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पिछले तीन महीनों में प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने आज रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की और प्रमुख दालों की कीमतों के परिदृश्य और रुझानों पर चर्चा की। यह बैठक त्यौहारी सीजन को देखते हुए समय पर और महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई क्षेत्र की वजह से हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी कीमतों में गिरावट का रुख रहा है।

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने बताया कि पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। चना के मामले में, पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है। उन्होंने बताया कि थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान खुदरा विक्रेताओं द्वारा बाजार से निकाले जा रहे अनुचित मार्जिन का संकेत देते हैं। इन रुझानों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और अगर यह अंतर बढ़ता हुआ पाया जाता है तो आवश्यक उपाय शुरू करने होंगे।

इस बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने उपलब्धता की स्थिति के संबंध में बताया कि खरीफ उड़द और मूंग की आवक बाजारों में शुरू हो गई है, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से तुअर और उड़द का आयात घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लगातार आ रहा है। घरेलू उपलब्धता की सहज स्थिति इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग के स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल में बड़े-चेन खुदरा विक्रेताओं की ओर से घोषित दालों के स्टॉक की मात्रा हर हफ्ते बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष खरीफ दलहनों की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है तथा फसल की स्थिति अच्छी है। रबी की बुवाई की तैयारी में, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने दलहनों में उत्पादन बढ़ाने तथा आत्मनिर्भरता पाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रमुख उत्पादक राज्य को फोकस योजनाएं सौंपी हैं। आगामी रबी सीजन में किसानों के पंजीकरण तथा किसानों के बीच बीज वितरण में नैफेड और एनसीसीएफ शामिल होंगे, जैसा कि इस वर्ष खरीफ बुवाई सीजन में किया गया था।

मौजूदा उपलब्धता की स्थिति तथा मंडी कीमतों में नरमी को देखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें। इस संबंध में, उन्होंने संगठित खुदरा शृंखलाओं को भारतीय दालों, विशेषकर भारतीय मसूर दाल तथा भारतीय मूंग दाल के वितरण में एनसीसीएफ तथा नैफेड के साथ समन्वय करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उपभोक्ताओं के बीच भारतीय दालों की पहुंच को बढ़ाया जा सके।

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भारत 14 से 24 अक्टूबर के दौरान नई दिल्ली में आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए24 की मेजबानी करेगा, यह कार्यक्रम एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहली बार आयोजित होगा

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 14 से 24 अक्टूबर, 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। आईटीयू के इतिहास में यह पहली बार होगा कि यह प्रतिष्ठित वैश्विक तकनीकी कार्यक्रम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हो रहा है। 190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक विश्व नेता और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, एम2एम संचार और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी मानक के भविष्य को आकार देने के लिए सहयोग करेंगे।

डब्ल्यूटीएसए के अन्य कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) और भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से आयोजित एआई भारत 5जी/6जी हैकाथॉन का दूसरा चरण आज शुरू हुआ।

 

दो दिवसीय व्यक्तिगत कोडिंग प्रतियोगिता आज भारत मंडपम में शुरू हुई, जिसमें 12 चयनित टीमें – सात भारतीय और पांच अंतर्राष्ट्रीय – प्रतिस्पर्धा के लिए एक साथ आईं। अगले दो दिनों में ये टीमें अगली पीढ़ी के 5जी और 6जी नेटवर्क के लिए अत्याधुनिक एआई और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) समाधान विकसित करेंगी। हैकाथॉन को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारों के एक विशिष्ट पैनल द्वारा समर्थित किया गया है, इसमें 12 भारतीय और दो अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे तथा एक आईटीयू कार्यक्रम अधिकारी का मार्गदर्शन भी शामिल है।

भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतिभागियों के लिए खुला यह कार्यक्रम सहयोग के लिए एक असाधारण मंच प्रदान कर रहा है।

पहला चरण 7 अगस्त से 30 सितंबर 2024 तक आयोजित किया गया। इसका शुभारंभ दूरसंचार विभाग के सचिव ने वरिष्ठ आईटीयू अधिकारियों और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया। इस ऑनलाइन चरण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय टीमों सहित विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने 5जी/6जी इंफ्रास्ट्रक्चर में एआई/एमएल को एकीकृत करने के उद्देश्य से चुनौतियों की एक श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा की। इस दौरान सभी टीमों द्वारा विस्तृत परियोजना संग्रह प्रस्तुत करने के साथ पांच परामर्श सत्र आयोजित किए गए। मुख्य रूप से सत्र 7 अगस्त 2024 से 28 अगस्त 2024 तक प्रत्येक बुधवार को निर्धारित किए गए थे। इसके अतिरिक्त 26 सितंबर, 2024 को दिल्ली, हैदराबाद और बैंगलोर में डब्ल्यूटीएसए आउटरीच कार्यक्रम के तहत आधे घंटे का सत्र आयोजित किया गया।

