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एस एन. सेन बालिका महाविद्यालय में एनसीसी की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘मेगा ट्री प्लांटेशन

कानपुर 26 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय, में संचालित 17वीं यूपी गर्ल्स बटालियन से जुड़ी एनसीसी यूनिट द्वारा एनसीसी की स्थापना ( जुलाई 16,1948) के 2023 में सफलतापूर्वक 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘मेगा ट्री प्लांटेशन’ मुहिम के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स द्वारा शनिवार को कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण-पौधरोपण में बढ़ चढ़कर भागीदारी की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुमन द्वारा किया गया। प्राचार्या ने इस अवसर पर महाविद्यालय एनसीसी प्रभारी असि. प्रोफेसर प्रीति यादव के साथ परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में अपना योगदान दिया तथा प्राचार्या प्रोफ़ेसर सुमन ने अपना संदेश देते हुए कहा कि बिना पेड़ पौधों के हमारा जीवन अकल्पनीय है। आज के समय में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, विभिन्न आपदाओं से सुरक्षा, ग्लोबल वार्मिंग के संदर्भ में पर्यावरण सुरक्षा व संरक्षण का महत्व और भी बढ़ जाता है, जिसके प्रति हम सभी को सचेत रहने की तथा इसे हरा भरा बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। छात्राओं द्वारा इस अवसर पर पर्यावरण से जुड़ें विभिन्न नारे “पर्यावरण स्वच्छ है तो जीवन संपन्न है”, “हरियाली है तो खुशहाली है, धरती ने हमें सबकुछ दिया अब इसका कर्ज उतारने की बारी है।”, “स्वच्छ पर्यावरण स्वस्थ जीवन” इत्यादि नारे भी लगाए गए तथा लोगों में पर्यावरण को हरा भरा रखने हेतु जागरूकता फैलाने का प्रयत्न भी किया गया। एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव ने इस अवसर पर छात्राओं द्वारा कॉलेज परिसर के साथ साथ पूरे शहर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की शपथ भी दिलाई तथा बताया कि आने वाले दिनों में शहर के विभिन्न स्थानों पर एनसीसी कैडेट्स द्वारा पौधारोपण अभियान अनवरत रूप से जारी रहेगा।

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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बड़ा प्रोत्साहनः रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों के लिए एचएसएल के साथ 19,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने 25 अगस्त, 2023 को भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल), विशाखापत्तनम के साथ एक 19,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन होगा क्योंकि इन जहाजों को एचएसएल, विशाखापत्तनम द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 16 अगस्त, 2023 को अपनी बैठक में इन जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।

एफएसएस को ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार के साथ समुद्र में जहाजों को फिर से भरने के लिए नियोजित किया जाएगा, जिससे भारतीय नौसेना के बेड़े को बंदरगाह पर लौटने के बिना लंबे समय तक संचालित करने में सक्षम बनाया जा सके। ये जहाज बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता को बढ़ाएंगे। इन जहाजों के शामिल किए जाने से भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता में काफी वृद्धि होगी। जहाजों को लोगों को निकालने और मानव सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए भी तैनात किया जा सकता है।

44,000 टन के फ्लीट स्पोर्ट जहाज भारतीय शिपयार्ड द्वारा भारत में निर्मित होने वाले अपनी तरह के पहले होंगे। यह परियोजना आठ वर्षों में लगभग 168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन करेगी। इन जहाजों का निर्माण भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को एक नया आयाम प्रदान करेगा और एमएसएमई सहित संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। अधिकांश उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त की जा रही हैं, ये जहाज सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

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ग्रीस की राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया

ग्रीस की राष्ट्रपति सुश्री कतेरीना सकेलारोपोलू ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया।

द ऑर्डर ऑफ ऑनर की स्थापना 1975 में की गई थी।  सितारे के आमुख पर देवी अथेना का मुख अंकित है। इसके साथ ‘‘ओनली द राइचस् शुड बी ऑनर्ड’’ (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है।Image ग्रीस के राष्ट्राध्यक्ष उन प्रधानमंत्रियों और प्रसिद्ध हस्तियों को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित करते हैं, जिन्होंने विशिष्ट पदों पर रहते हुए ग्रीस की स्थिति में वृद्धि करने में योगदान किया है।

प्रशस्ति में लिखा गया है – ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सेवा में, यह सम्मान भारत के मैत्रीपूर्ण जनों को दिया गया।’’

इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘इस यात्रा के अवसर पर ग्रीस सरकार भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान करती है, जिन्होंने अपने देश को आगे बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में अथक प्रयास किए तथा जो भारत की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए व्यवस्थित रूप से कार्यरत हैं, जो बड़े सुधारों को आकार दे रहे हैं। वे ऐसे राजनेता हैं,जिन्होंने अंतराष्ट्रीय गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के विषय को उच्च प्राथमिकता दिलवाई है।’’

आपसी हितों के क्षेत्रों में ग्रीस-भारतीय मैत्री को रणनीतिक प्रोत्साहन देने में प्रधानमंत्री श्री मोदी के अहम योगदानों को भी मान दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने ग्रीस की राष्ट्रपति सुश्री कतेरीना सकेलारोपोलू, ग्रीस की सरकार और ग्रीस वासियों को धन्यवाद दिया तथा इस संबंध में X पर पोस्ट भी डाली।

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24.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल कोयला स्टॉक 88.01 मीट्रिक टन हुआ

कोयला मंत्रालय ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और कोयला उत्पादन बढ़ाकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन की दिशा में शानदार प्रगति कर रहा है। मंत्रालय ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं जो इन लक्ष्यों को पाने में इसकी प्रतिबद्धता दिखाती हैं। निर्बाध कोयला आपूर्ति को बनाए रखने के लिए मंत्रालय का समर्पण दृढ़ बना हुआ है।

खानों, टीपीपी (डीसीबी) और पारगमन आदि में समग्र कोयला स्टॉक की स्थिति 23.08.23 तक 88.01 मिलियन टन पहुंच गई, जो 23.08.22 के 70.61 मिलियन टन के स्टॉक की तुलना में 24.7 प्रतिशत अधिक है। कोयले के भंडार की यह उच्च स्थिति कोयला मंत्रालय द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता दिखाती है।

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इसके अतिरिक्त 23.08.23 को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में पिटहेड कोयला स्टॉक 46.13 मीट्रिक टन है। यह 23.08.2022 के 31.70 मीट्रिक टन के स्टॉक की तुलना में 45.5 प्रतिशत अधिक है। यह ऊपरी प्रवृत्ति प्रभावी स्टॉक प्रबंधन रणनीतियों और परिचालन दक्षता दिखाती है।

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विद्युत क्षेत्र को कोयला भेजने के संदर्भ में 23.08.2023 तक वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी उपलब्धि 307.97 मीट्रिक टन थी, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर दर्ज की गई, जिससे विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित हुई।

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समग्र रूप से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी कोयला उत्पादन में शानदार वृद्धि देखी गई है। 23.08.2023 तक 340.31 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन हुआ है। यह पिछले वर्ष के 23.08.22 तक 307.92 मिलियन टन था। इस तरह इसमें 10.52 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर दिखती है। इसके अतिरिक्त 23.08.2023 तक समग्र रूप से कोयला भेजने में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जो 371.11 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। यह पिछले वर्ष के 23.8.22 तक 338.66 मीट्रिक टन के प्रेषण की तुलना में 9.58 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि दर को दर्शाता है।

कोयला मंत्रालय घरेलू कोयला उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीतिक योजना और कुशल निष्पादन से कोयला क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य राष्ट्र की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में विद्युत क्षेत्र को मजबूत करना है।

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राष्ट्रपति ने दादी प्रकाशमणि की स्मृति में डाक टिकट जारी किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज (25 अगस्त, 2023) राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व प्रमुख दादी प्रकाशमणि की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया। यह डाक टिकट दादी प्रकाशमणि की 16 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर संचार मंत्रालय के डाक विभाग की ‘माई स्टैम्प’ पहल के अंतर्गत जारी किया गया।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि दादी प्रकाशमणि ने आध्यात्मिकता के माध्यम से भारतीय मूल्यों और संस्कृति को भारत और विदेशों में फैलाया। उनके नेतृत्व में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व में महिलाओं के नेतृत्व वाला सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगठन बना। वह एक सच्चे नेता की तरह चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी विश्वास और साहस के साथ ब्रह्माकुमारीज़ परिवार के साथ खड़ी रहीं और हमेशा उनका मार्गदर्शन किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व का यह सबसे बड़ा सत्य है कि जीवन अस्थायी है और व्यक्ति को उसके कर्मों के कारण ही याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को लोक कल्याण की भावना से नेक कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दादी जी भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके आध्यात्मिक और मिलनसार व्यक्तित्व और मानव कल्याण के उनके संदेश की यादें हमेशा हमारे बीच जीवित रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

