दूरसंचार विभाग और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने आने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए फर्जी इनकमिंग इंटरनेशनल सिस्टम की रोकथाम विकसित की है, जो भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करती हैं और भारत के किसी हिस्से से की जा रही प्रतीत होती हैं। हाल ही में फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटाले और सरकारी और पुलिस अधिकारियों के रूप में प्रतिरूपण आदि के मामलों में साइबर अपराधियों द्वारा ऐसी अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल की गई हैं। इसके अलावा, यूसीसी का समाधान करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
- ट्राई के टीसीसीसीपीआर-2018 में ऐसे प्रावधान हैं, जिनके तहत दूरसंचार उपभोक्ता सभी वाणिज्यिक संचारों को अवरुद्ध करने का विकल्प चुन सकता है या अपनी प्राथमिकता श्रेणियों के अनुसार चुनिंदा वाणिज्यिक संचारों को अवरुद्ध कर सकता है तथा मोबाइल ऐप के माध्यम से यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है, शॉर्ट कोड 1909 पर एसएमएस भेज सकता है तथा 1909 पर कॉल कर सकता है।
- टीसीसीसीपीआर-2018 के उल्लंघन के लिए पंजीकृत संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स को ब्लैकलिस्ट करना।
- अपंजीकृत टेलीमार्केटर (यूटीएम) के विरुद्ध कार्रवाई जैसे चेतावनी देना, उन्हें उपयोग सीमा के अंतर्गत रखना या बार-बार उल्लंघन करने पर कनेक्शन काट देना।
- स्पैम कॉल करने वाले अपंजीकृत प्रेषकों के सभी दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट करने और ऐसे प्रेषकों को काली सूची में डालने के निर्देश।
- यूसीसी पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर एक्सेस प्रदाताओं के विरुद्ध वित्तीय निरुत्साहन (एफडी)।
दूरसंचार विभाग ने 21 नवम्बर 2024 को दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 अधिसूचित किए हैं, जिनमें यह भी प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी, छल या छद्मवेश धारण करके; कोई भी धोखाधड़ी वाला संदेश प्रेषित करके; कोई भी सुरक्षा घटना करने या करने का इरादा करके दूरसंचार साइबर सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जाएगा।
यह जानकारी संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।