हैकाथॉन दो समस्या कथनों पर केंद्रित है:

  1. एआई भारत 5जी/6जी सैंडबॉक्स – 5जी/6जी के लिए स्वयं का एआई/एमएल मॉडल बनाना : टीमें आईटीयू अनुशंसाओं का लाभ उठाते हुए एआई/एमएल पाइपलाइन विकसित करेंगी जिसमें ITU-T Y.3172 और ITU-T Y.3061 शामिल हैं, इसका उद्देश्य 5जी/6जी के लिए अभिनव सृजन में वृद्धि करना है।
  2. एआई भारत 5जी/6जी सैंडबॉक्स – स्वायत्त 5जी/6जी के लिए स्वयं का एक्सऐप बनाना : प्रतिभागी आईटीयू विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में स्वायत्त 5जी/6जी नेटवर्क को बढ़ाने के लिए एक्सऐप्स बनाएंगे।

दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए, डिजिटल संचार आयोग की सदस्य (प्रौद्योगिकी) सुश्री मधु अरोड़ा ने विशिष्ट अतिथियों, प्रतिभागियों और पहले चरण के विजेताओं का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा,”यह अंतर्राष्ट्रीय हैकाथॉन युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक मंच है, यह अंतर्राष्ट्रीय हैकाथॉन युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक मंच है, जहाँ वे अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं और समाज पर ठोस प्रभाव डाल सकते हैं।”

सदस्य (टी) ने भी हैकथॉन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि,”5जी और 6जी प्रौद्योगिकियों में एआई/एमएल का एकीकरण असीमित संभावनाओं के द्वार खोलता है, और इस पहल से उभरने वाले नवीन समाधानों का उत्सुकता से इंतजार है।”

प्रतिभागी वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ महत्वपूर्ण चुनौतियों पर काम कर रहे हैं, जिसमें स्मार्ट सिटी ट्रांजिट, बाढ़ निगरानी, ​​यातायात अनुकूलन, “औरत रक्षा” के साथ महिला सुरक्षा शामिल है।

5जी और 6जी नेटवर्क के साथ एकीकृत एआई/एमएल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके “सिम धोखाधड़ी संरक्षण” और नेटवर्क विश्वसनीयता स्थापित करना है। टीमों के पास अत्याधुनिक संसाधनों जैसे क्लाउड क्रेडिट सिमुलेटर और कंप्यूट सर्वर तक पहुंच है। इस कार्यक्रम में एआई और दूरसंचार क्षेत्र के वैश्विक अग्रजों की विशेषज्ञ वार्ता भी शामिल है।

हैकाथॉन के उपयोग के मामले कई क्षेत्रों तक विस्तृत हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नेक्स्ट जेन : निर्बाध डेटा प्रवाह और वास्तविक समय अपडेट के लिए 5G-सक्षम स्मार्ट सिटी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली।
  • वज्र आईआईटीबी : शहरी क्षेत्रों में वास्तविक समय आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बाढ़ निगरानी और चेतावनी प्रणाली।
  • ब्लेज-आईआईटीजे : 5जी-सक्षम ड्रोन संसाधन शेड्यूलिंग फ्रेमवर्क अति-विश्वसनीय कम-विलंबता संचार के लिए एआई का उपयोग।
  • आईआईआईटीए ईसीई : नदी प्रदूषण को रोकने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली।
  • टेक रेंजर्स: अफ्रीका के योगदानकर्ताओं के लिए 6जी मानकों की बाधा को कम करने के लिए एक एआई-संचालित पहल।
  • हेक्साकोर : महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्लेटफार्म “औरत रक्षा”, जिसे असुरक्षित स्थितियों में वास्तविक समय पर अलर्ट देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • न्यूरल नोमैड्स: एग्रीशील्ड – छोटे स्तर पर खेती करने वाले किसानों के लिए एआई-संचालित 5जी/6जी समाधान जिम्बाब्वे और अफ्रीका में छोटे किसानों के लिए कृषि लचीलापन सुधारने पर केंद्रित है। यह प्लेटफॉर्म वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए एआई-संचालित फसल निगरानी और पूर्वानुमान विश्लेषण का उपयोग करता है, साथ ही एक एकीकृत एआई बाजार के माध्यम से खेत से बाज़ार तक लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करता है, जिससे किसानों को डेटा-संचालित निर्णय लेने वाले उपकरणों के साथ सशक्त बनाया जाता है।

 मधु अरोड़ा ने प्रतिभागियों को नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आपके द्वारा यहां बनाए गए समाधानों में वैश्विक दूरसंचार के भविष्य को आकार देने की क्षमता है।”

जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, प्रतिभागी अपनी परियोजनाओं को और बेहतर बनाते जाएंगे, जिसके बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी, जिन्हें समापन समारोह में पुरस्कृत और सम्मानित किया जाएगा।

पुरस्कार : शीर्ष तीन टीमें ($1,000, $700, $500) सर्वश्रेष्ठ छात्र टीमसर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप और सर्वश्रेष्ठ महिला टीम को विशेष मान्यता दी जाएगी, जिनमें से प्रत्येक को $500 मिलेंगे।

एआई भारत 5जी/6जी हैकाथॉन भारत और दुनिया भर के छात्रों, स्टार्टअप्स और प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही लोगों को एक साथ लाकर नवाचार का केंद्र बन गया है। यह एआई और अगली पीढ़ी के दूरसंचार के भविष्य को आकार देने में मदद करेगा।

(हैकाथॉन पर और अपडेट के लिए, कृपया क्लिक करें: https://challenge.aiforgood.itu.int/match/matchitem/95.)

डब्ल्यूटीएसए2024 के बारे में:

प्रतिष्ठित विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 15 से 24 अक्टूबर 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी, जो 5जी और 6जी नेटवर्क की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में देश के बढ़ते महत्व को भी दर्शाता है। डब्ल्यूटीएसए एक चतुर्भुजीय आयोजन है और आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) मानकीकरण क्षेत्र (आईटीयू-टी) के शासी सम्मेलन के रूप में कार्य करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ द्वारा आयोजित तीन विश्व सम्मेलनों में से एक है, जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अंतर्गत एक इकाई है। यह आयोजन वैश्विक दूरसंचार मानकों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे भारत द्वारा डब्ल्यूटीएसए की मेजबानी एक महत्वपूर्ण आयोजन बन जाता है।

इसमें 150 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें 1,000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि और 50 वैश्विक मंत्री शामिल होंगे, जो दूरसंचार, डिजिटल और आईसीटी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। डब्ल्यूटीएसए 2024 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, एम2एम, ब्रॉडकास्टिंग, सैटकॉम और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वभौमिक और सस्ती कनेक्टिविटी के माध्यम से डिजिटल विभाजन को पाटने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

डब्ल्यूटीएसए से पहले 14 अक्टूबर, 2024 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में वैश्विक मानक संगोष्ठी (जीएसएस) का आयोजन किया जाएगा। जीएसएस आईसीटी मानकीकरण पर नीतिगत बहस के लिए एक उच्च स्तरीय मंच है जो इसके उभरते गतिशीलता और तकनीकी निहितार्थों को संबोधित करता है।

डब्ल्यूटीएसए 2024 के साथ अन्य संबंधित पहल भी होंगी जैसे आईटीयू कैलिडोस्कोप सम्मेलन, आईटीयू प्रदर्शनियां, महिलाओं का नेटवर्क और एआई फॉर गुड ताकि इस क्षेत्र में संवाद को समृद्ध किया जा सके और समावेशिता को बढ़ावा दिया जा सके।

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प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने साइबर सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक्स और विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत चल रही सूचना सुरक्षा मंत्रालय की पहल को बढ़ावा देने के लिए 7 अक्टूबर को सीएसओआई में साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (सीएसओआई), विनय मार्ग, नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा पर एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया। यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-आईएन) द्वारा साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना से प्रेरित थी।

इस कार्यशाला का उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहलों को बढ़ावा देना तथा सार्वजनिक ई-गवर्नेंस प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए मजबूत साइबर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर देना था। यह कार्यशाला विशेष अभियान 4.0 के तहत आयोजित की गई, जिसमें 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर(एनआईसी) के वरिष्ठ अधिकारी, लोक शिकायत/ केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए) 2023 के नोडल अधिकारी और मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफार्मों के निर्माण और संचालन में शामिल वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

कार्यशाला में भारत में वर्तमान साइबर सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने, विभिन्न सरकारी अनुप्रयोगों के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी विवेचन, और वर्तमान डिजिटल वातावरण में साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा उन उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की गई जिनसे साइबर खतरों को कम किया जा सकता है।

