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लेफ्टिनेंट जनरल जेएस सिदाना ने इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स के 33वें महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया

लेफ्टिनेंट जनरल जेएस सिदाना ने 01 अप्रैल, 2024 को इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (डीजीईएमई) के 33वें महानिदेशक और ईएमई कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट के रूप में पदभार संभाला। 38 वर्षों से अधिक के अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण रेजिमेंट, कमान, अनुदेशात्मक और स्टाफ नियुक्तियों के पद संभाले हैं। अपनी वर्तमान नियुक्ति से पहले, वे दो साल की अवधि के लिए ईएमई के मिलिट्री कॉलेज के कमांडेंट पद पर थे। वे मध्य कमान मुख्यालय के ईएमई के मास्टर जनरल रहे हैं और उन्होंने आर्मी बेस वर्कशॉप और ईएमई सेंटर की कमान संभाली है।

लेफ्टिनेंट जनरल जेएस सिदाना राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 14 दिसंबर, 1985 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ईएमई कोर में नियुक्त किया गया था। उनकी शैक्षणिक योग्यता में उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर, आईआईटी कानपुर से एम.टेक और पंजाब यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री शामिल है।

डीजीईएमई के रूप में कार्यभार संभालने पर, लेफ्टिनेंट जनरल जेएस सिडाना ने भारतीय सेना को प्रभावी इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करने के संदर्भ में प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति को अपनाने के लिए कोर के सभी स्तर के कर्मियों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पमाला अर्पित कर कोर के बहादुरों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

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घरेलू स्त्रियों का बायोडाटा नहीं होता.

घरेलू स्त्रियों का बायोडाटा नहीं होता….
उनकी तालीम और डिग्रियां कहीं धूल में सनी,
गर्द में दब जाती है….

वह खुद भूल जाती है कि उन्होंने तालीम हासिल की है
उन्हें याद रहता है बस पत्नी, बहू और मां की हासिल की हुई डिग्रियां

हर एक में अव्वल आना उनकी जिम्मेदारी है..
उनका कागजों का कोई औचित्य नहीं
जो ‘कागज’ कमा ना सके….

बहू के संस्कार से लेकर मां के संस्कार तक की तालीम में पीएचडी तो हो ही जाती है
यह जुदा है की ‘कमियां’ तो फिर भी रही जाती है…

अनपढ़, गंवार और तुम्हें कुछ मालूम नहीं है की डिग्रियां घर से ही मिल जाती है
इसीलिए उनका ‘बायोडाटा’ नहीं बस घरेलू स्त्री ही कहलाती है…

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी 

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कितनी आसान है राजग की सत्ता में वापसी की राह – डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है| 18वीं लोकसभा के लिए 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक सात चरणों में चुनाव सम्पन्न होंगे| यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा चुनाव होगा| जो 2019 के चुनाव को पीछे छोड़ते हुए 44 दिनों की अवधि वाला सबसे लम्बे समय तक चलने वाला आम चुनाव है| इस चुनाव के लिए 968 मिलियन भारतीय नागरिक मतदान हेतु पात्र माने गये हैं| जो कि 2019 के मुकाबले लगभग 150 मिलियन अधिक हैं| पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा| इस दिन 21 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप तथा पुद्दुचेरी की 102 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा| जबकि दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों असम, बिहार, छतीसगढ़, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों के लिए वोट डाले जायेंगे| तीसरे चरण में 7 मई को 12 राज्यों असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दादर नागर हवेली एवं दमन दीव की कुल 94 सीटों के लिए चुनाव सम्पन्न होगा| चौथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों आन्ध्र प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा जम्मू कश्मीर की कुल 96 सीटों पर मतदान होगा| पांचवें चरण में 20 मई को देश के 8 राज्यों छत्तीसगढ़, झारखण्ड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, एवं लद्दाख की 49 सीटों के लिए चुनाव होगा| छठे चरण में 25 मई को 7 राज्यों बिहार, हरियाणा, झारखण्ड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा दिल्ली की कुल 57 सीटों के लिए वोट पड़ेंगे और सातवें चरण में 1 जून को 8 राज्यों बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, ओडिशा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं चंडीगढ़ की कुल 57 सीटों पर मतदान होगा|

