रेस को लगातार बागी होते नेताओं का दर्द झेलना पड़ रहा हो लेकिन जम्मू-कश्मीर से 370 हटने के बाद की कोई चुनावी स्थिति सामने न आने, चुनावी लाभ के लिए सीएए को लागू करने और इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के रुख से घिरी बीजेपी के लिए सिर्फ राम मंदिर, पीएम मोदी या योगी आदित्यनाथ का चेहरा ही काम नहीं आएगा। विपक्ष के पास भी यही मुद्दा व अवसर है जिसके सहारे आग में घी का किरदार निभाने की कोशिश की जा सकती है और यदि यह कोशिश सही दिशा में आगे बढ़ती है तो ये कहना भी गलत नहीं होगा कि कछुआ-खरगोश की इस राजनीतिक रेस में भी कछुआ ही बाजी मारने में कामयाब होगा। ~अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

Read More »

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एलसीए तेजस एमके1ए के लिए स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड को सौंपा

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है।

एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्‍याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्‍नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है। ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।

रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ समन्‍वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।

इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्‍यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के अध्‍यक्ष और रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास के सचिव और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के महानिदेशक ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और सभी भागीदार उद्योगों की पूरी टीम को बधाई दी है।

IMG_256

Read More »

पैनासोनिक ने पेश की उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज

पैनासोनिक ने उत्तराखण्ड में एसी की नई रेंज पेश की इसमें स्‍मार्टर लिविंग के लिए मैटर-इनेबल्ड आरएसी (रूम एयर कंडीशनर्स) भी शामिल हैं

• 33,990 रुपये के शुरूआती कीमत के साथ 60 नए मॉडल्स लॉन्च किए गए जिसमें ज्यादातर इन्‍वर्टर एसी हैं
• पैनासोनिक ने मिराई के साथ भारत के पहले मैटर-इनेबल्ड रूम एयर कंडीशनर्स पेश किये। यह कनेक्टेड लिविंग प्लेटफॉर्म सुविधा, आराम, कनेक्टिवटी और बिजली की बचत प्रदान करता है

देहरादून, अप्रैल 2024: एक प्रमुख डाइवर्सीफाइड टेक्‍नोलॉजी कंपनी पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया (पीएलएसआईएनडी) ने आज उत्तराखण्ड के बाजार में 2024 के लिए अपने नए एयर कंडीशनर्स की श्रृंखला को लॉन्च करने की घोषणा की। कंपनी ने 60 मॉडलों में 1.0, 1.5 और 2.0 टन के एयरकंडीशनर्स पेश किए हैं। एयर कंडीशनर्स की यह नई रेंज सभी प्रमुख रिटेल आउटलेट्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और पैनासोनिक ब्रांड स्‍टोर पर उपलब्ध है।

श्री अभिषेक वर्मा, पीएमआईएन, पीएलएसआईएनडी, में एयर कंडीशनर्स ग्रुप के बिजनेस हेड ने कहा, “हाल ही में उत्तराखण्ड के उपभोक्ताओं के बीच कराई गई हमारी स्टडी में हमें एयरकंडीशनर के प्रयोग संबंधी लोगों की तरह-तरह की प्रमुख चिंताओं का पता चला है। स्टडी के अनुसार उपभोक्ताओं की मुख्य परेशानी रात में बार-बार एसी के तापमान को एडजस्ट करने, कूलिंग परफॉर्मेंस, आउटडोर यूनिट में जंग लगने और रखरखाव एवं सर्विसिंग की जरूरत से जुड़ी है। पैनासोनिक का नया एसी उपभोक्ताओं की उभरती जरूरतों को ध्य़ान में रखकर बनाया गया है। पैनासोनिक द्वारा लॉन्च किए गए भारत के पहले मैटर-इनेबल्‍ड एयर कंडीशनर न केवल इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करते हैं, बल्कि हमारी इको-टफ केसिंग की वजह से यह विश्वसनीय और टिकाउ भी हैं। नए मिराई प्लेटफॉर्म के साथ हम अपने उपभोक्ताओं को स्मार्ट होम का अनुभव भी प्रदान कर रहे हैं। इसमें ट्रू एआई जैसे नई फीचर्स मौजूद हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आदर्श रूप से आराम पहुंचाने वाली ठंडक प्रदान करने के लिए यह एसी अपने आप सेटिंग्स को एडजस्ट करते हैं। पर्सनलाइज्ड स्लीप प्रोफाइल का फीचर रात में बार-बार तापमान को एडजस्ट करने की जरूरत को खत्म करता है।’’