कार्यशाला में पैनल चर्चा के दो महत्वपूर्ण दौर हुए। पहले दौर में ‘भारत में वर्तमान साइबर सुरक्षा परिदृश्य’ पर चर्चा हुई। इसकी अध्यक्षता सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने की, जिसमें श्री नवीन कुमार सिंह (डीजी, एनसीआईआईपीसी), श्री संतोष मिश्रा (साइबर सुरक्षा पर साझेदार पीडब्ल्यूसी और एनईएसडीए 2023), और सुश्री सीमा खन्ना (डीडीजी और एचओजी साइबर सुरक्षा – एनआईसी) तथा स्वयं डॉ. संजय बहल ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। दूसरी पैनल चर्चा में ‘ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी विवेचन’ पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें श्रीमती जया दुबे (संयुक्त सचिव, डीएपीआरजी), डॉ. सुशील कुमार (डीडीजी और एचओजी, एनआईसी), सुश्री रचना श्रीवास्तव (वैज्ञानिक जी, एनआईसी – ई-ऑफिस), श्री अनिल बंसल (वरिष्ठ निदेशक (आईटी), डीओपीपीडब्ल्यू- भविष्य), और श्री संजीव सक्सेना (एसटीडी, एनआईसी, डीएआरपीजी- सीपीजीआरएएमएस) ने अपने विचार व्यक्त किए।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के अतिरिक्त सचिव श्री पुनीत यादव के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने वर्तमान डिजिटल वातावरण में मजबूत साइबर बुनियादी ढांचे के निर्माण के महत्व के बारे में एक ठोस संदेश के साथ अपनी बात रखकर विचार-विमर्श का माहौल तैयार किया। उन्होंने लोक सेवाओं में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित और कुशल ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर जोर दिया।

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने भारत में अनुकूल साइबर व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से चल रही पहलों पर चर्चा की। उन्होंने सुरक्षित डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप साइबर खतरों के विरुद्ध डिजिटल प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के प्रयासों पर जोर दिया। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) के संयुक्त सचिव श्री ध्रुवज्योति सेनगुप्ता ने भविष्य पोर्टल की साइबर सुरक्षा विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पेंशन मामलों से जुड़ी संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा और पेंशनभोगियों को सुरक्षित सेवा सुनिश्चित करने में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के महत्व पर जोर दिया।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने भी साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए) जैसी प्रमुख पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें सूचना सुरक्षा और गोपनीयता के मुख्य मापदंडों के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि सुरक्षित और कुशलतापूर्ण तरीके से लोक सेवाएं प्रदान की जाएं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन ने साइबर स्वच्छता केंद्र (बॉटनेट क्लीनिंग और मालवेयर एनालिसिस सेंटर) जैसी पहलों के माध्यम से भारत के साइबर सुरक्षा परिदृश्य को मजबूत करने में चल रहे भारत सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। CERT-In के नेतृत्व में यह प्रयास देश का सुरक्षित डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल के संचालन में पहले पैनल ने राष्ट्रीय साइबर व्यवस्था के निर्माण के प्रयासों का अवलोकन किया। एनसीआईआईपीसी के श्री नवीन कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की साइबर खतरों से सुरक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पीडब्ल्यूसी के श्री संतोष मिश्रा ने एनईएसडीए 2023 के तहत डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाले साइबर सुरक्षा के वर्तमान रुझानों पर चर्चा की, और एनआईसी की सुश्री सीमा खन्ना ने सरकारी डिजिटल प्लेटफार्मों के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सुरक्षित करने के लिए एनआईसी के प्रयासों के बारे में बताया। दूसरी पैनल चर्चा ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा विचारों पर केंद्रित थी। इसका संचालन डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे ने किया। उन्होंने ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस जैसे प्रमुख सरकारी प्लेटफार्मों की कुशलता और समग्रता को बढ़ाने के प्रयासों में मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया।

डीएआरपीजी की संयुक्त सचिव श्रीमती जया दुबे के संचालन में दूसरे पैनल ने ई-ऑफिस, भविष्य और सीपीजीआरएएमएस के लिए साइबर सुरक्षा उपायों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। डॉ. सुशील कुमार ने सरकारी कामकाज के निर्बाध संचालन के लिए ई-ऑफिस सुरक्षा पर जोर दिया, जबकि सुश्री रचना श्रीवास्तव ने उत्पादकता बढ़ाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। श्री अनिल बंसल ने भविष्य पोर्टल में डेटा गोपनीयता की आवश्यकता पर जोर दिया और श्री संजीव सक्सेना ने सुरक्षित नागरिक शिकायत निवारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सीपीजीआरएएमएस की साइबर सुरक्षा रणनीतियों का उल्लेख किया।

कार्यशाला के समापन में श्रीमती सरिता तनेजा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने श्री एस. कृष्णन और श्री वी. श्रीनिवास के नेतृत्व की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में सुरक्षित ई-गवर्नेंस के लिए साइबर सुरक्षा के विशेष महत्व को रेखांकित किया गया, तथा भारत की डिजिटल व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएपीआरपीजी) की पहलों को प्रदर्शित किया गया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के ठाणे में 32,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्षेत्र में शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देने पर मुख्य ध्यान देने के लिए आज महाराष्ट्र के ठाणे में 32,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि केंद्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है और इस बात पर जोर दिया कि यह केवल महाराष्ट्र और मराठी भाषा के प्रति सम्मान नहीं है, बल्कि उस परंपरा का सम्मान है जिसने भारत को ज्ञान, दर्शन, अध्यात्म और साहित्य की समृद्ध संस्कृति दी है। अध्यात्म और साहित्य. श्री मोदी ने दुनिया भर के सभी मराठी भाषियों को बधाई दी।