2024 के चुनावी समर में मुख्य मुकाबला राजनीतिक दलों के दो प्रमुख गठबन्धनों सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जन तान्त्रिक गठबन्धन तथा कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबन्धन (इण्डिया) के बीच होगा| छह राष्ट्रीय दल इस चुनाव में भाग ले रहे हैं| भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), बहुजन समाज पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी, तथा आम आदमी पार्टी| इनमें बसपा को छोड़कर शेष सभी राष्ट्रीय दल दो में से किसी एक गठबन्धन का हिस्सा हैं| बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी अधिकांश राज्यों में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी परन्तु तेलंगाना तथा हरियाणा में गैर-भाजपा एवं गैर-कांग्रेसी दलों के साथ गठबन्धन करेगी| वहीँ आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमन्त्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, ओडिशा के मुख्यमन्त्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल तथा मिजोरम के मुख्यमन्त्री लालदुहोमा की पार्टी मिजोरम पीपुल्स मूवमेंट अपने-अपने राज्य में अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगी|

सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची लगभग फ़ाइनल कर चुके हैं| अधिक से अधिक सीटों पर फ़तेह हासिल करना सबका लक्ष्य है| वैसे तो सत्तारूढ़ दल काफी मजबूत स्थिति में है| लेकिन विपक्ष के कई बड़े दलों द्वारा एक होकर इण्डिया गठबन्धन बनाने के बाद भाजपा को चुनावी वैतरणी पार करने के लिए कुछ मशक्कत करनी पड़ सकती है| देश की 13 अलग-अलग एजेंसियों द्वारा जनवरी 2023 से फरवरी 2024 के बीच कराये गये सर्वेक्षणों के आधार पर भाजपा गठबन्धन को 44.30 प्रतिशत वोट मिलने की आशा है| जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 36.52 प्रतिशत तथा अन्य दलों को 19 प्रतिशत के आसपास वोट मिल सकते हैं| 2019 में भाजपा गठबन्धन को 45.3 प्रतिशत वोट मिले थे| जबकि कांग्रेस को 28.5 प्रतिशत एवं अन्य को 27.2 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे| अब यदि उपरोक्त सर्वेक्षण के आधार पर सीटों की बात करें तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन को लगभग 341, भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबन्धन को 146 तथा अन्य दलों को 56 सीटें 2024 के लोकसभा चुनावों में मिलती हुई दिखाई देती हैं| राजग के प्रधानमन्त्री पद के दावेदार एक मात्र नरेन्द्र दामोदर दास मोदी हैं| जबकि इण्डिया गठबन्धन इस हेतु चुनाव के बाद निर्णय लेगा| 3 फरवरी 2024 को टाइम्स नाउ-ईटीजी रिसर्च सर्वेक्षण के अनुसार सर्वे में शामिल 64 प्रतिशत लोगों ने अगले प्रधानमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी को पसन्द किया है| जबकि राहुल गाँधी 17 प्रतिशत लोगों की पसन्द रहे| सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर यदि कहा जाये तो भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों के लिए सत्ता में वापसी काफी आसान लग रही है| लेकिन इस बीच चुनावी बांड को लेकर जिस तरह के खुलासे हो रहे हैं उससे भारतीय जनता पार्टी पर विशेष रूप से ऊँगली उठ रही है| जो सत्ता की राह में राजग के लिए एक स्पीड-ब्रेकर हो सकता है लेकिन दीवार  नहीं| क्योंकि चुनावी बांड का गणित देश के आम जन को जब तक पूरी तरह से समझ में आयेगा तब तक 18वीं लोकसभा का गठन हो चुका होगा और नरेन्द्र दामोदर दास मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ भी ले चुके होंगे| क्योंकि देश इस समय भावनात्मक मुद्दों की सुनामी के आगोश में फंसा हुआ है| जिसके कारण एक बहुत बड़ा वर्ग भ्रष्टाचार, मंहगाई तथा बेरोजगारी जैसे मुद्दों को गम्भीरता से लेना तो दूर, इन पर बात तक नहीं करना चाहता है और न ही कोई विपक्षी दल इन ज्वलन्त मुद्दों को धार दे पाने में सफल हो रहा है| इसके अतिरिक्त कांग्रेस सहित लगभग  सभी विपक्षी दल अपने नेताओं के भाजपा में पलायन से भी हलकान हैं| शाम को जिसके साथ चुनावी रणनीति बनती है अगली सुबह वह भाजपा के पाले में खड़ा दिखाई देता है| जिससे 2024 का आम चुनाव विकल्पहीनता की भेंट चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है| अतः राजग की सत्ता में पुनः वापसी की राह उसकी लोकप्रियता नहीं अपितु विकल्पहीनता के कारण पूरी तरह से आसान दिखाई दे रही है|

