समझौता ज्ञापन में POPSKs के प्रभावी प्रबंधन और परिचालन समर्थन के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत के नागरिकों को अपने निकटतम डाकघरों में विश्व स्तरीय पासपोर्ट सेवाएं मिलती रहें।
2017 में शुरू की गई डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSKs) 1.52 करोड़ से अधिक नागरिकों को पासपोर्ट से संबंधित सेवाओं की सुविधा प्रदान करने में सहायक रही है, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में, जिससे पूरे भारत में नागरिकों के लिए पासपोर्ट सेवाओं तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित हुई है। पिछले कुछ वर्षों में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSKs) का नेटवर्क काफी बढ़ गया है, वर्तमान में देश भर में 442 केंद्र चालू हैं।
यह समझौता ज्ञापन विदेश मंत्रालय और डाक विभाग के बीच सहयोग को मजबूत करता है, जिसका उद्देश्य सेवा वितरण को बढ़ाना, संचालन को सुव्यवस्थित करना और पासपोर्ट से संबंधित सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करना है। इस पहल के तहत, 2028-29 तक देश भर में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 600 केंद्रों तक बढ़ाने की योजना है, जिससे नागरिकों के लिए अधिक पहुंच और सुविधा सुनिश्चित होगी और अगले पांच वर्षों में वार्षिक ग्राहक आधार 35 लाख से बढ़कर 1 करोड़ हो जाएगा।
यह पहल दोनों मंत्रालयों के सहयोगात्मक प्रयास को दर्शाती है, ताकि एक सहज, सुलभ और कुशल पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करके नागरिक अनुभव को बेहतर बनाया जा सके। यह भारत के डाक नेटवर्क को और मजबूत करेगा, जिससे पासपोर्ट सेवाएँ सभी नागरिकों के लिए अधिक सुविधाजनक, विश्वसनीय और आसानी से सुलभ हो जाएँगी।
सुश्री मनीषा बंसल बादल, महाप्रबंधक, व्यवसाय विकास, डाक विभाग, डॉ. के.जे. श्रीनिवास, संयुक्त सचिव (पीएसपी एवं सीपीओ) – विदेश मंत्रालय