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विविधा

एस.एन. सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज में विवेकानंद जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) पर विशेष समारोह आयोजित

कानपुर 12 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज सभागार में महाविद्यालय की 17वीं बटालियन यू.पी. गर्ल्स से जुड़ी एनसीसी शाखा तथा ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल तथा महिंद्रा इंस्टिट्यूट के द्वारा ‘स्वामी विवेकानंद जयंती’ “राष्ट्रीय युवा दिवस” के अवसर पर एक प्रेरणादायक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स द्वारा स्वामी जी के विभिन्न प्रेरणादायी विचारों से संबंधित पोस्टर बनाएं जाने के साथ ही महाविद्यालय में नवनिर्मित स्मार्ट क्लास में विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित फिल्म का भी प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आज के मुख्य वक्ता श्री अंकित त्रिवेदी व सुश्री अंजलि त्रिवेदी, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, रोजगार प्रकोष्ठ प्रभारी प्रोफेसर गार्गी यादव, एनसीसी कोष्ठ प्रभारी डॉ प्रीति यादव तथा महाविद्यालय की मुख्य अनुशासिका कैप्टन ममता ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां की चित्र व स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्या ने अपने संबोधन में बताया कि मानव जाति में युवा वर्ग सबसे ज्यादा शक्तिशाली है और भारत देश में सबसे ज्यादा युवा शक्ति है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं को शक्तिशाली बनाने हेतु अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं, जिसका लाभ लेकर देश के युवा स्वयं का व अंततः अपने देश व समाज का विकास कर सकते है। युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए देश सेवा के प्रति अपने आप को समर्पित करने का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. गार्गी यादव ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया|कार्यक्रम में डा प्रीति सिंह , डॉ मीनाक्षी व्यास ,डॉ शैल बाजपेयी डॉ प्रीता अवस्थी तथा अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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श्री श्याम सिंह चौहान सेवा संस्थान द्वारा जरूरतमंदो को कम्बल वितरण

कानपुर 11 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता। वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय श्याम सिंह चौहान की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर श्री श्याम सिंह चौहान सेवा संस्थान द्वारा आज ग्राम कठारा में ग्राम पंचायत भवन परिसर में जरूरतमंदों को हाड़ कपाऊ जाड़े से बचाव हेतु कम्बल वितरण किया गया।

संस्था के सचिव अधिवक्ता अमित सिंह चौहान ने बताया कि आज वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय श्याम सिंह चौहान की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर क्षेत्र के जरूरतमंदों को कम्बल वितरण किया गया। यह भी बताया कि विगत तीन वर्षों से संस्था द्वारा जरूरतमंदों को कम्बल वितरण करने का कार्य किया जा रहा है। इस बार लगभग दो सैकड़ा से अधिक लोगों को कम्बल दिया गया।
संस्था की अध्यक्ष किरन सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा समाज में जरूरतमंदों की सेवा करना ही संस्था का प्रमुख कर्तव्य है। समय – समय पर संस्था द्वारा समाज में असहाय, गरीब लोगों की मदद की जाती है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप में भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य श्याम सिंह पंवार, अधिवक्ता अमित सिंह चौहान (सचिव), अखिलेश सिंह (पत्रकार), पवन सिंह भदौरिया, राज बहादुर सिंह, अरविंद (प्रधान), शिव बरन सिंह चौहान, अधिवक्ता आनंद ओझा, बबलू द्विवेदी, अरविन्द मिश्रा, प्रमोद सिंह, बालेन्द्र सिंह, आयुष द्रिवेदी व अन्य सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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27वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में हिस्सा लेने कानपुर विश्वविद्यालय से नासिक के लिए टीम रवाना

कानपुर 11 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा 27वां राष्ट्रीय युवा उत्सव नासिक, महाराष्ट्र में 12 जनवरी से 16 जनवरी 2024 के मध्य मनाया जा रहा है। डॉ श्याम मिश्रा, राष्ट्रीय सेवा योजना छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा अवगत कराया गया कि इस युवा महासम्मेलन में राष्ट्रीय सेवा योजना, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से 11 स्वयंसेवकों का दल टीम लीडर डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में आज कानपुर सेंट्रल से नासिक के लिए रवाना हुआ। इसमें डी जी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही का चयन राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड कंटिजेंट लीडर के रूप में किया गया। साथ में डी जी कॉलेज की दो छात्राओं वर्षा सिंह एवं आरती वर्मा का चयन प्रतिभागी के रूप में हुआ। डी ए वी कॉलेज से ऋषि श्रीवास्तव, आकांक्षा सक्सेना एवं प्रज्ञा वाखले, बी एन डी कॉलेज से सक्षम मिश्रा, अरमापुर कॉलेज से रूपेंद्र सिंह यादव, डी एस एन कॉलेज उन्नाव से शिवांगी मिश्रा एवं आदर्श पांडे, एल वाई कॉलेज, फर्रुखाबाद से रजत गुप्ता एवं रमन चतुर्वेदी का चयन युवा सम्मेलन प्रतिभागियों के रूप में किया गया। जिसमें वे विभिन्न संस्कृत अकादमी एवं खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे। उत्तर प्रदेश से कुल 60 प्रतिभागियों तथा 6 कार्यक्रम अधिकारियों का चयन क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय सेवा योजना, उत्तर प्रदेश एवम् उत्तराखंड के द्वारा उक्त कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए किया गया है।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने पंजाब में 4,000 करोड़ रुपये की 29 राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने पंजाब को राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से विकास के पथ पर ले जाते हुए, आज पंजाब के होशियारपुर में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 29 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, पंजाब भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सहित सांसद, विधायक और अधिकारी भी उपस्थित थे।