राष्ट्रपति ने हाल ही में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बारे में कहा कि हम सभी ने भारत के वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व सफलता देखी है। उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से चंद्रमा की सतह से नई जानकारी मिलेगी जिससे पूरे विश्व को लाभ होगा।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में लायंस इंटरनेशनल द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत बालिकाओं के हित मे कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 24 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय स्वरूप नगर , कानपुर में लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 321 B-2 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन ज्ञान प्रकाश गुप्ता जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री की योजना ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत बालिकाओं के हित मे एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डिस्ट्रिक्ट चेयर पर्सन वीना ऐरन जी ने महाविद्यालय की विज्ञान संकाय की छात्राओं के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत आने वाली बीएससी प्रथम एवं बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की पुस्तकें प्रदान की। लायंस क्लब ‘ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत अति उपयोगी कार्य में सदैव तत्पर हैं। लायंस क्लब कानपुर एकता विशाल ने इस कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया। लायंस इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लॉरेंस ज्ञान प्रकाश गुप्ता जी ने विद्यालय की प्राचार्या प्रो. पूनम विज के बुक बैंक विजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में लायन सुधा यादव ,लायन ज्योति श्रीवास्तव ,लायन रितु भदौरिया, लायन पुष्पा, लायन विवेक श्रीवास्तव सहित महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो पूनम विज,विज्ञान संकाय की सभी शिक्षिकाएं डॉ शोभा मिश्रा, डॉशालिनी गुप्ता, डॉ जसमीत कौर,डॉ राम कटियार आदि उपस्थित रही।

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खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पूरे राजस्थान में खेलो इंडिया के 33 केंद्रों का शुभारंभ किया

केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज सुबह जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान राज्य में खेलो इंडिया के 33 केन्द्रों का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि राजस्थान में खेलो इंडिया के 18 अन्य केंद्रों में एक समर्पित खेल विज्ञान केंद्र के साथ एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस प्रकार राज्य में खेलो इंडिया केंद्रों की कुल संख्या 51 हो जाएगी।

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यह भी घोषणा की गई कि खेलो इंडिया केंद्रों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जबकि कोचिंग द कोच कार्यक्रम को खेलो इंडिया केंद्र तक भी बढ़ाया जाएगा। कोचों और खेलो इंडिया केंद्र के कोचों को हमारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कोचों के साथ जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस अवसर पर राजस्थान के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अशोक चांदना के साथ-साथ राज्य के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी राज्य खेलों के मामले में आगे बढ़ें। जब राज्य सरकारें खेलों के लिए एक सर्वसम्मत दृष्टिकोण के साथ केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगी, तो भारत के लिए और अधिक पदक आएंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0031VEW.pngउन्होंने कहा, ‘खेलो इंडिया योजना और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना की सफलता के कारण पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक पदक मिले हैं, चाहे वह ओलंपिक हो या पैरालंपिक या राष्ट्रमंडल खेल या थॉमस कप जीत जैसी ऐतिहासिक प्रतियोगिता। अंडर-20 कुश्ती में अंतिम पंघाल ने भी दो बार विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रचा। प्रगनानंदा शतरंज में एफआईडीए विश्व कप के फाइनल में पहुंचे। यह भारतीय खेलों के लिए अभूतपूर्व दौर है। 60 वर्षों में, विश्व विश्वविद्यालय खेलों में केवल 18 पदक मिले थे, जबकि, केवल इस साल टूर्नामेंट में हमने 26 पदक जीते हैं।

खेलो इंडिया के महत्व के बारे में बताते हुए श्री ठाकुर ने कहा, “इस सफलता में खेलो इंडिया खेलों की बड़ी भूमिका है। हर साल, इतने सारे एथलीट युवा, विश्वविद्यालय और शीतकालीन खेलों में भाग लेते हैं और उनका प्रदर्शन उन्हें बड़ी प्रतियोगिताओं में ले जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि इन खेलो इंडिया केंद्रों के माध्यम से राजस्थान के अधिक से अधिक एथलीटों को यहां से तैयार किया जाएगा। वर्तमान, अतीत और भविष्य के एथलीट भी इनके माध्यम से सुसज्जित हो रहे हैं।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002LYIO.jpgवर्तमान में, 17,000 से अधिक एथलीट खेलो इंडिया केंद्रों (केआईसी) में प्रशिक्षित हो रहे हैं और 699 पूर्व चैंपियन एथलीट पहले से ही देश भर में काम पर हैं। वर्तमान में पूरे भारत में अधिसूचित खेलो इंडिया केंद्रों की कुल संख्या 960 है, जिनमें से 715 केआईसी द्वारा संचालित हैं। राजस्थान में अधिसूचित केआईसी की कुल संख्या 33 है, जिनमें से 32 केआईसी कार्यरत हैं। ये केआईसी विशिष्ट प्रशिक्षण केंद्र हैं जो साइकिल चलाना, बास्केटबॉल, वुशु, हॉकी आदि जैसे खेल विषयों पर केंद्रित हैं।