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सुश्री शेफाली शरण ने पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक का पदभार संभाला

सुश्री शेफाली बी. शरण ने कल श्री मनीष देसाई की सेवानिवृत्ति के बाद आज पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक का पदभार ग्रहण कर लिया है। सुश्री शरण भारतीय सूचना सेवा के 1990 बैच की अधिकारी हैं।

तीन दशकों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान, उन्होंने वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना और प्रसारण जैसे मंत्रालयों के लिए पत्र सूचना कार्यालय अधिकारी के रूप में बड़े पैमाने पर मीडिया प्रचार कार्यों को संभालने वाले कैडर संबंधी दायित्वों को निभाया है। वह भारत निर्वाचन आयोग की प्रवक्ता के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

साथ ही, उन्होंने ओएसडी (सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सूचना नीति, 2000-2002) के कैडर पोस्ट पर काम करने और 2007-2008 में एलएसटीवी, लोकसभा सचिवालय में निदेशक, प्रशासन एवं वित्त के रूप में दायित्व निभाने के अलावा केन्द्रीय कर्मचारी योजना प्रतिनियुक्ति के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय [पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली विभाग/आयुष विभाग (2002-2007)] और वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग 2013-2017) में निदेशक के रूप में भी काम किया है।

पदभार संभालने पर, सुश्री शरण का पत्र सूचना कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया।

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डी जी कॉलेज द्वारा चलाया गया मतदान का पर्व देश का गर्व अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता 29 मार्च डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज दिनांक 29 मार्च, 2024 को *मतदाता जागरूकता अभियान एवं नेकी की दीवार* कार्यक्रम के अन्तर्गत एक दिवसीय चतुर्थ शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेविकाओं द्वारा *मतदाता जागरूकता रैली* निकाली गई। जिसमें ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’, ‘प्रजातंत्र से नाता है, हम भारत के मतदाता है’ आदि नारों के द्वारा मतदान की अपील की गई। वॉलिंटियर्स के द्वारा बस्तिवासियो को संदेश दिया गया कि सभी सम्मानित नागरिकों को जागरूक होकर सही चुनाव के लिए देश हित में मतदान करना चाहिए। युवाओं से मतदान करने की अपील करते हुए टीम लीडर वर्षा सिंह ने उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि जब हम पहली बाहर कोई काम करते हैं तो उसका उत्साह-उमंग कुछ अलग ही हो ती है, यह हमारे लिए किसी पर्व से कम नहीं। अतः देश के विकास के लिए, सुशासन के लिए मतदान ज़रूर करें। मतदान करना हम सब का अधिकार एवम् कर्तव्य दोनो है ताकि एक मज़बूत लोकतंत्र का निर्माण हो।देश के प्रत्येक नागरिक को, जो अट्ठारह वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं, अपनी पसंद से प्रत्याशी चुनने का अधिकार है। आपके द्वारा दिया गया मत बेहतर कल के निर्माण में सहायक होगा। युवा देश के भावी कर्णधार है। अतः स्वस्थ एवं विकसित लोकतंत्र के लिए एक-एक वोट क़ीमती है। इस अवसर पर *मतदाता जागरूकता शपथ* भी दिलवाई गयी।तदुपरांत मलिन बस्ती में नेकी की दीवार कार्यक्रम के अन्तर्गत 30 बच्चो एवम् महिलाओं को पहनने योग्य साफ़ सुथरे वस्त्रों एवं दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाली खाद्य सामग्री, साबुन आदि का दान कर सहायता एवं सेवा कार्य किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में में टीम लीडर्स वर्षा सिंह, आदित्री, रूपा, नेहा रावत, काजल, स्नेहा नीलू निषाद, सोनी निषाद, अभिवायंजना सिंह, आकांक्षा यादव एवम् दीपिका समेत समस्त वॉलिंटियर्स तथा बस्तीवासियों का सहयोग सराहनीय रहा।

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गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया

भारत में दूरसंचार क्षेत्र एक परिवर्तनकारी सफलता के शिखर पर है, जो 5-जी, एम2एम/इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और संबद्ध तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों में प्रगति से प्रेरित है। स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शिक्षा जगत इस विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया है।