आज लोकार्पण और शिलान्यास की गई परियोजनाओं के कार्यान्वयन से बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे कार्यान्वयन क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास होगा और निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। यातायात की निर्बाध और मुक्त आवाजाही होगी जिससे माल परिवहन की दक्षता में भी सुधार होगा।

फगवाड़ा और होशियारपुर बाईपास सहित इस खंड के 4-लेन के निर्माण से फगवाड़ा और होशियारपुर के बीच 100 किलोमीटर प्रति घंटे की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रा का समय 1 घंटे से घटकर 30 मिनट हो जाएगा। फगवाड़ा और होशियारपुर बाईपास शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करेगा और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (जीटी रोड) के माध्यम से होशियारपुर को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। लुधियाना में जीटी रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग 5 को जोड़ने वाले 4-लेन वाले लाडोवाल बाईपास के निर्माण से लुधियाना-फिरोजपुर राजमार्ग को दिल्ली-जालंधर राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 44) से सीधी कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

तलवंडी भाई से फिरोजपुर खंड और फिरोजपुर बाईपास के 4-लेन के निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इन परियोजनाओं के निर्माण से देश के राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ेगी और आवाजाही तेज होगी। परियोजना क्षेत्रों में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थलों और अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी में सीधी वृद्धि होगी।

आज आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से श्री नितिन गडकरी ने सड़क कनेक्टिविटी के संदर्भ में अन्य नई परियोजनाओं की भी घोषणा की। इस घोषणा में 1600 करोड़ रुपये की लागत से जालंधर से पठानकोट मार्ग पर मुकेरियां, दसुइया और भोगपुर में 45 किलोमीटर के 4-लेन बाईपास और 800 करोड़ रुपये की लागत से टांडा से होशियारपुर तक 30 किलोमीटर के 4-लेन बाईपास का निर्माण शामिल है।

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राजस्थान के पत्रकारों की एक टीम की असम की छह दिन की यात्रा आज से शुरू

पत्र सूचना कार्यालय की पहल पर राजस्थान के सात पत्रकार असम की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का उद्देश्य असम में बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में किए गए अहम उपायों के साथ वहां के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का प्रदर्शन करना है।

पत्रकारों की इस टीम ने आज असम में जोरहाट जिले के आईएसबीटी ताराजान में विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) शहरी शिविर का दौरा किया। इस मौके पर पत्रकारों की इस टीम के अलावा श्री ध्रुबज्योति नाथ, एसडीओ और कार्यकारी अधिकारी, जोरहाट और श्री बिक्रम नेवार, सहायक आयुक्त के साथ ही जोरहाट नगर निगम बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

पत्रकारों की टीम ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की और जोरहाट जिले में वीबीएसवाई के प्रभाव को परखा।

असम सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री तन्मय आचार्य ने एक पहल “संचय लक्ष्मी” साझा की, जिसमें बचत की आदत विकसित करने और वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए बालिकाओं को गुल्लक दिए जाते हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जिला हब (डीएचईडब्ल्यू), जोरहाट ने सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के फॉर्म और ब्रोशर के साथ-साथ बालिकाओं के माता –पिता को ताला-चाबी की सुविधा के साथ गुल्लक वितरित किए। सुकन्या समृद्धि योजना खास तौर पर बालिकाओं के लिए छोटी बचत आधारित सरकार की योजना है और इसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।

इन पत्रकारों ने भी महिलाओं को मिले गुल्लक में कुछ पैसे का योगदान किया। महिला लाभार्थियों ने भी अपनी कहानियों और सरकार की कई योजनाओं के लाभों को साझा किया। इसके बाद पत्रकारों की टीम ने जोरहाट में स्वारगादेओ चोलुंग सुई-का-फा समन्वय क्षेत्र का दौरा किया। यह जिले में सांस्कृतिक-सह-शैक्षिक केंद्र है। इस टीम ने संग्रहालय का दौरा किया और अहोम साम्राज्य की संस्कृति और इतिहास के बारे में जाना। इस केंद्र में सुई-का-फास्मारक, संग्रहालय, कला एवं शिल्प केंद्र, कारीगर के गांव आदि मौजूद हैं।

यह पत्रकारों के लिए संतोषप्रद दिन रहा क्योंकि उन्हें राज्य में सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक विकास को नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला।

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प्रधानमंत्री 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे और राष्‍ट्र के युवाओं को संबोधित करेंगे।

इस वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस देश भर के जिलों में युवा कार्यक्रम विभाग के समस्‍त क्षेत्रीय संगठनों द्वारा विविध सरकारी विभागों के सहयोग से मनाया जाएगा। देश भर में ‘माई भारत’ के स्वयंसेवी एनएसएस इकाइयों, एनवाईकेएस और कई शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से भारत के लिए स्वयंसेवक गतिविधियों का संचालन करने हेतु अपनी ऊर्जा का समन्वय करेंगे। युवा क्लब भी इस उत्सव में अपनी जोशपूर्ण ऊर्जा का संचार करेंगे, जिससे सही मायनों में समावेशी वातावरण सुनिश्चित होगा। इस अभियान में 88,000 से अधिक स्वयंसेवक भाग लेंगे।

