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भारत की नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) की क्षमता में वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर 14.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने नवंबर 2023 से नवंबर 2024 के दौरान भारत के नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की सूचना दी है। यह प्रगति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित ‘पंचामृत’ लक्ष्यों के अनुरूप स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित अपने लक्ष्यों को हासिल करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

क्षमता में रिकॉर्ड वृद्धि

नवंबर 2024 तक, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित स्थापित क्षमता 213.70 गीगावॉट तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की 187.05 गीगावॉट की तुलना में 14.2 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि है। इस बीच कुल गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित क्षमता, जिसमें स्थापित और पाइपलाइन परियोजनाएं दोनों शामिल हैं, बढ़कर 472.90 गीगावॉट हो गई जो पिछले वर्ष के 368.15 गीगावॉट की तुलना में 28.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, नवंबर 2024 तक नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) की क्षमता में कुल 14.94 गीगावॉट की नई क्षमता जोड़ी गई, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान जोड़ी गई 7.54 गीगावॉट की क्षमता से लगभग दोगुनी है। अकेले नवंबर 2024 में, 2.3 गीगावॉट नई क्षमता जोड़ी गई – जो नवंबर 2023 में जोड़ी गई 566.06 मेगावाट से नाटकीय रूप से चार गुना की वृद्धि है।

सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि

भारत के नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सभी प्रमुख श्रेणियों में व्यापक वृद्धि देखी गई है। सौर ऊर्जा अग्रणी बनी हुई है। इसकी स्थापित क्षमता 2023 में 72.31 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 94.17 गीगावॉट हो गई है, जो 30.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि है। पाइपलाइन परियोजनाओं सहित, कुल सौर क्षमता में 52.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2023 में 171.10 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 261.15 गीगावॉट तक पहुंच गई। पवन ऊर्जा ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया। इसकी स्थापित क्षमता 2023 में 44.56 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 47.96 गीगावॉट हो गई, जो 7.6 प्रतिशत की वृद्धि है। पाइपलाइन परियोजनाओं सहित कुल पवन क्षमता में 17.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2023 में 63.41 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 74.44 गीगावॉट हो गई।

बायोएनर्जीजलविद्युत और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों से निरंतर योगदान

बायोएनर्जी और जलविद्युत परियोजनाओं ने भी नवीकरणीय ऊर्जा के मिश्रण में निरंतर योगदान दिया। बायोएनर्जी क्षमता 2023 में 10.84 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 11.34 गीगावॉट हो गई, जो 4.6 प्रतिशत की वृद्धि है। लघु जलविद्युत परियोजनाओं में मामूली वृद्धि देखी गई और यह वर्ष 2023 में 4.99 गीगावॉट से 2024 में 5.08 गीगावॉट हो गई। पाइपलाइन परियोजनाओं सहित इसकी कुल क्षमता 5.54 गीगावॉट तक पहुंच गई। बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में क्रमिक वृद्धि हुई और इसकी स्थापित क्षमता 2023 में 46.88 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 46.97 गीगावॉट हो गई तथा पाइपलाइन परियोजनाओं सहित कुल क्षमता पिछले वर्ष के 64.85 गीगावॉट से बढ़कर 67.02 गीगावॉट हो गई।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में, स्थापित परमाणु क्षमता 2023 में 7.48 गीगावॉट से बढ़कर 2024 में 8.18 गीगावॉट हो गई, जबकि पाइपलाइन परियोजनाओं सहित कुल क्षमता 22.48 गीगावॉट पर स्थिर रही।

ये प्रभावशाली आंकड़े नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के भारत सरकार के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करते हैं। केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी के अधीन एमएनआरई ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करते हुए और अपनी जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के प्रति भारत के समर्पण को दर्शाते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण पहल कर रहा है।