इस केंद्र का लक्ष्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, लाइसेंस, पंजीकरण धारकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को न केवल नियामक प्रक्रियाओं को सम्मिलित करने में बल्कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने में सहायता करके दूरसंचार क्षेत्र के विकास में सहयोग करना है। विभाग, दूरसंचार गुजरात कार्यालय, आरटीटीसी, एसजी हाईवे, जगतपुर, अहमदाबाद में प्रथम तल पर स्थित है। यह संभावित लाइसेंसधारी (टीएसपी, एनएलडी, आईएलडी, ऑडियोटेक्स, आदि) या पंजीकरण धारक (एम2एमएसपी, एनओसी, आईपी-1, आदि) को लाइसेंस प्राप्त करने और दूरसंचार विभाग से प्राधिकरण और उक्त लाइसेंस के भीतर निर्धारित नियमों और शर्तों को समझने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह केंद्र आरओडब्ल्यू, भवन उपनियम 2016 आदि से संबंधित मामलों पर भी सुविधा प्रदान करेगा। दूरसंचार सुविधा केंद्र का लक्ष्य वैश्विक और राष्ट्रीय एम2एम मानकों के माध्यम से मार्गदर्शन करके और पंजीकरण प्रक्रिया और अनुपालन को सुव्यवस्थित करके एम2एम सेवा प्रदाताओं के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह पीएम वाणी पीडीओए और ऐप प्रदाताओं के लिए पंजीकरण में भी सहायता करता है, जिससे पूरे गुजरात में वाई-फाई हॉटस्पॉट की तैनाती सक्षम हो जाती है। इसके अलावा, केंद्र दूरसंचार विभाग की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देकर दूरसंचार स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई), इनक्यूबेटर और हब को व्यापक सहायता प्रदान करेगा। ये योजनाएं टीटीडीएफ, डीसीआईएस, 5-जी उपयोग-केस प्रयोगशालाओं, कौशल विकास और हरित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों सहित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देती हैं।

विभाग दूरसंचार विभाग, एलएसए गुजरात ऑनलाइन नियुक्तियों को निर्धारित करके दूरसंचार सुविधा केंद्र की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक हितधारकों को आमंत्रित करता है। आमंत्रण की बुकिंग http://tiny.cc/TelecomFacilitationCentre के माध्यम से या नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके की जा सकती है।

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रंग दे गुलाल मोहे…

होली करीब आते जा रही थी और मेरे मन में उमंगे बढ़ती जा रही थी। इस बार पक्का सोच लिया था कि प्रतीक को ढेर सारा गुलाल लगाऊंगी और खुद लगवाऊंगी भी। मैं खास होली के लिए सफेद रंग की ड्रेस भी खरीद कर ले आई थी।