नवरात्रि के अवसर पर कई परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने आज पहले वाशिम के दौरे का उल्लेख किया, जहां उन्होंने देश के 9.5 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि वितरित की और कई विकास परियोजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के आधुनिक विकास की दिशा में ठाणे में नए मील के पत्थर हासिल किए जा रहे हैं और इस बात पर प्रकाश डाला कि आज का कार्यक्रम राज्य के उज्ज्वल भविष्य की झलक देता है। श्री मोदी ने जानकारी दी कि आज 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की मुंबई एमएमआर परियोजनाएं शुरू की गई हैं और आज 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठाणे इंटीग्रल रिंग मेट्रो रेल परियोजना की आधारशिला रखी गई है। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इससे मुंबई और ठाणे को नई पहचान मिलेगी.

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि मुंबई के आरे से बीकेसी के लिए एक्वा लाइन मेट्रो भी आज से शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि मुंबई के लोग बहुत समय से इस मेट्रो लाइन का इंतजार कर रहे थे। श्री मोदी ने एक्वा मेट्रो लाइन के समर्थन के लिए विशेष रूप से जापान सरकार और जापानी इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) को धन्यवाद दिया। इस पर उन्होंने कहा, ”यह मेट्रो लाइन भारत-जापान मित्रता का भी प्रतीक है”।

श्री मोदी ने टिप्पणी की कि श्री बाला साहेब ठाकरे का ठाणे के प्रति विशेष स्नेह था। उन्होंने कहा कि ठाणे स्वर्गीय श्री आनंद दिघे का भी शहर है। श्री मोदी ने कहा, “ठाणे ने भारत को पहली महिला डॉक्टर डॉ. आनंदी भाई जोशी दीं”। उन्होंने जोड़ा कि आज विकास कार्यों से हम इन सभी दूरदर्शी लोगों के सपनों को पूरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आज शुरू हुए विकास कार्यों के लिए ठाणे, मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा, “आज हर भारतीय का उद्देश्य विकसित भारत है”। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का हर निर्णय, संकल्प और सपना विकसित भारत के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, मुंबई, ठाणे आदि शहरों को भविष्य के लिए तैयार करना आवश्यक है। उन्होंने जोड़ा कि सरकार को विकास का ध्यान रखने के साथ-साथ अपने प्रयासों को भी दोगुना करना पड़ा क्योंकि उसे पिछली सरकारों की कमियों का प्रबंधन भी करना पड़ा। पिछली सरकारों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि मुंबई में बढ़ती आबादी और बढ़ती यातायात सघनता के बावजूद समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई समाधान नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते मुद्दों के चलते भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई के ठप होने की आशंकाएं थीं। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान सरकार ने मुद्दों को हल करने का प्रयास किया है और आज 300 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोस्टल रोड की वजह से मरीन ड्राइव से बांद्रा तक यात्रा करने में लगने वाला समय घटकर 12 मिनट हो गया है, जबकि अटल सेतु ने उत्तर और दक्षिण मुंबई के बीच की दूरी कम कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑरेंज गेट से मरीन ड्राइव भूमिगत सुरंग परियोजना ने भी तेजी पकड़ ली है। वर्सोवा से बांद्रा समुद्री ब्रिज प्रोजेक्ट, ईस्टर्न फ्री-वे, ठाणे-बोरीवली टनल, ठाणे सर्कुलर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट जैसी शहर की विभिन्न परियोजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि विकासात्मक परियोजनाएं मुंबई और इसके नजदीकी शहरों की समस्याओं को कम करके मुंबई का चेहरा बदल रही हैं और इससे लोगों को काफी फायदा होगा। उन्होंने जोड़ा कि इन परियोजनाओं से उद्योगों के विकास के साथ-साथ रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वर्तमान राज्य सरकार महाराष्ट्र के विकास को अपना एकमात्र उद्देश्य मानती है। उन्होंने पिछली सरकारों के ढुलमुल रवैये पर भी अफसोस जताया, जिसकी वजह से मुंबई मेट्रो में 2.5 साल की देरी हुई, जिससे 14,000 करोड़ रुपये की लागत बढ़ गई। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह पैसा महाराष्ट्र के मेहनती करदाताओं का है”।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड इस बात का सबूत है कि वे विकास विरोधी हैं और उन्होंने अटल सेतु के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन को बंद करने की साजिश और सूखे क्षेत्रों में पानी से संबंधित परियोजनाओं को रोकने के उदाहरण दिए। प्रधानमंत्री ने अतीत से सबक सीखने का सुझाव दिया और तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त लोगों के प्रति आगाह किया।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश और महाराष्ट्र के लिए ईमानदार और स्थिर नीतियों वाली सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान सरकार ने न केवल आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है बल्कि सामाजिक बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया है। “हमने हाईवे, एक्सप्रेसवे, रेलवे और हवाई अड्डों के विकास में भी कीर्तिमान स्थापित किया है और 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। हमें अभी भी देश को बहुत आगे लेकर जाना है”, प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र का प्रत्येक नागरिक इस संकल्प के साथ खड़ा है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री सी पी राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री, श्री देवेन्द्र फड़णवीस और श्री अजीत पवार,