इन आयोजनों के लिए स्वयंसेवकों का पंजीकरण माई भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म (https://mybharat.gov.in) के माध्यम से होता है। देश के प्रमुख शहरों और 750 जिला मुख्यालयों में 12 जनवरी को सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय/राज्य मंत्रियों, स्थानीय सांसदों या विधायकों द्वारा इन प्रशिक्षित सड़क सुरक्षा स्वयंसेवकों के कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा, जो एक गहन अभियान के माध्यम से सुरक्षित कल के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन स्वयंसेवकों को यातायात के जाम की समस्‍या से ग्रस्‍त क्षेत्रों में यातायात को संभालने में सहायता करने और सड़क सुरक्षा जागरूकता गतिविधियों का संचालन करने के लिए तैनात किया जाएगा।

ये स्वयंसेवक बच्चों को कहानी सुनाने के सत्र के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में भी जाएंगे और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार करेंगे।

12 जनवरी 2024 को स्वामी विवेकानन्द की जयंती है और इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा कार्यक्रम विभाग देश के कोने-कोने के युवाओं को शामिल करने और उन्‍हें सशक्त बनाने के अद्वितीय और व्यापक दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 के अवसर पर देश के 763 जिलों में जिला स्तरीय मेगा कार्यक्रम का आरंभ स्वामी विवेकानन्द को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगा।

कार्यक्रम के अंत में युवा उत्सव के विजेताओं के साथ-साथ मेजबान संस्थानों की टीमों/व्यक्तियों की भागीदारी के साथ जिले की विविध सांस्कृतिक विरासत और युवाओं की प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा।

भागीदार मंत्रालय और उनके जिला स्तरीय कार्यालय 12 जनवरी 2024 को यातायात जागरूकता, पोषण एवं आहार, केवीआईसी स्टार्टअप के उत्पादों, पीएमईजीपी लाभार्थियों आदि पर केंद्रित मेगा कार्यक्रम के साथ विभिन्न प्रदर्शनियों/गतिविधियों/नामांकन/जागरूकता अभियानों के साथ ही साथ स्टॉल भी लगाएंगे। युवाओं तक बेहतर पहुंच बनाने के उद्देश्‍य से उपरोक्त सभी कार्यक्रम जिला स्तर पर डिजिटल माई भारत प्लेटफॉर्म पर सृजित किए जा रहे हैं । ऐसे कार्यक्रमों का सृजन बाहरी गतिविधियों में प्रत्येक जिले का विलक्षण चरित्र और युवा आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया जाना सुनिश्चित करता है।

भारत भर के युवा अपने निकट हो रही गतिविधियों में भाग लेने में रुचि दिखा सकते हैं। वे माई भारत प्लेटफॉर्म पर अपनी भागीदारी की तस्वीरें और मीडिया भी अपलोड कर सकते हैं।

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भारत की पहली अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद ने नदी पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये आवंटित किये

कोलकाता में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) का पहला संस्करण देश के अंतर्देशीय जलमार्गों की क्षमता और व्यवहार्यता बढ़ाने के प्रयास में कई पहलों के साथ संपन्न हुआ। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ नीति निर्माताओं और उद्योग जगत की हस्तियों सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

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इस बैठक में देश में आर्थिक विकास और वाणिज्य के माध्यम के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों को सक्षम करने के उद्देश्य से, देश में नदी क्रूज पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई। इस बड़ी राशि में से, अनुमानित रूप से 35,000 करोड़ रुपये क्रूज़ जहाजों के लिए और अमृतकाल के अंत में यानी 2047 तक क्रूज़ टर्मिनल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। कार्गो व्यापार के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ाने के लिए 15,200 करोड़ रुपये का निवेश अक्टूबर, 2023 में मुंबई में आयोजित ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) में आया है। इससे 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज होने की संभावना है, जिससे 2047 तक कार्गो व्यापार की मात्रा 500 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ जाएगी। श्री सोनोवाल ने आज कोलकाता में आईडब्ल्यूडीसी के उद्घाटन सत्र में ‘हरित नौका’ दिशानिर्देश और ‘नदी पर्यटन रोडमैप, 2047’ भी जारी किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत 2014 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में प्रभावशाली ढंग से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था की विशाल क्षमता को महसूस किया जाना चाहिए क्योंकि हम पीएम श्री मोदी के एक विजन नीली अर्थव्यवस्था में दुनिया भर में अग्रणी बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की स्थापना हमारे समृद्ध, जटिल और गतिशील जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई थी। प्राचीन काल से ही जलमार्ग आर्थिक वृद्धि और मानव सभ्यता के विकास का माध्यम रहा है। हालांकि, समृद्धि के ये शानदार सिद्ध रास्ते दशकों तक उपेक्षित रहे, जिसके परिणामस्वरूप देश की अमूल्य संपत्ति बर्बाद हो गई। हमारे जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के लिए आईडब्ल्यूडीसी एक आधुनिक दृष्टिकोण, स्पष्ट रणनीति और अमृतकाल के अंत तक आत्मनिर्भर भारत के लिए सतत विकास सुनिश्चित करने के लक्ष्य की ओर प्रयास कर रहा है।

आईडब्ल्यूडीसी में नदी क्रूज़ पर्यटन के लिए उपयुक्त अतिरिक्त 26 जलमार्गों की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया था। अभी 8 जलमार्गों की परिचालन क्षमता है। इसी दौरान रात्रि विश्राम वाले क्रूज़ सर्किट की संख्या 17 से बढ़ाकर 80 की जाएगी। अंतर्देशीय जलमार्गों में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के प्रयास में, नदी क्रूज टर्मिनलों की संख्या 185 तक बढ़ाई जाएगी, जो 15 टर्मिनलों की वर्तमान ताकत से 1233 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। बढ़ी हुई सर्किट की क्षमता के आधार पर, रात्रि प्रवास के साथ क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक 5,000 से बढ़ाकर 1.20 लाख किया जाएगा। इसी प्रकार, राष्ट्रीय जलमार्गों पर रात्रि प्रवास के बिना स्थानीय क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक 2 लाख से बढ़ाकर 15 लाख किया जाएगा।