नई-नई शादी और शादी के बाद मेरी पहली होली कुछ ज्यादा ही रोमांच था मेरे भीतर। मैं तरह-तरह के पकवान बनाने में व्यस्त हो गई। होली में गुझिया बहुत पसंद थी मुझे और हमारे यहां तो भांग की गुजिया भी बनाई जाती है। भाभियां अपने देवरों को भांग की गुझिया खिला देती और भांग भी बहुत पी जाती थी हमारे यहाँ। लेकिन मैंने इस सब का इंतजाम नहीं किया था क्योंकि मैं रंग में भंग नहीं डालना चाहती थी। मुझे बस प्रतीक के साथ होली खेलनी थी और उसके साथ समय बिताना था ताकि मेरी पहली होली की यादें हमेशा रंगीन रहे।
नीरजा! नीरजा ! कहां हो तुम? प्रतीक की आवाज आई।
मैं:- “आ रही हूं, बोलो क्या काम है? क्यों घर को सर पर उठा रखा है?”
प्रतीक:-  “चलो बाजार चलते हैं। रंग गुलाल और पूजा का सामान वगैरा ले आते हैं, फिर बाद में मेरे पास वक्त नहीं होगा।”
मैं:-  “अच्छा ठीक है! कुछ देर रुको मैं जरा हाथ का काम निपटा लूं फिर आती हूं।” दस मिनट बाद हम लोग बाजार सामान लेने के लिए निकल गए। रंगों को देखकर मेरा मन मचलने लगा। मन हुआ कि अभी प्रतीक को गुलाल मल दूं लेकिन मैंने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखा। जरूरत की चीजें खरीद कर हम घर आ गए।
प्रतीक अगली सुबह ही दोस्तों के साथ बाहर चले गए। मैंने फोन किया तो उठाया नहीं और दोपहर में घर आए तो कुछ नशे की हालत में दिखे। मैंने कहा, “आज से ही पीना शुरू कर दिया? होली तो कल है?”
प्रतीक:- “अरे ! दोस्तों के साथ था तो थोड़ी ले ली। अब मुझे खाना दो बहुत भूख लगी है।
मैं:-  “तुम्हारे कपड़े खराब है तो पहले नहा लो और मैं नींबू पानी लाती हूं तुम्हारे लिए।”
प्रतीक:- “नहीं ! मुझे वापस जाना है सब मेरा इंतजार कर रहे हैं बाद में आकर नहाऊंगा मैं।”
मैं:- “प्रतीक तुम्हारी हालत ठीक नहीं है और अब तुम्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आराम करो। कल होली खेलेंगे।”
प्रतीक :- “तुम चुप रहो! फालतू बातें मत किया करो, मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तुम मत बताओ। जो कहा है वह करो।”
मुझे प्रतीक का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा लेकिन मैं चुप रही। मेरे बहुत मना करने के बाद भी प्रतीक अपने दोस्तों के पास चले गए। रात को भी बहुत देर से घर आये और बहुत नशे में थे। आते ही सो गये। मैं जो इतने सपना संजो कर बैठी थी वह टूटते दिखाई दे रहे थे। सुबह होली की पूजा थी और प्रतीक सो रहे थे। मैंने प्रतीक को आवाज दी।
मैं:- “प्रतीक उठो आठ बज गए हैं।”
प्रतीक हड़बड़ा कर उठ गया ।
प्रतीक:- “अरे आठ बज गए तुमने मुझे उठाया क्यों नहीं?”
मैं:- “मैंने उठाया था लेकिन तुम उठे नहीं। अब उठ जाओ मैं चाय लेकर आती हूं।”
प्रतीक हाथ मुंह धोने चला गया और चाय पीकर फ्रेश होकर कब चला गया मुझे मालूम ही नहीं पड़ा। मैंने फोन लगाया और पूछा, “अरे! कहां चले गए आप? नाश्ता भी नहीं किया?”
प्रतीक:- “हां! मैं मेरे दोस्तों के साथ हूं। एक दोस्त के फार्म हाउस पर जा रहे हैं हम सब लोग।”
मैं:- “आज के दिन मुझे आपके साथ होली खेलनी थी। मम्मी पापा के यहां जाना था।”
प्रतीक:- “देखो आज तो समय नहीं है कल जाएंगे वहां और मैं आता हूं तब खेल लेना होली। यही एक दो दिन का तो मौका मिलता है जो मैं दोस्तों के साथ बिता सकता हूं और तुम पास में भाभी और दीदी है ना खेल लेना उनके साथ। अच्छा खाने पर मेरा इंतजार मत करना।”
मैं दुखी हो गई और मुझे सारे रंग फीके लगने लगे। मैं काम में लग गई और फिर बाद में तबीयत ठीक नहीं है का बहाना करके कमरे में आ गई। बाहर होली है… होली है की आवाजें… बच्चों की चिल्लाने की आवाजें आ रही थी और मैं अंदर ही अंदर कुढ़ रही थी। थकावट के कारण मेरी आंख लग गई थी कि प्रतीक के आने की आहट हुई। प्रतीक पूरे रंग में रंगे हुए थे।
प्रतीक:- “अरे! लेटी क्यों हो तुम? गई नहीं कहीं?”
मैं:- “नहीं मन नहीं हुआ।”
प्रतीक:- “अच्छा कुछ ले आओ खाने के लिए बहुत भूख लग रही है।”
मैं:- “क्यों वहां कुछ खाया नहीं?”
प्रतीक:- “खाया पर पता नहीं क्यों भूख लग रही है फिर से।”
मैं:- “अच्छा आती हूं लेकर।” मैं गुझिया पापड़ लेकर कमरे में आ गई कि प्रतीक ने गुलाल की थैली मेरे ऊपर पलट दी और आगे बढ़कर अपना गाल मेरे गाल से लगाकर गुलाल लगा दिया और पास आकर कहा “होली है”। मैं खुशी और शर्म से लाल हो गई। मैं प्रतीक को देखे जा रही थी।
प्रतीक:-  “सुबह से तो कह रही थी कि आपके साथ होली खेलनी है, अब सब छोड़ कर आया हूं तो ऐसे क्यों खड़ी हो?”
खाने की प्लेट जो रंग से रंग गई थी मैंने बाजू में रख दी और हाथों में रंग लेकर प्रतीक को रंग दिया। मेरी होली रंगीन होने लगी थी और मन गा रहा था…. मल दे गुलाल मोहे…. कि आई होली आई रे…….। ~प्रियंका वर्मा माहेश्वरी 

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भारतीय नौसेना ने समुद्री डकैती विरोधी अभियान चलाकर एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों से बचाया