पृष्ठभूमि

क्षेत्र में शहरी गतिशीलता को तेजी देने के लिए एक बड़े प्रयास के तौर पर, प्रधानमंत्री ने प्रमुख मेट्रो और सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास। प्रधानमंत्री ने लगभग 14,120 करोड़ रुपये की लागत वाली मुंबई मेट्रो लाइन – 3 के बीकेसी से आरे जेवीएलआर सेक्शन का उद्घाटन किया। इस सेक्शन में 10 स्टेशन होंगे, जिनमें से 9 भूमिगत होंगे। मुंबई मेट्रो लाइन – 3 एक प्रमुख सार्वजनिक परिवहन परियोजना है जो मुंबई शहर और उपनगरों के बीच आवागमन को सुधारेगी। पूरी तरह से चालू लाइन-3 से प्रतिदिन लगभग 12 लाख यात्रियों को सेवा मिलने का अनुमान है।

प्रधानमंत्री ने करीब 12,200 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ठाणे इंटीग्रल रिंग मेट्रो रेल परियोजना की आधारशिला रखी. परियोजना की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है जिसमें 20 एलिवेटेड और 2 भूमिगत स्टेशन हैं। यह महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना महाराष्ट्र के एक प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र, ठाणे में बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति एक महत्वपूर्ण पहल है।

प्रधानमंत्री ने छेड़ा नगर से आनंद नगर, ठाणे तक लगभग 3,310 करोड़ रुपये की लागत वाले एलिवेटेड ईस्टर्न फ्रीवे एक्सटेंशन की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना दक्षिण मुंबई से ठाणे तक निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने लगभग 2,550 करोड़ रुपये की नवी मुंबई हवाईअड्डा प्रभाव अधिसूचित क्षेत्र (नैना) परियोजना के चरण -1 की आधारशिला रखी। इस परियोजना में बड़ी प्रमुख सड़कों, पुलों, फ्लाईओवरों, अंडरपासों और इस्तेमाल योग्य एकीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ठाणे नगर निगम की आधारशिला भी रखी। ठाणे नगर निगम की ऊंची प्रशासनिक इमारत एक ही जगह अधिकांश नगर निगम कार्यालयों को समायोजित करके ठाणे के नागरिकों को लाभ प्रदान करेगी।

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डी.ए.वी.कालेज में पूर्व छात्र मिलन समारोह उत्साह और जोश के साथ संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 7 अक्टूबर डी.ए-वी.कालेज में वार्षिक पूर्व छात्र सम्मेलन का मिलन समारोह उत्साह और जोश के साथ संपन्न हुआ एलुमनाई एसोसिएशन के सचिव प्रो राजुल सक्सेना ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. अरुण दीक्षित ने की, उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रमों से स्वस्थ एव उच्च विचारों का आदान-प्रदान सम्भव है, विशिष्ट अतिथियों ने महाविद्यालय में बिताए हुए स्वर्णिम पलों की यादों को साझा किया l संचालन प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने किया, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ के. के. तिवारी, डॉ. श्याम बाबू गुप्ता, डॉ प्रभात कुमार बाजपेयी, डॉ.एन.के. बाजपेयी, डॉ. रोहित मोहन, डॉ. जी. डी.निगम साथ ही साथ एलुमनाई एसोसिएशन के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

 

