एक महीने तक चलने वाले जॉब रेडीनेस प्रोग्राम के दौरान बिजनौर जिले के 13,500 से ज़्यादा युवाओं ने स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) पर पंजीकरण कराया। इनमें से 3500 अभ्यर्थियों का चयन किया गया और 5 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग व करियर काउंसलिंग के बाद उन्हें नौकरी की पेशकश की गई। आज, कौशल महोत्सव में 6000 युवाओं ने भाग लिया और लगभग 900 लोगों को मौके पर ही नौकरी के ऑफर दिए गए।
आउटरीच प्रयासों ने उत्तर प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों के नियोक्ताओं को सफलतापूर्वक जोड़ा, जिससे स्थानीय नौकरी चाहने वालों के लिए विविध अवसर सुनिश्चित हुए। लगभग 4,800 अभ्यर्थियों ने चार हफ़्तों तक प्रशिक्षण लिया और इसकी विभिन्न शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थियों में काफी मांग देखी गई।
इस मेगा भर्ती अभियान में बिजनौर और आस-पास के इलाकों के युवाओं की भर्ती के लिए उद्योग जगत के प्रमुख नाम शामिल हुए। पर्यटन और आतिथ्य, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी-आईटीईएस, ऑटोमोटिव, बीएफएसआई और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विस्तृत उद्योगों से लेकर बर्गर किंग, ज़ेप्टो, क्वेस कॉर्प, फ़्लिपकार्ट, जुबिलेंट फ़ूड्स, बार्बेक्यू नेशन, विजन इंडिया व युवा शक्ति फ़ाउंडेशन जैसी कंपनियां आज आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वाधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने बिजनौर के युवाओं के बीच नौकरी के प्रति तत्परता बढ़ाने के लिए इस वर्ष की शुरुआत में ‘कौशल महोत्सव: जॉब रेडीनेस प्रोग्राम’ शुरू किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों को तैयार करने वाले जिले के शैक्षणिक संस्थान का लाभ उठाते हुए बिजनौर को कुशल कार्यबल विकास के एक मुख्य केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
अपने संबोधन में, श्री जयंत चौधरी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा, “हमारी सरकार बिजनौर के प्रत्येक युवा को प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था में सफलता के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। कौशल महोत्सव जैसी पहल न केवल रोजगार के अवसर पैदा करती है बल्कि नए उद्योगों को भी आपके घरों तक लाती है। मुझे विश्वास है कि बिजनौर के युवा एक बार फिर अपनी उल्लेखनीय प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और आने वाले हर अवसर का लाभ उठाएंगे। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं और सुविधाओं का पूरा लाभ उठाना उनके लिए बहुत जरूरी है। अपनी असीम क्षमता और प्रसिद्ध कार्य नीति के साथ, बिजनौर के युवा एक समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रत्येक युवा छात्र के लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे और पहल का समर्थन करने के लिए, हमने देश भर के युवाओं को भारतीय उद्योग जगत की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों से जोड़ने के लिए स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) की शुरुआत की है। इस तरह की पहल से बिजनौर के युवाओं के लिए उद्योग के व्यापक क्षेत्र में दरवाजे खुलेंगे। हमारी सरकार ने उनके लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं और यह महत्वपूर्ण है कि वे इनका पूरी तरह से लाभ उठाएं। अपनी असीम क्षमता और प्रसिद्ध कार्य नीति के साथ, बिजनौर के युवा एक समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”
उनका सम्बोधन रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
अपने संबोधन में, उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा मंत्री श्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा, “स्किल इंडिया मिशन के तहत सरकार बिजनौर जैसे उभरते आर्थिक केंद्रों के युवाओं को आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं बिजनौर और आस-पास के क्षेत्रों के सभी युवाओं को केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और पहलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, जो माननीय प्रधानमंत्री के भारत के युवाओं को कुशल बनाने के विज़न के अनुरूप है।”
इस कार्यक्रम में बिजनौर के माननीय सांसद श्री चंदन चौहान, एमएसडीई के संयुक्त सचिव श्री शैल मालगे, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के सलाहकार प्रभात कुमार, एनएसडीसी के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी (सीपीओ) कर्नल महेंद्र सिंह पायल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कौशल महोत्सव में एक व्यापक पांच दिवसीय, 40 घंटे का गहन रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल था, जिसमें असेंबली लाइन ऑपरेटर एवं कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव जैसी विभिन्न भूमिकाओं के लिए आवश्यक सॉफ्ट स्किल्स और डोमेन-विशिष्ट कौशल संबंधी प्रशिक्षण शामिल था। इस भर्ती अभियान में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग, आईटी और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों से 30 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया, जिसमें वेतन ₹10,000 से ₹35,000 तक था।
यह पहल न केवल बिजनौर के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, बल्कि इसका उद्देश्य कुशल व्यक्तियों को संभावित नियोक्ताओं से जोड़कर स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना भी है। कौशल महोत्सव सरकार के निकायों और उद्योग जगत के दिग्गजों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करने में लगे हैं।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की प्रमुख पहल के रूप में, कौशल महोत्सव युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ‘कुशल भारत’ के विजन को हासिल करने के लिए तेजी और उच्च मानकों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ काम करता है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बारे में
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) देश में कौशल संबंधी इकोसिस्टम का प्रमुख आधार है। यह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एनएसडीई) के तहत काम करने वाला एक अनूठा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) उद्यम है। एनएसडीसी की स्थापना निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए कौशल संबंधी इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करने और कुशल व्यावसायिक प्रशिक्षण पहलों का निर्माण करने, भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन हेतु रणनीतिक कार्यान्वयन एवं ज्ञान भागीदार बनने के लिए की गई थी। एनएसडीसी उन उद्यमों, स्टार्ट-अप्स, कंपनियों और संगठनों को सहायता प्रदान करता है जो भविष्य के कौशल में संभावित कार्यबल को दुनिया भर के अवसर प्रदान करके प्रभाव डाल रहे हैं। संगठन पात्र संस्थाओं को वित्तीय सहायता, अभ्यर्थियों को रियायती ऋण और अन्य अभिनव वित्तीय उत्पादों के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करके कौशल में निजी क्षेत्र की पहलों को बढ़ाने, समर्थन करने और समन्वित करने के लिए उपयुक्त मॉडल विकसित करता है।