अरब सागर में गश्त पर तैनात आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से अधिक समय तक चले तलाशी अभियान के बाद 16 मार्च 24 को सोमालियाई समुद्री डाकुओं से मालवाहक जहाज एमवी रुएन को बचाया। मालवाहक जहाज का पिछले साल दिसंबर में अपहरण कर लिया गया था। अब तक यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था।

समुद्री सुरक्षा अभियानों के तहत भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में व्यापक निगरानी कर रही है, जिसमें यातायात की निगरानी भी शामिल है। निगरानी के दौरान जुटाई गई सूचना के आधार पर भारतीय नौसेना रुएन जहाज की गतिविधि को ट्रैक करने में सक्षम थी। इस आधार पर आईएनएस कोलकाता को सोमालिया से लगभग 260 नॉटिकल माइल (एनएम) पूर्व में जहाज को रोकने का निर्देश दिया गया। आईएनएस कोलकाता ने 15 मार्च 24 की सुबह रुएन को रोका और जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के माध्यम से सशस्त्र समुद्री डाकुओं की उपस्थिति की पुष्टि की। समुद्री डाकुओं ने भड़काऊ कार्रवाई करते हुए ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए संतुलित प्रतिक्रिया अपनाकर आईएनएस कोलकाता ने रुएन जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया। इसके परिणामस्वरूप समुद्री डाकुओं को जहाज रोकना पड़ा।
इस दौरान आईएनएस कोलकाता ने सुनियोजित तरीके से जहाज के करीब निकटता बनाए रखी। इसके अलावा बातचीत की प्रक्रिया भी सक्रिय रूप से जारी रही। इसके परिणामस्वरूप समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और समुद्री जहाज एमवी रुएन और जहाज पर मौजूद उसके चालक दल को रिहा कर दिया। भारत की मुख्य भूमि से 1400 नॉटिकल माइल (एनएम)(2600 किमी) दूर चल रहे समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों से 16 मार्च 24 की सुबह उस क्षेत्र में गश्ती पोत आईएनएस सुभद्रा की तैनाती की गई। इसके साथ ही उसी दिन दोपहर में सी-17 विमान द्वारा मरीन कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप किया गया। इसके अतिरिक्त हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान की मदद से जहाज की निगरानी की जा रही थी।

पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के निरंतर दबाव और कार्रवाई के कारण सभी 35 सोमाली समुद्री डाकुओं ने 16 मार्च 24 की दोपहर को आत्मसमर्पण कर दिया। एमवी रुएन के सभी 17 चालक दल के सदस्यों को भी बिना किसी चोट सुरक्षित निकाल लिया गया। जहाज को अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित पदार्थों से भी मुक्त कर दिया गया।
17 मार्च 2024 की सुबह एमवी रुएन की जांच की जाएगी। इस पर लगभग 37800 टन माल लदा हैजिसकी कीमत लगभग एक मिलियन डॉलर है। इस जहाज को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा।
दक्षिणी भारतीय महासागर क्षेत्र (आईओआर) में रुएन से जुड़े चल रहे एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन का निष्कर्ष शांति एवं स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के किसी भी प्रयास को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। भारतीय नौसेना भारतीय महासागर क्षेत्र में ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ (‘प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले देश’) के रूप में अपनी भूमिका निभाने को लेकर दृढ़ है।

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प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ने मैसर्स पेप्ट्रिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और फाउंडेशन फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज रिसर्च (एफएनडीआर) को इनोवेटिव एंटीबायोटिक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 75 लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया

स्वास्थ्य देखभाल नवाचार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभिनव पहल में, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड- टीडीबी) नेमेसर्स पेप्ट्रिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और फाउंडेशन फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज रिसर्च (एफएनडीआर), बेंगलुरु के साथ इसी 18 मार्च को एक समझौता किया है। इस समझौते के अंतर्गत बोर्ड ने “एएनएजीआरएएनआईएनएफ – ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरियल-संक्रमण के लिये एंटीबायोटिक दवाओं की एक नवीन श्रेणी का विकास” परियोजना के लिए 75 लाख रूपये के अनुदान की स्वीकृति दी है, जबकि कुल परियोजना लागत 1.5 करोड़ रूपये है।

 