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एस एन सेन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में स्पीच एंड पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 7 अक्टूबर समाजशास्त्र विभाग द्वारा स्पीच एंड पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका विषय पाश्चात्य समाजशास्त्रियों का योगदान था।इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तथा निर्णायक महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन , एवम द्वितीय निर्णायक चीफ प्रॉक्टर ममता अग्रवाल उपस्थित रही।संयोजन विभागाध्यक्ष प्रो निशि प्रकाश तथा संचालन प्रो रेखा चौबे द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ ही हुआ। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया प्रसार प्रभारी डॉ प्रीति सिंह नें बताया पोस्टर और भाषण प्रतियोगिता हुई जिसमें प्रथम स्थान दीपाली गुप्ता, द्वितीय स्थान भूमिका ने प्राप्त किया, तृतीय स्थान पर प्रगति त्रिवेदी रही। सांत्वना पुरस्कार काम्या तथा जीनत को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में चीफ प्रॉक्टर ममता अग्रवाल तथा प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने निर्णायक की भूमिका भी निभाई ।धन्यवाद ज्ञापन प्रो मीनाक्षी व्यास ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की अलका टंडन,गार्गी यादव ,प्रीति सिंह, कृतिआदि सभी शिक्षिकाएं उपस्थिति रही। कार्यक्रम में श्रुति,प्रगति,तनु,शिफा,दीपाली, श्रेया, मुस्कान,अंजलि, प्रिया शुभांगी,रिया प्रतिभाग किया।

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क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय में थियेटर प्रोग्राम कोर्स (एड ऑन थियेटर इन एक्टिंग स्किल,थियेटर,ओरिनेंटेशन, डिक्शन) संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय कानपुर के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में 6 दिनों से चल रहे थियेटर प्रोग्राम कोर्स जिसका विषय “एड ऑन थियेटर इन एक्टिंग स्किल,थियेटर,ओरिनेंटेशन, डिक्शन ” के अन्तिम दिवस में प्राचार्य एवम कार्यक्रम संरक्षक जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन एवम दिशानिर्देश से समापन समारोह के उपलक्ष में एक बहुचर्चित हास्यात्मक नाट्य “अंधेर नगरी चौपट राजा” जोकि प्रो. विभांशु वैभव की कल्पना से ओत–प्रोत और प्रतिभाशाली निर्देशन के द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमे रित्विक(चौपट राजा), कांची(मंत्री), सुंदरम(फरियादी), आर्यन(कल्लू बनिया), मनुज(महंत), नागेंद्र(कोतवाल), वैष्णवी(गोवर्धनदास), उर्वशी(नारायणदास)ओजश्विनी, यशस्वी (दरबान), तनिस्का(भिस्तीवाला) जैसे किरदारों ने सभागार में उपस्थित दर्शकों को हँसा हँसा कर लोट पोट कर दिया। प्रो.विभांशु ने नाट्य प्रस्तुति के बारे में बात करते हुए कहा ” इसी लिए नाट्यशास्त्र और रंगमंच को पंचम वेद की श्रेणी में रखा गया है प्रतिभागियो को इसी प्रकार अपनी प्रतिभा का अवलोकन करते रहना चाहिए “साथ ही प्रतिभागियों को इसी प्रकार से निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा और आशीर्वाद दिया। मुख्य अतिथि मिसेज सुसी जोसेफ ने नाट्य प्रस्तुति की तारीफ करते हुए कहा की ” इस प्रकार की नाट्य प्रस्तुति बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में संजीवनी का कार्य करती है। “महाविद्यालय के प्राचार्य एवम कार्यक्रम संरक्षक प्रो. जोसेफ डेनियल जी ने कहा  “प्रतिभागियों का नाट्य रंगमंच के प्रति ये रुझान और उनकी कर्तव्यनिष्ठा उनके उज्ज्वल भविष्य कि कुंजी बनेगी ” कार्यक्रम संयोजक प्रो. मीत कमल ने बीते छह दिनों से चल रहे एड ऑन थियेटर कार्यक्रम का संपूर्ण लेखाजोखा देते हुए कहा “बच्चों ने पूरे सप्ताह अपनी कला और मंचन को निखारने का काम किया है और आगे भी करते रहेंगे “
कार्यक्रम सह संयोजक डॉ प्रेरणा दीक्षित जी ने कार्यक्रम की सफलता के पश्चात धन्यवाद ज्ञापन दिया! हास्य एवम उमंगों से भरपूर के इस नाट्य प्रस्तुति ने ‘कभी किसी लोभ मोह से ग्रसित प्रलोभन में नही पड़ना चाहिए’ ऐसी सीख देते हुए सबके दिलों को जीत लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मिसेज सुसी जोसेफ, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल, उप प्राचार्या प्रो. श्वेता चंद्रा, कार्यक्रम संयोजक प्रो. मीत कमल, सह संयोजक डॉ प्रेरणा दीक्षित, डॉ अर्चना वर्मा तथा कोर्स में प्रतिभागी छात्र -छात्रायें एवम उन सभी के अभिभावकगण , अन्य अतिथिगण छात्र कोऑर्डिनेटर कांची त्रिपाठी, सुंदरम मिश्रा, आर्यन जयसवाल एवम महाविद्यालय शिक्षकगण एवम छात्र– छात्रा मौजूद रहे।।

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स्त्री” 2024 “कर्टेन रेज़र” कार्यक्रम का सफल आयोजन