इस बैठक में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर भी उपस्थित थे। आईडब्ल्यूडीसी में राज्य सरकारों के मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों ने भी भाग लिया। आईडब्ल्यूडीसी का आयोजन भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के तहत भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए नोडल एजेंसी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने किया था। यह एक दिवसीय बैठक कोलकाता डॉक कॉम्प्लेक्स में जहाज एमवी गंगा क्वीन पर आयोजित की गई थी।

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श्री सोनोवाल ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग प्रगति की धमनियां हैं, और अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) उनकी क्षमता का दोहन करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम मोदी के नेतृत्व में और सहयोगात्मक प्रयासों तथा रणनीतिक पहलों के साथ हमारा लक्ष्य अवसरों को भुनाना, अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र में सतत विकास और वृद्धि को बढ़ावा देना है। ‘हरित नौका – अंतर्देशीय जहाजों के हरित पारगमन के लिए दिशानिर्देश’ के जारी होने के साथ केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय हमारे अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है। रोडमैप ने विभिन्न प्रकार के क्रूज के लिए 30 से अधिक अतिरिक्त संभावित मार्गों की पहचान की थी, जिसमें सभी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लंबे और छोटे, मनोरंजक और विरासत खंड शामिल थे। ऐसे अतिरिक्त नदी पर्यटन को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए मार्ग विकास, विपणन रणनीति, बुनियादी ढांचे के विकास और नेविगेशन सहित एक कार्य योजना और रोडमैप भी तैयार है।

कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, जो 2014 में घाटे में था, की स्थिति अब बदल गई है और इस वर्ष यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 550 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध अधिशेष प्राप्त करेगा।

सरकार ने अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) की भूमिका को बढ़ाने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली (एनडब्ल्यू-1) के विकास के लिए प्रमुख जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) सहित विभिन्न उपाय शुरू किए। यह परियोजना सामुदायिक घाटों के माध्यम से छोटे गांवों को शामिल करने के साथ-साथ कार्गो, रो-रो और यात्री नौका आवाजाही पर केंद्रित थी। इसके अलावा, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसका लक्ष्य मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 में उल्लिखित आईडब्ल्यूटी की मॉडल हिस्सेदारी को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना है। इस लक्ष्य में समुद्री अमृतकाल विजन 2047 के अनुरूप, कार्गो की मात्रा मौजूदा आईडब्ल्यूटी को 120 एमटीपीए से 500 एमटीपीए से अधिक ऊपर उठाना भी शामिल है।

जलमार्ग बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति में वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनलों की स्थापना शामिल है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई है। कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल निर्बाध परिवहन की सुविधा और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त प्रगति कर रहा है। फरक्का में एक नए नेविगेशनल लॉक के पूरा होने से जलमार्ग नौवहन क्षमता में वृद्धि होती है। 60 से अधिक सामुदायिक घाटों का चल रहा निर्माण स्थानीय कनेक्टिविटी और पहुंच के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। ये उपलब्धियां सामूहिक रूप से जलमार्ग बुनियादी ढांचे में दक्षता, कनेक्टिविटी और स्थानीय विकास को बढ़ावा देती हैं।

अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) ने जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, हाइड्रोजन और व्युत्पन्न (जैसे अमोनिया या मेथनॉल) प्रणोदन ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। प्रारंभिक चरण में, आठ इलेक्ट्रिक कैटमरैन जहाजों की तैनाती के साथ एक रणनीतिक कदम उठाया गया था। इन जहाजों को रणनीतिक रूप से तीर्थ पर्यटन के लिए रखा गया था, जिनमें से दो राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में और दो राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर गुवाहाटी में तैनात थे। आईडब्ल्यूटी देश में लॉजिस्टिक्स और यात्री आवाजाही परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 111 अधिसूचित राष्ट्रीय जलमार्गों के साथ, 24 राज्यों में 22,000 किमी से अधिक तक फैला हुआ आईडब्ल्यूटी परिवहन के एक प्रभावी वैकल्पिक साधन के रूप में उभरा है।

समुद्री अमृतकाल विजन 2047 भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा, अंतर्देशीय जलमार्गों के महत्वपूर्ण नेटवर्क और तटीय जिलों में निहित वास्तविक विकास क्षमता का प्रत्यक्ष क्षेत्रीय तालमेल और समावेशी विकास तथा रोजगार पर क्रॉस-सेक्टोरल गुणक प्रभाव के साथ प्रतिनिधित्व करता है। समुद्री अमृतकाल विजन 2047 के तहत आईडब्ल्यूटी को विकसित करने के लिए 46 पहलों की पहचान की गई है, जिनमें से तटीय शिपिंग और अंतर्देशीय जल परिवहन के मॉडल शेयर को बढ़ाने के लिए प्रमुख पहलों में बंदरगाह-आधारित समूह केंद्रों का निर्माण, तट-आधारित उत्पादन/मांग केंद्र, सड़क/रेल/आईडब्ल्यूटी कनेक्टिविटी/विस्तार परियोजनाओं के पास तटीय बर्थ का निर्माण शामिल है। ।

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श्रीराम मंदिर ’राष्ट्र मन्दिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा: मुख्यमंत्री

CM Yogi Adityanath scheduled to visit Ayodhya today to review preparations ahead of PM Modi's visit

