भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 6 मार्च, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के दो विभागों, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र, ने ‘शिक्षण, अधिगम और अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ पर एक सफल कार्यक्रम आयोजित किया।
उच्च शिक्षा और अनुसंधान में ए.आई. परिवर्तनों के बारे में छात्रों और शिक्षकों के बीच जागरूकता पैदा करने और अंतर्दृष्टि विकसित करने के लिए तीन कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए: एक पोस्टर प्रदर्शनी जहां छात्रों ने ए.आई. की दुनिया की खोज में अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया; ए.आई की जटिलताओं को समझने के लिए विशेषज्ञों द्वारा एक विचार-मंथन सत्र; और अंत में, आधुनिक दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और भूमिका पर छात्रों द्वारा एक वाद-विवाद प्रतियोगिता।
कार्यक्रम का पहला सत्र, पोस्टर प्रस्तुति, प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा पोस्टर गैलरी का दौरा करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर छात्रों की प्रस्तुतियों में रचनात्मक कौशल और अंतर्दृष्टि का आकलन करने के साथ शुरू हुआ।
कार्यक्रम का दूसरा सत्र का आरम्भ, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल, सचिव और कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर जोसेफ डैनियल, मुख्य वक्ता डॉ. अंशू सिंह, प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना,सम्मानित अतिथि और स्वेता चंद उप-प्रिंसिपल के दीप प्रज्वलन और विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ. तत्पचात राजनीति विभाग प्रभारी एवं कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफेसर विभा दीक्षित ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रमों की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत किया। डॉ. अंशू सिंह, एसोसिएट डीन, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने अपना मुख्य भाषण में बताया कि कैसे ए.आई. ने शिक्षण,अध्यापन और अनुसंधान में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने सीएसजेएम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक प्रशासन में ए.आई. पहल एवं सफल प्रयोग के बारे में जानकारी दी। चेयरपर्सन, प्रो. जोसेफ डेनियल ने कॉलेज के शैक्षणिक और प्रशासन में ए. आई को लागू करने की आवश्यकता और कठिनाइयों के बारे में अपनी राय साझा की। सम्मानित अतिथि प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने अध्यापन और अनुसंधान में ए.आई. के उपयोग और बढती संभावनाओं पर और इसके दुरुपयोग पर प्रकाश डाला। विचार-मंथन सत्र अत्यधिक ज्ञानवर्धक रहा और इसमें बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। इसका सफल संचालन डॉ. अर्चना वर्मा एवं ऋचा यादव ने किया।
तीसरे सत्र में, छात्रों ने “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने शिक्षण, सीखने और अनुसंधान के परिदृश्य में क्रांति ला दी है” प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में जोरदार बहस और तर्क दिए. प्रोफेसर डॉ. एस.पी. सिंह और डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य इस कार्यक्रम के प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल में थे. विवेक और संजना वंजानी ने इस कार्यक्रम का प्रभावी ढंग से संचालन किया।
पोस्टर प्रस्तुति और वाद-विवाद प्रतियोगिता कार्यक्रमों में विजेताओं की घोषणा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। पोस्टर प्रतियोगिता में वरीशा फातिमा प्रथम स्थान, फैरी द्वितीय स्थान और जुनी सिद्दीकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में तनिष्का बाजपाई को प्रथम उन्नति मेहरोत्रा द्वितीय एवं वैष्णवी गुप्ता तृतीय और कृति शुक्ल को सांत्वना पुरूस्कार मिला । धन्यवाद प्रस्ताव ईशा त्रिपाठी ने दिया. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक बेहद सफल एवं प्रभावी आयोजन था। इसमें सभी संकाय के छात्रों और शिक्षकों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की और इसे सभी के लिए अत्यधिक प्रभावी और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम की श्रेणी में रखा।