ब्लॉक या जिला स्तर पर स्कूलों, संगठनों और अन्य पात्र एजेंसियों में उपलब्ध खेल संबंधी मौजूदा बुनियादी ढांचे के उपयोग को बढ़ाने के लिए, छोटे खेलो इंडिया केंद्र जमीनी स्तर पर खेल इको-सिस्टम को मजबूत करने में सहायता करते हैं। केआईसी में, युवाओं के लिए पूर्व चैंपियन एथलीट कोच और संरक्षक बन जाते हैं, स्वायत्त तरीके से खेल प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं और अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। खेलो इंडिया योजना के तहत, इन पूर्व चैंपियनों के साथ-साथ इन केंद्रों को खेल प्रशिक्षण, कोचिंग और संचालन के लिए प्रारंभिक तथा वार्षिक वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।

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डीआरआई ने आईजीआई हवाई अड्डे पर 1.698 किलोग्राम कोकीन जब्त की, जिसकी कीमत 16.98 करोड़ रुपये है

मादक पदार्थों की तस्करी पर कार्रवाई जारी रखते हुए, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) एक केन्याई यात्री को पकड़ने में सक्षम रहा, जो नैरोबी से कल नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर आया था।

मौखिक पूछताछ करने पर, यात्री ने कोई भी प्रतिबंधित वस्तु लाने से इनकार किया। हालांकि, डीआरआई अधिकारियों द्वारा संदिग्ध के सामान की जांच के परिणामस्वरूप, लगभग 1,698 ग्राम कोकीन बरामद हुई, जिसका अवैध अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित मूल्य लगभग 17 करोड़ रुपये है। उसके पास मुंबई का एक हवाई टिकट मिला, जो कुछ घंटों बाद रवाना होने वाली उड़ान की थी। इससे पता चलता है कि प्रतिबंधित पदार्थ की डिलीवरी मुंबई में की जानी थी।

निरंतर पूछताछ और निगरानी के बाद, डीआरआई अधिकारियों द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार की गई योजनाबद्ध कार्रवाई के परिणामस्वरूप प्रतिबंधित दवाओं के इच्छित प्राप्तकर्ता को पकड़ने में सफलता मिली। प्राप्तकर्ता, एक महिला केन्याई नागरिक है, जिसे वसई इलाके से पकड़ा गया।

प्रतिबंधित मादक पदार्थ को ले जाने वाले और प्राप्त करने वाले, दोनों को स्वापक-औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की जांच जारी है।

जनवरी-जुलाई 2023 के दौरान, डीआरआई ने देश भर में कोकीन और हेरोइन की 42 बरामदगी की हैं। जनवरी-जुलाई 2023 की अवधि के दौरान, डीआरआई अधिकारियों द्वारा 31 किलोग्राम से अधिक कोकीन और 96 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई है।

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एस एन सेन महाविद्यालय शिक्षक संघ की कार्यकारिणी घोषित

कानपुर 24 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन महाविद्यालय में शिक्षक संघ इकाई की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में प्रो सुमन उपस्थित रहीं। उन्होंने नई कार्यकारिणी सदस्यों से निष्पक्षता और ईमानदारी से कार्य करने की अपेक्षा की। पूर्व कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ हरीश झा ने नई कार्यकारिणी के सदस्यों को शपथ दिलाई। अध्यक्ष प्रो चित्रा सिंह तोमर, उपाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह, सचिव डॉ अनामिका राजपूत, संयुक्त सचिव डॉ संगीता सिंह, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर प्रीति पांडे संयुक्त कोषाध्यक्ष डॉ श्वेता रानी ने शपथ ग्रहण किया। इस अवसर पर महाविद्यालय शिक्षक संघ के सभी सदस्य उपस्थित रहें ।