श्री वर्मा ने आगे कहा, “इन्‍वर्टर एसी की जबर्दस्त बिक्री को देखते हुए हम उत्तरी भारत से इन्‍वर्टर एसी की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद कर रहे हैं। आज भारत में लगभग सात फीसदी घरों में एसी है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत में एसी इंडस्ट्री के विकास की अपार संभावना है। इसलिए हम इस अवसर का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। हमें पिछले सीजन की तुलना में इस सीजन में एसी की बिक्री 40 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।’’

पैनासोनिक को एयर कंडीशनर्स विकसित करने का 65 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पैनासोनिक के एसी की नई रेंज आधुनिक तकनीक से लैस है। यह उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट लिविंग को फिर से पारिभाषित करने के लिए कूलिंग, क्‍वॉलिटी (विश्वसनीयता) और कनेक्टेड अनुभव प्रदान करते हैं।

2024 में लॉन्च किए गए एसी के मॉडलों की प्रमुख विशेषताएं
· हर कोने में कूलिंग – पैनासोनिक के एयर कंडीशनर जेटस्ट्रीम एयरफ्लो के साथ मिलते हैं, जो हवा को 45 फीट तक फेंकते हैं। इसकी इनडोर यूनिट अपने में ज्यादा हवा समेटती है। इसके पंखे का व्यास भी बड़ा है, जिससे हवा का प्रवाह कोने-कोने तक बढ़ता है। इसके अलावा चौतरफा स्विंग के साथ इसका अनोखा डबल फ्लैप एयरोविंग्स डिजाइन कमरे के हर कोने में ठंडी हवा पहुंचाने में मदद करता है।
· नैनो टेक्‍नोलॉजी के साथ माहौल स्वच्छ रहता है – इस एसी में नई तकनीक नैनो™ एक्स कमरे के अंदर हवा में मौजूद 99 फीसदी प्रदूषित कणों को हटाती है। इसके साथ ही वह वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं को फिल्टर कर कमरे के अंदर की हवा को पूरी तरह स्वच्छ बनाती है।
· कस्‍टमाइज्‍ड कूलिंग – कन्वर्टी7 के साथ, उपभोक्ता कूलिंग परफॉर्मेंस को एडजस्ट कर बिजली की बचत कर सकते हैं। वह इसे रिमोट के बटन पर क्लिक या मिराई ऐप से वह ऐसी की कूलिंग को 45 फीसदी तक कम कर सकते हैं और जबर्दस्त कूलिंग के लिए इसकी क्षमता 110 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं।
· मैटर का लाभ – सिम्‍पल (सेटिंग में आसान), कॉम्‍पैटिबल (अलग-अलग ब्रैंड के स्मार्ट डिवाइसेज एक ही ऐप से इसमें काम कर सकते हैं। विश्वसनीय (अगर इंटरनेट न भी हो तो भी उपभोक्ता एसी को चला सकते हैं क्योंकि एसी और ऐप एक ही वाई-फाई राउटर से जुड़े होते हैं) और सिक्योर (इनक्रिप्टेड)।
· मिराई के लाभ – एसी को कंट्रोल करने का स्मार्ट तरीका – अपने एसी को मिराई के माध्यम से रिमोट से मैनेज कर उपभोक्ता कनेक्टेड लिविंग और सुविधाओं के संसार का अनुभव कर सकते हैं। यूजर फ्रेंडली और तरह-तरह के कामों में प्रयोग की जाने वाली ऐप यूजर्स को बिजली की खपत का पता लगाने में मदद करती है। आरामदायक कूलिंग के लिए ट्रू एआई का फीचर एसी की सेटिंग्स और पैरामीटर्स को अपने आप एडजस्ट करता है। इसमें अनुकूल स्लीप प्रोफाइल सेट कर सकते हैं। इसमें यूजर्स को फिल्टर साफ करने की नोटिफिकेशन भी मिलते हैं।
· शानदार ड्यूरेबिलिटी – यह एयरकंडीशनर बिना स्टेबलाइजर के चलते हैं और मानसिक सुकून देते हैं। यह लंबे समय तक चलने वाली इको-टफ केसिंग में आते हैं, तेजी से हीट ट्रांसफर के लिए 100 फीसदी शुद्ध कॉपर क्‍वॉयल है। जंग न लगने देने के लिए यह शील्ड ब्लू प्रोटेक्शन के साथ मिलते हैं। आग से सुरक्षा और ओजोन की परत के संरक्षण के लिए इसमें आर32 रेफ्रिजरेंट भी है।

Read More »