माना जाता है कि इस सहयोगात्मक प्रयास से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना भारत और स्पेन की कंपनियों के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जिसमें एबीएसी थेरेप्यूटिक्स एसएल स्पेनिश प्रोजेक्ट लीड के रूप में कार्यरत है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और प्रौद्योगिकी और नवाचार विकास केंद्र, ई.पी.ई. (सेंटर फॉर द डेवलपमेंट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन – सीडीटीआई) के नेतृत्व में इस द्विपक्षीय कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच साझेदारी और व्यापार-आधारित सहयोगी परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुए बाजार-संचालित अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है, जिससे कि स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को आगे बढ़ाया जा सके।

इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य विशेष रूप से एक एंटीबायोटिक युक्त एक नवीन सीसा यौगिक (लैड कंपाउंड) विकसित करना है, जो फैबआई (एफएबीआई)  एंजाइम [एस्चेरिचिया कोली का एनॉयल-[एसिल-वाहक-प्रोटीन] रिडक्टेस (फैबीआई), जो फैटी एसिड जैवसंश्लेषण में एक प्रमुख नियामक कदम को उत्प्रेरित करते हुए  एनएडीएच और एनएडीपीएच को सहकारकों के रूप में स्वीकार करता है और पामिटॉयल-सीओए द्वारा बाधित होता है] को रोकने और महत्वपूर्ण ग्राम-नकारात्मक (नेगेटिव) रोगजनकों (पैथोजेन्स) से निपटने में सक्षम हो। स्वामित्वाधीन (प्रोपेराईटरी) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों की क्षमता का उपयोग करते हुए और प्रवेशात्मक (ईएनटीआरआई) नियमों जैसे कड़े दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, परियोजना का लक्ष्य यौगिकों की एक ऐसी श्रृंखला का उत्पादन करना है जो न केवल बढ़ी हुई प्रभावकारिता प्रदर्शित करती है बल्कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) संक्रमण से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित कठोर मानदंडों के अनुरूप भी है।

चयनित कार्यकारी (हिट) अणु एमएमवी 1578564 ने ग्राम-नेगेटिव रोगजनकों के विरुद्ध ऐसी आशाजनक गतिविधि प्रदर्शित की है, जो आगे के अनुसंधान और विकास प्रयासों के लिए एक आधार के रूप में काम कर रही है। इसके अलावा, परियोजना का लक्ष्य एक ऐसे प्रतिस्पर्धी  की पहचान करना है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवाचार मानदंडों को पूरा करते हुए  एक नई रासायनिक संरचना सुनिश्चित करता है और वर्तमान  वाणिज्यिक वर्गों के साथ किसी भी प्रकार की टकराहट से बचते हुए  एक नए लक्ष्य और कार्रवाई के  एक नए  तंत्र को सुनिश्चित करता है।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने इस अवसर पर कहा कि  “इस सहयोगात्मक पहल के माध्यम से, टीडीबी रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी माईक्रोबियल रेजिस्टेंस) जैसी महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से अग्रणी अनुसंधान प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। साथ ही बोर्ड सामाजिक लाभ के लिए नवीन विचारों को मूर्त समाधानों में बदलने की सुविधा प्रदान करने के अपने उद्देश्य  पर दृढ़प्रतिज्ञ है।

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प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री  मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के रोडमैप पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भारत की छाप छोड़ने का उल्‍लेख किया और नवाचार तथा स्टार्ट-अप संस्कृति के उभरते रुझानों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप जगत के लोगों की उपस्थिति आज के अवसर के महत्व को दर्शाती है। देश में स्टार्ट-अप की सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उस मौलिक प्रतिभाशाली तत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया जो उन्हें सफल बनाता है। उन्होंने निवेशकों, इनक्यूबेटरों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के अग्रणी सदस्यों और वर्तमान एवं भविष्य के उद्यमियों की उपस्थिति को स्वीकारते हुए कहा कि वास्तव में यह महाकुंभ अभूतपूर्व ऊर्जा और जीवंतता का निर्माण कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे खेल और प्रदर्शनी स्टॉलों का दौरा कर रहे थे, तो उन्‍हें इसी भावना का अनुभव हुआ। इन स्‍टॉलों पर लोगों ने बड़े गर्व से अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। उन्‍होंने कहा कि स्टार्ट-अप महाकुंभ में आने वाला कोई भी भारतीय भविष्य के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का साक्षी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने सही नीतियों के कारण देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास पर संतोष व्यक्त किया। समाज में स्टार्टअप की अवधारणा के प्रति शुरुआती अनिच्छा और उदासीनता का स्‍मरण करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत समय के साथ नवोन्‍मेषी विचारों को मंच मिला। उन्होंने फंडिंग स्रोतों और शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेटरों के साथ विचारों को जोड़कर इकोसिस्टम के विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं को सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप एक सामाजिक संस्कृति बन गया है और सामाजिक संस्कृति को कोई नहीं रोक सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व छोटे शहरों द्वारा किया जा रहा है और यह क्रांति कृषि, वस्त्र, चिकित्सा, परिवहन, अंतरिक्ष, योग और आयुर्वेद सहित कई क्षेत्रों में परिलक्षित हो रही है। अंतरिक्ष स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र में 50 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें स्पेस शटल का प्रक्षेपण भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स के बारे में बदलती सोच पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स ने यह मानसिकता बदल दी है कि व्‍यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक धनराशि की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने का रास्ता चुनने के लिए देश के युवाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत में 1.25 लाख स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। यहां तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 12 लाख युवा सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपने पेटेंट शीघ्रता से दाखिल करने के प्रति सतर्क रहने को कहा। जीईएम पोर्टल ने व्यवसायों और स्टार्टअप्स को 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक प्रदान किए हैं। उन्होंने नए क्षेत्रों में जाने के लिए युवाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतिगत मंचों पर शुरू किए गए स्टार्ट-अप आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