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आत्मनिर्भर भारत’ को सशक्त बनाना: एक अगले कदम के रूप में आगे बढ़ने के लिए ‘खादी रक्षासूत’ (खादी-राखी) की शुरुआत

‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने आज नई दिल्ली में रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में ‘खादी रक्षासूत’ की शुरुआत की। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तत्वावधान में यह खादी रक्षासूत (खादी-राखी) की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 7 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में नागरिकों से आग्रह किया था कि वे अपने आगामी त्योहारों के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का चयन करके ग्रामीण कारीगरों का तहे दिल से समर्थन करें, जिससे भारत के सुदूर ग्रामीण भागों में रोजगार के सर्वोत्तम अवसर सुनिश्चित हो सकें। इस अवसर पर मनोज कुमार ने कहा कि ‘खादी रक्षासूत’ की विशिष्टता ग्रामीण भारत की समर्पित स्पिनर बहनों द्वारा इसके निर्माण में निहित है, जो चरखे पर कई सूत कातने का काम करती हैं। यह उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक है, किसी भी रासायनिक घटक से रहित है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के ग्रामोद्योगिक विकास संस्थान द्वारा तैयार की गई राखी स्वदेशी पवित्र गौ माता के पवित्र गोबर से बनाई गई है। इसके अतिरिक्त, इसमें तुलसी, टमाटर, बैंगन के बीज शामिल करने से इसकी संरचना में और बेहतर होती है। इसके निर्माण के पीछे की अवधारणा इस धारणा में निहित है कि जब इसे जमीन पर फेंक दिया जाएगा तो इससे तुलसी, टमाटर और बैंगन के पौधे अंकुरित होंगे। देश के विभिन्न राज्यों में तैयार की गई ऐसी खादी राखियां अब नई दिल्ली के खादी भवन में खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 20 रुपये से 250 रुपये तक है।

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मनोज कुमार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष ‘खादी रक्षासूत’ को एक ‘पायलट परियोजना’ पहल के रूप में शुरू किया जा रहा है, जो विशेष रूप से नई दिल्ली में खादी भवन में उपलब्ध है। आगामी वर्ष में देश भर में ‘खादी रक्षासूत’ लॉन्च करने के लिए व्यापक तैयारी चल रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे खादी के माध्यम से भारत की राष्ट्रीय विरासत की उल्लेखनीय अभिव्यक्ति ‘खादी रक्षासूत’ को अपनाएं। ऐसा करके वे न केवल भारत की शानदार विरासत को संरक्षित करेंगे, बल्कि हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री  मोदी जी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन में भी सक्रिय रूप से योगदान देंगे।मनोज कुमार ने खादी के गहन महत्व पर प्रकाश डाला, जो हमारी राष्ट्रीय विरासत का प्रतीक है और स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खादी ने पिछले नौ वर्षों में अपने ‘स्वर्ण युग’ में प्रवेश करते हुए पुनर्जागरण का अनुभव किया है। पिछले वित्त वर्ष में, खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों से 1.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष में, खादी ने 9.5 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि खादी के इस नए जोश के साथ, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘न्यू इंडिया की नई खादी’ को न केवल कपड़ों के प्रतीक के रूप में, बल्कि एक ‘हथियार’ के रूप में भी गढ़ा है। यह हथियार गरीबी के खिलाफ, कारीगरों को सशक्त बनाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और बेरोजगारी को खत्म करने की दिशा में है।

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प्रधानमंत्री  मोदी ने 2014 से अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देश के नागरिकों को खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस प्रयास का प्रभाव उल्लेखनीय रहा है, खादी उद्योग एक परिवर्तनकारी पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है। जो वर्ष 2013-14 से पहले एक गिरावट वाला क्षेत्र था, उसने अब एक नए पुनरोद्धार का अनुभव किया है। ग्रामीण कारीगरों की दक्षता को न केवल मान्यता मिल रही है, बल्कि उन्हें अपने शिल्प कौशल के लिए उचित पारिश्रमिक भी मिल रहा है। कारीगरों को आर्थिक रूप से ऊपर उठाने की इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, केवीआईसी ने ‘खादी रक्षासूत’ को बाजार में पेश किया है। हम रक्षाबंधन के शुभ अवसर के करीब आते हैं। यह न केवल आपकी कलाई पर खादी रक्षासूत बांधने का अवसर है, बल्कि ग्रामीण भारत

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