चुनावी राजनीति

जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं राजनीतिक दलों की हलचल भी बढ़ती जा रही है। छींटाकशी, आरोप प्रत्यारोप के दौर के साथ-साथ राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। यह बात दीगर है की अपना दमखम दिखाने और दूसरे दल को नीचा दिखाने के लिए भाषाई मर्यादा का महत्व खत्म हो गया है और “येन केन प्रकारेण” की  सुविधा अपना ली गई है।

आज के राजनीतिक दौर की बड़ी बात यह है कि राजनीति के इस दौर में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मुद्दा कोई भी हो उसे किनारे करके धर्म की राजनीति पहले की जा रही है साथ ही पाखंड को बढ़ावा दिया जा रहा है। “भारत माता की जय”, “जय हिंद” से ज्यादा महत्वपूर्ण “जय श्री राम” हो गया है। उन सब में सबसे खास बात यह है कि बाबाओं को भी चुनावी मैदान रास आने लगा है। मोह माया से दूर रहने वाले भौतिक साधनों का त्याग करने वाले बाबाओं को सत्ता की चमक लुभाने लगी है।
धार्मिक राजनीति होने के कारण आज की राजनीति महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक कर हिंदू –  मुसलमान, धर्म, राम के नाम पर ही टिकी हुई है, यदि इन्हें हटा दिया जाए तो शायद मुद्दों की बात की जाये? वोट मुद्दों के बजाय (क्योंकि मुद्दों का अस्तित्व ही नहीं है) धर्म के नाम पर मांगे जा रहे हैं? जिस महिला शक्ति का दावा किया जाता हैं उन्हें शर्मसार करने में जरा भी संकोच नहीं करते। मणिपुर की घटना ताजातरीन है। जनता मंहगाई से, युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है जिसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है। भाषण और बयानबाजी में कहीं भी रोजगार, मंहगाई का जिक्र नहीं होता।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत के मतदाताओं सबसे बड़ी चिंता बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी है जैसा कि सेंटर फॉर स्टडी आफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) द्वारा किये गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सामने आया हैं। विशेष रूप से गांवों, कस्बों और शहरों सहित विभिन्न जनसांख्यिकी क्षेत्रों के 62% उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि रोजगार हासिल करना तेजी से चुनौतीपूर्ण हो गया है। सीएसडीएस की रिपोर्ट से पता चला है कि 65% पुरुषों ने इस भावना को साझा किया, जबकि महिलाओं में यह संख्या 59% कम थी। केवल 12% उत्तरदाताओं ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
इसी तरह मुद्रास्फीति के मुद्दे पर, 26% केंद्र को 12%  ने राज्यों को और 56% ने दोनों को दोषी ठहराया यह सीएसडीएस सर्वेक्षण से पता चला है। अधिकांश मतदाताओंने अपने वित्त पर गंभीर प्रभाव व्यक्त किया, जिसमें 71% ने वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नोट किया। सर्वेक्षण में दावा किया गया कि बढ़ती लागतों ने मुख्य रूप से आर्थिक रूप से 76% लोगों को प्रभावित किया है।
एक मजबूत विपक्ष के बिना लोकतंत्र अधूरा है और चुनावी प्रक्रिया भी अधूरी रहती है। विपक्ष को मजबूती के साथ युवा वर्ग की परेशानियों को सामने रखना चाहिए और समस्याओं के निवारण का आश्वासन देना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष जनमानस से जुड़ तो रहा है लेकिन फिर भी सत्ता की पहुंच से दूर नजर आता है। जिस तरह से विपक्ष के गठबंधन का सफाया किया जा रहा है उससे जरूरी हो जाता है कि विपक्ष एकजुट हो। विपक्ष का संगठन और गठबंधन डांवाडोल है और क्या यह गठबंधन सफल होगा इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। विपक्ष का मणिपुर प्रयास सार्थक रहा। विपक्ष का अपनी पार्टी की एकता को बनाए रखना जरूरी है “इंडिया” के अस्तित्व के लिए।
जिस तरह से ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली नजर आ रही है उससे विपक्ष को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दलगत राजनीति, भ्रष्टाचार, इलेक्टोरल बांड जैसे मुद्दे सत्तारूढ़ सरकार के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। “सबका साथ सबका विकास” का नारा अब खोखला महसूस होता है. देश में शिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई ने देश को पीछे धकेल कर सिर्फ “राम नाम” पर समेट दिया है। विकास की परिपाटी यही है कि लोगों को शिक्षा और रोजगार का अवसर ज्यादा से ज्यादा दिये जायें।

Read More »