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि आज हर कोई अयोध्या आना चाहता है। पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है।  पूरा देश राममय है। यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्राण्डिंग सुअवसर भी है। प्रदेश सरकार प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों तथा उसके पश्चात पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के आगमन के सुखद, संतोषप्रद अनुभव के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जनसहयोग से अयोध्या नगरी सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता का मानक होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों तथा अयोध्या में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को अयोध्या नगरी को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवधपुरी में भव्य-दिव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण में श्रीरामलला के विराजमान होने की बहुप्रतीक्षित साधना पूर्ण होने में कुछ ही दिवस शेष हैं। श्रीराम मंदिर ’राष्ट्र मन्दिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम सभी सनातन आस्थावानों के लिए हर्ष-उल्लास, गौरव तथा आत्मसंतोष का अवसर प्रदान करेगा। 22 जनवरी, 2024 को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में श्री रामज्योति प्रज्ज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा। यह अभूतपूर्व तथा भावुक करने वाला क्षण है। हमारा सौभाग्य है कि हम उस प्रदेश में निवासरत हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया। पूरी दुनिया आज अयोध्या की ओर उत्सुकता भरी दृष्टि से देख रही है। यह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्राण्डिंग के लिए भी सुअवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक अवधपुरी आएंगे। उत्तर प्रदेश आगमन पर उन्हें अलौकिक अनुभूति प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट आतिथ्य की सभी व्यवस्थाएं की जाएं। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश से गणमान्यजन का आगमन हो रहा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की जाए। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबन्धन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सभी आवश्यक प्रबन्ध किए जाएं। आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सभी को इस पर काम करना होगा। जनसहयोग लें। अतिरिक्त मैनपॉवर तैनात करें। मुख्य मार्ग में धूल न उड़े, इसके लिए स्वच्छता के पर्याप्त प्रबन्ध किए जाएं। जगह-जगह कूड़ेदानों की व्यवस्था की जाए। वेस्ट मैनेजमेंट की भी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अवधपुरी में संचालित किए जाने वाले भोजनालय/भंडारा को ’माता शबरी’ के नाम पर स्थापित किया जाए। इसी प्रकार रैन बसेरे को ’निषादराज गुह्य अतिथि गृह’ के रूप में विकसित किया जाए। अन्य भवनों के नामकरण भी इसी प्रकार रामायणकालीन चरित्रों के नाम पर किए जाएं। 22 जनवरी, 2024 के उपरांत अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा। उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में संविधान की 08वीं अनुसूची में सम्मिलित तथा संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में साईनेज लगाए जाएं। प्रयागराज-अयोध्या, गोरखपुर-अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर स्मार्ट साइनेज लगाये जाएं। विभिन्न भाषाओं में सूचना प्रसारित की जाए। इन मार्गों पर स्वǔछता का खास प्रबन्ध रखा जाए। अतिक्रमण को दूर किया जाए। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को मार्ग से दूर रखा जाए। साथ ही, क्रेन व एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित जनपदों को निर्देशित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं/पर्यटकों को अयोध्या आगमन के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी तथा लखनऊ जनपदों को वॉल्वो बसों और हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की तैयारी की जाए। अयोध्या में तीन हेलीपैड तैयार हैं, इनका समुचित उपयोग किया जाए। अयोध्या की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह तथा उसके बाद अयोध्या में सतत् रूप से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। सेफ सिटी की परियोजना को बिना देरी तत्काल लागू किया जाए तथा पर्याप्त संख्या में सी0सी0 टी0वी0 कैमरे लगवाए जाएं। 22 जनवरी, 2024 से पूर्व अयोध्या की आई0सी0सी0सी0 एक्टिव किया जाए। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए हॉस्पिटैलिटी की उत्कृष्ट सुविधा का प्रबन्ध किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में कहीं भी अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। नया घाट से टेढ़ी बाजार मार्ग पर दोनों ओर रेलिंग लगाई जाएं। रेलिंग की साज-सज्जा भी की जानी चाहिए। सार्वजनिक प्रसाधन स्थलों की नियमित साफ-सफाई की जाए। फ्यूल पम्पों पर प्रसाधन कक्षों की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में सरयू जी की आरती की परम्परा प्रारम्भ कराई गई, इसे और अधिक व्यवस्थित तथा आकर्षक बनाया जाए। अर्चकों का प्रशिक्षण भी कराया जाना चाहिए। अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट एप विकसित किया जाए, इसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी वॉक थ्रू के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या आगमन के लिए निकटस्थ 06 रेलवे स्टेशन हैं। परिवहन विभाग द्वारा इन स्टेशनों से समन्वय बनाते हुए यहां उतरने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुविधाजनक ढंग से गंतव्य तक पहुँचाने के लिए अच्छी बसों की व्यवस्था स्थायी रूप से की जाए। अयोध्या में देश-विदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां तथा प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित किया जाए। सरयू जी में नावों पर ’सांस्कृतिक कला नौका यात्रा’ का आयोजन किया जाए। मकर संक्रान्ति पर्व से प्रदेश के सभी आध्यात्मिक स्थलों व मंदिरों में भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन कराए जाएं। मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन, दीप दान के साथ-साथ रामकथा प्रवचन, अनवरत रामायण, रामचरित मानस, सुन्दरकाण्ड पाठ आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। नगर निकायों में नगर संकीर्तनों का आयोजन किया जाये, जिसमें स्थानीय भजन/कीर्तन मण्डलियों को सम्मिलित करते हुए, नगरों में राम मंदिर रथ एवं कलश यात्राओं का आयोजन किया जाए। अयोध्या के मंदिरों में 14 से 24 मार्च, 2024 तक भजन कीर्तन, अनवरत रामायण, रामचरितमानस, सुन्दरकाण्ड पाठ आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रामायण श्रीराम जी के जीवन पर आधारित एक अद्भुत अमर कहानी है, जो हमें भक्ति, कर्तव्य, सम्बन्ध, धर्म तथा कर्म का सही अर्थ सिखाती है। देश-विदेश में कई कथा वाचकों द्वारा रामकथा के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से जनमानस के मध्य श्रीराम के आदर्शों को स्थापित किया जा रहा है। ऐसे कथा वाचकों द्वारा राम नगरी अयोध्या जी में प्रवचन एवं रामकथा की सरिता प्रवाहित की जाए। भगवान श्रीराम के परम्परागत रूपों पर आधारित देश के विभिन्न प्रान्तों/विभिन्न देशों में होने वाली रामलीलाओं की प्रस्तुति कराई जाए। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख एवं चंडीगढ़ आदि राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में इसकी समृद्ध संस्कृति है। नेपाल, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि की रामलीला मण्डलियों को भी आमंत्रित किया जाए। अयोध्या जी में भजन संध्या मंच पर देश के प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा प्रभु श्रीराम जी पर आधारित भजनों का गायन हो। स्थानीय भजन गायकों को भी स्थान दिया जाए।

