राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न चरणों में चल रही परियोजनाओं का विवरण इस प्रकार है:
क्रम संख्या | कॉरिडोर | नाम | स्थिति | |
1 | डीएमआईसी: दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा |
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ट्रंक अवसंरचना वाली परियोजनाएं पूरी हो गईं | |
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विकासाधीन परियोजनाएं | |||
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28 अगस्त, 2024 को भारत सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत परियोजनाएं | |||
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2 | सीबीआईसी: चेन्नई बेंगलुरु औद्योगिक
गलियारा |
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विकासाधीन परियोजनाएं | |
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3 | कोयंबटूर होते हुए कोच्चि तक सीबीआईसी का विस्तार |
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28 अगस्त, 2024 को भारत सरकार द्वारा हाल ही में स्वीकृत परियोजनाएं |
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4 | एकेआईसी: अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा |
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5 | एचएनआईसी: हैदराबाद नागपुर औद्योगिक
कॉरिडोर |
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6 | एचबीआईसी: हैदराबाद बेंगलुरु औद्योगिक
कॉरिडोर |
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7 | वीसीआईसी: विजाग चेन्नई औद्योगिक गलियारा |
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राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक औद्योगिक शहर/क्षेत्र/नोड का प्रबंधन एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) द्वारा किया जाता है। एसपीवी में निजी क्षेत्र का उचित प्रतिनिधित्व हो सकता है, जहां भी राज्य सरकार निजी क्षेत्र को शामिल करने का निर्णय लेती है। यह औद्योगिक स्मार्ट शहरों के विकास के लिए उपयोगकर्ता शुल्क निधि, मूल्य निर्धारण नवाचारों और विभिन्न पीपीपी व्यवस्थाओं के माध्यम से वितरण जैसे अभिनव बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण और वितरण उपकरणों का लाभ उठाने के लिए भी अधिकृत है। राज्य सरकार, जैसा उचित समझे, इस उद्देश्य के लिए द्विपक्षीय/बहुपक्षीय वित्तपोषण भी मांग सकती है।
विभिन्न औद्योगिक स्मार्ट शहरों के लिए फोकस सेक्टर अलग-अलग तरीके से परिभाषित किए गए हैं। इस प्रक्रिया में फोकस सेक्टर को परिभाषित करने के लिए बाजार की मांग का आकलन रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। कुछ फोकस सेक्टर हैं हैवी इंजीनियरिंग, ऑटो और सहायक उपकरण, सामान्य विनिर्माण, फार्मा और बायोटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग, आईटी और आईटीईएस, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पाद, एयरोस्पेस, रबर और प्लास्टिक, फैब्रिकेटेड धातु उत्पाद, अनुसंधान और विकास, आईसीटी, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग, फैब्रिकेशन (अर्धचालक), नैनो टेक्नोलॉजी और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स।
यह जानकारी आज केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।