भारतीय स्वरूप संवाददाता    कानपुर 5 अक्टूबर – महिला सशक्तिकरण को समर्पित राष्ट्रीय सम्मेलन “स्त्री”, 2024 का कर्टेन रेज़र कार्यक्रम कानपुर के दीन दयाल उपाध्याय सभागार में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. सुधीर अवस्थी (प्रो-वाइस चांसलर) के प्रेरणादायक संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने आगामी”स्त्री”, 2024 सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सम्मेलन महिलाओं के नेतृत्व और उनकी बढ़ती भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। इसके बाद CDC के निदेशक डॉ. राजेश अवस्थी और कुलसचिव डॉ. अनिल यादव ने भी महिला सशक्तिकरण के बढ़ते महत्व और उनके योगदान पर विचार रखे।

विभा संगठन मंत्री श्री अशुतोष सिंह और आईआईटी कानपुर के प्रो. अजीत चौधरी उपाध्यक्ष विभा ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं के रूप में डॉ. संगीता सरस्वत ने समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन (Holistic Health Management) पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य के महत्व और उसे प्रबंधित करने के तरीकों पर गहन चर्चा की। इसके अलावा, डॉ. तुषार संधान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के माध्यम से शिक्षा, विज्ञान और कला को जोड़ने के विषय पर एक जानकारीपूर्ण सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने इन क्षेत्रों के बीच हो रहे अभूतपूर्व परिवर्तनों को रेखांकित किया और बताया कि कैसे नई तकनीकें इन क्षेत्रों में क्रांति ला रही हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुनीता वर्मा द्वारा किया गया, जिन्होंने अपनी कुशल वाणी से कार्यक्रम को सरस और रोचक बनाए रखा। अंत में डॉ. शशि बाला सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों और उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो.Rashmi Gore,सीमा द्विवेदी और डॉ. नूतन वोहरा ने की, जिन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह कर्टेन रेज़र कार्यक्रम दिसंबर में होने वाले स्ट्री 2024 सम्मेलन के लिए मंच तैयार करता है, और महिला सशक्तिकरण परआप महत्वपूर्ण विचार-विमर्श की आवश्यकता को बल देता है। कार्यक्रम ने नारी शक्ति और समाज में उनके योगदान को लेकर एक नई दिशा देने का कार्य किया है।

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डीआरडीओ ने राजस्थान की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में चौथी पीढ़ी की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली के सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किए

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 3 और 4 अक्टूबर, 2024 को राजस्थान की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में चौथी पीढ़ी की तकनीकी रूप से उन्नत छोटे आकार की अति लघु दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए। ये परीक्षण ऊंची गति वाले लक्ष्यों पर किए गए, जिसमें अधिकतम सीमा और अधिकतम ऊंचाई अवरोधन के बहुत महत्वपूर्ण मापदंडों का प्रदर्शन किया गया। इन विकास परीक्षणों ने विभिन्न लक्ष्यों से संबंधित परिदृश्यों में हथियार प्रणाली की हिट-टू-किल क्षमता को दोहराने की योग्यता को प्रदर्शित किया, जिसमें निकट आना, पीछे हटना और क्रॉसिंग मोड शामिल हैं।

वीएसएचओआरएडीएस मिसाइलों के विकास का काम पूरा हो चुका है और दो उत्पादन एजेंसियों को विकास सह उत्पादन भागीदार (डीसीपीपी) मोड में लगाया गया है। इन परीक्षणों में, डीसीपीपी के माध्यम से प्राप्त मिसाइलों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप कम समय में प्रारंभिक उपयोगकर्ता परीक्षणों और उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

वीएसएचओआरएडीएस एक मानव पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जिसे अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और डीसीपीपी के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। तीनों सेनाएं शुरू से ही इस परियोजना से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने विकास संबंधी परीक्षणों में भाग लिया है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल विकास परीक्षणों में शामिल डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों से युक्त यह नई मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी प्रोत्साहन देगी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने भी सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ के दल, उद्योग भागीदारों और उपयोगकर्ताओं को बधाई दी।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस वर्ष गाँधी जयंती पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ‘खादी इंडिया’ में रिकॉर्ड ₹2.01 करोड़ की बिक्री होने पर सभी खादी उत्पादकों को बधाई दी

X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि “मोदी जी की खादी व स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील अब एक क्रांति बन चुकी है और उनके नेतृत्व में खादी उद्योग आज नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस गाँधी जयंती पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ‘खादी इंडिया’ में रिकॉर्ड ₹2.01 करोड़ की बिक्री वास्तव में आनंद का विषय है। इससे खादी के कारीगरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। मैं खादी के सभी उत्पादकों को इसके लिए बधाई देता हूँ। लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति लगातार बढ़ रहा आकर्षण आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।”

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