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प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास किया। विकास परियोजनाओं में तमिलनाडु में रेल, सड़क, तेल और गैस तथा पोत परिवहन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए सभी के लिए एक सार्थक और समृद्ध नए वर्ष की शुभकामनाएं व्यक्त की और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 2024 में उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम तमिलनाडु में हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं तमिलनाडु की प्रगति को सुदृढ़ बनाएंगी। उन्होंने सड़क, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, ऊर्जा और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के क्षेत्रों में फैली परियोजनाओं के लिए राज्य के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इनमें से अनेक परियोजनाएं आवाजाही को प्रोत्साहित करेंगी और राज्य में रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा करेंगी।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के लिए गुजरे पिछले तीन कठिन सप्ताहों की चर्चा की जब भारी वर्षा से अनेक लोगों की जान गई और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ था। प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त की और यह भी कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा- “हम राज्य सरकार को हर संभव सहायता दे रहे हैं।”

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हाल में दिवंगत हुए थिरु विजयकांत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- “वह न केवल सिनेमा के क्षेत्र में बल्कि राजनीति में भी एक ‘कैप्टन’ थे। उन्होंने अपने काम और फिल्मों के माध्यम से लोगों का दिल जीता और राष्ट्रीय हित को सभी बातों से ऊपर रखा।” उन्होंने देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ एम एस स्वामीनाथन के योगदान को भी याद किया और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अगले 25 वर्षों के लिए आजादी का अमृत काल भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विकसित भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं का उल्लेख किया और रेखांकित किया कि तमिलनाडु भारत की समृद्धि और संस्कृति का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने संत तिरुवल्लुवर और सुब्रमण्य भारती सहित अन्य विशिष्ट साहित्य रचनाकारों की चर्चा करते हुए कहा-“तमिलनाडु प्राचीन तमिल भाषा का निवास है और यह सांस्कृतिक विरासत का खजाना है।”  उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सी वी रमन और अन्य वैज्ञानिकों के वैज्ञानिक और तकनीकी मस्तिष्क का निवास है, जो राज्य के उनके हर दौरे में नई ऊर्जा भरता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तिरुचिरापल्ली की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि यहां हमें पल्लव, चोल, पांड्य और नायक जैसे राजवंशों के सुशासन मॉडल के अवशेष मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी विदेश यात्रा के दौरान किसी भी अवसर पर तमिल संस्कृति का उल्लेख करते हैं। उन्होंने कहा- “मैं देश के विकास और विरासत में तमिल सांस्कृतिक प्रेरणा के योगदान के निरंतर विस्तार में विश्वास करता हूं।” उन्होंने नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना, काशी तमिल और काशी सौराष्ट्र संगमम को पूरे देश में तमिल संस्कृति के प्रति उत्साह बढ़ाने का प्रयास बताया।

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में सड़क मार्ग, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, गरीबों के लिए घर और अस्पताल जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा किए गए भारी निवेश की जानकारी दी और भौतिक अवसंरचना पर सरकार के बल को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत विश्व की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है, जहां यह विश्व के लिए आशा की किरण बन गया है। भारत में विश्व भर से आने वाले भारी निवेश की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका सीधा लाभ तमिलनाडु और उसके लोगों द्वारा उठाया जा रहा है क्योंकि राज्य मेक इन इंडिया के लिए एक प्रमुख ब्रांड एंबेसडर बन गया है।

प्रधानमंत्री ने सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया जिसमें राज्य का विकास राष्ट्र के विकास में परिलक्षित होता है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के 40 से अधिक मंत्रियों ने पिछले एक वर्ष में 400 से अधिक बार तमिलनाडु का दौरा किया है। “भारत तमिलनाडु की प्रगति के साथ प्रगति करेगा”, श्री मोदी ने कहा कि कनेक्टिविटी विकास का माध्यम है जो व्यवसायों को बढ़ावा देता है और लोगों के जीवन को भी सहज बनाता है। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं की चर्चा करते हुए तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का उल्लेख किया जो क्षमता को तीन गुना बढ़ा देगा और पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व और विश्व के अन्य भागों के लिए कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएगा। उन्होंने कहा कि नए टर्मिनल भवन के उद्घाटन से निवेश, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के लिए नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने एलिवेटेड रोड के माध्यम से हवाई अड्डे की राष्ट्रीय राजमार्गों से बढ़ती कनेक्टिविटी का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि त्रिची हवाई अड्डा अपनी अवसंरचना के साथ विश्व को तमिल संस्कृति और विरासत से परिचित कराएगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पांच नई रेल परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये परियोजनाएं उद्योग और बिजली उत्पादन को प्रोत्साहित करेंगी। नई सड़क परियोजनाएं श्रीरंगम, चिदंबरम, रामेश्वरम और वेल्लोर जैसे आस्था और पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ेंगी।