डिजिटल इंडिया द्वारा स्टार्ट-अप को प्रदान किए गए प्रोत्साहन को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़ा प्रेरणा स्रोत है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि कॉलेज इसे एक अध्‍ययन के रूप देखें। उन्होंने कहा कि यूपीआई फिन-टेक स्टार्ट-अप के लिए समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत मंडपम में स्थापित एक बूथ पर उद्योग और वैश्विक नेताओं की लंबी कतारों को याद किया, जिसमें यूपीआई की कार्यप्रणाली समझाई गई थी और ट्रायल रन की पेशकश की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे वित्तीय समावेशन सुदृढ़ हुआ है और ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर खाई में कमी आई है। प्रौद्योगिकी का विस्‍तार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तक हुआ है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्ट-अप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं, चाहे वह शिक्षा, कृषि या स्वास्थ्य हो।

प्रधानमंत्री ने न केवल विकसित भारत के लिए बल्कि मानवता के लिए नवाचार की संस्कृति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने स्टार्टअप-20 के अंतर्गत वैश्विक स्टार्टअप के लिए एक मंच प्रदान करने की भारत की पहल का उल्लेख किया जो स्टार्टअप को विकास इंजन के रूप में स्‍वीकार करता है। उन्होंने आर्टिफिशिएल इंटलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भी भारत का पलड़ा भारी होने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने एआई उद्योग के आगमन के साथ युवा अन्वेषकों और वैश्विक निवेशकों दोनों के लिए सृजित हो रहे कई अवसरों को रेखांकित किया और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन एवं सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले अमेरिकी सीनेट में अपने संबोधन के दौरान एआई पर चर्चा को याद किया और आश्वासन दिया कि भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बना रहेगा। उन्‍होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान दुनिया के कई देशों के लिए मददगार बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने हैकथॉन आदि के माध्यम से भारतीय युवाओं से सीखने की वैश्विक इच्छा को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परिस्थितियों में परीक्षण किए गए समाधानों को वैश्विक स्वीकृति मिली है। उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और सनराइज सेक्टर क्षेत्रों में भविष्य की आवश्‍यकताओं के लिए अनुसंधान व योजना के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उल्लेख भी किया।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स से कहा कि वे लोगों की मदद करें और जो उन्‍होंने समाज से ग्रहण किया है वे उसे सहायता के माध्‍यम से लौटाएं। उन्‍होंने संस्‍थानों से कहा कि वे स्‍टार्टअप्‍स क्षेत्रों में शामिल हों। उन्होंने उनसे इनक्यूबेशन केंद्रों, स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करने और छात्रों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए कहा। उन्‍होंने हैकथॉन के माध्यम से लिए सरकारी समस्या विवरण के समाधान में युवाओं को शामिल करने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शासन में कई अच्छे समाधान अपनाए गए और समाधान तलाशने के लिए हैकथॉन संस्कृति सरकार में स्थापित हुई। उन्होंने व्यवसायों और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) में इसका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने महाकुंभ में शामिल लोगों से कहा कि वे कार्रवाई योग्य बिंदुओं को सामने लाए।

प्रधानमंत्री ने भारत को 11वें स्थान से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में युवाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्‍होंने तीसरे कार्यकाल में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी को पूरा करने में स्टार्टअप द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर भी प्रकाश डाला। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के साथ बातचीत करना उन्हें नई ऊर्जा से भर देता है। उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और श्री सोम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।

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