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लखपति दीदी और नमो दीदी पहल से लाभान्वित होने वाली महिलाओं की कुल संख्या का राज्यवार और श्रेणीवार विवरण

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे पूरे देश में (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबी को कम करना है, ग्रामीण गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करना और उन्हें तब तक लगातार पोषित और समर्थन देना है जब तक कि वे समय के साथ आय में सराहनीय वृद्धि प्राप्त न कर लें, अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करें और गरीबी से बाहर आ जाएं। लखपति दीदी पहल DAY-NRLM के परिणामों में से एक है। स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों को लखपति बनाने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया है, यानी वे स्थायी आधार पर प्रति वर्ष न्यूनतम एक लाख रुपये कमाते हैं। लखपति दीदियों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है। मंत्रालय में श्रेणीवार डेटा नहीं रखा जा रहा है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की नमो ड्रोन दीदी योजना का लक्ष्य 2023-24 से 2025-26 तक डीएवाई-एनआरएलएम के तहत 15,000 एसएचजी सदस्यों को ड्रोन उपलब्ध कराना है। वर्ष 2023-24 के दौरान उर्वरक कंपनियों ने अपने संसाधनों के माध्यम से एसएचजी सदस्यों को 503 ड्रोन वितरित किए हैं। राज्यवार विवरण अनुलग्नक-II में दिए गए हैं।

डीएवाई-एनआरएलएम के तहत, अक्टूबर, 2024 तक 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.87 लाख एसएचजी में संगठित किया गया है। डीएवाई एनआरएलएम एक प्रक्रिया संचालित कार्यक्रम है, जहां विभिन्न लाभ, जैसे, रिवॉल्विंग फंड, सामुदायिक निवेश निधि, बैंक लिंकेज आदि एसएचजी को उनकी पात्रता और उनकी मांगों के अनुसार दिए जाते हैं।

मंत्रालय ने डीएवाई-एनआरएलएम के तहत हस्तक्षेपों के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता पर निहितार्थ को समझने के लिए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन शुरू किया है। डीएवाई-एनआरएलएम का प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन 2019-20 के दौरान विश्व बैंक के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव मूल्यांकन पहल (3ie) द्वारा किया गया था। मूल्यांकन निम्नलिखित प्रमुख निष्कर्षों को इंगित करता है:

i. आधार राशि की तुलना में आय में 19% की वृद्धि।

ii. अनौपचारिक ऋणों की हिस्सेदारी में 20% की कमी।

iii. बचत में 28% की वृद्धि।

iv. श्रम शक्ति भागीदारी में सुधार – उपचार क्षेत्रों में द्वितीयक व्यवसाय की रिपोर्ट करने वाली महिलाओं का अनुपात अधिक (4%) है।

v. अन्य योजनाओं तक बेहतर पहुंच – उपचारित परिवारों द्वारा प्राप्त सामाजिक योजनाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि (2.8 योजनाओं के आधार मूल्य की तुलना में 6.5% अधिक)।

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

एमजी/केसी/वीएस

अनुलग्नक – I

क्रम संख्या राज्य लखपति दीदियों की संख्या
1 अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह 482
2 आंध्र प्रदेश 14,87,631
3 अरुणाचल प्रदेश 5,057
4 असम 5,18,359
5 बिहार 13,47,649
6 छत्तीसगढ़ 3,37,097
7 दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 2,021
8 गोवा 866
9 गुजरात 5,38,760
10 हरियाणा 62,743
11 हिमाचल प्रदेश 40,417
12 जम्मू और कश्मीर 43,050
13 झारखंड 3,51,808
14 कर्नाटक 2,36,315
15 केरल 2,84,616
16 लक्षद्वीप 60
17 मध्य प्रदेश 10,51,069
18 महाराष्ट्र 10,04,338
19 मणिपुर 15,559
20 मेघालय 39,976
21 मिजोरम 17,167
22 नगालैंड 12,294
23 ओडिशा 5,37,350
24 पुडुचेरी 7,546
25 पंजाब 31,700
26 राजास्थान 2,70,405
27 सिक्किम 7,794
28 तमिलनाडु 3,18,101
29 तेलंगाना 7,58,693
30 त्रिपुरा 58,495
31 लद्दाख 51,903
32 उत्तर प्रदेश 8,41,923
33 उत्तराखंड 37,178
34 पश्चिम बंगाल 11,81,852
कुल 1,15,00,274

 

अनुलग्नक – II

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत राज्यों को ड्रोन प्रदान किए गए
क्रम संख्या राज्य ड्रोन की संख्या
1 आंध्र प्रदेश 97
2 असम 9
3 बिहार 5
4 छ्त्तीसगढ़ 12
5 गुजरात 18
6 हरियाणा 22
7 हिमाचल प्रदेश 4
8 झारखंड 1
9 कर्नाटक 84
10 केरल 2
11 मध्य प्रदेश 34
12 महाराष्ट्र 30
13 ओडिशा 12
14 पंजाब 23
15 राजस्थान 19
16 तमिलनाडु 17
17 तेलंगाना 72
18 उत्तर प्रदेश 32
19 उत्तराखंड 3
20 पश्चिम बंगाल 7
कुल 503