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में बंदरगाह आधारित विकास पर केंद्र सरकार के फोकस की चर्चा करते हुए परियोजनाओं को तटीय क्षेत्रों और मछुआरों के जीवन को बदलने वाला बताया। उन्होंने मत्स्य पालन के लिए एक अलग मंत्रालय और बजट, मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नाव को आधुनिक बनाने के लिए सहायता तथा पीएम मत्स्य संपदा योजना की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने सागरमाला योजना का जिक्र करते हुए बताया कि देश के बंदरगाहों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंदरगाहों की क्षमता और जहाजों के टर्न-अराउंड टाइम में काफी सुधार हुआ है, उन्होंने कामराजार बंदरगाह का उल्लेख किया जिसकी क्षमता दोगुनी कर दी गई है। उन्होंने कामराजार बंदरगाह के जनरल कार्गो बर्थ -2 के उद्घाटन का भी उल्लेख किया, जो तमिलनाडु के आयात और निर्यात, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मजबूत बनाएगा। उन्होंने परमाणु रिएक्टर और गैस पाइपलाइनों का भी जिक्र किया जो रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देंगे।

प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु पर रिकॉर्ड खर्च किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के दशक में राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पिछले 10 वर्ष में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपये दिए गए। तमिलनाडु को भी 2014 से पहले के 10 वर्षों की तुलना में इस अवधि में 2.5 गुना अधिक धन मिला है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए राज्य में तीन गुना से अधिक और रेल क्षेत्र में 2.5 गुना अधिक धन खर्च किया गया। राज्य में लाखों परिवारों को मुफ्त राशन, चिकित्सा उपचार और पक्के घर, शौचालय और पाइप से पानी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ‘सबका प्रयास’ की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने तमिलनाडु के युवाओं और लोगों की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा “मैं तमिलनाडु के युवाओं में एक नई आशा का उदय देख सकता हूं। यह आशा विकसित भारत की ऊर्जा बनेगी।”

इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री एल मुरूगन भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने तिरुचिरापल्ली में सार्वजनिक कार्यक्रम में तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इसे 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। दो-स्तरीय नया अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल भवन वार्षिक रूप से 44 लाख से अधिक यात्रियों और व्यस्त समय में लगभग 3500 यात्रियों को सेवा प्रदान कर सकता है। नए टर्मिनल में यात्री सुविधा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने अनेक रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें 41.4 किलोमीटर लंबे सलेम-मैग्नेसाइट जंक्शन-ओमालूर-मेट्टूर बांध खंड दोहरीकरण परियोजना, मदुरै-तूतीकोरिन तक 160 किलोमीटर के रेल लाइन खंड के दोहरीकरण की परियोजना और रेल लाइन विद्युतीकरण के लिए तीन परियोजनाएं अर्थात् तिरुचिरापल्ली-मनमदुरै-विरुधुनगर; विरुधुनगर – तेनकाशी जंक्शन; सेनगोट्टाई – तेनकाशी जंक्शन – तिरुनेलवेली- तिरुचेंदुर शामिल हैं। रेल परियोजनाएं माल और यात्रियों को ले जाने के लिए रेल क्षमता में सुधार करने में मदद करेंगी तथा तमिलनाडु में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान देंगी।

प्रधानमंत्री ने सड़क क्षेत्र की पांच परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग-81 के त्रिची-कल्लागम खंड के लिए 39 किलोमीटर चार लेन की सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग-81 के कल्लागाम-मीनसुरुट्टी खंड को 60 किमी लम्बी 4/2 लेन का बनाना, राष्ट्रीय राजमार्ग-785 के चेट्टीकुलम-नाथम खंड की 29 किमी चार लेन की सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग-536 के कराईकुडी-रामनाथपुरम खंड के पेव्ड शोल्डर के साथ 80 किमी लंबी दो लेन; राष्ट्रीय राजमार्ग-179ए के सलेम-तिरुपति-वनियामबड़ी रोड के 44 किमी लंबे खंड को चार लेन का बनाना शामिल है। सड़क परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा मिलेगी तथा त्रिची, श्रीरंगम, चिदंबरम, रामेश्वरम, धनुषकोडी, उथिराकोसामंगई, देवीपट्टिनम, एरवाड़ी, मदुरै जैसे औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण सड़क विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इनमें एनएच 332ए के मुगैयूर से मरक्कानम तक 31 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क का निर्माण शामिल है। यह सड़क तमिलनाडु के पूर्वी तट पर बंदरगाहों को जोड़ेगी, विश्व धरोहर स्थल – मामल्लापुरम से सड़क संपर्क बढ़ाएगी तथा कलपक्कम परमाणु ऊर्जा संयंत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने कामराजार बंदरगाह के जनरल कार्गो बर्थ-2 (ऑटोमोबाइल निर्यात/आयात टर्मिनल-2 और कैपिटल ड्रेजिंग फेज-5) राष्ट्र को समर्पित किया। जनरल कार्गो बर्थ -2 का उद्घाटन देश के व्यापार को मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा जो आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान 9000 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। राष्ट्र को समर्पित दो परियोजनाओं में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की एन्नोर – तिरुवल्लूर – बेंगलुरु – पुडुचेरी – नागपट्टिनम – मदुरै – तूतीकोरिन पाइपलाइन खंड की 101 (चेंगलपेट) से आईपी 105 (सयालकुडी) तक 488 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की 697 किलोमीटर लंबी विजयवाड़ा-धर्मपुरी मल्टीप्रोडक्ट (पीओएल) पेट्रोलियम पाइपलाइन (वीडीपीएल) है।

इसके अतिरिक्त जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल) द्वारा कोच्चि-कोट्टानाड-बैंगलोर-मंगलौर गैस पाइपलाइन II (केकेबीएमपीएल II) के कृष्णागिरी से कोयम्बटूर खंड तक 323 किमी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का विकास और वल्लूर, चेन्नई में प्रस्तावित ग्रास रूट टर्मिनल के लिए कॉमन कॉरिडोर में पीओएल पाइपलाइन बिछाना शामिल है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की यह परियोजनाएं क्षेत्र में ऊर्जा की औद्योगिक, घरेलू और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कदम होंगी। इनसे क्षेत्र में रोजगार सृजन भी होगा और रोजगार सृजन में योगदान मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कलपक्कम स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) में डिमोस्ट्रेशन फास्ट रिएक्टर फ्यूल रिप्रोसेशिंग प्लांट (डीएफआरपी) भी राष्ट्र को समर्पित किया। 400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित डीएफआरपी अद्वितीय डिजाइन से लैस है, जो विश्व में अपनी तरह का अकेला है और फास्ट रिएक्टरों से छोड़े गए कार्बाइड और ऑक्साइड ईंधन दोनों को फिर से संसाधित करने में सक्षम है। यह पूरी तरह से भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किया गया है तथा बड़े वाणिज्यिक पैमाने पर फास्ट रिएक्टर ईंधन रिप्रोसेशिंग संयंत्रों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने अन्य परियोजनाओं में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) तिरुचिरापल्ली के 500 बिस्तर वाले लड़कों के छात्रावास ‘एमेथिस्ट’ का उद्घाटन किया।

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में स्मार्ट क्लासेज का शुभारंभ

कानपुर 31 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में *दो स्मार्ट क्लासेज का भव्य उद्घाटन प्रमिला पाण्डे मेयर, कानपुर नगर , लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी एवं उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर रिपुदमन सिंह एवं बलराम नरुला, उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति के कर कमलों द्वारा हुआ*।एनसीसी के कैडेट्स ने अतिथि गण को सैनिक सलामी दी।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमिला पांडे मेयर, कानपुर नगर , सांसद सत्यदेव पचौरी, उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी,कानपुर मंडल, प्रोo रिपु दमन सिंह , बलराम नरुला,उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति,प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष पी.के मिश्रा, सचिव पी.के सेन, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० सुमन, व मुख्य अनुशासिका कप्तान ममता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां के माल्यार्पण से किया। अतिथियों का स्वागत तथा आभार पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं उत्तरीय प्रदान कर किया गया।
प्राचार्या प्रो० सुमन ने अतिथियों का परंपरागत स्वागत करते हुए कहा कि हर्ष का विषय है कि गत वर्ष की विदाई एवं नूतन वर्ष का शुभारंभ हम स्मार्ट क्लास के उद्घाटन से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दोनो स्मार्ट क्लास माननीय सत्यदेव पचौरी जी ने सांसद निधि से जो कुल रु 25.953 लाख रुपए में बनकर तैयार है ,के द्वारा अनुदानित है lउन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार होगा। माननीय प्रमिला पांडे जी ने सबको बधाई देते हुए कहा की स्मार्ट क्लास छात्राओं की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए एक सशक्त माध्यम होगा।माननीय सांसद श्री सत्यदेव पचौरी जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास बनाने से छात्राओं का न सिर्फ सर्वांगीण विकास होगा बल्कि उनकी अपने विषय में गहरी रुचि एवं समझ भी विकसित होगी तथा आज के आभासी दुनिया से पठन-पाठन को जोड़ने में मदद मिलेगी। माननीय श्री बलराम नरूला शिक्षा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा इंटरएक्टिव और सहभागी शिक्षण का साधन उपलब्ध हो रहा है जो छात्राओं तथा शिक्षण के लिए प्रभावकारी सिद्ध होगा। प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा छात्राओं को विजुअल तरीके से जटिल विषयों को समझाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि एक स्मार्ट क्लास आर्ट्स ब्लॉक तथा दूसरा साइंस ब्लॉक में बनाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्राओं को इसका लाभ मिल सके l डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करने से यह शिक्षिकाओं की क्षमता को भी बढ़ाएगीl छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए यह निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होगा lउन्होंने सभी शिक्षिकाओं और छात्राओं को बधाई दीl कार्यक्रम का संचालन प्रो० गार्गी यादव जी विभागाध्यक्षा, रसायन शास्त्र ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ता प्रो० निशि प्रकाश, प्रो० अलका टंडन, प्रो० मीनाक्षी व्यास, प्रो प्रीति पांडे, डॉ० रचना निगम तथा अन्य सभी प्रवक्ताएं उपस्थित रही। साथ ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की । इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी कुमारी प्रीति यादव एवं एनसीसी कैडेट्स प्रियंका कुमारी ,प्रियंका शर्मा ,ज्योति यादव, दीपाली अग्रहरि का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ l

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